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कोलकाता. भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी 14 महीने बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी करने के लिए तैयार है और उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ी के अंदर देश के लिए खेलने की बेताबी हो तो वह कई चोटों से उबर सकता है। शमी आखिरी बार भारत के लिए नवंबर 2023 में वनडे विश्व कप फाइनल में खेले थे। उनके बाएं पैर में टखने में चोट लगी थी जिसके लिए उन्हें सर्जरी की जरूरत पड़ी। अनुभवी तेज गेंदबाज के बुधवार को यहां घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 के साथ भारत में वापसी करने की उम्मीद है। उन्हें वनडे चैंपियंस ट्रॉफी टीम में भी चुना गया है। शमी ने बंगाल क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘देश के लिए जो खेलने की भूख है वो कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। आपको अगर उससे प्यार है तो आप हमेशा ‘फाइटबैक' करते रहेंगे, चोटिल चाहे आप 10 बार हो जाए। मुझे लगता है कि देश के लिए खेलने की भूख कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। '' उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिमाग में हमेशा यही रहता है कि मैं कितना भी मैच खेलू लूं वो मेरे लिए कम है क्योंकि एक बार अगर मैंने क्रिकेट छोड़ा तो शायद वो दोबारा ना होगा। '' शमी ने यहां ईडन गार्डन्स में अंडर-15 महिला क्रिकेटरों को संघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कहा, ‘‘ऐसा कभी नहीं हुआ कि अपने राज्य या देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी चोट लगने के बाद खेल छोड़ने के बारे में सोचें। जब भी हम चोटिल होते हैं तो हमारे दिमाग में एक ही विचार आता है, हम कब वापसी कर सकते हैं? '' इस मौके पर क्रिकेट के दिग्गज सौरव गांगुली, भारत की पूर्व महिला कप्तान मिताली राज और झूलन गोस्वामी मौजूद थे।
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मुंबई. भारत के टेस्ट और एकदिवसीय कप्तान रोहित शर्मा ने रविवार को कहा कि पिछली जुलाई में वानखेड़े स्टेडियम में उनके और उनके साथियों के स्वागत के लिए नीले समुद्र की तरह उमड़े प्रशंसकों के हुजूम को देखने के बाद ही उन्हें टी20 विश्व कप की व्यापकता का एहसास हुआ था। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके भारतीय कप्तान 19 फरवरी से पाकिस्तान और दुबई में आयोजित होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी को जीत कर एक बार फिर से प्रशंसकों को ऐसा एहसास देना चाहते है। भारत इससे पहले 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीत चुका है। वानखेड़े स्टेडियम के 50 साल पूरे होने पर मुंबई क्रिकेट संघ के भव्य समारोह में रोहित ने कहा कि उनकी इच्छा टी20 विश्व कप जीत की तरह एक और जीत की खुशी यहां के प्रशंसकों के साथ साझा करने की है। रोहित से पूछा गया कि किस समय उन्हें वास्तव में एहसास हुआ कि भारत ने विश्व कप जीत लिया है, तो उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं यहां जश्न मनाने के बाद अगले दिन उठा, तब हमें एहसास हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘उस जश्न के बाद अगले दिन जब मैच सो कर उठा था तब मुझे एहसास हुआ था कि हमने जो किया वह बहुत, बहुत खास था।'' भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘विश्व कप जीतना एक बात है और अपने लोगों के साथ उसका जश्न मनाना अलग बात है। आप जीत का जश्न टीम के साथी खिलाड़ियों के साथ मनाते ही है लेकिन लोगों के साथ इस जश्न के साझा करने के एहसास बारे में मुझे मुंबई आने के बाद पता चला।'' रोहित ने कहा कि भारतीय टीम जल्द ही चैंपियंस ट्रॉफी अभियान शुरू करेगी और यहां के प्रतिष्ठित स्टेडियम में एक और ट्रॉफी लाने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ हम एक और टूर्नामेंट शुरू करेंगे। मुझे यकीन है कि जब हम दुबई पहुंचेंगे तो 140 करोड़ लोगों की शुभकामनाएं हमारे पीछे होंगी। हम यह जानते हैं। हम इस ट्रॉफी (आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी) को वानखेड़े में वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।'' महान सुनील गावस्कर ने कहा कि जब भी वह स्टेडियम जाते हैं तो उन्हें ‘घरेलू मैदान पर आने' का एहसास होता है। उन्होंने कहा, ‘‘जब 1974 में वानखेड़े स्टेडियम बनाया गया था, तो हमारा ड्रेसिंग रूम नीचे था। जब हमने अभ्यास सत्र के लिए पहली बार मैदान में कदम रखा तभी इससे प्यार हो गया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘ इससे पहले हम ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेलते थे। वह एक क्लब (क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया) का मैदान था। लेकिन यहां आकर ऐसा लगा जैसे यह मुंबई क्रिकेट का घरेलू मैदान है। जब भी मैं कमेंट्री के लिए आता हूं तो मुझे वही अहसास होता है। मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।'' सचिन तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेलते समय भी ऐसी ही भावनाओं का अनुभव हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘जब वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला के कार्यक्रम की घोषणा की गई, तो मैंने एन श्रीनिवासन (तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष) को फोन किया और अनुरोध किया कि क्या श्रृंखला का दूसरा और आखिरी मैच वानखेड़े में खेला जा सकता है क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरी मां मुझे अपना आखिरी मैच खेलते हुए देखें।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी मां ने उससे पहले कभी भी स्टेडियम आकर मुझे खेलते हुए नहीं देखा था। उस समय उनका स्वास्थ्य ऐसा था कि वह वानखेड़े को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर नहीं जा सकती थी। बीसीसीआई ने बहुत शालीनता से उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मेरी मां और पूरा परिवार उस दिन वानखेड़े में थे। आज जब मैंने वानखेड़े में कदम रखा, तो मैं उन्हीं भावनाओं का अनुभव कर रहा हूं।'' तेंदुलकर ने कहा कि 2003 में एकदिवसीय विश्व कप फाइनल में पहुंचने के बाद भारत ने इस स्थान पर ही विश्व कप जीता था। उन्होंने विश्व कप जीतने के बाद साथी खिलाड़ियों के द्वारा कंधे पर उठाकर मैदान का चक्कर लगाने के बारे में कहा, ‘‘वह निस्संदेह मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण था।'' इस मौके पर पूर्व हरफनमौला और भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बड़ौदा के गेंदबाज तिलक राज के ओवर में छह छक्के लगाने को याद किया। इस कार्यक्रम में शानदार लेजर शो और संगीतमय प्रदर्शन के साथ एक कॉफी टेबल बुक और एक डाक टिकट भी जारी किया गया।
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नयी दिल्ली. भारतीय महिला टीम ने पहले खो-खो विश्व कप के फाइनल में रविवार को यहां नेपाल पर 78-40 की शानदार जीत के साथ खिताब अपने नाम किया। भारतीय खिलाड़ियों ने यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में गति, रणनीति और कौशल का शानदार नमूना पेश करते हुए मैच की शुरुआत से अंत तक अपना दबदबा बनाये रखा। नेपाल ने टॉस जीतकर भारत को अटैक करने का न्योता दिया। कप्तान प्रियांक इंगले के नेतृत्व में भारतीय खिलाड़ियों ने शुरुआती टर्न में नेपाल को एक बार भी ड्रीम रन करने का मौका नहीं दिया और 34-0 की बढ़त बना ली। नेपाल ने दूसरे टर्न में अटैक करते हुए 24 अंक बनाकर वापसी की लेकिन इस दौरान बी चैत्रा ने ड्रीम रन पूरा कर भारत को भी एक अंक दिलाया। मध्यांतर के बाद भारत की बढ़त 35-24 की हो गयी।
भारतीय टीम तीसरे टर्न में अटैक करते हुए मैच पर पूरी तरह से हावी हो गयी। टीम ने 73-24 की बढ़त के साथ जीत को लगभग पक्का कर लिया। चैत्रा ने चौथे टर्न में भी ड्रीम रन से पांच अंक जुटा कर नेपाल के खिलाड़ियों को परेशान किया। नेपाल की टीम इस टर्न में 16 अंक ही जुटा सकी। भारतीय महिला टीम ने ग्रुप चरण में दक्षिण कोरिया, ईरान और मलेशिया पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश और सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को एकतरफा अंदाज में हराया था। - नयी दिल्ली. भारतीय महिला और पुरुष टीम ने शनिवार को यहां अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए खोखो विश्व कप में अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। महिला टीम ने सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 66-16 से जबकि पुरुष टीम ने भी दक्षिण अफ्रीका को 62-42 से शिकस्त देकर टूर्नामेंट के पहले चरण की खिताबी भिड़ंत में जगह बनाई। अब दोनों पुरुष और महिला टीमें फाइनल में नेपाल से भिड़ेंगी।नेपाल की महिला टीम ने सेमीफाइनल में यूगांडा को 89-18 से हराया।पुरुष वर्ग में नेपाल ने ईरान को 72-20 से हराकर खिताबी मुकाबले में अपनी जगह पक्की की।
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मुंबई. भारतीय टेस्ट और वनडे टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ मुंबई के अगले रणजी ट्रॉफी मैच के लिए अपनी उपलब्धता की शनिवार को पुष्टि की लेकिन घरेलू मैचों में स्टार खिलाड़ियों की भागीदारी को लेकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर के व्यस्त कार्यक्रम से खिलाड़ियों के लिए समय निकालना मुश्किल है। रोहित ने यह भी कहा कि कोई भी खिलाड़ी शीर्ष घरेलू प्रतियोगिता को हल्के में नहीं लेता है।
रणजी ट्रॉफी का दूसरा चरण 23 जनवरी से शुरू हो रहा है। मुंबई की टीम यहां के एमसीए-बीकेसी ग्राउंड में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ खेलेगी। बीसीसीआई मुख्यालय में यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान घरेलू मैच के लिए उनकी उपलब्धता के बारे में पूछे जाने पर रोहित ने कहा, ‘‘पिछले छह सात वर्षों से अगर आप हमारे कैलेंडर को देखें तो ऐसा कभी नहीं हुआ कि हम 45 दिनों तक घर बैठे रहे हो। ऐसा तभी होता है जब आईपीएल खत्म होने के तुरंत बाद कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं होता है।'' भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘हमारा घरेलू सत्र अक्टूबर में शुरू होता है और मार्च तक चलता है। जो खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के लिए सभी प्रारूप नहीं खेल रहे हैं और जब घरेलू क्रिकेट हो रहा है, तो वे इसमें खेल सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपनी बात करूं तो मैंने 2019 से नियमित रूप से टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया दिया है। ऐसे में आपको मुश्किल से ही समय मिलता है। जब आप नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं, तो आपको तरोताजा होने के लिए समय की जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि कोई घरेलू क्रिकेट को हल्के में ले रहा है।'' सैंतीस साल के इस खिलाड़ी ने टेस्ट में अपनी पिछली 15 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक बनाने के बावजूद इस प्रारूप से संन्यास लेने से इनकार कर दिया है। रोहित ने मंगलवार को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई टीम के साथ अभ्यास किया था। रोहित हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुरी तरह विफल रहे। वह तीन मैचों की पांच पारियों में सिर्फ 31 रन ही बना सके थे। खराब फॉर्म के कारण वह पांच मैचों की श्रृंखला के आखिरी टेस्ट को नहीं खेले थे। - नई दिल्ली । भारतीय पुरुष हॉकी टीम के डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपनी खुशी व्यक्त की और कहा, "इस भावना के करीब कुछ भी नहीं है"। जरमनप्रीत ने पिछले वर्ष पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम को लगातार दूसरी बार कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत ने कांस्य पदक के मैच में एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए स्पेन को 2-1 से हराया।भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को भी पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक पदक विजेताओं - मनु भाकर (निशानेबाजी) और प्रवीण कुमार (पैरा-एथलीट) और विश्व शतरंज चैंपियन गुकेश डी के साथ मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में।जरमनप्रीत ने कहा कि यह सम्मान युवाओं को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित करेगा तथा उन्होंने यह सम्मान अपने परिवार और समर्थकों को समर्पित किया। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि यह किसी खिलाड़ी के लिए सर्वोच्च पुरस्कार है और इस भावना के करीब कुछ भी नहीं हो सकता। मुझे बहुत खुशी है कि लोग हॉकी को इतना प्यार दे रहे हैं और सरकार भी हमारा समर्थन कर रही है। ये पुरस्कार प्रेरणा देंगे युवा पीढ़ी को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित करना। मैं यह पुरस्कार अपने परिवार और हर उस व्यक्ति को समर्पित करूंगा जो मेरे अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़ा रहा।"जरमनप्रीत के अलावा 17 पैरा-एथलीटों सहित 31 एथलीटों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता राइफल निशानेबाज स्वप्निल कुसाले भी पुरस्कार प्राप्त करने वालों में शामिल थे। वह ओलंपिक में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन (3पी) पुरुष स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज बने।कुसाले के लिए यह दोहरी खुशी थी क्योंकि उन्होंने इस समारोह में अपनी कोच और पूर्व निशानेबाज दीपाली देशपांडे के साथ हिस्सा लिया, जिन्हें प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।"यह मेरे लिए और साथ ही मेरी कोच दीपाली देशपांडे मैम के लिए एक विशेष दिन है, जिन्हें आज द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला। मैं वास्तव में खुश हूं कि एथलीट और कोच ने एक साथ इस विशेष क्षण को साझा किया। मैं वास्तव में भगवान का शुक्रगुजार हूं,"पैरा-शटलर थुलसिमथी मुरुगेसन, जिन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में महिला एकल SU5 में रजत पदक जीता, ने भी अन्य महान खिलाड़ियों के साथ पोडियम साझा करने की अपनी खुशी साझा की। "यह बहुत खुशी की बात है और मेरे लिए यह बहुत ही भावुक क्षण है। मुरुगेसन ने कहा, "आज मुझे यह अर्जुन पुरस्कार मिला है। मैं बहुत-बहुत खुश हूं, क्योंकि बचपन से ही मैंने कई महान खिलाड़ियों को यह पुरस्कार प्राप्त करते देखा है। इसलिए आज मुझे अर्जुन पुरस्कार मिला। यह बहुत खुशी का पल है।"
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 प्रदान किए। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश, पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पेरिस पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक विजेता प्रवीण कुमार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह पुरस्कार पिछले चार वर्षों में खेल के क्षेत्र में किसी खिलाड़ी द्वारा किए गए शानदार और सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कारज्ञात हो, 22 वर्षीय भाकर अगस्त में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बन गईं।भारतीय हॉकी टीम कप्तान हमरनप्रीत और शतरंज चैंपियन डी. गुकेश को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कारइन्हीं खेलों में, हमरनप्रीत ने भारतीय हॉकी टीम को लगातार दूसरा कांस्य पदक दिलाया। दूसरी ओर, 18 वर्षीय गुकेश सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने, साथ ही पिछले साल शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम को ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने में भी मदद की।पैरा हाई-जम्पर प्रवीण को मिला मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कारचौथे प्राप्तकर्ता हैं पैरा हाई-जम्पर प्रवीण, जिन्हें पेरिस पैरालिंपिक में टी64 चैंपियन का ताज पहनाया गया था। टी 64 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जिनके घुटने के नीचे एक या दोनों पैर गायब हैं और दौड़ने के लिए कृत्रिम पैर पर निर्भर हैं।इन्हें मिला द्रोणाचार्य पुरस्कारपैरा निशानेबाजी कोच सुभाष राणा, निशानेबाजी कोच दीपाली देशपांडे, हॉकी कोच संदीप सांगवान, बैडमिंटन कोच एस. मुरलीधरन और फुटबॉल कोच अरमान्डो एग्नेलो कोलाको को द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया गया।अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किए गए 32 खिलाड़ीएथलीट ज्योति यरराजी और अन्नू रानी, मुक्केबाज नीतू और स्वीटी, पैरा तीरंदाज राकेश कुमार सहित 32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय को मिली मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफीएथलीट सुच्चा सिंह और पैरा तैराक मुरलीकांत पेटकर को लाइफ टाइम अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में समग्र रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने के लिए चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय को मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी प्रदान की गई। -
नई दिल्ली .दिल्ली की सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में केवल छह मैच ही खेले हैं लेकिन उनके रूप में शायद भारत को वह शीर्ष क्रम बल्लेबाज मिल गया है जिसकी उसे इस साल के अंत में घरेलू मैदान पर होने वाले महिला वनडे विश्व कप से पहले तलाश थी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अंपायर की बेटी और मनोविज्ञान की स्नातक प्रतिका ने छह पारियों में 74 के शानदार औसत से रिकॉर्ड 444 रन बनाकर भारत के लिए अपने करियर की शानदार शुरुआत की है। शीर्ष क्रम में अनुभवी शेफाली वर्मा की जगह लेने वाली 24 वर्षीय इस खिलाड़ी ने तीन हफ्ते पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर दबाव महसूस किया था। लेकिन विचारों की स्पष्टता और अपनी काबिलियत पर आत्मविश्वास ने उन्हें हर मैच के साथ बेहतर होने में सक्षम बनाया। अपने शुरुआती मैच में 60 से कम स्ट्राइक रेट से लेकर कुछ मैचों बाद 95.58 के औसत से रन बनाने तक प्रतिका ने कम समय में ही ऊंची उड़ान भरी है। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अमिता शर्मा ने दिल्ली की मुख्य चयनकर्ता के रूप में प्रतिका के करियर पर करीबी नजर रखी। वह वेस्टइंडीज और आयरलैंड के खिलाफ प्रतिका के शानदार प्रदर्शन से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं। भारत की ओर से अब तक की सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक अमिता ने कहा, ‘‘प्रतिका ने इस सत्र से रेलवे के लिए खेलना शुरू किया लेकिन मैंने उसे तब से खेलते देखा है जब वह पांच-छह साल पहले दिल्ली क्रिकेट में आयी थी। वह हमेशा अपने कौशल और कड़ी मेहनत के कारण सबसे अलग रही है। '' उन्होंने कहा, ‘‘उसके खेल की सबसे अच्छी बात यह है कि उसका रक्षण बहुत मजबूत है और अगर स्थिति की मांग होती है तो वह बड़े शॉट भी लगा सकती है जैसा उसने वेस्टइंडीज और आयरलैंड के खिलाफ किया था। हर पारी के साथ वह बेहतर होती गई। '' प्रतिका ने आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों में 50 से अधिक का स्कोर बनाया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आखिरी वनडे के लिए बचाकर रखा जिसमें उन्होंने 129 गेंद में 154 रन बनाए और स्मृति मंधाना के साथ 233 रनों की साझेदारी कर भारत को पांच विकेट पर 435 रन के रिकॉर्ड स्कोर तक पहुंचाया। विकेट के चारों ओर उनके स्ट्रोकप्ले ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। वह एक्स्ट्रा कवर से इनसाइड आउट ड्राइव खेलती हैं और साथ ही पुल और स्वीप का भी इस्तेमाल करती हैं। प्रतिका बास्केटबॉल में स्वर्ण पदक विजेता भी हैं। उनमें भले ही शेफाली जैसी ताकत नहीं दिखती हो लेकिन उनमें गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने की एक दुर्लभ क्षमता है। भारत के लिए 116 वनडे में 87 विकेट लेने वाली अमिता ने कहा, ‘‘उन्होंने टीम में शेफाली की जगह ली है इसलिए उनके साथ तुलना होगी। मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि वे दोनों बहुत अलग खिलाड़ी हैं। हालांकि इन दो श्रृंखला में वह छक्के जड़ने वाली हिटर के रूप में सामने नहीं आई है लेकिन मैं आपको बता सकती हूं कि वह शेफाली से ज्यादा लंबी दूरी तक गेंद मार सकती है। '' वह मनोविज्ञान की छात्रा रही है जिसने उसे स्पष्ट सोच के साथ खेलने में मदद की है जो उच्चतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
- नयी दिल्ली. शतरंज के नये विश्व चैंपियन डी गुकेश उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जब यह खेल ओलंपिक स्पर्धाओं का हिस्सा बन जाएगा और उनका कहना है कि इससे यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में एक अलग स्तर पर पहुंच जाएगा। हाल ही में सिंगापुर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैंपियन बने 18 वर्षीय गुकेश ने बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) द्वारा उन्हें और विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि लगभग एक महीने तक चले जश्न के बाद वह अपने अगले टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने की जोरदार वकालत की है और गुकेश ने कहा कि अगर यह भव्य आयोजन भारत को मिलता है और शतरंज इसका हिस्सा बनता है तो यह एक सपने के सच होने जैसा होगा। गुकेश ने समारोह में कहा, ‘‘मैं शतरंज को ओलंपिक का हिस्सा बनते देखना पसंद करूंगा, खासकर अगर यह भारत में हो। मुझे लगता है कि शतरंज को काफी लोकप्रियता और समर्थन मिल रहा है। मैं इसके लिए वाकई खुश हूं और ओलंपिक इसे अगले स्तर पर ले जाएगा। मैं वाकई इसके लिए उत्साहित हूं। '' इस समारोह में हम्पी को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने हाल में न्यूयॉर्क में अपना दूसरा विश्व रैपिड खिताब जीता था। एआईसीएफ ने गुकेश को विश्व खिताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बनने के लिए एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की भी घोषणा की। उनके सहयोगी स्टाफ के प्रयासों को मान्यता देते हुए महासंघ ने उनकी टीम को 50 लाख रुपये दिए जिससे उन्हें इस टूर्नामेंट की तैयारी में मदद मिली। हम्पी को उनके प्रयासों के लिए 50 लाख रुपये मिले जबकि न्यूयॉर्क में विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली आर वैशाली को 20 लाख रुपये दिए गए।
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विज्क आन जी (नीदरलैंड). ग्रैंडमास्टर डी गुकेश विश्व चैंपियन बनने के बाद शुक्रवार से यहां शुरू हो रहे टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। दिसंबर में सिंगापुर में विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद गुकेश ने न्यूयॉर्क में विश्व रैपिड और ब्लिट्ज टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया था। इसके बाद वह पहली बार किसी टूर्नामेंट में शिरकत करेंगे। वह शनिवार को अपना अभियान शुरू करेंगे। शुक्रवार को उद्घाटन समारोह में जोड़ियों की घोषणा की जाएगी। पांच भारतीय पहली बार ‘शतरंज का विंबलडन' कहे जाने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं। यह दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाली प्रतियोगिताओं में से एक है जो 1938 से खेली जा रही है। दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी 2024 में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा रेटिंग वाले भारतीय खिलाड़ी के रूप में शुरुआत करेंगे। इस दौरान वह विश्वनाथन आनंद के बाद 2800 ईएलओ रेटिंग पार करने वाले दूसरे भारतीय बन गए थे। 14 खिलाड़ियों और 13 दौर की इस प्रतियोगिता में आर प्रज्ञानानंदा भी दौड़ में होंगे। प्रज्ञानानंदा के दुनिया के युवा खिलाड़ियों में शायद सबसे ज्यादा प्रशंसक हैं। विदित गुजराती को इस प्रतियोगिता से हटना पड़ा और आयोजकों ने उनकी जगह पी हरिकृष्णा को चुना। पांचवें भारतीय लियोन ल्यूक मेंडोंका हैं जिन्हें चैलेंजर्स वर्ग के पिछले चरण में जीत के बाद एलीट शतरंज में अपना पहला बड़ा ब्रेक मिला है। विश्व की शीर्ष रेटिंग पर काबिज नार्वे के मैग्नस कार्लसन एक बार फिर इस टूर्नामेंट में एक बार फिर भाग नहीं लेंगे जिनकी शादी को अभी दो सप्ताह भी नहीं हुए हैं। इसी तरह अमेरिका के तीसरी रैंकिंग के हिकारू नाकामुरा भी इस टूर्नामेंट में भाग नहीं लेंगे।
अमेरिका के फैबियानो कारुआना शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के रूप में शुरुआत करेंगे जिसमें उज्बेकिस्तान के नोडिरबेक अब्दुसत्तोरोव और चीन के गत विजेता वेई यी भी भाग लेंगे। गुकेश ने 2024 में इस प्रतियोगिता को लगभग जीत ही लिया था लेकिन वह चीनी खिलाड़ी के खिलाफ टाईब्रेकर में हार गए। - मुंबई. मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने 1974-1975 सत्र के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में पहले प्रथम श्रेणी मैच का हिस्सा रहे मुंबई टीम के जीवित आठ सदस्यों को बुधवार को यहां 10-10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया। तब ‘बॉम्बे' के नाम से जाने जानी वाली मुंबई टीम ने उस सत्र में खिताब भी जीता था जिसके ये आठ सदस्य सुनील गावस्कर, करसन घावरी, पद्माकर शिवालकर, फारुख इंजीनियर, अजीत पई, मिलिंद रेगे, अब्दुल इस्माइल और राकेश टंडन हैं। इन आठ खिलाड़ियों में से पांच शिवालकर, घावरी, पई, रेगे और इस्माइल कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे। यह घोषणा एमसीए सचिव अभय हडप ने वानखेड़े स्टेडियम में पहला प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाली मुंबई टीम के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह के दौरान की। एमसीए अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने समारोह के दौरान कहा, ‘‘हम वानखेड़े स्टेडियम में 1974 में पहले प्रथम श्रेणी मैच में हिस्सा लेने वाली मुंबई टीम के सदस्यों को अपने साथ पाकर गौरवान्वित हैं। ये वास्तव में वानखेड़े के रत्न हैं और हम उनका बहुत सम्मान करते हैं। हमें प्रत्येक जीवित सदस्य के लिए 10 लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। '' इस कार्यक्रम के दौरान एमसीए ने वर्ष 1975 के पूर्व अधिकारियों को भी सम्मानित किया। यह कार्यक्रम एमसीए द्वारा प्रतिष्ठित स्टेडियम के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित सप्ताह भर चलने वाले समारोह का एक हिस्सा है। इससे पहले दिन में मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने एमसीए के मैदानकर्मियों से बात की जो वानखेड़े स्टेडियम, बीकेसी में शरद पवार क्रिकेट अकादमी और कांदिवली में सचिन तेंदुलकर जिमखाना जैसे विभिन्न स्टेडियमों पर काम करते हैं। रहाणे ने कहा, ‘‘मैचों के दौरान हर टीम एक अच्छी पिच और अच्छे मैदान की उम्मीद करती है। हालांकि मैदानकर्मियों की कड़ी मेहनत को अकसर पहचान नहीं मिलती है। आलोचना करना आसान है लेकिन कम ही लोग उनके काम में लगने वाली मेहनत पर विचार करते हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘आज एमसीए ने एक सराहनीय पहल की है। आप मैदानकर्मी मुंबई क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण हैं। चाहे कोई भी टीम खेलने आए, आपका योगदान हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा।
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राजकोट. भारतीय महिला टीम ने बुधवार को यहां स्मृति मंधाना के 70 गेंद में सबसे तेज शतक और प्रतिका रावल के पहले सैकड़े के दम पर कई रिकॉर्ड बनाते हुए आयरलैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 304 रन की अपनी सबसे बड़ी जीत से श्रृंखला 3-0 से अपने नाम की। स्मृति 135 रन (80 गेंद, 12 चौके, सात छक्के) बनाकर सबसे तेज शतक जड़ने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनीं। उनकी और प्रतिका की 129 गेंद में 154 रन (20 चौके, एक छक्का) की पारी से भारत ने पांच विकेट पर 435 रन बनाए जिससे टीम 50 ओवर के प्रारूप में अब तक के अपने सर्वोच्च स्कोर तक पहुंची। यह किसी भी (पुरुष और महिला) भारतीय टीम का वनडे में सर्वोच्च स्कोर है। वनडे में भारतीय पुरुष टीम का सबसे बड़ा स्कोर पांच विकेट पर 418 रन है जो उसने 2011 में इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था। मैच का नतीजा महज औपचारिकता रह गया था। भारत ने आयरलैंड को 31.4 ओवरों में सिर्फ 131 रन पर ढेर कर दिया। कार्यवाहक कप्तान स्मृति और प्रतिका ने पहले विकेट के लिए 26.4 ओवर में 233 रन की साझेदारी निभाई। फिर भारतीय गेंदबाजों में स्पिनर तनुजा कंवर (31 रन देकर दो विकेट) और दीप्ति शर्मा (27 रन देकर तीन विकेट) ने मिलकर आयरलैंड की कम अनुभवी टीम के पांच विकेट झटककर उसे आउट करने में अहम भूमिका निभाई। आयरलैंड की टीम की शुरूआत काफी खराब रही जिसने 24 रन तक दो विकेट गंवा दिये थे लेकिन ओर्ला प्रेंडरगास्ट (36 रन) और सारा फोर्ब्स (41 रन) के तीसरे विकेट के लिए 64 रन से टीम 88 रन तक पहुंची। पर तनुजा के प्रेंडरगास्ट को आउट करने के बाद भारतीयों ने आयरलैंड के बल्लेबाजी क्रम की सात खिलाड़ियों को महज 33 रन के अंदर समेट दिया। इससे भारतीय टीम रनों के लिहाज से अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब रही। इससे पहले टीम ने 2017 में दक्षिण अफ्रीका में इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 249 रन से जीत दर्ज की थी। इससे पहले स्मृति ने सिर्फ 70 गेंद पर अपना 10वां वनडे शतक जड़ा। अपनी इस शानदारी पारी की मदद से स्मृति ने हरमनप्रीत कौर के पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 87 गेंद पर बनाए गए शतक को भी पीछे छोड़ दिया। इस तरह भारतीय महिला टीम पहली बार 400 रन के आंकड़े तक पहुंची। इससे टीम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ एलीट सूची में शामिल होने में कामयाब रही। यह महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चौथा सर्वोच्च स्कोर भी है। स्मृति ने 39 गेंद में अपना 31वां वनडे अर्धशतक पूरा किया और बाएं हाथ की इस बल्लेबाज ने हवाई शॉट लगाने से भी गुरेज नहीं किया। उनकी पारी में सात छक्के और 12 चौके जड़े थे। वहीं रेलवे का प्रतिनिधित्व करने वाली दिल्ली की क्रिकेटर प्रतिका ने अपनी कप्तान का पूरा साथ निभाते हुए शानदार पारी खेली। उन्होंने अपनी छठी ही पारी में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक जड़कर इस मैच को और भी खास बना दिया। उन्होंने 129 गेंद में 154 रन बनाए। वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछली श्रृंखला में पदार्पण करने वाली 24 वर्षीय खिलाड़ी ने चार पारियों में तीन अर्धशतक जड़े थे। इस बार उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 100 गेंद में शतक जड़कर शानदार प्रदर्शन किया। प्रतिका ने धैर्य और आक्रामकता का सही मेल दिखाया और अपनी पारी के दौरान 12 चौके और एक छक्का जड़ा।
दोनों के बीच 233 रन की साझेदारी से यह जोड़ी महिला वनडे में 200 रन की भागीदारी करने वाली चौथी भारतीय जोड़ी बन गई। पिछली बार दीप्ति शर्मा और पूनम राउत ने 2017 में आयरलैंड के खिलाफ पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड 320 रन की साझेदारी निभाई थी। यह तीसरा मौका था जब दोनों भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने महिला वनडे में शतक जड़े हों। इससे पहले 1999 में रेश्मा गांधी और मिताली राज तथा दीप्ति और राउत ने आयरलैंड के खिलाफ शतक जड़े थे। भारतीय जोड़ी ने पावरप्ले के दौरान 90 रन और अगले 10 ओवर में 67 रन जोड़े जिससे स्कोरिंग गति तेज रही। इस तरह दोनों ने पिछली छह पारियों में से चौथी बार 100 रन की भागीदारी बनाई। स्मृति ने कैलेंडर वर्ष का अपना पहला शतक अर्लेन कैली की गेंद पर शानदार ड्राइव के साथ पूरा किया। स्मृति ने इसी गेंदबाज के ओवर में लगातार दो छक्के जड़े। तीसरे नंबर पर उतारी गईं विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ने भी फॉर्म में वापसी की और 37 गेंद में अर्धशतक बनाया। यह वनडे में उनका पांचवां अर्धशतक था। आयरलैंड ने सात गेंदबाजों का इस्तेमाल किया लेकिन ये सभी भारत की बल्लेबाजों के सामने संघर्ष करती दिखीं। वहीं खराब क्षेत्ररक्षण ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी।
- नयी दिल्ली. एक दिवसीय विश्व कप के दौरान केएल राहुल के विकेटकीपर की भूमिका निभाने से भारतीय टीम को संतुलन मिला था लेकिन अब लगता नहीं कि कर्नाटक का यह बल्लेबाज सीमित ओवरों की क्रिकेट में फिर से यह जिम्मेदारी संभालेगा। विजय हजारे ट्रॉफी फाइनल के एक दिन बाद 19 जनवरी को राष्ट्रीय चयन समिति की बैठक होने की उम्मीद है, जिसमें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 15 सदस्यीय टीम का चयन किया जाएगा। इस बैठक में दूसरे विकेटकीपर और कुलदीप यादव के सही समय पर फिट नहीं हो पाने पर लेग स्पिनर को लेकर चर्चा होने की संभावना है। जहां तक विकेटकीपर का सवाल है तो इसमें कोई संदेह नहीं की पहली पसंद ऋषभ पंत हैं। टीम में दूसरे विकेटकीपर के स्थान के लिए ध्रुव जुरेल, संजू सैमसन और ईशान किशन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि जुरेल इसमें बाजी मार सकता है। संजू सैमसन ने विजय हजारे ट्रॉफी में नहीं खेलने का फैसला किया जिससे उनका मामला कमजोर पड़ गया है।किशन ने अभी तक 27 वनडे में 933 रन बनाए हैं जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है लेकिन पिछले साल घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने के कारण वह चयन समिति के रडार से दूर हो गए। जहां तक जुरेल का सवाल है तो उन्होंने जब भी मौका मिला तब विकेटकीपर और बल्लेबाज दोनों भूमिकाओं में प्रभाव छोड़ा। वह निश्चित तौर पर सीमित ओवरों की क्रिकेट के लिए भी चयन समिति की निगाह में हैं। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में लेग स्पिनर की भूमिका कौन निभाएगा इसको लेकर भी चयन समिति की बैठक में गंभीर चर्चा हो सकती है। कुलदीप यादव को जल्द ही फिटनेस टेस्ट देना होगा और अगर वह फिट नहीं हो पाते हैं तो फिर तमिलनाडु के वरुण चक्रवर्ती और गुजरात के रवि बिश्नोई में से किसी एक को मौका मिल सकता है। इन दोनों ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके अपना दावा मजबूत किया है। भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी इन दोनों के कौशल से अच्छी तरह से अवगत हैं। गौतम गंभीर जब कोलकाता नाइट राइडर्स से जुड़े हुए थे तब चक्रवर्ती उस टीम का हिस्सा थे। गंभीर जब लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर (मार्गदर्शक) थे तब बिश्नोई उस टीम के लिए खेलते थे।
- नयी दिल्ली. । भारत ने पहले खो-खो विश्व कप के रोमांचक शुरुआती मुकाबले में सोमवार को यहां नेपाल को 42-37 से हराकर अपने अभियान का आगाज किया। भारत ने शुरुआती सात मिनट के खेल में 24-0 की बढ़त बनायी जबकि नेपाल ने अगले सात मिनट में 20 अंक जुटाये। मध्यांतर तक भारत के पास 24-20 की बढ़त थी। भारतीय टीम ने मध्यांतर के बाद 14 मिनट के खेल में 18 अंक बनाये जबकि नेपाल की टीम 17 अंक ही हासिल कर सकी.।
- मुंबई । देवजीत सैकिया और प्रभतेज सिंह भाटिया को रविवार को यहां भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की विशेष आम बैठक (एसजीएम) में निर्विरोध सचिव और कोषाध्यक्ष चुना गया। जय शाह और आशीष शेलार के त्यागपत्र देने के बाद यह दोनों पद रिक्त पड़े थे। सैकिया और भाटिया इन रिक्त पदों के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार होने के कारण निर्विरोध चुने गए। पिछले महीने आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद शाह को सचिव पद छोड़ना पड़ा था जबकि शेलार ने महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। सैकिया असम और भाटिया छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। शाह के एक दिसंबर को आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद सैकिया सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारियां निभा रहे थे। वह संयुक्त सचिव थे और अब यह पद रिक्त हो गया है। चुनाव अधिकारी एके जोती ने परिणाम घोषित करते हुए कहा, ‘‘पदाधिकारियों के दो पद सचिव और कोषाध्यक्ष के लिए निर्विरोध निर्वाचन हुआ और इसलिए मतदान की जरूरत नहीं पड़ी।'' शाह को बीसीसीआई ने शनिवार को सम्मानित किया था। उनका एसजीएम में भी स्वागत किया गया।
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नयी दिल्ली. भारत में 13 जनवरी से शुरू होने वाले खो-खो विश्व कप के उद्घाटन सत्र में प्रतीक वायकर भारतीय पुरुष टीम जबकि प्रियंका इंगले महिला टीम की कप्तानी करेंगी। टूर्नामेंट 13 से 19 जनवरी तक इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। भारतीय पुरुष टीम शुरुआती दिन (13 जनवरी) नेपाल से भिड़ेगी, जबकि महिला टीम 14 जनवरी को दक्षिण कोरिया से भिड़ेगी। इस दौरान मुन्नी जून महिला टीम के लिए मुख्य कोच के रूप में काम करेंगी, जबकि अश्विनी कुमार पुरुष टीम के सलाहकार होंगे। भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने खो-खो विश्व कप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेजर जनरल विक्रम देव डोगरा के साथ बृहस्पतिवार को इसकी घोषणा की। मित्तल ने टीमों की जर्सी में एक विशेष बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि पुरुष और महिला दोनों टीमें की जर्सी पर ‘भारत' लिखा होगा। खेलों में भारतीय टीम की जर्सी पर आमतौर पर ‘इंडिया' लिखा होता है।
मित्तल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हमारी टीम को ‘भारत की टीम' के नाम से जाना जाएगा। जर्सी पर ‘भारत' प्रमुखता से अंकित होगा।'' इस मौके पर महिला वर्ग की विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी का भी अनावरण किया गया।
खो-खो विश्व कप की सीओओ (मुख्य संचालन अधिकारी) गीता सुधन ने कहा, ‘‘हरी ट्रॉफी उन महिलाओं को सम्मानित करेगी जो अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगी।'' टूर्नामेंट से पहले जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक तैयारी शिविर का आयोजन हुआ था जिसमें पूरे भारत से 60 पुरुष और इतने ही महिला खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय टीमों में जगह बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा की। -
नयी दिल्ली, भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट संघर्ष कर रहे कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज विराट कोहली रणजी ट्रॉफी खेल कर यह साबित कर सकते हैं कि उनमें इस प्रारूप में सफल होने का जज्बा बरकरार है। रोहित और कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बुरी तरह से विफल रहे। ऑस्ट्रेलिया ने भारत की लचर बल्लेबाजी का फायदा उठाते हुए इस श्रृंखला को 3-1 से जीता। भारतीय टीम के श्रृंखला गंवाने के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर ने घरेलू क्रिकेट के महत्व पर जोर दिया था। भारतीय टीम अपना अगला टेस्ट इस साल जून में खेलेगी लेकिन शास्त्री का भी मानना है कि रोहित और कोहली को रणजी ट्रॉफी खेलना चाहिए। शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू' में कहा, ‘‘उनके खेल में अगर कोई कमी है तो उन्हें वापस जाना चाहिए और घरेलू क्रिकेट खेल कर सुधार करना चाहिये। जब आप इतने लंबे समय तक टेस्ट मैच क्रिकेट खेलते हैं तो दो कारणों से घरेलू क्रिकेट खेलना महत्वपूर्ण है। एक तो आपको वर्तमान पीढ़ी के साथ तालमेल बनाना होता है और दूसरा आप युवा खिलाड़ियों को बेहतर बनाने में योगदान दे सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ स्पिनरों की मददगार पिचों पर भी इस टीम का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। प्रतिद्वंद्वी टीम में अगर अच्छा स्पिनर है तो वह आपको परेशान कर सकता है।'' भारतीय टेस्ट टीम के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ टीम में बने रहने के लिए जुनून और जज्बे की जरूरत होती है। एक 36 साल (कोहली) साल है तो दूसरा 38 साल (रोहित) का है, दोनों को पता है कि उनमें खेल को लेकर कितना जुनून है।'' ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने कहा कि कोहली को खराब दौर से उबरने के लिए खेल से विश्राम लेना चाहिये। कोहली ने 2022 में एक महीने का ब्रेक लिया था और इसका उन्हें फायदा हुआ था। पोंटिंग ने कहा, ‘‘ विराट जरूरत से ज्यादा प्रयास कर रहे हैं। कई बार ऐसा होता है कि जब आप जरूरत से ज्यादा जोर लगाते है तो सफलता कम मिलती है।
- नयी दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका के महान खिलाड़ी एबी डिविलियर्स को उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) निकट भविष्य में भारतीय खिलाड़ियों को एसए20 में भाग लेने की अनुमति देगा क्योंकि इससे इस फ्रेंचाइजी आधारित टी20 लीग की लोकप्रियता बढ़ेगी। दिनेश कार्तिक एसए20 में भाग लेने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बनने वाले हैं लेकिन यह तभी संभव हो पाया जब उन्होंने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। बीसीसीआई अपने सक्रिय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं देता है और अभी तक भारत से बाहर की प्रतियोगिताओं में खेलने का एकमात्र तरीका स्वदेश में अपने करियर को विराम देना है। डिविलियर्स ने नौ जनवरी से शुरू होने वाले एसए20 के तीसरे सत्र से पूर्व चुनिंदा मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं और अधिक भारतीय खिलाड़ियों को इसमें शामिल होते देखना पसंद करूंगा। हम जानते हैं कि दिनेश कार्तिक इस साल यहां होंगे जो शानदार है और यह टूर्नामेंट के लिए बहुत अच्छा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘और उम्मीद है कि बीसीसीआई भविष्य में और अधिक भारतीय खिलाड़ियों को एसए20 में शामिल होने की अनुमति देगा।'' डिविलियर्स अच्छी तरह से जानते हैं कि बीसीसीआई निकट भविष्य में सक्रिय भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग के लिए उपलब्ध नहीं कराने जा रहा है लेकिन वह विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को एसए20 में देखना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ भारतीय खिलाड़ियों को उनके करियर के चरम पर यहां आकर खेलते देखना अच्छा रहेगा। अगर मुझे चुनना होता तो मैं सभी मौजूदा खिलाड़ियों को चुनता: बुमराह, ऋषभ पंत, विराट, शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव।'' डिविलियर्स ने कहा, ‘‘कल्पना कीजिए कि स्काई (सूर्यकुमार) यहां खेल रहा है - यह अद्भुत होगा! लेकिन अगर मैं पिछले खिलाड़ियों के बारे में सोचता हूं, तो रोबिन उथप्पा, दिनेश कार्तिक या शायद इरफान पठान भी दिमाग में आते हैं। इनमें से कुछ खिलाड़ी पहले से ही दुनिया भर में मास्टर्स लीग में भाग ले रहे हैं। कौन जानता है, शायद मैं निकट भविष्य में उनके साथ शामिल हो जाऊं।'' आईपीएल में विवादास्पद इम्पैक्ट प्लेयर नियम को 2027 तक बढ़ा दिया गया है लेकिन डिविलियर्स इसके प्रशंसक नहीं हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह नियम एसए20 में लागू किया जाना चाहिए तो उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं कभी भी इसका बड़ा प्रशंसक नहीं रहा हूं और मैंने पिछले सत्र में आईपीएल में इसके बारे में बात की थी। मुझे लगता है कि यह थोड़ा भ्रमित करने वाला है, यह ऑलराउंडर और टीम में उनकी भूमिका पर थोड़ा दबाव भी डालता है।
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चंडीगढ. एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता और गोला फेंक के पूर्व खिलाड़ी बहादुर सिंह सागू को मंगलवार को यहां वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। वह लंबे समय से शीर्ष पद पर कार्यरत आदिल सुमरिवाला की जगह लेंगे। बुुसान एशियाई खेल 2002 में गोला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने तथा 2000 और 2004 के ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले 51 वर्षीय सागू को चार साल के लिए इस पद पर चुना गया है। वह एएफआई एथलीट आयोग के सदस्य भी हैं। निवर्तमान वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज के अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो जाने के बाद सागू मैदान में एकमात्र उम्मीदवार बचे थे। एएफआई की दो दिवसीय वार्षिक आम बैठक में उनके चुनाव को औपचारिक रूप दिया गया।
सागू ने एशियाई खेल 2002 में पुरुषों के गोला फेंक में 19.03 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 20.40 मीटर है। उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। एएफआई के अन्य पदों के लिए भी कोई चुनाव नहीं हुआ तथा 2020 में पिछली एजीएम के दौरान जो हुआ उसकी पुनरावृत्ति हुई। दिल्ली इकाई के शीर्ष पदाधिकारी संदीप मेहता को निर्विरोध एएफआई सचिव चुना गया। वह निवर्तमान कार्यकारी परिषद में वरिष्ठ संयुक्त सचिव थे। स्टेनली जोन्स को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। 67 वर्षीय सुमरिवाला 2012 से एएफआई अध्यक्ष थे और मौजूदा राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत वह इस बार चुनाव लड़ने के पात्र नहीं थे। उनके कार्यकाल के दौरान नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचा था। चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीता। सुमारिवाला वर्तमान में विश्व एथलेटिक्स के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य हैं। -
नयी दिल्ली. भारतीय पुरुष टीम 13 जनवरी से शुरू होने वाले पहले खो-खो विश्व कप के शुरुआती दिन अपने अभियान का आगाज ग्रुप ए में नेपाल के खिलाफ यहां के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में करेगी जबकि महिला टीम इसके अगले दिन दक्षिण कोरिया के खिलाफ अपना पहला मैच खेलेगी। तेरह से 19 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस विश्व कप के पुरुष और महिला वर्ग में क्रमश: 20 और 19 टीमें भाग ले रही है। पुरूष वर्ग में भारत और नेपाल के अलाव ग्रुप ए में पेरू, ब्राजील और भूटान की टीमें हैं।
महिलाओं के वर्ग में ग्रुप ए में भारत और दक्षिण कोरिया के साथ ईरान और मलेशिया की टीमें है।
भारतीय पुरुष टीम इसके बाद 14 जनवरी को ब्राज़ील, 15 जनवरी को पेरु, 16 जनवरी को भूटान के खिलाफ खेलेगी। महिला टीम 15 जनवरी को ईरान और 16 जनवरी को मलेशिया की चुनौती का सामना करेगी। टूर्नामेंट में दोनों वर्गों का क्वार्टर फाइनल 17 जनवरी, सेमीफाइनल 18 जनवरी और फाइनल 19 जनवरी को खेला जायेगा। विश्व कप के लिए पुरुष टीमों का ग्रुप:
ग्रुप ए: भारत, नेपाल, पेरू, ब्राज़ील और भूटान
ग्रुप बी: दक्षिण अफ्रीका, घाना, अर्जेंटीना, नीदरलैंड और ईरान
ग्रुप सी: बांग्लादेश, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और पोलैंड
ग्रुप डी: इंग्लैंड, जर्मनी, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और कीनिया
विश्व कप के लिए महिला टीमों का ग्रुप:
ग्रुप ए: भारत, ईरान, मलेशिया और दक्षिण कोरिया
ग्रुप बी: इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कीनिया, युगांडा और नीदरलैंड
ग्रुप सी: नेपाल, भूटान, श्रीलंका, जर्मनी और बांग्लादेश
ग्रुप डी: दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, पोलैंड, पेरू और इंडोनेशिया - सिडनी. पीठ की ऐंठन से जूझ रहे तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को 19 फरवरी से शुरू होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पर ध्यान रखते हुए इंग्लैंड के खिलाफ भारत की घरेलू सफेद गेंद की श्रृंखलाओं के अधिकांश भाग से आराम दिए जाने की संभावना है। बुमराह रविवार को खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-3 से करारी हार में 32 विकेट लेकर भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे। 30 साल का यह खिलाड़ी पीठ की ऐंठन के कारण ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सका था। उन्होंने पांच मैचों की इस श्रृंखला में 150 से ज्यादा ओवर फेंके। बुमराह अत्यधिक कार्यभार के कारण चोटिल हुए है और बीसीसीआई की मेडिकल टीम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि वह आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के प्रमुख आयोजन के लिए तैयार रहे। इस प्रतियोगिता में भारत का प्रदर्शन काफी हद तक बुमराह की मौजूदगी पर निर्भर करेगा। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि बुमराह की पीठ की ऐंठन का ग्रेड (चोट का स्तर) अभी तक पता नहीं चला है। भारत चैंपियंस ट्रॉफी में अपने अभियान की शुरुआत 20 फरवरी को दुबई में बांग्लादेश के खिलाफ करेगा।बुमराह की चोट अगर ग्रेड एक श्रेणी में है तो उन्हें खेल में वापसी (आरटीपी यानी रिटर्न टू प्ले) से पहले कम से कम तीन सप्ताह तक रिहैबिलिटेशन में बिताने होंगे। ग्रेड दो की चोट से उबरने में छह सप्ताह लग सकते हैं जबकि गंभीर माने जाने वाले ग्रेड तीन के लिए कम से कम तीन महीने की आराम और रिहैबिलिटेशन की जरूरत होती है। यह लगभग पहले से तय था कि बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ द्विपक्षीय टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला नहीं खेलेंगे क्योंकि इस साल इस प्रारूप का विश्व कप नहीं है। चैम्पियंस ट्रॉफी को देखते हुए इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में उनके तीन में से कम दो मैच खेलने का अनुमान था। अब हालांकि उनकी चोट की गंभीरता से पता चलेगा कि वह इंग्लैंड के खिलाफ 50 ओवर के प्रारूप में खेल पायेंगे या नहीं। इस श्रृंखला का आखिरी मैच 12 फरवरी को अहमदाबाद में होगा। भारत 22 जनवरी से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी20 श्रृंखला और तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में भाग लेगा.
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नयी दिल्ली. नियमित कप्तान हरमनप्रीत कौर को आराम दिए जाने के बाद अनुभवी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना को आयरलैंड के खिलाफ इस महीने खेली जाने वाली तीन मैचों की घरेलू एकदिवसीय श्रृंखला के लिए सोमवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को यहां जारी विज्ञप्ति में तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर को भी विश्राम देने की घोषणा की। आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की यह श्रृंखला 10 जनवरी से शुरू होगी। इसके सभी मैच राजकोट में खेले जायेंगे। हरमनप्रीत को पिछले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान घुटने में चोट लग गई थी। वह इस चोट के कारण शुरुआती दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल सकी थी। उन्होंने तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में टीम में वापसी की और इसके बाद तीन मैचों की वनडे श्रृंखला में टीम का नेतृत्व किया। इस 35 साल की खिलाड़ी को इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में दुबई में महिला टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान गर्दन में चोट लग गई थी। टीम की मुख्य तेज गेंदबाज रेनुका वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों में 10 विकेट लेकर श्रृंखला की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनी गयी थी। अतीत में वह पीठ की स्ट्रेस फ्रैक्चर से परेशान रही है। ऐसे में कार्यभार प्रबंधन के तहत आयरलैंड के खिलाफ श्रृंखला से विश्राम दिया गया है। भारतीय महिला टीम पिछले महीने वेस्टइंडीज को 2-1 से हराकर पांच साल में अपनी पहली बार घरेलू सरजमीं पर टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला जीत दर्ज की। टीम ने इसके बाद वनडे श्रृंखला में वेस्टइंडीज को 3-0 से शिकस्त दी। इस जीत से आयरलैंड के खिलाफ टीम का हौसला काफी बढ़ा हुआ होगा। सीमित ओवर की इन श्रृंखलाओं में 28 साल की मंधाना शानदार लय में थी। उन्होंने टी20 में लगातार तीन अर्धशतक जड़ने के बाद एकदिवसीय में भी दो अर्धशतकीय पारियां खेली। आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम:
स्मृति मंधाना (कप्तान), दीप्ति शर्मा (उपकप्तान), प्रतिका रावल, हरलीन देयोल, जेमिमा रोड्रिग्स, उमा छेत्री (विकेटकीपर), ऋचा घोष (विकेटकीपर), तेजल हसबनिस, राघवी बिस्ट, मिन्नू मणि, प्रिया मिश्रा, तनुजा कंवर, टिटास साधु , साइमा ठाकोर, सयाली सतघरे। कार्यक्रम (सभी मैच राजकोट में दिन में 11 बजे से खेले जायेंगे)
पहला एकदिवसीय: 10 जनवरी
दूसरा एकदिवसीय: 12 जनवरी
तीसरा एकदिवसीय: 15 जनवरी -
मुंबई. नौसेना के किरण जाधव ने कई जाने-माने निशानेबाजों को पछाड़ते हुए यहां 15वें लक्ष्य कप आमंत्रण टूर्नामेंट में 10 मीटर एयर राइफल का स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 2018 से हर बार फाइनल में जगह बनाने वाले 29 साल के जाधव ने 251.7 अंक के साथ पहली बार खिताब जीता। जाधव ने महाराष्ट्र के गजानन खानदागले (250.9) और महाराष्ट्र के ही मोहित गौड़ा (229.3) को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता। पेरिस ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाने वाले रेलवे के अर्जुन बबूता खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे लेकिन वह 208.2 अंक के साथ चौथे स्थान पर रहे। पुरुष और महिला राष्ट्रीय एयर राइफल चैंपियन क्रमश: साहु माने और अनन्या नायडू फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। रेलवे के माने ने क्वालीफिकेशन दौर में 629.0 अंक जुटाए। शीर्ष आठ निशानेबाजों ने फाइनल में जगह बनाई और 630.5 अंक के साथ आठवें क्वालीफायर गौड़ा थे। राजस्थान के दिव्यांश सिंह पंवार (629.0) और आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट के संदीप सिंह (629.0) जैसे ओलंपिक भी फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे।
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सिडनी. आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों उस्मान ख्वाजा और ट्रैविस हेड ने स्वीकार किया कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की गेंदबाजों के लिए अनुकूल पिच पर जसप्रीत बुमराह के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन गेंदबाजी नहीं करने के कारण उनकी टीम आसानी से जीत दर्ज करने में सफल रही। बुमराह पीठ के निचले हिस्से में दर्द के कारण तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल विकेट पर ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाए। ऑस्ट्रेलिया ने 162 रन का लक्ष्य हासिल करके पिछले एक दशक में पहली बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की। पूरी श्रृंखला में बुमराह का प्रभाव इस तरह से था कि जब यह पता चला कि यह तेज गेंदबाज चोटिल होने के कारण गेंदबाजी नहीं कर पाएगा तो ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने राहत की सांस ली। इनमें ख्वाजा भी शामिल थे जिन्हें पूरी श्रृंखला में बुमराह के सामने संघर्ष करना पड़ा था। ख्वाजा ने कहा, ‘‘बुमराह मुझ पर हावी था। उसका सामना करना आसान नहीं था और मुझे हर बार नई गेंद से उसका सामना करना पड़ रहा था। '' उन्होंने एबीसी स्पोर्ट से कहा, ‘‘आप कभी नहीं चाहते कि कोई खिलाड़ी चोटिल हो और उसका घायल होना निराशाजनक था लेकिन हमारे लिए यह खुदा का शुक्र था। इस विकेट पर उसका सामना करना दु:स्वप्न की तरह होता। जैसे ही हमने देखा कि वह मैदान पर नहीं उतर रहा है तो हमने सोचा कि यह हमारे लिए मौका है।'' टेस्ट क्रिकेट में 5500 से अधिक रन बनाने वाले 38 वर्षीय ख्वाजा ने कहा कि बुमराह ने उन्हें रन बनाने का मौका ही नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जितने भी गेंदबाजों का सामना किया उनमें उसका सामना करना सबसे मुश्किल रहा। मैंने 2018 में भी उसका सामना किया था और तब उसने एक बार मुझे आउट किया था। यहां तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन इस बार वह पूरी तरह से अलग तरह का गेंदबाज नजर आ रहा था।'' बुमराह ने श्रृंखला में 13.06 की औसत से 32 विकेट लिए और उन्हें श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। ख्वाजा से पूछा गया की बुमराह का सामना करना इतना मुश्किल कैसे हो गया तो उन्होंने कहा, ‘‘विकेट से निश्चित तौर पर उसे मदद मिली। पिछली बार की तुलना में वह अधिक परिपक्व हो गया था। वह अपने कौशल को जानता है और समझता है कि वह किसे गेंदबाजी कर रहा है।'' ख्वाजा ने कहा, ‘‘उसके पास प्रत्येक बल्लेबाज के लिए अलग रणनीति थी। मुझे हमेशा लगता था कि गेंदबाज कैसा भी हो मैं रन बनाने के तरीके ढूंढ लूंगा लेकिन उसके खिलाफ ऐसा नहीं कर पाया। उसका सामना करना बेहद मुश्किल था। खुदा का शुक्र है कि मुझे फिर से उसका सामना नहीं करना है।'' मध्यक्रम के बल्लेबाज हेड ने भी आधिकारिक प्रसारक के साथ बात करते हुए ख्वाजा का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बुमराह के गेंदबाजी नहीं करने से हमारे ड्रेसिंग रूम में मौजूद 15 खिलाड़ी बेहद खुश थे। वह बेहतरीन गेंदबाज है। इस दौरे में उसने असाधारण प्रदर्शन किया।
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भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने देश में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय खो-खो टीम के साथ तीन साल के प्रायोजन की घोषणा की। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि राज्य जनवरी 2025 से दिसंबर 2027 तक सालाना पांच करोड़ रुपये का निवेश करेगा। ओडिशा खनन निगम के माध्यम से वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। भारतीय हॉकी टीम के साथ सफल प्रायोजन के बाद खो-खो के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रायोजन खेल विकास के लिए ओडिशा की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य खो-खो की स्थिति को ऊपर उठाना और राष्ट्रीय टीम को आवश्यक सहायता प्रदान करना है। माझी ने कहा, ‘‘यह भारत में खो-खो के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। अपने स्वदेशी खेलों का समर्थन करके हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ खिलाड़ियों के लिए नये अवसर भी पैदा कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह हमने भारतीय हॉकी को बदलने में भूमिका निभाई है उसी तरह हम खो-खो को भी फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए कदम उठा रहे है। यह ओडिशा को खेल उत्कृष्टता के उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करता है।'' भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने इस पहल का स्वागत किया। भारत इस महीने 13 से 19 जनवरी तक नयी दिल्ली में पहले खो-खो विश्व कप की मेजबानी करेगा। मित्तल ने कहा, ‘‘खो-खो के प्रति ओडिशा की प्रतिबद्धता इस पारंपरिक खेल के लिए एक अहम मोड़ की तरह है। यह प्रायोजन विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को विकसित करने और वैश्विक मंच पर खो-खो को बढ़ावा देने की हमारी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा।'' यह प्रायोजन के विकास, प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी की सुविधा को मजबूत करेगा। अधिकारियों का कहना है कि यह साझेदारी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में ओडिशा के लिए ब्रांडिंग के अवसर भी प्रदान करेगी।