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मानसून का महीना बैक्टीरिया के पनपने के लिए सबसे अच्छा होता है। चारों तरफ फैली नमी वायरस और बैक्टीरिया के लिए बिल्कुल परफेक्ट माहौल बना देती है। जिसकी वजह से काफी सारे इफेक्शन वाली बीमारियों का खतरा हो जाता है। पानी से फैलने वाली बीमारी तो कभी ठंड और गर्मी से सर्दी-जुकाम होने का डर बना रहता है। खासतौर पर बच्चों के लिए ये मौसम काफी नाजुक होता है। इसलिए उनकी बारिश के मौसम में ठीक से देखभाल करनी चाहिए। पानी में पनपने वाले मच्छर और कीड़े भी डेंगू, मलेरिया फैला देते हैं। ऐसे में जरूरी है अपने बच्चे की सेहत का इस तरह से बचाव करें।
पानी और नमी वाली जगह पर ना जाने दें
अपने बच्चे को ऐसी जगह पर ना जाने दें। जहां नमी हो या फिर पानी रुका हो। ज्यादा पानी वाली जगह बैक्टीरिया का घर हो सकती है। जहां पर मच्छरों के काटने का भी ज्यादा डर होता है। साथ ही ऐसी जगहों पर खुले ड्रेन और मेनहोल होते हैं। जो पानी भरने की वजह से दिखते नही है। इसलिए बच्चों को पानी भरने वाले पार्क और गली में खेलने के लिए बिल्कुल भी ना जाने दें।
बच्चे के फुटवियर का रखें ध्यान
बच्चों के लिए मानसून के मौसम में पहनने के लिए ऐसे शूज दें। जो कि उनके पैरों को अच्छी तरह से ढंककर रखें। और साथ ही उनमे हवा भी पहुंचे। जिससे कि पैरों में होने वाली नमी और पसीना सूखता रहे। बच्चों को ऐसा फुटवियर पहनाएं जो फिसले नहीं और फिसलन वाली जगह पर आराम से वो चल सकें।
मच्छरों से करें बचाव
बारिश के मौसम में जरा सा पानी लगते ही उनमे डेंगू और मलेरिया वाले मच्छर पनपने लगते हैं। इसलिए बच्चों को बच्चों के काटने से बचाएं। मॉस्किटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें। बच्चों के शरीर पर बाहर निकलने पर मॉस्किटो भगाने वाली क्रीम लगाकर रखें। उन्हें फुल बाजुओं वाला कपड़ा पहनाएं और घर में भी जालीदार खिड़की और दलवाजे लगाएं। जिससे कि मच्छरों को घर में घुसने से रोका जा सके।
साफ-सफाई का ध्यान रखें
बारिश के मौमस में बच्चों को साफ-सफाई और हाईजीन का ख्याल रखना सिखाना जरूरी है। बच्चों को हाथ धोना सिखाना, जिससे बच्चों के मुंह में बैक्टीरिया ना जाएं। -
हेल्दी और फिट रहने के लिए सही मात्रा में पानी पीना जरूरी है। कुछ लोग मोटापा घटाने के लिए रोजाना गर्म पानी पीते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा भी गर्म पानी के कुछ बेहतरीन फायदे हैं।
गर्म पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा दे सकता है, पाचन में सुधार कर सकता है, दर्द को कम कर सकता है और आराम को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा यहां जानिए इसके 5 अनोखे फायदे.-
गर्म पानी के फायदे
1) दांत होंगे बेहतर
गर्म पानी पीने से दांतों की सेहत को भी फायदा मिलता है। दांतों में दर्द, सेंसिटिविटी और दर्द से छुटकारा पाने के लिए गर्म पानी मदद कर सकता है। गर्म पानी पीने से ब्लड फ्लो में सुधार होता है। ऐसे में ये मसूड़ों के लिए भी अच्छा होता है।
2) हेयर हेल्थ के लिए फाययदेमंद
गर्म पानी पीने के फायदे में से एक बालों के स्वास्थ्य में सुधार शामिल है। गर्म पानी खोपड़ी में ब्लड फ्लो को बूस्ट करने में मदद कर सकता है, जो बालों की ग्रोथ में बढ़ावा दे सकते हैं और बालों की ओवरऑल हेल्थ में सुधार कर सकता है।
3) स्किन के लिए फायदेमंद
गर्म पानी पोर्स को खोलने में मदद कर सकता है, ये त्वचा से टॉक्सिन और गंदगी को हटाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह त्वचा में ब्लड फ्लो को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे त्वचा के सेहत में सुधार हो सकता है और उम्र बढ़ने के लक्षण कम हो सकते हैं। गर्म पानी स्किन को हाइड्रेट करने में मदद कर सकता है, जो शुष्कता को रोक सकता है। इसी के साथ ये चेहरे को शाइनी बनाता है।
4) स्किन के लिए फायदेमंद
गर्म पानी रोम छिद्रों को खोलने में मदद कर सकता है, जो त्वचा से टॉक्सिन और गंदगी को हटाने में मदद कर सकता है। यह त्वचा में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और उम्र बढ़ने के लक्षण कम हो सकते हैं। गर्म पानी त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद कर सकता है, जो शुष्कता को रोक सकता है और एक स्वस्थ चमक को बढ़ावा दे सकता है।
5) सोने से पहले पीने पर मिलेंगे फायदे
गर्म पानी पीने पर तनाव के लेवल को कम करने में मदद मिलती है, जिससे नींद की क्वालिटी में सुधार करने में मदद मिल सकती है। गर्म पानी पीने से पाचन में भी मदद मिल सकती है और पेट की परेशानी या सूजन को रोका जा सकता है, जो नींद में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है। - आमतौर पर हम पानी इसलिए पीते हैं, ताकि शरीर हाइड्रेट रहे, शरीर में पानी की कमी न हो। क्योंकि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपके शरीर में पानी की कमी हो जाए यानी शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है। परिणामस्वरूप आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे चक्कर आपना, बेहोश होना, सिरदर्द होना आदि। हालांकि ये सब बातें हम जानते हैं। क्या आप यह जानते हैं कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने का बालों पर बेहतरीन असर पड़ता है? डॉक्टर्स की मानें, तो अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना। जिस तरह पानी पीने से हमारे शरीर के सभी फंक्शन सही तरह से काम करते हैं, जिसमें पाचन शक्ति से लेकर इम्यूनिटी तक शामिल हैं। इसी तरह पानी पीने से हेयर ग्रोथ पर भी बेहतर असर पड़ता है। वैसे भी हम सभी इस तथ्य से वाकिफ हैं कि बॉडी हाईड्रेट रहने से स्किन ग्लोइंग होती है और स्किन से जुड़ी परेशानियों में भी कमी आती है। अमेरिकी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग और मेडिसिन, की मानें, तो पुरुषों को एक दिन में लगभग लगभग 15.5 कप (3.7 लीटर), वहीं महिलाओं को एक दिन में लगभग 11.5 कप (2.7 लीटर) फ्लूइड इनटेक लेना चाहिए। दरअसल, किसी शरबत या जूस के जरिए भी पानी की आपूर्ति की जा सकती है। इस तरह, शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और बालों पर भी इसका अच्छा असर नजर आएगा।आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं, तो इससे बालों के जड़ों को फायदा होता है। इस वजह से बालों का टूटना कम होता है और दो-मुंहे बालों पर भी अच्छा असर पड़ता है। आपको बता दें कि पानी पीने से शरीर में तमाम आवश्यक तत्व एक जगह से दूसरे जगह तक आसानी से सर्कुलेट हो पाते हैं, क्योंकि पानी का सर्कुलेटरी सिस्टम पर असर पड़ता है। इस कारण, आपके शरीर में मौजूद पोषक तत्व बालों की जड़ों तक पहुंच पाते हैं, जिस कारण बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है।बालों की चमक बढ़ती हैपानी में कई आवश्यक मिनरल्स होते हैं, जैसे आयरन, जिंक, कॉपर और कैल्शियम। ये सभी तत्व बालों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। कॉपर की मदद से बालों का रंग बरकरार रहता है और बालों में हुई किसी तरह की कमजोरी या नुकसान, से भी बचाता है। वहीं, कैल्शियम की मदद से बालों की चमक बढ़ती है। इतना ही नहीं, आयरन की कमी से हेयर लॉस होने लगता है। ये सभी जरूरी चीजें आपको पानी पीने से मिल सकती हैं और बालों से संबंधित इन बताई गई समस्याओं को कम किया जा सकता है।बालों को डिटॉक्स करता हैपर्याप्त मात्रा में पानी की वजह से पेशाब के जरिए शरीर में मौजूद सभी टॉक्सिंस बाहर हो जाते हैं और इस तरह से शरीर डिटॉक्स हो जाता है। शरीर का डिटॉक्स होना, अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि अगर शरीर में टॉक्सिंस होंगे, तो इससे बाल कमजोर होने लगेंगे, झड़ने लगेंगे और दो-मुंहे बालों की संख्या बढ़ जाएगी। वहीं, अगर आप पानी पीकर खुद को डिटॉक्स रखेंगे, तो बालों की सेहत पर बहुत अच्छा असर पड़ेगा।
- खानपान की गलत आदतें और पर्याप्त नींद न लेना, खून की कमी, रात में ज्यादा समय तक मोबाइल चलाना, एजिंग, डिहाइड्रेशन की वजह से भी आंखों के नीचे काले घेरे पड़ने की समस्या हो जाती है। इसके अलावा आज के समय में काम का प्रेशर भी डार्क सर्कल्स की एक बड़ी और मुख्य वजह माना जाता है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों को अपनाने से आप डार्क सर्कल्स की समस्या को दूर कर सकते हैं। अगर काले घेरों को दूर न किया जाए तो ये आपकी खूबसूरती कम कर सकते हैं। इस लेख में आपको डार्क सर्कल्स दूर करने के लिए हल्दी और एलोवेरा के उपयोग के तरीका बताया गया है।हल्दी और एलोवेरा से डार्क सर्कल्स की समस्याएं में पाएं आरामएलोवेरो और हल्दी से आप डार्क सर्कल्स को आसानी से दूर कर सकते हैं। इसके लिए आप एक चम्मच एलोवेरा जेल लें। इस जेल में करीब एक चुटका हल्दी मिला दें। दोनों को मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को रात को सोने से पहले आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों पर लगाएं। करीब 15 से 20 मिनट तक इसे लगा रहने दें, जब ये हल्का सूख जाए तो इसे नॉर्मल पानी से धो लें।हल्दी, एलोवेरा और दही करता है डार्क सर्कल्स को दूरहल्दी, एलोवेरा और दही को एक साथ इस्तेमाल करने से आपको डार्क सर्कल्स की समस्या में आराम मिलता है। इसके इस्तेमाल के लिए आप करीब दो चुटकी हल्दी ले लें। इसके अलावा एक चम्मच एलोवेरा का फ्रेश जेल और एक चम्मच दही लें। इन सभी को एक बाउल में मिला लें। इसके बाद इस पेस्ट को डार्क सर्कल्स पर अप्लाई करें। पेस्ट को करीब 20 से 30 मिनट तक लगा रहने दें। जब ये सूखने लगे तो साफ पानी से चेहरा धो लें। कुछ ही दिनों में आपको फर्क दिखने लगेगा।हल्दी , ऐलोवेरा और नींबू से डार्क सर्कल्स होंगे कमयदि आप डार्क सर्कल्स को तेजी दूर करना चाहते हैं, तो आप हल्दी, ऐलोवेरा और नींबू के पेस्ट का उपयोग कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए आप एक चम्मच एलोवेरा जेल लें। इसके बाद आप एक चुटकी हल्दी और एक नींबू का रस ले लें। इन सभी को एक बाउल में मिला लें। इसके मिश्रण को आप डार्क सर्कल्स पर लगाएं। इससे आपकी त्वचा का रंग हल्का होने लगता है। साथ ही डार्क सर्कल्स की समस्या भी तेजी से दूर होती है। आंखों के नीचे काले घेरे होने की समस्या में आप घरेलू उपायों को अपनाने से तेजी से आराम पा सकते हैं। बेहतर रिजल्ट पाने के लिए ऊपर बताएं गए उपायों को सप्ताह में दो से तीन बार अपना सकते हैं।
- शरीर में कोई भी समस्या होने पर लक्षण बाहरी रूप से नजर आने लगते हैं। जैसे कि पेट खराब होने पर मुह में छाले आना या चोट लगने पर सूजन आ जाना। इसी तरह कई समस्याओं के बारे में हमें जीभ से पता चल सकता है। आपने ध्यान दिया होगा कई बार डॉक्टर जीभ देखकर समस्या का पता लगाने की कोशिश करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कई समस्याओं के बारे में जीभ के रंग से पता लगाया जा सकता है। आज इसी विषय पर विस्तार से बात करते हुए हम जानेंगे कि जीभ को देखकर समस्या का पता कैसे लगाया जा सकता है।जीभ पर सफेद धब्बेअगर आपको जीभ पर सफेद धब्बे नजर आ रहे हैं, तो यह ल्यूकोप्लाकिया का कारण हो सकता है। अधिकतर तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में यह समस्या हो सकती है। इसे ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण भी कहा जा सकता है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के 2020 के लेख के मुताबिक ल्यूकोप्लाकिया की समस्या में जीभ पर मिश्रित लाल और सफेद धब्बे के रूप में दिखाई दे सकता है।गहरा लाल रंगअधिकतर मामलों में जीभ के घीसने या चोट लगने के कारण लाल हो जाती है। लेकिन अगर बिना किसी कारण जीभ का रंग लाल है, तो यह जीभ के इंफेक्शन और विटामिन बी12 की समस्या के कारण हो सकता है। वहीं इसके अलावा कुछ आंतरिक बीमारियों का कारण भी हो सकता है।जीभ में सूजनजीभ में सूजन आने से इसका टेक्सचर खराब हो सकता है। इसके कारण जीभ पर लाल, गोल पैच नजर आ सकते हैं। ऐसे में जीभ नक्शे जैसी दिखने लगती है। नेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर रेयर डिसऑर्डर के मुताबिक इस समस्या का मुख्य कारण बैक्टिरियल और फंगल इंफेक्शन हो सकता है। लेकिन यह समस्या कम समय के लिए ही हो सकती है।जीभ पर छाले आनाहमारी ओरल हेल्थ का सीधा सम्बन्ध जीभ से हो सकता है। जीभ पर सफेद छाले निकलने यानी पाचन का खराब होना। अक्सर कब्ज की समस्या के कारण जीभ पर सफेद और लाल रंग के छाले नजर आ सकते हैं। इसके अलावा अचानक कुछ गर्म खाने के कारण भी जीभ पर छाले हो सकते हैं।जीभ पर लाल और सफेद स्पॉट्स होनापेट में एसिड की मात्रा ज्यादा होने से जीभ पर समस्या नजर आ सकती है। इसके अलावा तंबाकू, सुपारी या अत्यधिक तला-भुना खाने से भी जीभ पर छाले हो सकते हैं।जीभ का पीला होनाज्यादातर जीभ की ढंग से सफाई न करने के कारण जीभ हल्की पीली नजर आ सकती है। लेकिन अगर जीभ का रंग ज्यादा पीला और मोटी परत है, तो यह यीस्ट इंफेक्शन का कारण हो सकता है। इस तरह के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।जीभ पर नजर आने वाला हर संकेत आपके स्वास्थ्य से जुड़ा हो सकता है। जीभ पर छाले या पीला होना साधारण समस्याओं में शामिल है, जिसे साफ-सफाई और हेल्दी लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन अगर इसके अलावा जीभ पर कोई भी असाधारण लक्षण आए, तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करें।
- गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आजकल बड़ी संख्या में लोग हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान हैं। , हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए आपको संतुलित डाइट लेनी चाहिए और रेगुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आप अपनी डाइट में कुछ नट्स को शामिल कर सकते हैं। इनमें मौजूद गुण शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। आईये जानते हैं ऐसे 5 नट्स के बारे में, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करते हैं।1. बादामबादाम का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है। बादाम के सेवन से मेटाबॉलिक रेट में सुधार होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को रोज सुबह 3-4 भीगे हुए बादाम का सेवन करना चाहिए।2. अखरोटहाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए अखरोट का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो बैड कोलेस्टॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से ट्राइग्लिसराइड लेवल कम होता है, जिससे धमनियों में ब्लॉकेज का जोखिम कम होता है। इससे आप दिल से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं।3. मूंगफलीमूंगफली का सेवन हार्ट हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन-बी 3, प्रोटीन, फाइबर, नियासिन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह फाइटोस्टेरॉल और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड का समृद्ध स्त्रोत है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। मूंगफली में मैग्नीशियम और पोटैशियम भी पाए जाते हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने में मदद करते हैं। हालांकि, इसका सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।4. काजूहाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए काजू का सेवन भी लाभकारी होता है। इसमें विटामिन-के, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं। यह बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के साथ-साथ गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने में भी मदद करता है। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है, तो आपको नियमित रूप से काजू का सेवन करना चाहिए।5. पिस्तापिस्ता का सेवन दिल की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें फाइबर और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसमें फाइटोस्टेरॉल पाया जाता है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल और वजन को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को अपनी डाइट में इन नट्स को जरूर शामिल करना चाहिए। हालांकि, अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो एक्सपर्ट से पूछकर ही इनका सेवन करें। इसके अलावा, ध्यान रखें कि नट्स का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इनके ज्यादा सेवन से आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
- सफेद चावल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ये खाने में स्वादिष्ट होने के साथ पचाने में भी काफी आसान होते है। सफेद चावल बच्चों से लेकर बुजुर्गों को दिया जा सकता है। अधिकतर लोगों को ये काफी पसंद होता हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे फाइबर, आयरन, विटामिन बी1, प्रोटीन, सोडियम, पोटेशियम और विटामिन सी आदि। इसके सेवन से हार्ट हेल्दी रहने क साथ ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है। सफेद चावल खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है और ये डाइजेस्ट भी आसानी से हो जाता है। सफेद चावल में ग्लूटन नहीं पाया जाता है। ऐसे में ये फूड उन लोगों के लिए लाभदायक है, जिनको ग्लूटन से एनर्जी होती है। इसके सेवन से फ्री रेडिकल्स से भी बचाव होता है। आइए जानते हैं सफेद चावल खाने के अन्य फायदों के बारे में डाइटीशियन सुमन से।शरीर को एनर्जी देजी हां, सफेद चावल खाने से शरीर को एनर्जी मिलने के साथ थकावट भी दूर होती है। सफेद चावल में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो शरीर को ऊर्जो देने के साथ मेटाबॉलिक एक्टिविटी को बढ़ाते हैं। इसके सेवन से थकावट भी दूर होती है।ब्लड प्रेशर कम करेसफेद चावल खाने से शरीर स्वस्थ रहता है और कई तरह की समस्याएं भी दूर होती है। इसमें पाए जाने वाले सोडियम और पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ शरीर को स्वस्थ रखती है। सफेद चावल खाने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और हार्ट संबंधी बीमारियां भी कम होती है।पाचन तंत्र के लिए फायदेमंदसफेद चावल खाने से पाचन तंत्र से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती है। ये आसानी से पच जाता है और गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या को भी नहीं बढ़ने देता है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते है, जो पाचन तंत्र को लंबे समय तक हेल्दी रखता है।वजन घटाने में सहायकसफेद चावल खाने से शरीर स्वस्थ रहता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जिस कारण इसके सेवन से जल्दी भूख नहीं लगती है और आप ओवरइटिंग से बच जाते है। ऐसे में सफेद चावल खाने से वजन कंट्रोल में रहता है।स्किन के लिए फायदेमंदसफेद चावल खाने से स्किन की कई समस्याए दूर होती है और स्किन हेल्दी रहती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है, जो पिंपल्स, झाइयां और दाग-धब्बों को कम करते है और स्किन को चमकदार बनाते है। सफेद चावल स्किन में होने वाली सूजन को भी कम करता है।
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कोलेस्ट्रॉल एक गंदा पदार्थ होता है, जो खून की नसों में जम जाता है। जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, तो इससे हृदय संबंधी समस्या, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी बिमारियों की वजह बन सकता है। आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं, इसलिए हाई कोलेस्ट्रॉल का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जाता है। खैर, कोलेस्ट्रॉल को कम करने या बैलेंस रखने के लिए तरह-तरह के उपाय आजमाए जाते हैं। आप चाहें, तो इसके लिए अश्वगंधा नाम की जड़ी-बूटी का भी उपयोग कर सकते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए बेहतरीन तरीके से काम करती है। जानिए, अश्वगंधा कोलेस्ट्रॉल के लिए किस तरह फायदेमंद है।
कोलेस्ट्रॉल के लिए अश्वगंधाअगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो इसके लिए अवश्गंधा का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम किया जा सकता है। अश्वगंधा का कोलेस्ट्रॉल से क्या संबंध है, इस पर एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में स्वस्थ लोगों को अश्वगंधा के हाई डोज दिए गए है। इसमें, शुरुआती दस दिनों में 750 मिलीग्राम, इसके बाद 1000 मिग्रा और इसके बाद 1250 मिलीग्राम। प्रत्येक डोज 10-10 दिनों के लिए दिए गए। अध्ययन में पता चला कि स्वस्थ लोगों में अश्वगंधा के हाई डोजेज की वजह से कोलेस्ट्रॉल का स्तर लगभग 10 फीसदी तक कम हुआ। इसी तरह एक अन्य अध्ययन में पता चला कि जब हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों ने अश्वगंधा के 250 से 500 मिलीग्राम सेवन किया तो उन्हें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में उन लोगों की तुलना में कमी देखी गई, जो लोग इसके लिए किसी तरह की खास दवा ले रहे थे। वैज्ञानिक रूप से यह कमी कम है, बावजूद इसके यह महत्वपूर्ण कमी है, जिसकी अनेदखी नहीं की जा सकती है। इसके अलावा, इस संबंध में एक और अध्ययन हुआ है। इसमें पता चला है कि मेटाबॉलिक सिंड्रॉम (एक तरह की स्वास्थ्य स्थिति) से जूझ रहे लोगों ने 30 दिनों के लिए अश्वगंधा के 1200 मिलीग्राम लिया, उनमें 12 फीसदी तक ट्राइग्लिसराइड्स (खून में मौजूद एक प्रकार का वसा) की कमी का अनुभव किया गया। हालांकि, जिन लोगों का सामान्य ट्राइग्लिसराइड्स था, उनमें इसका कोई विशेष प्रभाव देखने को नहीं मिला।अश्वगंधा की खुराकअश्वगंधा का सेवन करने से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी है कि एक दिन में इसकी कितनी खुराक पर्याप्त होती है। ज्यादातर शोधों से पता चला है कि कम से कम एक महीने के लिए प्रतिदिन 250-500 मिलीग्राम लेना फायदेमंद हो सकता है।अश्वगंधा का सेवन कैसे करेंअश्वगंधा मार्केट में पाउडर, कैप्सूल और टैबलेट के रूप में आसानी से मौजूद है। आप कोलेस्ट्रोल के लिए इसका सेवन करने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामार्श अवश्य करें। वह आापको बताएंगे कि आपकी स्थिति के लिए किस तरह से अवश्गंधा का सेवन करना हितकर साबित हो सकता है। साथ ही इसकी खुराक को लेकर भी एक्सपर्ट से जरूर पूछ लें।अश्वगंधा के अन्य फायदे-अश्वगंधा कई तरह की अन्य बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है जैसे--यह संक्रमण और सूजन का जोखिम कम करता है।-सीमित मात्रा में इसके सेवन से ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है।-इससे एथलेटिक परफॉर्मेंस भी बेहतर होती है।-अश्वगंधा के सेवन से याद्दाश्त मजबूत होती है और मस्तिष्क बेहतर तरीके से काम करता है।-अश्वगंधा पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। साथ ही महिलाओं यौन क्षमताओं में भी सुधार करता है।(इसका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें) - गर्मी में लोगों को शारीरिक तौर पर ठंडक मिल सके इसलिए वह बार-बार चेहरे को पानी से धोते हैं। गर्मी के मौसम में अगर आप भी ऐसा ही करते हैं, तो सावधान हो जाइए। हो सकता है बार-बार चेहरा धोने से आपको थोड़ी देर की ठंडक मिल जाए, लेकिन यह आपकी स्किन के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। बार-बार पानी और फेस वॉश से चेहरा धोने से स्किन खराब भी हो सकती है। गर्मी के मौसम में अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं इससे होने वाले नुकसान के बारे में।गर्मी में बार-बार चेहरा धोने के नुकसान-1. स्किन को बनाता है ड्राईबार-बार पानी या फेस वॉश से चेहरा धोने से यह स्किन सेल्स को डैमेज कर सकता है। दरअसल, पानी से कई बार स्किन को साफ करने से चेहरे के नेचुरल ऑयल निकल जाते हैं। जब ऐसा होता है तो स्किन ड्राई हो जाती है। इसकी वजह से कई बार चेहरे पर लाल रैशेज, खुजली और जलन की समस्या हो सकती है।2. स्किन सेल्स को करता है डैमेजगर्मी या किसी भी मौसम में चेहरे को बार-बार पानी से धोने से स्किन सेल्स डैमेज हो जाते हैं। स्किन सेल्स के डैमेज होने की वजह से चेहरे पर उम्र से पहले झुर्रियां और झाइयों की परेशानी होती है। साथ ही, यह चेहरे पर होने वाले व्हाइट दागों का भी कारण बन सकता है।" एक्सपर्ट के मुताबिक बार-बार पानी से चेहरा धोने से त्वचा का पीएच लेवल भी खराब होता है।3. ब्लैक और व्हाइट हेड्स का कारणगर्मी के मौसम में बार-बार पानी से चेहरे को धोने से ओपन पोर्स की समस्या होती है। जब चेहरे के पोर्स ओपन होते हैं, तो एक्सट्रा ऑयल स्किन में जमा होता है और ब्लैकहेड्स व व्हाइट्स की प्रॉब्लम देखने को मिलती है। वक्त के साथ इस तरह की समस्या बढ़ सकती है, जो कभी खत्म नहीं होती है।4. स्किन का पीएच बैलेंस बिगड़ता हैएक्सपर्ट का कहना है कि चेहरे को कई बार पानी से धोने से स्किन का पीएच बैलेंस बिगड़ता है, जिसकी वजह से कई तरह की समस्या हो सकती है।
- दूध विटामिन, बायोटिन, पोटैशियम, कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। इसलिए दूध को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दूध त्वचा के लिए भी लाभकारी होता है। जी हां, दूध चेहरे के दाग-धब्बों, झुर्रियों, मुंहासों और रेडनेस को कम करने में असरदार हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर चेहरे पर दूध लगाया जाता है, तो स्किन ग्लोइंग और सॉफ्ट भी बनती है। दूध आपके चेहरे की स्किन को हेल्दी बनाए रखने का काम करता है।अकसर लोग चेहरे की क्लींजिंग करने के लिए दूध का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आप चाहें तो दूध का उपयोग मेकअप रिमूवर, टोनर या फेस पैक के रूप में भी कर सकते हैं। वैसे तो चेहरे की देखभाल करने के लिए आप दूध को किसी भी समय लगा सकते हैं। लेकिन रात में चेहरे पर दूध लगाना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे चेहरे पर जमा सारा डर्ट, मेकअप और प्रदूषण के कण आसानी से रिमूव हो जाते हैं। दूध चेहरे की डीप क्लीनिंग करता है। साथ ही, चेहरे के ग्लो को भी बढ़ाता है। तो आइए, जानते हैं रात में चेहरे पर दूध कैसे लगाएं?1. क्लींजरऑफिस से घर आने के बाद चेहरे से डर्ट हटाने के लिए आप फेस वॉश का इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन आपको बता दें कि दूध एक बेस्ट क्लींजर के रूप में काम करता है। इसलिए आप रात को दूध का इस्तेमाल क्लींजर के रूप में कर सकते हैं। दूध मेकअप, एक्स्ट्रा ऑयल और धूल-मिट्टी को आसानी से हटाने में मदद करता है। इसके लिए कच्चा दूध और चुटकीभर हल्दी लें। कॉटन बॉल की मदद से पूरे चेहरे को रगड़ें। इससे चेहरे के डेड स्किन सेल्स भी रिमूव हो जाएंगे।2. मेकअप रिमूवरहेल्दी स्किन के लिए रात को मेकअप रिमूव करके सोना चाहिए। मेकअप हटाने करने के लिए अकसर लोग मार्केट में मिलने वाले मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करते हैं। आप चाहें तो दूध से भी चेहरे के मेकअप को हटा सकते हैं। कच्चा दूध लें और कॉटन बॉल की मदद से इसे अपने चेहरे पर लगाएं। दूध चेहरे की गहराई से सफाई करने में मदद करता है।3. मॉइश्चराइजरआप रात को दूध का इस्तेमाल मॉइश्चराइजर के रूप में भी कर सकते हैं। दूध में विटामिन ए और प्रोटीन होता है, जिससे त्वचा को पर्याप्त पोषण मिलता है। अगर आप रात को दूध लगाकर सोएंगे, तो इससे चेहरे की स्किन हाइड्रेटेड रहेगी। चेहरे पर निखार आएगा और चमक भी बढ़ेगी। इसके लिए आप 2 चम्मच दूध में ग्लिसरीन मिलाएं। इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सुबह उठकर त्वचा को पानी से साफ कर लें। रोजाना दूध को मॉइश्चराइज की तरह लगाकर सोने से स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स दूर होने लगेंगी।4. टोनरचेहरे पर टोनर अप्लाई करना, स्किन केयर रूटीन का दूसरा जरूरी स्टेप होता है। रात को आप चेहरे पर मिल्क टोनर लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक स्प्रे बोतल में कच्चा दूध डालें। अब इसे अपने चेहरे पर स्प्रे करें। इससे आपकी स्किन हाइड्रेट रहेगी। स्किन का पीएच लेवल भी बैलेंस रहेगा। आप रोज रात को मिल्क टोनर अप्लाई कर सकते हैं।5. फेस मास्करोज रात को चेहरे पर दूध से बना फेस मास्क लगाना भी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप 1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी लें। इसमें कच्चा दूध मिक्स करें और फिर अपने चेहरे पर अप्लाई कर दें। 15-20 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। रोज रात को चेहरे पर मिल्क फेस पैक लगाने से झुर्रियों और झाइयों से छुटकारा मिलेगा। साथ ही, मुंहासों और डैमेज स्किन से भी निजात मिलेगा।
- आज के समय में लोग काम में इतना व्यस्त हो गए हैं कि उनको एक्सरसाइज व योग के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। योग व एक्सरसाइज की कमी के कारण लोगों को मोटापा का शिकार होना पड़ रहा है। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों में आई कमी के कारण लोगों को थकान होने लगी है। मोटापा बढ़ने के कारण शरीर कोलेस्ट्रोल और हाई बीपी की समस्या हो सकती है। इसके लिए मोटापे के कारण हार्ट संबंधी रोग होने के जोखिम भी बढ़ जाता है। लेकिन, कुछ आसान से आप वजन को तेजी से कम कर सकते हैं। इसमें सूर्य नमस्कार बेहद ही फायेमंद होता है। इसको लाइफस्टाइल में शामिल करने से आप मोटापे को तेजी से कम कर सकते हैं। योगा एक्सपर्ट रिप्सी अरोड़ा से जानते हैं कि सूर्य नमस्कार वजन को कम करने के लिए किस तरह से फायदेमंद होता है।वजन कम करने के लिए सूर्य नमस्कार करने के फायदेसूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए आवश्यक माने जाते हैं। सूर्य नमस्कार मेटाबॉलिज्म बूस्ट करता है। इसके नियमित अभ्यास से आप मांसपेशियों को लचीला बनाने में मदद मिलती है। इस आसन से शरीर की कैलोरी तेजी से बर्न होती है और मोटापा कम होने लगता है। इसके साथ ही सूर्य नमस्कार आपकी पाचन क्रिया को बेहतर करता है, इससे आहार से पोषण का अवशोषण सही तरह से होता है। साथ ही, शरीर के विषैले पदार्थ बाहर होते हैं। इससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है, जिससे वजन कंट्रोल होने लगता है।सूर्य नमस्कार से होने वाले अन्य फायदेबढ़ाया लचीलापन और एनर्जीसूर्य नमस्कार का प्रत्येक आसन शरीर की सभी मांसपेशी को स्ट्रचे करता है और लचीला बनाता है। इससे एनर्जी बूस्ट होती है। इससे शरीर का दर्द कम होता है, शारीरिक क्षमता बेतर होती है।बेहतर पाचनसूर्य नमस्कार में शामिल आसन पाचन तंत्र को बेहतर करते हैं। बेहतर पाचन और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट होता है। यह कब्ज को रोकने में मदद करता है, सूजन को कम करता है और पेट के अंगों के कामकाज को बढ़ाता है।ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतरसूर्य नमस्कार में गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है और एनर्जी का लेवल बहेतर होता है। इसे करने से बाद आपकी थकान जल्द दूर होती है।हार्मोन को बनाएं संतुलनसूर्य नमस्कार हार्मोन को संतुलित करता है। हार्मोन उत्पादन और कार्य को नियंत्रित करता है। यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह मासिक धर्म (पीरियड्स) की अनियमितता को कम कर सकता है और पीरियड्स के लक्षणों को कम कर सकता है।
- आम आखिर किसे पसंद नहीं होता? बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई इसके स्वाद का दीवाना होता है। आम का शेक तैयार करके पीना सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तरीका है। सड़क तक लगने वाले जूस के स्टाल्स से लेकर महंगे रेस्टोरेंट तक, आपको आम का शेक जरूर मिल जाएगा। अधिकांश लोग इसे घर पर तैयार करके पीना पसंद करते हैं, खासकर रात के समय। लेकिन क्या रात के दौरान आम के शेक का सेवन सुरक्षित है? क्या रात में मैंगो शेक पीने से वजन बढ़ सकता है?सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मेंगो शेकमेंगो शेक में विटामिन-ए के साथ आयरन, प्रोटीन और बीटा- केरोटिन पाया जाता है, जो इम्यूनिटी के साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। इसमें मौजूद विटामिन-ए और बीटा-केरोटिन आखों के लिए फायदेमंद माना जाता है। आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण यह मसल्स क्रैम्प, चिंता, तनाव और दिल से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद है।सही पोषण के लिए मैंगो शेक का सेवन कैसे करना चाहिएमैंगो शेक तैयार करने के लिए फेट फ्री मिल्क का इस्तेमाल न करें अन्यथा यह एक्स्ट्रा कैलोरी बढ़ाने का कारण बन सकता है। रात में दौरान सही मात्रा में ही इसका सेवन करें। यानी अगर आप डिनर के बाद इसका सेवन कर रहे हैं, तो कोशिश करें आधा गिलास ही लें। मैंगो शेक तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर या चीनी का प्रयोग न करें, क्योंकि रात के दौरान यह नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप डिनर के लिए इसका सेवन कर रहे हैं तो कोशिश करें कि सोने से 2 या 3 घण्टे पहले ही मैंगो शेक पी लें।क्या डाइबिटीज के मरीज मैंगो शेक पी सकते हैंअगर मैंगो शेक का सेवन कम मात्रा में किया जाए, तो यह डाइबिटीज के मरीजो के लिए भी नुकसानदायक नही है। डाइबिटीज के मरीज नियमित रूप से 100 ग्राम आम का सेवन कर सकते हैं, अगर इस दौरान उनकी ब्लड शुगर नॉर्मल चल रही है। ध्यान रहे कि इसके सेवन के लिए आप कोई भी आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल नहीं करें।
- रीठा एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग बालों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए प्राचीन समय से किया जा रहा है। आयुर्वेद में रीठा को बालों के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। बालों में इसका इस्तेमाल करने से बाल लंबे और घने बनते हैं। साथ ही, यह बालों में नई जान भी डालता है। रीठा में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बालों के विकास में मदद करते हैं। रीठा एक प्राकृतिक क्लींजर भी है। ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी बाल धोने के लिए रीठा का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो स्कैल्प पर जमा गंदगी, डैंड्रफ और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करते हैं। रीठा बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में काफी कारगर है। यह हेयर फॉल को कंट्रोल करता है और ड्राई हेयर की समस्या को भी दूर करता है। नियमित रूप से इसे बालों में लगाने से बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं। अब सवाल यह उठता है कि रीठा को बालों में कैसे लगाएं? आज इस लेख में हम आपको बालों में रीठा लगाने के 4 तरीके बता रहे हैं -बाल धोने के लिए इस्तेमाल के रीठारीठा का इस्तेमाल एक नैचुरल क्लींजर के रूप में किया जा सकता है। यानी आप रीठा से अपने बालों को धो सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आप रीठा के बीज हटा लें। फिर 2 कप गर्म पानी में इसे रातभर के लिए भिगो दें। अगली सुबह इस पानी को 15-20 मिनट तक उबालें। अब इसे ठंडा होने के लिए रख दें। फिर रीठा को अच्छी तरह मैश कर लें। इसके बाद इस पानी को छान लें। फिर इस पानी को बालों पर डालें और 2-4 मिनट तक हल्के हाथों से मसाज करें। 5-10 मिनट बाद बालों को पानी से धो लें।रीठा, आंवला और शिकाकाईआप बालों पर रीठा, आंवला और शिकाकाई का हेयर मास्क लगा सकते हैं। इसके लिए एक बाउल में एक-एक चम्मच रीठा, आंवला और शिकाकाई पाउडर लें। अब इसमें पानी डालकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं। आप इस हेयर मास्क को बाल धोने से 1-2 घंटे पहले लगा सकते हैं। उसके बाद बालों को पानी से धो लें। आप इस हेयर मास्क का इस्तेमाल सप्ताह में 2-3 बार कर सकते हैं। यह आपके बालों के लिए एक हेयर टॉनिक का काम करेगा। इससे आपको लंबे, घने और मजबूत बाल मिलेंगे।रीठा और नारियल का तेलआप रीठा को नारियल तेल के साथ मिलाकर भी बालों पर लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में नारियल का तेल लें और इसे गर्म होने के लिए गैस पर रख दें। अब इसमें 3-4 टुकड़े रीठा और आंवला के डालें। इसे 5-10 मिनट तक अच्छी तरह उबाल लें। अब इसे ठंडा कर लें। इस मिश्रण को 1-2 दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दें। फिर इसे छानकर किसी बॉटल में भरकर स्टोर कर लें। इस तेल को अपने स्कैल्प और बालों पर अच्छी तरह लगाएं। 10-15 मिनट तक हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में मसाज करें। करीब 1 घंटे बाद बालों को माइल्ड शैम्पू धो लें। इससे आपके बालों का झड़ना कम होगा और हेयर ग्रोथ भी तेजी से होगी। साथ ही, बाल मुलायम और चमकदार भी बनेंगे।रीठा का हेयर मास्कइसके लिए आप एक कटोरी में बराबर मात्रा में रीठा, शिकाकाई और आंवला पाउडर लें। इसमें थोड़ा सा पानी डालकर पेस्ट बना लें। अब इसमें धूप में सूखी गुड़हल की पत्तियां और दही मिलाएं। इन सभी चीजों को अच्छी तरह मिक्स कर लें और रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस मिश्रण को छान लें और अपने बालों में लगा लें। 1-2 घंटे बाद बालों को माइल्ड शैम्पू से धो लें।बालों को स्वस्थ रखने के लिए आप इन तरीकों से रीठा का प्रयोग कर सकते हैं। इससे आपके बालों लंबे, घने और मजबूत बनेंगे। हालांकि, अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है या एलर्जी है, तो इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट कर लें।
- अनानास फल सेहत के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन ए, सी, फास्फोरस, पोटैशियम और सोडियम के साथ-साथ ब्रोमेलैन नामक एंजाइम भी होता है। इसे खाने से शरीर को भरपूर पोषण मिलता है। साथ ही, ब्रोमेलैन शरीर की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, अनानास में पानी भी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के भीतर मौजूद फ्री-रेडिकल्स को बेअसर करके शरीर से सभी हानिकारक कणों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।क्या किडनी के लिए अनानास सुरक्षित है?किडनी स्वास्थ्य के लिए भी अनानास का सेवन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। फिटनेस कोच, न्यूट्रिशनिस्ट और सप्लीमेंट स्पेशलिस्ट विनीत कुमार के अनुसार, ''अनानास खाने से किडनी फंक्शन में सुधार होता है। यह क्रोनिक किडनी रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है। यह किडनी के खराब फंक्शन के कारण होने वाले रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है।'' जैसा कि हम शुरुआत में जिक्र कर चुके हैं, कि इसमें किडनी स्वस्थ रखने के लिए कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह कई खराब किडनी फंक्शन से जुड़ी कई स्थितियों को लड़ने में भी मदद करता है जैसे,खराब पाचनहृदय स्वास्थ्यहाई कोलेस्ट्रॉल लेवलशरीर की सूजनहाई यूरिक एसिडगाउट या गठियाजब कोई व्यक्ति क्रोनिक किडनी रोग की स्थिति से जूझ रहा होता है, तो ऐसे में उसकी किडनी ठीक से काम नहीं करती है। वह अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त तरल पदार्थ को फिल्टर करने का काम ठीक से नहीं कर पाती है। लेकिन अनानास खाने से किडनी फंक्शन में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप अनानास का जूस, पैकेज्ड अनानास या फ्रोजन अनानास का सेवन कर सकते हैं। इससे किडनी को कई लाभ भी मिलेंगे जैसे,-शरीर की सूजन को दूर करने में मदद मिलेगी।-शरीर में पानी की कमी से बचाव होगा और हाइड्रेट रहने में मदद मिलेगी।-किडनी स्टोन से बचाव और इसके उपचार दोनों में ही लाभकारी है।-पेशाब के रास्ते अतिरिक्त कैल्शियम को बाहर निकालता है।-किडनी स्टोन से बचाने और उनके उपचार दोनों में मदद करता है।
- गर्मियां आते ही बाजार में तरह-तरह के फल आने लगते हैं। रसीले आम से लेकर लाल तरबूज तक शरीर को हाइड्रेट रखने वाले सभी फल बाजार में देखे जा सकते हैं। वहीं इस मौसम में खरबूज का सेवन भी फायदेमंद माना जाता है। यह पाचन को दुरुस्त रखने और शरीर को पर्याप्त हाइड्रेट रखने में मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं खरबूज की तरह इसके बीज भी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं? जी हां, अक्सर कई ज्यादातर लोग खरबूज खाने के बाद इसके बीज फेक देते हैं। जबकि इन बीजों का सेवन स्वास्थ्य की कई समस्याओं पर असरदार हो सकता है। आइयें इस लेख में जानें खरबूज के बीज सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है।पोषक तत्वों का भंडार है खरबूज के बीजखरबूज के बीज में अमीनो एसिड की अधिक मात्रा पायी जाती है, जो प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसके साथ ही इसमें आवश्यक विटामिन्स के साथ कॉपर, जिंक, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीज और फैटी एसिड की अधिक मात्रा पायी जाती हैं। ये सभी पोषक स्वस्थ्य के लिए जरूरी माने जाते हैं।आंखों के लिए फायदेमंदखरबूज के बीज में विटामिन सी की अधिक मात्रा पायी जाती है, जो हमारी आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाता है। वहीं इसमें बीटा-केरोटीन भी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए फायदेमंद माना जाता है।इम्यूनिटी बनाए रखेखरबूज गर्मियों का मौसमी फल है, जिससे इसका सेवन इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद माना जाता है। वहीं खरबूज के बीज में भी आवश्यक पोषक तत्व जैसे कि विटामिन-सी पाया जाता है, जो शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ाने में मदद कर सकता है।माइंड रिलैक्स करेखरबूज के बीज का सेवन मस्तिष्क के लिए भी लाभदायक माना जाता है। इसके सेवन से मस्तिष्क में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ता है, जो ब्रेन टिशू को शांत करने में मदद कर सकता है। इससे तनाव कम होता है और माइंड रिलैक्स होने में मदद भी मिलती है।पाचन बेहतर बनाए रखेखरबूज में पानी की अधिक मात्रा होने के कारण यह पाचन के लिए फायदेमंद माना जाता है। ठीक इसी तरह खरबूज के बीज भी पेट के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। इसमें शरीर के लिए आवश्यक पीएच होता है, जो पाचन को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकता है।गर्मियों की समस्याओं से बचाव करेखरबूज गर्मियों के मौसम का आवश्यक फल है, इसका सेवन वातावरण के तापमान का असर शरीर में नहीं होने देता। इसी तरह खरबूज के बीज भी गर्मियों की समस्याओं जैसे कि लू लगना या डिहाइड्रेशन में लाभदायक माना जाता है।खरबूजे के बीज कैसे खाएंखरबूज के बीज को धोकर दो दिन के लिए धूप में सूखा लें। इसके बाद इसे भूनकर रख लें और इसे व्यंजन तैयार करने के लिए इस्तेमाल कर। भूने हुए खरबूज का सेवन और खीर, हलवा, स्मूदी या अन्य चीज तैयार करने के लिए कर सकते हैं।फायदों के लिए गर्मियों में खरबूज के बीज का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन अगर आप किसी प्रकार की दवा का रोज कर रहे हैं, तो इसका सेवन अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करे।
- दिल्ली के चांदनी चौक की पराठा गली में मिलने वाला करेले के पराठे का स्वाद लाजवाब होता है। करेले का पराठा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, फाइबर, आयरन, बीटा-कैरोटीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाते हैं। करेले के पराठा का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने से लेकर वजन कम करने तक में फायदेमंद होता है। आज इस लेख में हम आपको करेले का पराठा खाने के फायदे और इसे बनाने का तरीका बता रहे हैं -करेले का पराठा खाने के फायदेहाई कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंदकरेले का पराठा खाने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है। इसमें पोटैशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह हार्ट को हेल्दी रखने में भी मदद करता है। इसके सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी दिल से संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।ब्लड शुगर कंट्रोल करेडायबिटीज के मरीजों के लिए करेले के पराठा का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट पेनक्रियाज के कामकाज को तेज करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है। यह शरीर में अचानक इंसुलिन स्पाइक को रोकने में भी मदद करता है।पेट के लिए फायदेमंदकरेले का पराठा पेट के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, जिससे कब्ज और अपच की परेशानी दूर होती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो पेट के कीड़ों को मारने के साथ ही पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर कर सकते हैं।वजन घटाने में मददगारअगर आप अपने बढ़े हुए वजन से परेशान हैं और वजन कम करना चाहते हैं, तो करेले के पराठे का सेवन कर सकते हैं। इसमें फाइबर मौजूद होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। इसे खाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे शरीर का एक्स्ट्रा फैट बर्न करने में मदद मिलती है। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, इसलिए यह वजन को बढऩे से रोकता है।लिवर को डिटॉक्स करेकरेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर की फंक्शनिंग को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। करेले का पराठा खाने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। इसके सेवन से लिवर मजबूत बनता है और आप लिवर की कई समस्याओं से बच सकते हैं।करेले का पराठा बनाने की रेसिपीसामग्री -2 करेल,1 कप आटा ,2 चम्मच बेसन ,1 बारीक कटा प्याज ,1 बारीक कटा हरी मिर्च ,बारीक कटा हरा धनिया,1 चम्मच जीरा,1 चम्मच चाट मसाला, स्वादानुसार नमक।विधि -करेले का पराठा बनाने के लिए सबसे पहले करेले के बीज हटा दें और इसे स्लाइस में काट लें। अब पानी में नमक मिलाएं और इसमें करेले को डालकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। इससे करेले की सारी कड़वाहट निकल जाएगी। इसके बाद करेले से सारा पानी निचोड़ लें। अब एक पैन में एक चम्मच तेल गर्म करें। इसमें जीरा डालकर भून लें। फिर इसमें कटा हुआ प्याज और हरी मिर्च डालकर भून लें। इसके बाद, इसमें करेला, बेसन, ओट्स, हरा धनिया चाट मसाला और नमक डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को प्लेट में निकालकर ठंडा कर लें। इसके बाद आटे की लोई में इस मिश्रण को भरकर बेल लें। अब तवे पर इसे दोनों साइड से घी लगाकर सेंक लें। आपका करेले का पराठा तैयार है। चटनी या अचार के साथ इसे परोसे। पर इसके साथ दही खाने से परहेज करें,क्योंकि करेले के साथ दही खाना शरीर के लिए हानिकारक होता है।
- आंखें शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। इसके साथ ही ये शरीर का सबसे नाजुक अंग भी होती है। आजकल पोषक तत्वों की कमी, लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करना, खराब लाइफस्टाइल और कई बार एक्सरसाइज न करने की वजह से भी आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। शरीर की देखभाल के साथ आंखों की देखभाल भी बहुत जरूरी होती है। इसकी देखभाल करने के लिए समय- समय पर डॉक्टर को अवश्य दिखाते रहें। कई बार आंख खराब होने पर कई तरह के लक्षण काफी पहले से नजर आते है। लेकिन कई बार हम इन्हें लगातार नजरअंदाज करते रहते है। जिस कारण कई बार आंखों को बड़ा नुकसान भी हो जाता है। आंखों में किसी तरह की समस्या होने पर चेकअप अवश्य कराएं। साथ ही आंखों को हेल्दी रखने वाली डाइट का सेवन भी करते रहे। ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों में होने वाली समस्या भी दूर होने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं आंखें खराब होने पर किस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं।धुंधला दिखाई देनाजी हां, अगर आपको धुंधला दिखना शुरू हुआ है, तो जल्द ही डॉक्टर को दिखा कर ड्राप्स लेकर ट्रीटमेंट शुरू करें। कई बार लोग आंखों में धुंधलापन को कई दिन तक नजरअंदाज करते है। जिससे ये परेशानी काफी बड़ी हो जाती है और आंखें खराब होने का डर भी रहता है।सिरदर्दआंखे खराब होने का एक आम लक्षण है सिरदर्द। अगर आपको जल्दी-जल्दी सिरदर्द हो रहा है, तो ये आंख खराब होने का लक्षण हो सकता है। कई बार आंखे कमजोर होने से सिरदर्द का लक्षण नजर आते है। जिस कारण नंगी आंखों से देखने पर आंखों पर दबाव पड़ता है और सिरदर्द की समस्या शुरू हो जाती है।दबाव महसूस होनाकई बार आंखें खराब होने से पहले यै कमजोर होने से पहले आंखों पर दबाव महसूस होता है। जिस कारण कुछ देखने का मन नहीं करता है और आंखों पर भारीपन और सिर में भी भारीपन लग सकता है। आंखों पर दवाब महसूस होने पर डॉक्टर को दिखाएं और डाइट में मछली, अंडे और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।आंखों में खुजली होनाजी हां, कई बार लगातार लगातार लैपटॉप पर काम करने के दौरान आंखों में खुजली के लक्षण नजर आ सकते है। इस कारण आंखों में पानी भी आ सकता है और खुजली करने से आंखें भी लाल हो सकती है। ये लक्षण आंखों का कमजोर होने के हो सकते है।सिर के पीछे दर्द होनाकई बार आंखों के कमजोर हो जाने पर सिर के पीछे हल्का दर्द होता रहता है। कई बार लोग इसे नॉर्मल समझ के नजरअंदाज करते है। जिस कारण समस्या बढ़ सकती है। लगातार सिर के पीछे दर्द रहने पर आंखों का टेस्ट अवश्य कराएं।आंखे खराब होने पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं। आंखों को हेल्दी रखने के लिए डाइट में हरी सब्जियों, मौसमी फल और मछली को शामिल करें। साथ ही लैपटॉप पर काम करते समय भी थोड़े अंतराल के बाद आंखों को आराम दें। हालांकि, आंखों पर कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की राय अवश्य लें।
- गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आजकल लोगों में हाई यूरिक एसिड की समस्या काफी बढ़ गई है। यूरिक एसिड हमारे शरीर में बनने वाला एक तरह का वेस्ट प्रोडक्ट है, जो प्यूरीन के टूटने पर बनता है। आमतौर पर यूरिक एसिड खून में मिल जाता है और फिर किडनी इसे फिल्टर करके पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन कई बार शरीर में यूरिक एसिड सामान्य से अधिक मात्रा में बनने लगता है। जब किडनी पर्याप्त मात्रा में यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती है, तो शरीर में इसका स्तर बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड लेवल बढ़ने पर आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसकी वजह से जोड़ों और हड्डियों में दर्द, हड्डियों में सूजन और चलने-फिरने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लंबे समय तक हाई यूरिक एसिड की समस्या होने के कारण अर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। कुछ ऐसे फूड्स होते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने का काम करते हैं। अगर यूरिक एसिड की समस्या है या होने का खतरा है, तो इन फूड्स से दूरी बना लेनी चाहिए।मिठाईमिठाई खाना हम सभी को पसंद होता है। लेकिन ज्यादा मीठा खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मिठाई व शुगरी ड्रिंक्स में फ्रुक्टोज होता है, जो शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। अगर आपको पहले से ही यूरिक एसिड की समस्या है, तो आपको मीठे चीजों और पेय पदार्थों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।अल्कोहलशराब का सेवन संपूर्ण स्वास्थ्य के हानिकारक होता है। अल्कोहल का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। दरअसल, इसमें प्यूरिन मौजूद होता है, जो खून में यूरिक एसिड की मात्रा को तेजी से बढ़ा देता है। जो लोग शराब का ज्यादा सेवन करते हैं, उनकी किडनी ठीक तरह से काम नहीं कर पाती है। ऐसे में किडनी रक्त से यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती है, जिसकी वजह से इसका स्तर बढ़ने लगता है।खट्टे फलखट्टे फल विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनसे सेहत को कई लाभ मिलते हैं। लेकिन इनमें से कुछ फल ऐसे भी हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, नींबू और चकोतरा का ज्यादा सेवन करने से हाई यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है। अगर आपको यूरिक एसिड की समस्या है, तो इनका सेवन कम मात्रा में ही करें।नॉन-वेजकुछ प्रकार के मांस भी यूरिक एसिड लेवल को बढ़ा सकते हैं। मछली, रेड मीट, मटन और पोर्क आदि नॉन-वेज फूड्स में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है।, जो खून में यूरिक एसिड को बढ़ा सकता है। इसलिए आपको इन सभी चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।दालें और सब्जियांदालों में प्यूरीन की मात्रा काफी अधिक होती है, जो यूरिक एसिड लेवल को बढ़ा सकती है। गाउट की समस्या से बचने के लिए दालों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। वहीं, फूलगोभी, पालक, मटर और मशरूम जैसी सब्जियां भी हाई यूरिक एसिड का कारण बन सकती हैं। इसलिए आपको इनका कम सेवन करना चाहिए।ये सभी फूड्स खून में यूरिक एसिड के स्तर को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसके अलावा, जिन फूड्स में प्यूरिन की मात्रा ज्यादा होती है, उनका सेवन करने से बचना चाहिए।
- गर्मियां आते ही बाजार में कई तरह की सब्जियां आ जाती हैं। इस मौसम में लौकी, तोरी, कद्दू , करेला व बीन्स आदि सब्जियों की बहार रहती है। गर्मियों में वजन कम करने के लिए इन सब्जियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। वजन कंट्रोल करने के लिए आप इन सब्जियों को डाइट में शामिक कर सकते हैं। इसके अलावा, चिचिंडा भी आपके वजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें विटामिन ए, बी6, सी, ई, कैल्शियम, फोस्फोरस, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम आदि कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके नियमित सेवन से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे शरीर का फैट तेजी से कम होने लगता है। इस सब्जी को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों जैसे चिचिंडा, पटल, कैता व बड़ा परवल आदि से जाना जाता है। आगे जानते हैं चिचिंडा किस तरह से वजन को कंट्रोल करने में सहायक होता है।फाइबर की मात्रा अधिक होनाचिचिंडा फाइबर से भरपूर होता है, इससे आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है और भोजन को पचाने में कम समय लगता है। फाइबर से आंतों की मांसपेशियां मजबूत होती है। साथ ही, फाइबर युक्त आहार से आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है, जिससे आपका भूख कम लगती है। इससे आपको बार-बार खाने की जरूरत महसूस नहीं होती है।कम कैलोरीचिचिंडे में कैलोरी कम मात्रा में होती है, जो इस सब्जी को आपके वजन घटाने का एक बेहतर विकल्प बनाती है। लो कैलोरी डाइट से आपका वजन तेजी से कम होता है।पोषण से भरपूरचिचिंडा में कई प्रकार को पोषण तत्व होते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्वों शरीर को एनर्जी प्रदान करने और वजन को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं।पाचन में आसानचिचिंडा आपकी पाचन क्रिया को बेहतर करता है। चिचिंडा पाचन जूस को बढ़ाने में सहायक होता है। जिससे आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है और शरीर में फैट नहीं बढ़ता है।वजन को कंट्रोल करने के लिए चिचिंडा का सेवन कैसे करें?चिचिंडा का जूस : इस जूस को बनाने के लिए आप चिचिंडा का कद्दूकस कर लें । इसके बाद इसे निचोड़कर जूस निकाल लें। इस जूस में कालानमक और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पी सकते हैं।चिचिंडे की सब्जी : इसको डाइट में शामिल करने के लिए आप सब्जी बना सकते हैं। इस सब्जी के सेवन से भी आप वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।चिचिंडे के कोफते : चिचिंडे की सब्जी अगर आपको पसंद नहीं आ रही है, तो ऐसे में आप इसके कोफते बना सकते हैं। इसके कोफते बनाने के लिए आप इसे कद्दूकस कर लें। इसके बाद इसमें बेसन मिलाकर पकौड़ी बना लें। अब दूसरे पैन में इसकी ग्रैवी तैयार करें और पहले से तैयार कोफतों को इसमें मिला लें।चिचिंडे को उबाल कर खाएं : अगर आप अपना वजन तेजी से कम करना चाहते हैं, तो चिंचिडे को उबाल कर सेवन करें। इसे उबालकर काट लें। इसके बाद इसमें काली, धनिया व पुदिने की चटनी मिलाकर सेवन करें।वजन को कम करने के लिए आप डाइट में बदलाव के साथ ही, लाइफस्टाइल में भी चेंजस कर सकते हैं। इसके लिए आप बाहर का जंक फूड खाने से दूरी बनाएं और एक्सरसाइज करें। इससे आपको वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
- केले के साथ उसका फूल भी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शरीर की कई बीमारियां दूर होने के साथ शरीर भी हेल्दी रहता है। केले का फूल में पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर आदि गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होने के साथ हार्ट भी हेल्दी रखता है। इसका सेवन डायबिटीज के मरीज भी कर सकते है। ये शरीर से ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। इसके सेवन से किडनी संबंधी बीमारी होने का खतरा भी कम होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने में मदद करते हैं। बंगाली परिवारों में केले के फूल की सब्जी खूब बनाई जाती है। आइए जानते हैं केले के फूल के अन्य फायदों के बारे में।डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंदकेले के फूल के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को कम करके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। डायबिटीज रोगी इसका काढा बनाकर पी सकते है। इसके सेवन से शरीर हेल्दी रहता है।किडनी के लिए लाभदायकजी हां, केले का फूल किडनी रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद नेफ्रोपोट्रैक्टिक तत्व किडनी को हेल्दी रखते है और बीमारियां से बचाते हैं। इसमें मौजूद फाइबर किडनी किडनी स्टोन को भी ठीक करने में मदद करता है। इसको सब्जी के रूप में भी खाया जा सकता है।हार्ट को रखें हेल्दीकेले के फूल के सेवन से हार्ट संबंधी बीमारी होने का खतरा कम होता है और हार्ट लंबे समय तक हेल्दी रहता है। केले का फूल के सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। इसके सेवन से शरीर लंबे समय तक हेल्दी रहता है।वजन कम करने में मददगारकेले के फूल के सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है और बैली फैट भी तेजी से घटता है। केले का फूल में मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरकर रखता है और वजन कम करने में मदद करता है। केले का फूल का सेवन करने के लिए काढा, सब्जी या सूप बनाकर पीया जा सकता है।हाई ब्लड-प्रेशर मरीजों के लिए फायदेमंदकेले के फूल के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को फायदा होता है। ये एंटी हाइपरटेंसिव एजेंट की तरह काम करता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करके शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाएंकई माएं कम बेस्ट मिल्क आने के कारण परेशान रहती है। ऐसे में केले का फूल उन मांओं की परेशानी को आसानी से दूर कर सकता है। इसमें मौजूद गैलेक्टागोग तत्व लैक्टेशन को बढ़ावा देता है। जिससे ब्रेस्ट मिल्क बनने लगता है और बच्चे का पेट आसानी से भर जाता है।डायरिया में फायदेमंदकेले का फूल डायरिया के मरीजों के लिए फायदेमंद रहता है। कई बार डायरिया होने पर दवाई का असर होने पर समय लगता है। ऐसे में केले का फूल का सेवन करने से डायरिया की समस्या को कम किया जा सकता है और इस परेशानी से छुटाकारा पाया जा सकता है।केले का फूल शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रखें इसको सेवन से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें।
- मौजूदा समय में लोगों का आयुर्वेद की ओर काफी रुझान बढ़ा है। लोग इस विधा का इस्तेमाल अपने इलाज और कई तरह की बीमारियों से बचने के लिए कर रहे हैं। अष्ट चूर्णम, एक तरह की आयुर्वेदिक औषधि है। इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों और अन्य समस्याओं में किया जाता है। आज हम इस लेख में जानेंगे, अष्ट चूर्णम के फायदे और इस्तेमाल का तरीका।अष्ट चूर्णम पाचन समस्याओं से राहत दिलाता हैअष्ट चूर्णम की मदद से पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे अपच, गैस्ट्राइटिस, अम्लता से छुटकारा पाया जा सकता है। 2019 में साइमन एट एल द्वारा अष्ट चूर्णम पर एक अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ कि अष्ट चूर्णम की मदद से कई तरह पेट संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। इनमें मुख्य रूप, से पेट फूलना, पांचन संबंधी समस्या, एसिडिटी आदि शामिल हैं। हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि अब भी अष्ट चूर्णम के विस्तरित उपयोग और लाभ के लिए और भी अध्ययनों का किया जाना जरूरी है।बालों के लिएअष्ट चूर्णम का इस्तेमाल बालों के लिए भी किया जाता है। हाल के सालों में हमने देखा है कि कम उम्र में ही लोगों के बाल सफेद होने लगे हैं। ऐसे में आप विशेषज्ञों की सलाह पर अष्ट चूर्णम का इस्तेमाल कर सकते हैं। माना जाता है कि अष्ट चूर्णम के इस्तेमाल से बालों के सफेद होने की प्रकिया को धीमा किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए विशेषज्ञ अष्ट चूर्णम के साथ कोई अन्य विशेष दवा मिक्स करके देते हैं, जिस संबंध में आप उनसे परामर्श कर सकते हैं।भूख के लिएअष्ट चूर्णम भूख बढ़ाने के काम भी आता है। असल में, मौजूदा समय में बच्चे हों या बड़े, शारीरिक गतिविधियों में कमी और सारा दिन कंप्यूटर स्क्रीन के पास बैठे रहने के कारण उनकी भूख में काफी कमी आ गई है। इसके पीछे, खराब जीवनशैली भी जिम्मेदार है। इन्हीं सब कारणों की वजह से कई लोग ऐसे हैं, जो कमजोरी और दुर्बलता का शिकार हो चुके हैं। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि आप अष्ट चूर्णम की मदद लें। इसके सेवन से आपकी भूख में सुधार होगा, पेट संबंधी समस्याएं कम होंगी और कई संक्रामक बीमारियां भी खत्म होंगी।गठिया के लिएअष्ट चूर्णम में एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में बेहद फायदेमंद होते हैं। इसकी मदद से ऑटोइम्यून इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की संभावना में कमी आती है। इसके अलावा, मासंपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में हो रही तकलीफ को भी अष्ट चूर्णम की मदद से ठीक किया जा सकता है।डायरिया में मददगारअष्ट चूर्णम एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-डायरियल गुणों से भरपूर होता है। इसकी मदद से पेट में मौजूद उन बैक्टीरिया को बाहर निकाला जाता है, जो डायरिया के लिए जिम्मेदार होते हैं। यही नहीं, आंतों से संबंधित संक्रमण में भी अष्ट चूर्णम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, अष्ट चूर्णम की मदद से दस्त का इलाज भी किया जा सकता है।अष्ट चूर्णम का उपयोग कैसे करेंअष्ट चूर्णम पाउडर और सिरप दोनों रूप में आता है। आमतौर पर, महज 3 ग्राम तक ही अष्ट चूर्णम पाउडर का सिरप का सेवन किया जाता है। इसके बावजूद, आप इसका सेवन किस उद्देश्य से करना चाहते हैं, ये बात आप पर निर्भर करती है। इसके अलावा, ये लिवर की समस्या में, हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, पीलिया जैसी बिमारियों में भी उपयोग की जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि अष्ट चूर्णम का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय ले जरूर लें।अष्ट चूर्णम पाउडरजड़ी बूटी मात्रा--------------------------कैरम कॉप्टिकम 125 ग्रामजीरा सिमियम 125 ग्रामफेरुला हींग 125 ग्रामकलौंजी 125 ग्राममुरलीवाला longum 125 ग्रामपाइपर नाइग्रम 125 ग्रामजिंजिबर ऑफिसिनेल 125 ग्रामकाला नमक 125 ग्राम
- असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण लोगों में कब्ज और पाचन से जुड़ी परेशानियां होती हैं। कब्ज की समस्या बहुत गंभीर होती है और सही समय पर इसका इलाज नही होने पर यह समस्या और गंभीर हो जाती है। आज के समय में हर तीसरा व्यक्ति कब्ज या पाचन से जुड़ी परेशानी से जूझ रहा है। इस समस्या में आपको मल त्याग करने में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है। कब्ज की समस्या किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए डाइट में कम मसालेदार, बिना तले भुने और जल्दी पचने वाले फूड्स को शामिल करना चाहिए। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए दूध और गुड़ का सेवन भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। गुड़ में मौजूद औषधीय गुण कब्ज और पाचन से जुड़ी परेशानियों में बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कब्ज में दूध और गुड़ खाने के फायदे।कब्ज में गुड़ और दूध के फायदेकब्ज की समस्या में दूध और गुड़ खाना बहुत फायदेमंद होता है। गुड़ में मौजूद पोषक तत्व और गुण पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और शरीर को कमजोरी से बचाने में बहुत फायदेमंद होते हैं। दूध और गुड़ का कॉम्बिनेशन न सिर्फ पाचन तंत्र को मजबूती देने का काम करता है बल्कि शरीर के लिए कई तरीके से फायदेमंद माना जाता है। एसिडिटी, कब्ज और गैस की समस्या में भी गुड़ और दूध का सेवन बहुत उपयोगी माना जाता है। दूध और गुड़ में मौजूद गुण पेट का मेटाबॉलिज्म ठीक रखने और खट्टी डकार, सीने में जलन, अपच और कब्ज की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं।दूध और गुड़ का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है। इसका सेवन शरीर को कई गंभीर बीमारी और परेशानियों से बचाने में भी बहुत उपयोगी माना जाता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से कमजोरी की समस्या दूर होती है और शरीर में खून की कमी होने पर भी बहुत उपयोगी होता है।कब्ज में कैसे करें गुड़ और दूध का सेवन?-कब्ज की समस्या में दूध और गुड़ का सेवन कई तरीके से कर सकते हैं। इसका सेवन रात में सोने से पहले करना ज्यादा फायदेमंद होता है। रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में गुड़ के कुछ टुकड़े डालकर मिक्स कर लें। इस दूध को सोने से पहले रोजाना पिएं। कुछ दिनों तक इसका सेवन करने से आपका पाचन दुरुस्त होगा और कब्ज की समस्या में फायदा मिलेगा।हमारे देश में भोजन के बाद गुड़ का सेवन पुराने समय से ही किया जा रहा है। गुड़ डाइजेशन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। गुड़ और दूध का सेवन करने से दूध में मौजूद एंटासिड गुड़ में मौजूद डाइजेस्टिव एजेंट मिल जाते हैं और यह पेट और पाचन तंत्र क बहुत फायदा पहुंचाते हैं।
- राजमा यानी रेड किडनी बींस, भारतीयों खासतौर पर पंजाबियों और उत्तर भारत की फेवरेट डिश है। इसे लोग चावल के साथ खाना खूब पसंद करते हैं। वेट लॉस करना हो या फिर मसल्स मजबूत बनानी हो डायटीशियन हमेशा इसे खाने की सलाह देते हैं। वेजिटेरियन लोगों के प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत में राजमा भी शामिल रहता है। लेकिन कभी सोचा है कि आखिर चने और मूंग की तरह इसे कच्चा खाने की सलाह क्यों नहीं दी जाती। लाल राजमा को कच्चा ना खाने की सलाह देने के पीछे इसका जहरीला होना है।लाल राजमा होता है जहरीलारेड किडनी बींस यानी 100 ग्राम लाल राजमा में प्रोटीन करीब 9 प्रतिशत होता है। जो कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सबसे रिच सोर्स माना जाता है। इसके साथ ही लाल राजमा में कार्ब्स, फाइबर भी अच्छी खासी मात्रा में होते हैं। लेकिन ये सारे गुण तभी मिल सकते हैं जब आप इसे अच्छी तरह से भिगोकर और पकाकर खाते हैं।कच्चा खाना होता है जहरीलाकच्चे लाल राजमा में टॉक्सिक तत्व फाइटोहेमग्लगुटिनिन होता है। जो कि एक जहर है। इसकी मात्रा शरीर में बढ़ जाने पर आंतों को डैमेज होने का खतरा रहता है। कच्चे किडनी बींस को खाने से डायरिया हो जाता है और ये पेट को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचाता है।कनाडा की रिसर्च में भी हो गया खुलासाकनाडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फूड सेफ्टी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रेड किडनी बींस में फाइटोहेमग्लगुटिनिन नामका जहर होता है। जो आंतों को डैमेज कर देता है। रिपोर्ट के मुताबिक लाल राजमा को करीब 10 मिनट तक पकाना जरूरी है। इससे कम देर पकने पर रेड किडनी बींस में मौजूद जहर पांच गुना तक बढ़ सकता है और आंत को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि लाल राजमा की तुलना में सफेद राजमा जिसमे लाल रंग के धब्बे होते हैं। उनमे किसी भी तरह के जहर के बारे में नहीं बताया गया है।इस तरह खाना होगा सेफराजमा को खाने के लिए जरूरी है कि अच्छी तरह से पकाकर ही खाया जाए। कम पका राजमा पेट की गड़बड़ी का कारण बन सकता है। इसलिए राजमा को पानी में भिगोकर और पकाकर ही खाएं।
- कटहल की सब्जी को अक्सर लोग नॉनवेज का सब्सटीट्यूड मानते हैं। ढेर सारे मसालों में लिपटे कटहल को काफी पसंद किया जाता है। गर्मियों में ज्यादातर मिलने वाले कटहल को सब्जी बनाकर खाना उत्तर भारत में लोग पसंद करते हैं। वहीं साउथ इंडिया में पके हुए कटहल को लोग खाना चाहते हैं। ऐसे में मन में सवाल उठता है कि आखिर कच्चा या पका, किस तरह का कटहल खाने से फायदा होता है। बता दें कि कटहल किसी सुपरफूड से कम नही हैं। जिसके फायदे किसी को भी हैरान कर सकते हैं।कटहल है न्यूट्रिशन का भंडारकटहल में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट ढेर सारे पाए जाते हैं। मीठे से लेकर स्पाइसी हर तरह से कटहल को खाया जा सकता है। जैकफ्रूट में विटामिन सी की अच्छी खासी मात्रा होती है। वहीं फाइबर के मामले में ये अमरूद और केला से भी ज्यादा फायदेमंद है।कच्चा या पका कौन सा कटहल है ज्यादा फायदेमंदस्टडीज के मुताबिक कच्चे कटहल में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा पके कटहल की तुलना में ज्यादा होती है। वहीं कार्बोहाइट्रेड की मात्रा पके कटहल की तुलना में कम होती है। ऐसे में कच्चा कटहल सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।कटहल खाने से होते हैं ये हेल्थ बेनिफिट्सब्लड शुगर करे कंट्रोलकटहल में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। जो ब्लड शुगर को खाने के बाद बढ़ने से रोकने में मदद करता है। डायबिटीज के पेशेंट कटहल को आसानी से खा सकते हैं। ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।एनीमिया की कमी करे दूरकटहल में अच्छी खासी मात्रा में विटामिंस और मिनरल्स कॉपर, मैग्नीज, मैंग्नीशियम, विटामिन ए, सी और ई होते हैं। जो शरीर में खून बनने में मदद करते हैं। आयरन की कमी की वजह से एनीमिया हो जाता है। कटहल एनीमिया की समस्या को दूर करने में हेल्प करता है।आंखों की सेहत रखे दुरुस्तकई सारी स्टडीज में पता चला है कि आंखों की सेहत के लिए कटहल फायदेमंद है। इसमे मौजूद बीटा-कैरोटीन आंखों का ख्याल रखता है और कॉर्निया की फंक्शनिंग को सही रखने में मदद करता है।हड्डियों के लिए है फायदेमंदहड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम के साथ ही पैटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, जिंक की जरूरत होती है। कटहल में ये सारे न्यूट्रिशन होते हैं जो हेल्दी बोंस के लिए जरूरी हैं।डाइजेशन सही करने में मददकटहल में काफी ज्यादा मात्रा में सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर पाया जाता है। फाइबर कान्सटिपेशन को दूर करने के लिए जरूरी है। कटहल की 100 ग्राम मात्रा में फाइबर इतना होता है कि इंसान के डेली जरूरत को पूरा कर देता है।इसके साथ ही कटहल पानी को तेजी से अब्जार्ब करता है। जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम में कोलेस्ट्रॉल और फैट की समस्या को खत्म करता है।दिल की सेहत के लिए फायदेमंदकार्डियोवस्कुलर डिजीज में कटहल फायदेमंद है। हाई फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट हार्ट हेल्थ को ठीक रखता है। साथ ही ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।कैंसर की रोकथामकटहल में कैंसर को रोकने वाले तत्व फ्लेवेनाएड्स, सेपोनिन, टैनिन्स होते हैं। ये तीनों कंपाउड्स मिलकर फ्री रेडिक्लस को रिमूव करने ट्यूमर सेल्स को रोकने में हेल्प करते हैं। कई सारी रिसर्च में पता चला है कि कटहल के बीजों में ऐंटी कैंसर इफेक्ट्स होते हैं।
- गर्मियां आते ही पसीना, धूल, मिट्टी स्किन पर बुरा असर डालती है। जिसकी वजह से रैशेज और दाने होने लगते हैं। लाल रंग के छोटे-छोटे दाने घमौरी होते हैं। जो खुजली और जलन देते हैं। वहीं कई बार ये दाने बड़े आकार के होने लगते है और गर्दन, पीठ, बगल के साथ ही चेहरे पर भी होने लगते हैं। इन खुजली और जलन वाले दानों से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाएं जा सकते हैं। जो आपको गर्मी में स्किन को ठंडा करने में मदद करेंगे।बेकिंग सोडाघमौरी और दानों की वजह से हो रही जलन में राहत पाने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक चम्मच बेकिंग सोडा को ठंडे पानी में भिगोकर घोल बना लें। फिर इस घोल में कॉटन के कपड़े को भिगोकर गीला कर लें और दानों वाले हिस्से पर लगाएं। इससे जल्दी ही जलन और खुजली से राहत मिलती है।पानी में मिलाएं चंदन का पेस्टचंदन स्किन को ठंडक देता है। गर्मी से होने वाली जलन और खुजली वाले दानों को राहत देने के लिए चंदन का इस्तेमाल करें। इससे राहत मिलती है। चंदन की लकड़ी को लेकर घिस लें और इस पेस्ट को पानी में मिलाकर रखें। चेहरे के साथ ही दानों वाले हिस्से पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। करीब आधे से एक घंटे बाद पानी से साफ कर लें। गर्मी में स्किन को ठंडक पहुंचाने के साथ ही चंदन नेचुरल ग्लो देने का भी काम करेगा।आलू का पेस्टकच्चा आलू स्किन को ठंडक देता है। शरीर के जिन हिस्सों पर लाल दाने हुए हों वहां कच्चे आलू को घिसकर पेस्ट जैसा बना लें। इसे दानों वाली जगह पर लगाकर छोड़ दें। करीब आधे घंटे बाद साफ पानी से साफ कर लें। इससे सनबर्न और घमौरी की समस्या में राहत मिलती है।