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हांगझोउ. ललित उपाध्याय, वरूण कुमार और मनदीप सिंह की हैट्रिक के दम पर भारत ने एशियाई खेलों की पुरूष हॉकी स्पर्धा में रविवार को उजबेकिस्तान को 16 . 0 से रौंदकर जीत के साथ आगाज किया। तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता दुनिया की तीसरे नंबर की टीम भारत के लिये यह पूल ए का बेमेल मुकाबला था । उजबेकिस्तान एफआईएच रैंकिंग में 66वें स्थान पर है । भारत की ओर से ललित उपाध्याय (सातवां, 24वां ,37वां और 53वां मिनट) , मनदीप सिंह (18वां, 27वां और 28वां मिनट) और वरूण कुमार (12वां, 36वां, 50वां और 52वां मिनट) ने हैट्रिक लगाई । अभिषेक (17वां) , सुखजीत सिंह (42वां), शमशेर सिंह (43वां), अमित रोहिदास (38वां) और संजय (57वां) ने गोल किये । भारत को अब 26 सितंबर को सिंगापुर से खेलना है ।
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने यह मैच नहीं खेला । उद्घाटन समारोह में वह ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन के साथ भारतीय दल के ध्वजवाहक थे जिसके बाद उन्हें आराम दिया गया । भारतीयों ने शुरू ही से दबदबा बनाते हुए सातवें मिनट में पहला गोल दाग दिया । भारत को पूरे 60 मिनट में 14 पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें से पांच पर ही गोल हो सका जो कोच क्रेग फुल्टोन के लिये चिंता का विषय है । भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति और मिडफील्डरों ने मिलकर 10 गोल किये और एक गोल पेनल्टी स्ट्रोक पर मिला ।
भारत को पांचवें ही मिनट में मौका मिला था लेकिन अभिषेक के शॉट को उजबेक गोलकीपर ने बचा लिया । इसके बाद सुखजीत ने भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन संजय उस पर गोल नहीं कर सके । ललित ने रिबाउंड पर गोल दागा । भारत की बढत 12वें मिनट में वरूण ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके दुगुनी की ।
दूसरे क्वार्टर की शुरूआत में भारत को मिला पेनल्टी कॉर्नर बेकार गया । भारत का तीसरा गोल 17वें मिनट में अभिषेक ने बाये फ्लैंक से मनदीप से मिले पास पर किया । मनदीप ने ब्रेक से पहले एक मिनट के भीतर दो गोल दागे । भारत को तीन मिनट के भीतर दो पेनल्टी कॉर्नर और मिले लेकिन गोल नहीं हो सका । हाफटाइम तक भारत के पास 7 . 0 की बढत थी । बारी बारी से गोलकीपिंग करने वाले पी आर श्रीजेश और कृशन बहादुर पाठक महज दर्शक बने रहे क्योंकि उजबेक खिलाड़ी हमले ही नहीं बोल सके । भारत ने आखिरी दो क्वार्टर में नौ और गोल किये जिनमें से चार पेनल्टी कॉर्नर और एक स्ट्रोक पर मिला । -
हांगझोउ. भारतीय निशानेबाजों ने एशियाई खेलों में अच्छी शुरूआत करते हुए रविवार को महिलाओं की दस मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता जबकि रमिता जिंदल को व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक मिला । अनुभवी मेहुली घोष, रमिता जिंदल और आशी चौकसी की तिकड़ी ने 1886 अंक हासिल करके दूसरा स्थान पाया । चीन ने 1896 . 6 अंक के साथ नया एशियाई रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता । जूनियर विश्व चैम्पियन रमिता ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 230 . 1 स्कोर करके व्यक्तिगत स्पर्धा का कांस्य पदक भी जीता । चीन ने रजत और कांस्य पदक जीते । हुआंग युटिंग ने खेलों का नया रिकॉर्ड बनाते हुए 252 . 7 अंक लेकर स्वर्ण जीता जबकि हान जिआयु को रजत पदक मिला । रमिता रजत पदक की दौड़ में थी लेकिन 13वें शॉट पर 9 . 9 स्कोर करने से पिछड़ गई । मेहुली घोष 208 . 43 स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रही । क्वालीफिकेशन दौर में 19 वर्ष की रमिता ने 631 . 9 स्कोर करके दूसरा स्थान हासिल किया जबकि मेहुली 630 . 8 अंक के साथ चौथे स्थान पर रही । रमिता ने क्वालीफिकेशन दौर में छह सीरिज में 104.3, 106.7, 105.2, 104.3, 105.4 और 106 स्कोर किया । वह चीन की हान जियान के बाद दूसरे स्थान पर रही । जियान ने 634 . 1 स्कोर करके एशियाई खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया । मेहुली ने क्वालीफिकेशन में 630 . 8 अंक बनाये । उन्होंने 104.6, 105.7, 104.6, 105.1, 104.9 और 105.9 स्कोर किया । आशी चौकसी फाइनल में जगह नहीं बना सकी और 623 . 3 के स्कोर के साथ 28वें स्थान पर रही । भारतीय तिकड़ी का कुल स्कोर 1886 . 0 रहा जिससे उसे रजत पदक मिला ।
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हांगझोउ. भारतीय नौकायन खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में रविवार को शानदार शुरूआत करते हुए दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। सुबह अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह ने पुरूष लाइटवेट डबल स्कल स्पर्धा में रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला । भारतीय जोड़ी 6 : 28 . 18 सेकंड का समय निकालकर दूसरे स्थान पर रही । चीन के जुंजी फान और मान सुन ने 6 : 23 . 16 सेकंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक हासिल किया । उजबेकिस्तान के शखजोद नुरमातोव और सोबिरजोन सफरोलियेव ने कांस्य पदक अपने नाम किया ।
पुरूषों की कॉक्स एट स्पर्धा में भारत और चीन के बीच कड़ा मुकाबला था जिसमें भारतीय टीम 5 : 43 . 01 सेकंड का समय निकालकर दूसरे स्थान पर रही । चीन ने 2 . 84 सेकंड से बाजी मारकर स्वर्ण पदक जीता । भारतीय टीम में नीरज, नरेश कलवानिया, नीतिश कुमार, चरणजीत सिंह, जसविंदर सिंह, भीम सिंह, पुनीत कुमार और आशीष शामिल थे । टीम में ‘कॉक्सवे' की भूमिका निभाने वाले धनंजय उत्तम पांडे ने कहा, ‘‘ यह हमारे लिए एक शानदार रेस थी। यह उस योजना के अनुसार हुआ, जिस पर हमने कल अपने कोच और साथियों के साथ काम किया था।'' इंडोनेशिया को कांस्य पदक मिला । जापान और उजबेकिस्तान जैसे नौकायन के धुरंधरों की टीमें पाचवें और चौथे स्थान पर रही । उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य उज्बेकिस्तान, इंडोनेशिया और जापान जैसी मुख्य टीमों पर दबाव बना कर जीत के लिए चीन को चुनौती देने का था।'' भारतीय टीम में उनके साथ खिलाड़ी नीतीश ने कहा, ‘‘ हम 2019 से एक साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं। हम सभी ने एक साथ शिविरों में भाग लिया है। हमें अभी और प्रतियोगिताओं में चुनौती पेश करनी है। हम उसके बाद ही एक साथ जश्न मनाएंगे।" कॉक्सलेस पेयर में भारत के बाबूलाल यादव और लेख राम को कांस्य पदक मिला जिन्होंने 6 : 50 .41 सेकंड का समय निकाला । हांगकांग चीन ने स्वर्ण और उजबेकिस्तान ने रजत पदक जीता । भारत ने नौकायन में 33 सदस्यीय दल भेजा है । अरविंद ने पदक जीतने के बाद कहा कि उनका लक्ष्य स्वर्ण था लेकिन दो महीने पहले लगी चोट के कारण उनकी तैयारियां बाधित हुई । उन्होंने कहा ,‘‘ हम 20 . 25 दिन अभ्यास नहीं कर सके क्योंकि मेरी कमर में चोट लगी थी। मैं इलाज के लिये हैदराबाद भी गया और फिजियो ने मुझ पर काफी मेहनत की । उसी की वजह से मैं वापसी कर सका और यह पदक जीता।'' उन्होंने कहा कि अगला लक्ष्य पेरिस ओलंपिक 2024 में पदक जीतना है ।
उन्होंने कहा ,अब हम पेरिस ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित करेंगे और 2026 एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने की कोशिश करेंगे ।'' उनके साथी अर्जुन ने कहा ,‘‘ हमने स्वर्ण जीतने की पूरी कोशिश की । हमारे कोच ने कहा कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो । हम अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दोहरा सके जो हमने पुणे में आर्मी नोडल सेंटर में किया था ।'' अरविंद और अर्जुन पिछले चार साल से साथ में अभ्यास कर रहे हैं जो उनके जबर्दस्त तालमेल में नजर आया ।
अर्जुन ने कहा ,‘‘ हम पिछले चार साल से इसकी तैयारी कर रहे थे । हम तोक्यो ओलंपिक में भी सेमीफाइनल तक पहुंचे थे ।'' भारत ने इन खेलों में 33 नौकायन खिलाड़ियों की बड़ी टीम भेजी है। -
नई दिल्ली। चीन के हांगचोओ में एशियाई खेलों में आज भारत ने अब तक तीन रजत और दो कांस्य पदक जीत लिए हैं। निशानेबाजी में भारत की मेहुली घोष, रमिता और आशी चौकसे की टीम ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता। प्रतियोगिता का स्वर्ण चीन ने और कांस्य पदक मंगोलिया ने जीता। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में रमिता ने कांस्य पदक हासिल किया।
रोइंग में पुरुषों की लाइटवेट डबल्स स्कल्स स्पर्धा में भारत के अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह ने रजत पदक जीता। अर्जुन और अरविंद ने इस जीत का श्रेय अपने संस्थान और पिछले चार वर्ष की अपनी मेहनत पर दिया।रोइंग की पुरूष ऐट स्पर्धा में भी भारत ने रजत पदक जीता। रोइंग में भारत ने पुरूषों की पेयर स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया।महिला क्रिकेट में भारत ने बाग्लादेश को आठ विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए बाग्लादेश की पूरी टीम 17 ओवर और पांच गेंद में केवल 51 रन पर सिमट गई। जवाब मेंभारत ने आठ ओवर और दो गेंद में केवल दो विकेट खोकर 52 रन बनाकर मैच जीत लिया। फाइनल में कल भारत का मुकाबला श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। पुरूष हॉकी में भारत ने उज्बेकिस्तान को 16-0 से पराजित किया। भारत का अगला मुकाबला मंगलवार को सिंगापुर से होगा।महिला फुटबॉल में आज भारत का सामना थाइलैंड से होगा। पुरुष फुटबॉल में भारत का मुकाबला म्यांमार से होगा। भारतीय खिलाडी वुशू, टेबल टेनिस और टेनिस में भी अपनी चुनौती रख रहे हैं। मुक्केबाजी में निकहत जरीन और लवलीन बोरगोहाईं आज रिंग में उतरेंगी।पदक तालिका में भारत तीन रजत तीन कांस्य पदक के साथ तीसरे स्थान पर है। चीन 11 स्वर्ण पदक के साथ पहले नम्बर पर है। हांगकॉंग एक स्वर्ण लेकर दूसरे स्थान पर है। -
मोहाली. भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला की शुरुआत से पहले गुरुवार को कहा कि रविचंद्रन अश्विन की क्षमता के गेंदबाज को ‘ट्रायल' पर नहीं रखा जाता जबकि सूर्यकुमार यादव जैसी क्षमता के खिलाड़ी को विश्व कप टीम में अपनी जगह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। अश्विन और वाशिंगटन सुंदर को अक्षर पटेल के संभावित विकल्प के रूप में टीम में जगह दी गई है और अगर यह स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर जांघ की चोट से उबरने में नाकाम रहता है तो इन दोनों में से किसी एक को टीम में जगह मिल सकती है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला को अश्विन और वाशिंगटन के बीच ट्रायल के रूप में देखा जा रहा है। द्रविड़ हालांकि अनुभवी ऑफ स्पिनर अश्विन के दर्जे के खिलाड़ी के लिए ‘ट्रायल' शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। द्रविड़ ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि यह उसके (अश्विन के लिए) लिए ट्रायल या कुछ और है, हमें उसके स्तर का पता है। यह उसके पास इस प्रारूप में खेलने का मौका है और हम बस उसे दो या तीन मैच खेलने का मौका देना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे पास अश्विन जैसा खिलाड़ी है तो किसी के चोटिल होने पर हम और किस पर भरोसा कर सकते हैं, यह हमारे लिए दुआ की तरह है। यह उसके लिए खुद को परखने का मौका है क्योंकि वह लंबे समय से 50 ओवर का क्रिकेट नहीं खेला है।'' अश्विन ने 113 मैच में 151 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विकेट चटकाए हैं लेकिन पिछले छह साल में 50 ओवर के सिर्फ दो मैच खेले हैं। अक्षर अगर टीम में जगह नहीं बना पाते हैं तो अश्विन अपने वर्षों के अनुभव के साथ आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के आदर्श दावेदार होंगे। अश्विन को 19 महीने बाद इस प्रारूप में खिलाने के कारण पर द्रविड़ ने कहा, ‘‘अश्विन जैसा खिलाड़ी आपको अनुभव देता है, आठवें नंबर पर बल्ले से योगदान देने की क्षमता। ऐसे व्यक्ति जिसके बारे में मौका बनने की स्थिति में हमने हमेशा सोचा है, जो निश्चित तौर पर हमारी योजना का हिस्सा है।'' सूर्यकुमार के मामले में द्रविड़ ने कहा कि टीम टी20 के इस दिग्गज खिलाड़ी का इस प्रारूप में प्रभाव छोड़ने के लिए पूरा समर्थन करेगी जिसमें 27 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में उनका औसत 25 से भी कम है। तो क्या सूर्यकुमार को 27 सितंबर को लेकर चिंतित होना चाहिए जिस दिन भारत अपनी 15 सदस्यीय टीम की घोषणा करेगा। द्रविड़ ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सूर्या को 27 सितंबर को लेकर चिंता करने की जरूरत है। इसीलिए हमने विश्व कप के लिए अपनी टीम नहीं चुनी, और सूर्या उसमें हैं और हम इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम उसका (सूर्या का) समर्थन करते हैं क्योंकि उसमें क्षमता और स्तर है जो हमने देखा है। '' कोच ने कहा कि सूर्यकुमार अगर तीनों नहीं तो शुरुआत दो मैच में तो खेलेंगे और उन्हें भरोसा है कि यह तेज गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करेगा। यह भी पता चला है कि श्रृंखला के दौरान तेज गेंदबाजों को रोटेट (बदलकर इस्तेमाल करना) किया जाएगा जिससे कि उन्हें विश्व कप के लिए तरोताजा रखा जा सके। इसी को देखते हुए टीम प्रबंधन ने रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों को भी आराम दिया है। -
नयी दिल्ली. भारतीय हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन 23 सितंबर को हांगझोउ में एशियाई खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार को इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए संयुक्त ध्वजवाहक बनाने का फैसला किया। एशियाई खेलों में इस दफा कुल 655 भारतीय खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जो देश का अब तक का सबसे बड़ा दल है। भारतीय दल के दल प्रमुख भूपेंदर सिंह बाजवा ने कहा, हमने आज काफी सोच विचार के बाद यह फैसला किया। '' भारतीय वुशु संघ के प्रमुख बाजवा ने कहा, ‘‘इस बार एशियाई खेलों के लिए हमारे दो ध्वजवाहक होंगे - हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन। '' स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा 2018 जकार्ता एशियाई खेलों के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक बने थे। लवलीना ने तोक्यो ओलंपिक में 69 किग्रा वजन वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इस साल उन्होंने नयी दिल्ली में महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की 75 किग्रा स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। हरमनप्रीत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैगफ्लिकर में शुमार हैं और वह तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे जिससे भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक में चार दशक से ज्यादा लंबे समय से चला आ रहा पदक का सूखा समाप्त हुआ था। भारतीय पुरुष हॉकी टीम हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक पर निगाह लगाये होगी ताकि वह 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए स्वत: क्वालीफिकेशन हासिल कर ले। बाजवा के साथ एशियाई खेलों में चार उप दल प्रमुख होंगे। वह आईओए द्वारा कुश्ती के लिए गठित तदर्थ समिति के चेयरमैन भी हैं।
- न्यूयॉर्क । स्विस स्टार रोजर फेडरर की 2018 आस्ट्रेलियाई ओपन में अपने 20वें और अंतिम ग्रैंडस्लैम खिताब के दौरान पहनी गयी पोशाक की बुधवार से ऑनलाइन नीलामी होगी। नीलामी कराने वाली ‘प्रेस्टिज मेमोरेबलिया' के अनुसार, ‘‘ नाइके की इस पोशाक के नीलामी में 35,000 डॉलर तक मिलने की उम्मीद है। '' इस पोशाक में उनकी शर्ट और शार्ट शामिल होंगे जिसमें दोनों पर फेडरर के हस्ताक्षर होंगे जिन्होंने एक साल पहले टेनिस को अलविदा कह दिया था। नीलामी के लिये बोली आठ अक्टूबर को समाप्त होगी।
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नयी दिल्ली. युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने कहा कि थॉमस कप चैम्पियन भारतीय टीम एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक की दावेदार होगी। सेन 2021 में विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता है। वह पिछले साल मई में भारत की थॉमस कप जीत में अहम भूमिका निभाने वालों में से एक थे। उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में भारत स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार होगा। सेन ने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से हम जीत के दावेदार हैं। टीम वास्तव में दमदार दिख रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह वही टीम है जिसने थॉमस कप जीता था, इसलिए हम विश्व चैंपियन के रूप में जा रहे हैं। मुझे लगता है कि जो खिलाड़ी हमारे खिलाफ खेल रहे हैं वे जानते हैं कि भारत को हराना आसान नहीं है। हम दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकते हैं।'' सेन ने कहा कि एशियाई खेलों में चैंपियन बनने के लिए पूरी टीम को एकजुटता से प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमारे अंदर आत्मविश्वास की कमी है। हमारे बीच यह एक दूसरे के प्रति सम्मान है और हम जानते हैं कि इसे कैसे निभाना है। प्रतियोगिता में सभी टीमें कठिन हैं और हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।'' सेन ने कहा, ‘‘वहां अच्छा प्रदर्शन करने के लिए हमें अच्छे सामूहिक प्रयास की जरूरत होगी। पूरी टीम सकारात्मक है और हम अच्छे नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं।'' अल्मोड़ा के इस 22 साल के खिलाड़ी ने 2018 युवा ओलंपिक में रजत और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। वह एशियाई खेलों के 19वें आयोजन में सिर्फ टीम स्पर्धा का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘ एशियाई खेलों में यह मेरा पहला अनुभव होगा। वहां राष्ट्रमंडल खेलों और युवा ओलंपिक जैसा ही माहौल है।‘‘ सेन ने कहा, ‘‘ मैं प्रतियोगिता का इंतजार कर रहा हूं । इस दौरान मुझे भारत और दूसरे देशों के खिलाड़ियों से मिलने और उनके बारे में समझने का भी मौका मिलेगा।'' विश्व रैंकिंग में 11वें स्थान पर काबिज सेन इस साल मई में एशियाई खेलों के चयन ट्रायल में पुरुष एकल में किदांबी श्रीकांत से हार गये थे। उन्होंने कहा कि वह इन खेलों में सिर्फ टीम स्पर्धा में भाग ले रहे हैं ऐसे उन्हें नीरज चोपड़ा जैसे चैम्पियन खिलाड़ी से मिलने का मौका मिल सकता है। सेन ने कहा, ‘‘ मैं केवल टीम स्पर्धा खेल रहा हूं। इसलिए, मैं नीरज चोपड़ा से मिलने के लिए उत्सुक हूं। अगर मुझे कुछ समय मिले तो मैं उसके मुकाबले को देखना और उसका समर्थन करना पसंद करूंगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे पहले भी बात की है लेकिन व्यक्तिगत रूप से उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई। मैं इसके लिए उत्सुक हूं।'' भारतीय खिलाड़ी इन दिनों हैदराबाद में एक सप्ताह के शिविर में अभ्यास कर रहे हैं। टीम को व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के कारण अभ्यास करने का अधिक समय नहीं मिल पाया। सेन ने कहा, ‘‘ इस बार ‘चीन सुपर 1000' और विश्व चैंपियनशिप जैसे कुछ बड़े आयोजन थे। इन आयोजनों को टाला जा सकता था। लेकिन हम हाल ही में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और यह सभी के लिए एक समान स्थिति है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक बड़े दबाव वाले टूर्नामेंट की तरह है, भारत में बहुत से लोग एशियाई खेलों को महत्व देते हैं। इसलिए, मैं (एशियाई खेलों में) अपने पूरे दमखम के साथ जा रहा हूं और अच्छे नतीजों की उम्मीद कर रहा हूं।'' एशियाई खेलों में बैडमिंटन प्रतियोगिता का आगाज 28 सितंबर से होगा। -
नयी दिल्ली. एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की गोल्फ खिलाड़ी अवनि प्रशांत की नजरें इन खेलों के स्वर्ण पदक पर है। इस 16 साल की खिलाड़ी का मानना है कि उनके पास बड़े खिलाड़ियों को पछाड़ने का कौशल है।
अवनि ने इस साल अप्रैल में भारतीय गोल्फ संघ के ‘एशियाई खेल चयन ट्रायल' में शीर्ष पर रहने के बाद भारतीय महिला टीम में जगह बनाई। अवनि ने यहां ट्रिनिटी गोल्फ चैंपियंस लीग के उद्घाटन सत्र के शुभारंभ के मौके पर कहा, ‘‘मैं स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं लेकिन जितना संभव हो सके मैं इसे अपने दिमाग से दूर रखना चाहती हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ गोल्फ खेलने में सफल रही तो मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को मात दे सकती हूं। मैं अपने मजबूत पक्ष पर ध्यान दे रही हूं और बाहरी दबाव को नजर अंदाज कर रही हूं। -
होल्जहौसर्न (स्विट्जरलैंड) . भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर लेडीज यूरोपियन टूर के ऑर्डर ऑफ मेरिट (रेस टू कोस्टा डेल सो) में अब तक के अपने दमदार प्रदर्शन से शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए शानदार स्थिति में है। दीक्षा ने इस सत्र में एलईटी पर अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और रविवार को वीपी बैंक स्विस लेडीज ओपन से संयुक्त सातवें स्थान पर रहीं। यह मौजूदा सत्र में सातवीं बार शीर्ष 10 में जगह बनाने में सफल रही। इस 22 साल की भारतीय को शीर्ष पर पहुंचने के लिए आगामी मुकाबलों में अपनी लय जारी रखनी होगी, जिसमें हीरो महिला इंडियन ओपन भी शामिल है। इस सप्ताह खेल से विश्राम लेने वाली दीक्षा ने कहा, ‘‘ मैं बहुत आश्वस्त हूं और अच्छा खेल रही हूं। इस सत्र में 22 प्रतियोगिताओं में दीक्षा ने एक में जीत दर्ज की है और छह में शीर्ष 10 में रही।
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नयी दिल्ली. भारतीय टीम के स्विंग गेंदबाज दीपक चाहर चोट से उबर कर पूरी तरह से फिट हैं और राष्ट्रीय टीम में बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। दीपक ने मंगलवार को दिल्ली में अपने नए ब्रांड ‘डीनाइन' के लॉन्च के मौके पर कहा कि हर क्रिकेटर की तरह उनका सपना भी भारत के लिए विश्व कप जीतना है। भारत के लिए 37 मैच (13 एकदिवसीय और 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय) खेल चुके इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैं पूरी तरह से फिट हूं और राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए कोशिश कर रहा हूं । मैंने हाल ही आरपीएल (राजस्थान प्रीमियर लीग) टूर्नामेंट खेला है। रविवार तक मैं राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में था। भारतीय टीम एशियाई खेलों के लिए चीन जा रही है, मैं उनके साथ अभ्यास कर रहा था।'' अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान ज्यादातर समय तक चोट के कारण टीम से बाहर रहने वाले दीपक का मानना है कि खिलाड़ी को निराश होने की जगह ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिये। भारत के लिए दिसंबर 2022 में अपना पिछला मैच खेलने वाले 31 साल के इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘ एक खिलाड़ी के लिए निराश होना अच्छा नहीं होता। जो चीज आपके हाथ में नहीं है उसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। मेरे हाथ में फिट रहना और टीम के लिए उपलब्ध रहना है। मैं उस मामले में तैयार हूं और जब भी मौका मिलेगा टीम के लिए शत प्रतिशत दूंगा।'' दीपक चोट के कारण भारतीय टीम से बाहर हुए और आगामी विश्व कप तथा एशियाई खेलों की टीम में उन्हें जगह नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘ चोट के कारण मेरा करियर काफी प्रभावित हुआ है। खिलाड़ियों का चोटिल होना उनकी शरीर के प्रकार पर भी निर्भर करता है। कुछ लोग कम चोटिल होते हैं लेकिन मैं अपनी तरफ से सब कुछ करने के बाद भी ज्यादा चोटिल होता हूं। मैं खान-पान, अभ्यास और प्रशिक्षण पर पूरा ध्यान देता हूं ।'' उन्होंने कहा,‘‘ मेरे मामले में यह भी कह सकते है कि मेरा समय खराब चल रहा था। पिछले साल मेरे पीठ में चोट लगी और तेज गेंदबाज के लिए यह काफी खतरनाक होता है लेकिन अब मैं पूरी तरह से फिट हूं। मैं इस समय अपनी गेंदबाजी से काफी खुश हूं। '' गेंदबाजी के साथ निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए जाने-जाने वाले दीपक लंबे समय से इंडियन प्रीमियर लीग में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम चेन्नई सुपर किंग्स के सदस्य है। वह धोनी के चहेते खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं काफी किस्मत वाला हूं कि माही भाई के साथ इतना समय बिताने का मौका मिला। मैं पिछले कई वर्षों से उनके साथ खेल रहा हूं। मैं उनको बड़ा भाई मानता हूं और उन्हें अपना आदर्श खिलाड़ी मानता हूं। वह मुझे छोटा भाई मानते हैं। एक खिलाड़ी और इंसान के तौर पर उनकी काफी इज्जत करता हूं। उनसे काफी कुछ सीखा है।'' भारत के लिए एकदिवसीय में 13 और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 29 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा कि वह आम तौर पर अपने पहले टूर्नामेंट में खिताब जीतते हैं और आने वाले समय में अगर किसी विश्व कप में भारतीय टीम के लिए चुने जाते हैं तो उन्हें फिर से किस्मत का साथ मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा,‘‘ हार क्रिकेट खिलाड़ी का सपना होता है विश्व कप खेलना और भारत के लिए इसे जीतना। जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं इसे पूरा करने की कोशिश करूंगा। मेरा साथ यह कई बार हुआ है कि जब मैंने किसी टूर्नामेंट में पहली बार भाग लिया तो टीम चैंपियन बनी है। 2018 में भारतीय टीम ने एशिया कप का खिताब जीता था तब मैं टीम में था। आईपीएल में छह सत्र में पांच फाइनल खेल चुका हूं और तीन बार चैम्पियन बना हूं। आरपीएल के पहले सत्र में मेरी टीम जीती थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘ अभी तक विश्व कप नहीं खेला हूं और जब भी विश्व कप खेलूं तो टीम की जीत में मेरा योगदान हो । जब भी मौका मिलेगा अपना सब कुछ झोक दूंगा। देश के लिए विश्व कप जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है।'' उन्होंने कहा कि क्रिकेट में गेंदबाज को चोटिल होने से बचाने में जूतों का काफी अहम योगदान होता है उन्होंने खेल पोशाक की अपनी कंपनी शुरू की है जिसमें कम कीमत में आरामदायक जूतों को तैयार करने पर ध्यान दिया जा रहा है। इन जूतों को तैयार करने में महेंद्र सिंह धोनी और कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का सुझाव भी लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ गेंदबाजों के जूते काफी महंगे होते है इसलिए मैंने कम कीमत में ऐसे जूते तैयार किये हैं तो आरामदायक हो और चोटिल होने से बचायें। इन जूतों को आईपीएल के दौरान धोनी ने भी आजमाया है और इसमें उनके सुझाव को भी ध्यान रखा गया है।
- जोहानिसबर्ग। बायें हाथ में फ्रेक्चर के कारण आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रेविस हेड भारत में विश्व कप के पहले चरण में नहीं खेल सकेंगे जबकि टूर्नामेंट के बाकी हिस्से में भी उनका खेलना संदिग्ध है जिससे फॉर्म में चल रहे मार्नस लाबुशेन के लिये रास्ते खुल गए हैं । हेड को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे वनडे के दौरान तेज गेंदबाज गेराल्ड कोत्जी की गेंद बायें दस्ताने पर लगी थी । मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने बताया कि हेड भारत के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे श्रृंखला नहीं खेल सकेंगे । उन्हें आपरेशन की जरूरत नहीं है लेकिन विश्व कप टीम में उन्हें शामिल करने के जोखिम पर आस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं को विचार करना होगा । मैकडोनाल्ड ने कहा ,‘‘ अच्छी बात यह है कि उसे सर्जरी की जरूरत नहीं है । वह कुछ समय के लिये बाहर रहेगा और पहले चरण में नहीं खेल सकेंगे । हमें अंतिम 15 पर फैसला लेना है लेकिन मैं समय सीमा नहीं बता सकता ।'' विश्व कप पांच अक्टूबर से शुरू होगा और फाइनल 19 नवंबर को होना है ।हेड की चोट से लाबुशेन के रास्ते खुले हैं और आस्ट्रेलिया की प्रारंभिक टीम में नहीं है लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन से उन्होने ध्यान खींचा है । टीम में बदलाव 28 सितंबर तक किये जा सकते हैं । उसके बाद किसी बदलाव के लिये आईसीसी की अनुमति लेनी होगी ।
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नई दिल्ली। ब्राजील के रियो डी जनेरियो में भारतीय निशानेबाज एलावेनिल वेलारिवन ने आईएसएसएफ विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया है। वेलारिवन ने फाइनल में 252.2 का स्कोर बना कर फ्रांस की ओसिएने मुलर को हराया। वेलारिवन का यह दूसरा व्यक्तिगत विश्व कप पदक है। इससे पहले वेलारिवन क्वालिफिकेशन राउंड में 630. 5 अंक के साथ नौवें स्थान पर रहीं।
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नई दिल्ली । एशिया कप क्रिकेट के फाइनल में कोलंबो में भारत ने श्रीलंका को 10 विकेट से हराया दिया है। श्रीलंका की पूरी टीम 15 ओवर दो गेंदों में ही 50 रन पर सिमट गई भारत की तरफ से शानदार गेंदबाजी करते हुए मोहम्मद सिराज ने 6 विकेट लिए। 51 रन के लक्ष्य को भारत ने महज छह ओवर और एक गेंद में ही पूरा कर लिया।
इशान किशन 18 गेंद पर 23 रन और शुभमन गिल 19 गेंद पर 27 रन बनाकर नाबाद रहे। श्रीलंका की खराब गेंदबाजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 5 बल्लेबाज खाता नहीं खोल पाए। केवल दो बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा छू पाए। भारत के लिए मोहम्मद सिराज के अलावा हार्दिक पांड्या ने 3 विकेट लिए। जसप्रीत बुमराह ने एक विकेट चटकाया। शानदार गेंदबाजी के लिए मोहम्मद सिराज को मैन आँफ द मैच दिया गया। -
नई दिल्ली। अमरीका के ओरेगॉन में डायमंड लीग के फाइनल में भारत के नीरज चोपड़ा पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहे। नीरज ने दूसरे प्रयास में 83.80 मीटर तक भाला फेंककर रजत पदक जीता। चेक गणराज्य के जैकब वाडलेक ने 84.24 मीटर के साथ पहला स्थान हासिल किया। वाडलेक का यह तीसरा खिताब है।
मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन चोपड़ा ने पिछले वर्ष इसी स्थान पर 88 .13 मीटर के साथ विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। नीरज ने इस महीने की शुरुआत में, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। नीरज इस महीने के अंत में चीन के हांगझू में शुरू होने वाले एशियाई खेलों में अपने खिताब का बचाव करने के लिए मैदान पर उतरेंगे। -
नयी दिल्ली ।एशिया कप क्रिकेट के आखिरी सुपर फोर मुकाबले में कल बांग्लादेश ने भारत को 6 रन से हरा दिया। कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में जीत के लिए 266 रन के लक्ष्य के जवाब में भारतीय टीम पचासवें ओवर में दो सौ उनसठ रन पर सिमट गई। शुभमन गिल ने 121 रन की शतकीय पारी खेली और अक्षर पटेल ने 42 रन बनाए। इससे पहले, बांग्लादेश ने निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट पर दो सौ पैंसठ रन बनाए थे। भारत और श्रीलंका पहले ही फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। खिताबी मुकाबला कल कोलंबो में ही खेला जाएगा। यह मैच भारतीय समय के अनुसार दिन में तीन बजे से शुरू होगा।
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नयी दिल्ली. खेल मंत्रालय ने गुरुवार को आगामी एशियाई खेलों के लिए भारतीय दल की एक संशोधित सूची साझा की जिसमें 22 नए खिलाड़ियों को शामिल किया गया और 25 लोगों को बदला गया है जिसमें एथलीट, कोच और सहायक स्टाफ शामिल है। मॉडर्न पेंटाथलन को भी सूची में जोड़ा गया जिससे भारत इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में 39 खेलों में चुनौती पेश करेगा। चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होने वाले एशियाई खेलों में भारत के 655 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे जबकि उनके साथ 260 कोच और सहायक स्टाफ जाएगा। निशानेबाजी में भारत ने मनीषा कीर, प्रीति रजक और अंगद वीर सिंह बाजवा को टीम में शामिल किया है जबकि एथलेटिक्स में अमलान बोरगोहेन, प्रीति और प्राची को टीम में जगह मिली है। जू-जित्सु खेल में अन्वेषा देब, निकिता चौधरी, उमा महेश्वर, कमल सिंह और तरूण यादव शामिल हुए हैं।
जान्हवी चौधरी को एक्वाटिक्स जबकि सूरज यादव को वुशु में जोड़ा गया है। मयंक चाफेकर मॉर्डन पेंटाथलन में एकमात्र एथलीट होंगे। विशाल रुहिल, केशव, सुचिका तरियाल और ज्योति टोकस कुराश में चार अतिरिक्त खिलाड़ी हैं। पुरुषों की टीम परस्यूट साइकिलिंग में वेंकप्पा शिवप्पा केंगलगुट्टी, नीरज कुमार, मंजीत कुमार और दिनेश कुमार के रूप में चार और खिलाड़ी होंगे। इंडोनेशिया में 2018 में आयोजित पिछले एशियाई खेलों से जेब खर्चे के भत्ते में कोई बदलाव नहीं हुआ है और मंत्रालय ने प्रति दिन 50 अमेरिकी डॉलर के भत्ते की घोषणा की है। मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘दल के सदस्यों को प्रति दिन 50 अमेरिकी डॉलर की दर से भत्ता दिया जाएगा जिसे भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा सीधे खिलाड़ियों और अधिकारियों के बैंक खाते में भेजा जाएगा।'' - वाशिंगटन। पुर्तगाल ने अपने स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बिना भी यूरोपीय चैंपियनशिप क्वालीफाइंग में लक्जमबर्ग को 9-0 से करारी शिकस्त देकर प्रतिस्पर्धी फुटबॉल में अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। रोनाल्डो ग्रुप जे के पिछले मैच में दो पीले कार्ड मिलने के कारण एक मैच का निलंबन झेल रहे थे और इस कारण वह लक्जमबर्ग के खिलाफ मैदान पर नहीं उतर पाए। पुर्तगाल को हालांकि इस मैच में उनकी कमी नहीं खली। अल्गार्वे में खेले गए इस मैच में उसकी तरफ से गोंकालो रामोस, गोंकालो इनासियो और डिओगो जोटा ने दो-दो जबकि रिकार्डो होर्टा, ब्रूनो फर्नांडीस और जोआओ फेलिक्स ने एक-एक गोल किया।अड़तीस वर्षीय रोनाल्डो ने अपने 123 अंतरराष्ट्रीय गोल में इजाफा करने का बेहतरीन मौका गंवाया लेकिन उन्हें ग्रुप चरण में अभी चार और मौके मिलेंगे। पुर्तगाल की यह लगातार छठी जीत है। क्वालीफाइंग में किसी भी अन्य टीम ने इतनी जीत दर्ज नहीं की हैं। पुर्तगाल अब दूसरे नंबर पर काबिज स्लोवाकिया से पांच अंक आगे हो गया है। प्रत्येक ग्रुप से चोटी पर रहने वाली दो टीमें स्वत: ही क्वालीफाई करेंगी। यूरोपीय चैंपियनशिप के क्वालीफाइंग में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड अब भी जर्मनी के नाम है जिसने 2006 में सैन मेरिनो को 13-0 से हराया था। ग्रुप के अन्य मैचों में स्लोवाकिया ने लिचेंटसीन को 3-0 से और आइसलैंड ने बोस्निया-हर्जेगोविना को 1-0 से हराया। इस बीच ग्रुप डी में क्रोएशिया ने आर्मेनिया को 1-0 से हराया। उसकी तरफ से आंद्रे क्रामारिच ने 13वें मिनट में गोल किया जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। इस जीत से क्रोएशिया ग्रुप में शीर्ष पर पहुंच गया है। इसी ग्रुप के एक अन्य मैच में वेल्स ने लाटविया को 2-0 से पराजित किया।
- न्यूयॉर्क। आम टेनिस प्रेमी की धारणा थी कि नोवाक जोकोविच, राफेल नडाल और रोजर फेडरर अब नए खिलाड़ियों के लिए मंच छोड़ देंगे और ग्रैंडस्लैम प्रतियोगिता में दुनिया को नए चैंपियन देखने को मिलेंगे। फेडरर संन्यास ले चुके हैं और नडाल कूल्हे की परेशानी के कारण इस सत्र में अधिकतर प्रतियोगिताओं में नहीं खेल पाए लेकिन जोकोविच ने 36 साल की उम्र में भी अपना दबदबा बरकरार रखा है। जोकोविच ने रविवार को अमेरिकी ओपन फाइनल में दानिल मेदवेदेव को 6-3, 7-6 (5), 6-3 से हराकर रिकॉर्ड 24वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीता। टेनिस इतिहास में सर्वाधिक ग्रैंडस्लैम जीतने के मामले में अब वह महिला टेनिस खिलाड़ी मार्गरेट कोर्ट की बराबरी पर पहुंच गए हैं। जोकोविच इस जीत से फिर से दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी भी बन गए हैं। जोकोविच से पूछा गया कि क्या उन्हें नई पीढ़ी के खिलाफ भी अपना पुराना प्रदर्शन जारी रखना असामान्य नहीं लगता, उन्होंने कहा,‘‘नहीं, कतई नहीं। और किसी को इस पर हैरान भी नहीं होना चाहिए।'' उन्होंने कहा,‘‘यह कहना अहंकार पूर्ण लग सकता है लेकिन मैं वास्तव में हैरान नहीं क्योंकि मैं जानता हूं कि इसके लिए मैंने कितनी कड़ी मेहनत की है, कितना समर्पण किया है और कितनी ऊर्जा लगाई है। इसलिए मैं जानता हूं कि मैं इसका हकदार हूं। मुझे हमेशा खुद पर और अपनी क्षमताओं, अपने कौशल पर भरोसा रहा।'' जोकोविच ने कहा ,‘‘इसलिए ईमानदारी से कहूं तो मैं वास्तव में हैरान नहीं हूं क्योंकि मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं शारीरिक रूप से फिट हूं और पहले की तरह तैयारियां कर रहा हूं।'' जोकोविच का 2023 में ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं में रिकॉर्ड 23-1 है। वह इस बीच विंबलडन फाइनल में 20 वर्षीय कार्लोस अल्कराज से हार गए थे। जोकोविच ने जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई ओपन फाइनल में 24 वर्षीय स्टेफानोस सिटसिपास और जून में फ्रेंच ओपन फाइनल में 24 वर्ष के एक अन्य खिलाड़ी कैस्पर रूड को हराया था। अब अमेरिकी ओपन के फाइनल में उन्होंने 27 वर्षीय मेदवेदेव को पराजित करके बढ़ती उम्र में भी अपने दमखम का शानदार नमूना पेश किया। जोकोविच ने कहा,‘‘ उम्र महज एक संख्या है। अगर मैं अब भी खेल के चरम पर हूं तो फिर मैं टेनिस को अलविदा कहने के बारे में विचार भी नहीं करना चाहता हूं। यहां तक कि मैं उस बारे में सोचना भी नहीं चाहता हूं।''
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कोलंबो। विराट कोहली और लोकेश राहुल के नाबाद शतक और दोनों के बीच अटूट दोहरी शतकीय साझेदारी के बाद कुलदीप यादव की फिरकी के जादू से भारत ने वर्षा से प्रभावित एशिया कप के सुपर चार मुकाबले में सोमवार को यहां पाकिस्तान को 228 रन से हरा दिया। पाकिस्तान के खिलाफ रनों के लिहाज से यह भारत की सबसे बड़ी जीत है।
भारत के 357 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप (25 रन पर पांच विकेट) की बलखाती गेंदों के सामने 32 ओवर में 128 रन पर ढेर हो गई। भारत के लिए कोहली ने अपने 47वें शतक के दौरान 94 गेंद में नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 122 रन बनाए। उन्होंने चार महीने से अधिक समय बाद पहला प्रतिस्पर्धी मुकाबला खेल रहे राहुल (नाबाद 111 रन, 106 गेंद, 12 चौके, दो छक्के) के साथ तीसरे विकेट के लिए 233 रन की अटूट साझेदारी भी की जिससे भारत ने दो विकेट पर 356 रन बनाकर पाकिस्तान के खिलाफ अपने सर्वोच्च स्कोर की बराबरी की। कोहली और राहुल की बदौलत भारत अंतिम 10 ओवर में 105 रन जोड़ने में सफल रहा। कोहली का यहां के आर प्रेमदासा स्टेडियम में यह लगातार चौथा शतक है।
रविवार को लगातार बारिश के कारण यह मुकाबला बीच में रोकना पड़ा था और सोमवार को रिजर्व दिन मुकाबला आगे खेला गया। लक्ष्य का पीछा करने उतरे पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही। टीम ने पांचवें ओवर में ही इमाम उल हक का विकेट गंवा दिया जिन्होंने जसप्रीत बुमराह की गेंद पर शुभमन गिल को कैच थमाया। कप्तान बाबर आजम भी 24 गेंद में 10 रन की धीमी पारी खेलने के बाद 11वें ओवर में हार्दिक पंड्या की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद बारिश के कारण एक घंटे से अधिक समय तक खेल रुका रहा। खेल दोबारा शुरू होने पर शारदुल ठाकुर ने चौथी ही गेंद पर मोहम्मद रिजवान (02) को विकेटकीपर राहुल के हाथों कैच कराके पाकिस्तान का स्कोर तीन विकेट पर 47 रन किया। सलामी बल्लेबाज फखर जमां और आगा सलमान ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया। फखर 21 रन के स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप की गेंद पर स्लिप में रोहित ने उनका कैच टपका दिया। फखर हालांकि इस जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए और 27 रन बनाने के बाद कुलदीप के अगले ओवर में बोल्ड हो गए। कुलदीप ने सलमान (23) को पगबाधा करके पाकिस्तान का स्कोर पांच विकेट पर 96 रन किया।
कुलदीप ने शादाब खान (06) और इफ्तिखार (23) को लगातार ओवरों में आउट किया।
कुलदीप के अगले ओवर में शाहीन शाह अफरीदी (नाबाद 07) ने पारी का पहला छक्का जड़ा लेकिन इस स्पिनर ने तीन गेंद बाद फहीम अशरफ (04) को बोल्ड करके भारत की जीत सुनिश्चित की। हारिस राउफ और नसीम शाह चोटिल होने के कारण बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे। इससे पहले भारत ने कल 24.1 ओवर में दो विकेट पर 147 रन बना बनाए थे। सलामी बल्लेबाजों कप्तान रोहित शर्मा (56) और शुभमन गिल (58) ने अर्धशतक जड़ने के अलावा पहले विकेट के लिए 121 रन जोड़कर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। भारत ने हालांकि लगातार ओवरों में दोनों के विकेट गंवा दिए थे। रोहित ने 17वें ओवर में स्पिनर शादाब खान की गेंद पर फहीम अशरफ को कैच थमाया जबकि शाहीन शाह अफरीदी की गेंद पर गिल कवर में आगा सलमान को कैच दे बैठे। सोमवार को भी मुकाबला बारिश के कारण एक घंटा 40 मिनट देर से शुरू हुआ। मैच बहाल होने पर राहुल 17 जबकि कोहली आठ रन से आगे खेलने उतरे। राहुल शुरुआत से ही अच्छी लय में दिखे। कोहली ने नसीम शाह पर दिन का पहला चौका जड़ा। राहुल ने इफ्तिखार अहमद की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारने के बाद इस स्पिनर के अगले ओवर में ही दो चौके मारे। राहुल ने फहीम अशरफ की गेंद पर एक रन के साथ 60 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। भारत के रनों का दोहरा शतक 33वें ओवर में पूरा हुआ।
कोहली ने स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और बीच में खराब गेंदों को सबक भी सिखाया। उन्होंने धीमी शुरुआत के बाद लय पकड़ी और शादाब की गेंद पर एक रन के साथ 55 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। कोहली ने 43वें ओवर में इफ्तिखार पर अपना पहला छक्का मारा और फिर इसी ओवर में चौका भी जड़ा। राहुल ने 45वें ओवर में फहीम पर दो चौकों और एक रन के साथ भारत का स्कोर 300 रन तक पहुंचाया। -
नयी दिल्ली. भारत के पूर्व कोच विमल कुमार का मानना है कि मौजूदा सत्र में टूर्नामेंटों में लगातार असफलताओं ने पी वी सिंधू के आत्मविश्वास को कमजोर कर दिया है और देश की शीर्ष महिला बैडमिंटन खिलाड़ी से एशियाई खेलों में ज्यादा उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। सिंधू ने लय हासिल करने के लिए दिग्गज प्रकाश पादुकोण की देखरेख में एक सप्ताह तक बेंगलुरु स्थिति प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी (पीपीबीए) में अभ्यास किया। पिछले अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान टखने की चोट के बाद सिंधू के प्रदर्शन में गिरावट आयी है। पीपीबीए के निदेशक विमल ने कहा, ‘‘हम उसके अभ्यास सत्र का विश्लेषण कर रहे हैं। प्रकाश ने उससे बात की और उसे प्रेरित करने की कोशिश की। हमने उसके कोच (मुहम्मद हाफिज हाशिम) से भी बातचीत की है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस समय उसका आत्मविश्वास कम है और वह शारीरिक और मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर है। उसे कुछ सुधार करना है और हमें एशियाई खेलों में उससे ज्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए।'' सिंधू 2019 में विश्व चैम्पियन बनी थी । वह इस साल बीडब्ल्यूएफ टूर के सात प्रतियोगिताओं में पहले दौर में हारकर बाहर हो गयी। मौजूदा सत्र में वह कनाडा ओपन के सेमीफाइनल और अमेरिका ओपन तथा ऑस्ट्रेलिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रही। लगातार खराब प्रदर्शन से परेशन सिंधू ने कहा था कि अमेरिकी ओपन के क्वार्टर फाइनल में हार का उन पर काफी ‘भावनात्मक प्रभाव' पड़ा था। उन्होंने जुलाई में ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर)' पर लिखा, ‘‘ इस चुनौतीपूर्ण साल में इस हार ने मुझ पर काफी भावनात्मक प्रभाव छोड़ा है। किसी सफल टूर्नामेंट के बाद हार का अनुभव करना निराशाजनक है।'' एक सप्ताह तक सिंधू के खेल पर नजर रखने वाले विमल ने कहा, ‘‘वह एक बड़ी खिलाड़ी है और उसे कुछ समय देना जरूरी है, उसे अपनी लय हासिल करने में कुछ महीने लग सकते हैं। कुछ तकनीकी पहलू हैं, जहां वह कुछ बदलाव कर सकती है। उसे कुछ पहल करने की जरूरत है।" चीन के हांगझोउ में एशियाई खेलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सिंधू ने चीन ओपन सुपर 1000 और हांगकांग ओपन सुपर 500 से नाम वापस ले लिया है। उन्होंने अपने कोच हाफिज हाशिम के साथ पिछले सप्ताह पीपीबीए में पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन पादुकोण देखरेख में अभ्यास किया। एशियाई खेलों का कांस्य पदक (1986 में वालीबॉल) जीतने वाले सिंधू के पिता पीवी रमना ने कहा, ‘‘पिछला सप्ताह उनके लिए एक अच्छा बदलाव रहा है। उन्हें प्रकाश पादुकोण से सीखने का अच्छा अनुभव मिला। वह वहां मौजूद थे और उन्होंने सिंधू के अभ्यास सत्र को करीब से देखा।'' रमना ने कहा, ‘‘पादुकोण बहुत सहायक रहे हैं और उन्होंने उसे बहुत प्रोत्साहन दिया है। अलग-अलग कोच से सीखना अच्छा है, हर किसी के विचार और तरीके अलग-अलग होते हैं। एक खिलाड़ी के रूप में, वह फिर से पुरानी लय को हासिल करना चाहेगी। हर खिलाड़ी की अपनी रणनीति होती है।'' दुनिया की 14वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू के करियर के लिए यह समय काफी अहम है क्योंकि 2024 ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफिकेशन अवधि एक मई से शुरू हो रही है। सिंधू इस साल फरवरी में कोरिया के अपने कोच पार्क ताए संग से अलग हो गयी थी। उन्होंने इसके बाद कुछ समय के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण की कोच विधि चौधरी के साथ काम किया और अब हाफिज की देखरेख में ओलंपिक की तैयारी कर रही है।
- दुबई। ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्लोमफ़ोन्टेन में पहले दो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में जीत दर्ज करके आईसीसी वनडे रैंकिंग में पाकिस्तान की जगह फिर से नंबर एक रैंकिंग हासिल कर ली। डेविड वार्नर और मार्नस लाबुशेन के शतकों की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे वनडे में 123 रन से बड़ी जीत दर्ज की। उसने पहला मैच तीन विकेट से जीता था। दूसरे वनडे में जीत से ऑस्ट्रेलिया के कुल 121 रेटिंग अंक हो गए हैं और उसने पाकिस्तान को एक रेटिंग अंक से पीछे छोड़ दिया है। भारत 114 रेटिंग अंकों के साथ आईसीसी रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है। पिछले साल उतार-चढ़ाव वाले अभियान के बाद ऑस्ट्रेलिया ने वनडे रैंकिंग में अपना शीर्ष स्थान गंवा दिया था। उसे 2022 में श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा था और जिंबाब्वे ने भी उसे एक मैच में हराया था। ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि इसके बाद न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को 3-0 के समान अंतर से पराजित किया। इसके बाद उसने मार्च 2023 में भारत को उसकी धरती पर हराया और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले दो मैचों में जीत दर्ज की। पाकिस्तान अभी एशिया कप में खेल रहा है और ऐसे में समीकरण बदल भी सकते हैं।
- कोलंबो ।भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को रोमांचकारी बनाने वाला माहौल रविवार को यहां एशिया कप सुपर फोर मैच के दौरान नदारद था। सप्ताहांत होने के बावजूद दर्शक एक बार फिर सबसे चर्चित क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता में से एक माने जाने वाले मुकाबले से दूर रहे। इसी तरह का माहौल पालेकल में खेले गये टूर्नामेंट के लीग मैच के दौरान भी दिखा था। पालेकल में निराशा मिलने के बाद आयोजकों को कोलंबो में स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के समर्थकों की अच्छी संख्या की उम्मीद है। इस शहर में इन दोनों देशों के प्रवासी बड़ी संख्या में रहते है। इन दोनों टीमों के बीच 2012 में टी 20 विश्व कप मैच के दौरान यहां का प्रेमदासा स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था। पिछले एक दशक में इसी तरह का माहौल मीरपुर , मेलबर्न , एडिलेड , दुबई , बर्मिंघम , लंदन और मैनचेस्टर के मैदान में दिखा था। मैच में कोई वित्तीय हिस्सेदारी नहीं होने के बावजूद श्रीलंका क्रिकेट (एससीएल) के अधिकारियों को इस स्थिति से निराशा हुई। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इस टूर्नामेंट का आधिकारिक मेजबान है। श्रीलंका क्रिकेट के एक अधिकारी ने कहा , ‘‘ बारिश नहीं हो रही है और हमें मैदान में बड़ी संख्या में दर्शकों की उम्मीद थी। टिकट अभी भी ऑफलाइन और ऑनलाइन उपलब्ध हैं। वास्तव में , टिकट दर में भी कटौती की गई है , लेकिन हमें अभी भी ज्यादा दर्शक नहीं दिख रहे है। '' श्रीलंका क्रिकेट ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच सहित सभी सुपर 4 मैचों के टिकटों की कीमत में कटौती के बारे में ट्वीट किया है। प्रेमदासा स्टेडियम में सी और डी ‘ अपर ब्लॉक ' टिकटों की कीमत घटाकर 1000 श्रीलंकाई रुपये (एलकेआर) यानी लगभग 260 भारतीय रुपये कर दी गई है , जबकि सी और डी ‘ लोअर ब्लॉक ' टिकटों की कीमत अब एलकेआर 500 तय की गई है। कीमत में कटौती केवल सुपर फोर मैचों पर लागू है। फाइनल के लिए टिकटों के दर में कटौती नहीं होगी।दर्शकों की कम संख्या के बारे में पूछे जाने पर एसएलसी अधिकारी ने कहा , ‘‘ हो सकता है कि बारिश के पूर्वानुमान के कारण लोग जोखिम नहीं लेना चाहते हो। शायद स्थानीय लोग इस मैच में रुचि नहीं ले रहे है। '' शनिवार को श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच हुए सुपर फोर मैच में भी स्टेडियम के कई हिस्से खाली थे।पीसीबी के एक अधिकारी ने हालांकि यहां के स्थल चयन पर सवाल उठाया।अधिकारी ने कहा , ‘‘ साल के इस समय में श्रीलंका में क्रिकेट मैच आयोजित करना कठिन है क्योंकि वहां अक्सर बारिश होती है। '' उन्होंने कहा कि कोलंबो से मैचों की हंबनटोटा स्थानांतरित करने की अटकलो के कारण भी लोगों ने टिकट नहीं खरीदा।
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नयी दिल्ली. मंजू रानी ने अफगानिस्तान की सादिया ब्रोमांद को फाइनल में 3-0 से हराकर रविवार को बोस्निया एवं हर्जेगोविना के साराजीवो में चल रहे 21वें मुस्तफा हाजरुलाहोविच स्मृति टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। भारत ने प्रतियोगिता का अंत नौ स्वर्ण और एक रजत पदक के साथ किया। मंजू को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए टूर्नामेंट की ‘सर्वश्रेष्ठ महिला मुक्केबाज' चुना गया।
पुरुष 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में बरुन सिंह शागोलशेम ने पोलैंड के जाकुब स्लोमिंस्क को 3-0 से हराया जबकि पुरुष 57 किगा वर्ग में आकाश कुमार को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद स्वीडन के हादी होडरस के खिलाफ 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी। पुरुष 63 किग्रा वर्ग में मनीष कौशिक ने एकतरफा मुकाबले में फलस्तीन के मोहम्मद सऊद को 3-0 से हराया। भारत का दबदबा पुरुष 92 किग्रा वर्ग में भी जारी रहा जहां नवीन कुमार ने कड़े मुकाबले में पोलैंड के मातेयुज बेरेजनिकी को 2-1 से हराया। ज्योति, शशि, जिज्ञासा, विनाक्षी और सतीश कुमार को भी विजेता घोषित किया गया क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी फाइनल में नहीं उतरे।
- कोलंबो । जांघ की चोट के कारण लगभग चार महीने बाहर रहने के दौरान रिहैबिलिटेशन से गुजरते समय भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज लोकेश राहुल के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानसिक अड़चनों से निपटना थी। राहुल को इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान चोट लगी थी जिसके लिए बाद में उन्हें लंदन में सर्जरी भी करानी पड़ी। यह 31 वर्षीय बल्लेबाज इसके बाद बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैबिलिटेशन से गुजरा और अब एशिया कप में खेलने के लिए फिट हो गया। वह हालांकि हल्की चोट के कारण श्रीलंका में चल रहे इस टूर्नामेंट के शुरुआती दो मैच में नहीं खेल पाए। राहुल का हालांकि चार सितंबर को दोबारा आकलन किया गया और उन्हें इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए कैंडी में भारतीय टीम से जुड़ने की स्वीकृति मिल गई। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा रविवार को पोस्ट किए गए वीडियो में राहुल ने कहा, ‘‘कई बार आप मानसिक लड़ाई भी लड़ते हो जहां आप हमेशा सोचते हो कि मुझे दर्द हो सकता है। और जब आप इस मानसिकता में होते हो तो कौशल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए सबसे बड़ी चुनौती चीजों से जुड़े इस डर और दर्द से पार पाना होती है।''राहुल ने कहा कि विकेट कीपिंग के लिए जांघ में काफी मजबूती की जरूरत होती है और रिहैबिलिटेशन से गुजरते समय उनके मन में सबसे बड़ा सवाल यह था कि इतनी बड़ी सर्जरी के बाद वह दोबारा इस भूमिका के लिए खुद को कैसे समझाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी बात यह थी कि मैं अपने शरीर को लेकर आत्मविश्वास महसूस करूं और उन मूवमेंट में दर्द से मुक्त रहूं जिनमें बहुत अधिक जोर लगाने की आवश्यकता होती है। विशेषकर, मुझे पता था कि वापस आकर मुझे विकेटकीपिंग भी करनी होगी।'' राहुल ने कहा, ‘‘और यह फिजियो और मेरे लिए सबसे बड़ी चिंताओं में से एक था, मेरे दिमाग में एक बड़ा सवालिया निशान था कि जांघ की चोट के कारण वापसी करते हुए मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती विकेटकीपिंग होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब आप विकेटकीपिंग करते हैं तो हर गेंद पर आपको झुककर बैठना होता है। तो आपको अपनी जांघ में बहुत अधिक ताकत की आवश्यकता होती है। जरूरत होती है कि आपका शरीर आपका समर्थन करे और आप दर्द मुक्त रहें।'' राहुल ने उन फिजियो के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने कठिन दौर में उनका मार्गदर्शन किया।उन्होंने कहा, ‘‘और एक बार जब आप इससे गुजरते हैं (दर्द मुक्त हो जाते हैं), यह तभी हो सकता है जब आप कदम दर कदम उठाते हैं। और जैसा कि मैंने कहा, मैं एनसीए में कुछ बहुत अच्छे फिजियो और ट्रेनर के मार्गदर्शन में था। उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया और वे जानते थे कि कब मुझे जोर लगाना है और कब पीछे हटना है।''इस क्रिकेटर ने कहा कि वह बिना किसी समस्या के आराम से गेंद के पीछे भाग रहे थे लेकिन चोट लग गई है और शुरुआत में उन्हें लगा कि यह कुछ हफ्तों में ठीक को जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं गेंद को पकड़ने का प्रयास कर रहा था और मेरे टेंडन में चोट लग गई। मुझे काफी अधिक चोट लगी और मेरी जांघ में टेंडन फट गया। इसलिए जब यह हुआ तो बेशक मैं, मेरा परिवार, फ्रेंचाइजी, टीम, सभी दुआ कर रहे थे कि यह बड़ी चोट नहीं हो... यह छोटा-मोटा खिंचाव हो या मैं कुछ हफ्तों में ठीक हो जाऊं।'' राहुल ने कहा, ‘‘लेकिन जब हमने कुछ दिनों में स्कैन किया तो हमें पता चला कि यह पूरी तरह से फट गया था और यह बिल्कुल स्पष्ट था कि इससे उबरने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ेगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘फिजियो को तुरंत पता चल गया था कि सर्जरी ही एकमात्र रास्ता है और हमें यही रास्ता अपनाना था। यह सब बहुत जल्दी हुआ।'' राहुल ने कहा कि एक बार मानसिक बाधा पार हो जाने के बाद वह अपने क्रिकेट कौशल पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे और एशिया कप की कठिनाइयों के लिए तैयार हो सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार ऐसा हुआ तो फिर कौशल पर ध्यान दिया। मैंने दौड़ना और बाकी चीजें करना शुरू किया। लेकिन फिर दुर्भाग्य से ऐसा करने की प्रक्रिया में, टीम में वापस आने से ठीक पहले मुझे एक छोटी सी चोट लगी।'' राहुल ने कहा, ‘‘मुझे लगा था कि मैं एशिया कप से काफी पहले वापसी कर सकता हूं और खुद को काफी समय दे सकता हूं और खुद को वास्तव में अच्छी तरह से तैयार कर सकता हूं। लेकिन दुर्भाग्य से, एक और समस्या ने मुझे कुछ हफ्ते पीछे कर दिया।'' इस क्रिकेटर ने कहा कि वह मैदान पर वापसी करने में सफल रहे क्योंकि उन्होंने अपने शरीर को ‘ठीक होने के लिए पर्याप्त समय' दिया। राहुल ने कहा, ‘‘बेशक मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। टीम के साथ वापस आकर अच्छा लग रहा है। मैं काफी समय तक खेल से दूर रहा लेकिन लेकिन हां, मैं वापस आकर खुश हूं... सब कुछ सही समय पर हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब आपकी सर्जरी होती है तो आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इस बात का सम्मान करें कि आपने अपने शरीर को किसी बहुत बड़ी चीज से गुजारा है, आपकी किसी बड़ी चीज को ठीक किया गया है इसलिए आपको इसका सम्मान करना होगा और अपने शरीर को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय देना होगा।'' राहुल ने कहा कि वह 100 ओवर के मैच की कठिनाइयों के लिए तैयार हैं और अपनी क्षमताओं को लेकर ‘आश्वस्त' महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उसे (एशिया कप और विश्व कप) लेकर बहुत उत्साहित हूं और आशा करता हूं कि यह सब अच्छा होगा। मैंने वास्तव में अच्छी तैयारी की है, मैं अपने बारे में आश्वस्त हूं।''