- Home
- बिजनेस
- मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (बीपीसीएल) को पिछले दो दशक में 80 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुए हैं, जबकि उसे 53 से अधिक मामलों में स्वीकृति की प्रतीक्षा है। इसमें एक पेटेंट की इस सूची में कच्चे तेल की परख करने वाला सबसे तेज और सबसे सस्ता उपकरण बीपीमार्क भी शामिल है। कंपनी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थित उसके अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) केंद्र ने अकेले 18 पेटेंट पिछले 12 महीनों में प्राप्त किये हैं। बीपीसीएल का आर एंड डी बजट 80 से 100 करोड़ रुपये वार्षिक का है। बीपीसीएल के निदेशक (रिफाइनरी और मार्केटिंग) अरुण कुमार सिंह ने रविवार को कहा, ‘‘पिछले दो दशक में हमने 80 पेटेंट हासिल किये हैं तथा 53 मामलों में अभी स्वीकृति मिलनी बाकी है। जुलाई 2020 से लेकर अबतक हमने 18 पेटेंट अपने नाम किये हैं।'' उन्होंने कहा कि केंद्र के सबसे प्रसिद्ध पेटेंट नवाचारों में से एक बीपीमार्क है। जो कच्चे तेल की उन्नत परख के लिए एक उपकरण है। यह पारंपरिक परख तरीकों के मुकाबले बेहद कम समय में कच्चे तेल की विशेषता और मूल्यांकन करता है। पुरानी प्रक्रिया में कच्चे तेल की परख में कम से कम एक महीना लगता है। सिंह ने कहा कि कंपनी का नया पेटेंट आवेदन अधिक लौ प्रदान करने वाले एलपीजी गैस स्टोव (भारतीय पेटेंट कार्यालय में चार पेटेंट के आवेदन और चार डिजाइन पंजीकरण के आवेदन) के लिए है। ये स्टोव मौजूदा स्टोव की गैस-से ताप के संबंध में 68 प्रतिशत दक्षता के मुकाबले छह प्रतिशत अधिक ताप प्रदान करते है। इस नवाचार से हर परिवार को भोजन पकाने में औसतन सालाना एक एलपीजी सिलेंडर की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इस उच्च दक्षता वाले एलपीजी स्टोव 'भारत हाई स्टार' को रविवार को अनुसंधान एवं विकास केंद्र की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर पेश किया गया। इस स्टोव की दक्षता 74 प्रतिशत है तथा इसका आग निकालने वाला हिस्सा बेहतर लौ प्रदान करता है। सिंह ने कहा कि यदि यह गैस स्टोव सभी घरों में पंहुचा दिया जाता है तो इससे सालाना 17 लाख टन एलपीजी यानी सात हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि एलपीजी की खपत सालाना लगभग 2.8 करोड़ टन है और मांग औसतन छह प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसके जल्द ही तीन करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है।
- नई दिल्ली। विद्युत मंत्रालय के तहत एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (सीपीएसयू) और भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने फ्लाई ऐश की 100 फीसदी उपयोगिता की दिशा में अपने प्रयास के तहत मध्य पूर्व और अन्य क्षेत्रों के नामित बंदरगाहों से फ्लाई ऐश की बिक्री के लिए रुचि-प्रपत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट, ईओआई) आमंत्रित की है। निविदा के लिए आवेदन की प्रक्रिया 1 जुलाई 2021 को शुरू की गई है और यह 25 जुलाई 2021 को बंद हो जाएगी।फ्लाई ऐश की टिकाऊ उपयोगिता एनटीपीसी की प्रमुख चिंताओं में से एक है और कंपनी इसके पूर्ण उपयोगिता के लिए स्थायी समाधान सुनिश्चित कर रही है। फ्लाई ऐश कोयले से बिजली उत्पादन में प्राप्त होने वाला एक उप उत्पाद है। एनटीपीसी स्टेशनों से उत्पन्न फ्लाई ऐश सीमेंट, कंक्रीट, कंक्रीट उत्पादों, सेलुलर कंक्रीट उत्पादों के निर्माण और ईंटों/ब्लॉकों/टाइलों के लिए आदर्श है। एनटीपीसी लिमिटेड ने देशभर में फ्लाई ऐश की आपूर्ति के लिए सीमेंट निर्माताओं के साथ सहभागिता की है। यह विद्युत उत्पादक कंपनी सस्ते व पर्यावरण अनुकूल तरीके से फ्लाई ऐश के परिवहन के लिए भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क का लाभ उठा रही है।भवन निर्माण में फ्लाई ऐश ईंटों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी ने अपने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में फ्लाई ऐश ईंट निर्माण संयंत्र स्थापित किए हैं। विशेष रूप से इन ईंटों का उपयोग संयंत्रों के साथ-साथ टाउनशिप निर्माण गतिविधियों में किया जा रहा है। एनटीपीसी अपने फ्लाई ऐश ईंट संयंत्रों में वार्षिक तौर पर औसतन 6 करोड़ फ्लाई ऐश ईंटों का निर्माण कर रही है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप, एनटीपीसी स्टेशन उत्पादित कुल फ्लाई ऐश का कम से कम 20 फीसदी हिस्सा ईंट/ब्लॉक/टाइल्स निर्माताओं को देने के लिए रिजर्व में रखते हैं और उन्हें नि:शुल्क फ्लाई ऐश आवंटित कर रहे हैं। एनटीपीसी के स्टेशनों में उत्पादित कुल फ्लाई ऐश का लगभग 9 फीसदी फ्लाई ऐश ईंटों/ब्लॉकों और टाइल निर्माण इकाइयों में सालाना उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, साल 2020-21 के दौरान लगभग 15 एनटीपीसी स्टेशनों ने विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए फ्लाई ऐश की आपूर्ति की है और इसका उपयोग लगभग 20 मिलियन टन से अधिक हो गया है। वहीं पिछले पांच वर्षों में देश में फ्लाई ऐश की उपयोगिता में 80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
- लंदन। ब्रिटेन की चौथी सबसे बड़ी सुपरमार्किट श्रृंखला मोरीसंस का फोरट्रेस इन्वेस्टमेंट के नेतृत्व वाला समूह 8.7 अरब डालर (6.3 अरब पाउंड) में अधिग्रहण करेगा। मोरीसंस ने अधिग्रहण के लिये निवेश समूह की इस बोली को स्वीकार कर लिया है। यह सौदा ऐसे समय आया है जब निवेश कंपनी ब्रिटेन में निवेश के अवसर तलाश रही थी। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद यह पेशकश की गई है। इससे पहले पिछले महीने ही मोरीसंस ने न्यूयार्क स्थित क्लेटॉन, डुबिलियर एण्ड राइस की 5.5 अरब पाउंड की पेशकश को खारिज कर दिया था। उसने कहा कि बोली में कंपनी का मूल्यांकन कम रखा गया है। नये सौदे में न्यूयार्क स्थित फोरट्रेस की अगुवाई वाले निवेश समूह ने मोरोसंस के प्रत्येक शेयर के लिये 254 पेंस देने पर सहमति जताई है जो कि इससे पहले क्लेटोन डुबिलियर की बोली के प्रति शेयर मूल्य से 42 प्रतिशत अधिक है। खरीदारों के नये समूह में कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड और कोच रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट्स भी शामिल है। मोरीसंस के चेयरमैन एंड्रयू हिगींसन ने कहा, ‘‘हमने फोरट्रेस की पेशकश को सावधानी पूर्वक देखा, कारोबार के लिये उनकी योजना और एक अलग पहचान रखने वाली ब्रिटेन की खाद्य निर्माता और शॉपकीपर कंपनी के मालिक के तौर पर उनकी समग्र अनुकूलता पर गौर किया ...।'' मोरीसंस के ब्रिटेन में 497 स्टोर और 339 गैस स्टेशन है। कंपनी में कुल एक लाख दस हजार के करीब कर्मचारी हैं।
- नई दिल्ली। देश में इलेक्ट्रिक कार, बाइक्स के बाद अब इलेक्टिक साइकिलों की डिमांड बढ़ गई है। कई कंपनियों ने इलेक्टिक साइकिल लांच की है, जिसकी कीमत मोटरबाइक्स से काफी कम है।नाहक मोटर्स ने हाल ही में अपनी इलेक्ट्रिक साइकिलों को भारत में लॉन्च किया था। अब कंपनी ने इनकी डिलीवरी भी शुरू कर दी है। भारतीय बाजार में गरूड़ इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत 31 हजार 999 रुपये है। वहीं, जिप्पी इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत 33 हजार 499 रुपये है। कंपनी ने इस महीने से ऑनलाईन प्री-बुकिंग शुरू कर दी है, जो 11 जुलाई तक जारी रहेगी।क्या है खासियतजिप्पी और गरूड़ इलेक्ट्रिक साइकिल में ग्राहकों को रिमुवेबल बैटरी, एलसीडी डिस्प्ले और पैडल सेंसर टेक्नोलॉजी जैसे फीचर्स मिलेंगे।इन इलेक्ट्रिक साइकिल को ग्राहक कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्रीबुक कर सकते हैं। इसके अलावा वेबसाइट पर दिए फॉर्म को भर कर ग्राहक 2,999 रुपये की टोकन राशि देकर इसे बुक कर सकते हैं। बुक की गई इलेक्ट्रिक साइकिल 13 जुलाई तक डिस्पैच कर दी जाएगी। कंपनी के मुताबिक इन इलेक्ट्रिक साइकिलों की 15 अगस्त तक ग्राहकों को होम डिलीवरी कर दी जाएगी।कंपनी के मुताबिक जिप्पी और गरूड़ इलेक्ट्रिक साइकिलों को खासतौर पर भारतीय कंडीशन को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इन इलेक्ट्रिक साइकिलों में लिथियम-आयन बैटरी दी गई है, जिसे फुल चार्ज होने में करीब 3 घंटे लगते हैं। इसका चार्जर घर में मौजूद आम पावर सॉकेट में आसानी से फिट हो जाता है। एक बार पूरी तरह से चार्ज होने के बाद ये इलेक्ट्रिक साइकिलें 40 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं।10 पैसे प्रति किमी का खर्च आएगाजिप्पी और गरूड इलेक्ट्रिक साइकिलों में एलॉय स्टील फ्रेम दिए गए हैं। कंपनी का दावा है कि इन इलेक्ट्रिक साइकिलों पर ग्राहकों को भारी बचत होगी। कंपनी के दावे के मुताबिक इन इलेक्ट्रिक साइकलों को चलाने में ग्राहकों को करीब 10 पैसे प्रति किलोमीटर की लागत आएगी। इन इलेक्ट्रिक साइकिलों को बैटरी और पैडल दोनों से चलाया जा सकता है। यानी, बैटरी खत्म होने पर आप इन्हें साधारण साइकिल की तरह चला सकते हैं।
- नयी दिल्ली। दंतमंजन सहित रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं बनाने वाली कंपनी कोलगेट-पामोलिव इंडिया लिमिटेड (सीपीआईएल) ने कहा कि वह अपनी मजबूत वित्तीय स्थिति और प्रमुख प्राथमिकताओं पर निरंतर ध्यान देते हुए चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। कंपनी ने शनिवार को शेयर बाजार को बताया कि उसे मुंह की देखभाल संबंधी उत्पादों की श्रेणी में प्रबल प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस क्षेत्र में बेहतर अवसर के आकार को देखते हुए उद्योग के लिए इसका दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है। कंपनी ने अपने वार्षिक परिणाम जारी करते हुए कहा कि बाजार में चुनौतीपूर्ण स्थिति और प्रतिकूल व्यापक आर्थिक रुख के जारी रहने की उम्मीद है। कोलगेट ने इसके अलावा कहा कि वह अपनी मजबूत वित्तीय स्थिति, चुनौतीपूर्ण वातावरण में संचालन के अनुभव और अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं पर लगातार ध्यान देते हुए आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह तैयार है। कोलगेट प्रमुख तौर पर निजी इस्तेमाल के मुंह और दांतों की देखभाल श्रेणी में उत्पाद बेचती है। उसने कहा कि कहा कि चुनौतीपूर्ण व्यवसाय और प्रतिस्पर्धी माहौल के बावजूद 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष में उसके टूथपेस्ट और टूथब्रश दोनों श्रेणियों में अपने अच्छे प्रदर्शन की स्थिति को बरकरार रखा है। उल्लेखनीय है कि कंपनी का ओरल केयर व्यवसाय का उसके बिक्री कारोबार में 90 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। कंपनी ने खुदरा विक्रेताओं के लिए सीपीआईएल के साझेदार वितरकों को अपने ऑर्डर भेजने के लिए डिजीऑर्डर ऐप पेश किया है, जिसे अब तक 1.25 लाख ग्राहकों ने प्ले स्टोर से डाउनलोड भी कर लिया है।
- नई दिल्ली। सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 251 रुपये बढ़कर 46 हजार 615 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इसकी वजह मजबूत वैश्विक रुख और रुपये की कीमत में आई गिरावट रही। यह जानकारी एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने दी है। इससे पहले के ट्रेड में सोना 46 हजार 364 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि दूसरी ओर चांदी के हाजिर भाव में शुक्रवार को 256 रुपये की गिरावट दिखी और यह 68 हजार 458 रुपये प्रति किलो पर आ गई। इससे पहले के ट्रेड में चांदी 68 हजार 714 रुपये प्रति किलो पर थी।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत बढ़कर 1,778 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही थी। वहीं चांदी की कीमत 26.03 डॉलर प्रति औंस पर फ्लैट थी। सोने और चांदी की वैश्विक कीमतों का असर, घरेलू बाजार में इन बहुमूल्य धातुओं की कीमतों पर भी पड़ता है। शुक्रवार को ओपनिंग ट्रेड में रुपये में 20 पैसे की गिरावट आई और यह 74.75 प्रति डॉलर पर आ गया।वायदा कारोबार में सोने का हालशुक्रवार को वायदा कारोबार में सोना 350 रुपये चढ़कर 47 हजार 389 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर अगस्त डिलीवरी वाले गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स 350 रुपये की तेजी के साथ 47 हजार 389 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए। इस दौरान 10,648 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों-एमएसएमई के दायरे में लाने का फैसला किया है। सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल कर उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र में ऋण प्रदान करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इस निर्णय से ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसएमई को मजबूती देने और उन्हें आर्थिक विकास का माध्?यम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन संशोधित नियमों के तहत खुदरा और थोक व्यापारी अब उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं।
- नई दिल्ली। भारत में ओप्पो रेनो 6 अपनी नई सीरीज लॉन्च करने जा रही है। कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि ये स्मार्टफोन भारतीय बाजार में 14 जुलाई को लांच होगा। ओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी और ओप्पो रेनो 6 फोन फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध होंगे। आइये देखें इस स्मार्ट फोन में क्या होगी खासियत।इन दोनों स्मार्टफोन को चीन में लॉन्च किया जा चुका है और उम्मीद है कि भारत में भी इसे लगभग इसी कीमत के साथ लॉन्च किया जाएगा। चीन में ओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी की कीमत करीब 39 हजार 800 रुपये है। जबकि ओप्पो रेनो 6 करीब 31 हजार 800 रुपये की कीमत में चीन में लॉन्च किया गया है।क्या है खासियतओप्पो रेनो 6 प्रो 5 जी में 6.55 इंच फुल-एचडी+ ओएलईडी डिस्प्ले दिया गया है। परफॉर्मेंस के लिए इसमें मीडियाटेक डायमेंसिटी 1200 प्रोसेसर का यूज किया गया है। फोन में 12 डीबी रैम और 256 जीबी इंटरनल स्टोरेज दी गई है। फोटोग्राफी के लिए फोन में क्वाड कैमरा सेटअप दिया गया है, जिसका प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है, 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड एंगल सेंसर, दो 2 मेगापिक्सल के सेंसर दिया गया है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फोन में 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। पावर के लिए इसमें 4,500 एमएएच की बैटरी दी गई है, जो 65 वॉट फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ आती है।वहीं ओप्पो रेनो 6 स्मार्टफोन में 6.43 इंच का फुल एचडी+ होल-पंच एएमओएलईडी डिस्प्ले दिया गया है, जिसमें 90 हट्र्ज़ रिफ्रेश रेट है. ये फोन एंड्रॉयड 11 बेस्ड कलरअओएस 11 पर काम करता है। परफॉर्मेंस के लिए इसमें मीडियाटेक डायमेंसिटी 900 प्रोसेसर का यूज किया गया है। फोन में 12 जीबी रैम और 256 जीबी इंटरनल स्टोरेज दी गई है। फोन की कीमत भारत में 30 हजार रुपये के आस-पास हो सकती है। फोटोग्राफी के लिए इस फोन में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है, जिसका प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है। इसके अलावा सेकेंडरी कैमरा 8 मेगापिक्सल का और 2 मेगापिक्सल का तीसरा लेंस दिया गया है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फोन में 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। पावर के लिए इसमें 4,300 एमएएच की बैटरी दी गई है, जो 65 वॉट फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ आती है।
- मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने निर्यातकों को माल लदान से पहले और बाद की अवधि के लिए दिए जाने वाले निर्यात रिण पर ब्याज सब्सिडी की अवधि तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक कर दी है। बैंक के इस निर्णय से निर्यातकों को काफी राहत मिलेगी। इस योजना को अप्रैल में 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ाया गया था। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘भारत सरकार ने निर्यात माल लदान से पहले और लदान के बाद में दिये जाने वाले रुपया निर्यात रिण पर ब्याज योजना की अवधि के विस्तार को मंजूरी दे दी है। यह योजना इसी आकार और आधार के साथ तीन महीने यानी 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।'' इसमें कहा गया है कि योजना का विस्तार एक जुलाई 2021 से 30 सितंबर 2021 तक किया गया है।निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन्स (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘इससे देश के चिन्हित निर्यात क्षेत्रों को अंतराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा, क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और वे निर्यात बढ़ा सकेंगे।'' उन्होंने इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का आभार जताया। उन्होंने उनसे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए ब्याज सहायता योजना का विस्तार करने की अपील भी की। फियो अध्यक्ष ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयां अब भी मुनासिफ दर पर कारोबार के लिए कर्ज के अभाव का सामना कर रही हैं।
- नई दिल्ली। कोविड-19 की दूसरी लहर से पैदा हुई बाधाओं से उबरते हुए मारुति सुजुकी, ह्यूंडई, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, किया, टोयोटा और होंडा सहित शीर्ष कार निर्माता कंपनियों ने जून में यात्री वाहनों की बिक्री में तेजी दर्ज की।देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने जून में कुल 1 लाख 47 हजार 368 कारों की बिक्री की। मई में यह संख्या 46 हजार 555 थी। एमएसआई ने कहा कि कोविड महामारी से संबंधित प्रतिबंधों में ढील के कारण उसे डीलरशिप तक अधिक इकाइयां भेजने में मदद मिली। कंपनी ने कहा कि पिछले महीने घरेलू मोर्चे पर उसने डीलरों को 1 लाख 30 हजार 348 गाडिय़ां भेजीं, जबकि मई में यह आंकड़ा 35 हजार 293 इकाई था। कंपनी ने बताया कि ऑल्टो और एस-प्रेसो सहित छोटी कारों की बिक्री जून में बढ़कर 17 हजार 439 इकाई हो गई, जो इस साल मई में 4 हजार 760 इकाई थी। इसी तरह कॉम्पैक्ट खंड सहित अन्य सभी खंडों में बिक्री में इजाफा हुआ। प्रतिद्वंदी कंपनी ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने जून में कुल 54 हजार 474 कारों की बिक्री की। मई में यह संख्या 30 हजार 703 थी। जून में कंपनी की थोक बिक्री 40 हजार 496 इकाई थी जबकि मार्च में यह संख्या 25 हजार 1 थी।एचएमआईएल के निदेशक (बिक्री, विपणन और सेवा) तरुण गर्ग ने एक बयान में कहा, "बाजारों के खुलने और ग्राहकों की भावना में सुधार के साथ, कंपनी ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने एवं उससे ऊपर जाने के लिए नवोन्मेषी तथा विश्व स्तर के गुणवत्तापूर्ण उत्पाद एवं सेवाएं प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध है।"घरेलू कार कंपनी टाटा मोटर्स ने कहा कि घरेलू बाजार में उसके यात्री वाहनों की बिक्री जून में 24 हजार 110 इकाई रही, जबकि मई में यह 15 हजार 181 इकाई थी। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी पिछले महीने यात्री वाहनों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की। जून में उसने 16 हजार 913 कारें बेचीं जबकि मई में यह संख्या 8 हजार 4 थी। एमजी मोटर इंडिया ने भी जून में 3 हजार 558 कारों की बिक्री के साथ वृद्धि दर्ज की। उसने मई में 1,016 कारें बेची थीं। इसी तरह किया इंडिया ने भी बताया कि जून 2021 में उसकी कारों की थोक बिक्री में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस दौरान कंपनी ने 15 हजार 15 कारें बेचीं जबकि मई में यह संख्या 11,050 थी। कंपनी ने पिछले महीने अपने सेल्टोस, सोनेट और कार्निवल कारों की क्रमश: 8,549, 5,963 और 503 इकाइयां बेचीं।किया इंडिया के मुख्य बिक्री एवं व्यापार रणनीति अधिकारी टाए-जिन पार्क ने एक बयान में कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में ग्राहकों की भावना में सुधार के संकेत दिखे हैं और हम भविष्य को लेकर आशान्वित बने हुए हैं।" वहीं होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) ने कहा कि जून महीने में उसके कारों की थोक बिक्री मई की तुलना में बढ़ गयी और उसने कुल 4,767 कारें बेचीं। कंपनी ने मई में 2,032 कारें बेची थीं। एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (विपणन एवं बिक्री) राजेश गोयल ने एक बयान में कहा, "जून में डीलरशिप के लिए रवाना की गयी कारों की संख्या हमारे उत्पादन के अनुरूप थी जिसे हमें कोविड से पहले के स्तर से 50 प्रतिशत कम पर बनाए रखा है।" उन्होंने कहा, "कई राज्यों में लॉकडाउन हटने और ज्यादातर बाजारों में डीलर आउटलेट दोबारा खुलने के साथ हमें इस महीने से कारों की बिक्री के और जोर पकडऩे की उम्मीद है और हम इसी के अनुसार अपना दैनिक उत्पादन बढ़ाएंगे।" निसान मोटर इंडिया ने भी कहा है कि जून, 2021 में उसकी थोक बिक्री में मई से तीन गुना वृद्धि हुई और उसने 3,503 कारें बेचीं। कंपनी ने इस साल मई में 1,235 कारों की थोक बिक्री की थी।
- नयी दिल्ली। निसान मोटर इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि जून, 2021 में उसकी थोक बिक्री में मई से तीन गुना वृद्धि हुई और उसने 3,503 कारें बेचीं। कंपनी ने इस साल मई में 1,235 कारों की थोक बिक्री की थी।निसान मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक राकेश श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा, "पिछले महीने लॉकडाउन एवं प्रतिबंधों की कोविड-19 से जुड़ी चुनौतियां की वजह से उत्पादन और चैनल के कामकाज पर असर पड़ा। कंपनी ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी और अपने समझदार ग्राहकों की मांग पूरी करने की दिशा में वेंडरों और चैनल भागीदारों के साथ सहयोग किया।" उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून की उम्मीद के साथ कंपनी नये निसान मैग्नाइट की मांग पूरी करने के लिए विनिर्माण संयंत्र में तीसरी पाली फिर से शुरू करने की तैयारी कर रही है। इस कदम का उद्देश्य ग्राहकों के इंतजार की अवधि को कम करना है।
- नयी दिल्ली। टीवीएस मोटर कंपनी ने बृहस्पतिवार को बताया कि जून, 2021 में उसकी बिक्री में मई से 51 प्रतिशत ज्यादा रही। कंपनी ने जून में कुल 2,51,886 इकाइयां बेचीं जबकि मई में यह संख्या 1,66,889 थी।कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले महीने (जून) में डीलरों के लिए कुल 2,38,092 दोपहिया वाहन रवाना किए गए जबकि मई में यह संख्या 1,54,416 थी। कंपनी ने जून में 1,46,874 मोटरसाइकिलों की बिक्री की जबकि मई में यह संख्या 1,25,188 थी।टीवीएस मोटर के स्कूटरों की बिक्री में भी वृद्धि दर्ज की गयी। मई की 19,627 इकाइयों की तुलना में उसने जून में 54,595 स्कूटर बेचे। घरेलू बाजार में कंपनी की दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री जून में 1,45,413 इकाइयां थीं जबकि मई में यह संख्या 52,084 थी। वहीं जून में कंपनी ने कुल 1,06,246 इकाइयों का निर्यात किया जबकि मई में उसने 1,14,674 इकाइयों का निर्यात किया था।
- नयी दिल्ली। आभूषण और घड़ी का कारोबार करने वाली टाटा समूह की कंपनी टाइटन कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अशोक सोंथालिया को अपना नया मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया है। इसने कंपनी के मुख्य लोक अधिकारी के रूप में स्वदेश बेहरा की नियुक्ति की भी घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा, दोनों नियुक्तियां एक जुलाई, 2021 से प्रभावी हैं। सोंथालिया एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं,उन्हें बहु-राष्ट्रीय वातावरण में विविध उद्योगों में लगभग 30 वर्षों का अनुभव है। सोंथालिया ने कहा, ‘‘मैं भारत के साथ-साथ चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी रणनीतिक विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए अपनी टीम के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।'' मौजूदा नियुक्ति से पहले, बेहरा बोस्टन साइंटिफिक कॉरपोरेशन में वरिष्ठ निदेशक-मानव संसाधन थे। उन्होंने रैनबैक्सी, कोका कोला, एमएसडी और टाटा स्टील में भी काम किया है। टाइटन कंपनी, टाटा समूह और तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम (टिडको) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। इसने 1987 में टाइटन वॉचेज लिमिटेड के नाम से अपना परिचालन शुरू किया था और वर्ष 1994 में, ज्वैलरी में और बाद में आईवियर व्यवसाय की ओर रुख कर अपने व्यवसाय में विविधता लाई।
- नयी दिल्ली। होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस साल जून महीने में उसके कारों की थोक बिक्री मई की तुलना में बढ़ गयी और उसने कुल 4,767 कारें बेचीं। कंपनी ने मई में 2,032 कारें बेची थीं। कंपनी ने पिछले महीने 1,241 कारों का निर्यात किया जबकि मई में यह संख्या 385थी। कंपनी ने पिछले साल जून में कोविड-19 लॉकडाउन से जुड़े प्रतिबंधों के बीच घरेलू बाजार में 1,398 कारों की बिक्री की थी जबकि निर्यात की गयी कारों की संख्या 142 थी। एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (विपणन एवं बिक्री) राजेश गोयल ने एक बयान में कहा, "जून में डीलरशिप के लिए रवाना की गयी कारों की संख्या हमारे उत्पादन के अनुरूप थी जिसे हमें कोविड से पहले के स्तर से 50 प्रतिशत कम पर बनाए रखा है। कई राज्यों में लॉकडाउन हटने और ज्यादातर बाजारों में डीलर आउटलेट दोबारा खुलने के साथ हमें इस महीने से कारों की बिक्री के और जोर पकड़ने की उम्मीद है और हम इसी के अनुसार अपना दैनिक उत्पादन बढ़ाएंगे।" उन्होंने कहा कि कार कंपनी को उम्मीद है कि यह सकारात्मक गति बनी रहेगी और इस तरह उद्योग को वापसी करने में मदद करेगी। हालांकि कोविड से जुड़ी बाधाओं, और कच्ची सामग्रियों की ऊंची कीमतों की वजह से स्वामित्व की बढ़ती लागत से जुड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं।
- नयी दिल्ली। जीएसटी व्यवस्था के चार साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह कर सुधार काफी महत्वपूर्ण और जरूरी था। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार की गुंजाइश है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों और शराब को जीएसटी व्यवस्था में लाने के लिये राज्यों के साथ आम सहमति बनाने की जरूरत है क्योंकि देश में संघीय ढांचा है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दिवस पर इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ‘‘यह कर सुधार (जीएसटी) काफी जरूरी था...हालांकि जीएसटी लागू हुए चार पूरे हो गये हैं, मुझे लगता है कि इसमें सुधार की गुंजाइश है तथा हम संबंधित पक्षों के साथ मिलकर इसे और बेहतर बना सकते हैं।'' देश भर में जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू हुआ। इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे 17 स्थानीय कर समाहित हुए। बेबाक टिप्पणी के लिये जाने जाने वाले गडकरी ने यह भी कहा कि जीएसटी से जुड़ी कुछ समस्याएं अभी भी एमएसएमई क्षेत्र के लिये कठिनाइयां पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब एमएसएमई किसी सामग्री का बिल बनाते हैं और उन्हें संबंधित कंपनियों को देते हैं, तो यह उनकी (एमएसएमई) जिम्मेदारी है कि भले ही वे भुगतान प्राप्त करें या नहीं, उन्हें कर जमा करना आवश्यक है। मंत्री ने कहा, ‘‘और सरकार में, खासकर एमएसएमई के साथ बहुत सारी समस्याएं हैं। उन्हें देरी से भुगतान हमारे लिए एक बड़ी समस्या है। और सभी छोटे एमएसएमई पहले से ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि इसका कुछ रास्ता निकालने की जरूरत है, ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।मंत्री ने कहा, राज्य, उनके उपक्रम, केंद्र, उनके उपक्रम, विभिन्न विभाग, बड़े उद्योग और बड़े लोग एमएसएमई को समय पर भुगतान नहीं करते...इसके कारण कई सारे आर्थिक समस्याएं पैदा होती हैं।'' गडकरी ने कहा कि जीएसटी से 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी ‘एक राष्ट्र, एक बाजार, एक कर' की धारणा पर लागू किया गया है। इसने मौजूदा महामारी की स्थिति के बावजूद व्यापार और उद्योग को बहुत मदद की है। गडकरी ने कहा कि भारत में दुनिया में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की पूरी क्षमता है।उन्होंने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम देश में बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। हम प्रतिदिन 38 किमी सड़क का निर्माण कर रहे हैं। हम हरित राजमार्ग बना रहे हैं।'' मंत्री ने अधिक-से-अधिक रोजगार सृजित करने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिये देश को और निवेश तथा प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने की जरूरत है।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि हाल के महीनों में राजस्व संग्रह में वृद्धि अब स्थाई रूप से होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही जीएसटी धोखाधड़ी से निपटने के लिए कर अधिकारियों की तारीफ की।जीएसटी की चौथी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में सीतारमण ने कहा कि पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि लगातार आठ महीनों से जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है और अप्रैल 2021 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी राजस्व संग्रह देखा गया।सीतारमण ने कहा, पिछले साल सुविधा और प्रवर्तन दोनों क्षेत्र में सराहनीय काम किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले डीलरों और आईटीसी के कई मामले दर्ज किए गए। हाल के महीनों में बढ़ा हुआ राजस्व संग्रह अब स्थाई रूप से होना चाहिए। वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच जीएसटी कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया और करदाताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जीएसटी लागू करने के लिए केंद्र और राज्य, दोनों के कर अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में बड़े पैमाने पर किया जाने वाला कोई भी सुधार बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।वित्त मंत्रालय 54 हजार से अधिक जीएसटी करदाताओं को सही समय पर रिटर्न दाखिल करने और कर का नकद भुगतान करने पर प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सम्मानित करेगा। पहचान किये गये इन करदाताओं में 88 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी है। इसमें सूक्ष्म (36 प्रतिशत), लघु (41 प्रतिशत) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 प्रतिशत) शामिल हैं। ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इन करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा।मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल की गई हैं। जीएसटी के तहत दरें कम होने से कर अनुपालन बढ़ा है। इस दौरान जीएसटी राजस्व में धीरे धीरे वृद्धि होती रही और पिछले आठ महीने से यह लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। देश में एक जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू की गई। अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के तौर पर इस व्यवस्था को शुरू किया गया। जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के स्तर पर लगाने वाले उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13- उपकर जैसे कुल 17 तरह के करों को समाहित किया गया है।
- नई दिल्ली। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने गुरुवार को कहा कि जून 2021 में उसकी थोक बिक्री 54 हजार 474 इकाई रही, जो मई की 30 हजार 703 इकाइयों के मुकाबले 77 प्रतिशत अधिक है।एचएमआईएल ने बताया कि इस दौरान उसने घरेलू डीलरशिप को 40 हजार 496 गाडिय़ां भेजीं, जबकि मई 2021 में यह आंकड़ा 25 हजार एक इकाई था। कंपनी ने बताया कि जून में निर्यात बढ़कर 13 हजार 978 इकाई हो गया, जो मई में 5 हजार 702 इकाई था।
- नयी दिल्ली। बचतकर्ताओं को संतोष देने वाले एक निर्णय के तहत सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) जैसी लघु बचत योजनाओं पर एक जुलाई से शुरू होने वाली दूसरी तिमाही के लिये ब्याज दरों को पूर्ववत रखा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में एनएससी पर 6.8 प्रतिशत और पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर बनी रहेगी। वित्त मंत्रालय द्वारा की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2021- 22 की एक जुलाई 2021 को शुरू होकर 30 सितंबर 2021 को समाप्त होने वाली दूसरी तिमाही के दौरान विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दर मौजूदा पहली तिमाही (एक अप्रैल 2021 से 30 जून 2021) में लागू दरों पर ही बनी रहेंगी। '' सरकार ने इससे पहले एक अप्रैल को पहली तिमाही के लिये लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर में 1.1 प्रतिशत की कटौती को गलती से हुआ बताकर तुरंत वापस ले लिया था। इससे पहली तिमाही की ब्याज दरें पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही की दरों पर बनीं रही। इस कटौती को जिसे सरकार ने वापस ले लिया था कईयों ने पिछले कई दशकों में सबसे बड़ी कटौती बताया। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की प्रत्येक तिमाही समीक्षा की जाती है। दूसरी तिमाही के दौरान एक साल की सावधि जमा योजना पर बयाज दर 5.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी। वहीं कन्या बचत योजना ‘सुकन्या स्मृद्धि योजना खाते' पर 7.6 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज मिलता रहेगा। पांच साल की वरिष्ठ नागिरक बचत योजना पर 7.4 प्रतिशत ब्याज देय होगा। वहीं बचत जमा पर ब्याज की दर चार प्रतिशत सालाना बनी रहेगी।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक 2021 के मार्च महीने की समाप्ति पर भारत का विदेशी कर्ज एक साल पहले से 11.5 अरब डॉलर बढ़ कर 570 अरब डॉलर हो गया। मार्च की समाप्ति पर विदेशी कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 21.1 प्रतिशत था। यह अनुपात एक साल पहले 20.6 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक ने कहा, "भारतीय रुपये और यूरो, एसडीआर(मुद्राकोष की मुद्रा) एवं पाउंड स्टर्लिंग जैसी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर का मूल्य गिरने की वजह से कर्ज के मूल्याकंन में 6.8 अरब डॉलर की कमी आयी।" रिजर्व बैंक ने कहा, "मूल्यांकन प्रभाव को हटा दिया जाए तो मार्च 2020 की तुलना में मार्च 2021 में विदेशी कर्ज भार में वृद्धि 11.5 अरब डॉलर के मुकाबले 4.77 अरब डॉलर होती।" विदेशी रिण में विदेशों से लिया गया वाणिज्यिक रिण का हिस्सा सबसे ज्यादा (37.4 प्रतिशत) है। इसके बाद प्रवासी जमा धन (24.9 प्रतिशत) और अल्पकालीन व्यापार रिण (17.1 प्रतिशत) आते हैं। अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व वाला रिण भारत के विदेशी कर्ज का सबसे बड़ा घटक बना रहा। इसकी हिस्सेदारी 52.1 प्रतिशत थी। इसके बाद भारतीय रुपया (33.3 प्रतिशत), जापानी येन (5.8 प्रतिशत), एसडीआर- (4.4 प्रतिशत) और यूरो रिण (3.5 प्रतिशत) आते हैं।
- नयी दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कोविड महामारी से अर्थव्यवस्था को राहत पहुंचाने के लिये घोषित किये गये 6.29 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी।सीतारमण ने सोमवार को इस पैकेज की घोषणा करते हुये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये 1.5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त रिण गारंटी सुविधा की घोषणा की। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये अतिरिक्त बजट समर्थन देने और पर्यटन क्षेत्र में टूर आपरेटरों और पर्यटक गाइडों के लिये सस्ती रिण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके अलावा पांच लाख विदेशी पर्यटकों को शुल्क मुक्त वीजा देने की घोषणा भी की गई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत गरीब और वंचित तबके को नवंबर तक प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज प्रतिमाह उपलब्ध कराने के लिये 93,869 करोड़ रुपये के खर्च की घोषणा के साथ साथ उर्वरक सब्सिडी की मद में 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराने की जानकारी दी। वित्त मंत्री द्वारा घोषित इस राहत पैकेज में ज्यादातर सस्ती ब्याज दरों में कर्ज उपलब्ध कराने के लिये सरकारी गारंटी की पेशकश की गई है। इसमें 25 लाख छोटे कर्ज लेनदारों को सवा लाख रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराने के लिये सूक्ष्म वित्त संस्थानों को भी बैंकों से सरकारी गारंटी पर कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा। यह समूचा पैकेज 6.29 लाख करोड़ रुपये का रहा। पैकेज में कोरोना वायरस महामारी से बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर राज्यों के प्रमुख अस्पतालों और जिला अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिये सुविधायें स्थापित करने और जरूरी स्वास्थ्य ढांचा खड़ा करने के लिये 23,220 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें केन्द्र सरकार का हिस्सा 15,000 करोड़ रुपये होगा। इसी प्रकार कंपनियों और उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन देने के वास्ते आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की समयसीमा को 31 मार्च 2022 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। इसमें उद्योगों में नये रोजगार दिये जाने पर भविष्य निधि कोष में नियोक्ता और कर्मचारी की तरफ से किये जाने वाले अंशदान को सरकार की तरफ से चुकाया जाता है। इस योजना के तहत सरकार अब तक 79,577 कंपनियों अथवा प्रतिष्ठानों में 21.42 लाख लाभार्थियों के हिस्से का 902 करोड़ रुपये भविष्य निधि कोष में डाल चुकी है। वित्त मंत्री की घोषणा में देश की सभी ग्राम पंचायतों में ब्राडबैंड सेवायें उपलब्ध कराने के लिये 19,041 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिया जाना भी शामिल है। इसी प्रकार बड़े पैमाने की इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण योजना के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना की अवधि एक साल और बढ़ा दी गई है। वहीं वस्तु निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 88,000 करोड़ रुपये बीमा कवर की सुविधा बात कही गई है। सीतारमण की डीएपी और पी एण्ड के रासायनिक खादों के लिये 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दिये जाने और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई से लेकर नवंबर 2021 तक मुफ्त अनाज दिये जाने की दोनों घोषणाओं को पहले ही मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है ।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तारीख को नौ महीने के लिए यानी 30 जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस विस्तार के चलते उम्मीद है कि औपचारिक क्षेत्र में 71.8 लाख रोजगार पैदा होंगे, जबकि पहले यह आकलन 58.5 लाख रोजगार का था।'' गौरतलब है कि एबीआरवाई के तहत 18 जून 2021 तक 79,557 प्रतिष्ठानों के जरिये 21.42 लाख लाभार्थियों को 902 करोड़ रुपये के बराबर लाभ दिए गए हैं। पंजीकरण की समयसीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक करने से योजना का अनुमानित खर्च 22,098 करोड़ रुपये हो गया है। बयान में कहा गया कि इस योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के जरिये लागू किया जा रहा है, ताकि विभिन्न उद्योगों के नियोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम हो और उन्हें ज्यादा से ज्यादा कामगारों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन मिले।
- नयी दिल्ली। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) पंजीकरण के लिये यदि किसी के स्थायी खाता संख्या (पैन) का दुरूपयोग होता है तो वह जीएसटी नेटवर्क पर शिकायत कर सकता है। जीएसटी नेटवर्क ने इसकी व्यस्था शुरू की है। कर चोरी के लिये अक्सर गलत पैन नंबर के जरिये पंजीकरण हासिल करने की शिकायतें सामने आई हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिये जीएसटी नेटवर्क ने यह नई व्यवस्था शुरू की है। कोई भी व्यक्ति जिसके पैन का दुरूपयोग किया गया है वह इसमें शिकायत कर सकता है। शिकायत मिलने पर उसे संबंधित कर अधिकारी के पास भेजा जायेगा जिसके कार्यक्षेत्र में धोखाधड़ी करते हुये पंजीकरण लिया गया है। जीएसटी के साझा पोर्टल पर ऐसी एक खोज व्यवसथा शुरू की गई है जिसमें यह पता किया जा सकेगा कि किसी खास पैन में कौन से जीएसटीआईएन (जीएसटी पहचान संख्या) जारी की गई है। जैसे ही पैन की संख्या इस खोज पैनल में डाली जायेगी उस पैन पर लिये गये जीएसटी पंजीकरण का ब्यौरा सामने आ जायेगा। यदि कोई पंजीकरण नहीं होगा तो उसमें ‘‘कोई रिकार्ड नहीं मिला'' संदेश सामने आ जायेगा। एएमआरजी एण्ड एसोसियेट्स के वरिष्ठ पार्ट;नर रजत मोहन ने कहा कि जीएसटी धोखाधड़ी के ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहां अवैध रूप से जीएसटी पंजीकरण हासिल करने के लिये करदाता के पैन ब्यौरे का इस्तेमाल किया जा रहा है। ईवाई कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा जीएसटी के तहत फर्जी इकाइयों का पता लगाने और उनपर नियंत्रण पाने के लिये यह उपाय किया गया है। लेकिन समस्या वहां बढ़ेगी कि जिस व्यक्ति के पैन का दुरूपयोग हुआ है उसे इसके बारे में पता नहीं है, क्योंकि जो सुविधा शुरू की गई है उसमें व्यक्ति को खुद इस गड़बड़ी का पता करना होगा और शिकायत करनी होगी।
- नयी दिल्ली । विश्वबैंक ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित भारत के असंगठित क्षेत्र के मजदूर वर्ग की मदद के लिए बुधवार को 50 करोड़ डॉलर यानी 3,717.28 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी। विश्वबैंक ने एक बयान में कहा कि यह ऋण महामारी, भविष्य की स्थिति और आपदा के प्रभावों से निपटने में राज्यों को मजबूती देगा। विश्वबैंक के अनुसार 50 करोड़ डॉलर ऋण में से 11.25 करोड़ डॉलर रियायती ऋण देने वाली उसकी एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) की ओर से दिया जाएगा। शेष 38.75 करोड़ डॉलर का कर्ज पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (विश्वबैंक) द्वारा मंजूर किया गया है। बैंक के अनुसार यह ऋण 18.5 वर्षो में लौटाना है। इसमें पांच वर्ष की छूट की अवधि शामिल है।विश्वबैंक ने कहा कि कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से गरीब और कमजोर परिवारों की मदद के लिए भारत के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने की दिशा में वह अबतक 1.65 अरब डॉलर यानी 12,264.54 करोड़ रुपये का ऋण दे चूका है। उसने कहा कि इस राशि का उपयोग शहर के अनौपचारिक श्रमिकों, अस्थायी कर्मियों और प्रवासी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम में किया जाएगा। भारत में विश्वबैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने कहा, ‘जब देश आर्थिक बाधाओं और कोविड महामारी का सामना कर रहे हैं, तब इस रकम का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा में निवेश करके अर्थव्यवस्थाओं और आजीविका के साधनों का निर्माण करना है। यह भारत में विश्वबैंक द्वारा समर्थित सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का व्यापक उद्देश्य है। रेहड़ी पटरी पर सामान बेचने वाले भारत की शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं। यह कार्यक्रम ऐसे लोगों को काम धंधे के लिए 10,000 रुपये तक के ऋण सहायता देने के लिए है। इस कार्यक्रम से करीब पचास लाख रेहड़ी पटरी वालों को सहायता मिलेगी।
- नयी दिल्ली। ईंधन की बढ़ती कीमतों से परिवहन लागत ऊंची होने के चलते दिल्ली के थोक और खुदरा बाजारों में फल-सब्जी की कीमतों में इस सप्ताह और वृद्धि हुई । व्यापारियों ने बुधवार को यह भी कहा कि हालांकि, फल-सब्जी की कीमतें इस समय ज्यादा ऊंची नहीं हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि यदि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रही तो आने वाले हफ्तों में ये खाद्य वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को पेट्रोल 98.81 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 89.18 रुपये प्रति लीटर है। दिल्ली की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी के थोक सब्जी और फल व्यापारी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि थोक और खुदरा सब्जियों और फलों के दाम में मामूली बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘प्याज की थोक कीमतें अब 23-25 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में हैं, जबकि इस मौसम में सामान्यत: भाव 16-20 रुपये रहता है। इसी तरह, अनार, जो महाराष्ट्र से आता है, उसकी कीमत लगभग 70-90 रुपये प्रति किलोग्राम है जो आम तौर पर इस समय लगभग 60-80 रुपये में बिकता है।'' व्यापारी ने कीमतों में बढ़ोतरी के लिए परिवहन लागत में बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया। शर्मा ने कहा कि अब जबकि डीजल की दरें दिल्ली में लगभग 90 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं, ट्रांसपोर्टरों ने अपनी फीस में संशोधन किया है। ओखला मंडी के एक थोक व्यापारी हाजी यामीन ने प्याज, टमाटर और आलू जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की। यामीन ने कहा, ‘‘प्याज और टमाटर मुख्य रूप से महाराष्ट्र से दिल्ली आते हैं जबकि आलू शिमला और उत्तर प्रदेश से आते हैं। चूंकि डीजल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, इसलिए इसने परिवहन लागत भी बढ़ा दी है। एक अन्य कारक जो इस बढ़ोतरी में योगदान दे रहा है वह ये है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रक ड्राइवरों द्वारा अपेक्षाकृत लंबी दूरी तय करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ओखला मंडी में प्याज का थोक भाव 25-27 रुपये प्रति किलो है जबकि टमाटर 20-22 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। यामीन ने कहा, ‘‘सामान्य तौर पर, प्याज, टमाटर और आलू की थोक कीमतें क्रमशः 15-18 रुपये प्रति किलो, 12-16 रुपये प्रति किलो और 8-10 रुपये प्रति किलो के बीच होती थीं। आम तौर पर, अगर किसी सब्जी की थोक दरें पांच रुपये प्रति किलो तक बढ़ जाती हैं तो उससे सब्जी की खुदरा कीमत में 10-12 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हो जाती है।'' हालांकि, उन्होंने कहा कि आम जैसे मौसमी फलों पर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का ज्यादा असर नहीं पड़ा क्योंकि वे खराब होने वाली वस्तुएं हैं और हरियाणा और उ.प्र. जैसे कम दूरी वाली जगहों से आते हैं। दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश मार्केट के एक खुदरा सब्जी विक्रेता सुबोध मंडल ने कहा, ''प्याज, टमाटर, आलू के दाम थोड़े बढ़ने लगे हैं। यह ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण है। ।' उपभोक्ता भी सब्जियों के दाम बढ़ने की शिकायत कर रहे हैं।लाजपत नगर निवासी दीपक रस्तोगी ने कहा, ‘‘आज (बुधवार) मैंने प्याज 52 रुपये प्रति किलोग्राम और टमाटर 42 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर खरीदा। ये बढ़ी हुई दरें हैं क्योंकि लगभग एक पखवाड़े पहले मैंने ये सब्जियां क्रमशः 45 रुपये प्रति किलोग्राम और 35 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदी थीं।'' उन्होंने कहा कि, हालांकि बढ़ोतरी बहुत अधिक नहीं है, लेकिन अगर ईंधन की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं, तो आने वाले हफ्तों में सब्जियां महंगी हो सकती हैं।
-
नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में पर सोने में गिरावट के अनुरूप दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 264 रुपये की नरमी के साथ 45 हजार 783 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46 हजार 47 पर बंद हुआ था।
चांदी की भी 60 रुपये की गिरावट के साथ 67 हजार 472 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी। पिछले कारोबारी सत्र में इसका बंद भाव 67 हजार 532 रुपये था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,755 डॉलर प्रति औंस पर नरम चल रहा था जबकि चांदी 25.80 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''बुधवार को सोने में गिरावट जारी रही। डॉलर के मजबूत होने से सोने में बिकवाली का रुख रहा।