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नयी दिल्ली। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) 2047 तक सभी के लिए बीमा' हासिल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि इसके लिए बीमा कंपनी विशेष योजना बना रही है और खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तैयार किए गए उत्पाद पेश किए जाएंगे। उन्होंने बताया, ‘‘जोर इस बात पर होगा कि अधिकतम ग्रामीण जनता को कैसे बीमा के दायरे में लाया जाए, जिन्हें वास्तव में बीमा की जरूरत है। आने वाले दिनों में हमारे कुल कारोबार में ग्रामीण हिस्सेदारी भी बढ़ जाएगी।'' उन्होंने कहा कि ‘2047 तक सभी के लिए बीमा' के लक्ष्य को हासिल करने में एलआईसी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इस दिशा में कंपनी ने पहले ही काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नियामक को धन्यवाद देना चाहिए। नियामक इरडा ने पहले ही एक समग्र उत्पाद ‘बीमा विस्तार' का प्रस्ताव दिया है, जिसमें जीवन, स्वास्थ्य और संपत्ति बीमा शामिल होगा।'' उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को बेचने के लिए ‘बीमा वाहक' को लगाया जाएगा और यह एक महिला-केंद्रित वितरण मॉडल होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया है, जब देश ब्रिटिश शासन से आजादी के 100 साल पूरे करेगा। फिलहाल, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन वैश्विक औसत की तुलना में यहां बीमा की पहुंच कम है। मोहंती ने कहा कि दावा निपटान, ऋण और अन्य सेवाएं एक क्लिक पर उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा, ग्राहकों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। वे घर बैठे अपने मोबाइल पर हमारी जरूरी सेवाओं तक पहुंच सकते हैं... हम फिनटेक पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और व्यापार के विस्तार में इसकी क्षमता का उपयोग करेंगे।'' उन्होंने कहा कि एलआईसी अपनी खुद की फिनटेक शाखा के विकल्प भी तलाश रही है, जिसे एक कारोबारी मॉडल के रूप में विकसित किया जा सके।
- नयी दिल्ली। सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से नौ के बाजार पूंजीकरण में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 2.26 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस रहीं। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,658.15 अंक या 2.37 प्रतिशत के लाभ में रहा।शुक्रवार को सेंसेक्स 969.55 अंक या 1.37 प्रतिशत बढ़कर 71,483.75 के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 1,091.56 अंक या 1.54 प्रतिशत बढ़कर 71,605.76 अंक तक पहुंच गया था, जो इसका अबतक का सर्वकालिक उच्चस्तर है। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक और इन्फोसिस सहित नौ कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन 2,26,391.77 करोड़ रुपये बढ़ गया। सिर्फ भारती एयरटेल के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई। सप्ताह के दौरान टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 85,493.74 करोड़ रुपये बढ़कर 14,12,412.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सबसे अधिक लाभ में टीसीएस ही रही। इन्फोसिस की बाजार हैसियत 36,793.61 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 6,55,457.54 करोड़ रुपये रही।भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार मूल्यांकन 30,700.67 करोड़ रुपये बढ़कर 5,78,671.84 करोड़ रुपये पर और रिलायंस इंडस्ट्रीज का 26,386.16 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 16,88,173.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 18,493.9 करोड़ रुपये बढ़कर 7,27,330.82 करोड़ रुपये पर और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का 14,294.5 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,03,722.82 करोड़ रुपये हो गया। आईटीसी का मूल्यांकन 11,412.78 करोड़ रुपये बढ़कर 5,71,636.39 करोड़ रुपये पर और एचडीएफसी बैंक का 2,428.72 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 12,57,093.46 करोड़ रुपये रहा। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने सप्ताह के दौरान 387.69 करोड़ रुपये जोड़े और इसका बाजार मूल्यांकन 5,92,801.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस रुख के उलट भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 3,654.15 करोड़ रुपये घटकर 5,58,242.75 करोड़ रुपये रह गई। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, भारती एयरटेल और एलआईसी का स्थान रहा।
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नई दिल्ली। एनटीपीसी माइनिंग ने वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक दो करोड़ 32.2 लाख टन कोयला उत्पादन किया है। यह पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में प्राप्त दो करोड़ 32 लाख टन के उत्पादन स्तर से कुछ अधिक है।
उत्पादन का यह स्तर 257 दिनों में हासिल किया गया। यानी 2022-23 के मुकाबले 108 कम दिन में यह उत्पादन हासिल किया गया। सालाना आधार पर कोयला उत्पादन में 77 प्रतिशत और आपूर्ति में 88 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। एनटीपीसी लि. की अनुषंगी एनटीपीसी माइनिंग ने एक बयान में कहा, ‘‘एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल) ने वित्त वर्ष 2022-23 के दो करोड़ 32.03 लाख टन की तुलना में 2023-24 में 13 दिसंबर तक दो करोड़ 32.23 लाख टन उत्पादन किया…।’’ -
नयी दिल्ली. चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान (बीई) के 58.34 प्रतिशत यानी 10.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल-नवंबर के दौरान शुद्ध कर संग्रह 10.64 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 23.4 प्रतिशत अधिक है। रिफंड जारी करने से पहले सकल संग्रह अप्रैल-नवंबर की अवधि में 17.7 प्रतिशत बढ़कर 12.67 लाख करोड़ रुपये हो गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 2.03 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि जिन मामलों में रिफंड शुरू में विफल हो गया था, उनके लिए विशेष पहल की गई और बाद में वैध बैंक खातों में रिफंड जारी किया गया। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क) संग्रह 15.38 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। -
नयी दिल्ली. विमानन नियामक डीजीसीए ने बृहस्पतिवार को अयोध्या हवाई अड्डे के लिए ‘एयरोड्रम' लाइसेंस जारी किया। इस हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर रहा है। एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार को डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के प्रमुख विक्रम देव दत्त ने लाइसेंस दिया। एएआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे को सभी मौसम की स्थिति के लिए सार्वजनिक उपयोग श्रेणी में एयरोड्रम लाइसेंस दिया गया है। एएआई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘हवाई अड्डे में एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइट (एजीएल) बुनियादी ढांचे के साथ 2,200 मीटर लंबा रनवे है। यह डीवीओआर और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) से युक्त है, जो हवाई अड्डे को रात में और कम दृश्यता/आरवीआर 550 मीटर के दौरान उड़ानों को संचालित करने की अनुमति देता है।'' डीवीओआर डॉपलर अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज से संबंधित है, जो विमान के नेविगेशन में मदद करता है। आरवीआर रनवे की दृश्यता से संबंधित है। एएआई ने बयान में कहा, ‘‘बहुप्रतीक्षित अयोध्या हवाई अड्डे में 6,500 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला एक टर्मिनल भवन होगा। यह व्यस्त अवधि के दौरान 600 यात्रियों और सालाना 10 लाख यात्रियों को संभाल सकता है।'' अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तारित रनवे ए-321/ बी-737 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है।
- नयी दिल्ली । जयराम रमेश ने मारुति 800 के 40 साल पूरे होने पर इंदिरा, राजीव गांधी का योगदान याद किया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने देश की पहली स्वदेशी कार ‘मारुति 800’ की शुरुआत के 40 बरस पूरे होने पर गुरुवार को इसके निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के योगदान को याद किया।वर्ष 1983 में 14 दिसंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहली मारुति 800 की चाभी हरपाल सिंह नामक व्यक्ति को सौंपी थी। हरपाल सिंह का नाम लकी ड्रॉ में निकला था । इसके बाद यह कार भारत के करोड़ों परिवारों का हिस्सा बनी। अब यह चलन से बाहर हो चुकी है।पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज से 40 साल पहले उपभोक्ता क्रांति ने गति पकड़ी और इंजीनियरिंग उद्योग में बदलाव आया। लोगों की कार मारुति 800 शुरू की गई और देश इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को याद करता है, जिन्होंने पीछे रहकर एक शांत लेकिन बेहद प्रभावी भूमिका निभाई थी। ओ. सुजुकी और वी. कृष्णमूर्ति को याद करना भी महत्वपूर्ण है जिन्होंने ऐतिहासिक सुजुकी-मारुति संयुक्त उद्यम को संभव बनाया।’’ उन्होंने कहा कि कृष्णमूर्ति ने पहले ‘भेल’ (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड) को मजबूती दी थी और बाद में ‘सेल’ (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) का कायापलट किया।रमेश ने इस बात उल्लेख किया, ‘‘कृष्णमूर्ति भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे महान प्रबंधकों में से एक थे। उन्होंने मुझे तीन अलग-अलग मौकों पर नौकरी की पेशकश की, लेकिन मेरी नजरें, सही या गलत, कहीं और थीं। वह अत्यंत सम्मोहक व्यक्तित्व थे।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘40 साल बाद हम मारुति-सुज़ुकी (जो अब केवल सुजुकी है) और इसके कई प्रभावों का स्मरण करते हैं। आइए, असमानता और जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से, थोड़ा रुककर सोचें कि आज कुल बिक्री होने वाली कारों में 50 प्रतिशत से अधिक ‘एसयूवी’ (स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल) होती हैं।’’
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नयी दिल्ली. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच का अनुमान है कि भारत में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों में मौजूदा सत्ता के ही दोबारा जीतकर आने की ‘काफी हद तक संभावना' है। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को बयान में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर अपना आकलन पेश करते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन के दोबारा लौटकर आने की अधिक संभावना होने से भारत में नीतियों को लेकर निरंतरता बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, अगली सरकार को चुनाव में मिलने वाले बहुमत का आकार ही यह तय करेगा कि सरकार अपने सुधारों के एजेंडा पर कितने महत्वाकांक्षी ढंग से आगे बढ़ पाती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘हमारी काफी हद तक यह राय है कि भारत और बांग्लादेश में मौजूदा सरकार के पास ही सत्ता बनी रहेगी। भारत में अगले साल अप्रैल-मई और बांग्लादेश में जनवरी में आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसा होने पर व्यापक नीतिगत निरंतरता बने रहने का संकेत मिलता है।'' फिच ने भारत को 'बीबीबी-' रेटिंग के साथ स्थिर परिदृश्य दिया हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार का इस समय दूसरा कार्यकाल चल रहा है। यह सरकार पहली बार वर्ष 2014 में चुनकर आई थी और वर्ष 2019 में इसने अपनी सत्ता बरकरार रखी थी। अगर मोदी सरकार फिर से चुनाव जीतने में सफल रहती है तो यह इसका लगातार तीसरा कार्यकाल होगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि एशियाई क्षेत्र के रेटिंग पोर्टफोलियो में शामिल करीब आधे देशों में वर्ष 2024 में संसद या राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों में निरंतरता का मुद्दा प्रमुखता से छाए रहने की उम्मीद है। हालांकि, पाकिस्तान एवं श्रीलंका में चुनावी नतीजों का इन देशों के क्रेडिट प्रोफाइल पर असर पड़ने की आशंका भी है। इसकी वजह यह है कि ये दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मिले राहत पैकेज कार्यक्रम पर काफी हद तक निर्भर हैं। -
मुंबई. शेयर बाजारों में दो दिन की रिकॉर्ड तेजी के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली से मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 377 अंक से अधिक लुढ़क गया। मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले यह गिरावट आई है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 377.50 अंक यानी 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 69,551.03 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 484.68 अंक तक लुढ़क गया था। पचास शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 90.70 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20,906.40 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 21,037.90 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई तक चला गया था। विदेशी निवेशकों की लिवाली से दोनों प्रमुख सूचकांक सोमवार को रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुए थे। बीएसई सेंसेक्स पहली बार कारोबार के दौरान 70,057.83 अंक तक चला गया था। निफ्टी भी 21,000 के नीचे 20,997.10 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ था। जियोजीत फाइनेंशियल के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हाल की उल्लेखनीय तेजी के बाद निफ्टी 50 में कुछ गिरावट आई। इसका कारण खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से नवंबर महीने में मुद्रास्फीति के ऊंचा रहने का अनुमान है। इससे रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती में देरी कर सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके विपरीत, अमेरिकी में मुद्रास्फीति परिदृश्य स्थिर बना हुआ है। इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति प्रभावित होगी।'' सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक, मारुति, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट, जेएसडब्ल्यू स्टील, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो और आईटीसी शामिल हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में निफ्टी में दो दिन से जारी तेजी पर विराम लगा। वैश्विक शेयर बाजारों में ज्यादातर में हल्की सकारात्मक गतिविधियां रहीं। अमेरिका में महंगाई आंकड़े तथा केंद्रीय बैंक की बैठक से पहले से निवेशक कोई बड़ा जोखिम लेने से दूर रहे।'' अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाले बीएसई मिडकैप 0.40 प्रतिशत नीचे आया जबकि स्मॉलकैप 0.27 प्रतिशत के नुकसान में रहा। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार सोमवार को लाभ में रहे थे। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76.33 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 1,261.13 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। - नयी दिल्ली। निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ महाराष्ट्र में प्याज किसानों के विरोध के बीच केंद्र ने सोमवार को कहा कि वह किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी मंडियों से अपने बफर स्टॉक के लिए लगभग दो लाख टन खरीफ प्याज फसल खरीदेगी। खरीद यह सुनिश्चित करेगी कि घरेलू थोक दरें स्थिर रहें और प्रतिबंध के कारण तेज गिरावट न आये। दूसरी ओर, सरकार ने कहा कि बफर स्टॉक का इस्तेमाल खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए किया जाएगा। प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने आठ दिसंबर को अगले साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया।उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि सरकारी खरीद जारी है। इस साल अबतक हमने 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की है तथा लगभग दो लाख टन ख़रीफ़ प्याज फसल की और खरीद की जायेगी।'' आमतौर पर सरकार रबी प्याज के लंबे समय तक खराब न होने की गुणवत्ता को देखते हुए इसकी खरीद करती है। हालांकि, पहली बार सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने और खुदरा बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए खरीफ प्याज फसल की खरीद करेगी। सरकार बफर स्टॉक बनाए रखने एवं घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बाजार हस्तक्षेप के लिए प्याज की खरीद कर रही है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बफर स्टॉक का लक्ष्य बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है, जबकि पिछले साल वास्तविक स्टॉक तीन लाख टन का ही था। सिंह के अनुसार, बफर स्टॉक के लिए किसानों से लगभग 5.10 लाख टन प्याज खरीदा गया है, जिसमें से 2.73 लाख टन का बाजार हस्तक्षेप के तहत थोक मंडियों में निपटान किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 दिन में 218 शहरों में खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया, जबकि खुदरा बिक्री अब भी जारी है। कुमार ने कहा कि बाजार में हस्तक्षेप जारी रहेगा क्योंकि वर्ष 2023 का खरीफ उत्पादन थोड़ा कम होने की उम्मीद है और मौसम के कारण फसल की आवक में भी देरी हो रही है। थोक और खुदरा बाजारों में 5.10 लाख टन बफर प्याज के निपटान के बाद सरकार के पास एक लाख टन प्याज का स्टॉक बचा है। सरकार ने किसानों को कीमतों में गिरावट से बचाने के लिए इस साल फरवरी में थोड़ी मात्रा में देर से आने वाले खरीफ प्याज की खरीद की थी। उन्होंने कहा कि इस बार बाजार में हस्तक्षेप के लिए पहली बार खरीफ फसल की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखकर सरकार यह संकेत देती है कि अगर व्यापारी जमाखोरी करते हैं और कीमतें बढ़ाते हैं तो इसे बाजार में कभी भी बेचा जा सकता है।'' सिंह ने कहा कि रबी की अच्छी फसल के कारण इस साल जून तक प्याज की कीमतें नियंत्रण में थीं। हालांकि, जुलाई के बाद, जब प्याज का मौसम नहीं होने के दौरान भंडारित प्याज की खपत की जाती है, तो रबी प्याज की गुणवत्ता और देर से हुई खरीफ बुवाई पर चिंताओं के कारण कीमतें बढ़ने लगीं। उन्होंने कहा कि इसके चलते जुलाई में सरकार ने प्याज निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया। हालांकि, इससे कोई फायदा नहीं हुआ और घरेलू हितों की रक्षा के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें आठ दिसंबर को घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो आठ नवंबर को 59.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि खरीफ की फसल में देरी, मौसम संबंधी समस्याओं के कारण खरीफ उत्पादन प्रभावित हुआ, तुर्की और मिस्र द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंध के कारण वैश्विक आपूर्ति में बाधा आई।
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नई दिल्ली| हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को कुछ चुनिंदा बैंकिंग, मेटल और IT शेयरों में तेजी के दम पर घरेलू बेंचमार्क सूचकांक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए। इस बीच ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले रुझान देखे गए। आज के कारोबार में BSE सेंसेक्स 103 अंक मजबूत हुआ। वहीं, निफ्टी (Nifty) में भी 28 अंक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। व्यापक बाजारों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। BSE मिडकैप इंडेक्स 0.9 फीसदी उछला, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.7 फीसदी बढ़ा।
सेंसेक्स ने छुआ नया शिखरसेंसेक्स सोमवार को शुरुआती कारोबार में पहली बार 70,000 के स्तर को पार कर गया, जबकि निफ्टी 21,000 के स्तर के पार पहुंचा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा चालू वित्त वर्ष में वृद्धि पूर्वानुमान बढ़ाने और नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने के बाद प्रमुख सूचकांक शुक्रवार को अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गए थे।BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 102.93 अंक यानी 0.15 फीसदी की बढ़त के साथ 69,928.53 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में आज 69,782.48 और 70,057.83 के रेंज में कारोबार हुआ।वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में भी 27.70 अंक यानी 0.13 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। निफ्टी दिन के अंत में 20,997.10 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में आज 20,923.70 और 21,026.10 के रेंज में कारोबार हुआ।आज के कारोबार में सेंसेक्स के शेयरों में 19 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले इंडिया, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स और इंडसइंड बैंक सेंसेक्स के टॉप 5 गेनर्स रहे। सबसे ज्यादा मुनाफा अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों को हुआ। इसके शेयर 3.04 फीसदी चढ़ गए।वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के शेयरों में 11 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, HUL, मारुति और बजाज फिनसर्व सेंसेक्स के टॉप 5 लूजर्स रहे। सबसे ज्यादा नुकसान एक्सिस बैंक के शेयरों को हुआ। इसके शेयर 1.26 फीसदी गिर गए।एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में जर्मनी का डीएएक्स अपरिवर्तित रहा जबकि फ्रांस का सीएसी-40 लाभ में और लंदन का एफटीएसई नुकसान में रहा। -
नयी दिल्ली. अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने अगले 10 वर्षों में पूंजीगत व्यय के रूप में सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना से संबंधित कुछ विवरण साझा किए हैं। इस निवेश से बुनियादी ढांचे के विकास में समूह की स्थिति और मजबूत होगी। अडाणी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर समूह की निवेश योजनाओं के तहत अपनी 'हरित' पहलों के बारे में जानकारी दी है। अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने शेयर बाजार को बताया कि समूह ने भारत में सबसे बड़े बुनियादी ढांचा विकासकर्ता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अगले 10 वर्षों में सात लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बनाई है। समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड खनन, हवाई अड्डों, रक्षा एवं वैमानिकी, सौर विनिर्माण, सड़क, मेट्रो और रेल, डेटा केंद्रों और संसाधन प्रबंधन तक कारोबार का विस्तार कर रही है। समूह का बंदरगाह व्यवसाय हरित अभियान पर खासतौर से ध्यान दे रहा है।
अडाणी ने एक्स पर लिखा, ''हम वर्ष 2025 तक देश में एकमात्र कार्बन-तटस्थ बंदरगाह संचालक के रूप में एक राष्ट्रीय मानदंड स्थापित करेंगे और वर्ष 2040 तक एपीएसईजेड शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगी।'' उन्होंने लिखा, ''हमारे जलवायु-अनुकूल बदलावों में सभी क्रेनों का विद्युतीकरण करना, सभी डीजल-आधारित वाहनों को बैटरी-आधारित वाहनों में बदलना शामिल है। इसके अतिरिक्त 1000 मेगावाट की आंतरिक नवीकरणीय क्षमता भी स्थापित की जाएगा।'' अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) देश की सबसे बड़ी बंदरगाह परिचालक है। इसके देश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर बंदरगाह हैं। उन्होंने कहा, ''पर्यावरण सुरक्षा के लिए हमारा समर्पण हमारे विस्तारित मैंग्रोव वृक्षारोपण से भी दिखता है। इसे वित्त वर्ष 2024-25 तक 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में बढ़ाना है। यह हरित भविष्य की दिशा में एक और कदम है। साथ ही जलवायु प्रबंधन के लिए हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।'' गुजरात के कच्छ रेगिस्तान में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य की तस्वीरें साझा करते हुए अडाणी ने कहा कि उनका समूह ''दुनिया का सबसे बड़ा हरित ऊर्जा पार्क'' बना रहा है। उन्होंने कहा कि इस रेगिस्तान के 726 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली यह विशाल परियोजना अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है। हम दो करोड़ से अधिक घरों को बिजली देने के लिए 30 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे। इसके अलावा एक परियोजना का निर्माण मुंद्रा में भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समूह की शहरी गैस फर्म अडाणी टोटल गैस लिमिटेड बड़े पैमाने पर विस्तार कर रही है।
इसके साथ ही अडाणी ने कहा कि शहरी इलाकों में गैस की आपूर्ति करने वाली अडाणी टोटल गैस लिमिटेड सीएनजी और पाइपयुक्त प्राकृतिक गैस, संपीडित बायोगैस एवं ई-मोबिलिटी की दिशा में व्यापक प्रसार कर रही है। -
नयी दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ट्रक चालकों के लिए सफर को सुविधाजनक बनाने के मकसद से अक्टूबर, 2025 से बनने वाले ट्रकों के केबिन में एयरकंडीशनर देना अनिवार्य कर दिया है। मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना जारी करते हुए कहा, "एक अक्टूबर, 2025 या उसके बाद बनने वाले एन-2 एवं एन-3 श्रेणी के वाहनों के केबिन में वातानुकूलन प्रणाली (एसी) लगानी होगी।" सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जुलाई में ही ट्रक चालकों के लिए केबिन में एयरकंडीशनर लगाना अनिवार्य किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी थी। गडकरी ने हाल ही में कहा था कि माल ढुलाई में ट्रक चालक बहुत अहम भूमिका निभाते हैं लिहाजा उनके कामकाज के हालात और मनोदशा को ठीक रखने के लिए इस पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने जल्द ही ट्रकों के केबिन में एयरकंडीशनर देना अनिवार्य करने की बात कही थी। गडकरी ने ट्रक चालकों के अत्यधिक गर्मी में काम करने का हवाला देते हुए कहा था कि कुछ पक्ष केबिन में एयरकंडीशनर देने से ट्रक की लागत बढ़ने का तर्क दे रहे थे। लेकिन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इसे अनिवार्य करने के पक्ष में रहा है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने छह दशमलव पांच प्रतिशत की रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मुम्बई में मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बताया कि समिति ने एकमत से प्रमुख दरों में बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है। समिति ने लगातार पांचवीं बार दरों में यथास्थिति को बनाए रखा है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद दर सात प्रतिशत प्रस्तावित है, जबकि तीसरी तिमाही में यह छह दशमलव पांच और चौथी तिमाही में छह प्रतिशत प्रस्तावित है।वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर छह दशमलव सात प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए छह दशमलव पांच प्रतिशत और तीसरी तिमाही के लिए छह दमशलव चार प्रतिशत प्रस्तावित है। -
नयी दिल्ली. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। नागेश्वरन ने कहा कि यह दशक अनिश्चितता का रहने वाला है। अगर कॉरपोरेट क्षेत्र अपने निवेश में देरी करता है, तो रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि में वृद्धि का चक्र हकीकत नहीं बन पाएगा। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है, जब मैं वास्तविक जीडीपी वृद्धि में औसतन साढ़े छह प्रतिशत हासिल करने की बात करता हूं, तो मैं इसमें तेजी को लेकर खुद को अचंभित होने को लेकर पर्याप्त जगह दे रहा हूं।'' देश की आर्थिक वृद्धि दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही है। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत थी। नागेश्वरन ने कहा कि निवेश और विनिर्माण के प्रति पुनर्संतुलन तब होगा जब निवेश चक्र उच्चस्तर पर पहुंच जाएगा जैसा कि सहस्राब्दी के पहले दशक में हुआ था।
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नई दिल्ली।वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि देश में आर्थिक हालात बेहतर हैं और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं। राज्य सभा में देश की आर्थिक स्थिति पर अल्पकालिक बहस का जवाब देते हुए श्रीमती सीतारामन ने कहा कि भारत विश्व में विनिर्माण के क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा आकर्षक स्थल है। उन्होंने सदन में मंगलवार को शुरू हुई बहस का जवाब देते हुए उद्योग जगत में देश की उपलब्धियां भी गिनाई।
वित्तमंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रत्यक्ष कर संग्रह में करीब 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि जीएसटी का मासिक संग्रह एक लाख साठ हजार करोड़ रुपए पर स्थिर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सभी संकेत आर्थिक वृद्धि को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई से सितम्बर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि देखी गई तथा भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था की गति को लगातार बरकरार रखा। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि जुलाई से सितम्बर की तिमाही में विश्व की तीसरी और चौथी सबसे बडी अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट देखी गई। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में सात दशमलव छह प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।वित्तमंत्री ने कहा कि केवल पिछले आठ वर्ष में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था बना है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना-पी एल आई योजनाओं के कारण विनिर्माण क्षेत्र भी अब अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 में 17 दशमलव आठ प्रतिशत से घटकर दस प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने बताया कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने कई उपाय किए है। चर्चा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। -
नयी दिल्ली। सरकार अगले दो-तीन वर्षों में सभी व्यवसायों के लिए ‘व्यवसाय से उपभोक्ता' (बी2सी) लेनदेन पर इलेक्ट्रॉनिक या ई-बिल जारी करना अनिवार्य कर सकती है। वर्तमान में पांच करोड़ रुपये और उससे अधिक के कारोबार वाली कंपनियों का ‘व्यवसाय से व्यवसाय' (बी2बी) बिक्री व खरीद के लिए ई-बिल जारी करना अनिवार्य है। सरकार बी2सी लेनदेन के लिए ई-बिल अनिवार्य करने की योजना बना रही है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य-जीएसटी शशांक प्रिया ने कहा कि जीएसटी प्रणालियों को उन्नत बनाने और बी2सी (व्यवसाय से उपभोक्ता) लेनदेन के लिए ई-बिल अनिवार्य करने पर काम जारी है। एसोचैम के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, हम बी2सी के लिए ई-बिल की आवश्यकता पर विचार कर रहे हैं। जीएसटीएन क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत है। प्रणाली तैयार करनी होगी। हमें यह देखना होगा कि वे कौन से क्षेत्र हैं जहां से इसकी शुरुआत की जा सकती है। इस पर काम प्रगति पर है। हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में हम इसे आगे ले जाने में सक्षम होंगे।'' उन्होंने कहा कि पांच से 10 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले व्यवसाय भी पूरी तरह से ई-बिल जारी नहीं कर रहे हैं। हालांकि सीबीआईसी अधिकारी अनुपालन न करने वाले व्यवसायों पर अंकुश लगा रहे हैं। एक अप्रैल 2021 से 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाली कंपनियां बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) ई-बिल जारी कर रहीं थी। एक अप्रैल 2022 से इस सीमा को घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया। एक अक्टूबर 2022 से इस सीमा को 10 करोड़ रुपये और एक अगस्त 2023 से पांच करोड़ रुपये कर दिया गया। - नयी दिल्ली। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की गुजरात स्थित इकाई ने 30 लाख संचयी उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया है। एमएसआई की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, सुजुकी मोटर गुजरात (एसएमजी) ने फरवरी 2017 में परिचालन शुरू करने के बाद से करीब 6 साल 11 महीने में यह उपलब्धि हासिल की। एसएमजी की वार्षिक उत्पादन क्षमता 7.5 लाख इकाई है। संयंत्र में निर्मित वाहन घरेलू व निर्यात दोनों बाजारों में बेचे जाते हैं। एमएसआई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेउची ने कहा, ‘‘ सुजुकी मोटर गुजरात के अधिग्रहण के साथ हम अपने उत्पादन लचीलेपन को और बढ़ा रहे हैं। हमारे बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन भी गुजरात संयंत्र में किया जाएगा। इसके वित्त वर्ष 2024-25 में शुरू होने की उम्मीद है।'' वर्तमान में इस सुविधा में स्विफ्ट, बलेनो, डिज़ायर और फ्रोंक्स जैसे कुछ लोकप्रिय मॉडल बनाए जाते हैं। ताकेउची ने कहा कि 2022-23 में एसएमजी में निर्मित करीब 50 प्रतिशत वाहन वैश्विक बाजारों में निर्यात किए गए। एमएसआई के निदेशक मंडल ने हाल ही में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (एसएमसी) जापान से एसएमजी के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। एसएमजी पहले एसएमसी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी थी। अब यह मारुति सुजुकी के स्वामित्व में है।
- मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी मंगलवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में भी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 431 अंक उछलकर नये रिकार्ड स्तर पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। बिजली, बैंक समेत अन्य क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 431.02 अंक यानी 0.63 प्रतिशत की बढ़त के साथ नये रिकॉर्ड स्तर 69,296.14 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 168.50 अंक यानी 0.81 प्रतिशत की तेजी के साथ अबतक के उच्चतम स्तर 20,855.30 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण मंगलवार को 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़कर 346 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। विश्लेषकों ने कहा कि पिछले सप्ताह जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों के बेहतर रहने से जो सकारात्मक धारणा बनी थी, उसे विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह तथा विधानसभा चुनावों के नतीजों से और मजबूती मिली। तीन राज्यों...मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजों से देश में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद बढ़ी है। साथ ही, निवेशक यह उम्मीद कर रहे हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रखेगा। मौद्रिक नीति की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। सेंसेक्स की कंपनियों में पावर ग्रिड 4.46 प्रतिशत, एनटीपीसी 3.89 प्रतिशत, एसबीआई 2.31 प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक 2.28 प्रतिशत मजबूत हुए। लाभ में रहने वाली अन्य कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन और मारुति शामिल हैं। दूसरी तरफ हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचसीएल टेक, बजाज फाइनेंस 1.49 प्रतिशत तक नुकसान में रहे।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,073.21 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। बाजार में तेजी को अडाणी के शेयरों से भी बल मिला। अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में 20 प्रतिशत तक की तेजी रही। अमेरिका की एक एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्तीय शोध और ‘शॉर्ट सेलर' कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के समूह पर धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप कहीं से भी ‘प्रासंगिक' नहीं है। इससे अडाणी के शेयरों में तेजी आई। अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडाणी ग्रीन एनर्जी 20-20 प्रतिशत मजबूत होकर क्रमश: 1,082.60 रुपये और 1,348 रुपये पर बंद हुए। अडाणी टोटल गैस 19.95 प्रतिशत चढ़कर 878.20 रुपये पर बंद हुआ। वहीं एनडीटीवी 18.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 266.55 रुपये पर पहुंच गया। अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई ‘लार्जकैप इंडेक्स' 1.01 प्रतिशत चढ़ा। वहीं मिडकैप सूचकांक 0.14 प्रतिशत और समॉलकैप सूचकांक 0.12 प्रतिशत मजबूत हुए। इस बीच, भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां नवंबर में एक साल के निचले स्तर पर आ गईं। नए आर्डर और काम पूरा करने की धीमी रफ्तार के कारण यह गिरावट आई है। एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में कमजोर रुख के कारण राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 1,050 रुपये लुढ़क कर 63,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गयी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र के अंत में सोने की कीमत 63,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही थी।चांदी की कीमत भी 1,700 रुपये लुढ़ककर 78,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी।एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘विदेशी बाजारों में नरमी के रुख के बाद मंगलवार को दिल्ली के बाजारों में सोने की कीमतों में 1,050 रुपये की गिरावट आई और यह 63,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही।'' एमसीएक्स के वायदा कारोबार में सोने का फरवरी अनुबंध का भाव 46 रुपये चढ़कर 62,415 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। हालांकि, एक्सचेंज में चांदी का मार्च अनुबंध का भाव 389 रुपये गिरकर 75,779 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। वैश्विक बाजारों में सोना गिरावट के साथ 2,037 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी की कीमत भी घटकर 24.50 डॉलर प्रति औंस रह गयी। गांधी ने कहा कि डॉलर और अमेरिकी बांड प्रतिफल बढ़ने के संकेतों के बीच सोना अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से नीचे आया। इसका कारण कारोबारियों का मानना है कि फेडरल रिजर्व की ब्याजदर में कटौती का रुख अभी दूर की बात है।
- नयी दिल्ली। भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) ने पिछले कुछ महीनों में डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए कहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में दरें ऊंची बनी रहीं तो या तो सरकारी सब्सिडी या फिर अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) में बढ़ोतरी करने की जरूरत होगी। मौजूदा समय में उर्वरक कंपनियां 50 किलोग्राम की प्रति बोरी डीएपी की बिक्री 1,350 रुपये पर कर रही हैं। उर्वरक उद्योग के निकाय एफएआई के अध्यक्ष एन सुरेश कृष्णन ने कहा कि डीएपी की वैश्विक कीमतें इस साल जुलाई में 440 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 595 डॉलर प्रति टन हो गई हैं। अप्रैल, 2022 में डीएपी की कीमत 924 डॉलर प्रति टन थी। उन्होंने सोमवार देर रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस समय मौजूदा आयात मूल्य के साथ डीएपी के मामले में लाभप्रदता थोड़ी चुनौती होगी। अगर वैश्विक कीमतें मौजूदा स्तर पर बनी रहती हैं, तो हमें या तो अधिक एमआरपी या सरकार से अधिक समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।'' फॉस्फोरिक एसिड की कीमतें अप्रैल, 2022 में 1,530 डॉलर प्रति टन से घटकर जुलाई, 2023 में 970 डॉलर प्रति टन रह गई और अक्टूबर, 2023 में फिर से बढ़कर 985 डॉलर प्रति टन हो गईं। अमोनिया की कीमतों ने भी इसी तरह का रुझान दिखाया है जो अप्रैल, 2022 में 1,530 डॉलर प्रति टन थीं, जुलाई, 2023 में घटकर 285 डॉलर रह गईं और अक्टूबर, 2023 में फिर से बढ़कर 575 डॉलर प्रति टन हो गई हैं।यूरिया उत्पादन भी अपनी 80-85 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा करने के लिए आयातित आरएलएनजी (रीगैसीफाइड तरलीकृत प्राकृतिक गैस) पर काफी हद तक निर्भर है। एफएआई ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मूल्य में अस्थिरता और रबी 2023-24 के लिए एनबीएस दरों में गिरावट पीएंडके (फॉस्फेटिक और पोटाश) क्षेत्र की लाभप्रदता को प्रभावित कर रही है।'' एसोसिएशन ने यह भी मांग की कि प्रमुख फसल पोषक तत्व यूरिया को पीएंडके उर्वरकों की तर्ज पर पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत लाया जाना चाहिए। उसका तर्क है कि इससे यूरिया और पीएंडके उर्वरकों के एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) में असमानताओं को ठीक करने में मदद मिलेगी। कृष्णन ने म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) पर कम सब्सिडी होने पर भी चिंता व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप मिट्टी का यह पोषक तत्व डीएपी से महंगा हो गया है और इस तरह इसकी खपत कम हो गई है। एमओपी की खपत में लगातार गिरावट आई है।भारतीय उर्वरक क्षेत्र में प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कृष्णन ने कहा कि इस वित्त वर्ष में यूरिया उत्पादन पिछले वर्ष के 2.85 करोड़ टन से बढ़कर तीन करोड़ टन होने की उम्मीद है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षों में घरेलू उत्पादन में वृद्धि के साथ देश आत्मनिर्भर हो जाएगा। एफएआई के अध्यक्ष ने कहा कि नैनो यूरिया की खपत भी बढ़ रही है और उम्मीद है कि पारंपरिक यूरिया के स्थान पर नैनो-यूरिया वर्ष 2030 तक कुल मांग का 20 प्रतिशत पूरा कर सकता है। अप्रैल से अक्टूबर, 2023 की अवधि के दौरान यूरिया, डीएपी और एनपी/एनपीके जटिल उर्वरकों का उत्पादन बढ़ा, लेकिन एसएसपी के उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में गिरावट देखी गई। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष अप्रैल-अक्टूबर के दौरान यूरिया और एमओपी का आयात क्रमशः 9.7 प्रतिशत और 63.8 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-अक्टूबर, 2023 में डीएपी और एनपी/एनपीके के आयात में क्रमशः 8.8 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की कमी देखी गई। सभी प्रमुख उर्वरकों की बिक्री में अप्रैल-अक्टूबर, 2023 के दौरान एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। एफएआई 6-8 दिसंबर के दौरान ‘‘उर्वरक और कृषि क्षेत्रों में नवाचार'' विषय पर अपना 59वां वार्षिक सेमिनार आयोजित कर रहा है। सेमिनार का उद्घाटन केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया करेंगे।
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गांधीनगर. रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने शनिवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि में अभूतपूर्व तेजी के साथ देश की ऊर्जा जरूरतें मौजूदा दशक के अंत तक दोगुनी हो जाएंगी। गौरतलब है कि भारत वर्तमान में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है।
अंबानी ने पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (पीडीईयू) के दीक्षांत समारोह में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक मौजूदा 3,500 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 40,000 अरब अमेरिकी डॉलर की हो जाएगी। उन्होंने कहा, ''इस वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए देश को भारी मात्रा में ऊर्जा की जरूरत होगी - स्वच्छ, हरित ऊर्जा जो मानव प्रगति के लिए प्रकृति मां का गला नहीं घोटेगी।'' उन्होंने कहा, '' वास्तव में इस दशक के अंत तक भारत की ऊर्जा जरूरत दोगुनी हो जाएगी।'' अंबानी पेट्रोलियम की प्रधानता वाले अपने समूह को स्वच्छ ऊर्जा की ओर मोड़ रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर रही है। उन्होंने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत अभूतपूर्व आर्थिक वृद्धि का गवाह बनेगा और स्वच्छ, हरित एवं टिकाऊ भविष्य के सपने को वास्तविकता में बदलना एक कठिन लेकिन महत्वपूर्ण काम है। अंबानी ने कहा, ''भारत अपने ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक मजबूत ऊर्जा बुनियादी ढांचा तैयार करने को लेकर प्रयास कर रहा है, ऐसे में उसे तीन महत्वपूर्ण सवालों का सामना करना पड़ेगा: पहला, यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि भारत में प्रत्येक नागरिक और हर आर्थिक गतिविधि के लिए पर्याप्त, सबसे किफायती ऊर्जा हो? दूसरा, ऊर्जा को कैसे तेजी से जीवाश्म ईंधन (कोयला) आधारित ऊर्जा से स्वच्छ और हरित ऊर्जा में बदला जाए? तीसरा, देश एक अस्थिर बाहरी वातावरण से अपनी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की बढ़ती जरूरतों को कैसे जोखिम से मुक्त रख सकता है?'' उन्होंने इस संबंध में समाधान खोजने के लिए युवाओं से उम्मीद जताई और कहा कि वे एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा समाधान तैयार करेंगे। अंबानी ने छात्रों से कहा कि वे निडर रहें तथा अपनी क्षमताओं और कौशल पर भरोसा कभी न खोएं। -
नई दिल्ली। सरकार ने गेहूं आटा, मैदा और टूटे चावल समेत खाद्य वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दे दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय की कल जारी अधिसूचना के अनुसार, इन खाद्य वस्तुओं के निर्यात की अनुमति भूटान, माली, सेनेगल, गाम्बिया और इंडोनेशिया को दी गई है।
भूटान के लिए अधिसूचित मात्रा में 14 हजार 184 मीट्रिक टन गेहूं, 5326 मीट्रिक टन आटा, 15 हजार 226 मीट्रिक टन मैदा और 38अ हजार 804 मीट्रिक टन टूटे चावल हैं। 5 लाख मीट्रिक टन टूटे चावल का सेनेगल और 2 लाख टूटे चावल का इंडोनेशिया को निर्यात किया जाएगा। यह निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की अनुमति से किया जाएगा। -
नई दिल्ली। दिसंबर महीने के पहले और इस सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन घरेलू बाजार हरे निशान में बंद हुए। सितंबर तिमाही के लिए उम्मीद से बेहतर आए GDP ग्रोथ के आंकड़ों ने बाजार को सपोर्ट किया। इसके अलावा विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेत भी मार्केट में उछाल के लिए जिम्मेदार रहे। 30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स 492.75 अंकों की उछाल के साथ 67,481.19 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं, Nifty50 इंट्रा-डे में आल टाइम हाई पर पहुंच गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 50 शुक्रवार को 134.75 अंकों की तेजी के साथ 20,267.90 पर बंद हुआ। नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI के बेहतर आंकड़ों ने भी बाजार के सेंटीमेंट को मजबूत किया। अक्टूबर में सुस्ती के बाद, ग्राहकों की बढ़ती मांग और इनपुट की बेहतर उपलब्धता के कारण नवंबर में PMI 55.5 से बढ़कर 56.0 हो गया। भारत के पास दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का टैग बरकरार है, सरकारी खर्च और मैन्युफैक्चरिंग में बढ़त की वजह से सितंबर तिमाही में इसकी GDP उम्मीद से कहीं ज्यादा 7.6 फीसदी की दर से बढ़ी है।BSE सेंसेक्स 30 में शामिल कंपनियों में ITC, NTPC, ऐक्सिस बैंक, लॉर्सन ऐंड टुब्रो (LT) , बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और SBI में प्रमुख रूप से तेजी रही।दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में HCL टेक, टाटा मोटर्स, टाइटन, भारती एयरटेल इंफोसिस और HDFC बैंक शामिल हैं।एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार को 8,147.85 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।एशियाई बाजारों में, शंघाई (Shanghai) भी हरे निशान में बंद हुआ, जबकि सियोल (Seoul), टोक्यो (Tokyo) और हांगकांग (Hong Kong ) निचले स्तर पर बंद हुए।यूरोपीय बाजार पॉजिटिव नोट के साथ में कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को अमेरिकी बाजार ज्यादातर बढ़त के साथ बंद हुए।इस बीच, बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.57 प्रतिशत गिरकर 80.40 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। - मुंबई. पेय पदार्थ बनाने वाली कोका कोला ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में एक नई विनिर्माण केन्द्र के लिए 1,387 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज के एक बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम क्षेत्र में लोटे परशुराम औद्योगिक क्षेत्र में 88 एकड़ में यह विनिर्माण संयंत्र बनेगा। खेड़ तालुका में यह परियोजना 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। इससे कंपनी की विनिर्माण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। बयान में कहा गया है कि इस केन्द्र से 350 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। सामुदायिक पहल से राज्य में कुल 81,000 लोग लाभान्वित होंगे। वर्तमान में कंपनी की देश भर में 60 उत्पाद बनाने वाले 16 विनिर्माण संयंत्र हैं और इसका परिचालन 22 राज्यों में फैला हुआ है।
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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने हाल ही में प्राइवेट चैट में अतिरिक्त सुरक्षा के लिए एक नया फीचर सीक्रेट कोड पेश किया है। व्हाट्सएप ने एक ब्लॉग पोस्ट में शेयर किया कि सीक्रेट कोड फीचर यूजर्स को उनके फोन अनलॉक कोड से अलग एक अलग पासवर्ड सेट करने की अनुमति देता है, जिससे लॉक की गई चैट में प्राइवेसी का एक एक्स्ट्रा लेवल जुड़ जाता है।
यह नया फीचर यूजर्स को उनकी चैट लिस्ट से लॉक किए गए चैट फ़ोल्डर को छिपाने की सुविधा देता है, जिससे इसे केवल सर्च बार में एक सीक्रेट कोड डालकर सर्च किया जा सकता है।यूजर्स अभी भी पहले पेश किए गये ट्रेडिशनल चैट लॉक फीचर का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा, व्हाट्सएप चैट को लॉक करना हो, तो आप किसी नई चैट को लॉन्ग प्रेस करके ऐसा कर सकते हैं। इस तरह से चैट की सेटिंग्स में जाने की जरूरत नहीं होगी।नया प्राइवेसी फीचर आज से चुनिंदा यूजर्स के लिए शुरू हो गया है, जबकि यह आने वाले महीनों में दुनियाभर में सभी के लिए उपलब्ध होगा।हाल ही में, व्हाट्सएप अपने एप्लिकेशन में नए प्राइवेसी ऑप्शन जोड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में, एंड्रॉइड और iOS पर मैसेजिंग ऐप को एक प्राइवेसी चेकअप फीचर मिला, जो यूजर्स को एक ही जगह पर अपनी इच्छा के अनुसार सुरक्षा के स्तर की निगरानी करने और चुनने की सुविधा देता है।व्हाट्सएप अब एक “Privacy Checkup” पेज देता है जहां यूजर्स यह कंट्रोल कर सकते हैं कि उनसे कौन संपर्क करता है, यह तय कर सकते हैं कि उनकी व्यक्तिगत जानकारी कौन देख सकता है, संदेशों और मीडिया तक एक्सेस लिमिट कर सकते हैं और अपने खाते की सुरक्षा बढ़ा सकते हैं।व्हाट्सएप ने एक नया फीचर भी शुरू किया है जो यूजर्स को फोन कॉल पर आईपी पते छिपाने की सुविधा देता है। ऑप्शनल फीचर यूजर्स को प्राइवेसी सेक्शन के तहत एडवांस सेटिंग्स मेनू के माध्यम से “Protect IP address in calls” ऑप्शन को चालू करने देता है।