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नयी दिल्ली. जिंदल स्टेनलेस ने 2022-23 और 2023-24 के दौरान कार्बन उत्सर्जन में 2.4 लाख टन की कटौती की है। कंपनी ने बुधवार को बयान में यह जानकारी दी। जिंदल स्टेनलेस लि. 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर पर लाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। कंपनी का तय वर्ष तक सालाना 13.52 लाख टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का लक्ष्य है। इसके लिए अन्य उपायों के साथ प्रतिवर्ष 1.9 अरब यूनिट से अधिक स्वच्छ बिजली उत्पन्न करने की योजना है। बयान में कहा गया है, ‘‘पिछले दो वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23) में, कंपनी 2.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सफल रही है। इसके साथ कंपनी ने कार्बन तटस्थता (यानी कार्बन उत्सर्जन के बराबर कार्बन उत्सर्जन में कमी) और जिम्मेदार विनिर्माण की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है।'' कंपनी ने कहा कि उसने अपने परिचालन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग शुरू कर दिया है। इसके साथ इस्पात विनिर्माण प्रक्रियाओं में उपयोग के लिए हरित हाइड्रोजन का उत्पादन भी शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा, जिंदल स्टेनलेस ने ओडिशा और हरियाणा में अपनी इकाइयों में ऊर्जा दक्षता और इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के लिए डिजिटलीकरण तथा प्रौद्योगिकी का उन्नयन किया है।
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नई दिल्ली।सरकार ने पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के पंजीकरण और मासिक रिटर्न दाखिल करने के लिए विशेष प्रक्रिया के कार्यान्वयन की समय सीमा 15 मई तक बढ़ा दी है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इससे पहले नई पंजीकरण और मासिक रिटर्न दाखिल प्रक्रिया एक अप्रैल 2024 से क्रियान्वित करने की जनवरी में घोषणा की थी। ऐसे व्यवसायों के पंजीकरण, रिकॉर्ड रखना और मासिक जानकारी में आमूलचूल बदलाव के कदम का मकसद पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के जीएसटी अनुपालन में सुधार करना था। वित्त विधेयक 2024 के जरिए जीएसटी कानून में भी संशोधन किया गया।इसमें कहा गया कि पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं को एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा, यदि वे एक अप्रैल से अपनी पैकिंग मशीनरी को जीएसटी अधिकारियों के साथ पंजीकृत करने में विफल रहते हैं।सीबीआईसी ने एक अधिसूचना के जरिए इस विशेष प्रक्रिया के कार्यान्वयन की तारीख 45 दिन बढ़ाकर 15 मई तक कर दी है। इस बीच, मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि न तो जीएसटी प्रणाली ने नई प्रक्रिया पर कोई परामर्श जारी किया है और न ही नई फाइलिंग संबंधी जानकारी दी गई। परिणामस्वरूप सरकार ने नई प्रक्रिया के कार्यान्वयन को 45 दिन यानी 15 मई तक स्थगित करने का निर्णय लिया है। -
नयी दिल्ली. प्रमुख कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं) की उपभोक्ता मांग को बढ़ाने के लिए व्यापक-संकेतकों और अच्छे मानसून व रबी फसलों को लेकर सुधार की उम्मीद है। मार्च तिमाही में कमजोर परिचालन परिस्थितियों के बीच एफएमसीजी की उपभोक्ता मांग सुस्त रही।
उद्योग को जनवरी-मार्च की अवधि में मूल्य/मात्रा में मध्यम से उच्च एकल-अंकीय वृद्धि की उम्मीद है, साथ ही इनपुट लागत में गिरावट से सकल मार्जिन विस्तार की प्रवृत्ति जारी रहेगी। पिछली कुछ तिमाहियों में सुस्त चल रही ग्रामीण मांग ने जनवरी-मार्च से गति पकड़ी है, और कुछ एफएमसीजी निर्माताओं ने शहरी बाजार के साथ अंतर कम होता देखा है। ग्रामीण भारत देश में एफएमसीजी बिक्री में लगभग 35 से 38 प्रतिशत का योगदान देता है
डाबर, मैरिको और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी प्रमुख सूचीबद्ध एफएमसीजी कंपनियों ने अपने तिमाही अपडेट में कहा कि मार्जिन के और विस्तार से कंपनियां अपने ब्रांडों पर विज्ञापन और प्रचार का खर्च बढ़ा सकेंगी। - नयी दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को सुगम बनाने के लिए जल्द ही एक मोबाइल ऐप पेश करेगा।आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया।नवंबर, 2021 में पेश की गई आरबीआई की रिटेल ‘डायरेक्ट स्कीम’ व्यक्तिगत निवेशकों को केंद्रीय के साथ गिल्ट खाते बनाए रखने और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की सुविधा प्रदान करती है। यह योजना निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में प्रतिभूतियों को खरीदने के साथ-साथ एनडीएस-ओएम मंच के जरिये प्रतिभूतियों को खरीदने/बेचने में सक्षम बनाती है।केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस पहुंच को और सुगम तथा बेहतर बनाने के लिए रिटेल ‘डायरेक्ट पोर्टल’ की एक मोबाइल ऐप बनाई जा रही है। यह ऐप निवेशकों को अपनी सुविधानुसार, चलते-फिरते उपकरण खरीदने और बेचने में सक्षम बनाएगा। ऐप शीघ्र ही उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है। यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है।
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नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 10,000 टन अतिरिक्त प्याज के निर्यात की अनुमति दी। इसके पहले सरकार ने पिछले महीने यूएई को 14,400 टन प्याज के निर्यात की मंजूरी दी थी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘एक मार्च, 2024 की अधिसूचना में निर्धारित कोटा के अलावा एनसीईएल के जरिये संयुक्त अरब अमीरात को अतिरिक्त 10,000 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाती है।'' हालांकि, सरकार ने घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन सरकार मित्र देशों के अनुरोध पर उन्हें एक निर्दिष्ट मात्रा में प्याज भेजने की अनुमति देती है। प्याज का निर्यात एनसीईएल के जरिये किया जाएगा जो कई राज्यों में सक्रिय एक सहकारी समिति है।
भारत ने बीते वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया था। मूल्य के लिहाज से प्याज के शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और यूएई थे। -
नयी दिल्ली. ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग' ने मंगलवार को घोषणा की है कि फुटबॉल के पूर्व खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया भारतीय बच्चों और युवाओं के बीच नए जमाने के तंबाकू उत्पादों के प्रचार से निपटने के उनके अभियान का समर्थन करेंगे। उसने कहा कि भूटिया के इस अभियान से जुड़ने से काफी मदद मिलेगी।
यह समूह चिंतित माताओं का एक संयुक्त मंच है जिसका उद्देश्य भारतीय युवाओं के बीच ई-सिगरेट, वेप्स, इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन आपूर्ति प्रणाली और ऐसे अन्य उत्पादों के प्रचार का मुकाबला करना है। समूह ने कहा कि उनकी (भूटिया) भागीदारी से इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से उठाए जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, इस सहयोग का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, समर्थन जुटाना और युवा पीढ़ी की भलाई को इन उपकरणों के खतरों से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास को बढ़ावा देना है। भूटिया ने कहा, “मैं भविष्य की फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बच्चों के साथ काम कर रहा हूं और मैदान पर उनकी भावना को देखना एक शानदार एहसास है। इसलिए, मेरे लिए, यह बहुत निराशाजनक है कि बच्चे और युवा इन हानिकारक आदतों का शिकार हो रहे हैं।” भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, “जिस उम्र में हमारे बच्चों को ऐसे माहौल में रहना चाहिए जो उनके सपनों और आकांक्षाओं को पोषित करता हो, यह देखना दुखद है कि नए जमाने के ये तंबाकू उपकरण उनके स्वास्थ्य और अंततः उनके जीवन को बर्बाद कर रहे हैं।” उन्होंने जागरूकता बढ़ाने में ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग' के प्रयासों की भी सराहना की और इसे “वास्तव में सराहनीय” बताया। भूटिया ने कहा, “मैं तहे दिल से उन्हें अपना समर्थन देता हूं, ताकि हमारी युवा पीढ़ी की भलाई और भविष्य सुरक्षित रहे।” ‘मदर्स अगेंस्ट वेपिंग' के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019 द्वारा लगाए गए व्यापक प्रतिबंध के बावजूद, ई-सिगरेट और इसी तरह के नए जमाने के उपकरणों का प्रसार जारी है। -
नयी दिल्ली. टाइम्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक विनीत जैन को “भारतीय टेलीविजन समाचार परिदृश्य में उनके अतुलनीय योगदान” के लिए एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवार्ड्स (ईएनबीए) द्वारा 2023 के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार दिया गया। शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में पुरस्कार ग्रहण करते हुए जैन ने कहा कि वह यह पुरस्कार टाइम्स ग्रुप की टीम को समर्पित करते हैं और समूह के विस्तार और विविधता लाने की उनकी यात्रा में उनके बड़े भाई, समीर जैन के समर्थन को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा, “हमें स्वतंत्र होने के लिए मजबूत होना होगा। मैं हमारे मीडिया उद्योग और संस्थानों को जिस भी तरीके से हो सके, मजबूत करने के लिए समर्पित हूं।” पुरस्कार के प्रशस्ति पत्र में टाइम्स नाउ, ईटी नाउ, मिरर नाउ, टाइम्स नाउ नवभारत और ईटी नाउ स्वदेश जैसे चैनलों के साथ टाइम्स ग्रुप के टीवी मंच -टाइम्स नेटवर्क - की स्थापना के लिए जैन की सराहना की गई, जिन्होंने “भारत में समाचार वितरित करने के तरीके को आकार दिया” है। प्रशस्ति पत्र में कहा गया, “नवीन प्रोग्रामिंग, संतुलित कवरेज और बदलते भारत की जरूरतों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता ने आपको व्यापक सम्मान और ख्याति दिलाई है।
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नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने उड़ानों में देरी के लिए विस्तारा एयरलाइंस से रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय ने बताया कि एयरलाइंस को उड़ानों में देरी या उड़ान रद्द होने की स्थिति में यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय – डीजीसीए के नियमों का पालन करना होगा। नागर विमानन मंत्रालय विस्तारा के विमानों के रद्द होने की स्थिति की निगरानी कर रहा है। हालांकि उड़ान परिचालन का प्रबंध एयरलाइंस खुद ही करती है। परिचालनगत कारणों से कई उड़ानें रद्द किए जाने की खबर है।
- नयी दिल्ली. मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि अधिकतम तापमान में वृद्धि का गेहूं की तैयार फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान देश में अत्यधिक गर्मी पड़ेगी जिसका सबसे बुरा प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ने की आशंका है। इसने कहा कि गेहूं की कटाई के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों और पूर्वी तथा पश्चिमी तटों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस ऊपर और देश के बाकी हिस्सों में सामान्य के आसपास रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हालांकि, मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू की कोई चेतावनी नहीं है। महापात्र ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "मध्य प्रदेश में इस समय तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और अगले सप्ताह इसके 42 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। चूंकि राज्य में गेहूं की कटाई का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, इसलिए कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।" उन्होंने कहा कि अगर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है, तो भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत ने 2022-23 के दौरान 11.055 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन किया था। इसमें से उत्तर प्रदेश का हिस्सा 30.40 प्रतिशत, मध्य प्रदेश का 20.56 प्रतिशत, पंजाब का 15.18 प्रतिशत, हरियाणा का 9.89 प्रतिशत और राजस्थान का 9.62 प्रतिशत था। देश में 2022 में लू के शुरुआती असर ने भारत में गेहूं उत्पादन को प्रभावित किया। इसके चलते उत्पादन 2021 के 10.959 करोड़ टन से घटकर 10.77 करोड़ टन रह गया जिससे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश को निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था। इस साल गेहूं का उत्पादन करीब 11.2-11.4 करोड़ टन होने की उम्मीद है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश का कोयला एवं लिग्नाइट उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में पहली बार एक अरब टन के आंकड़े को पार करने पर खुशी जताई और इसे एक ‘‘उल्लेखनीय उपलब्धि'' करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एक उल्लेखनीय उपलब्धि। कोयला और लिग्नाइट उत्पादन में एक अरब टन का आंकड़ा पार करना भारत के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, जो एक शानदार कोयला क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का मार्ग प्रशस्त करता है।'' देश का कोयला एवं लिग्नाइट उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में पहली बार एक अरब टन के आंकड़े को पार कर गया है, जो इसके एक साल पहले 93.7 करोड़ टन था। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को आधिकारिक आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 में कोयले एवं लिग्नाइट का उत्पादन एक अरब टन के आंकड़े को पार कर गया है।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को नये वित्त वर्ष के पहले दिन की शुरुआत मजबूत रही और बीएसई सेंसेक्स 363 अंक के लाभ में रहा। कारोबार के दौरान एक समय दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये थे। एशिया के अन्य बाजारों में मजबूत रुख तथा विदेशी पूंजी प्रवाह के साथ घरेलू बाजार में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी रही। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 363.20 अंक यानी 0.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74,014.55 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 603.27 अंक चढ़कर अबतक के उच्चतम स्तर 74,254.62 अंक तक चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 135.10 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,462 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 203.05 अंक चढ़कर 22,529.95 के रिकॉर्ड स्तर तक चला गया था। सेंसेक्स की कंपनियों में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, लार्सन एंड टुब्रो और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाइटन, नेस्ले, भारती एयरटेल और इंडसइंड बैंक शामिल हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘नये वित्त वर्ष के पहले दिन घरेलू बाजार की शुरुआत अच्छी रही। इस बात के संकेत हैं कि निकट भविष्य में गति अनुकूल बनी रहेगी। इस भरोसे को वैश्विक बाजारों में तेजी से समर्थन मिला। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के जून में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से वैश्विक बाजारों में तेजी रही। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनियों के बेहतर वित्तीय परिणाम की उम्मीद से भी बाजार को समर्थन मिला।'' नायर ने कहा कि धातु शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहा। इसका कारण चीन में पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स) आंकड़े का बेहतर होना है। इससे संकेत मिलता है कि आर्थिक पुनरुद्धार में तेजी है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट में बृहस्पतिवार को मिला-जुला रुख रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 188.31 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 86.91 डॉलर प्रति बैरल पर रही। शेयर बाजार शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे' के मौके पर बंद था।
बीएसई सेंसेक्स वित्त वर्ष 2023-24 में 14,659.93 अंक यानी 24.85 प्रतिशत मजबूत हुआ जबकि निफ्टी 4,967.15 अंक यानी 28.61 प्रतिशत चढ़ा। -
नयी दिल्ली. बीते वित्त वर्ष 2023-24 के मार्च महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि घरेलू लेनदेन बढ़ने से मार्च में जीएसटी संग्रह बढ़ा है। यह अबतक का दूसरा उच्चतम मासिक जीएसटी संग्रह है। अबतक का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह अप्रैल, 2023 में 1.87 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। मार्च में संग्रह बढ़ने के साथ समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी संग्रह 20.14 लाख करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है। इस वित्त वर्ष में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘मार्च, 2024 के लिए सकल जीएसटी राजस्व में सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये का दूसरा सबसे बड़ा संग्रह देखा गया। घरेलू लेनदेन में 17.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से कर संग्रह में यह उछाल दर्ज किया गया।'' मार्च महीने में रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 18.4 प्रतिशत अधिक है।
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नई दिल्ली। ग्लोबल मार्केट में तूफानी तेजी के बीच गोल्ड (gold) की घरेलू कीमतों में सोमवार यानी 1 अप्रैल को रिकॉर्ड तोड़ मजबूती देखी जा रही है। घरेलू बाजार में जहां बेंचमार्क कीमतें 69 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बेहद करीब पहुंच गई है, वहीं विदेशी बाजारों में सोना 2,300 डॉलर प्रति औंस का लेवल तोड़ने पर आमादा है।
ग्लोबल मार्केट में आज स्पॉट गोल्ड (spot gold) 2,265.73 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह बेंचमार्क यूएस जून गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX Jun′24) भी आज कारोबार के दौरान 2,286.40 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर देखा गया। पिछले एक महीने में वैश्विक बाजारों में गोल्ड तकरीबन 8 फीसदी मजबूत हुआ है।घरेलू फ्यूचर मार्केट में सोमवार को एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमतों ने लगातार दूसरे कारोबारी दिन रिकॉर्ड बनाया। इंट्राडे ट्रेडिंग में बेंचमार्क जून फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 68,926 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यू ऑल टाइम हाई (new all-time high) पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र (28 मार्च) में इसने 67,850 रुपये का हाई बनाया था। पिछले एक महीने में एमसीएक्स पर गोल्ड तकरीबन 10 फीसदी मजबूत हुआ है।हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी आज सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999) आज 1,712 रुपये की मजबूती के साथ 68,964 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया। फरवरी महीने के अंत (29 फरवरी) में सोना 24 कैरेट (999) 62,241 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था। इस तरह से पिछले एक महीने में घरेलू बाजार में स्पॉट गोल्ड तकरीबन 11 फीसदी मजबूत हुआ है।सोने की कीमतों को सबसे ज्यादा सपोर्ट यूएस में ब्याज दरों में जल्द ही कटौती के अनुमानों से मिला है। यूएस में पिछले शुक्रवार को महंगाई के आंकड़ों में आई नरमी के बाद फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की जून में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बेहद प्रबल हो गई है। कम ब्याज दरें गोल्ड के अपॉर्चुनिटी कॉस्ट (opportunity cost) को कम कर देती हैं। सोने की कीमतों को परवान चढ़ाने में केंद्रीय बैंकों (central banks) की खरीदारी का भी बड़ा योगदान रहा है। -
नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2024 से 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर और 5 किलो फ्री ट्रेड एलपीजी (FTL) सिलेंडर की कीमतें कम कर दी गई हैं। कीमतों में यह कटौती आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के कुछ दिन पहले ही की गई है। लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होंगे।
दिल्ली में 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 30.50 रुपये घटकर 1,764.50 रुपये हो गई है, जबकि 5 किलो फ्री ट्रेड LPG (5kg) सिलेंडर की कीमत 7.50 रुपये कम हो गई है। जनवरी के बाद से कमर्शियल LPG की कीमतों में यह पहली कटौती है। फरवरी में दरों में 14 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई, इसके बाद मार्च में 25.5 रुपये की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, घरेलू रसोई गैस की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर कोई बदलाव नहीं किया गया है।जेट फ्यूल, जिसे विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) भी कहा जाता है, की कीमत में हाल ही में 0.5% कम की गई है। दिल्ली में ATF की कीमत अब 100,893.63 रुपये प्रति किलोलीटर है और मुंबई में यह 94,809.22 रुपये से घटकर 94,466.41 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है।इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) जैसी राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) और रसोई गैस की कीमतों को एडजस्ट करती हैं। ये एडजस्टमेंट बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय ईंधन की औसत कीमतों और विदेशी एक्सचेंज रेट पर आधारित हैं।क्यों घटी फ्यूल की कीमत?फ्यूल की लागत और बाज़ार स्थितियों (market dynamics) में बदलाव के कारण ईंधन की कीमतें बदल सकती हैं। अप्रैल में कीमत क्यों घटाई गई है इसकी वजह का खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में बदलाव, टैक्सेशन पॉलिसीज और सप्लाई-डिमांड डायनेमिक्स जैसे फैक्टर्स ईंधन की कीमतों पर असर डाल सकते हैं। -
नई दिल्ली। बीते वित्त वर्ष 2023-24 के मार्च महीने में माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि घरेलू लेनदेन बढ़ने से मार्च में जीएसटी संग्रह बढ़ा है। यह अब तक का दूसरा उच्चतम मासिक जीएसटी संग्रह है।
अब तक का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह अप्रैल, 2023 में 1.87 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। मार्च में संग्रह बढ़ने के साथ समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी संग्रह 20.14 लाख करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है। इस वित्त वर्ष में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘मार्च, 2024 के लिए सकल जीएसटी राजस्व में सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये का दूसरा सबसे बड़ा संग्रह देखा गया। घरेलू लेनदेन में 17.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से कर संग्रह में यह उछाल दर्ज किया गया।’’ मार्च महीने में रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 18.4 प्रतिशत अधिक है। -
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने रविवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 में 422 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन किया। कंपनी ने बताया कि उसने बीते वित्त वर्ष में अब तक का उच्चतम वार्षिक बिजली उत्पादन दर्ज किया है। एनटीपीसी ने एक बयान में कहा कि 2023-24 के दौरान कंपनी के कोयला संयंत्रों ने 77 प्रतिशत का लोड फैक्टर (क्षमता उपयोग) दर्ज किया। बयान के अनुसार एनटीपीसी लिमिटेड ने 2023-24 में 422 अरब यूनिट का अपना उच्चतम वार्षिक उत्पादन दर्ज किया, जो 2022-23 की तुलना में लगभग छह प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने एक सितंबर, 2023 को 142.8 करोड़ यूनिट के साथ अपना अब तक का सर्वाधिक दैनिक उत्पादन दर्ज किया।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी ने 220 मेगावाट क्षमता की बरौनी तापीय बिजलीघर स्टेज-1 को स्थायी रूप से बंद कर दिया है। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता 75,1418 मेगावाट है। इसमें संयुक्त उद्यम की स्थापित क्षमताएं शामिल हैं। एनटीपीसी ने शनिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘एनटीपीसी बरौनी तापीय बिजलीघर स्टेज- 1 (110-110 मेगावाट की दो इकाइयों) के परिचालन को 31 मार्च, 2024 से स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। इस बिजलीघर में 110 मेगावाट की दो इकाइयां (यूनिट 6 और 7) हैं...।'' एनटीपीसी का लक्ष्य 2032 तक 130 गीगावाट क्षमता वाली कंपनी बनने का है।
एनटीपीसी ने 15 दिसंबर, 2018 को बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी से बिहार के बेगुसराय जिले में बरौनी तापीय बिजलीघर (720 मेगावाट) का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के समय 720 मेगावाट क्षमता के कोयला आधारित बिजलीघर में 110 मेगावाट की दो इकाइयां (आरएंडएम-नवीनीकरण और आधुनिकीकरण के तहत) और 250 मेगावाट की दो इकाइयां निर्माणाधीन थीं। बिजलीघर में चरण-1 (2x110 मेगावाट) और चरण-दो (2x250 मेगावाट) परियोजनाएं शामिल थी।
केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने नवंबर 2021 में एनटीपीसी बरौनी तापीय बिजलीघर के चरण-दो 500 मेगावाट (250-250 मेगावाट की दो इकाइयां) क्षमता की इकाई राष्ट्र को समर्पित किया। - नयी दिल्ली. नयी आपूर्ति की तुलना में बिक्री अधिक होने के कारण पिछले तीन महीनों में देश के नौ प्रमुख शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या सात प्रतिशत घटकर लगभग 4.81 लाख इकाई रह गई। रियल एस्टेट क्षेत्र के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली फर्म प्रॉपइक्विटी के मुताबिक इस साल मार्च के अंत में नौ प्रमुख शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या 4,81,566 थी। यह आंकड़ा दिसंबर 2023 के अंत में 5,18,868 इकाई था। ये नौ शहर मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, दिल्ली-एनसीआर (दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद), बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता हैं। प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक (एमडी) समीर जसूजा ने कहा कि नयी आवक के मुकाबले बिक्री अधिक होने से बिना बिके मकानों की संख्या में कमी आई है।
- मुंबई।' सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी ने शनिवार को कहा कि उद्योग जगत पर एक मजबूत और अधिक समावेशी भारत बनाने की जिम्मेदारी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भरोसा जताया कि उद्योग जगत अगले कुछ दशकों में 100 अरब डॉलर के निर्यात स्तर को छूने के अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘व्यावसायिक समुदाय के रूप में हम सभी की सामूहिक रूप से जिम्मेदारी है कि हम एक मजबूत, बेहतर और अधिक समावेशी भारत का निर्माण करें, ताकि हमारे प्रधानमंत्री ने अगले दशकों में हमारे लिए एक विकसित भारत, एक पूर्ण विकसित भारत का जो लक्ष्य रखा है, उसे पूरा किया जा सके।'' अंबानी ने पिछले कुछ दशकों में निर्यात को 40 अरब डॉलर तक पहुंचाने और देश में 50 लाख से अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए रत्न और हीरा उद्योग को बधाई दी। अंबानी ने कहा कि पालनपुर के लोगों के नेतृत्व में एक छोटी शुरुआत से आज उद्योग ने एक बड़ी प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें इस काम पर ‘गर्व' है। उन्होंने कहा कि अंबानी परिवार की जड़ें काठियावाड़ में हैं और उन्होंने पालनपुर के लोगों के साथ मिलकर काम करने की संभावनाओं का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी काठईवाड़ियों और पालनपुरियों के बीच साझेदारी अवसर को बड़ा बना सकती है।''
अंबानी ने यह भी कहा कि उनकी बहू श्लोका मेहता इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक, रोडीब्लू के रसेल मेहता की बेटी हैं, और कहा कि अंबानी परिवार श्लोका को पाकर ‘भाग्यशाली' है।
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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 24 करीब-करीब समाप्त होने को है। नए फाइनैंशियल ईयर से कई योजनाओं, फंडों, मार्केट के नियमों आदि में बदलाव देखने को मिलेगा। लेकिन इसी बीच एक बड़ा बदलाव क्रेडिट कार्ड (Credit Card) को लेकर है। भारत के कई बैंक क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं मगर ICICI Bank, येस बैंक (Yes Bank) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) क्रेडिट कार्ड को लेकर नया नियम 1 अप्रैल 2024 से ही लागू करने जा रहे हैं।
इन तीनों बैंकों के क्रेडिट कार्ड नियमों में जो बदलाव होने जा रहा है वह रिवॉर्ड पॉइंड और लाउंड एक्सेस बेनिफिट्स से जुड़ा हुआ है। ऐसे में आइये एक-एक कर जानते हैं क्या है बदलाव को लेकर नए वित्त वर्ष की अपडेटSBI Credit cards: भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI अपने क्रेडिट कार्ड में जो 1 अप्रैल से बदलाव करने जा रहा है वह है रिवॉर्ड पॉइंट को लेकर। 1 अप्रैल, 2024 से, एसबीआई कार्ड (SBI Card) की ओर से दिए जा रहे क्रेडिट कार्ड की एक स्पेशिफिक सीरीज के लिए किराए के भुगतान (rent payment transactions) पर रिवॉर्ड पॉइंट मिलना बंद हो जाएगा।इन स्पेशिफिक कार्डों में AURUM, एसबीआई कार्ड एलीट (SBI Card Elite) , एसबीआई कार्ड एलीट एडवांटेज (SBI Card Elite Advantage), एसबीआई कार्ड पल्स (SBI Card Pulse)और सिंपलीक्लिक एसबीआई कार्ड (SimplyCLICK SBI Card) के लिए रेंट पैमेंट ट्रांजैक्शन्स पर रिवॉर्ड पॉइंट नहीं मिलेगा।ICICI Bank Credit Cards: भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक एयरपोर्ट लॉउंज एक्सेस (airport lounge access) को लेकर नया नियम ला रहा है। 1 अप्रैल से शुरू हो रही तिमाही (Q1FY25) में ग्राहकों को कम से कम 35,000 हजार रुपए खर्च करने पर ही अगले क्वॉर्टर यानी Q2FY25 के लिए एक फ्री लॉउंड विजिट का ऑफर मिलेगा।Yes Bank Credit Cards: येस बैंक का भी नया रूल लॉउंज एक्सेस को लेकर ही है। येस बैंक क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को कम से कम 10,000 रुपये या उससे ज्यादा खर्च करने पर ही अगली तिमाही के लिए लॉउंज एक्सेस की अनुमति मिलेगी।लगातार बढ़ रही क्रेडिट कार्डों की संख्यादेश में बैंकों द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्डों की कुल संख्या को लेकर हाल ही में फरवरी 2024 का आंकड़ा जारी RBI की तरफ से जारी किया गया। इसके मुताबिक भारत में क्रेडिट कार्डों की संख्या 10 करोड़ पार करते हुए 10.06 करोड़ पहुंच गई है। जनवरी 2024 के मुकाबले फरवरी में 11 लाख कार्ड और जुड़े हैं। एक साल पहले यानी फरवरी 2023 में प्रचलन में कुल 9.95 करोड़ कार्ड थे। क्रेडिट कार्ड जारी करने में सबसे आगे देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) है। ऑपरेशन में इस बैंक के कार्डों की संख्या 2.4 करोड़ है। अन्य प्रमुख बैंकों की बात करें, तो SBI Card ने 1.875 करोड़ क्रेडिट कार्ड, ICICI Bank ने 1.684 करोड़ कार्ड और Axis Bank ने 1.39 करोड़ कार्ड के ऑपरेशन की जानकारी दी है। -
नई दिल्ली। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 22 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में 14 करोड़ डॉलर बढ़कर अपने अब तक के उच्चतम स्तर 642 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि लगातार पांचवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढौत्तरी दर्ज की गई है।सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार में 34 करोड़ 70 लाख डॉलर की वृद्धि हुई और अब यह 51 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है। कुल भंडार का एक प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा परिसम्पत्ति 12 करोड़ 30 लाख डॉलर घटकर पांच सौ 68 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा है कि भारत अगले दशक में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा और बदलावों के जरिये चुनौतियों से उबर रहा है। ऐसे में 2032 तक भारत दुनिया दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2050 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वह 25 मार्च को जापान के क्योटो में नोमुरा के 40वें ‘सेंट्रल बैंकर्स सेमिनार' में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था: अवसर और चुनौतियां' विषय पर अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा, “भारत के हालिया वृद्धि प्रदर्शन ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उदाहरण के लिए, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अप्रैल, 2023 और जनवरी, 2024 के बीच संचयी रूप से 2023 के लिए अपने पूर्वानुमान को 0.8 प्रतिशत बढ़ाया है।” आईएमएफ को उम्मीद है कि भारत वैश्विक वृद्धि में 16 प्रतिशत का योगदान देगा, जो बाजार विनिमय दरों के मामले में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है। इस मापन के अनुसार, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आगामी दशक के भीतर जर्मनी और जापान से आगे निकलने की स्थिति में है। क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- मुंबई. उद्योग जगत को बैंक ऋण फरवरी में सालाना आधार पर 8.6 प्रतिशत बढ़ा है। इसका मुख्य कारण बुनियादी ढांचा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों द्वारा कर्ज लेने की गति में आई तेजी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में कहा गया है कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण वृद्धि फरवरी में 20.1 प्रतिशत पर मजबूत रही, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 15 प्रतिशत थी। फरवरी के लिए विभिन्न क्षेत्रों को बैंक ऋण के आंकड़े 41 चुनिंदा वाणिज्यिक बैंकों से एकत्र किया गए हैं। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘उद्योग को ऋण फरवरी, 2024 में 8.6 प्रतिशत (साल-दर-साल) बढ़ा, जबकि फरवरी, 2023 में यह वृद्धि 6.8 प्रतिशत थी।'' प्रमुख उद्योगों में, ‘खाद्य प्रसंस्करण', ‘बुनियादी ढांचा' और ‘कपड़ा' क्षेत्र के ऋण में वार्षिक वृद्धि पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में फरवरी में तेज हुई, जबकि ‘बुनियादी धातु और धातु उत्पाद' तथा ‘रसायन एवं रासायनिक उत्पादों' क्षेत्र के ऋण में वार्षिक वृद्धि की गति धीमी हो गई। इसके अलावा, वाहन ऋण और अन्य व्यक्तिगत ऋणों में धीमी वृद्धि के कारण फरवरी में व्यक्तिगत ऋण की वृद्धि घटकर 18.1 प्रतिशत (एक साल पहले 20.6 प्रतिशत से) रह गई।
- नयी दिल्ली. घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ निवेशकों की संपत्ति चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 128.77 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद, पूंजी प्रवाह बढ़ने तथा कंपनियों के बेहतर वित्तीय परिणाम से बाजार को समर्थन मिला। घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन 2022-23 में हल्का रहा था। वहीं 2023-24 में इसमें उल्लेखनीय सुधार आया है। वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई सेंसेक्स 14,659.83 अंक यानी 24.85 प्रतिशत मजबूत हुआ। वहीं निफ्टी 4,967.15 अंक यानी 28.61 प्रतिशत चढ़ा। सात मार्च को मानक सूचकांक...सेंसेक्स रिकॉर्ड 74,245.17 के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके साथ, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2023-24 में 1,28,77,203.77 करोड़ रुपये बढ़कर 3,86,97,099.77 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं, बढ़ती ब्याज दर और आसन्न वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच देश के शेयर बाजार ने पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में उल्लेखनीय मजबूती दिखायी। यहां तक कि वैश्विक स्तर पर जारी राजनीतिक तनाव के कारण भी उत्पन्न झटके कुछ समय के लिए थे। बाजार में जो मजबूती थी, उससे इन चुनौतियों से बखूबी पार पाने में मदद मिली।'' इस साल दो मार्च को बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 394 लाख करोड़ रुपये के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के अंतिम कारोबारी दिन 655.04 अंक यानी 0.90 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73,651.35 अंक पर बंद हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में तेजी का श्रेय मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत बुनियाद को दिया जा सकता है। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रही है। निरंतर राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद और अतिरिक्त आर्थिक सुधारों की संभावना बाजार को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके अलावा, यह माना जा रहा है कि ब्याज अपने उच्चस्तर पर है, इसमें अब वृद्धि की संभावना नहीं है।''
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नयी दिल्ली. सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिये विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर पहले की ही तरह 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2024) के लिए अधिसूचित दरों के समान होंगी।'' सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा राशि पर 8.2 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर ब्याज 7.1 प्रतिशत मिलेगा। पीपीएफ और डाकघर बचत जमा पर भी ब्याज दरें क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गई हैं।
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत होगी और यह निवेश 115 महीनों में परिपक्व होगा।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज दर एक अप्रैल से 30 जून, 2024 की अवधि के लिए 7.7 प्रतिशत होगी। मासिक आय योजना के लिए ब्याज दर चालू तिमाही की तरह 7.4 प्रतिशत होगी।
सरकार हर तिमाही में मुख्य रूप से डाकघरों में संचालित छोटी बचत योजनाओं पर देय ब्याज दरों को अधिसूचित करती है।