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हैम्पशायर (अमेरिका). अमेरिका के उत्तरी इलिनोइस में सड़क दुर्घटना में पांच बच्चों सहित सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हादसा रविवार देर रात दो बजे हुआ।
इलिनोइस राज्य पुलिस के अनुसार, एक वैन में सवार रोलिंग मीडोज़ के लॉरेन डोबोज़ (31) और पांच बच्चों की हादसे में जान चली गई। बच्चों की उम्र पांच से 13 वर्ष के बीच थी। वहीं, एक अन्य वाहन में सवार जेनिफर फर्नांडिस (22) की भी हादसे में मौत हो गई। उन्होंने बताया कि वैन का चालक थॉमस भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन शनिवार को एक बार फिर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। महज तीन दिन पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त होने के बाद उनका पृथक-वास समाप्त हुआ था। व्हाइट हाउस ने कहा है कि एंटी वायरल दवा से इलाज के बाद बाइडन में संक्रमण का फिर से उभरना एक दुर्लभ मामला है। व्हाइट हाउस के चिकित्सक डॉ. केविन ओ'कोनोर ने एक पत्र में कहा कि बाइडन में ‘‘इस बार कोई भी लक्षण नहीं उभरे हैं और वह अच्छा महसूस कर रहे हैं।'' रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बाइडन एक बार फिर कम से कम पांच दिनों के लिए पृथक-वास में रहेंगे। संक्रमण मुक्त होने तक वह व्हाइट हाउस में ही रहेंगे। एजेंसी ने कहा कि संक्रमण के फिर से उभरने के ज्यादातर मामलों में लक्षण हल्के रहते हैं और इस दौरान मरीजों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने का कोई मामला सामने नहीं आया है। बाइडन (79) के एक बार फिर संक्रमित पाए जाने की घोषणा से महज दो घंटे पहले व्हाइट हाउस ने आगामी मंगलवार को उनके मिशिगन दौरे की जानकारी दी थी जिसमें वह घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने संबंधी विधेयक को पारित किए जाने को रेखांकित करने वाले थे। बाइडन रविवार को अपने गृह नगर वेलिंगटन भी जाने वाले थे जहां प्रथम महिला जिल बाइडन मौजूद हैं। लेकिन अब बाइडन के संक्रमित होने के कारण ये दोनों यात्राएं रद्द कर दी गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बीते मंगलवार और बुधवार को हुई जांच में संक्रमित नहीं पाए गए थे। इसके बाद उनका पृथक-वास समाप्त हो गया था। व्हाइट हाउस के कोविड-19 के समन्वयक डॉ. आशीष झा ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा,‘‘ आंकड़ों से पता चलता है कि पैक्सलोविड उपचार के बाद पांच से आठ प्रतिशत लोग फिर से संक्रमित हुए।
- वाशिंगटन। ट्विटर ने खुलासा किया कि दुनियाभर की सरकारें कंपनी से यूजर अकाउंट्स से सामग्री हटाने या उनके निजी विवरणों की जासूसी करने को कह रही हैं।सोशल मीडिया कंपनी ने एक नयी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि उसने पिछले साल छह महीने की अवधि के दौरान स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सरकारों की रिकॉर्ड 60,000 कानूनी मांगों पर कार्रवाई की। रिपोर्ट के अनुसार, ये सरकारें चाहती थीं कि ट्विटर अकाउंट से या तो सामग्री हटाई जाए या कंपनी यूजर की गोपनीय जानकारी यथा- प्रत्यक्ष संदेश या यूजर के स्थान, का खुलासा करे।ट्विटर की सुरक्षा और अखंडता मामलों के प्रमुख योएल रोथ ने बृ साइट पर प्रसारित बातचीत में कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि सरकारें हमारी सेवा का उपयोग करने वाले लोगों को बेनकाब करने के लिए कानूनी रणनीति का उपयोग करने, अकाउंट के मालिकों के बारे में जानकारी एकत्र करने और कानूनी मांगों का उपयोग करने की कोशिश करने और लोगों को चुप कराने के तरीके के रूप में अधिक आक्रामक हो जाती हैं।’’रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से सबसे अधिक 20 प्रतिशत अनुरोध आए, जिसमें अकाउंट की जानकारी, उसकी सूचना मांगी गई थी, जबकि भारत इस मामले में काफी पीछे है। ट्विटर का कहना है कि उसने मांगी गई सूचना के हिसाब से लगभग 40 प्रतिशत यूजर के अकाउंट की जानकारी साझा की।जापान की ओर से अकाउंट की जानकारी पाने का अनुरोध लगातार किया जाता है और वह अकाउंट से सामग्री हटाने के लिए ट्विटर से सबसे अधिक अनुरोध करता है। सामग्री को हटाने के लिए जापान ने सभी अनुरोधों का आधा 23,000 से अधिक अनुरोध किए। रूस भी इसमें पीछे नहीं रहा।फेसबुक और इंस्टाग्राम की मालिक मेटा ने भी इसी समय सीमा के दौरान सरकार द्वारा निजी यूजर डेटा की मांग में वृद्धि की सूचना दी।ट्विटर ने 2021 की अंतिम छमाही के दौरान सत्यापित पत्रकारों और समाचार आउटलेट्स को निशाना बनाकर सरकारों के अनुरोधों में भारी वृद्धि की भी सूचना दी।सरकारों ने पिछले साल जुलाई और दिसंबर के बीच दुनिया भर में सत्यापित पत्रकारों या समाचार आउटलेट्स की जानकारी पाने के लिए 349 अकाउंट के खिलाफ कानून का सहारा लिया, जो 103 प्रतिशत अधिक है।ट्विटर ने इस बात का विवरण नहीं दिया कि किन देशों ने पत्रकारों के अकाउंट के लिए अनुरोध किए या उन्होंने कितने प्रश्नों का अनुपालन किया। कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट के कार्यकारी निदेशक रॉब महोनी ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को एक ईमेल में दिए गए बयान में कहा कि सरकार आलोचकों और पत्रकारों को चुप कराने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का इस्तेमाल कर रही है।
- वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बुधवार को की गई जांच में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त पाये गए हैं। इससे पहले मंगलवार रात की गई जांच में भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी। बाइडन के डॉक्टर के हवाले से जारी पत्र में व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। संक्रमण मुक्त होने के बाद बाइडन ने ‘‘कड़ा पृथकवास'' समाप्त कर दिया है। 79 वर्षीय बाइडन पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। बाइडन ने अमेरिकियों से कहा, ‘‘कोविड गया नहीं है।'' साथ ही लोगों से कहा कि कोविड-रोधी टीके की खुराक, बूस्टर खुराक और उपचार के जरिये गंभीर रूप से बीमार होने से बचा जा सकता है। संक्रमणमुक्त होने के बाद बाइडन ने बुधवार को व्हाइट हाउस के ‘रोज गार्डन' में अपने संबोधन के दौरान जनता का आभार जताया और कहा, ‘‘अब मुझे ओवल कार्यालय वापस जाना है।'' इससे पहले, डॉ केविन ओकोन्नोर ने कहा कि राष्ट्रपति ने उपचार की अवधि पूरी कर ली है और उनको बुखार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब बाइडन में कोविड-19 बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं। व्हाइट हाउस के बयान जारी करने के कुछ देर बाद बाइडन ने ट्वीट किया, ‘‘ओवल (कार्यालय) में वापसी।''अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट के साथ कोविड-19 रैपिड जांच वाली फोटो साझा करते हुए परिणाम ‘नेगेटिव' आने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि बाइडन 21 जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। हालांकि, वह पृथकवास के दौरान ऑनलाइन माध्यम से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे।
- जोहानिसबर्ग। अंगोला की खदान से 175 कैरेट के गुलाबी हीरे की खोज की गई है। दावा किया जा रहा है कि गत 300 साल में मिला यह सबसे बड़ा गुलाबी हीरा है। खदान पर स्वामित्व रखने वाली लुकापा डायमंड कंपनी ने बुधवार को अपनी वेबसाइट पर घोषणा की, ‘लुलो रोज' हीरे की खोज लुलो जलोढ़ खदान से की गई है। दुनिया में अबतक मिले सबसे बड़े हीरों में से दो हीरे अंगोला की लुलो खदान से ही मिली हैं, जिनमें 404 कैरेट का एक हीरा भी शामिल है। ऑस्ट्रेलिया से संचालित लुकापा ने बताया कि गुलाबी हीरा पांचवां सबसे बड़ा हीरा है, जो खदान से मिला है जबकि 100 कैरेट व इससे ज्यादा के करीब 27 और हीरे खदान से निकाले जा चुके हैं। इस गुलाबी हीरे को अंगोला की सरकारी विपणन कंपनी ‘सोडियम' अंतरराष्ट्रीय निविदा के जरिये बेचेगी। अंगोला की खदान दुनिया में हीरे के शीर्ष 10 उत्पादकों में एक हैं।
- मनीला । उत्तरी फिलीपीन में बुधवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए, जिससे कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि उसके प्रभाव से छोटे-छोटे भूस्खलन हुए और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं, राजधानी मनीला में भय के कारण लोग अपने घरों और मरीज अस्पतालों से बाहर निकल आए। फिलीपीन के ज्वालामुखी और भूकंप विज्ञान संस्थान के प्रमुख रेनातो सोलिडम ने बताया कि सात तीव्रता के भूकंप का केंद्र अब्रा प्रांत में किसी पर्वतीय इलाके में था। अब्रा के लगांगिलांग शहर के एक सुरक्षा अधिकारी माइकल ब्रिलैंट्स ने बताया, ‘‘जमीन ऐसे हिली जैसे मैं झूला झूल रहा हूं और अचानक बिजली चली गई। हम कार्यालय से बाहर भागे तथा मैंने अपने कुछ साथियों के चीखने और रोने की आवाजें सुनी। ये अब तक के सबसे जोरदार भूकंप के झटके थे और मुझे लगा कि धरती फट जाएगी।''उल्लेखनीय है कि लगांगिलांग भूकंप के केंद्र के नजदीक का शहर है। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है जिनमें अधिकतर मौतें ढांचे गिरने से हुई हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों में अब्रा में एक मकान में सीमेंट से बनी पट्टी गिरने के कारण मारा गया एक ग्रामीण भी शामिल है। वहीं दर्जनों अन्य घायल हुए हैं। बेंगुएट प्रांत में पर्वतीय शहर ला त्रिनिदाद में एक मजदूर की निर्माणाधीन इमारत गिरने से उसके मलबे में दबकर मौत हो गई। अब्रा में कई मकान और इमारतों की दीवारों में दरारें आ गई। एक महीने से भी कम समय पहले प्रभार संभालने वाले नए राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोज जूनियर की पीड़ितों तथा स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए अब्रा जाने की योजना है। भूकंप जब आया तब मार्कोज जूनियर नदी के किनारे स्थित मलाकेचान राष्ट्रपति महल परिसर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उसी समय इमारत में लगे झूमर में कंपन होने लगा और चटकने की आवाज आने लगी। राष्ट्रपति ने भूंकप के बारे में कहा,‘‘ यह बहुत तेज है।'' फिलीपीन के फोटो पत्रकार हार्ले पलंगचाओ और उनके साथियों ने भी मौत का करीब से तब सामना किया जब वे दो वैन में पहाड़ी प्रांत की यात्रा कर रहे थे और तभी अचानक तेज आवाज के साथ चट्टानों को पहाड़ी से गिरते देखा। हार्ले के साथियों ने अपने वाहन से चिल्लाते हुए आवाज दी ‘‘वापस आ जाओ, वापस आ जाओ।'' इसी दौरान वैन की अगली सीट पर बैठे तीन बच्चों के पिता हार्ले ने कैमरा निकालकर तस्वीर खींची जो उनके जीवन की अंतिम तस्वीर भी हो सकती थी। एक चट्टान वैन के अगले हिस्से पर गिरी, जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। लेकिन हार्ले और अन्य को कोई चोट नहीं आई। दूसरी वैन का चालक समय रहते वाहन को पीछे करने में सफल रहा, जिससे सभी सुरक्षित बच गए। हार्ले ने कहा, ‘‘ मैं सोच रहा था कि अगर हमें कुछ होता है, तक कम से कम रिकॉर्ड होना चाहिए। वह बहुत ही भयानक अनुभव था।'' रेडक्रॉस ने एक तीन मंजिला इमारत की तस्वीर साझा की है जो अब्रा में मलबे से भरी सड़क की ओर झुकी है। एक वीडियो में भयभीत चश्मदीद एक पुराने चर्च की मीनार को धराशायी होता दिखा रहा है। राजधानी मनीला के कम से कम दो अस्पतालों से मरीजों जिनमें से कुछ व्हीलचेयर पर थे और चिकित्साकर्मियों को अफरा-तफरी के माहौल में इमारत से निकाला गया। हालांकि, बाद में इंजीनियरों ने बताया कि झटके मामूली थे और इमारत में महज कुछ दरारें आई हैं जिसके बाद मरीजों को वापस अस्पताल की इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया। मनीला भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित लगांगिलांग शहर से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 7.3 मापी गई थी, लेकिन बाद में विश्लेषण के बाद इसकी तीव्रता सात मापी गई। भूकंप का केंद्र सतह से 17 किलोमीटर नीचे था और बाद में आने वाले अन्य झटकों से और नुकसान की आशंका जताई गई है। फिलीपीन दुनिया के सबसे भूकंप संभावित क्षेत्र प्रशांत महासागर के ‘‘रिंग ऑफ फायर''पर अवस्थित है। यह देश हर साल करीब 20 समुद्री तूफान का भी सामना करता है। यह दुनिया का सबसे प्राकृतिक आपदा संभावित देशों में शामिल है। फिलीपीन में 1990 में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में करीब 2,000 लोग मारे गए थे।
- लंदन। बुकर पुरस्कार 2022 के लिए मंगलवार को यहां एक वृहद सूची जारी की गई, जिसमें अमेरिकी लेखकों का प्रभुत्व दिखाई दिया। सूची में छह अमेरिकी हैं, जिनमें 'ट्रस्ट' के लिए हर्नान डियाज, 'द ट्रीज' के लिए पर्सिवल एवरेट, 'बूथ' के लिए करेन जॉय फाउलर, 'नाइटक्रॉलिंग' के लिए लीला मोटली, 'आफ्टर सैप्फो' के लिए सेल्बी विन श्वार्ट्ज और 'ओह विलियम!' के लिए जाबेथ स्ट्राउट का नाम शामिल है। इनमें से छह पुस्तकों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, जिसकी घोषणा 6 सितंबर को लंदन में की जाएगी।शॉर्टलिस्ट किए गए लेखकों में से प्रत्येक को 2,500 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (जीबीपी) और उनकी पुस्तक का एक विशेष संस्करण प्रदान किया जाएगा। 2022 के बुकर पुरस्कार विजेता की घोषणा 17 अक्टूबर को लंदन के राउंडहाउस में आयोजित होने वाले एक पुरस्कार समारोह में की जाएगी। विजेता को 50 हजार जीबीपी प्रदान किए जाएंगे।
- मॉस्को। रूस 2024 के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से बाहर हो जाएगा और अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। देश के नवनियुक्त अंतरिक्ष प्रमुख यूरी बोरिसोव ने मंगलवार को यह बात कही। बोरिसोव को इस महीने की शुरुआत में सरकार नियंत्रित अंतरिक्ष निगम रोस्कोस्मोस का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि रूस परियोजना छोड़ने से पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अन्य भागीदारों के लिए अपने दायित्वों को पूरा करेगा। बोरिसोव ने कहा, "2024 के बाद स्टेशन छोड़ने का निर्णय किया गया है। मेरा मानना है कि तब तक हम रूसी अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण शुरू कर देंगे।" यह घोषणा यूक्रेन में क्रेमलिन की सैन्य कार्रवाई को लेकर रूस और पश्चिम के बीच बढ़े तनाव के बीच आई है। मॉस्को और वाशिंगटन के बीच तनाव के बावजूद नासा और रोस्कोस्मोस ने इस महीने की शुरुआत में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए रूसी रॉकेट की सवारी जारी रखने को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- मेक्सिको सिटी। हैती शरणार्थियों को ले जा रही एक नौका रविवार तड़के बहामास के निकट पलट गई, जिसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य को बचा लिया गया। यह नौका न्यू प्रोविडेंस से करीब सात मील दूर पलटी। प्रधानमंत्री फिलिप ब्रेव डेविस ने एक बयान में बताया कि मृतकों में 15 महिलाएं, एक पुरुष और एक शिशु शामिल है। उन्होंने कहा कि बचाए गए लोग स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में है। डेविस ने बताया कि जांचकर्ताओं के अनुसार, दोहरे इंजन वाली नौका स्पष्ट रूप से मियामी के लिए शनिवार रात करीब एक बजे बहामास से रवाना हुई थी, जिसमें कम से कम 60 लोग सवार थे। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए आपराधिक जांच शुरू की गई है कि यह मानव तस्करी का मामला तो नहीं है। डेविस ने कहा, ‘‘मैं अपनी सरकार और बहामास के लोगों की ओर से इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मेरी सरकार सत्ता में आने के बाद से इन खतरनाक यात्राओं के खिलाफ सचेत करती रही है।'' हैती में हत्या और अपहरण की घटनाओं में बढ़ोतरी और विभिन्न गिरोहों की हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जा रहे हैं।
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बीजिंग/मॉस्को. चीन, रूस, बांग्लादेश श्रीलंका और नेपाल के राष्ट्रपतियों समेत कई विश्व नेताओं ने भारत की नयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी तथा भारत के साथ अपने-अपने देशों के बहुआयामी संबंधों को बढ़ाने के लिए उनके साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को 64 वर्षीय मुर्मू को पदभार ग्रहण करने पर बधाई देते हुए कहा कि वह पारस्परिक राजनीतिक विश्वास बढ़ाने, व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने और मतभेदों के समाधान के लिए उनके साथ काम करने को तैयार हैं। चिनफिंग ने अपने बधाई संदेश में कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं तथा चीन और भारत के बीच अच्छे संबंध दोनों देशों और उनके लोगों के मूलभूत हितों के अनुरूप हैं तथा क्षेत्र और दुनिया भर में शांति, स्थिरता एवं विकास में सहायक हैं। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चिनफिंग ने कहा कि वह चीन-भारत संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, और आपसी राजनीतिक विश्वास बढ़ाने, व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने, मतभेदों को हल करने और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मुर्मू के साथ काम करने को तैयार हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी मुर्मू को बधाई दी तथा उम्मीद जताई कि वह द्विपक्षीय रचनात्मक सहयोग को और बढ़ावा देंगी। पुतिन ने अपने संदेश में कहा, "हम भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी के संबंधों को बहुत महत्व देते हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि राष्ट्र प्रमुख के रूप में आपके कार्य हमारे मित्र राष्ट्रों के लाभ और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता एवं सुरक्षा के हित में विभिन्न क्षेत्रों में रूसी-भारतीय राजनीतिक संवाद एवं रचनात्मक सहयोग को और मजबूत करेंगे।" श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मुर्मू को बधाई दी और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का जिक्र करते हुए रेखांकित किया कि उनका नेतृत्व सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने के संयुक्त प्रयासों को "नयी गति" प्रदान करेगा। विक्रमसिंघे ने अपने संदेश में लिखा, "सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक में इस प्रमुख जिम्मेदारी के लिए आपकी नियुक्ति, आपकी क्षमता एवं राजनीतिक कौशल पर सरकार और लोगों के विश्वास का प्रमाण है।" दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ हम दोनों देशों के बीच जो मधुर संबंध है उसे आपके नेतृत्व से मजबूत करने के संयुक्त प्रयास को नयी गति मिलेगी।'' विक्रमसिंघे ने 21 जुलाई को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम अब्दुल हामिद ने द्रौपदी मुर्मू को पदभार ग्रहण करने पर सोमवार को बधाई दी और कहा कि परस्पर हितों को आगे बढ़ाने, इस क्षेत्र में विकास, शांति एवं समद्धि की कोशिश करने के लिए वह उनके साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंध साझा इतिहास और संस्कृति, परस्पर विश्वास एवं सम्मान तथा दीर्घकालिक मित्रता एवं निरंतर सहयोग की बुनियाद पर टिके हैं। हामिद ने कहा, ‘‘1971 में हमारे मुक्ति संग्राम के दौरान भारत की सरकार और जनता द्वारा दिया गया बहुमूल्य सहयोग हमारे संबंधों में ऐतिहासिक घटना है। आज हमारा सहयोग व्यापार, संपर्क, जल संसाधन प्रबंधन, ऊर्जा, सीमा प्रबंधन एवं सुरक्षा समेत विविध क्षेत्रों में फैला है।'' मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भी मुर्मू को उनके "ऐतिहासिक चुनाव" पर बधाई दी।
उन्होंने ट्वीट किया, "उनकी (मुर्मू) क्षमता और अनुभव निस्संदेह भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगा। मैं मालदीव और भारत के बीच उनके नेतृत्व में घनिष्ठ संबंधों को बढ़ाने के लिए तत्पर हूं।" नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने मुर्मू को शुभकामनाएं दीं और विश्वास व्यक्त किया कि उनके कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने ट्वीट किया, "नेपाल की सरकार और लोगों की ओर से, मैं श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर हार्दिक बधाई देना चाहता हूं। मुझे विश्वास है कि नेपाल और भारत के बीच शानदार द्विपक्षीय संबंध आने वाले दिनों में नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।" ब्रिटेन ने भी राष्ट्रपति मुर्मू को बधाई दी और विश्वास जताया कि उनके कार्यकाल में भारत-ब्रिटेन के संबंध ‘‘अधिक मजबूत'' होंगे। दक्षिण एशिया और राष्ट्रमंडल के लिए विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के राज्य मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद शुक्रवार को द्रौपदी मुर्मू के चुनाव जीतने पर कहा था, ‘‘द्रौपदी मुर्मू को भारत का नया राष्ट्रपति बनने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि उनके कार्यकाल में ब्रिटेन-भारत संबंध अधिक मजबूत होंगे। - कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय में 107 दिनों के बाद सोमवार को कामकाज शुरू हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दरअसल, देश में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपति सचिवालय के प्रवेश द्वार को प्रदर्शनकारियों ने नौ अप्रैल को बंद कर दिया गया था। इसके बाद नौ जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय की इमारत में जबरन प्रवेश कर उस पर कब्जा कर लिया था।संकटग्रस्त राष्ट्र के नये राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के आदेश पर पिछले शुक्रवार को पुलिस और सुरक्षाबलों ने छापेमारी की और प्रदर्शनकारियों को हटाकर इमारत को अपने कब्जे में ले लिया था।अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति सचिवालय को प्रदर्शनकारियों के कब्जे से छुड़ाने के बाद सोमवार को उसके कर्मचारियों के लिए खोल दिया गया।सुरक्षाबलों ने सचिवालय के सामने गाले रोड को यातायात के लिए पहले ही खोल दिया था। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को समर्थन देंगे, लेकिन उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की आड़ में हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे।गौरतलब है कि श्रीलंका मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पांच हफ्ते से अधिक समय में मानसूनी बारिश एवं आकस्मिक बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 304 तक पहुंच गयी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। मध्य जून से ही बाढ़ के कारण नदियां उफान पर हैं और कई राजमार्ग एवं पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसके साथ ही करीब 9000 मकान या तो पूरी तरह नष्ट हो गए हैं या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित बलूचिस्तान प्रांत में वर्षा एवं बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 99 लोगों की जान चली गयी। सिंध प्रांत में 70 लोगों की ऐसी घटनाओं में मौत हुई है। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान सीमा से सटे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी 61 लोगों की मौत हो गयी जबकि पूर्वी पंजाब प्रांत में 60 लोगों की जान चली गयी। -
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक ‘‘असाधारण'' हालात है जो अब वैश्विक आपात स्थिति है। डब्ल्यूएचओ की यह घोषणा इस रोग के उपचार के लिए निवेश में तेजी ला सकती है और इसने इस रोग का टीका विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की ‘इमरजेंसी कमेटी' के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की। यह पहला मौका है जब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस तरह की कार्रवाई की है। टेड्रोस ने कहा, ‘‘संक्षेप में, हम एक ऐसी महामारी का सामना कर रहे हैं जो संचरण के नये माध्यमों के जरिये तेजी से दुनिया भर में फैल गई है और इस रोग के बारे में हमारे पास काफी कम जानकारी है तथा यह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमन की अर्हता को पूरा करता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यह कोई आसाना या सीधी प्रक्रिया नहीं रही है और इसलिए समिति के सदस्यों के भिन्न-भिन्न विचार हैं।'' हालांकि, मंकीपॉक्स मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कई हिस्सों में दशकों से मौजूद है लेकिन अफ्रीका महाद्वीप के बाहर इतने बड़े पैमाने पर इस प्रकोप पहले कभी नहीं रहा था और मई तक लोगों के बीच ना ही इसका व्यापक प्रसार हुआ था। इस रोग को वैश्विक आपात स्थिति घोषित करने का यह मतलब है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप एक असाधारण घटना है और यह रोग कई अन्य देशों में भी फैल सकता है तथा एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है। इससे पहले, डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19,इबोला, जीका वायरस के लिए आपात स्थिति की घोषणा की थी।
- कोलंबो । श्रीलंका में दिनेश गुणावर्धने ने आज प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। कल रानिल विक्रमसिंघे ने देश के नये राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इस बीच, सुरक्षाबलों ने आज सुबह राजधानी कोलंबो में सरकार विरोधी मुख्य शिविर में छापेमारी कर टैन्ट उखाड दिये और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। श्रीलंका में आर्थिक संकट के चलते पिछले कई महीनों से व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। देश के ज्यादातर नागरिकों का मानना है कि इस स्थिति के लिए पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार है।
- कोलंबो। श्रीलंका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शासन की प्रणाली में बदलाव लाने का संकल्प जताते हुए देशवासियों से कहा कि वह राजपक्षे परिवार के नहीं बल्कि जनता के मित्र हैं। अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में मई में प्रधानमंत्री पद संभालने वाले विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन पर अब इस नई भूमिका में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने, आर्थिक उथल-पथल को दूर करने और एक बंटे हुए देश को फिर से एकजुट करने का सबसे बड़ा दारोमदार है। विक्रमसिंघे 45 साल से संसद में हैं और उन्हें राजनीतिक हलकों में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्वीकार किया जाता है जो दूरदर्शी नीतियों से अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर सकता है।राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद विक्रमिसंघे (73) बुधवार को कोलंबो के सबसे पुराने बौद्ध मंदिरों में से एक गंगाराम मंदिर भी गए थे। गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह संविधान के अनुसार संसद द्वारा निर्वाचित श्रीलंका के पहले राष्ट्रपति हैं। विक्रमसिंघे की जीत से एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि सरकार विरोधी कई प्रदर्शनकारी उन्हें पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं। प्रदर्शनकारी देश के मौजूदा संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार ठहराते हैं। विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी जगह जगह एकत्रित हो गए थे।उन्होंने कहा, ‘‘मैं राजपक्षे परिवार का मित्र नहीं हूं, मैं जनता का मित्र हूं...मैंने पहले पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगे के साथ काम किया है। वह किसी और पार्टी की थीं और मैं किसी और पार्टी का हूं। मेरे लिए किसी दूसरी पार्टी के राष्ट्रपति के साथ काम करने का मतलब यह नहीं है कि मैं उनका मित्र हूं।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि वह ऐसा बदलाव लाएंगे, जो लोग चाहते हैं और यह जरूरी भी है।विक्रमसिंघे ने कहा कि वह अपनी यूनाइटेड नेशनल पार्टी को मजबूत करने के अवसर पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने नौ जुलाई को यहां प्रदर्शनकारियों के ऐतिहासिक सरकारी इमारतों में घुसने तथा तोड़फोड़ करने पर भी टिप्पणी की।उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री के कार्यालय पर जबरन कब्जा जमाना गैरकानूनी है और ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने विक्रमसिंघे के निजी आवास को भी जला दिया था।विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘अरागालया (जन संघर्ष) व्यवस्था के खिलाफ था। सरकार गिराने, घरों को आग लगाने तथा महत्वपूर्ण कार्यालयों पर कब्जा जमाने के लिए हमें अरागालया का उपयोग कतई नहीं करना चाहिए। यह लोकतंत्र नहीं है बल्कि यह गैरकानूनी है।’ उन्होंने कहा ‘‘हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को प्रदर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए। हम उनसे बातचीत भी कर सकते हैं।’’
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लंदन. ऋषि सुनक ने बुधवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ के अंतिम चरण में जगह बना ली। सुनक ने टोरी सांसदों के पांचवें और अंतिम दौर के मतदान में 137 मतों से जीत हासिल की लेकिन इससे आगे अब उनके लिए 10 डाउनिंग स्ट्रीट तक जाने वाली राह कठिन है। पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) के लिए रास्ता इसलिए आसान दिखाई नहीं देता क्योंकि उन्हें अब टोरी सदस्यों के बीच बहुत कठिन मतदान का सामना करना पड़ेगा और इस दौर के मतदान में हाल के सर्वेक्षणों में आंकड़े उनकी प्रतिद्वंद्वी लिज़ ट्रस के पक्ष में होने की बात कही गई है। अब सुनक और ट्रस दो ही दावेदार प्रधानमंत्री पद की दौड़ में बचे हैं जिनके बीच सोमवार को बीबीसी पर लाइव डिबेट होगी। सुनक ने इस महीने की शुरुआत में नेतृत्व के लिए अपनी दावेदारी पेश किए जाने के बाद से बहस और साक्षात्कार की एक श्रृंखला में कहा, "यह नेतृत्व प्रतियोगिता सिर्फ हमारी पार्टी के नेता होने से ज्यादा है, यह हमारे ब्रिटेन के संरक्षक बनने के बारे में है।" उन्होंने 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से आए अपने भारतीय परिवार की कहानी के साथ अपना प्रयास शुरू करने से लेकर व्यक्तिगत और पेशेवर के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। सुनक ने कहा, ‘‘मेरी माँ ने फार्मासिस्ट बनने के वास्ते योग्यता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की। वह मेरे पिता, एक एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा) जीपी से मिलीं, और वे साउथेम्प्टन में बस गए। उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, लेकिन यहीं से मेरी कहानी शुरू हुई।'' उन्होंने अपने चिकित्सक पिता यशवीर और मां उषा के संदर्भ में यह बात कही। यह व्यक्तिगत कहानी हाल ही में उनके सास-ससुर - इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति तक भी विस्तारित हुई जब सुनक ने अपनी पत्नी अक्षता की पारिवारिक संपत्ति पर हमलों को लेकर पलटवार किया। उन्होंने कहा था, "मेरे ससुर के पास कुछ भी नहीं था, बस एक सपना था और कुछ सौ पाउंड थे जो मेरी सास की बचत ने उन्हें प्रदान किए। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे प्रतिष्ठित और सबसे सफल कंपनियों में से एक का निर्माण किया जो यहाँ ब्रिटेन में हजारों लोगों को रोजगार देती है। यह वास्तव में एक ऐसी कहानी है जिस पर मुझे गर्व है और प्रधानमंत्री के रूप में, मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हम यहां उनकी तरह और भी कहानियां बना सकें।” धर्मनिष्ठ हिंदू के रूप में, सुनक नियमित रूप से मंदिर में जाते हैं। उनका जन्म साउथेम्प्टन में हुआ था और नवंबर 2020 में 11 डाउनिंग स्ट्रीट के अपने कार्यालय-निवास के बाहर दीपावली के दीये जलाने वाले पहले वित्त मंत्री बने। उनकी बेटियाँ, अनुष्का और कृष्णा भी भारतीय संस्कृति से जुड़ी हैं। उन्होंने हाल ही में बताया था कि कैसे अनुष्का ने पिछले महीने वेस्टमिंस्टर एब्बे में महारानी के प्लेटिनम जयंती समारोह के लिए अपने सहपाठियों के साथ कुचिपुड़ी का प्रदर्शन किया। लेकिन व्यक्तिगत जीवन से परे, उन्हें पेशेवर मोर्चे पर वित्त मंत्री के रूप में अपने विरोधियों के हमलों का सामना करना पड़ा। वह परंपरागत रूप से कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों को लुभाने के लिए कर कटौती के किसी वादे के बजाय मुद्रास्फीति पर अपना ध्यान केंद्रित करने पर दृढ़ रहे हैं। उन्होंने घोषणा की, "मैं इस संसद में कर कम कर दूंगा, लेकिन मैं इसे जिम्मेदारी से करने जा रहा हूं। मैं चुनाव जीतने के लिए कर कटौती की बात नहीं कहूंगा, मैं कर कम करने के लिए चुनाव जीतना चाहता हूं।” ब्रिटेन के सबसे अच्छे स्कूलों में से एक विनचेस्टर कॉलेज से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तक उनकी स्व-निर्मित साख विद्वानों को देश के सर्वोच्च राजनीतिक पद के लिए उनके नाम को सही मानने की वजह देती है। उनका राजनीतिक करियर 2015 में यॉर्कशायर में रिचमंड की एक सुरक्षित टोरी सीट जीतने के साथ शुरू हुआ था और कनिष्ठ भूमिकाओं से वह अचानक तब चांसलर ऑफ एक्सचेकर के पद पर पहुंच गए जब उनके पूर्व बॉस साजिद जाविद ने फरवरी 2020 में इस्तीफा दे दिया। पूर्व वित्त मंत्री के लिए अब राह बहुत कठिन है। प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए अब उन्हें अनुमानित तौर पर कंजर्वेटिव पार्टी के 1,60,000 मतदाताओं को अपने पक्ष में डाक मतपत्र डालने के लिए तैयार करना पड़ेगा। इस चरण में मिलने वाली सफलता उन्हें ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना देगी। -
लंदन। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कंजरवेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद के चुनाव के चौथे दौर के मतदान में भी बढ़त बनाए रखी है। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी के लिये हो रहे चुनाव के इस दौर में ऋषि सुनक 118 वोटों से आगे रहे । पूर्व रक्षा मंत्री पेनी मॉरडंट को 92, विदेश मंत्री लिज ट्रुस को 86 और सांसद केमी बेडनॉट को 59 वोट मिले। केमी बेडनॉट अब मुकाबले से बाहर हो गए हैं।
कंजरवेटिव पार्टी के सांसद आज फिर मतदान करेंगे, जिसमें सबसे कम वोट पाने वाले सांसद फिर दौड़ से बाहर हो जाएंगे।पांचवें दौर के मतदान के बाद मुकाबला देश के विभिन्न भागों में पार्टी मुख्यालयों द्वारा आयोजित होगा। कंजरवेटिव पार्टी के एक लाख 80 हजार सदस्य रन ऑफ वोट के जरिये अंतिम दो उम्मीदवारों में से विजेता को चुनेंगे। विजेता के नाम की घोषणा 5 सितंबर को की जाएगी। -
लॉस एंजिलिस (अमेरिका) .अमेरिकी अभिनेत्री, गायिका जेनिफर लोपेज और अभिनेता बेन एफ्लेक ने शादी कर ली है। दोनों ने इससे पूर्व 20 साल पहले 2002 में सगाई की थी। लोपेज ने अपनी वेबसाइट ‘ऑन द जेएलओ' पर यह जानकारी दी। लोपेज ने बताया कि उनके और एफ्लेक के बच्चों की मौजूदगी में लास वेगास के ‘लिटिल व्हाइट वेडिंग चैपल' में दोनों ने शादी की। जेनिफर लोपेज और बेन एफ्लेक ने अप्रैल में दोबारा सगाई करने की घोषणा की थी। पहली बार दोनों ने नवंबर 2002 में सगाई की थी, लेकिन 2004 की शुरुआत में दोनों अलग हो गए थे। लोपेज ने 2004 में ही जून में मार्क एंथोनी से शादी कर ली थी, दोनों 2008 में जुड़वा बच्चों के माता-पिता बने थे। अमेरिकी अभिनेता एफ्लेक ने 2005 में जेनिफर गार्नर से शादी की और दोनों के तीन बच्चे हैं। लोपेज ने लिखा कि पांच बेहतरीन बच्चों का परिवार पाकर वे दोनों बेहद खुश हैं।
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कोलंबो. चालू साल के पहले चार महीनों में भारत ने श्रीलंका को सबसे ज्यादा कर्ज दिया है। इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस साल के पहले चार माह यानी एक जनवरी से 30 अप्रैल, 2022 के बीच अभूतपूर्व राजनीतिक संकट और आर्थिक उथल-पुथल से त्रस्त द्वीपीय राष्ट्र को भारत ने 37.69 करोड़ डॉलर का ऋण दिया है। वहीं चीन ने इस अवधि में श्रीलंका को 6.77 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। श्रीलंका के वित्त मंत्रालय के अनुसार, एक जनवरी से 30 अप्रैल, 2022 की अवधि के दौरान उसे भारत से सबसे अधिक 37.69 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता मिली है। भारत के बाद एशियाई विकास बैंक (एडीबी) 35.96 करोड़ डॉलर के साथ श्रीलंका का दूसरा सबसे बड़े ऋणदाता रहा है। इस अवधि में विश्व बैंक ने श्रीलंका को 6.73 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। पहले चार माह में श्रीलंका को कुल 96.88 करोड़ डॉलर का विदेशी कर्ज मिला है। इसमें से 96.81 करोड़ डॉलर ऋण के रूप जबकि सात लाख डॉलर अनुदान के रूप में वितरित किए गए हैं। -
जकार्ता. इंडोनेशिया की राजधानी में सोमवार को एक तेल टैंकर के ब्रेक फेल होने के कारण उसकी कारों और बाइकों के साथ टक्कर हो गई। पुलिस ने बताया कि हादसे में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य कई घायल हो गए। जकार्ता पुलिस में यातायात विभाग के निदेशक लतीफ उस्मान ने बताया कि इंडोनेशिया की सरकारी ऊर्जा कंपनी ‘पेर्टामिना' का यह टैंकर ट्रक अनियंत्रित होकर दो कारों और 10 बाइकों से जा टकराया। उन्होंने बताया कि हादसा पूर्वी जकार्ता के चिबुबुर इलाके में लाल बत्ती पर हुआ। उन्होंने बताया कि अधिकारी अभी भी दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं, लेकिन प्रारंभिक जांच से ऐसा लगता है कि टैंकर ट्रक ऊंचाई से नीचे उतर रहा था उसी दौरान उसके ब्रेक फेल हो गए और अनियंत्रित होकर उसने लाल बत्ती पर खड़े वाहनों को टक्कर मार दी। उस्मान ने बताया कि कम से कम 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से कई की हालत नाजुक बतायी जा रही है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के बाद वहां कोई विस्फोट नहीं हुआ। हादसे में टैंकर चालक को हल्की चोटें आयी हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
ऊर्जा कंपनी ‘पेर्टामिना' का कहना है कि वह पीड़ितों के इलाज में मदद कर रही है और मामले की जांच में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है। पश्चिम जावा में कंपनी के प्रबंधक ने कहा, ‘‘हम दिल से माफी मांगते हैं और पीड़ितों तथा उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। - लंदन। ब्रिटेन और यूरोप महाद्वीप में ओमीक्रोन स्वरूप के तेजी से संक्रमण फैलाने वाले नये स्वरूप, बी.ए-5 के कारण कोविड संक्रमण में वृद्धि हो रही है। यूरोपीय रोग निवारण और नियंत्रण केंद्र (ईसीडीसी) के अनुसार, गहन देखभाल कक्ष में रोगियों की संख्या बढ़ रही है। केंद्र ने कोविड की एक और लहर शुरू होने की चेतावनी दी है। लंदन स्वच्छता और उष्णकटिबंधीय चिकित्सा विद्यालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रोफेसर मार्टिन मैककी ने कहा है कि कोविड अब फ्लू की तरह मौसमी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कोविड के वर्तमान टीके भविष्य में नये वेरिएंट का मुकाबला करने में अधिक प्रभावी होंगे।ईसीडीसी ने इस सप्ताह नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और बीमार लोगों को अब दूसरी बूस्टर खुराक पर विचार करना चाहिए। ब्रिटेन सरकार ने शुक्रवार को 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों के लिए कोविड की बूस्टर खुराक देने की घोषणा की थी। इंग्लैंड में कोविड संक्रमण दर बढ़ रही है, और अप्रैल के बाद से सबसे अधिक हो गई है।
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कोलंबो. श्रीलंका के नये राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शनिवार को संसद का एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। श्रीलंका में राष्ट्रपति पद की दौड़ में देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा सहित कुल चार नेता शामिल हैं। श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट को लेकर व्यापक स्तर पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफे के कारण 20 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा। 13 मिनट के विशेष सत्र के दौरान संसद के महासचिव धम्मिका दसानायके ने राजपक्षे के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति पद के लिए रिक्ति की घोषणा की। राजपक्षे बुधवार को मालदीव चले गये थे और बृहस्पतिवार को वह सिंगापुर पहुंचे और शुक्रवार को उन्होंने राष्ट्रपति पद से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया था। दसानायके ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन 19 जुलाई को दाखिल किए जाएंगे और अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में होते हैं तो सांसद बुधवार को मतदान करेंगे। 225 सदस्यीय श्रीलंकाई संसद में राजपक्षे की सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी का वर्चस्व है। कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को आधिकारिक तौर पर समर्थन देने की घोषणा करने के बाद एसएलपीपी में आंतरिक स्तर पर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। पार्टी अध्यक्ष जीएल पेइरिस ने कहा कि एसएलपीपी को अपने सदस्य के अलावा किसी और के पक्ष में मतदान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को एसएलपीपी से अलग हुए नेता अलहप्परुमा का समर्थन करना चाहिए, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है। नया राष्ट्रपति नवंबर 2024 तक राजपक्षे के शेष कार्यकाल के लिए पद पर रहेंगे।
एसएलपीपी ने आधिकारिक तौर पर विक्रमसिंघे के समर्थन की घोषणा की है। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) 2020 के संसदीय चुनाव में बुरी तरह से हार गई थी।
राजपक्षे ने अपने त्यागपत्र में खुद का बचाव करते हुए कहा है कि उन्होंने पूरी क्षमता के साथ मातृभूमि की रक्षा की और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे। सिंगापुर से संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्द्धने को भेजे गए राजपक्षे के इस त्यागपत्र को शनिवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान पढ़ा गया। संसद के सचिव धम्मिका दसानायके ने उनका त्याग पत्र पढ़ा। राजपक्षे (73) ने अपने त्यागपत्र में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के गंभीर संकट में पड़ने के लिए कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि उन्होंने आर्थिक मंदी का मुकाबला करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने की कोशिश करने जैसे बेहतरीन कदम उठाए। राजपक्षे ने त्यागपत्र में लिखा है, ''मैंने पूरी क्षमता के साथ मातृभूमि की रक्षा की और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहूंगा।'' उन्होंने कहा कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद तीन महीने के अंदर पूरी दुनिया कोविड-19 की चपेट में आ गई। राजपक्षे ने कहा, ''मैंने उस समय पहले से ही खराब आर्थिक माहौल से विवश होने के बावजूद लोगों को महामारी से बचाने के लिए कार्रवाई की।'' उन्होंने कहा, "2020 और 2021 के दौरान मुझे लॉकडाउन का आदेश देने के लिए मजबूर होना पड़ा और विदेशी मुद्रा भंडार घटने लगा। मेरे विचार से, मैंने स्थिति से निपटने के लिए एक सर्वदलीय या राष्ट्रीय सरकार बनाने का सुझाव देकर सबसे अच्छा कदम उठाया।" राजपक्षे ने पत्र में कहा, "नौ जुलाई को पार्टी नेताओं की इच्छा के बारे में पता चलने के बाद मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया।" वह बुधवार को मालदीव चले गए थे और इसके बाद बृहस्पतिवार को सिंगापुर पहुंच गए। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि न तो राजपक्षे ने शरण मांगी है और न ही उन्हें शरण दी गई है तथा उन्हें ''निजी यात्रा'' के लिए प्रवेश की अनुमति दी गई। इस बीच भारत ने श्रीलंका में अभूतपूर्व राजनीतिक संकट और आर्थिक बदहाली के बीच शनिवार को उसे आश्वस्त किया कि वह देश के लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक बहाली में सहयोग करता रहेगा। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को एक मुलाकात में यह आश्वासन दिया। यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब एक दिन पहले अभयवर्धने ने गोटबाया राजपक्षे का राष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर कर लिया था। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया कि बैठक में उच्चायुक्त बागले ने ‘‘खासतौर से ऐसे अहम मोड़ पर लोकतंत्र तथा संवैधानिक ढांचे को बनाए रखने में संसद की भूमिका की सराहना की। उन्हें यह बताया कि हम श्रीलंका के लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक बहाली में सहयोग करते रहेंगे।'' गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। -
हार्डिन (अमेरिका). अमेरिका में मोंटाना राज्य के इंटरस्टेट 90 पर शुक्रवार शाम को कम से कम 20 वाहनों के आपस में टकरा जाने के कारण पांच लोगों की मौत हो गयी है। प्राधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं। गर्वनर ग्रेग गियाफोर्ते ने ट्वीट किया, ‘‘मैं हार्डिन के समीप बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की खबरों से बहुत दुखी हूं। कृपया मेरे साथ पीड़ितों और उनके प्रियजनों के लिए दुआ कीजिए। हम प्रथम बचावकर्ताओं की उनकी सेवा के लिए आभारी हैं।' समाचार चैनल ‘केटीवीए' की खबरों के अनुसार, यह हादसा हार्डिन से पांच किलोमीटर दूर पश्चिम में हुआ।
मोंटाना राजमार्ग गश्ती दल के सर्जेंट जे नेल्सन ने ‘एमटीएन' न्यूज को बताया कि घटना की सूचना शाम करीब साढ़े चार बजे मिली और प्रथम बचावकर्ता 90 मिनट बाद घटनास्थल पर पहुंचे। - कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बुधवार को देश छोड़कर मालदीव चले जाने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच बुधवार को देश छोड़ कर सेना के विमान से मालदीव चले गए।संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने ने घोषणा की कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने विदेश प्रवास के दौरान कामकाज संभालने के लिए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति की है। उन्होंने बताया कि यह संविधान के अनुच्छेद 37(1) के तहत किया गया है।
- कोलंबो। श्रीलंका में, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव जाने के बाद बुधवार को आपातकाल की घोषणा कर दी गई।राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले गए हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय ने मीडिया संगठनों को सूचना दी कि देश में आपातकाल लागू किया गया है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाया गया है।प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को उपद्रव कर रहे लोगों को गिरफ्तार करने तथा उनके वाहन जब्त करने का भी आदेश दिया है।इससे पहले पुलिस ने कोलंबो में फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के समीप एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे।इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव चले जाने की खबरें आने के बाद फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर कूच करते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की।पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे लेकिन इसके बावजूद वे अवरोधकों को हटाकर प्रधानमंत्री के कार्यालय में घुस गए।प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पहले ही कहा है कि वह इस्तीफा देने और सर्वदलीय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार हैं।‘कोलंबो गजट’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारी संसद अध्यक्ष के आवास के आसपास भी एकत्रित हो गए। स्थिति को काबू में करने के लिए सेना को तैनात किया गया है। कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने अगले दो दिनों के लिए एहतियात के तौर पर अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं।