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मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्यों से वीडियो कॉल पर बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमने ट्रंप और उनकी टीम के सदस्यों से रूस के साथ सीधे संपर्क बहाल करने की उनकी इच्छा के बारे में बयान सुना है, जिसे निवर्तमान प्रशासन द्वारा हमारी कोई गलती न होने के बावजूद रोक दिया गया था।'' पुतिन ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा, ‘‘हमने तीसरे विश्व युद्ध को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता के बारे में उनके बयान भी सुने हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से इस तरह के दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को पदभार ग्रहण करने पर बधाई देते हैं।'' पुतिन ने कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौते पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इससे अल्पकालिक युद्धविराम नहीं बल्कि स्थायी शांति आएगी और इसमें रूस के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
- रियाद (सऊदी अरब). शीर्ष रेसर संजय टकाले ने क्लासिक कारों की श्रेणी में प्रतिष्ठित डकार रैली को पूरा करने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। ‘कॉम्पैनी सहरिएन' टीम के फ्रांस के सह-चालक मैक्सिम राउड के साथ टकाले ने लगभग 7,453 किमी की कठिन प्रतियोगिता में असाधारण निरंतरता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए 14 चरण के रेस के क्लासिक कारों की श्रेणी में 10 वां जबकि ओवरऑल 18वां स्थान हासिल किया। उन्होंने टोयोटा लैंड क्रूजर एचजेडजे78 से रेस के आखिरी चरण को पांचवें स्थान पर रहते हुए खत्म किया। डकार रैली का यह 47वां जबकि सऊदी अरब में छठा सत्र है।
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वाशिंगटन. अमेरिका में नेशनल गार्ड के अधिकारियों ने बल के आदर्श वाक्य ‘‘हमेशा तैयार, हमेशा मौजूद'' के साथ जवानों के लिए कंधे पर लगाई जाने वाली एक विशेष पट्टी के इस्तेमाल को अधिकृत किया है। डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के दिन ये जवान कंधे पर विशेष पट्टियां लगाए हुए नजर आएंगे। इससे सोमवार को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में आने वाले लोगों को सुरक्षा अधिकारियों के बारे में पता रहेगा। वाशिंगटन डीसी गार्ड के एडजुटेंट जनरल ब्रिगेडियर जनरल लेलैंड ब्लैंचर्ड द्वितीय ने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह पहचानना आसान हो कि नेशनल गार्ड से कौन कौन हिस्सा ले रहा है।'' चार साल पहले नस्लीय विरोध प्रदर्शनों और छह जनवरी की हिंसा के दौरान नेशनल गार्ड के कर्मी और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारी वाशिंगटन में तैनात थे तो छद्मवेश और मिलते जुलते हेलमेट के कारण पुलिसकर्मियों और सैनिकों के बीच फर्क करना लगभग असंभव हो गया था। चालीस से अधिक राज्यों और अमेरिकी क्षेत्रों से लगभग 7,800 गार्ड सैनिक ड्यूटी पर होंगे, और वे पहले ही वाशिंगटन पहुंचना शुरू हो चुके हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि सोमवार को जब ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, तो शीर्ष नेताओं के पद छोड़ने के बाद अमेरिकी रक्षा विभाग ‘पेंटागन' और सैन्य सेवाओं का कार्यभार कौन संभालेगा। अधिकारियों ने बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य प्रमुख संबंधित सेवाओं के कार्यवाहक के रूप में पदभार संभालेंगे। जैसा कि प्रथा है, सभी वर्तमान राजनीतिक नियुक्तियों वाले मंत्री-अधिकारी 20 जनवरी को दोपहर 12 बजे से ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इससे रक्षा विभाग में सैकड़ों पद रिक्त हो जाएंगे, जिनमें दर्जनों ऐसे पद शामिल हैं जिनके लिए सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
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यरुशलम. इजराइल के मंत्रिमंडल ने शनिवार को गाजा में संघर्ष विराम के लिए एक समझौते को मंजूरी दे दी, जिससे वहां बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को रिहा किया जा सकेगा और हमास के साथ 15 महीने से जारी लड़ाई रुक जाएगी। इस समझौते से दोनों पक्ष अपने सबसे घातक और विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के एक कदम और करीब पहुंच जाएंगे। मध्यस्थता कर रहे कतर और अमेरिका ने बुधवार को संघर्ष विराम की घोषणा की लेकिन यह समझौता कुछ वक्त के लिए अधर में लटका रहा क्योंकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि अंतिम समय में कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो गईं। उन्होंने इसके लिए आतंकवादी समूह हमास को जिम्मेदार ठहराया। संघर्ष विराम रविवार से लागू हो जाएगा, हालांकि प्रमुख प्रश्न अब भी बने हुए हैं मसलन पहले चरण में कौन से 33 बंधक रिहा किए जाएंगे और उनमें से कितने अभी जीवित हैं। मंत्रिमंडल की बैठक यहूदी ‘सब्बाथ' की शुरुआत के बाद हुई, जो इस मौके की अहमियत को दर्शाता है। यहूदी कानून के अनुसार, इजराइली सरकार आमतौर पर जीवन या मृत्यु के आपातकालीन मामलों को छोड़कर सब्बाथ में सभी काम रोक देती है। सब्बाथ का अर्थ होता है सप्ताह का सातवां दिन जो शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक यहूदियों और कुछ ईसाइयों द्वारा विश्राम और पूजा के दिन के रूप में मनाया जाता है। नेतन्याहू ने एक विशेष कार्य बल को गाजा से लौटने वाले बंधकों को लेने के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया और कहा कि उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है कि समझौता हो गया है। संघर्ष विराम के दौरान सैकड़ों फलस्तीनी बंदियों को भी रिहा किया जाना है, तथा बड़े पैमाने पर तबाह हुए गाजा में मानवीय सहायता में वृद्धि होनी चाहिए। इजराइल के न्याय मंत्रालय ने रिहा किए जाने वाले 95 फलस्तीनी कैदियों की सूची प्रकाशित की और कहा कि रिहाई रविवार को स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे से पहले शुरू नहीं होगी। सूची में शामिल सभी लोग युवा या महिला हैं।
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नई दिल्ली। इजराइल की कैबिनेट ने हमास के साथ गाजा पट्टी में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने आज शनिवार को बताया कि यह समझौता रविवार से लागू होगा। शनिवार तड़के छह घंटे की लंबी बैठक के बाद सरकार ने इस 15 महीने पुराने संघर्ष को समाप्त करने का रास्ता साफ करने वाले समझौते को मंजूरी दी। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, “सरकार ने बंधकों की वापसी के लिए समझौते को मंजूरी दी है, जो रविवार से प्रभावी होगा।” हालांकि, गाजा में संघर्ष विराम समझौते के बावजूद इजराइली वायुसेना ने हमला जारी रखा है।
इस समझौते के तहत, संघर्ष विराम तीन चरणों में लागू होगा। पहले चरण में, छह हफ्तों तक इजराइल में कैद सभी फिलिस्तीनी महिलाओं और 19 साल से कम उम्र के बच्चों को रिहा किया जाएगा। बदले में, हमास 98 इजराइली बंधकों में से 33 को, जिनमें महिलाएं, बच्चे और 50 साल से अधिक उम्र के पुरुष शामिल हैं रिहा करेगा। शनिवार को इजराइली न्याय मंत्रालय ने उन 95 फिलिस्तीनी कैदियों के नाम जारी किए जिन्हें रविवार को रिहा किया जाएगा। समझौते के तहत हर सात दिन में कुछ और बंधकों को रिहा किया जाएगा। इजराइली कैबिनेट के कुछ मंत्रियों ने इस समझौते का विरोध किया। 24 मंत्रियों ने समझौते के पक्ष में वोट दिया, जबकि आठ ने इसका विरोध किया।गाजा में युद्ध के कारण अब तक 46,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 23 लाख की आबादी विस्थापित हुई है। लोग भुखमरी, ठंड और बीमारियों से जूझ रहे हैं। समझौते के तहत, गाजा में राहत सामग्री की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां खाद्य पदार्थ, ईंधन और दवाइयां पहुंचाने के लिए तैयार हैं।संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (UNRWA) ने शुक्रवार को बताया कि उनके पास 4,000 ट्रक राहत सामग्री तैयार हैं जिनमें से आधी खाद्य सामग्री है। गाजा के लोगों को उम्मीद है कि यह संघर्ष विराम उनके जीवन को आसान बनाएगा। विस्थापित फिलिस्तीनी रीहम शेख अल-ईद ने कहा, “हम चाहते हैं कि यह समझौता लागू हो ताकि हम अपने घरों में खाना बना सकें और किचन में लंबी लाइनों में खड़े होने से बच सकें।” -
लॉस एंजिल्स । अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स इलाके में लगी भीषण आग में एक सप्ताह से अधिक समय में अब तक कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 12,300 से अधिक घर जलकर खाक हो गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक लॉस एंजिल्स में दो बड़ी जंगल की आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन दल ने गुरुवार को भी काम जारी रखा क्योंकि क्षेत्र में हवाएं धीमी पड़ गईं हैं।
पालिसैड्स फायर लॉस एंजिल्स क्षेत्र में सबसे बड़ी सक्रिय जंगल की आग में से एक है, जिसने अब तक 23,713 एकड़ (95.96 वर्ग किमी) को चपेट में लिया है। कैलिफोर्निया के वानिकी एवं अग्नि सुरक्षा विभाग (कैल फायर) ने गुरुवार को एक अपडेट में बताया, “मौसम की स्थिति सामान्य हो गई है, तथा आग के वर्तमान परिधि के भीतर ही रहने की उम्मीद है।” कैल फायर ने बताया कि कर्मचारी फायर लाइन की स्थापना और सुधार, आग के संभावित स्थानों की तलाश और उन्हें बुझाने तथा जोखिम वाले क्षेत्रों में क्षति को सीमित करने के लिए नियंत्रण रेखाएं बनाने का काम जारी रखे हुए हैं।एक अन्य बड़ी और सक्रिय आग ईटन फायर ने अल्ताडेना और पासाडेना के पास 14,117 एकड़ (57.1 वर्ग किमी) को जला दिया है। कैल फायर के अनुसार, रात और सुबह की आसान मौसमी परिस्थितियों ने आग की गतिविधि को कम कर दिया, जिससे अग्निशामकों को अच्छी प्रगति करने में मदद मिली।यूएस नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक सोमवार को हवाओं के लौटने के कारण दक्षिणी कैलिफोर्निया के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से गंभीर आग लगने की मौसमी स्थितियां बनी हुई हैं। एजेंसी ने कहा, “हम उम्मीद कर हैं कि इस सप्ताह आग संबंधी चिंताओं से राहत मिलेगी।” एजेंसी ने कहा, “अगला सप्ताह चिंता का विषय है। हालांकि हमें विश्वास है कि पिछले सप्ताह जैसी घटनाएं नहीं होंगी, लेकिन आग लगने की स्थिति में खतरनाक मौसम की स्थिति बनी रहने की आशंका है।” -
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को शुक्रवार को 190 मिलियन पाउंड के अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दोषी ठहराया गया। पीटीआई संस्थापक को 14 साल की जेल और उनकी पत्नी को सात साल, जेल की सजा सुनाई गई। द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जज नासिर जावेद राणा ने अदियाला जेल में एक अस्थायी अदालत में फैसला सुनाया। इससे पहले फैसला तीन बार टाला जा चुका था।
अदालत ने इमरान और बुशरा पर क्रमशः 1 मिलियन और 500,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर छह महीने जेल की सजा होगी अदियाला जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच फैसला सुनाया गया, जिसके बाद बुशरा को अदालत कक्ष से गिरफ्तार कर लिया गया।आम चुनावों के तुरंत बाद 27 फरवरी, 2024 को दंपति पर इस मामले में आरोप तय किए गए थे।सुनवाई से पहले अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीटीआई के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर अली खान ने कहा, “आप पिछले दो सालों में हुए अन्याय का अंदाजा लगा सकते हैं। अगर निष्पक्ष फैसला होता है, तो इमरान और बुशरा बरी हो जाएंगे।”इस मामले में आरोप लगाया गया कि इमरान और बुशरा बीबी ने बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की, ताकि पिछली पीटीआई सरकार के दौरान यूनाइटेड किंगडम की तरफ से पहचाने गए और देश को लौटाए गए 50 अरब रुपये को वैध बनाया जा सके। इमरान खान को 2023 से कई आरोपों में जेल में बंद हैं। उनका दावा है कि सभी मामले ‘राजनीति से प्रेरित’ थे। - सियोल। दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। राष्ट्रपति निवास की सुरक्षा संभालने वाली सैन्य इकाई कैपिटल डिफेंस कमांड ने मंगलवार को पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (सीआईओ) को निवास में प्रवेश की अनुमति दे दी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून को हिरासत में लिया जा सके।कैपिटल डिफेंस कमांड ने सीआईओ और पुलिस के अनुरोध पर यह फैसला लिया। अब जांचकर्ता राष्ट्रपति निवास में प्रवेश कर सकते हैं जिससे राष्ट्रपति यून की गिरफ्तारी संभव हो सकेगी। उम्मीद है कि सीआईओ बुधवार को उन्हें हिरासत में ले सकती है।हालांकि, राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (पीएसएस) ने पहले ही इस प्रयास का विरोध करते हुए चेतावनी दी थी कि राष्ट्रपति निवास में जबरन प्रवेश करना अवैध होगा। पीएसएस ने कहा कि वे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करेंगे और इस तरह के किसी भी कदम का जवाब देंगे। इससे पहले 3 जनवरी को भी सीआईओ ने राष्ट्रपति यून को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी लेकिन पीएसएस ने उन्हें रोक दिया था। अब, कैपिटल डिफेंस कमांड के नए फैसले के बाद राष्ट्रपति निवास में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है।पीएसएस ने कहा कि राष्ट्रपति निवास जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में प्रवेश के लिए पहले से मंजूरी जरूरी होती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे पुलिस और सीआईओ के साथ समन्वय करेंगे ताकि स्थिति को नियंत्रित रखा जा सके और किसी भी टकराव से बचा जा सके। इस पूरे मामले को लेकर दक्षिण कोरिया में राजनीतिक और कानूनी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रपति यून सुक योल की गिरफ्तारी पर आगे क्या होगा, यह देखने के लिए सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। बता दें कि 3 दिसंबर, 2024 को यून ने अल्पकालिक मार्शल लॉ की घोषणा की थी। इसके बाद और 14 दिसंबर को उन पर लगे महाभियोग के बाद से दक्षिण कोरिया राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है।
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नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिमी जापान में 6.9 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी ने भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की है। मौसम विज्ञान एजेंसी ने आज सोमवार को बताया कि रविवार देर रात दक्षिण-पश्चिमी जापान में 6.9 तीव्रता एक शक्तिशाली भूकंप आया जिसका केंद्र मियाजाकी प्रान्त रहा। भूकंप के झटकों के बाद एजेंसी ने क्यूशू के दक्षिण-पश्चिमी द्वीप और पास के कोची प्रान्त के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के मुताबिक सुनामी की लहरें एक मीटर तक पहुंच सकती हैं। इसलिए पहले से ही तैयारियां शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। फिलहाल भूकंप के कारण किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। प्रशांत बेसिन में ज्वालामुखियों के आर्क, रिंग ऑफ फायर और फॉल्ट लाइन के किनारे स्थित होने के कारण जापान अक्सर भूकंप की चपेट में रहता है। पिछली बार 2011 में जापान में भूकंप के बाद सुनामी ने कोहराम मचाया था। तब सुनामी में तोहोकू तटरेखा के साथ-साथ कई नगर पालिकाओं और कई प्रान्तों में रहने वाले समुदायों को तबाह कर दिया था। इसमें 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। -
सिंगापुर. सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग ने कहा है कि भारत आगे बढ़ रहा है और सिंगापुर को दक्षिण एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले इस देश के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के कई अवसर दिखाई दे रहे हैं। ली ने शनिवार को भारतीय व्यापारिक समुदाय को संबोधित करते हुए यह बात कही। बीस वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे ली ने कहा,‘‘ भारत आगे बढ़ रहा है। सिंगापुर की भारत में छवि अच्छी है और भारत की विभिन्न सरकारों के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध रहे हैं।'' ‘स्ट्रेट्स टाइम्स' ने अपनी एक खबर में ली के हवाले से कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार, कौशल प्रशिक्षण और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के कई अवसर हैं और साथ ही स्वास्थ्य, डिजिटल समेत कई क्षेत्रों में भी सहयोग के अवसर तलाशे जा सकते हैं। उन्होंने भारतीय व्यापार समुदाय से इन अवसरों का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया।
ली ने लगभग दो दशक पुराने सिंगापुर-भारत मुक्त व्यापार समझौते ‘व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते' (सीईसीए) के महत्व का भी उल्लेख किया, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार, निवेश और यात्रा संबंधों को बढ़ावा देने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंगापुर अपनी जनसंख्या और प्रतिभा को बढ़ाने के लिए प्रवासियों और विदेशी कर्मियों पर बहुत अधिक निर्भर है। दरअसल स्थानीय लोगों ने प्रवासी और विदेशी कामगारों के साथ-साथ निवेशकों और पेशेवरों की बढ़ती संख्या का मुद्दा उठाया है - जिनमें भारत से आए लोग भी शामिल हैं। हालांकि इन ‘नए आने वालों' को समृद्धि लाने तथा आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सिंगापुर भारतीय विकास संघ और 14 अन्य भारतीय सामुदायिक संगठनों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में अपने भाषण में ली ने कहा, ‘‘ लेकिन हमें स्वदेशीवाद और विदेशियों के प्रति द्वेष के खिलाफ भी दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए, तथा हमारे विस्तारित परिवार का हिस्सा बनने के लिए नव आगंतुकों का स्वागत करना चाहिए।'' सिंगापुर की आबादी साठ लाख है जिसमें नौ प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। -
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लंदन के प्रसिद्ध बीएपीएस श्रीस्वामीनारायण मंदिर का दौरा किया। इसे नेस्डन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ओम बिरला की 11 जनवरी की यह यात्रा उनके आधिकारिक यूके दौरे का हिस्सा थी, जो हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर लिंडसे हॉयल के निमंत्रण पर आयोजित हुई थी।
मंदिर के संतों ने किया ओम बिरला का स्वागतमंदिर में बिरला का पारंपरिक हिंदू तरीके से स्वागत किया गया। यह स्वागत बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज की ओर से मंदिर के संतों ने किया। दौरे के दौरान, ओम बिरला ने मूर्तियों का अभिषेक किया। उन्हें बीएपीएस के भारत में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों और यूके व यूरोप में हो रहे प्रेरणादायक विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें पेरिस, फ्रांस में बन रहा नया बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर भी शामिल है।मंदिर मानवता की सेवा की प्रेरणा देता हैफरवरी 2022 में, बिरला के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक दल अबू धाबी में बन रहे बीएपीएस मंदिर के निर्माण स्थल पर गया था। उसी साल, ओम बिरला ने नई दिल्ली स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम में महंत स्वामी महाराज से भेंट की थी। इस अवसर पर ओम बिरला ने कहा, “ये मंदिर केवल आध्यात्मिक, धर्म और संस्कृति की ही प्रेरणा नहीं देता, बल्कि मानवता की सेवा की प्रेरणा भी देता है। बीएपीएस संगठन ने दुनिया के अंदर भारतीय धर्म और संस्कृति को पहुंचाने के काम किया।” बीएपीएस यूके के ट्रस्टी संजय कारा ने कहा, “हम ओम बिरला के आभारी हैं कि उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच मंदिर का दौरा किया। यह हमारे लिए गर्व का क्षण था और भारत व यूके के बीच संबंधों को और मजबूत करने का अवसर भी था।”नेस्डन मंदिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है प्रसिद्धबीएपीएस स्वामीनारायण संस्था एक अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त है। इसका उद्देश्य दुनिया में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान करना है। इस संस्था से 80,000 से अधिक स्वयंसेवक और 5,025 केंद्र जुड़े हैं, जो लाखों लोगों की सेवा करते हैं। महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में, बीएपीएस एक ऐसा समाज बनाने का प्रयास करता है जो शांति, सद्भाव और नैतिकता पर आधारित हो। यह संस्था वेदों की शिक्षाओं और भगवान स्वामीनारायण (1781-1830) की विचारधारा पर आधारित है। साथ ही, यह स्वामी महाराज (1921-2016) की प्रेरणा से प्रेरित है, जिन्होंने सिखाया: “दूसरों की खुशी में ही हमारी खुशी है।” यूके में, बीएपीएस को सबसे बड़े और सक्रिय हिंदू समुदायों में से एक माना जाता है। नेस्डन मंदिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है और बीएपीएस की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। - प्राग। चेक गणराज्य के उत्तरी हिस्से में एक रेस्तरां में आग लगने से छह लोगों की मौत हो गयी जबकि छह अन्य गंभीर रूप से झुलस गये। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अग्निशमन कर्मियों ने बताया कि प्राग के उत्तर में लगभग 100 किलोमीटर (63 मील) की दूरी पर स्थित मोस्ट शहर में शनिवार को ‘यू कोजोटा' रेस्तरां आधी रात से पूर्व आग लगने के समय खुला था। पुलिस और अग्निशमन कर्मियों ने बताया कि संभवतः आग का कारण गैस हीटर का पलट जाना था।आगू पर एक बजे तक काबू पाया जा सका और उसमें 60 से अधिक दमकलकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी। झुलसे लोगों को मोस्ट और आस-पास के शहरों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मामले की जांच की जा रही है। रविवार सुबह मौके का दौरा करने के बाद गृहमंत्री विट राकुसान ने कहा कि रेस्तरां और समीप के एक अपार्टमेंट से करीब 30 लोगों को बाहर निकाला गया। मोस्ट के महापौर मारेक हर्वोल ने कहा कि यह शहर के हाल के इतिहास की सबसे बुरी त्रासदी है।
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पेशावर. पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को एक बस और एक अन्य वाहन के बीच हुई टक्कर में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गये। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना करक जिले के अम्बेरी कल्ले चौक पर सिंधु राजमार्ग पर हुई, जिसमें एक वाहन और बस के बीच टक्कर हो गई। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि इलाज के दौरान अस्पताल में सात अन्य की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस और बचाव अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तथा घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने दुर्घटना में 10 यात्रियों की मौत होने पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिया कि दुर्घटना में घायल यात्रियों को सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। -
वाशिंगटन. ओहायो के गवर्नर माइक डेविन ने अमेरिकी राज्य में अक्टूबर को ‘‘हिंदू विरासत माह'' के रूप में नामित करने संबंधी एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इस विधेयक पर बुधवार को डेविन ने राज्य के पूर्व सीनेटर नीरज अंतानी एवं कई अन्य सामुदायिक नेताओं की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। अंतानी पिछले वर्ष इस विधेयक के मुख्य प्रायोजक और प्रस्तावक थे। अंतानी ने कहा, ‘‘मैं अक्टूबर महीने को ओहायो में ‘हिंदू विरासत माह' के रूप में नामित करने संबंधी इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए गवर्नर डेविन का बहुत आभारी हूं। गवर्नर डेविन का ओहायो में हिंदू समुदाय के साथ लंबे समय से घनिष्ठ संबंध रहा है और मैं उनके नेतृत्व के लिए आभारी हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘दो साल के लंबे काम के बाद इस बात से बेहद खुश हूं कि मैं अपने समुदाय के लिए यह उपलब्धि हासिल कर सका।'' यह विधेयक अब आधिकारिक रूप से कानून बन गया है और 90 दिनों में लागू हो जाएगा। अक्टूबर 2025 ओहायो का पहला आधिकारिक ‘हिंदू विरासत माह' होगा।
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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। ओम बिरला ने आज (गुरुवार) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में ये जानकारी दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ब्रिटेन दौरे पर हैं।
ओम बिरला ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक्स पोस्ट में कहा, “ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ मुलाकात की। हमने अपने ऐतिहासिक संबंधों, संसदीय लोकतंत्र के साझा मूल्यों, लोगों के बीच संपर्क और आईटी, एआई, सोशल मीडिया, फर्जी खबरों के प्रभावों और ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए उचित कानूनों की आवश्यकता सहित कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।”ओम बिरला ने एक्स पर आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को आईटी, कृषि, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, कुशल श्रम और भारत के नारी शक्ति वंदन अधिनियम, नई शिक्षा नीति, डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया कि कैसे भारतीय शहरों को फार्मा, विनिर्माण आदि के केंद्रों के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है, जो भारत-ब्रिटेन सहयोग को और मजबूत बनाने में सहायक और सहायक हैं। भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।आज एक अन्य एक्स पोस्ट पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि जैसे-जैसे भारत ‘सुधार के माध्यम से परिवर्तन’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, उन्हें खुद को केवल भारत के साथ भावनात्मक लगाव तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। चाहे वह नवाचार हो, निवेश हो या व्यवसाय, उभरता हुआ नया भारत अपार संभावनाएं और अवसरों का खजाना प्रदान करता है। उन्हें इन अवसरों का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। इस बात पर जोर दिया कि नया भारत बांहें फैलाकर उनका बेसब्री से इंतजार कर रहा है।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ब्रिटेन दौरे पर हैं। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष की यात्रा हमारे लिए साल 2025 की विशेष शुरुआत है। 17 सालों में पहली बार भारत के लोकसभा अध्यक्ष ब्रिटेन की यात्रा पर आए हैं। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और उनके भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के बीच बैठक के बाद ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) ने कहा कि भारत और अमेरिका को अब अपने साझेदारों के साथ एक विश्वसनीय आधार बनाने और नवोन्मेष के वास्ते लचीला रुख अपनाने के लिए पहले से कहीं अधिक काम करने की जरूरत है। ‘व्हाइट हाउस' ने कहा, ‘‘यह स्वीकार करते हुए कि हमें अपने साझेदारों के साथ एक विश्वसनीय आधार बनाने और और नवोन्मेष के वास्ते लचीला रुख अपनाने के लिए पहले से कहीं अधिक काम करने की जरूरत है, दोनों देशों ने अपनी प्रौद्योगिकी और रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं को एकीकृत करने के लिए एक साथ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।'' अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर सुलिवान और डोभाल ने 2022 में ‘क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी' (आईसीईटी) पर पहल शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस सप्ताह सुलिवन, डोभाल के साथ बैठक करने के लिए भारत की यात्रा पर गए थे। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी बैठक की। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान, सुलिवन और डोभाल ने रणनीतिक प्रौद्योगिकियों का संयुक्त रूप से उत्पादन और विकास करने के हमारे प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया, जो हमें दुनिया के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और किफायती प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने की अनुमति देगा।'' -
बीजिंग. तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई और 130 अन्य घायल हो गए। पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, मंगलवार को सुबह नौ बजकर पांच मिनट (चीन के समयानुसार) पर तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाजे शहर की डिंगरी काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' की खबर के अनुसार, भूकंप के कारण मंगलवार को अपराह्न तीन बजे तक (स्थानीय समयानुसार) 95 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 130 अन्य घायल हुए हैं। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए हर संभव प्रयास करने के आदेश दिए। शी ने घायलों के उपचार के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया तथा द्वितीयक आपदाओं (भूकंप के बाद संभावित आपदाओं) को रोकने, प्रभावित निवासियों के समुचित पुनर्वास तथा इसके बाद के कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। भूकंप के बाद, चीन भूकंप प्रशासन ने स्तर-दो की आपात सेवा प्रतिक्रिया शुरू की तथा आपदा राहत प्रयासों में सहायता के लिए एक कार्य दल को घटनास्थल पर भेजा। केंद्रीय प्राधिकारियों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र में करीब 22,000 आपदा राहत सामग्री भेजी है, जिनमें तंबू, कोट, रजाई और फोल्डिंग बिस्तर के साथ-साथ ऊंचाई वाले और ठंडे क्षेत्रों के लिए विशेष राहत सामग्री भी शामिल है। घटनास्थल पर 1,500 से अधिक स्थानीय अग्निशमन कर्मियों और बचावकर्मियों को भी भेजा गया है।
शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है जो भारत की सीमा के करीब है। शिगात्से को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। यह पंचेन लामा की पारंपरिक सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं। तिब्बत में पंचेन लामा, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं। भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो कस्बे में स्थित था, जहां 20 किलोमीटर की परिधि में लगभग 6,900 लोगों की आबादी रहती है। इस क्षेत्र में 27 गांव हैं। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि डिंगरी काउंटी की आबादी 61,000 से अधिक है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' ने चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से खबर दी कि भूकंप का केंद्र उत्तर-पूर्व नेपाल के खुम्बू हिमालय पर्वतमाला में लोबुत्से के 90 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। अपने संदेश में शी ने कहा कि भूकंप की निगरानी और आपदा पूर्व चेतावनी को मजबूत करना, आपातकालीन बचाव आपूर्ति की तुरंत व्यवस्था करना, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत में तेजी लाना, यह सुनिश्चित करना कि निवासियों की बुनियादी जरूरतें पूरी हों और सभी के लिए ठंड से सुरक्षा एवं ठंड से बचाव के उपाय (अलाव, हीटर आदि) आवश्यक हैं। चीन तिब्बत को शिजांग कहता है, जो हिमालय क्षेत्र का हिस्सा है।
तिब्बती पठार को शक्तिशाली भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यह उस स्थान पर स्थित है जहां टेक्टोनिक यूरेशियन और भारतीय प्लेटें मिलती हैं और अक्सर अत्यधिक बल के साथ टकराती हैं। नेपाल में 2015 में आए 8.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में शिगास्ते को भी काफी नुकसान पहुंचा था। 2015 में नेपाल और हिमालय क्षेत्र में आए 8.1 तीव्रता के भीषण भूकंप में शिगास्ते क्षेत्र में 18 लोग मारे गए थे और 55 घायल हुए थे। इस बीच, नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का असर काभ्रेपलान्चोक, सिंधुपालचोक, धाडिंग और सोलुखुंबु जिलों में भी महसूस किया गया। काठमांडू में भूकंप से घबराए लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। लोगों ने कुछ समय तक सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और बिजली के तारों को हिलते हुए देखा। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि भूकंप के कारण अब तक उन्हें किसी बड़े नुकसान या मानवीय क्षति के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। शंखुवासभा जिला प्रशासनिक कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप के कारण जिले के किमाथांका ग्रामीण नगर पालिका में पत्थर से बनी दो मंजिला इमारत क्षतिग्रस्त हो गई। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिश्व अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र तिब्बत में होने के कारण उत्तरी नेपाल में रहने वाले लोगों ने अधिक तीव्र झटके महसूस किए। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सात बजे के आसपास एक घंटे के भीतर कम से कम छह बार चार से पांच तीव्रता वाले भूकंप के झटके दर्ज किए गए। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि नेपाल के लोग घबरा गए। इसने 2015 में आए भीषण भूकंप की दुखद याद ताजा कर दी, जिसमें 9,000 लोग मारे गए थे। -
तोक्यो। जापान में दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला टोमिको इटूका का 116 साल की उम्र में निधन हो गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' के अनुसार, जापान की निवासी इटूका दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला थीं। वृद्धावस्था नीतियों के प्रभारी अधिकारी योशित्सुगु नगाटा ने बताया कि इटूका का निधन 29 दिसंबर को मध्य जापान के ह्योगो प्रांत के आशिया स्थित एक देखभाल गृह में हुआ। इटूका का जन्म 23 मई 1908 को हुआ था। पिछले साल 117 वर्षीय मारिया ब्रान्यास की मृत्यु के बाद वह सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गई थीं। नगाटा ने बताया कि ओसाका में जन्मी इटूका हाई स्कूल में वॉलीबॉल खिलाड़ी थीं। उन्होंने 3,067 मीटर (10,062 फुट) ऊंचे माउंट ओनटेक पर दो बार चढ़ाई की। 20 साल की उम्र में उनकी शादी हुई और उनकी दो बेटियां और दो बेटे थे। उन्होंने बताया कि 1979 में पति की मृत्यु के बाद इटूका नारा में अकेली रहती थीं। नगाटा ने कहा कि फिलहाल उनके परिवार में एक बेटा, एक बेटी और पांच पोते-पोतियां हैं।
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लास वेगास. अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लास वेगास स्थित होटल के बाहर बुधवार को ‘टेस्ला साइबरट्रक' में विस्फोट हो जाने से उसमें सवार एक संदिग्ध व्यक्ति की मौत हो गई और इस घटना के आतंकवाद से जुड़े होने की आशंका के मद्देनजर गहन जांच शुरू कर दी गई है। ‘टेस्ला साइबरट्रक' में मोर्टार और ईंधन के कनस्तर रखे हुए थे।
लास वेगास मेट्रोपॉलिटन पुलिस और क्लार्क काउंटी अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वाहन के अंदर एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा आसपास मौजूद सात लोग मामूली रूप से घायल हो गए। प्राधिकारियों ने बुधवार दोपहर यहां वाहन से शव को निकाला और अंदर मौजूद सबूतों को इकट्ठा करने में जुट गए। इस घटना के संबंध में राष्ट्रपति जो बाइडन को भी जानकारी दे दी गई है। लास वेगास में एफबीआई कार्यालय के अधिकारी जेरेमी श्वार्ट्ज ने कहा, ‘‘हमारा पहला लक्ष्य इस घटना में शामिल व्यक्ति की पहचान करना है और इसके बाद पता लगाया जाएगा कि कहीं यह कोई आतंकवादी घटना तो नहीं थी।'' पुलिस विभाग के शेरिफ केविन मैकमैहिल ने कहा कि अधिकारियों ने पता लगा लिया है कि कोलोराडो में ‘टुरो' आनलाइन ऐप के माध्यम से किसने यह वाहन किराए पर लिया था,लेकिन जांच के बाद ही व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी दी जाएगी। मैकमैहिल ने कहा कि टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने टेस्ला के ‘चार्जिंग स्टेशन' से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराए हैं जिससे जांच में मदद मिलेगी। -
ढाका. बांग्लादेश की एक अदालत ने हिंदू संत और इस्कॉन से जुड़े रहे चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। संत की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी ओर से 11 वकीलों का एक समूह मौजूद था। चिन्मय कृष्ण दास डिजिटल तौर पर अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए। अदालत के एक अधिकारी ने कहा,‘‘सुनवाई करीब 30 मिनट तक जारी रही, (मेट्रोपोलिटन सत्र) न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनीं और फिर उनकी (दास की) जमानत याचिका खारिज कर दी।'' दास पहले इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) से जुड़े थे और अब बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत संगठन के प्रवक्ता हैं। उन्हें 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उन्हें चटगांव लाया गया जहां अदालत ने अगले दिन उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए जेल भेज दिया। दास को बांग्लादेश के झंडे का कथित रूप से ‘अपमान' करने के लिए राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बचाव पक्ष के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप निराधार है क्योंकि वह राष्ट्रीय ध्वज नहीं था। हमने अदालत से कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य नहीं है।'' दूसरी ओर सरकारी वकील मोफीजुल हक भुइयां ने कहा, ‘‘ हमने सुनवाई के दौरान जमानत का विरोध किया और अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है।'' पूर्व उप अटार्नी जनरल भट्टाचार्य, दास की ओर से उच्चतम न्यायालय के 11 वकीलों के दल का नेतृत्व कर रहे थे। पुलिस ने अदालत परिसर के अंदर और आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की और वकीलों तथा अन्य संबंधित व्यक्तियों की पहचान जांच के बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया। जब 26 नवंबर को दास की जमानत खारिज कर दी गई थी तो इस फैसले से हिंदू समुदाय के लोग नाराज हो गए थे और उन्होंने अदालत के बाहर जेल वैन के चारों ओर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके कारण हिंसक झड़पें हुईं। इसके परिणामस्वरूप वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हो गई थी।
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लंदन. सामुदायिक नेताओं, प्रचारकों, शिक्षाविदों और चिकित्सकों समेत 30 से अधिक भारतीय मूल के पेशेवरों को शुक्रवार रात लंदन में जारी ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स की 2025 नववर्ष सम्मान सूची में शामिल किया गया है। श्रीलंकाई और भारतीय मूल के कंजर्वेटिव सांसद रानिल मैल्कम जयवर्धने को राजनीतिक एवं सार्वजनिक सेवा के लिए और हाल में इस्तीफा देने वाले इंग्लैंड पुरुष फुटबॉल टीम के प्रबंधक गैरेथ साउथगेट को खेल क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए ‘नाइटहुड' की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। नववर्ष सम्मान सूची में खेल, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और स्वैच्छिक सेवा समेत विभिन्न क्षेत्रों के 1,200 से अधिक लोगों को शामिल किया गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा, ‘‘आम लोग अपने समुदायों के लिए रोजाना असाधारण काम करते हैं। वे सेवा के उस ब्रितानी मूल्य का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे मैं इस सरकार द्वारा किए जाने वाले हर काम के केंद्र में रखता हूं। नए साल की सम्मान सूची में इन गुमनाम नायकों का सम्मान किया गया है और मैं उनके अविश्वसनीय योगदान के लिए उनका धन्यवाद करता हूं।'' ब्रिटेन के महाराजा के नाम पर कैबिनेट कार्यालय द्वारा प्रतिवर्ष जारी की जाने वाली इस सूची के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में सेवाओं के लिए सतवंत कौर देओल को ‘कमांडर्स ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर' (सीबीई) से सम्मानित किया जाएगा। इनके अलावा ‘प्रतिस्पर्धा कानून' के क्षेत्र में सेवाओं के लिए चार्ल्स प्रीतम सिंह धनोवा तथा स्वास्थ्य सेवा, विज्ञान और नवाचार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेवाओं के लिए सर्जन प्रोफेसर स्नेह खेमका समेत 30 भारतीयों को सम्मानित किया जाएगा।
- कराची (पाकिस्तान),। पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक बस के ट्रेलर से टकरा जाने से एक ही परिवार के आठ सदस्यों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। हैदराबाद प्रांत के उपायुक्त अर्सलान सलीम ने बताया कि सोमवार रात मोरो के पास यह दुर्घटना हुई, जब बस हैदराबाद से बारातियों को लेकर लौट रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘बारातियों में लगभग 20 लोग थे और 12 लोग मारे गए।''दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हुई एक युवती ने मंगलवार सुबह कराची के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।सलीम ने बताया कि मृतकों में आठ लोग एक प्रमुख डॉक्टर के परिवार से थे।मोरो सरकारी अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि घायलों में से पांच की हालत गंभीर है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए नवाबशाह और कराची ले जाया गया है। बस को टक्कर मारने वाले ट्रेलर का चालक घटनास्थल से फरार हो गया।
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अदीस अबाबा. इथियोपिया में एक ट्रक के नदी में गिर जाने से कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई। एक अस्पताल के निदेशक ने सोमवार को यह जानकारी दी। निदेशक ने बताया कि यह दुर्घटना रविवार को उस दौरान हुई जब एक पुराना ट्रक एक पुल से नीचे गिर गया। ट्रक में सवार लोग एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि इस जगह पर पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बोना जनरल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक लेम्मा लैगाइड ने समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस' को सोमवार को बताया कि घटनास्थल पर ही 64 लोगों की मौत हो गई थी तथा दो लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों को गहन देखभाल की जरूरत थी, उन्हें एक बड़े अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह घटना दूरदराज के गांव में हुई, इसलिए राहत एवं बचाव अभियान में देरी हुई जिसके कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई।
- वाशिंगटन। अमेरिका की सिलिकॉन वैली में सिख और हिंदू समुदाय के लोगों ने ‘वीर साहिबजादे बलिदान दिवस' मनाया, जो सिखों के 10वें गुरु-गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों की शहादत की याद में मनाया जाता है। यह स्मरणोत्सव 26 दिसंबर को कैलिफोर्निया के ग्रेटर सैक्रामेंटो के जैन सेंटर में मनाया गया। इसकी शुरुआत अरदास से हुई, जिसके बाद बच्चों ने अपनी साझा सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का जश्न मनाते हुए मंच पर प्रस्तुतियां प्रस्तुत कीं। एल्क ग्रोव के मेयर बॉबी सिंह-एलन ने कहा, "यह हमारे समुदायों के लिए एक-दूसरे से सीखने का सार्थक अवसर हैं। मैं एकता, विश्वास और भाईचारे को बढ़ावा देने वाले निरंतर सहयोग की आशा करता हूं।" गुरु गोविंद सिंह के दो छोटे बेटों- जोरावर सिंह (छह) और फतेह सिंह (नौ) ने 18वीं सदी में अपने धर्म की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया था जबकि बड़े बेटों अजीत सिंह (18) और जुझार सिंह (14) ने चमकौर साहिब में मुगल सेना के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी।
- वाशिंगटन। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित एवं अमेरिका के 39 वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को निधन हो गया। वह 100 वर्ष के थे। कार्टर भारत की यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी नेता थे और उनकी यात्रा के दौरान उनके सम्मान में हरियाणा के एक गांव का नाम उनके नाम पर कार्टरपुरी रखा गया था। सबसे लंबे समय तक जीवित रहे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति कार्टर ने 1977 से 1981 तक इस पद पर सेवाएं दी थीं। मूंगफली की खेती करने वाले कार्टर ने ‘वाटरगेट' घोटाले और वियतनाम युद्ध के बाद राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था। वह 1977 से 1981 तक राष्ट्रपति रहे। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका और विश्व ने आज एक असाधारण नेता, राजनीतिज्ञ और मानवतावादी खो दिया।” कार्टर के परिवार में उनके बच्चे- जैक, चिप, जेफ एवं एमी, 11 पोते-पोतियां और 14 परपोते-परपोतियां हैं। उनकी पत्नी रोजलिन और उनके एक पोते का निधन हो चुका है। कार्टर की पत्नी रोजलिन का नवंबर 2023 में निधन हो गया था। वह 96 वर्ष की थीं।चिप कार्टर ने कहा, ‘‘मेरे पिता केवल मेरे लिए ही नहीं, बल्कि शांति, मानवाधिकारों और निःस्वार्थ प्रेम में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति के नायक थे।''बाइडन ने अपने बयान में कहा कि कार्टर ने करुणा और नैतिक मूल्यों के जरिए शांति स्थापित करने, नागरिक अधिकारों और मानवाधिकारों को प्रोत्साहित करने, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा देने, बेघरों को घर मुहैया कराने और वंचितों की हमेशा मदद करने की दिशा में काम किया।अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हालांकि वह ‘‘दार्शनिक और राजनीतिक रूप से'' कार्टर से ‘‘पूरी तरह असहमत'' हैं, लेकिन वह जानते हैं कि कार्टर ‘‘हमारे देश और इसके मूल्यों'' से सच्चा प्यार करते थे और उनका सम्मान करते थे। ट्रंप ने कहा, ‘‘उन्होंने अमेरिका को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत की और इसके लिए मैं उनका अत्यधिक सम्मान करता हूं। वह वास्तव में एक अच्छे इंसान थे और उनकी कमी निश्चित रूप से महसूस होगी।''कार्टर को भारत का मित्र माना जाता था। वह 1977 में आपातकाल हटने और जनता पार्टी की जीत के बाद भारत आने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे। भारतीय संसद में अपने संबोधन के दौरान कार्टर ने सत्तावादी शासन के खिलाफ बात की थी। कार्टर ने दो जनवरी, 1978 को कहा था, ‘‘भारत की कठिनाइयां, जिनका हम अक्सर स्वयं अनुभव करते हैं और जिनका विशेष रूप से विकासशील देशों को सामना करना पड़ता है, वे हमें भविष्य की जिम्मेदारियों की याद दिलाती हैं। सत्तावादी तरीके की नहीं।'' उन्होंने सांसदों से कहा था, ‘‘भारत की सफलताएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे इस सिद्धांत को निर्णायक रूप से खारिज करती हैं कि आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए विकासशील देश को सत्तावादी या अधिनायकवादी सरकार को और इस तरह के शासन से मनुष्यता की भावना को होने की नुकसान को स्वीकार करना होगा।'' कार्टर ने कहा था, ‘‘क्या लोकतंत्र महत्वपूर्ण है? क्या सभी लोग मानवीय स्वतंत्रता को महत्व देते हैं?...भारत ने जोरदार आवाज में ‘हां' में जवाब दिया है और यह आवाज पूरी दुनिया में सुनी गई। पिछले मार्च यहां कुछ महत्वपूर्ण हुआ, इसलिए नहीं कि कोई खास पार्टी जीती या हारी, बल्कि इसलिए कि मतदाताओं ने स्वतंत्र रूप से और समझदारी से चुनावों में अपने नेताओं को चुना। इस अर्थ में, लोकतंत्र ही विजेता रहा।'' इसके एक दिन बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ दिल्ली घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कार्टर ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच मित्रता के मूल में उनका यह दृढ़ संकल्प है कि सरकारों के कार्य लोगों के नैतिक मूल्यों से निर्देशित होने चाहिए। ‘कार्टर सेंटर' के अनुसार, तीन जनवरी, 1978 को कार्टर और तत्कालीन प्रथम महिला रोजलिन कार्टर नयी दिल्ली के पास स्थित दौलतपुर नसीराबाद गांव गए थे। वह भारत की यात्रा पर जाने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे और देश से व्यक्तिगत रूप से जुड़े एकमात्र राष्ट्रपति थे। उनकी मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में ‘पीस कोर' के साथ स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में वहां काम किया था। ‘कार्टर सेंटर' ने कहा, ‘‘यह यात्रा इतनी सफल रही कि कुछ ही समय बाद गांव के निवासियों ने उस क्षेत्र का नाम बदलकर ‘कार्टरपुरी' रख दिया।'' उसने कहा, ‘‘इस यात्रा ने एक स्थायी प्रभाव छोड़ा: जब राष्ट्रपति कार्टर ने 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता तो गांव में उत्सव मनाया गया और तीन जनवरी को कार्टरपुरी में अवकाश रहता है।'' उसने कहा कि इस यात्रा ने एक स्थायी साझेदारी की नींव रखी, जिससे दोनों देशों को बहुत लाभ हुआ है।