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- नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज से जुड़े नियमों को कड़ा किये जाने से ऋण वृद्धि पर असर पड़ेगा। इसका कारण बैंकों और एनबीएफसी को अब ऐसे कर्ज के एवज में अधिक पूंजी प्रावधान करने की जरूरत पड़ेगी। साख निर्धारित करने वाली एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि इससे इस तरह के कर्ज की बढ़ती मांग भी कम होने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हाल के वर्षों में उपभोक्ता कर्ज तेजी से बढ़ा है। ऐसे में हमारा मानना है कि बैंक प्रणाली के स्तर पर उपभोक्ता कर्ज से उत्पन्न उभरते जोखिम को नियंत्रित करने के लिये इस मामले में सख्ती सकारात्मक प्रयास है।'' फिच के अनुसार, बैंकों के असुरक्षित माने जाने वाले क्रेडिट कार्ड कर्ज और व्यक्तिगत ऋण में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर क्रमश: 29.9 प्रतिशत और 25.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि सभी कर्ज को मिलाकर कुल वृद्धि 20 प्रतिशत रही। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘असुरक्षित उपभोक्ता ऋण का बढ़ना अधिक जोखिम लेने का भी संकेत देता है। इसके कारण बैंक और एनबीएफआई सुरक्षित खुदरा कर्ज को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच शुद्ध ब्याज मार्जिन भी बचाए रखना चाहते हैं।'' फिच ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफआई) को बैंकों से मिलने वाले कर्ज पर जोखिम भार बढ़ने का प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है...।'' सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का क्रेडिट कार्ड कर्ज कम है लेकिन वे एनबीएफआई को ऋण देने को उत्सुक दिखते हैं। दूसरी तरफ निजी क्षेत्र के बैंकों के लिये स्थिति इसके उलट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर इस बदलाव से बैंक प्रणाली में ‘कॉमन' इक्विटी शेयर पूंजी (टियर-1) अनुपात 0.60 से 0.70 प्रतिशत कम होने का अनुमान है। यह वह नियामकीय पूंजी है, जो नुकसान की स्थिति में उससे निपटने में सक्षम होती है।
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नयी दिल्ली. सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्याज की जो खेप सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंप दी गई हैं और 29 अक्टूबर से पहले उनकी प्रणाली में पंजीकृत हैं, उन्हें 30 नवंबर तक निर्यात किया जा सकता है। सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर काबू पाने के उद्देश्य से 28 अक्टूबर को इस साल 31 दिसंबर तक के लिए प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि जहां प्याज की खेप 29 अक्टूबर, 2023 से पहले सीमा शुल्क विभाग को सौंप दी गई है... और उनकी प्रणाली में पंजीकृत है उसका निर्यात 30 नवंबर तक किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि इस अधिसूचना के जारी होने से पहले भुगतान किए जा चुके निर्यात शुल्क का रिफंड नहीं होगा।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने बृहस्पतिवार को बैंकों से ग्राहकों की शिकायतों के समाधान पर अधिक ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि बैंक ग्राहक जोड़ने में भारी निवेश कर रहे हैं लेकिन उनकी शिकायतों के समाधान पर बहुत कम ध्यान दे रहे हैं। राव ने यहां वार्षिक फाइबैक कार्यक्रम में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि ग्राहकों की शिकायतों का समय से समाधान करने के लिए बैंकों के प्रयास प्रौद्योगिकी और उत्पादों में हुई तेजी के अनुरूप नहीं हैं।'' उन्होंने कहा, ..यह उस क्षेत्र के लिए बहुत अजीब लगता है, जो सेवा उद्योग होने पर गर्व करता है। उनके मुताबिक, बैंकों के बोर्ड को गंभीरता से विचार करने और इस पहलू पर गौर करने की जरूरत है।
राव ने यह भी कहा कि बैंकों को साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि भ्रामक तरीके से उत्पादों की बिक्री अब डिजिटल अवतार में उभरी है - जिसे डार्क पैटर्न कहा जाता है। जैसे तत्काल ऋण के रूप में भारी ब्याज दर और अन्य लागत का जाल। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए। कुशल तरीके से काम करना चाहिए। ग्राहकों को इन खतरों से बचाने के लिए उनके भरोसे को बनाए रखने और मिलकर काम करने की जरूरत है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2,182 करोड़ रुपये के पहले अंतरिम लाभांश का भुगतान किया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि एनटीपीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 23 नवंबर, 2023 को 2,182 करोड़ रुपये का पहला अंतरिम लाभांश दिया। यह कंपनी की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 22.50 प्रतिशत है। बयान के अनुसार यह लगातार 31वां वर्ष है जब एनटीपीसी ने लाभांश का भुगतान किया है। यह बताता है कि कंपनी लगातार अपने निवेशकों को लाभ दे रही है। बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली एनटीपीसी देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी है। एनटीपीसी समूह (कंपनी, उसके संयुक्त उद्यम और अनुषंगी इकाइयों को मिलाकर) की कुल स्थापित क्षमता 73,874 मेगावाट है।
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नयी दिल्ली. वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 50 रुपये बढ़कर 62,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 62,150 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा था।
हालांकि, चांदी की कीमत 76,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही।
वैश्विक बाजारों में दोनों धातुएं मजबूत रहीं। जहां सोना तेजी के साथ 1,999 डॉलर प्रति औंस तथा चांदी मजबूती के साथ 23.70 डॉलर प्रति औंस हो गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड आय में गिरावट सहित विभिन्न कारकों के कारण सोने में लगातार दूसरे दिन बढ़त रही। इस बीच, वायदा कारोबार में एमसीएक्स पर सोने का दिसंबर अनुबंध 19 रुपये बढ़कर 61,244 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। हालांकि, चांदी का दिसंबर डिलिवरी अनुबंध 81 रुपये गिरकर 73,223 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया। - कोच्चि (केरल)। बैंकिंग क्षेत्र के अग्रणी लोगों में से एक लक्ष्मी रामकृष्ण श्रीनिवास को साउथ इंडियन बैंक का अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया गया है। लक्षमी को 20 नवंबर 2023 से तीन साल की अवधि के लिए बैंक का गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है। साउथ इंडियन बैंक की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, लक्ष्मी के पास बैंकिंग क्षेत्र में 38 साल का अनुभव है। वह भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य महाप्रबंधक के तौर पर सेवाएं दे चुकी हैं। बयान में कहा गया, वह स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज के निदेशक सहित कई वरिष्ठ पदों पर सेवाएं दे चुकी हैं।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण डिजिटल एक्सेलेरेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन एक्सपो (डीएटीई) का गुरुवार को उद्घाटन करेंगी। इसमें भारत की बढ़ती डिजिटल महत्वाकांक्षाओं, उसके प्रौद्योगिकी बदलाव पर जोर दिया जाएगा और नए युग के नवाचारों पर चर्चा की जाएगी। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दो दिवसीय कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में उभरती प्रौद्योगिकियों के बढ़ते प्रभाव तथा भारत की डिजिटल आकांक्षाओं के बारे में बात करेंगे। यह कार्यक्रम ट्रेसकॉन द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब देश की डिजिटल उपलब्धियां तथा अभूतपूर्व समाधानों को तेजी से अपनाना आर्थिक परिदृश्य को नया आकार दे रहा है, जिससे भारत नई विश्व व्यवस्था तथा वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एक ताकत के रूप में स्थापित हो रहा है। डीएटीई राष्ट्रीय राजधानी स्थित यशोभूमि (आईआईसीसी द्वारका) में भारत के सबसे प्रभावशाली तथा नवीन प्रौद्योगिकी से जुड़े लोगों, स्टार्टअप, निवेशकों, उद्यम निर्णय निर्माताओं तथा नीति निर्माताओं को एक साथ ला रहा है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वित्त मंत्री सीतारमण कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी।
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नयी दिल्ली. विनय एम टोंस को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह कहा गया है। टोंस एसबीआई में उप प्रबंध निदेशक (डीएमडी) के पद पर कार्यरत थे। कार्मिक मंत्रालय के अनुसार मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने टोंस को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख यानी 30 नवंबर, 2025 तक एसबीआई में प्रबंध निदेश्यशक के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। देश के सबसे बड़े बैंक में चार प्रबंध निदेशक और एक चेयरमैन हैं।
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नयी दिल्ली. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि तथा वृहत आर्थिक स्थिरता के मामले में स्थिति मजबूत रहने की उम्मीद है। इसका कारण 2023-24 के आधे से अधिक समय में अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गतिविधियां देखी गयी है। मंगलवार को जारी वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। मंत्रालय ने मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि मुद्रास्फीति का जोखिम बना रहेगा, जिससे सरकार और आरबीआई दोनों को चौकन्ना रहना चाहिए। इसमें कहा गया है कि बाह्य क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह की निरंतर निगरानी की जरूरत है क्योंकि वे रुपये के मूल्य और भुगतान संतुलन को प्रभावित करते हैं। मौद्रिक नीति का पूरा असर होने पर घरेलू मांग कम हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति में निरंतर नरमी से आगे चलकर मुद्रास्फीति के दबाव को नियंत्रित करने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि इस प्रवृत्ति को पहचानते हुए आरबीआई ने यह भी संकेत दिया है कि मौद्रिक नीति में और सख्ती तब होगी जब उसका पूरा असर होने के करीब होगा और यदि जरूरत होगी। रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे माल की बढ़ी हुई लागत के बावजूद सरकार के निरंतर निवेश प्रोत्साहन, कंपनियों के बेहतर मुनाफे और बैंकों के गैर-निष्पादित ऋणों में कमी से निवेश में उछाल रहेगा। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा निर्यात में मजबूत प्रदर्शन के कारण भारत के निर्यात में भी अच्छा प्रदर्शन होने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में सार्वजनिक वित्त की स्थिति के बारे में कहा गया है कि केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में घाटे के तय लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते पर है। इसका कारण राजस्व संग्रह लगातार बेहतर बना हुआ है और व्यय के स्तर पर सूझबूझ के साथ काम किया जा रहा है।
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कोलकाता. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने मंगलवार को कहा कि उनकी कंपनी पश्चिम बंगाल में अगले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी। यह निवेश खुदरा, दूरसंचार और जैव ऊर्जा क्षेत्र में किया जाएगा। अंबानी ने यहां चल रहे सातवें बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘बंगाल रिलायंस के लिए सबसे बड़े निवेश स्थलों में से एक रहा है...हमारी अगले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना है। यह निवेश दूरसंचार, खुदरा और जैव ऊर्जा क्षेत्र में किया जाएगा। रिलायंस बंगाल के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। '' अंबानी ने कहा कि रिलायंस ने अब तक बंगाल में करीब 45,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
उन्होंने कहा कि रिलायंस की दूरसंचार इकाई जियो 5जी को राज्य के हर कोने तक ले जा रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है। बंगाल के ज्यादातर हिस्सों को इसके दायरे में शामिल कर लिया गया है। जियो का नेटवर्क राज्य में 98.8 प्रतिशत और कोलकाता दूरसंचार सर्किल में 100 प्रतिशत आबादी को ‘कवर' करता है। अंबानी ने कहा, ‘‘जियो का मजबूत नेटवर्क डिजिटलीकरण को बढ़ावा देकर पश्चिमी बंगाल में रोजगार के साथ बड़े पैमाने पर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कृषि को बढ़ावा देगा।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिलायंस की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल अगले दो साल में पश्चिम बंगाल में करीब 200 नये स्टोर खोलने की योजना बना रही है। अभी रिलायंस के करीब 1,000 स्टोर बंगाल में सक्रिय हैं जो विस्तार के बाद बढ़कर 1,200 हो जाएंगे। अंबानी ने कहा, ‘‘हमारे खुदरा कारोबार से बंगाल के सैकड़ों छोटे एवं मझोले उद्यम और करीब 5.5 लाख किराना दुकानदार जुड़े हैं। नई दुकानें खुलने से उनको फायदा होगा।'' जैव ऊर्जा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रिलायंस अगले तीन साल में 100 कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र (सीबीजी) लगाएगी जहां 55 लाख टन कृषि अवशिष्ट और जैविक कचरे की खपत होगी। इससे करीब 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन की कटौती में मदद मिलेगी और सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा। अंबानी ने कहा कि इस पहल से किसानों की आय बढ़ेगी और वे अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बन सकेंगे।
उन्होंने अपने संबोधन में रिलायंस फाउंडेशन की तरफ से राज्य में किये जा रहे कार्यों का भी जिक्र किया। इनमें कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर का नवीनीकरण और जीर्णोद्धार भी शामिल है। सदियों पुराने इस मंदिर की मरम्मत और सौंदर्यीकरण का काम रिलायंस फाउंडेशन कर रहा है। बंगाल में शिल्पकारों की युवा पीढ़ी के लिए रिलायंस फाउंडेशन राज्य सरकार के सहयोग से प्रशिक्षण संस्थान बनाएगा। साथ ही वह बुनकरों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों के उत्पादों को रिलायंस रिटेल की दुकानों के जरिये बेचेगा। -
नयी दिल्ली. उद्योग मंडल फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने प्रौद्योगिकी कंपनी मेटा के सहयोग से भारतीय डेवलपरों के लिए अपनी पहल एक्सआर ओपन सोर्स (एक्सरोस) फेलोशिप कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया है। एक बयान के अनुसार, कार्यक्रम 10,000 पंजीकरणों के साथ शुरू हुआ, जो एक्सआर द्वारा प्रदान की जाने वाली असीमित संभावनाओं के प्रति भारतीय डेवलपरों की उत्सुकता दिखाता है। बयान के अनुसार, कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से एक्सआर परिवेश के निर्माण और भारत-विशिष्ट समाधान बनाने में भारत के योगदान को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के साथ 24 साझेदार संगठनों द्वारा सूचीबद्ध 38 ओपन-सोर्स परियोजनाओं में योगदान के लिए 100 डेवलपरों को चुना गया है।
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मुंबई. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में भर्तियों की रफ्तार सुस्त रहने के बीच ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना), वाहन डिजायन, परीक्षण और प्रशासन जैसे कार्यात्मक कौशल क्षेत्र में दक्ष पेशेवरों की मांग में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रही है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। पेशेवर समाधान प्रदाता क्वेस कॉरपोरेशन ‘स्किल्स रिपोर्ट' के अनुसार, आईटी क्षेत्र में कंपनियों ने भू-राजनीतिक तनाव के बीच ‘देखो और इंतजार करो' का रुख अपनाया हुआ है, और विवेकाधीन खर्च को रोक दिया है, इससे क्षेत्र में नियुक्तियों की रफ्तार धीमी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि, आईटी क्षेत्र में विकास, ईआरपी, वाहन डिज़ाइन, परीक्षण और प्रशासन जैसे कार्यात्मक कौशल वाली प्रतिभाओं की मांग चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान बढ़ती रही। क्वेस आईटी स्टाफिंग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शिवराम ने कहा, “हाल के समय में पहली बार बड़ी आईटी सेवा कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखी है, जो भविष्य में सामूहिक रूप से उनके सतर्क रुख का संकेत देता है। हमारा मानना है कि यह अनिश्चितता का दौर एक या दो तिमाहियों में और जारी रहेगा जिसके बाद इसमें तेजी आनी शुरू होगी।'' उन्होंने कहा कि हालांकि, मुख्य सेवा प्रदाता (एमएसपी) और भर्ती प्रक्रिया आउटसोर्सिंग (आरपीओ) जैसे मॉडल को अपनाना, साथ ही पूर्व-मूल्यांकन की गई भर्ती की आवश्यकता प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने कहा, “अच्छी बात यह है कि जीसीसी (वैश्विक क्षमता केंद्र) पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से बढ़ रहा है, और जनरेटिव एआई (कृत्रिम मेधा) आने से हम भारतीय आईटी क्षेत्र में अतिरिक्त प्रौद्योगिकी के एकीकरण की उम्मीद करते हैं, जिसमें काफी दीर्घकालिक संभावनाएं हैं।
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नयी दिल्ली. दिवाली के त्योहारी सीजन में रिकॉर्ड बिक्री के बाद कारोबारी समुदाय 23 नवंबर से शुरू होने वाले शादी-विवाह के सीजन में उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने उम्मीद जताई है कि 23 नवंबर से शुरू हो रहे शादियों के आगामी सीजन में देशभर में लगभग 38 लाख विवाह संपन्न होंगे, जिनसे वस्तुओं और सेवाओं को मिलाकर देश में लगभग 4.74 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। कैट ने कहा कि इस सीजन में उपभोक्ताओं द्वारा शादी की खरीदारी और विभिन्न सेवाओं की खरीद से संबंधित खर्च पिछले साल की तुलना में लगभग एक लाख करोड़ रुपये अधिक है। यह अनुमान विभिन्न राज्यों के 30 शहरों में व्यापार निकायों और वस्तुओं और सेवाओं के हितधारकों से मिले आंकड़ों पर आधारित हैं। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, “यह अनुमान लगाया गया है कि इस अवधि (23 नवंबर-15 दिसंबर) के दौरान लगभग 38 लाख शादियां होंगी और कुल खर्च लगभग 4.7 लाख करोड़ रुपये होगा।” उन्होंने कहा, “पिछले साल लगभग 32 लाख शादियां हुईं और कुल खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये हुआ। तो, इस वर्ष (खर्च में) लगभग एक लाख करोड़ रुपये की वृद्धि की उम्मीद है जो भारतीय अर्थव्यवस्था और खुदरा व्यापार के लिए एक अच्छा संकेत है।” कैट ने कहा कि शादियों का सीजन कल देवउठान एकादशी 23 नवंबर से शुरू हो रहा है, जो 15 दिसंबर तक चलेगा। नवंबर में विवाह की तारीखें 23,24,27,28,29 हैं, जबकि दिसंबर में विवाह की तारीखें 3,4,7,8,9 और 15 हैं। खंडेलवाल ने कहा कि सिर्फ दिल्ली में इस सीजन में चार लाख शादियां होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबार के दौरान तेजी दर्ज की गई और सेंसेक्स तथा निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 276 अंक चढ़कर 65,931 अंक के लेवल पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 88 अंक की तेजी के साथ 19,783 अंक के स्तर पर पहुंच गया।अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना नहीं होने के वजह से एशियाई बाजारों में तेजी से घरेलू शेयर बाजार को फायदा मिला।साथ ही मेटल, बैंकिंग और एनर्जी शेयरों में खरीदारी तथा अमेरिकी बाजारों में तेजी के रुख से भी शेयर बाजार को समर्थन मिला।
सेंसेक्स-निफ्टी करीब 0.50 प्रतिशत चढ़ेतीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज तेजी के साथ खुला और कारोबार के दौरान 66 हजार के लेवल को पार करते हुए 66,082.36 अंक के हाईएस्ट लेवल तक गया। अंत में यह 275.62 अंक या 0.42 प्रतिशत चढ़कर 65,930.77 पर बंद हुआ।इसी तरह एनएसई का निफ्टी -50 (Nifty-50) भी 89.40 अंक या 0.45 फीसदी का उछाल लेकर 19,783.40 अंक के लेवल पर बंद हुआ। निफ्टी की 50 कंपनियों में से 30 के शेयर हरे जबकि 20 लाल निशान में बंद हुए।सेंसेक्स की कंपनियों में जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel Stock) के शेयर में सबसे ज्यादा 1.76 प्रतिशत की तेजी आई। साथ ही टाइटन, टाटा स्टील, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी पॉजिटिव नॉट में बंद हुए। दूसरी तरफ, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, मारुति, भारतीय स्टेट बैंक और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर आज लाल निशान में बंद हुए।एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) नेट सेलर्स बने रहे। उन्होंने सोमवार को 645.72 करोड़ रुपये के मूल्य के शेयर बेचें।इससे पहले सोमवार को बीएसई बेंचमार्क 139.58 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,655.15 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 37.80 अंक या 0.19 फीसदी फिसलकर 19,694 पर बंद हुआ था। -
नई दिल्ली। दिल्ली में ऐप आधारित प्रीमियम बस सेवा शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली के उप राज्यपाल ने दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना 2023 को मंजूरी दे दी है।
दिल्ली सरकार ने इस योजना को अपनी मंजूरी देकर 29 मई को सभी हितधारकों से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। इसके बाद इसे पिछले महीने उप राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा गया था। जिसे अब मंजूरी मिल गई है और इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।किराया डायनेमिक प्राइसिंग से तय होगा, आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी प्रीमियम बसें।ऐप्लिकेशन (ऐप) आधारित प्रीमियम बस योजना के तहत लग्जरी बसें चलाई जाएंगी। इन बसों में AC, Wifi, GPS, पैनिक बटन जैसी सारी आधुनिक सुविधाएं होगी।लाइसेंस धारक रूट भी अपने हिसाब से तय कर सकता है। इस योजना के तहत किराया तय करने में डायनेमिक प्राइसिंग की अनुमति होगी।हालांकि यह किराया दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों के अधिकतम किराये से कम नहीं हो सकता है। ताकि डीटीसी या क्लस्टर बसों से प्रतिस्पर्धा ना हो। लाइसेंस धारक को किराया ऐप पर दिखाना होगा।केवल डिजिटल माध्यम से मिलेगी टिकटयात्रियों से किराया केवल डिजिटल माध्यम से लिया जा सकेगा यानी इन बसों में फिजिकल टिकट नहीं दिया जा सकेगा। जो यात्री पहले से बुकिंग करेगा उसी को यात्रा की इजाजत होगी।एक बार लाइसेंस धारक ने यात्री की बुकिंग ले ली तो फिर वह केवल आकस्मिक घटना को छोड़कर यात्रा को रद्द नहीं कर सकता। इस योजना में शामिल होने वाली सीएनजी बसें 3 साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए। इसमें शामिल होने वाली ई-बसों से लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा। उप राज्यपाल से इस प्रीमियम बस योजना को मंजूरी मिलने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ये सेवा दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव लाएगी। लोग अपनी कार व स्कूटर छोड़कर बसों में सफर करना शुरू करेंगे। - रामेश्वरम. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि लाभार्थियों को वित्तीय सहायता देने वाली ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' के तहत महिला उद्यमियों को पहली प्राथमिकता दी जाती है। सीतारमण ने यहां ‘पीएम स्वनिधि से समृद्धि' कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को मंजूरी पत्र वितरित करते हुए कहा कि नगर पालिकाओं के अधिकारियों को शामिल नहीं किए गए फुटपाथ पर बिक्री करने वालों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें इस योजना का लाभ उठाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे विक्रेताओं की मदद करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकों के माध्यम से पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी की टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए सीतारमण ने कहा कि यदि कोई बैंक किसी लाभार्थी को 10,000 रुपये तक का ऋण देता है और यदि वह इसे समय पर वापस भुगतान करता है, तो ऋण राशि बढ़कर 20,000 रुपये हो जाती है और यदि वह वापस भुगतान करता है तो ऋण राशि 20,000 रुपये तक बढ़ जाती है। समय पर इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया जाता है। यह देखते हुए कि वित्त मंत्रालय योजना की प्रगति की समीक्षा कर रहा है, सीतारमण ने कहा कि इसे रामेश्वरम में शुरू करने का कारण यह था कि तमिलनाडु में विरुधुनगर के साथ-साथ रामनाथपुरम जिले को 'आकांक्षी जिलों' के रूप में चिह्नित किया गया है ताकि वे विकासात्मक स्थिति प्राप्त कर सकें। स्वनिधि से समृद्धि कार्यक्रम पीएम-स्वनिधि योजना का एक अतिरिक्त घटक है। इसमें योजना के पात्र लाभार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों को उनके समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए केंद्र सरकार की आठ योजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जाती है। वित्त मंत्री ने जन धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) तिकड़ी की शुरुआत को याद करते हुए कहा कि एक लाभार्थी आधार कार्ड हासिल करने के बाद एक बैंक खाता खोल सकता है और उसके खाते में केंद्र से सीधे वित्तीय सहायता भेजी जा सकती है जिससे लाभार्थी ‘बिचौलियों' से बच सके। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस चर्चित टिप्पणी का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि केंद्र से किसी लाभार्थी को 100 रुपये भेजने पर भी उसे केवल 15 रुपये मिलते हैं और बाकी 85 रुपये ‘बिचौलियों और अन्य लोगों' की जेब में जाते हैं। सीतारमण ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के संदर्भ में कहा कि इसे खासकर महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान करने के लिए पेश किया गया था। उन्होंने कहा, “योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जो महिलाएं छोटे व्यवसाय चला रही हैं या व्यवसाय शुरू करने में रुचि रखती हैं, वे बैंक से संपर्क कर सकती हैं और पीएम मुद्रा योजना योजना से ऋण लेकर अपना काम शुरू कर सकती हैं। इस योजना के माध्यम से लाभ पाने वाले 100 लोगों में से 60 महिलाएं होंगी। पीएम मुद्रा योजना के तहत महिलाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।” इससे पहले दिन में वित्त मंत्री ने 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। बाद में उन्होंने विरुधुनगर जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इसी तरह के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु/ सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करने के लिए आठ अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की गई थी।
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तिरुवनंतपुरम. केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। केरल स्टार्टअप मिशन (केएसयूएम) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, नागेश्वरन ने कहा कि बुनियादी ढांचे में सुधार और सरकार की मददगार नीतियों के कारण तिरुवनंतपुरम समेत टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। सीईए ने केएसयूएम के कार्यक्रम 'हडल ग्लोबल 2023' के समापन दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने कहा, ''मैं कहूंगा कि सेवन-इन-सेवन का नारा चर्चा में है। इसका मतलब है सात वर्षों में 7,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था। यदि भारत अपने मौजूदा वृद्धि पथ को कायम रखता है तो वर्ष 2030 तक 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का आकार संभव है। इसमें स्टार्टअप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं।'' मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि पिछले दशक में भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में एक असाधारण परिवर्तन देखा गया है। भारत विश्व स्तर पर तीसरे सबसे बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है। इस समय उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 763 जिलों में 1.12 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी है।
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मुंबई. भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने एक अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन सत्र 2023-24 के लिए कपास उत्पादन अनुमान घटाकर 294.10 लाख गांठ कर दिया है। हरियाणा में ‘पिंक बॉलवर्म' कीट के संक्रमण और किसानों द्वारा कपास के पौधों को उखाड़ने के बाद फसल को हुए नुकसान के कारण यह उत्पादन अनुमान घटाया गया है। सीएआई ने शनिवार को एक बयान में कहा, हरियाणा में 2023-24 के दौरान कपास उत्पादन 15 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले मौसम में यह उत्पादन 11 लाख गांठ का हुआ था। बयान में कहा गया कि वर्ष 2021-22 में कुल कपास उत्पादन 318.90 लाख गांठ था।
अक्टूबर में कुल आपूर्ति 54.74 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें 24.34 लाख गांठ की आवक, 1.50 लाख गांठ का आयात और सीएआई द्वारा सत्र की शुरुआत में 28.90 लाख गांठ का शुरुआती बचा स्टॉक शामिल है। इसके अलावा, सीएआई ने कपास की खपत 26 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है, जबकि 31 अक्टूबर तक निर्यात शिपमेंट एक लाख गांठ होने का अनुमान है। कपास सत्र 2023-24 के अंत तक (यानी 30 सितंबर, 2024 तक) कुल कपास आपूर्ति 345 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल कुल कपास आपूर्ति 355.40 लाख गांठ थी। सीएआई का अनुमान है कि इस सत्र में कपास का आयात 9.50 लाख गांठ बढ़कर 22 लाख गांठ हो जाएगा, जो पिछले सत्र में 12.50 लाख गांठ का हुआ था। घरेलू खपत पिछले साल के बराबर यानी 311 लाख गांठ रहने का अनुमान है।
सीएआई ने कहा कि सत्र के लिए निर्यात पिछले साल के 15.50 लाख गांठ की तुलना में 1.50 लाख गांठ कम यानी 14 लाख गांठ रहने का अनुमान है। -
लंदन. विश्व के 15 देशों के छात्रों पर किये गए ‘ग्लोबल स्टूडेंट सर्वे 2023' में, स्नातक की पढ़ाई कर रहे ज्यादातर भारतीयों ने कहा कि वे अपने पाठ्यक्रम में करियर के लिहाज से प्रासंगिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) टूल्स' को शामिल किया जाना चाहते हैं। ‘एआई टूल' एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो विशिष्ट कार्यों को करने और समस्याओं का हल करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता गणना का उपयोग करता है। चेग डॉट ओआरजी के वार्षिक विश्लेषण में 83 प्रतिशत भारतीय छात्रों पर सर्वेक्षण किया गया, जिसका नतीजा इस हफ्ते यहां जारी किया गया। इन छात्रों ने पाठ्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को शामिल करने की मांग की है। इस मामले में संख्या के लिहाज से वे केन्या (84 प्रतिशत) के बाद दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर सउदी अरब (48 प्रतिशत) है। इसके अलावा, इन भारतीय छात्रों में 46 प्रतिशत को ऐसा लगता है कि उनकी उपाधि(डिग्री) कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहायता प्राप्त कार्यस्थल पर अधिक उपयोगी होगी। साथ ही, स्नातक की पढ़ाई कर रहे 44 प्रतिशत भारतीय छात्रों ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई के लिए ‘जेनेरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता' (जेनएआई) या ‘जेनेरेटिव मॉडल' का उपयोग करते हुए शब्द, तस्वीर, या संप्रेषण के अन्य माध्यम उत्पन्न करने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया। इस मामले में भारतीय छात्रों की संख्या वैश्विक औसत 40 प्रतिशत से अधिक है। भारतीय छात्र ‘जेनएआई' को सीखने में एक मददगार ‘टूल' मान रहे हैं। लेकिन वे इसके और बेहतर होने की गुंजाइश देख रहे हैं। 49 प्रतिशत छात्रों ने जवाब तैयार करने में मानव विशेषज्ञता को शामिल करने का आग्रह किया और इसका इस्तेमाल करने की कोशिश करने वाले 28 प्रतिशत छात्रों ने गलत सूचना पाने पर चिंता जताई है। चेग डॉट ओआरजी के प्रमुख एवं एडटेक फर्म चेग के मुख्य संचार अधिकारी हीदर हाटलो पोर्टर ने कहा, ‘‘छात्र जेनएआई को अपनाना शुरू कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि वे इसके बेहतर होने की गुंजाइश देख रहे हैं।
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नई दिल्ली। एक्टिवा स्कूटी बनाने वाली कंपनी होंडा (Honda) ने भारत में Royal Enfield की बुलेट (Bullet) को टक्कर देने के लिए अपनी CB350 रेट्रो क्लासिक (CB350 retro classic) लॉन्च की है। इसकी शोरूम कीमत 1.99 लाख रुपये रखी गई है। Honda ने यह मोटरसाइकिल लॉन्च कर दी है। वाहन बनाने वाली कंपनी ने इस मोटरसाइकिल को दो वेरिएंट्स DLX और DLX Pro में लॉन्च किया है। DLX Pro की एक्स-शोरूम कीमत 2.17 लाख रुपये है।
कैसे कर सकते हैं बुक ?कंपनी के अनुसार, नई होंडा CB350 को देशभर के किसी भी बिगविंग डीलरशिप पर बुक किया जा सकता है।क्या है खास ?होंडा की CB350 का डिज़ाइन इसकी प्रतिद्वंद्वी रॉयल एनफील्ड क्लासिक (Royal Enfield Classic) और बेनेली इम्पीरियल 400 (Benelli Imperiale 400) के मिश्रण जैसा दिखता है। हालांकि, यह बाइक हर पहलू में होंडा है। मोटरसाइकिल में एक नए डिजाइन वाले टैंक के साथ नई सीट और एक पीशूटर एग्जॉस्ट है, जो इसे एक रेट्रो क्लासिक लुक देता है। वहीं, एलॉय व्हील से लैस टायरों में आगे और पीछे की तरफ दोनों साइड पर डिस्क ब्रेक मिलती है। इसके अलावा मोटरसाइकिल में टेलिस्कोपिक फोर्क्स, डुअल रियर शॉक्स, डुअल-चैनल एबीएस, होंडा स्मार्टफोन वॉयस कंट्रोल सिस्टम के साथ एक डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल और एलईडी लाइटिंग जैसे फीचर भी शामिल हैं।कितने सीसी का है इंजन ?इस मोटरसाइकल में 346cc का इंजन दिया गया है। यह सिंगल-सिलेंडर एयर-कूल्ड इंजन है जो 21bhp और 29Nm का टॉर्क पैदा करता है। बाइक में 5-स्पीड वाला गियरबॉक्स दिया गया है।साथ ही इसका इंजन BSVI OBD2-B मानक के अनुरूप है, जबकि इसमें एक स्लिप और असिस्ट क्लच और होंडा सेलेक्टेबल टॉर्क कंट्रोल भी है।कितने रंग में आएगी ?नई होंडा सीबी350 प्रेशियस रेड मेटैलिक, पर्ल इग्नियस ब्लैक, मैट क्रस्ट मेटैलिक, मैट मार्शल ग्रीन मेटैलिक और मैट ड्यून ब्राउन जैसे पांच रंगों में उपलब्ध होगी। बता दें कि होंडा CB350 की मार्किट में रॉयल एनफील्ड की क्लासिक 350 से टक्कर है जिसकी शोरूम कीमत 1.93 लाख रुपये से शुरू होती है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि सरकार जल्द ही डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करेगी और अगर मंचों ने इस संबंध में पर्याप्त कदम नहीं उठाए तो उन्हें आईटी अधिनियम के ‘सेफ हार्बर’ प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा।
वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की डीपफेक कहते हैं। मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं। वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लेटफार्मों ने जवाब भी दिया।उन्होंने कहा कि लेकिन कंपनियों को ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा। वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, “वे कदम उठा रहे हैं…लेकिन हमें लगता है कि कई और कदम उठाने होंगे। ..और हम बहुत जल्द …शायद अगले 3-4 दिनों में सभी मंचों की एक बैठक करने जा रहे हैं। हम उन्हें इस पर विचार-मंथन के लिए बुलाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मंच इसे (डीपफेक) रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास करें और अपने तंत्र को साफ़ करें।”यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक के लिए मेटा और गूगल जैसे बड़े मंचों को बुलाया जाएगा, मंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया। वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि आईटी अधिनियम के तहत मंचों को वर्तमान में जो ‘सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा’ प्राप्त है, वह तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते।इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगाह किया था कि कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा बनाए गए डीपफेक बड़े संकट का कारण बन सकते हैं और समाज में असंतोष पैदा कर सकते हैं। उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया। हाल ही में प्रमुख अभिनेताओं को निशाना बनाने वाले कई डीपफेक वीडियो वायरल हुए, जिनसे आक्रोश फैल गया। -
नई दिल्ली। डेल, एचपी, फॉक्सकॉन और लेनोवो सहित 27 कंपनियों को आईटी हार्डवेयर के लिए नई उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मंजूरी दी गई है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब भारत आईटी हार्डवेयर कंपनियों को नीतिगत आकर्षणों और प्रोत्साहन योजनाओं से लुभा रहा है, और खुद को हाई-टेक विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए दृढ़ प्रयास कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पीएलआई आईटी हार्डवेयर योजना के तहत 27 कंपनियों को मंजूरी दी गई है। इनमें से करीब 95 फीसदी यानी 23 कंपनियां पहले दिन से विनिर्माण शुरू करने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “ये हमें पीसी (कंप्यूटर), सर्वर, लैपटॉप और टैबलेट के विनिर्माण में बड़ी ताकत बनने के लिए तैयार करेगा।” ये 27 कंपनियां 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। जिन कंपनियों के आवेदन स्वीकृत हुए हैं उनमें डेल, फॉक्सकॉन, एचपी और लेनोवो समेत कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं। -
नयी दिल्ली. रियल एस्टेट कंपनियों ने अपने कारोबार विस्तार के लिए दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में पिछले साल जनवरी से अबतक 5,000 करोड़ रुपये में 1,461 एकड़ जमीन के टुकड़े (भूखंड) खरीदे हैं। जेएलएल इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इन शहरों में अधिकतर जमीन खरीद प्लॉट विकास के लिए की गई है।
रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया ने बयान में कहा कि जनवरी, 2022 से अक्टूबर, 2023 के बीच देश में रियल एस्टेट डेवलपर ने लगभग 3,294 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। इन भूमि सौदों का एक बड़ा हिस्सा (44.4 प्रतिशत) दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में रहा।
जेएलएल के आंकड़े के अनुसार, जनवरी, 2022 से अक्टूबर, 2023 तक दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में कुल 1,461 एकड़ भूमि के 17 सौदे हुए हैं। इन भूमि लेनदेन का संयुक्त मूल्य 4,918 करोड़ रुपये था। कंपनी ने कहा, “स्थापित रियल एस्टेट डेवलपर अब देश के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों को लक्ष्य कर रहे हैं।'' रियल एस्टेट कंपनियां उत्तर भारत में पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, लखनऊ, जयपुर और लुधियाना जैसे शहरों में उतर रही हैं, वहीं पश्चिम भारत में नागपुर, खालापुर, सूरत और पालघर जैसे शहरों ने इन कंपनियों को आकर्षित किया है। -
नयी दिल्ली. असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज के लिये जोखिम भार बढ़ाकर उपभोक्ता ऋण के मानदंडों को कड़ा करने के रिजर्व बैंक के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है। साख तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार यह बात कही। भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज, क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियम को सख्त कर दिया। संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इस कदम से उपभोक्ताओं को जोखिमपूर्ण बैंक ऋण देना कम हो जाएगा। साथ ही विशेष रूप से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि इससे कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी, ऋण वृद्धि कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत बढ़ेगी। दूसरी तरफ, उच्च जोखिम भार से अंततः परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होगी। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ ने बयान में कहा कि धीमी कर्ज वृद्धि और जोखिम प्रबंधन पर बढ़ा हुआ जोर संभवतः भारतीय बैंक प्रणाली में परिसंपत्ति गुणवत्ता को बेहतर करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इसका तत्काल प्रभाव कर्जदारों के लिये उच्च ब्याज दरों, वित्तीय संस्थानों के लिये धीमी कर्ज वृद्धि, पूंजी पर्याप्तता में कमी और मुनाफे पर कुछ असर पड़ने की संभावना है। हमारा अनुमान है कि बैंकों की शेयर पूंजी (टियर -1) पर्याप्तता में लगभग 0.6 प्रतिशत की गिरावट आएगी।'' गीता चुघ ने कहा, ‘‘वित्तीय कंपनियां इससे भी बुरी तरह प्रभावित होंगी क्योंकि उनकी बढ़ने वाले बैंक कर्ज में लागत में वृद्धि होगी, साथ ही पूंजी पर्याप्तता पर भी प्रभाव पड़ेगा।'' रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि इन बदलावों का भारत के वित्तीय क्षेत्र की साख पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे रेटिंग वाले बैंकों और वित्तीय कंपनियों के लिये जोखिम-समायोजित पूंजी अनुपात भी प्रभावित नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि देश में पिछले कुछ साल में असुरक्षित व्यक्तिगत कर्ज और क्रेडिट कार्ड ऋण तेजी से बढ़े हैं। सितंबर, 2023 को समाप्त 12 महीनों में ऐसे कर्जों में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। -
नयी दिल्ली. ‘ग्लोबल साउथ' देशों के शिक्षा मंत्रियों ने तकनीकी बुनियादी ढांचे की बाधाओं को दूर कर सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल खाई दूर करने की खातिर सामूहिक रूप से काम करने की शुक्रवार को साझा प्रतिबद्धता दोहराई। भारत द्वारा आयोजित ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' के दूसरे संस्करण के दौरान, मंत्रियों ने दुनिया भर में शिक्षा एवं पर्यावरण को बढ़ावा देने में शिक्षकों और शिक्षा कर्मचारियों की भूमिका को रेखांकित किया। इसके साथ ही उन्होंने क्षमता निर्माण और विनिमय कार्यक्रमों पर भी जोर दिया ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "बैठक में शामिल शिक्षा मंत्रियों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए सुलभ, न्यायसंगत, समावेशी और सतत भविष्य के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमति जतायी।'' बयान के अनुसार 14 देशों - बोत्सवाना, ब्रुनेई दारुसस्लाम, जॉर्जिया, ट्यूनीशिया, ईरान, लाओ पीडीआर, मलावी, म्यांमा, पलाऊ गणराज्य, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ साओ टोमे और प्रिंसिपे, अल्बानिया, मलेशिया, जिम्बाब्वे, कैमरून के मंत्रियों ने बैठक में वर्चुअली भाग लिया और अपनी जानकारी साझा की। बैठक में भाग लेने वाले देशों के शिक्षा मंत्री गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए सुलभ, न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमत हुए। मंत्रीगण गुणवत्तापूर्ण अध्यापन, अध्ययन और कौशल को बढ़ावा देने के लिए सहयोगपूर्ण समाधान, नवाचार, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।