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- कलेक्टर ने संपर्क फाउंडेशन के ब्रोशर और पुस्तकों का किया विमोचनरायपुर / बच्चों को बचपन में यदि कोई सीख दी जाती है। उसे इस समय जो पढ़ाया-सिखाया जाता है और वह उसे बेहतर कैरियर बनाने के काम आता है। वहीं अच्छे भविष्य की नींव रहती है। बच्चे को सरल ढंग से कुछ सिखाया जाता है वह आसानी से सीखता है, इसलिए बच्चों को शिक्षा देने के लिए सहज और रोचक तरीके का उपयोग करना चाहिए। यह बात कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने सम्पर्क फाउंडेशन के रेडक्रास सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर उन्होंने सम्पर्क फाउंडेशन के ब्रोशर और ग्रेड 1 से 3 की गणित और अंग्रेजी के पुस्तकों का विमोचन भी किया।कलेक्टर डॉ भुरे ने कहा कि संपर्क फाउडेंशन द्वारा जो किट और टूल्स स्कूलों में दिए जा रहे है। उससे बच्चों को उनके पढ़ाई अच्छा सहयोग मिलेगा। साथ ही वे पाठ्यक्रम को आसानी से समझ सकेंगे। शिक्षकों को भी इससे पढ़ाने में मदद मिलेगी और हमें बेहतर परिणाम मिलने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सामान्यतः यह भी अनुभव किया गया है कि शासकीय संस्थाओं के साथ अशासकीय संस्थांऐ मिलकर कार्य करती है तो नई तकनीक सीखने मिलती है और दक्षता भी आती हैै।नीति आयोग के पूर्व विशेष सचिव एवं सम्पर्क फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के राजेश्वर राव ने कहा कि हमारी संस्था का उद्देश्य शिक्षा का नवाचार लाना है। हमारे द्वारा स्कूलों में सम्पर्क टी.वी. ऑडियो बॉक्स, अंग्रेजी और गणित के किट प्रदान किये जा रहे है। सम्पर्क टी.वी ऐसा डिवाइस है जो बिना इंटरनेट के चल सकता है आसानी से टी.वी से कनेक्ट किया जा सकता है। इसमें कक्षावार विषयवार वीडियो विजुअल डाले गए है। यहां बच्चों पर केंद्रित पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है, जो बच्चों को आसानी से सिखने में मदद करती है। साथ ही एक ऑडियो बॉक्स भी शामिल है जिसमें पाठ्क्रम की रिकॉडिंग रहती है। जिसे सुनकर बच्चा आसानी से सीख सकता है।गौरतलब संस्था के प्रतिनिधियों ने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में इसे रायपुर जिले में संचालित किया जा रहा है। संस्था के संपर्क टीवी और गणित, अंग्रेजी के किट जिले के 80 स्कूलों प्रदाय किये गए हैं। साथ ही संस्था के प्रतिनिधि शिक्षकों के साथ समन्वय बनाकर कार्य कर रहे हैं।
- भिलाई नगर। सेक्टर 07 स्थित माताधाम मंदिर में श्रावण मास के प्रथम सोमवार को शिवभक्तों के हुजूम की उपस्थिति में 'बम-बम भोले' के जयघोष के बीच अतिथि पंडित अखिलेश पाठक ने भोलेनाथ का अभिषेक एवं महाआरती की। अभिषेक में अमरनाथ गुफा से लाए गए पवित्र जल का प्रयोग किया गया गया, जिसे हाल ही में बाबा बर्फानी के दर्शन करके लौटे जयभोले अमरनाथ यात्रा सेवा समिति के सदस्य अपने साथ लाए थे। समिति माताधाम मंदिर के अलावा श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को भिलाई के विभिन्न शिवालयों में भी महादेव की पूजा-अर्चना एवं अभिषेक करेगी।माताधाम मंदिर में शाम होते ही भोलेबाबा की पूजा करने भक्तों का तांता लग गया, जहां वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच तीन बार अभिषेक किया गया। पहले जल, दूध, दही, घी से फिर पंचामृत से और उसके बाद एक बार फिर दूध से अभिषेक किया गया। तत्पश्चात भोलेबाबा को भभूति एवं चंदन लगाकर नूतन वस्त्र धारण कराए गए और फूलों से सजाया गया। भोग के रूप में पांच प्रकार के फल चढ़ाने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र भी अर्पित किए गए।इस अवसर पर श्री हनुमंत वानरी सेवा समिति के अध्यक्ष बी सुग्रीव तथा अखिल भारतीय तेलुगु सेना के प्रदेशाध्यक्ष नीलम चन्नाकेशवुलु ने अमरनाथ यात्रा से लौटे भक्तों का केसरिया अंगोछा ओढ़ाकर सम्मान भी किया। इस अनुष्ठान में आंध्र साहित्य समिति के अध्यक्ष पीवी राव, छग अग्निकुल क्षत्रिय समाज के महासचिव बी पापाराव एवं तेलुगु सेना के जिलाध्यक्ष डी मोहनराव खास तौर पर मौजूद थे।
- दुर्ग / छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष श्री आर.एन.वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा कार्यकारणी की बैठक 10 जुलाई 2023 में निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में एवं पिछड़ा वर्ग के जनप्रतिनिधियों के आतिथ्य में रायपुर में छत्तीसगढ़ स्तरीय पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन किए जायेंगे एवं समाज के उत्कृष्ट प्रतिभाओं का सम्मान किया जायेगा। कार्यकारणी की बैठक में कार्यालयीन कार्यों की समीक्षा की गई एवं शासन को अनुशंसा भेजने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया जिसके तहत ओ. बी. सी. के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदाय की जाने वाली विसंगति को दूर करने एवं ओ. बी. सी. के छात्र छात्राओं को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति के बराबर करने कहा गया। इसके साथ ही प्रस्ताव पारित किया गया कि ओ. बी. सी. समाज के उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को प्रतिवर्ष ज्योतिबा फूले राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। इसके अतिरिक्त देश की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फूले की स्मृति में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षिका एवं समाज सेविकाओं को प्रतिवर्ष सम्मानित किये जाने का प्रस्ताव है।कार्यकारणी की बैठक में अध्यक्ष श्री थानेश्वर साहू, सदस्य श्री महेश चंद्रवंशी, आदिम जाति कल्याण विभाग के संचालक श्री गड़ेवाल, सचिव श्री बीरू कुमार साहू, अनुसंधान अधिकारी श्रीमती अनिता डेकाटे उपस्थित थी।
- रायपुर /मुख्यमंत्री दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब तक करीब 2280 कैम्प लगाएं जा चुके हैं। दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की झुग्गी बहुल बस्तियों में रहने वाली एक लाख 70 हजार 335 महिलाओं एवं बालिकाओं का उनके घर के पास ही दाई-दीदी क्लीनिक कैंप के माध्यम से इलाज किया गया है।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और महिला स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बालिकाओं की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क जांच एवं इलाज करती है।इन मोबाइल मेडिकल यूनिट के द्वारा 34 हजार 420 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा एक लाख 61 हजार 254 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई। पहले गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली तथा मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो समयाभाव या अन्य कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पा रही थी परन्तु अब दाई-दीदी क्लीनिक से उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ के माध्यम से मिल रही है और वे अपना इलाज बिना संकोच के महिला स्टॉफ के माध्यम से करा पा रही है।
- मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले की अध्यक्षता में होगी बैठकरायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले की अध्यक्षता में 14 जुलाई को राज्य स्तरीय स्वीप कोर समिति की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा आम निर्वाचन में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने मतदाता जागरूकता से संबंधित विभिन्न स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) गतिविधियों के बेहतर संचालन एवं क्रियान्वयन से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी।भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार "सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता” (SVEEP) कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाताओं में मतदान के प्रति जागरूकता लाने, निर्वाचन प्रक्रिया में सहभागिता प्राप्त करने तथा स्वीप कार्ययोजना के तहत मतदाता जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रमों के बेहतर कियान्वयन एवं पर्यवेक्षण के लिए राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीप कोर कमेटी का गठन किया गया है।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों सहित चिप्स (छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा जनसंपर्क विभाग के संचालक, पीआईबी के अतिरिक्त महानिदेशक, राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य संपर्क अधिकारी, दूरदर्शन व आकाशवाणी के निदेशक, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक, नेहरू युवा केन्द्र संगठन के मंडल निदेशक, नेशनल कैडेट कोर के महानिदेशक, भारत स्काउट गाइड के राज्य सचिव, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई और इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कुलसचिव, महिला स्वसहायता समूह तथा सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि इस राज्य स्तरीय स्वीप कोर समिति के सदस्य हैं। file photo
- -इंडिया फर्स्ट टेक कॉनक्लेव मेें राज्य के स्टार्ट-अप को चार श्रेणियों में बेस्ट स्टार्ट-अप का आवार्ड-स्टार्ट-अप रैकिंग 2021 में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के विकास के लिए छत्तीसगढ़ एस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित-नवीन औद्योगिक नीति में पहली बार इनक्यूबेटर्स की स्थापना एवं संचालन के लिए अनुदान का प्रावधानरायपुर, / छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू नवीन औद्योगिक नीति (2019-24) में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने के लिए बनाई गई नीतियों का परिणाम है की पिछले साढ़े चार वर्षों में 838 स्टार्ट-अप इकाईयां पंजीकृत हुई हैं। नवीन औद्योगिक नीति में पहली बार इनक्यूबेटर्स की स्थापना एवं संचालन के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा लागू नीतियों एवं इनके उचित क्रियान्यवन से राज्य की स्टार्ट-अप इकाईयां देश में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई है। जून 2022 में बेंगलुरू में आयोजित ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन द्वारा आयोजित इंडिया फर्स्ट टेक स्टार्ट-अप कॉनक्लेव में राज्य के स्टार्ट-अप को चार श्रेणियों में बेस्ट स्टार्ट-अप का आवार्ड मिला है।इसी तरह जुलाई 2022 में भारत सरकार द्वारा घोषित स्टेट्स स्टार्ट-अप रैकिंग 2021 में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के विकास के लिए राज्य को एस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित किया गया। राज्य में उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग भारत सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप इकाईयों की संख्या वर्तमान में 1012 हैं, जिसमें से 838 स्टार्ट-अप इकाईयां पिछले साढे़ चार वर्षाें में पंजीकृत हुई है।स्टार्ट-अप प्रोत्साहन के तहत दी गई है विभिन रियायतें, छूट एवं अनुदानस्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए इनक्यूबेटर्स की स्थापना हेतु किए गए व्यय का 40 प्रतिशत, अधिकतम 50 लाख रूपये और संचालन करने पर 3 वर्षाें के लिए अधिकतम 3 लाख प्रतिवर्ष का संचालन अनुदान इत्यादि दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए ब्याज अनुदान में अधिकतम 70 प्रतिशत, 55 लाख रूपये की सीमा तक, अधिकतम 11 वर्षों के लिए दिया जा रहा है। स्थायी पूंजी निवेश में अनुदान अधिकतम 55 प्रतिशत है, इसकी अधिकतम सीमा 24 लाख रूपए है। नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से अधिकतम 15 वर्षो तक स्थायी पूंजी निवेश का 100 प्रतिशत तक छूट दी गई है। विद्युत शुल्क से छूट वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से अधिकतम 10 वर्षों तक पूर्ण छूट का लाभ दिया गया है। भूमि के क्रय या लीज पर स्टाम्प शुल्क से पूर्ण छूट दिया गया है।किराया अनुदान में भुगतान किये गये मासिक किराये का 40 प्रतिशत, प्रतिमाह अधिकतम राशि 8000 रूपये की प्रतिपूर्ति दी जा रही है। परियोजना प्रतिवेदन अनुदान के तहत मान्य स्थायी पूंजी निवेश का एक प्रतिशत, अधिकतम राशि 2.50 लाख रूपये तक की सीमा निर्धारित की गई है। गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान के अंतर्गत 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 5 लाख रूपए तक निर्धारित है। तकनीकी पेटेंट अनुदान के तहत किये गये व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 10 लाख रूपये है।प्रौद्योगिकी क्रय अनुदान के अंतर्गत किये गये व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 10 लाख रूपये की सीमा निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय, अंतर्रार्ष्ट्रीय योजना में भाग लेने हेतु अनुदान- राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सेमीनार एवं वर्कशॉप में भाग लेने पर 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति अधिकतम एक लाख प्रतिवर्ष की सीमा तक किया जा सकता है। उद्योग विभाग, सीएसआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक पार्कों में भूमि आबंटन पर भू-प्रब्याजी में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है।
- -आदेश तत्काल प्रभाव से लागूरायपुर / राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा 1 तथा 2 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यक सेवाओं में कार्य करने से इंकार किए जाने को प्रतिषेध कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा मंत्रालय से आज जारी आदेश के अनुसार ‘लोक स्वास्थ्य’ (छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग) से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की अत्यावश्यक सेवाओं में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी तथा एम्बुलेंस सेवाओं में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा कार्य करने से इंकार किये जाने को प्रतिषेध कर दिया है।
- रायपुर / राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा आम निर्वाचन के मद्देनजर 12 जुलाई को 11.30 बजे निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण से जुड़े विभिन्न क्रियान्वयन एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे।
- -आप भी बनाकर भेजिए दो मिनट की फिल्म, पंजीयन 25 जुलाई तकरायपुर । छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब लघु फिल्मों के जरिए भी जन जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश के रचनाधर्मी लोगों को सड़क सुरक्षा पर लघु फिल्म बनाने के लिए प्रेरित करते हुए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव 2023 के अंतर्गत प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं।इन लघु फिल्मों को अलग-अलग केटेगरी में राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीयन 5 जुलाई से शुरू हो चुका है। अंतिम तिथि 26 जुलाई 2023 निर्धारित है।अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9040834734, 9479191791 संपर्क किया जा सकता है या लुघ फिल्म प्रविष्टियों के लिए विस्तृत नियम एवं शर्ते छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ पूरे देश में सड़क सहयोग में वृद्धि को बढ़ावा देना है।फिल्म इन श्रेणियों में निर्धारितफिल्म का श्रेणी निर्धारण किया गया है। फिल्म छत्तीसगढ़ी, गोंड़ी, हल्बी, धुर्वा, भतरी, दोरली, संबलपुरी, कुडुख, सादरी बैगानी, कमारी, ओरिया, सरगुजिया, दंतेवाड़ा, गोंडी, भुजिया आदि में हिंदी भाषान्तर, उच्चारण के साथ होना चाहिए। किसी भी राष्ट्रीय भारतीय भाषा में हिंदी भाषान्तर, उच्चारण, सबटाइटल के साथ होना चाहिए।फिल्म की अवधिफिल्म की अविधि 2 मिनट निर्धारित की गई है। मूल फिल्म पूर्ण HD(1920*1080) प्रारूप या उससे ऊपर की हो सकती है। गलत/अपर्याप्त अस्पष्ट, अस्पष्ट/अपूर्ण विवरण वाले प्रवेश प्रपों पर विचार नहीं किया जाएगा। एक बार चयन के लिए जमा की गई फिल्म को अंतिम माना जाएगा और जमा करने के बाद किसी भी बदलाव पर विचार नहीं किया जाएगा।पुरस्कार राशि• सर्वश्रेष्ठ फिल्म रु. 80,000• सर्वश्रेष्ठ कहानी रु. 25,000• सर्वश्रेष्ठ सिनेमॅटोग्राफी रु 25,000•सर्वश्रेष्ठ अभिनेता/अभिनेत्री रु 25,000
- टी सहदेव- महिलाओं ने 'बम-बम भोले' के जयकारों के बीच शिवनाथ नदी तक कलश यात्रा भी निकालीभिलाई नगर। तालपुरी 'बी' ब्लॉक के निर्माणाधीन शिव मंदिर में श्रावण मास के प्रथम सोमवार को संध्या काल में रुद्राभिषेक एवं महा आरती की गई। इससे पहले कॉलोनी की महिलाओं ने 'बम-बम भोले' के जयकारों के बीच शिवनाथ नदी तक कलश यात्रा भी निकाली।कलश यात्रा से पहले तालपुरी की महिलाओं ने शिवालय में शिवपुराण का पाठ कराया, जिसे भक्तों ने श्रद्धापूर्वक सुना। पंडित पंकज शर्मा एवं शुभम शर्मा ने सबसे पहले नदी से लाए जल का शुद्धीकरण कर वैदिक मंत्रों के बीच शिवलिंग का अभिषेक किया। जलाभिषेक के बाद पंचामृत से रुद्राभिषेक किया गया। तत्पश्चात बड़ी संख्या में तालपुरीवासियों की उपस्थिति में महाआरती की गई। इस दौरान पूरे समय ढोल-नगाड़े बजते रहे। इस अवसर पर भोग वितरण भी किया गया।सौंदर्यीकरण की घोषणा पर अब तक अमल नहींपिछले साल सावन मास के अंतिम सोमवार को वार्ड अध्यक्ष अमनदीप सोढ़ी, एसोसिएशन के अध्यक्ष यमलेश देवांगन तथा आर के दत्ता ने संयुक्त रूप से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें मंदिर परिसर में पेवर ब्लॉक लगाने, डोमशेड का निर्माण कराने तथा सौंदर्यीकरण का अनुरोध किया गया था। जिस पर ताम्रध्वज साहू ने पेवर ब्लॉक लगाने तथा सौंदर्यीकरण की घोषणा की थी, लेकिन डोमशेड के स्थान पर नॉर्मलशेड बनवाने का आश्वासन दिया था। उनकी घोषणा के एक वर्ष बाद भी अब तक अमल नहीं हुआ।
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-मुख्य सचिव ने अधिकारियों की ली बैठक
रायपुर /छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आगामी 18-19 सितम्बर 2023 को जी-20 देशों के कार्यसमूह की बैठक का आयोजित होगी। बैठकों की तमाम व्यवस्थाओं की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के समन्वय हेतु मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान जरूरी व्यवस्थाओं के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने संस्कृति, नगरीय प्रशासन, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से उनके द्वारा की जा रही कार्यवाही की जानकारी ली।मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नवा रायपुर में एयरपोर्ट से मेयफेयर रिसार्ट एवं नवा रायपुर के अन्य मार्गों की वर्तमान स्थिति एवं आयोजन हेतु निर्मित होने वाली व्यवस्थाओं को लेकर थ्री-3डी वॉक-थू्र के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने नवा रायपुर के विभिन्न मार्गों पर छत्तीसगढ़ प्रदेश की विशिष्टता को प्रदर्शित करने वाले स्थल, पुरातात्विक नगरी सिरपुर, चित्रकोट जलप्रपात, वन एवं खनिज संपदा और औद्योगिक विकास सहित छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संस्कृति सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी संबंधी होर्डिंग्स इत्यादि लगाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को एयरपोर्ट से मेफेयर रिसार्ट सड़क मार्ग, पुराना जी.ई. रोड, व्हीआईपी एवं अन्य मार्गों का सौन्दर्यीकरण और साज-सज्जा के एवं अन्य आवश्यक कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए है। संस्कृति विभाग के अधिकारियों को जी-20 की बैठकों में आने वाले विदेशी डेलीगेट्स के लिए छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य, संगीत और संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन करने के लिए अभी से आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए है। उन्होंने आयोजित किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रिहर्सल करने के निर्देश दिए है। अंतिम रिहर्सल मुख्य मंच स्थल पर करते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है कि अंतिम रिहर्सल सुरक्षा अधिग्रहण के पूर्व कर ली जाए। इसी तरह से जी-20 वाटिका हेतु उपयुक्त स्थलों पर विदेशी आगन्तुकों द्वारा पौधारोपण कराए जाने की तैयारी करने के निर्देश दिए। बैठक में व्यवस्थाओं की विभिन्न तैयारियों के संबंध में नगर निगम रायपुर, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण और संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण के जरिए विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संचालक श्री विवेक आचार्य, आयुक्त नगर निगम रायपुर श्री मयंक चतुर्वेदी, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री किरण कौशल सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए। - रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में ब्राह्मण समाज बालोद के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की और जनकल्याणकारी शासकीय योजनाओं द्वारा राज्य में चहुमुंखी विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया । इस अवसर पर ब्राह्मण समाज बालोद के अध्यक्ष श्री अटल दुबे, श्री संतोष दुबे, श्री कृष्णा दुबे, श्री विनोद शर्मा, श्री प्रमोद दुबे, श्री अरुण उपाध्याय, श्री धीरज उपाध्याय सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
- -रायपुर नगर निगम अंतर्गत पौधा के लिए 7587017614 पर व्हाट्सएप से कर सकते हैं सम्पर्करायपुर, / छत्तीसगढ़ में स्वच्छ वातावरण तथा वृक्षारोपण के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा ‘पौधा तुहर द्वार‘ की योजना के तहत राज्यभर में पौध वितरण का कार्य जारी है। इस तारतम्य में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने आज शाम राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में विविध प्रजातियों के पौधों से भरे दो हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वन विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए ‘‘पौधा तुहर द्वार‘‘ योजना के तहत रायपुर नगर निगम अंतर्गत घर तक निःशुल्क पौधा पहुंचाकर दिया जाएगा। इस दौरान विभाग द्वारा गेड़ी का भी वितरण किया गया।गौरतलब है कि यह योजना लगभग डेढ़ माह तक चलेगी, जिसमें आंवला, करंज, नीम, गुलमोहर, जामुन, मुनगा, कचनार, अमरूद, सीताफल, पेल्टाफार्म, नींबू, बादाम आदि प्रजाति के पौधों को आम जनों को मांग अनुसार उपलब्ध पौधों को घर दुकान आफिस फैक्ट्री आदि में उपयुक्त स्थल पर पहुंचाकर वृक्षारोपण करने हेतु निःशुल्क पौधा प्रदाय किया जायेगा। इस योजना का लाभ लेने हेतु आम जनों को वन विभाग के कार्यालय तक आने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी क्योंकि वन विभाग से पौधे प्राप्त करने हेतु आम जन वन विभाग द्वारा ‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना हेतु सचालित व्हाटसएप नम्बर 7587017614 पर सम्पर्क कर सकते है। संपर्क करने पर विभाग द्वारा 2-3 दिवस के भीतर संबंधित को पौधा प्रदाय कर दिया जायेगा। इस योजना के तहत एक व्यक्ति एक बार में ज्यादा से ज्यादा 5 पौधें मांग कर सकते है।विगत वर्ष में ‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना के तहत 92 स्थलों में 2164 हितग्राहियों को 10207 पौधे जाम आंवला, नींबू, सीताफल, कटहल, बेल, जामुन, नीम, कचनार, गुलमोहर एवं मुनगा आदि पौधों का वितरण किया गया था एवं मनरेगा योजना अंतर्गत शासकीय/अर्ध शासकीय, नगर निगम, शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य हितग्राहियों को 571974 पौधों का भी निःशुल्क वितरण किया गया था। मनरेगा योजना अंतर्गत इस वर्ष 29 भी शासकीय/अर्थ शासकीय, शिक्षण संस्था अन्य हितग्राहियों को कुल 135965 पौधों मांग अनुसार निःशुल्क वितरण किया गया है। इस योज तहत वन विभाग द्वारा रायपुर नगर निगम क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु आम जनों को पौधा उपलब्ध कराकर वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित करना है।इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव, मुख्य वन संरक्षक श्री दिलराज प्रभाकर, वन मण्डलाधिकारी रायपुर श्री विश्वेश कुमार आदि उपस्थित थे।
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रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में विधायक श्री आशीष छाबड़ा के नेतृत्व में बेमेतरा जिले से सिंघरौर कुर्मी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की और शासन द्वारा चलाई जा रही जनहितैषी योजनाओं के लिए उनके प्रति आभार जताया। इस अवसर पर सिंघरौर कुर्मी समाज बेमेतरा से अध्यक्ष श्री कौशल वर्मा, श्री मंत्री वर्मा, श्री नेमीचंद वर्मा, श्री लोकेश वर्मा, श्री घासी वर्मा, श्री राजा वर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
- -एकल श्रेणी में शामिल किए गए दोनों खेल-एकल एवं दलीय श्रेणी को मिलाकर अब 16 खेलों में होगी स्पर्धारायपुर, / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर पिछले वर्ष शुरू की गई छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को काफी लोकप्रियता मिली। इसको देखते हुए इस बार हरेली तिहार के दिन शुरू होने वाली छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 को और भी रोमांचक बनाने के लिए एकल श्रेणी में दो नए खेल रस्सीकूद एवं कुश्ती को भी शामिल किया गया है। इस बार 16 तरह की खेलों में स्पर्धाएं आयोजित होंगी। जिसमें दलीय एवं एकल श्रेणी में छत्तीसगढ़िया लोक-संस्कृति में रचे-बसे 8-8 तरह के खेलों को शामिल किया गया है। लगभग 2 महीने 10 दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता का समापन 27 सितंबर को होगा। पारंपरिक खेलों के इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा इन खेलों के लिए नियमावली बनाई गई है। इस बार के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में शामिल रस्सीकूद एवं कुश्ती प्रतियोगिता के लिए बनाए गए नियमों के बारे में जानते हैं।रस्सी कूद- इस खेल मे खिलाड़ी के दोनांे पैर जुड़े रहेंगें। दोनों पैर का जम्प एक साथ होगा। खिलाड़ी को निर्धारित बॉक्स में ही जम्प करना होगा। रस्सी के दोनों छोर को हाथों की सहायता से कमर की उंचाई पर पकड़ना होगा। कलाई व कोहनी की सहायता से रस्सी कूदना होगा। कंधे का उपयोग अनुचित होगा। खिलाड़ी अपने स्थान पर जम्प करते हुए रस्सी को शरीर के सामने की ओर से पीछे से घुमाते हुए सिर के ऊपर से पैर तक आने पर एक जम्प गिना जाएगा। खिलाड़ी के शरीर का कोई भी हिस्सा या रस्सी का भाग यदि मार्किंग टेप को छूता है तो, खिलाड़ी खेल से बाहर माना जाएगा। प्रथम व द्वितीय स्थान पर टाई की स्थिति में संयुक्त विजेता घोषित किए जाएंगे तथा तृतीय स्थान पर टाई की स्थिति में अतिरिक्त एक मिनट का समय जम्प करने के लिए दिया जाएगा। उस समय में ज्यादा जम्प करने वाला खिलाड़ी तृतीय स्थान पर विजेता घोषित किया जाएगा। इस खेल की समय-सीमा 15 मिनट तक रखी गई है। मैदान का आकार 6 बाई 6 फीट होगा। निर्णायकों की संख्या 03 होगी।कुश्ती- इस खेल में महिला एवं पुरूष वर्ग में अलग-अलग 5 वेट केटेगरी निर्धारित की गई है। जिसमें महिला वर्ग में 40 किलोग्राम तक, 41 से 50 किलोग्राम तक, 51 से 60 किलोग्राम तक, 61 से 70 किलोग्राम तक एवं 70 किलोग्राम से ऊपर तक की वेट केटेगरी रखी गई है। इसी तरह पुरूष वर्ग में 50 किलोग्राम तक, 51 से 60 किलोग्राम तक, 61 से 70 किलोग्राम तक, 71 से 80 किलोग्राम तक एवं 80 किलोग्राम से ऊपर तक की वेट केटेगरी निर्धारित की गई है। कुश्ती प्रतियोगिता के लिए बनाए गए नियानुसार मैच 03 मिनट के दो अंतराल में होगा एवं अंतराल में 30 सेकंड का विराम मिलेगा। इसमें विभिन्न प्रकार के नियम, फाउल भारतीय कुश्ती संघ के अनुरूप होंगे। इसमें निर्णायकों की संख्या 06 होगी। निर्णायकों द्वारा नियमानुसार घोषित खिलाड़ी विजेता माना जाएगा।
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दुर्ग /छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग को दुर्ग जिले से प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई 13 व 14 जुलाई को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जिला पंचायत दुर्ग के सभाकक्ष में की जाएगी। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक प्रकरणों की सुनवाई करेंगी। राज्य महिला आयोग सचिव से मिली जानकारी के अनुसार 13 जुलाई को 39 प्रकरण एवं 14 जुलाई को 34 प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी।
- - स्कूल छत जीर्णोद्धार का कार्य शीघ्र पूर्ण कराने दिया आवेदन- जनदर्शन में प्राप्त हुए 150 आवेदनदुर्ग /कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जिले के विभिन्न स्थानों से कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम में पहंुचें लोगों से मुलाकात कर उनकी मांगों एवं समस्याओं के संबंध में जानकारी लेते हुए प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक पहल करने कहा है। आज जनदर्शन कार्यक्रम में 150 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें अवैध कब्जा, बटवारा, आर्थिक सहायता, सीमांकन, स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश, प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन कार्ड से संबंधित आवेदन शामिल है।कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन लेकर पहुंची पुरैना निवासी ने शिकायत करते हुए बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला पुरैना स्कूल के छत में जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में बाधा पहंुच रही है। साथ ही बारिश का पानी स्कूल के मैदान में भरे होने के कारण बच्चों को स्कूल आने-जाने में असुविधाओं को सामना करना पड़ रहा है। इस पर कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए।शिवपुरी निवासी ने शासकीय बोर को हटाने आवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि वह अपने निजी भूमि में आवास निर्माण कराना चाह रहे हैं, लेकिन निजी भूमि में शासकीय बोर होने के कारण उन्हंे आवास निर्माण करने में परेशानी हो रही है। इस पर कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं नगर पालिका अधिकारी जामुल को जांच कर नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा।पाटन विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम देवादा निवासी ने देवादा रोड में दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर बनवाने आवेदन सौंपा। उन्होंने बताया कि रोड के किनारे आंगनबाड़ी केन्द्र एवं शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला होने के कारण छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई के लिए आना जाना लगा रहता है। चंूकि किसी प्रकार की गति अवरोधक नहीं होने के कारण रोड पार करने में स्कूली बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गति अवरोधक नही होने की वजह से दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है। इस पर कलेक्टर ने संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।ग्राम गाडाडीह निवासी ने विकलांगता पेंशन के लिए आवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि वह शारीरिक रूप से विकलांग हैं। उनकी आर्थिक एवं शारीरिक स्थिति ठीक नही होने के कारण अपना ईलाज व जीवन निर्वहन करने में असमर्थ है और न ही आय का कोई साधन है, जिससे अपना भरण पोषण कर सकंू। इस पर संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।ग्राम बोड़ेगांव निवासी ने विधवा पेंशन दिलाने आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पति की मृत्यु उपरांत घर चलाने में उसे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुभाष नगर प्रबुद्ध कल्याण समिति ने सामाजिक कार्यालय भवन हेतु शासकीय भूमि आबंटन, कोहका भिलाई वार्ड नम्बर 13 के समस्त नागरिकों ने वार्ड में रोड एवं नाली निर्माण कराने इत्यादि से संबंधित आवेदन प्राप्त हुआ। इस पर कलेक्टर ने संबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल घुघवा के बच्चों ने एक अनोखा मॉडल बनाया है। इस मॉडल के जरिए पेट्रोल पंपों में पेट्रोल की होने वाली चोरी को रोका जा सकता है। इसके लिए उन्हें ओ.पी. जिंदल युनिर्वसिटी में आयोजित कार्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त किया था और उन्होंने इस बार आईआईटी गुवाहटी में आयोजित इनोवेशन डिजाईन एंड इंट्राप्रेन्योरशिप बूटकैम्प कार्यक्रम में बच्चों के मॉडल्स की सभी ने सराहना की और बच्चों के मॉडल्स को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसके लिए कलेक्टर ने बच्चों और शाला प्रबंधन को बधाई दी और उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से ऐसे कार्यक्रमों के लिए हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए निरंतर ऐसे इनोवेटिव आईडियास पर कार्य करने कहा।
- -ऑपरेशन डाॅ. कृष्णकांत साहू एवं टीम द्वारा किया गया-हृदय का दायां निलय 10 % से भी कम काम कर रहा था एवं बायाँ निलय (left ventricle) बहुत ही छोटा था, इस कारण इस मरीज को हृदय प्रत्यारोपण की सलाह दी गयी थी-2 लाख जन्मजात रोगों में एक को यह बीमारी होती है-13 %ऐसे मरीज जन्म के तुरंत बाद मर जाते है। 18% बच्चे 10 साल की उम्र तक मर जाते है एवं 25 से 28 साल की उम्र से ज्यादा कोई जिन्दा नहीं रह पाता।-मरीज की धड़कन को वापस लाने के लिए सीनक्रोनाइज्ड (synchronized) एट्रिया वेन्ट्रीकुलर पेसिंग लगाया गया (नया प्रयोग) ।इसमें ह्रदय के चारों चेंम्बर को वायर द्वारा विशेष पेसमेकर से जोड़ा गया।-इस ऑपरेशन में मरीज को स्वयं का ही ब्लड चढ़ाया गया, जिसको ऑटो ट्रांसफ्यूजन कहते हैं। आपरेशन के 15 दिन पहले ही मरीज ने ब्लड बैंक में रक्तदान किया। इस आॅपरेशन में बोवाइन टिश्यु वाल्व का प्रयोग किया गया।रायपुर । पं.ज.ने स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट,चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने नारायणपुर के 26 वर्षीय युवक के हृदय के बहुत ही जटिल एवं दुर्लभ जन्मजात हृदय रोग का सफल आपरेशन कर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। यह आपरेशन डाॅ. कृष्णकांत साहू एवं टीम द्वारा किया गया। इस तरह लगातार तीन सफल आपरेशन करके यह छ.ग. का प्रथम संस्थान बन गया, जहां पर सबसे अधिक एब्स्टीन एनामली का आपरेशन किया गया है।मरीज को बार-बार चक्कर और बेहोशी आती थीं एव बिना ऑक्सीजन के नहीं रह पाता था। अभी तक इस प्रकार के तीन ऑपरेशन हो चुके हैं जो अपने आप में रिकार्ड हैं, क्योंकि सबसे अधिकतम आपरेशन इसी संस्थान में हुए है।ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति अच्छी नही होने के कारण आईसीयू में मरीज की देखभाल के लिए लगातार 03 दिन तक आपरेशन करने वाले सर्जन को आईसीयू में मरीज के साथ में ही रूकना पड़ा।मरीज का हार्ट इतना अधिक कमजोर था कि आपरेशन के बाद जब मरीज को हार्ट लंग मशीन के सपोर्ट से हटाया गया तो ह्रदय ठीक से धड़क नही रहा था एवं ब्लड प्रेशर बहुत ही कम था इसलिए आपरेशन में लग गए 05 घंटे से अधिक।इस ऑपरेशन को चिकित्सकीय भाषा में ट्राइकस्पिड वाल्व रिप्लेस्मेंट विद 29mm बायोप्रोस्थेटिक वाल्व़ +वर्टीकल प्लाईकेशन आफ राइट वेन्ट्रीकल + आरवी ओटी आब्सट्रक्सन रिलीज + एएसडी क्लोजर ;(tricuspid Valve replacement with 29mm bioprosthetic valve+ vertical plication of Right ventricle+RVOT obstruction release+ASD closure)जाता है।जब यह मरीज डाॅ. कृष्णकांत साहू के ओपीडी में आया तो मरीज का आक्सीजन सैचुरेसन 68-70 प्रतिशत था। इको कार्डियोग्राफी एवं अन्य जांच से पता चला कि इसको एब्स्टीन नामक जन्मजात बीमारी है एवं इस बीमारी में 25 से 28 साल की उम्र तक सभी मरीज किसी न किसी कारण से मर जाते हैं। या तो हार्ट फेल्योर से या फिर अनियमित धड़कन से। यह मरीज भी अपने जीवन के अंतिम चरण में था। ह्रदय के राइट वेन्ट्रीकल मात्र 10 प्रतिशत काम कर रहा था एवं लेफ्ट वेन्ट्रीकल बहुत ही छोटा था। ऐसे मरीज आपरेशन के बाद भी नही बच पाते। इसलिए इनके परिजनों को हृदय प्रत्यारोपण की सलाह दी गई थी, परंतु अत्यंत गरीब परिवार से होने के कारण कही भी बाहर जाने में असमर्थता दिखाई। आॅपरेशन में जान जाने का 90 से 95 प्रतिशत से अधिक खतरा बताने के बावजूद आॅपरेशन के लिए तैयार हो गये। वे इस संस्थान और यहां के डाक्टरों पर अत्यधिक विश्वास कर रहे थे।ऑपरेशन और ऑपरेशन के बाद का समय बहुत ही क्रिटिकल था। मरीज हार्ट लंग मशीन के सर्पोट से बाहर ही नही आ पा रहा था एवं आईसीयू में मरीज का तीन बार ;(CPR )सीपीआर हो चुका था। आज यह मरीज स्वस्थ है। और अपने घर जाने के लिए तैयार है। यह आॅपरेशन खूबचन्द बघेल योजना के अंतर्गत पूर्णतः निःशुल्क हुआ है।क्या है एब्सटीन एनामली बीमारीयह एवं जन्मजात हृदय रोग है। जब बच्चा मां के गर्भ में होता है, उस समय प्रथम 06 हफ्ते में बच्चे के ह्रदय का विकास होता है। इस हृदय के विकास में बाधा आने पर हृदय असामान्य हो जाता है। इस बीमारी में मरीज के हृदय का ट्राइक्स्पिड वाल्व नही बन पता एवं दायां निलय ठीक से विकसित नही हो पाता एवं हृदय के ऊपर वाले चैम्बर में छेद (ASD) होता है। जिसके कारण मरीज के फेफडे में (शुद्ध) ऑक्सीजेनेशन होने के लिए पर्याप्त मात्रा में खूननहीं जा पाता। जिससे शरीर नीला पड़ जाता है। इस बीमारी को क्रिटिकल कॉम्पलेक्स जन्मजात हृदय(criticle complex congenital heart disease)रोग कहा जाता है। प्रेग्नेंसी के समय लिथियम एवं बेन्जो डाइजेपिन दवाई भी इस बीमारी के कारण है।विशेष तकनीक से इस मरीज का आपरेशन किया गया जिससे मरीज को परमानेंट पेसमेकर नही लगाना पड़ा अन्यथा इस आपरेशन में 50 प्रतिशत मरीजों को परमानेंट पेसमेकर की जरूरत पड़ जाती है। क्योकि जिस स्थान पर आॅपरेशन किया जाता है, उस स्थान से ह्रदय गति को नियंत्रित करने वाले सर्किट के डेमेज होने का बहुत अधिक खतरा होता है। यदि यह सर्किट खराब हो गई तो मरीज की धड़कन बहुत की कम हो जाती जिसको केवल पेसमेकर द्वारा ही ठीक किया जा सकता है।आॅपरेशन के बाद मरीज दो दिनो तक वेन्टीलेटर में था। आपरेशन करने वाले सर्जन डाॅ. कृष्णकांत साहू बताते है, कि ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बहुत ही नाजुक थी। इस कारण उनको आईसीयू में मरीज के पास ही लगातार 03 दिनों तक रूकना पड़ा। खाना भी अस्पताल में ही खाते थे।ऑपरेशन में शामिल टीमहार्ट सर्जन - डाॅ. कृष्णकांत साहू , डाॅ. निशांत सिंह चंदेल, डाॅ. संजय त्रिपाठी, डाॅ. सत्वाक्षी मंडल (पीजी)कार्डियक एनेस्थेटिस्ट - डाॅ. तान्या छौडा, डॉ नन्दीनीनर्सिंग स्टाॅफ - राजेन्द्र साहू, नरेन्द्र सिंह , प्रिंयका, तेजेद्र, किरण,कुमुम, शीवापरफ्यूजनिस्ट - विकास, डिगेश्वर ,एनेस्थेसिया टेक्नीशियन - भूपेन्द्र चंद्रा, हरीशचन्द्र साहू।
- -वार्डों में घूमकर मरीजों से मिले, रात्रिकालीन ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों और स्टॉफ की ली जानकारीरायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने रविवार को रात आठ बजे कवर्धा जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डो का भ्रमण कर मरीजों से इलाज के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने रात्रिकालीन ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ की जानकारी ली। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने उन्हें जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया। श्री परदेशी ने साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए अस्पताल द्वारा प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं में निरंतर सुधार के निर्देश दिए।स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री परदेशी ने चिकित्सालय में आपातकालीन वार्ड, एसएनसीयू और सर्जिकल वार्ड का निरीक्षण कर वहां इलाजरत मरीजों से चर्चा की। उन्होंने मेडिकल वार्ड में उपचाररत मरीजों तथा उनके परिजनों से चर्चा कर चिकित्सालय की सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने वहां मरीजों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की भी जानकारी ली। श्री परदेशी ने एनआरसी और पीडियाट्रिक वार्ड का अवलोकन कर वहां मौजूद शिशु रोग विशेषज्ञ से अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछा। कबीरधाम जिला पंचायत के सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, सीएमएचओ-सह-सिविल सर्जन डॉ. सूर्यवंशी और जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती सृष्टि शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।
- रायपुर / जब मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार ने गौठान आरंभ किये तो लोगों को लगा था कि खुले मवेशियों की समस्या से निजात दिलाने और फसल सुरक्षा के लिए सरकार की यह बहुत अच्छी पहल है। एक-दो साल के भीतर यह पहल उनके जीवन और अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव लाएगी, ऐसा सोचना भी मुश्किल था। राजधानी रायपुर के ही पास के एक निलजा गौठान को लें, यहां भी पशुधन रखने गौठान की शुरूआत हुई लेकिन अब यह आजीविकामूलक गतिविधियों का केंद्र बन गया है। जो लोग दूसरे के खेतों में काम करने मजबूर थे अब खुद का उद्यम कर रहे हैं। निलजा में ही 70 परिवार ऐसे हैं जो गौठान से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। इन घरों के सपने परिवार के मुखिया के साथ ही गृहिणी भी पूरी कर रही हैं क्योंकि अब आर्थिक शक्ति उनके हाथों में भी आई है।निलजा गौठान ऐसा है जहां के बनाए वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि इनकी बड़ी माँग होती है इतनी की महिला समूह आपूर्ति नहीं कर पाता। इस गौठान के कारण महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मगौरव का अनुभव कर रहीं है। यहां के ग्रामीण कह रहे हैं धन्यवाद मुख्यमंत्री जी।ग्राम निलजा की कहानी उस समय शुरू होती है जब राज्य सरकार ने नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना शुरू की। इस योजना के तहत निलजा में गौठान बनाए गए। साथ ही कुछ समय में ही आजीविका मूलक गतिविधियां भी शुरू की गई। वर्ष 2020 में गोधन योजना के तहत गोबर खरीदी शुरू की गई। एक साल तीन महीने के भीतर गौठान स्वावलंबी हो गया। सारे खर्च स्वयं उठाने लगा। समूह के अध्यक्ष श्री घनश्याम वर्मा बताते है कि अब तक सात लाख 65 हजार गोबर की खरीदी हो चुकी है। गौठान द्वारा अब तक 2 हजार 185 किलो वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा चुका हैं। गौठान समिति को अब तक करीब 21 लाख रूपए की आय हो चुकी है। साथ ही 2383 लीटर गौमूत्र की खरीदी की है जिससे 1200 लीटर ब्रम्हास्त्र बनाया जा चुका है। गौठान से जुड़कर महिलाओं आज अपने पैरो पर खड़ी है और आत्मविश्वास से भरी हुई है।महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती शकुन वर्मा कहती है कि उनके समूह ने अब तक साढ़े सात लाख रूपए आय अर्जित की है। वे पहले दूसरे के खेतों में काम करती थीं अब खुद का काम कर रही है। उनके समूह में 11 सदस्य है जिन्हें प्रतिदिन औसतन प्रतिदिन करीब 150 से 200 रूपए की आय हो रही है। श्रीमती शकुन कहती हे कि उनके पति ट्रैक्टर चलाने का कार्य करते है। वह स्वयं दूसरे के खेतों में काम करने जाती थी। काम की अनिश्चितता रहती थी कभी अच्छा काम मिलता था तो कभी काम ही नहीं मिलता था। गौठान से जुड़ने के बाद अब नियमित आय का साधन मिल गया है। स्वयं का काम करने से आत्मविश्चास तो आया, साथ ही आत्मसम्मान भी जागा है। जो कमाई हुई, उससे उन्होने घर में टाईल्स लगवाया और बच्चों के लिए सायकल खरीदी, घर चलाने में भी मदद करती है। श्रीमती वर्मा मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती है और कहती है कि उनके समूह की महिलाओं ने सोचा भी नहीं था कि गौठान से जुड़कर कोई रोजगार मिल सकता है और इससे कोई आत्मनिर्भर हो सकता है। श्रीमती राधाबाई वर्मा कहती हैं कि वे तीन साल से समूह से जुड़ी है। अब खुद का काम कर रही है। अच्छा लग रहा है। अपने पैरों पर खड़ी हैं। इस कमाई से उन्होंने पायल लिया है।
- -पखवाड़े के दौरान परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों की दी जाएगी जानकारीरायपुर। परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 11 जुलाई से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा (परिवार नियोजन पखवा़ड़ा) चलाया जाएगा। इस दौरान ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक विशेष अभियान चलाकर पुरूष एवं महिला नसबंदी के प्रति फैली अज्ञानता व भ्रांतियों को दूर किया जाएगा। पखवाड़े के दौरान ए.एन.एम. और मितानिनें घर-घर जाकर चिन्हांकित हितग्राहियों को परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों के बारे बताएंगी। हितग्राहियों को जरूरी परामर्श और परिवार नियोजन की सेवाएं भी इस दौरान प्रदान की जाएंगी।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में परिवार कल्याण के उप संचालक डॉ. टी.के. टोंडर ने बताया कि देश की बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। इसके लिए सबको जागरूक होने की जरूरत है। सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन के साधन निःशुल्क उपलब्ध हैं। इनमें पुरूष एवं महिला नसबंदी, निरोध, गर्भ निरोधक गोली, इंजेक्शन, कॉपर-टी जैसी सुविधाएं शामिल हैं। परिवार नियोजन के लिए आवश्यक है कि पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल हो। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के उपायों पर डॉ. टोंडर ने बताया कि सभी जिला चिकित्सालयों, चिन्हांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में एन.एस.व्ही. की सुविधा उपलब्ध है। पुरूष नसबंदी उन दंपत्तियों के लिए परिवार नियोजन का सबसे आसान उपाय है जिन्हें और बच्चे नहीं चाहिए। एन.एस.व्ही. बिना चीरा व टांके के दस से 20 मिनट में पूरी की जाती है, और इस प्रक्रिया में दर्द नहीं होता। नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार की शारीरिक दुर्बलता नहीं होती, बल्कि पहले जैसा ही भारी काम कर सकते हैं। शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में नसबंदी के बाद पुरूष हितग्राहियों को तीन हजार रुपए और महिला हितग्राहियों को दो हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।कार्यशाला में नोडल अधिकारियों को जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के संबंध में दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश11 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज राजधानी रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सभी जिलों के परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी तथा जिला भंडार प्रभारी कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यशाला में महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने सभी नोडल अधिकारियों को जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। file photo
- -माना स्थित वृद्धाश्रम, बालगृह और नर्रा में उन्हें श्रद्धांजलि दी गईरायपुर। रायपुर जिले के माना कैम्प में छत्तीसगढ़ के प्रथम वृद्धाश्रम की स्थापना करने वाले, छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के संस्थापक सदस्य एवं प्रथम महासचिव , वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी स्व. कुलदीप निगम की 59 वी जयंती के अवसर पर आज राजधानी रायपुर सहित उनके गृह ग्राम नर्रा (महासमुन्द जिला) में अनेक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।माना कैम्प स्थित कुलदीप निगम वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्ग एवँ मानसिक दिव्यांग बालगृह के बच्चों ने उनकी प्रतिमा एवँ फ़ोटो पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों को श्री अजय मालू देवेन्द्र नगर के सौजन्य से जूस ,पैक खाद्य सामग्री पाउच, चॉकलेट एवं पाचक मुखवास का वितरण किया गया।इस अवसर कुलदीप निगम वृद्धाश्रम के अध्यक्ष राजेन्द्र निगम , सचिव बिमल घोषाल, पारूल चक्रवतीर्, लीला यादव और वृद्धाश्रम तथा बालगृह के कर्मचारी उपस्थित थे।स्व. कुलदीप निगम की जयंती पर उनके पैतृक गांव नर्रा में स्थित शासकीय कुलदीप निगम उच्चतम माध्यमिक स्कूल में भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्कूल के प्राचार्य सुबोध तिवारी , समस्त शिक्षक एवँ विद्यार्थियों द्वारा कुलदीप निगम को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई ।
- -माता श्रीमती बिंदेश्वरी बघेल की प्रतिमा का किया अनावरणरायपुर /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बालोद जिले के ग्राम भरदा (टटेंगा) में स्वर्गीय माता श्रीमती बिंदेश्वरी बघेल पार्क का लोकार्पण किया तथा माता श्रीमती बिंदेश्वरी बघेल की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने पार्क में पौधरोपण भी किया।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन के दौरान माता बिंदेश्वरी पार्क के सौंदर्यीकरण एवं पार्क में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये की घोषणा की। इसी तरह उन्होंने खरखरा नदी से मेन रोड टटेंगा तक 03.50 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए 65 लाख रुपये की राशि स्वीकृत करने तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टटेंगा के उन्नयन की घोषणा की।इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद, विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित थे।
- -बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक तीन आयु वर्ग में होंगे प्रतिभागीरायपुर /राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक 2023-24 का आयोजन हरेली त्योहार के दिन 17 जुलाई से शुरू किया जाएगा। छत्तीसढ़िया ओलंपिक 6 चरणों में लगभग ढ़ाई महीने तक आयोजित होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल गतिविधियों को ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने, प्रतिभागियों को मंच प्रदान करने और उनमें खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा खेल भावना का विकास करने हेतु छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन किया जा रहा है।खेल विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल प्रतियोगिता में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हिस्सा ले सकेंगे। प्रतियोगिता में दलीय एवं एकल श्रेणी में 16 तरह के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया है। इस बार के ओलंपिक में एकल श्रेणी में रस्सीकूद एवं कुश्ती को भी जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन का दायित्व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय क्षेत्रों के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को सौंपा गया है। प्रतियोगिता का समापन 27 सितंबर 2023 को होगा। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेल में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर प्रतियोगिता 17 जुलाई से 22 जुलाई तक नॉकआउट पद्धति से होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। इसका आयोजन 26 जुलाई से 31 जुलाई तक होगा। विकासखंड एवं नगरीय क्लस्टर स्तर पर आयोजन 7 अगस्त से 21 अगस्त तक होगा। जिला स्तर पर आयोजन 25 अगस्त से 04 सितंबर तक होगा। संभाग स्तर पर आयोजन 10 सितंबर से 20 सितंबर तक होगा और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। जिसका की आयोजन 25 सितंबर से 27 सितंबर तक होगा।छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा वर्ग 18-40 वर्ष आयु सीमा तक और तीसरा वर्ग में 40 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी शामिल होंगे। इस प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी भाग ले सकेंगे।अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर पर विजेता प्रतिभागियों से लेकर राज्य स्तर के विजेता प्रतिभागियों को प्रभाणपत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर प्रथम आने वाल विजेता खिलाड़ियों को 1000 रूपए, द्वितीय स्थान आने पर 750 रूपए एवं तीसरा स्थान आने पर 500 रूपए की पुरस्कार राशि एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। इसी तरह जिला स्तर पर प्रथम आने वाल विजेता प्रतिभागियों को 2000 रूपए की राशि, द्वितीय आने पर 1500 रूपए और तीसरे स्थान आने पर 1000 रूपए की राशि सहित प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। संभाग स्तर पर विजेता प्रतियोगियों को प्रथम आने पर 3000 रूपए, द्वितीय आने पर 2500 रूपए एवं तीसरे स्थान पाने वाले खिलाड़ियों को 2000 रूपए एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। राज्य स्तर पर ओलंपिक के अंतिम आयोजन में प्रथम आने वाले प्रतिभागियों को 5000 रूपए, द्वितीय आने पर 4500 रूपए एवं तीसरे स्थान आने वाले खिलाड़ियों को 4000 रूपए की राशि और प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। file photo
- -राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना से अपने सपने किए साकाररायपुर । महासमुंद जिले के विकासखण्ड बसना के ग्राम पड़कीपाली में एक गृहणी श्रीमती रूक्मणी पटेल गौ-पालन कर परिवार को अपना विशेष सहयोग प्रदान कर रही है। पड़कीपाली के प्रगतिशील सीमांत कृषक परिवार की श्रीमती रूक्मणी पटेल ने गृह कार्य के साथ-साथ अपने बचे हुए शेष समय का सदुपयोग कर अपने परिवार का आर्थिक सहयोग करने की ठानी। कृषक परिवार से संबंध होने एवं पूर्व से थोड़ा बहुत पशुपालन की जानकारी होने के कारण विभागीय कर्मचारियों से पशुपालन संबंधी योजनाओं की उनके द्वारा जानकारी ली गई, जिसमें उन्हे छत्तीसगढ़ राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना उपयोगी एवं लाभप्रद लगा। इसके लिए विभाग से गौ पालन हेतु स्ववित्तीय आवेदन स्वीकृत करा कर दो गाय क्रय कर अपना डेयरी इकाई प्रारंभ की । इस कार्य में रुक्मणी पटेल के परिवार जनों ने भी उनका भरपूर सहयोग किया।वे बताती हैं कि उनके द्वारा प्रारंभ किए डेयरी इकाई से प्रतिदिन लगभग 25 लीटर दूध उत्पादन होने लगा। 2-3 लीटर घरेलू उपयोग हेतु रखने के बाद शेष दूध को स्थानीय बाजार में 50 रूपये प्रति लीटर की दर से बेचकर प्रतिमाह करीब बीस हजार रूपये का शुद्ध लाभ होने लगा। उनके द्वारा घरेलू उपयोग हेतु रखे गये दूध से घी और दही बनाकर प्रतिमाह लगभग 2000-3000 अतिरिक्त आय भी अर्जित होती रही।आज गौ पालन करते हुए श्रीमती रूक्मणी पटेल को लगभग डेढ़ वर्ष पूरे हो चुके है, इस दौरान उन्हें लगभग साढ़े तीन लाख रुपए आय अर्जित कर परिवार को बहुत बड़ा आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया। परन्तु श्रीमती रूक्मणी पटेल इतने में ही संतुष्ट नहीं हुई, पशु पालन से लाभ को देखते हुए और अपनी आर्थिक स्थिति को और सृदृढ़ करने के उद्देश्य से डेयरी इकाई के लाभ का कुछ हिस्सा बचत करते हुए उनके द्वारा स्थानीय मांग के अनुसार इस वर्ष 8 बकरे-बकरियों का क्रय किया गया है, जिससे निश्चय ही उन्हे आगामी वर्ष में और ज्यादा लाभ की उम्मीद है। राज्य डेयरी उद्यमिता योजना से श्रीमती रुक्मणी पटेल की यह सफलता निश्चित तौर पर महिला आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष सोपान सिद्ध हो रहा है। उनकी सफलता में राज्य सरकार की इस योजना का महती भूमिका है।