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बचने के लिए आपको अपने पानी के काउंट पर ध्यान देने की जरूरत है। डॉक्टर्स द्वारा रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। वैसे तो शरीर गर्मियों के मौसम में ज्यादा डिहाईड्रेशन का सामना करता है, हालांकि शरीर में पानी की कमी किसी भी मौसम में हो सकती है।
ड्राई माउथ- अगर आप पानी सही से नहीं पीते हैं तो आपका मुंह सूखने लगता है। ऐसे में ये साफ लक्षण है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है। अगर आपको मुंह सुखा लग रहा है तो तुरंत एक ग्लास पानी पीएं।
ड्राई स्किन- सर्दियों के मौसम में कई लोगों को ये परेशानी होती है, लेकिन अगर आपको ऐसा अभी से होने लगा है तो आप समझ लें कि ये पानी की कमी के कारण हो रहा है। ध्यान रखें की आप पानी ज्यादा पीएं और स्किन को सही रखें।
थकावट- अगर आपको हर समय थका-थका महसूस होता है, तो जान लें की ये पानी की कमी के कारण हो रहा है। जब आप ज्यादा पानी नहीं पीते हैं तो आपकी बॉड़ी खून से पानी लेने लगती है। जिसकी वजह से खून में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और कार्बन डायऑक्साइड बढ़ सकता है।
कॉन्सटीपेशन- अगर आपको कॉन्सटीपेशन की समस्या होता रहती है तो आप नियमित तौर पर 8 से 10 गिलास पानी पीएं।
जोड़ों में दर्द- पानी की कमी से जोड़ों में दर्द हो सकता है। 80 प्रतिशत शरीर कार्टिलेज और स्पाइन पानी से बना है। जब आप कम पानी पीते हैं तो आपको घुटनों में दर्द, कमर में दर्द और शोल्डर में दर्द जैसी समस्या होने लगती है।
पेशाब का पीला रंग- ये सबसे ज्यादा खतरनाक होता है जिसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। पेशाब का गहरा पीला रंग यही बताता है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है। साथ ही पेशाब के समय अगर आपको जलन हो रही है तो ये बता रहा है कि आपके शरीर को पानी की जरूरत है। - प्लास्टिक बर्तनों की खूबसूरती हमें अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में हम में से कई लोग मार्केट से तरह-तरह के प्लास्टिक बर्तनों को खरीद लेते हैं और रोजाना उसका इस्तेमाल करने लग जाते हैं। खासतौर पर कई लोग प्लास्टिक से बने प्लेट का इस्तेमाल करना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। कुछ लोग तो प्लास्टिक प्लेट्स में खाना अपने शौक के लिए खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक प्लेट देखने में जितना खूबसूरत होता है, उतना ही आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।जी हां, रिसर्च के मुताबिक, प्लास्टिक प्लेट या फिर डिस्पोजल प्लेट में खाने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, जब आप इन प्लेट्स में गर्म खाना या फिर अन्य गर्म चीजें रखते हैं, तो प्लास्टिक की प्लेट में मौजूद केमिकल्स आपके खाने में मिल सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों को खाने से यह आपके लिए जहरीला साबित हो सकता है।हम में से कई लोग खाने को माइक्रोवेव में गर्म करने के लिए प्लेट में खाना रखते हैं और इसे सीधे माइक्रोवेव में डाल देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। दरअसल, जब आप खाना प्लास्टिक की प्लेट में रखकर सीधे माइक्रोवेव में रखते हैं, तो इसके बहुत से सूक्ष्म कण और प्लास्टिक की थोड़ी-बहुत मात्रा आपके खाने में जा सकती है। ऐसे में जब आप इन भोजन को खाते हैं, तो यह केमिकल्स आपके शरीर में पहुंचकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है।प्लास्टिक प्लेट में मौजूद किस तरह के केमिकल्स से हो सकता है खतरा?शुद्ध प्लास्टिक को बनाने के लिए बीपीए (या बिस्फेनल ए) का इस्तेमाल किया जाता है। बीपीए, मुख्य रूप से पॉलीकार्बोनेट या पीसी (रीसायकल कोड 7) नामक प्लास्टिक के एक प्रकार में पाया जाता है। यह बड़ी मात्रा में शरीर के लिए जहरीला हो सकता है। इसकी वजह से स्तन और प्रोस्टेट कैंसर और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।बीपीए ऐसा केमिकल है, जो आपके शरीर में एस्ट्रोजेन जैसे हार्मोन को असंतुलित कर सकता है। शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन असंतुलित होने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है। हार्मोन असंतुलन होने से मूड में बदलाव, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, ऑयली स्किन, नींद न आना, तनाव, चिड़चिड़ापन, चिंता, कैंसर और कार्डियोवस्क्युलर डिसीज होने का खतरा रहता है। खासतौर पर इसकी वजह से महिलाओं को इंफर्टिलिटी की शिकायत हो सकती है। बीपीए से बने कंटेनरों को गर्म करके खाने से भोजन में बीपीए का स्तर बढ़ जाता है।बच्चों को पहुंचा सकता है नुकसानपर्यावरण के लिए प्लास्टिक बिल्कुल सही नहीं होता है। अगर आप लंबे समय तक बच्चों को प्लास्टिक प्लेट में खिलाते हैं, तो उसके सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। प्लास्टिक प्लेट में लगातार कई दिनों तक खाने से बच्चों की इम्यूनिटी पावर भी वीक हो सकती है।प्लास्टिक पर्यावरण के साथ-साथ आपके सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए प्लास्टिक के प्लेट्स और बर्तनों का इस्तेमाल न करें। अगर आप प्लास्टिक के प्लेट्स या फिर अन्य बर्तनों का यूज कर रहे हैं, तो उसमें खाना गर्म करने की गलती न करें। आपकी यह गलती आपके सेहत पर विपरीत असर डाल सकती है।
- अच्छी नींद की जरूरत हर किसी को होती है। इसके लिए हम आपको एक उपाय बताने जा रहे हैं। बेहतर नींद के लिए सोने से पहले लें दूध के साथ काजू का सेवन करें।काजू प्रोटीन, फैट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो कि दिल की बीमारियों से बचाने के साथ शरीर को कई फायदे पहुंचाते ह, तो वहीं दूध कैल्शियम से भरपूर है और हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं। पर इन दोनों को एक साथ लेने के ज्यादा फायदे हैं।काजू दूध बनाने का सही तरीका-1. थोड़े काजू लें और इसे 4 से 5 घंटे के लिए दूध में भिगो कर रख दें।2. अब इसको ओखली में या सिल बट्टे पर दरदरा कर के कूट लें।3. अब कूटे हुए काजू को एक सॉस पेन या पतीले में डाल लें।4. अब इसमें दूध डाल कर उबालें।5. फिर इसमें और दूध मिलाएं और इसका सेवन करें।काजू दूध के फायदे1. नींद को बेहतर बनाता है काजू दूधकाजू नींद के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें मेलाटोनिन के साथ मैग्नीशियम और जिंक जैसे आवश्यक खनिज होते हैं जो कि नींद में एक बड़ी भूमिता निभाते हैं। मेलाटोनिन, मैग्नीशियम और जिंक का संयोजन अनिद्रा को दूर करते है। ऐसे में जब आपको नींद ना आए, तो आप काजू वाल दूध पी कर सो सकते हैं। इसके अलावा दूध में मौजूद ट्रिप्टोफैन होता है, जो नींद और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें सेरोटोनिन और मेलाटोनिन होता है जो अच्छी नींद दिलाने में मदद करता है।2. स्किन के लिए फायदेमंदकाजू वाला दूध आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। काजू वाला दूध कॉपर से भरपूर होता है जो कि त्वचा में प्रोटीन के निर्माण में एक बड़ी भूमिका निभाता है। ये खनिज कोलेजन और इलास्टिन के उत्पादन को नियंत्रित करता है और त्वचा की लोच बढ़ाने में मददगार है। साथ ही ये त्वचा में झुर्रियों को कम करने में मददगार है।3. गट हेल्थ के लिए फायदेमंदकाजू वाला दूध पीने के फायदे की बात करें तो इसमें विटामिन के होता है जो पेट में सूजन को रोकता है। ये गट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। साथ ही मेटाबोलिज्म को भी सही रखने और बोवेल मूवमेंट को तेज करने में मदद करता है।4. आयरन की कमी को दूर करता हैजब आपके शरीर को पर्याप्त आयरन नहीं मिलता है, तो प्रोटीन हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाता है और शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसके कारण एनीमिया हो जाता है। काजू के दूध से आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए, इसे स्मूदी में ताजा स्ट्रॉबेरी या संतरे के साथ मिलाकर मिला सकते हैं क्योंकि विटामिन सी आयरन के ऑब्जपशन में मदद करता है।5. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता हैकाजू दूध हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है। ये पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड में समृद्ध है। काजू के दूध में पोटेशियम और मैग्नीशियम भी होते हैं जो कि हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं और हृदय रोग को रोक सकते हैं।
- लोग हमेशा जवान दिखना चाहते हैं, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ चेहरे का ग्लो और आकर्षण कम हो जाता है. मगर उन्हें जानकारी नहीं होती कि त्वचा को हमेशा जवान बनाए रखने के लिए कुछ जबरदस्त फूड को डाइट में शामिल करना फायदेमंद होता है. इन एंटी एजिंग फूड्स (Anti-Aging Foods) को नियमित रूप से खाने पर आपको झुर्रियां, मुंहासे या ढीली त्वचा का इलाज पाने के लिए किसी क्रीम की जरूरत नहीं पड़ेगी.आइए जानते हैं त्वचा को हमेशा जवान बनाए रखने के लिए किन एंटी-एजिंग फूड्स (best anti-aging foods) का सेवन करना चाहिए.ये एंटी एजिंग फूड्स प्राकृतिक रूप से बायोटीन, एलेजिक एसिड, विटामिन सी, विटामिन ई प्रदान करते हैं और कोलेजन का उत्पादन बढ़ाते हैं. जिससे त्वचा में कसाव और चमक आता है.1. अंडाअंडा सिर्फ मसल्स को ही मजबूत नहीं बनाता है, बल्कि त्वचा को जवान बनाए रखने में भी मदद करता है. पीले भाग के साथ अंडा खाने से शरीर को प्रोटीन के साथ बायोटीन भी मिलता है. जो कि त्वचा के साथ बालों और नाखूनों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है.2. डार्क चॉकलेटडार्क चॉकलेट में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जो त्वचा को सन डैमेज से बचाने में मदद करते हैं. कई शोध में यह भी पाया गया है कि डार्क चॉकलेट का सेवन करने से त्वचा में रक्त प्रवाह भी सुधरता है. इसलिए झुर्रियों का इलाज (wrinkles problem treatment) करने के लिए यह एक टेस्टी उपाय है.3 गाजरएंटी-एजिंग डाइट में गाजर को जरूर शामिल करना चाहिए. क्योंकि, इसमें बीटा-केरोटीन तत्व भरपूर होता है. जो त्वचा व चेहरे को ग्लोइंग बनाने में मदद करता है और सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है.4. शकरकंदगाजर की तरह शकरकंद में भी बीटा-केरोटीन होता है. जो कि इसे ग्लोइंग स्किन के लिए जबरदस्त फूड बनाता है. इसे आप भूनकर और नमक डालकर खा सकते हैं. इससे त्वचा के बढ़ती उम्र के लक्षण दूर होते हैं.5. शिमला मिर्चअधिकतर लोगों को शिमला मिर्च का सेवन करना पसंद नहीं होता है. लेकिन जब आप जानेंगे कि शिमला मिर्च त्वचा को हमेशा जवान बनाए रखने में मदद करती है, तो आप इसका सेवन जरूर करेंगे. इसमें मौजूद विटामिन सी झुर्रियों की समस्या को दूर करने का जबरदस्त इलाज है.
- इन दिनों स्किन प्रॉब्लम कई हद तक बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानी हो रही है जिसमें सबसे ज्यादा जो देखने को मिल रहा है वो है बेजान और रूखी त्वचा। ऐसे में स्किन का ध्यान रखना बेहद मुश्किल होता है। स्किन की चमक को लौटाने के लिए कई तरह के ब्यूटी प्रॉडक्ट बाजार में आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन अगर आप कुछ नेचुरल चीज को इस्तेमाल करने की तलाश में हैं तो आप खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे तो खजूर सेहत के लिए खूब फायदेमंद होता है लेकिन ये स्किन के लिए भी उतना ही लाभ कारी है। इसमें भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस मौजूद होता है। यह स्किन को जवां और बेदाग बनाने में मदद करता है। अब ऐसे में अगर आप खजूर को स्किन पर लगा सकते हैं। इसे हफ्ते में कम से कम दो बार लगाया जा सकता है।खजूर से बनाएं फेस पैकआप खजूर से फेस पैक बना सकते हैं। इसके लिए खजूर के बीज निकाल कर इनहें दूध में रात भर के लिए भिगो दें। फिर सुबह उठकर उसमें मलाई मिलाएं और अच्छे से पीस कर पेस्ट बना लें। इसमें हल्का सा नींबू मिलाएं और इसे साफ चेहरे पर अच्छे से लगाएं। गर्दन पर लगाना न भूलें। अब इस पैक को कम से कम 20 से 25 मिनट के लिए लगा कर रखें। जब अच्छे से सूख जाए तो स्क्रब करते हुए हटाएं।स्क्रब लगाने के फायदेइसे लगाने के बाद आपकी स्किन बेहद सॉफ्ट महसूस करेगी, क्योंकि इसमें दूध और मलाई मिलाई गई है। मलाई आपकी स्किन को हाईड्रेट करने में भी मदद करती है। ये फेस पैक पिंपल्स और एक्ने की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। अगर आपकी स्किन पर टैनिंग है तो आप इसका इस्तेमाल करें।
- करवाचौध से शुरू फेस्टिव सीजन में कई ऐसे मौके पड़ते हैं जब आपको सोचना पड़ता है कि क्या बनाएं। छोले, पूड़ी, कचौड़ी, पनीर के अलावा अक्सर कोई ऑप्शन नहीं सूझता। दिवाली का त्योहार ज्यादा दिनों तक चलता है इसलिए कुछ अलग डिशेज का प्लान पहले से बना लिया जाए तो बेहतर है। करवाचौथ पर भी कई जगह पूड़ी-कचौड़ी बनती है और कुछ लोग कढ़ी-चावल जैसा कच्चा खाना भी बनाते हैं। इनके साथ सूखी सब्जी में आप भरवां बैंगन ऑप्शन भी रख सकते हैं। अगर आपको बनाना नहीं आता तो रेसिपी यहां सीख सकते हैं।सामग्रीभरवां बैंगन बनाने के लिए आपको चाहिए मीडियम साइज के बैंगन, सौंफ, जीरा, मेथी, सूखी लाल मिर्च, धनिया, खटाई, हल्दी, 1 लाल मिर्च पाउडर, नमक, सरसों का तेल, प्याज और लहसुन।बैंगनसबसे पहले बैंगन में नीचे की तरफ से चीरा लगाएं। इसको चार हिस्सों में इस तरह काटें की ऊपर क्राउन की तरफ जुड़ा रहे। अब कढ़ाई में तेल लें और बैंगन को तल लें और निकाल कर रख लें।मसालाएक पैन में सौंफ, खड़ा धनिया, जीरा, खड़ी मिर्च और मेथी भून लें। अब इसको बर्तन में निकाल लें। इस मसाले को मिक्सी में पीस लें और एक किनारे रख लें। अब मिक्सर में प्याज, मिर्च, लहसुन और एक टुकड़ा अदरक लें और पीस लें। जब ये पिस जाए तो बर्तन मे तेल लें। तेल गरम हो जाए तो जीरा डालें। इसके बाद पिसा प्याज-लहसुन इसमें डालें। जब ये भुनने लगे तो तैयार रखा सूखा मसाला पाउडर डालें। अब इसमें थोड़ी पिसी लाल मिर्च और खटाई डाल लें। अगर आपको लग रहा है कि नमक कम होगा तो थोड़ा नमक डाल सकती हैं। मसाले में खटाई का फ्लेवर बैलेंस करने के लिए आधी छोटी चम्मच चीनी भी डाल लें। जब मसाला भुनने लगे तो इसमें आधा कप पानी डाल लें। जब पानी अच्छी तरह पक जाए तो तले बैंगन इसमें डालें और धीमी आंच करके ढंककर पकाएं। कुछ देर बाद आंच मीडियम कर लें और लगे कि बैंगन तैयार हो गए तो गैस बंद कर दें।
- अमरूद सेहत के लिए जबरदस्त फायदे पहुंचाता है। हल्के हरे रंग का अमरूद खाने में मीठा होता है। अमरूद स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है।आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों के मौसम में अमरूद खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी बढ़ाते हैं। इसलिए ठंड के दिनों में रोजाना ताजे अमरूद का सेवन करें।अमरूद में पाए जाने वाले पोषक तत्वअमरूद में पाया जाने वाला विटामिन ए और ई आंखों, बालों और त्वचा को पोषण देता है। वहीं अमरूद में मौजूद लाइकोपीन नामक फाइटो न्यूट्रएिंट्स शरीर को कैंसर और ट्यूमर के खतरे से बचाने में सहायक होते हैं। अमरूद में बीटा कैरोटीन होता है, जो शरीर को त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाता है।अमरूद के सेवन से मिलने वाले शानदार फायदे1. दांतों के दर्द में आरामअगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो अमरूद की कोमल पत्तियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा इसे चबाने से दांतों का दर्द भी कम हो जाता है।2. कब्ज की समस्या दूर करता हैअमरूद की तासीर ठंडी होती है। ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने का रामबाण इलाज है। अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अमरूद में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है, जिससे अनेक बीमारियों में फायदा होता है।3. डायबिटीज से बचाता हैविशेषज्ञों के अनुसार अमरूद डायबिटीज से बचाता है। इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो-ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढऩे से रोकता है। वहीं, फाइबर्स के कारण शुगर अच्छे से रेगुलेट होती रहती है।4. एंटी एजिंग गुणों से भरपूरएंटी एजिंग गुणों से भरपूर अमरूद स्किन के डैमेज सेल की मरम्मत कर उसे हेल्दी रखता है, जिससे जल्दी झुर्रियां व झाइयां भी नहीं पड़तीं। इसकी पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाएं फिर आंखों के नीचे लगाएं इससे आंखों की सूजन और काले घेरे भी ठीक होंगे।अमरूद खाने का सही समयसुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है।अमरूद खाने का बेस्ट तरीकाअच्छी तरह पके नरम और मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें। इसके बाद छानकर इसके बीज निकाल दें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर सुबह-सुबह 21 दिन तक इसका सेवन करने से शरीर में काफी ताकत आती है।-
- क्या आपको सुबह उठते ही सिरदर्द या सिर भारी-भारी होता है? आपका जवाब अगर हां है, तो इसका कारण आपको पता होना बेहद जरूरी है। लीवर में किसी भी तरह की समस्या सबसे पहले मॉर्निंग डिजीनेस का संकेत देती है।ये भी कारण-एनीमिया या किसी दूसरी वजह से खून में ऑक्सीजन की कमी होती है और सुबह चक्कर आते हैं। इससे आपको उठने का मन नहीं करता और कमजोरी भी जल्दी हो जाती है।-शुगर लेवल बढ़ने या घटने पर मॉर्निंग डिजीनेस की समस्या किसी को भी हो सकती है। वहीं, अगर आपने एक दिन पहले मीठा खाया है, तो इसे चांसेस बहुत ज्यादा है कि आपको अगले दिन बैचेनी हो।-शरीर में पानी की कमी के कारण भी सोकर उठने पर चक्कर आना आम बात है। आप अगर पूरे दिन एक लीटर भी पानी नहीं पीते, तो आपको परेशानी हो सकती है।ये उपाय करेंगे मददये कारण जानने के बाद आप इन पर काम कर सकते हैं। जैसे, ज्यादा पानी पीना, चीनी कम खाना लेकिन इसके अलावा भी ऐसे तरीके हैं, जिनपर अमल करके सुबह की इस परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं।-नींबू पानी पीने से भी मॉर्निंग सिकनेस जैसी परेशानी नहीं रहती।-नींबू पानी पीने के बाद अगर आप 5-7 मिनट्स की वॉक के लेंगे, तो भी आप अच्छा फील करेंगे।-लेमन टी भी मॉर्निंग सिकनेस को दूर करने में कारगर है। इससे आपको रिफ्रेशिंग फील होगा।-सुबह नहाने से भी मॉर्निंग डिजीनेस की समस्या दूर हो सकती है। इसके लिए आपको गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना है।
- चना एक पौष्टिक और एनर्जी देने वाला अनाज है। इसीलिए, इसे कई तरीकों से भारतीय रसोइयों में पकाया और परोसा जाता रहा है। लोग चने की सब्ज़ी, चाट और इसके अंकुरित अनाज का सेवन सलाद के तौर पर करते हैं, लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ना केवल चना खाने बल्कि, इसका पानी पीने से भी सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। जिस पानी में चने भिगोकर रखा जाता है, अगर, कोई व्यक्ति उस पानी को पी ले, तो उसकी रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है। चने का पानी नियमित तौर पर पीने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।डाइट एक्सपर्ट बताती हैं कि चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम और विटामिन ए, बी, सी, डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें विटामिन और मिनरल्स की बहुत अधिक मात्रा पाई जाती है। अगर रोज सुबह भीगे हुए चने का पानी खाली पेट पिया जाए तो शरीर कई बीमारियों से दूर रहता है।ऐसे तैयार करें चने का पानी ---रात में सोने से पहले चने को धोकर रात भर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। इसके अलावा आप इसमें शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।चने के पानी से मिलने वाले लाभ ----1. इम्युनिटी बढ़ेगीरोज़ाना सुबह खाली पेट कच्चे चने के पानी का सेवन करने से शरीर तमाम तरह की बीमारियों से बचा रहेगा और बार-बार बीमार होने का खतरा कम होगा। इससे आपकी इम्युनिटी भी बढ़ेगी।2. ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगारोज़ाना चने का पानी पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद होता है।3. वजन कम करने में मददअगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो रोज भीगे चने का पानी पीएं। इसको पीने से थकान और कमज़ोरी भी महसूस नहीं होती है और पेट भी काफी समय तक भरा हुआ सा महसूस होता है।4. पेट होगा साफये कब्ज़ को दूर करने और पेट को साफ़ करने में काफी मदद करता है। इसके साथ ही गैस, अपच जैसी दिक्कतों से भी निजात दिलाता है।5. स्किन के लिए फायदेमंदभीगे चने का पानी स्किन को अंदरूनी तौर पर साफ करने में भी मदद करता है। ये स्किन सम्बन्धी कई तरह की दिक्कतों को होने से बचाता है और नेचुरल ब्यूटी को बढ़ाने का काम करता है।किस समय पीएं चने का पानीहेल्थ एक्सपट्र्स कहते हैं कि सुबह खाली पेट चने का पानी पीना चाहिए। इससे वजऩ तो कम होता है. साथ ही कमजोर इम्यूनिटी को मजबूत किया जा सकता है।
- भारत के लोगों के लिए चाय की तरह मैगी भी इमोशन है। हेल्थ के नजरिये से देखें तो ज्यादा मैगी खाना ठीक नहीं। हालांकि ओकेजनली टेस्ट बदलने के लिए खाया भी जा सकता है। मैगी लोग कई तरीकों से बनाते हैं। अगर आप कहीं घूमने जाएंगे तो जगह-जगह मैगी पॉइंट्स मिल जाते हैं। वहीं हिल स्टेशन की मैगी का भी अपना स्वाद होता है। अगर आप घर पर इस मैगी का स्वाद लेना चाहते हैं तो यहां देखें रेसिपी।सामग्रीमैगी का पैकेट, प्याज, शिमला मिर्च, गाजर, मटर, नमक, बटर, चाट मसाला, काली मिर्च, लाल मिर्च, टमाटर, हरा धनिया, टमैटो केचअप, ग्रीन चिली सॉस।विधिपैन में पानी रखें। पानी गरम हो जाए तो इसमें प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च और गाजर को बारीक काटकर (आपके पास हरा प्याज, ब्रोकली, फूलगोभी या जो भी सब्जियां हों अपनी पसंद के हिसाब से लें) डालें। साथ में मटर भी ऐड करें। पानी बहुत ज्यादा न रखें। जितना पैकेट में लिखा है उससे बस थोड़ा पानी एक्सट्रा लें ताकि मटर गल जाए। इसमें बहुत हल्का सा नमक डाल दें ये ध्यान रखते हुए कि मसाले में ऑलरेडी नमक होता है, साथ ही बटर भी नमकीन होगा। अब उबलती सब्जियों में लाल मिर्च और मैगी मसाला डाल दें। इसके बाद मैगी तोड़कर डालें। पानी कम होने लगे तो बहुत थोड़ा सा टमैटो सॉस और चिली सॉस मिला दें। अब धनिया काटकर मिला दें। मैगी पक गई हो तो गैस बंद करके इसमें ऊपर से बटर, थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर और जलजीरा पसंद हो तो डालें वर्ना रहने दे सकते हैं।
- विटामिन ए शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है. विटामिन ए के लिए आप कौन से फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैंआइए जानें-----गाजर का इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता है. ये एक लोकप्रिय सब्जी है. शोधकर्ताओं के अनुसार एक कप गाजर आपके दैनिक विटामिन ए की आवश्यकता को लगभग 334 प्रतिशत पूरा कर सकती है.डेयरी प्रोडक्ट -डेयरी प्रोडक्ट में विटामिन ए पाया जाता है. इसमें दूध, दही, पनीर और पौधे आधारित दूध शामिल हैं.ब्रोकोली -ब्रोकोली में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन ए और कैल्शियम से भरपूर होती है. सलाद और सूप के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं.शिमला मिर्च -हरी या लाल शिमला मिर्च विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है. सलाद, पास्ता और अन्य व्यंजन में इस सब्जी को शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा, ये कैरोटीनॉयड में उच्च है और इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं.टमाटर -टमाटर विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत हैं. इनका इस्तेमाल लगभग रोज व्यंजनों में किया जाता है. आप टमाटर का सूप और टमाटर की चटनी का भी सेवन कर सकते है.
- अगर किसी दिन पेट में गैस बन जाए, तो खाना-पीना और काम करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ घरेलू उपचार आजमा सकते हैं. अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट को शांत करने में मदद करते हैं. आप आदरक के पानी का सेवन कर सकते हैं.कैमोमाइल टी आंतों के लिए फायदेमंद है. ये दर्द से राहत देती है और गैस को खत्म करने में मदद करती है. एक कप उबलते पानी में, एक या दो चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल डालें, ढक दें और 5 मिनट उबलने के बाद इसका सेवन करें.बर्फ का पानी और चीनीएक गिलास बर्फ के पानी में दो बड़े चम्मच चीनी डालें, अच्छी तरह से मिलाएं और पिएं. ये शरीर के तरल पदार्थों को स्थिर करने में मदद करता है. कहा जाता है कि ठंडा पानी गले और सीने की परेशानी को दूर करता है.नारियल पानीनारियल का पानी पिएं. इससे आपके पेट को आराम महसूस होता है. नारियल के पानी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. ये पाचन में सहायता करता है और एसिडिटी को रोकता है.बेकिंग सोडाएंटासिड के रूप में काम करता है. ये पेट में एसिड के स्तर को कम करता है. बेकिंग सोडा को पानी में अच्छी तरह मिलाएं और आवश्यकतानुसार इसका सेवन करें.
- स्वस्थ भोजन शरीर और दिमाग दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। जब हम अच्छा खाते हैं, तो हम अच्छा महसूस करते हैं। और जब हम अच्छा महसूस करते हैं, तो हम ज्यादा खुश रहते हैं। इस तरह यह चक्र आपके रिश्तों और संपूर्ण जीवन को सामान्य रूप से प्रभावित करता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि धरती पर कई तरह के स्वस्थ भोजन हैं, जो आपको लंबी उम्र के साथ स्वस्थ जीवन देते हैं। तो आइए जानते हैं ऐसे 8 स्वस्थ खाद्य पदार्थों के बारे में, जो पौष्टिक होने के साथ खाने में स्वादिष्ट और मजेदार भी हैं।एवोकाडो-इसे फलों की दुनिया का मर्माइट कहा जाता है। सप्ताह में एक या दो एवोकाडो खाने से आपको हेल्दी मोनोसैचुरेटेड फैट, पोटेशियम, फोलेट्र विटसमिन के, सी, बी-5, बी-6 और विटामिन ई मिलेगा। पौष्टिकता से भरपूर होने के नाते इसका काम कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड लेवल को कम करना है। इसके अलावा यह न केवल आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाता है, बल्कि गठिया के लक्षणों से राहत देने और कैंसर की रोकथाम के लिए भी स्वस्थवर्धक माना गया है।मसूर की दालदाल भारतीय व्यंजनों का मुख्य हिस्सा है। दालों में भी मसूर की दाल को स्वस्थ भोजन में से एक माना गया है। मसूर में फाइबर, प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होने के चलते यह हार्ट , वजन घटाने और ब्लड शुगर लेवल में हो रहे उतार-चढ़ाव से लडऩे की क्षमता प्रदान करती है। सबसे अच्छी बात है कि इसे पचाना बेहद आसान होता है।डार्क चॉकलेट-कई शोध बताते हैं कि ज्यादातर फ्रूट जूस की तुलना में चॉकलेट में ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसके सेवन से कैंसर , ह्दय से जुड़ी बीमारियां दूर हो जाती हैं। है। यहां तक की कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल के लिए डार्क चॉकलेटको बहुत अच्छा माना गया है।लहसुन-लहसुन बैक्टीरिया को विकसित होने से रोकता है। खासतौर से जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रहता है, उन्हें लहसुन का सेवन जरूर करना चाहिए।चुकंदर-च़ुंकदर एक सुपरफूड है, जो हमारे मस्तिष्क के लिए अच्छा और ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए फायदेमंद है। डॉक्टर्स के अनुसार डिमेंशिया और एक्सरसाइज परफॉर्मेंस में सुधार के लिए यह बेहतरीन इलाज है। जड़ वाली यह सब्जी फोलेट , मैग्ग्रीशियम और विटामिन सी से भरपूर है, इसलिए अभी से ही इसे भोजन के साथ सलाद के रूप में खाना शुरू कर दें।नींबू-हेल्थ इंडस्ट्री में नींबू को दुनिया के सबसे स्वस्थ भोजन में से एक माना गया है। यह खट्टा फल मजबूत एंटीइंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर है। यहां तक की ये कैंसर सेल्स को डवलप होने से रोकने में मदद करता है।पालकपालक पोषक तत्वों से भरपूर सुपरफूड है। इसकी खासियत है कि इसमें कैलोरी बहुम कम मात्रा में होती है और इसके सेवन के हर व्यक्ति ऊर्जा का अनुभव करता है। विटामिन ए, के और फोलेट से भरपूर होने के कारण डॉक्टर्स भी कमजोरी , खून की कमी और आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए पालक खाने की सलाह देते हैं।अखरोट-अध्ययनों के अनुसार, अखरोट धमनियों में सूजन और ऑक्सीडेशन को कम करने जैतून के तेल की तरह ही प्रभावी होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए हिर दिन 8 अखरोट खाने चाहिए।
- मौसम बदलने की आहट से सर्दी, जुकाम, खांसी, वायरल फीवर, मलेरिया आदि अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। इसके अलावा जो लोग अस्थमा के मरीज हैं, उनको भी इस मौसम में सजग हो जाने की जरूरत होती है क्योंकि जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, अस्थमा के मरीजों के लिए भी काफी मुश्किलें बढ़ जाती हैं ।इन सब परेशानियों के बीच गिलोय का सेवन काफी लाभकारी साबित हो सकता है। कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस भरपूर गिलोय एक ऐसी जड़ीबूटी है, जिसे आयुर्वेद में संजीवनी बूटी माना जाता है। ये व्यक्ति की इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ तमाम बीमारियों से बचाती है यहां जानिए गिलोय के फायदे और इसको इस्तेमाल करने का तरीका.....कब्ज और गैस की समस्या दूर करेगिलोय का काढ़ा कब्ज और गैस की समस्या से भी निजात दिलाने में मददगार है। पीलिया के रोगियों के लिए भी गिलोय काफी फायदेमंद माना जाता है। उन्हें इसके पत्तों का रस पीने से काफी आराम मिलता है।बेस्ट इम्युनिटी बूस्टरगिलोय को बहुत ही अच्छा इम्युनिटी बूस्टर माना जाता है । वायरस से होने वाली बीमारियों और मौसमी बीमारियों से बचाने में गिलोय का काढ़ा काफी फायदेमंद साबित होता है। इसे रोजाना पीने से सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।अस्थमा के लिए वरदानगिलोय में भारी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं, इसलिए ये अस्थमा और सांस की अन्य समस्याओं को नियंत्रित करने में काफी कारगर माना जाता है। गिलोय का नियमित सेवन करने से फेफड़े साफ होते हैं और कफ का जमाव नहीं हो पाता।रक्त शोधक है गिलोयएंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर गिलोय को रक्तशोधक माना जाता है। ये शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है और खून को साफ करता है। इसके रेग्युलर सेवन से स्किन से जुड़ी परेशानियों में भी फायदा होता है।डेंगू के मरीजों के लिए लाभकारीडेंगू के दौरान मरीज को रोजाना गिलोय का काढ़ा बनाकर देना चाहिए। इसके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है और प्लेटलेट्स भी तेजी से बढ़ती है और बुखार नियंत्रित होता है।ऐसे बनाएं गिलोय का काढ़ासबसे पहले गिलोय के डंठल को तोड़ लें। इसे धोकर कूट लें और एक गिलास पानी में डालें। इसके साथ तुलसी की पत्तियां, काली मिर्च, थोड़ी अदरक और चुटकीभर हल्दी डालें। इसके बाद पानी को उबलने दें। पानी आधा रहने पर छान लें और गर्मागर्म पीएं। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं।---------
- जीरा नाम सुनते ही सबसे पहले आप तड़का याद आएगा। जीरा एक ऐसा मसाला है, जिसका इस्तेमाल अधिकतर लोग तड़का लगाने के लिए करते हैं। इसके अलावा गर्म मसालों को तैयार करने के लिए भी जीरे का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि जीरा ना सिर्फ आपके खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके इस्तेमाल से आप अपनी खूबसूरती पर भी चार चांद लगा सकती हैं।कैसे तैयार करें जीरा स्क्रबजीरा स्क्रब से महज कुछ ही मिनट के अंदर आपकी स्किन क्लीन हो जाएगी। साथ ही इससे आपके चेहरे पर निखार आएगा। जीरा स्क्रब बनाना काफी आसान है। आइए जानते हैं जीरा स्क्रब बनाने की विधि-पीसा हुआ जीरा - 1 चम्मचशहद - 1 चम्मचबादाम तेल - 1 चम्मचअब इन सभी चीजों को एक कटोरी में डालकर मिक्स करें। अब अच्छे से सभी चीजें मिक्स हो जाए, तो इस मिश्रण को हथेली में लेकर हल्के हाथों से स्क्रब करें। करीब 3 से 4 मिनट तक ऐसा करने से आपकी खूबसूरती में निखार आएगा।स्क्रब करने के बाद क्या करें?चेहरे पर स्क्रब करने के बाद अपने फेस को गुनगुने पानी से साफ करें। इसके बाद अपने चेहरे पर स्किन टोनर लगाएं। आप अपनी स्किन के हिसाब से टोनर लगा सकती हैं। लेकिन अगर आपको यह नहीं पता कि आपकी स्किन के लिए कौन सा टोनर बेस्ट है, तो आप गुलाबजल को टोनर के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं।हर तरह की स्किन के लिए है असरदारजीरा स्क्रब हर तरह की स्किन के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर आपकी स्किन ऑयली या फिर ड्राई है, तो भी आप इस स्क्रब का इस्तेमाल कर सकती हैं। क्योंकि इस स्क्रब में ऐसी सामाग्री का इस्तेमाल हुआ है, तो पूरी तरह से नैचुरल है।डेड स्किन को हटाए जीरा स्क्रबइस स्क्रब के इस्तेमाल से गर्दन और फेस पर मौजूद डेड स्किन तुरंत हट जाएगी। साथ ही यह आपके स्किन पोर्स को गहराई से साफ करेगा। आप इस स्क्रब को सिर्फ चेहरे पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर पर भी लगा सकती हैं।विटामिन -ई से भरपूर होता है जीराजीरा विटामिन ई से भरपूर होता है। आप इस बात से अच्छी तरह वाकिफ होंगे कि विटामिन ई हमारी स्किन के लिए काफी बेहतर होता है। इसके इस्तेमाल से आपकी स्किन ग्लो करती है। साथ ही चेहरे पर मौजूद दा-धब्बे साफ होते हैं।एंटी-फंगल गुणजीरे में एंटी-बैक्टीरियल और एंटिफंगल गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में इस स्क्रब के इस्तेमाल से आप स्किन पर मौजूद संक्रमण से रक्षा कर सकते हैं। इतना ही नहीं जीरा स्क्रब के इस्तेमाल से पिंपल की परेशानी, सूजन, एक्ने, ब्लैक हेड्स, बंप्स और रैशेज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
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अंजीर स्वाद और सेहत दोनों का जबरदस्त कॉम्बिनेशन है. इसे फल और ड्राई फ्रूट दोनों की श्रेणी में रखा जाता है. एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर अंजीर इतनी फायदेमंद होती है कि इसे सुपरफूड माना जाता है. अंजीर में भरपूर मात्रा में तांबा, सल्फर, क्लोरिन विटामिन ए, बी और सी आदि ढेरों पोषक तत्व होते हैं.आमतौर पर ये फल हर मौसम में और हर जगह पर नहीं मिलता, इसलिए इसे सुखाकर ड्राईफूट के तौर बाजार में बेचा जाता है. अगर व्यक्ति दिन की शुरुआत दो भीगी हुई अंजीर को खाकर करे, तो अपने शरीर को तमाम बीमारियों से बचा सकता है
आंखों के लिए
भरपूर मात्रा में विटामिन ए होने के कारण अंजीर को आंखों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसका सेवन रेटिना के बुरे प्रभाव को रोकने का काम करता है.
कैंसर से बचाव
अंजीर में एंटी कैंसर गुण होते हैं. ऐसे में इसका रोजाना सेवन करने से कैंसर जैसी भयानक बीमारी से बचाव होता है. साथ ही कैंसर के मरीज इलाज के साथ इसका सेवन करें, तो उनकी इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है, जिससे उन्हें रोग से लड़ने की ताकत मिलती है.
डायबिटीज में फायदेमंद
इसके अलावा ये डायबिटीज के रोगियों के लिए भी काफी उपयोगी होती है. कहा जाता है कि यदि डायबिटीज के मरीज इसके पत्तों का सेवन दवा के रूप में करें तो उन्हें इंसुलिन के इंजेक्शन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता.
हाई बीपी के लिए
अंजीर में फाइबर, पोटैशियम, ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड पाए जाते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल को हटाने के साथ हाई बीपी को नियंत्रित करते हैं. हाई बीपी के मरीजों को रोजाना रात में अंजीर को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए.
फर्टिलिटी पावर बढ़ाती
अंजीर को फर्टिलिटी को बढ़ाने वाला फ्रूट भी माना जाता है. कहा जाता है कि अगर आपको यौन सम्बंधित समस्या हो, तो आपको रोजाना रात को दूध में दो से तीन अंजीर डालकर सेवन करना चाहिए. इससे ये समस्या काफी हद तक कंट्रोल हो जाती है.
हड्डियों के लिए अच्छी होती है
अंजीर को मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है. इस लिहाज से ये हड्डियों के लिए भी काफी उपयोगी है. रोजाना इसे रात में दूध के साथ लेने से और अच्छे परिणाम मिलते हैं. - हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य सेहतमंद बने रहने के लिए दुनिया में हाथ धोने के महत्व को बताना है। हाथ धोना या हैंड हाइजीन काफी जरूरी है, क्योंकि जब आप हाथ धोते हैं, तो ना सिर्फ आपके हाथों से गंदगी, धूल-मिट्टी, तेल आदि साफ होते हैं, बल्कि बीमार करने वाले कई कीटाणुओं का भी नाश होता है। कोरोना के माहौल में हाथ धोना और भी जरूरी हो गया है। आइए ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे पर हाथ धोने के सही तरीके और सही वक्त के बारे में जान लेते हैं।क्या है हाथ धोने का बेस्ट तरीका?जेपी हॉस्पिटल के लैब मेडिसिन डिपार्टमेंट, माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर Dr. Suryasnata Das के अनुसार, अपने बच्चों को हाथ धोने का ये तरीका सीखाना चाहिए, ताकि उनमें अच्छी आदत आए और वे बीमारियों से दूर रह सकें।- सबसे पहले ठंडे या गुनगुने (ज्यादा गर्म नहीं) साफ पानी से हाथों को गीला कर लें। इसके बाद साबुन या लिक्विड सोप लेकर करीब 20 सेकेंड हाथों को रगड़ें और झाग बनाएं। साबुन को उंगलियों के बीच में, हाथ के पीछे, नाखूनों के पास, कलाई, अंगूठों, उंगलियों की टिप पर भी रब करना ना भूलें। इसके बाद हाथों को साफ चलते पानी से धोकर तौलिये की मदद से सुखा लें।किस समय हाथ धोना है जरूरी? -कीटाणुओं का फैलना रोकने और बीमार पड़ने से बचने के लिए निम्नलिखित स्थितियों में हाथ जरूर धोएं. जैसे--- खाना बनाने या खाने से पहलेवॉशरूम इस्तेमाल करने के बाद- घर में सफाई करने के बाद- पालतू या अन्य जानवर को छूने के बाद-किसी बीमार परिवारवाले या परिचित की सेवा करने या उससे मिलने के बाद- छींकने, खांसने या नाक साफ करने के बाद (चाहे आप ने किसी टिश्यू या रुमाल की मदद ही ली हो)- बाहर से आने के बाद (खेलने, बागवानी करने आदि), आदिहाथ धोने से हम स्वस्थ कैसे रहते हैं?किसी बीमारी से बचने या उसे फैलने से रोकने के लिए एक्सपर्ट हाथ धोने को पहला और जरूरी कदम मानते हैं। इन बीमारियों में कोविड-19, आम जुकाम, फ्लू, हेपेटाइटिस ए, कई प्रकार के डायरिया आदि शामिल हैं।इन तरीकों से कीटाणु एक-दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं.- गंदे हाथ छूने से-गंदे डायपर बदलने पर-- संक्रमित सतहों को छूने परसंक्रमित पानी या खाने से-किसी बीमार व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड के संपर्क में आने पर- खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली ड्रॉप्लेट्स के संपर्क में आने परहाथ धोने के लिए क्या इस्तेमाल करें?अधिकतर स्थितियों में हाथों से बैक्टीरिया या कीटाणु नष्ट करने के लिए साबुन और चलते पानी से हाथ धोना सबसे बेहतर है, हालांकि, जिस स्थिति में आपके पास साबुन या पानी ना हो, तो आप किसी एल्कोहॉल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं, ध्यान रखें कि सैनिटाइजर में 70 प्रतिशत से ज्यादा एल्कोहॉल होना चाहिए। वरना यह कुछ कीटाणुओं के खिलाफ बेअसर हो सकता है।
- राजगिरा या रामदाना के लड्डू तो आपने खूब खाए होंगे। पर क्या आपने कभी इसका आटा खाया है? दरअसल, राजगिरा या अमरनाथ असल में ओट्स गेहूं या चावल जैसा अनाज नहीं है। इसका एक पौधा होता है जिसे कई जगहों पर चौलाई भी कहते हैं और रामदाना उनकी कलियों में होते हैं। रागगिरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन और फाइबर होता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से काम करते हैं।राजगिरा (रामदाना) के आटे के खास पोषक तत्वराजगिरा (रामदाना) कई आवश्यक विटामिनों का भी एक अच्छा स्रोत है, जिनमें विटामिन ए, सी, ई, के, बी5, बी6, फोलेट, नियासिन और राइबोफ्लेविन शामिल हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस और आयरन भी शामिल हैं।राजगिरा का आटा खाने के फायदे1. एनर्जी बूस्टर है राजगिरा का आटाअगर आप अपने नाश्ते में कुछ एनर्जी बूस्टर चीज बनाना चाहते हैं तो आपको राजगिरा का आटे से पराठा और हलवा आदि बना कर खाना चाहिए। जी हां, ऐसा इसलिए क्योंकि राजगिरा के आटे में काब्र्स की एक अच्छी मात्रा होती है। साथ ही ये प्रोटीन से भरपूर है जो कि शरीर को एक किक स्टार्ट देता है।2. सूजन कम करता हैजब हमारे शरीर को चोट लगती है या फिर इंफेक्शन हो जाता है तो हमारा इम्यून सिस्टम सूजन के रूप में रिएक्ट करता है। पर अगर शरीर में बार-बार सूजन रहने लगे तो ये परेशानियां पैदा कर सकता है। ऐसे में आपको शरीर का सूजन कम करने के लिए राजगिरा का आटा खाना चाहिए। दरअसल, इसमें पेप्टाइड्स और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कि दर्द को कम करने के साथ सूजन को कम कर सकते हैं। साथ ही इसमें कुछ ऐसे एंटीबॉडी होते हैं जो कि सूजन से लडऩे में शरीर की मदद करते हैं।3. कब्ज की समस्या को दूर करता हैअगर आपको बार-बार कब्ज की समस्या हो जाती है तो आपको राजगिरा का आटा खाना चाहिए। ध्यान रहे कि इसे दरदरा करके पीसे और तब इस्तेमाल करें। दरअसल, राजगिरा के आटे में फाइबर की एक अच्छी मात्रा होती है।4. मोटापा घटाता हैराजगिरा (रामदाना) के आटे में फाइबर और प्रोटीन दोनों है। ये दोनों ही वेट लॉस में एक जरूरी भूमिका निभाते हैं। दरअसल, प्रोटीन जहां भूख को नियंत्रित करने और एक्सरसाइज आदि करने में हमारी सहायता करता है वहीं फाइबर मेटाबोलिज्म को तेज करता है। इस तरह आप अच्छे से खाना पचा कर और भूख कंट्रोल करके मोटापा घटा सकते हैं। साथ ही राजगिरा (रामदाना) के आटे लाइसिन से भरपूर है, जो कि शरीर के लिए एक जरूरी अमीनो प्रोटीन है जो कि एक हेल्दी मेटाबोलिज्म के अलावा क्रेविंग आदि को भी कंट्रोल करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।5. हड्डियों के लिए फायदेमंदकैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर होने के कारण, राजगिरा का आटा हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है। दरअसल, ये आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में मदद करता है। चूंकि इसमें लाइसिन भी है तो ये शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में भी मदद करता है। साथ ही लाइसिन मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मददगार है। इसलिए हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए आपको राजगिरा का आटा जरूर खाना चाहिए।6. डायबिटीज में है फायदेमंदडायबिटीज के रोगी अक्सर दो चीजों से परेशान रहते हैं। पहला असंतुलित ब्लड शुगर और दूसरा डायबिटी में कब्ज की समस्या। ऐसे में राजगिरा का आटा खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसका फाइबर ब्लड शुगर में अचानक बढ़ोतरी को रोकता है और इसे धीमे-धीमे पचाने में मदद करता है।7. इम्यूनिटी बूस्टर हैराजगिरा में विटामिन सी की एक अच्छी मात्रा होती है। विटामिन सी इम्यून सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है। इसे रेगुलर खाने से ये व्हाइट ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन को बढ़ाकर इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। बता दें कि व्हाइट ब्लड सेल्स इंफेक्शन से लडऩे में काफी प्रभावी है। साथ ही विटामिन सी कोशिकाओं की मरम्मत और तेजी से उपचार के लिए भी जरूरी है।8. कोलेस्ट्राल कम करता हैराजगिरा का आटा दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद है। सबसे पहते तो इसका फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। साथ ही इसमें पाए जानते वाले फाइटोस्टेरॉल भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में काफी मदद करते हैं। साथ ही इसमें पोटेशियम भी होता है जो कि ब्लड सेल्स को चौड़ा करने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।इसके अलावा राजगिरा का आटा त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है। ये त्वचा में कोलेजन को बढ़ावा देता है। तो, इसका आयरन बालों को झडऩे से रोकता है। इसके अलावा ये समय से पहले सफेद हो रहे बालों को भी रोकता है और इसका प्रोटीन बालों के टैक्सचर को बेहतर बनाता है।
- गुड़ हमारी भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। शहर से लेकर गांव तक गुड़ को अलग-अलग व्यंजनों में कई ढंग से इस्तेमाल किया जाता है। गुड़ की मीठी खुशबू और लाजवाब स्वाद से कई उम्दा व्यंजन तैयार किए जाते हैं जिनमें से एक है गुड़ की रोटी। पुराने जमाने में घरों में सुबह-सुबह गुड़ की रोटी बना करती थी। गुड़ की रोटी खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी सेहतमंद भी है। गुड़ की रोटी में विटामिन के, विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन बी3 और अन्य जरूरी पोषक तत्व जैसे मैगनिशियम, सोडियम, जिंक, फॉस्फोरस, फाइबर, प्रोटीन आदि पाए जाते हैं। आइये जानें इसे कैसे बनाते हैं।गुड़ की रोटी कैसे बनाएं?सामग्री: गुड़, आटा, सौंफ, घी, पानीविधि-- एक बर्तन में गुड़ का पाउडर और आधा कप पानी लें।-दोनों को अच्छी तरह मिलाएं और घुल जाने तक अलग रख दें।-अलग बर्तन में आटा लें, आप होल ग्रेन आटा भी ले सकते हैं।-आटे में घी और सौंफ, गुड़ पानी डालकर उसे माढ़ लें।-आटे को अच्छी तरह से चिकना होने तक गूंथें।-अब चकले पर आटे की लोई रखकर उसे हाथ से चिपटा करें।-आपकी रोटी भरवां पराठे से थोड़ी मोटी बनेगी।-इसके बाद तवे पर रोटी डालकर दोनों तरफ से घी लगाकर सेक लें।-गुड़ की रोटी तैयार है, आप इसे दही या सादा खा सकते हैं।गुड़ की रोटी से मिलने वाले पोषक तत्वगुड़ की रोटी बच्चे या बड़े कोई भी खा सकते हैं। अगर आप किसी बीमारी से रिकवर कर रहे हैं तो आप भी गुड़ की रोटी खा सकते हैं। गुड़ की रोटी में करीब 65 प्रतिशत विटामिन बी1, 60 प्रतिशत बी2, करीब 49 प्रतिशत विटामिन बी6, 80 प्रतिशत पोटैशियम, 33 प्रतिशत कॉब्र्स की मात्रा होती है। इसके अलावा गुड़ की रोटी में फाइबर, प्रोटीन, सोडियम, जिंक, फॉस्फोरस, मैग्निशियम, आयरन, विटामिन बी9 आदि मौजूद होते हैं।ठंडक आने से पहले के मौसम में वायरल बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है और संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है ऐसे में आपको गुड़ की रोटी का सेवन करना चाहिए जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।बहुत से लोगों को पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज की समस्या, गैस, जलन आदि की शिकायत होती हैं, इन समस्याओं को दूर करने के लिए आपको गुड़ की रोटी का सेवन जरूर करना चाहिए इससे पाचन तंत्र मजबूत रहेगा।गुड़, रिफाइंड शुगर से कई गुना ज्यादा सेहतमंद होता है, जो लोग डाइट फॉलो करते हैं या वजन कम कर रहे हैं वो इस रोटी को दिन में एक बार खा सकते हैं तो आपका वजन नहीं बढ़ेगा। गुड़ की रोटी खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होगा। गुड़ की रोटी को आप दिन में दो से ज्यादा न खाएं।
- उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर आज के समय में लोगों के बीच तेजी से बढ़ने वाली एक आम समस्या है। इस समस्या से पीड़ित लोगों की धमनियों में खून का दबाव बढ़ जाता है, जिसके कारण दिल को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है। लोगों के बीच यह समस्या ज्यादातर अधिक तला-भुना, चिकनाई युक्त भोजन करने और शारीरिक श्रम न करने की वजह से होती है। अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो अपनी डाइट में ये 5 फल शामिल करना बिल्कुल न भूलें।न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट के अनुसार स्ट्रॉबेरी में एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं, जो एक प्रकार का फ्लेवोनोइड होता है। एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि एंथोसायनिन (मुख्य रूप से स्ट्रॉबेरी) का सबसे ज्यादा सेवन करने वाले लोगों में कम एंथोसायनिन सेवन वाले लोगों की तुलना में उच्च रक्तचाप के जोखिम में 8 प्रतिशत की कमी आई थी।1-कीवी-ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए कीवी बेहद फायदेमंद फल है। कीवी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करती है। कीवी में मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने में मदद करते हैं। कीवी का सेवन करने से दिल के दौरे, स्ट्रोक का खतरा कम होता है। बीपी के रोगियों को रोजाना इससे बने जूस का सेवन करना चाहिए।2-तरबूज-तरबूज में मौजूद अमीनो एसिड,पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन ए, लाइकोपीन जैसे तत्व हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा तरबूज में मौजूद पोटैशियम एक्सरसाइज के दौरान ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।3-आम-फलों का राजा आम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है। आम में मौजूद फाइबर और बीटा कैरोटीन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।4-स्ट्रॉबेरी-स्ट्रॉबेरी में भरपूर ऐंटिऑक्सिडेंट, विटमिन सी और ओमेगा 3 फैटी ऐसिड होता है।इसमें मौजूद पोटैशियम उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करनेमें मदद करता है।5-केला-उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में पोटैशियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केला पोटैशियम, ओमेगा-3, फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत है।
- सेब दुनियाभर में सबसे अधिक खाया जाने वाला फल है. अपने बेहतरीन गुणों के कारण इसे जादुई फल भी कहा जाता है. इसमें पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट और बीमारियों से लड़ने वाले तत्व पाए जाते हैं. सेब में कुछ ऐसे भी तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में नई कोशिकाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करते हैं. सेब में पेक्टिन जैसे फायदेमंद फाइबर्स पाए जाते हैं. हर रोज एक सेब खाने से कैंसर, हाइपरटेंशन, मधुमेह और दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. डाइट एक्सपर्ट के अनुसारसुबह नाश्ते के 1 घंटे बाद या लंच करने के 1 से 2 घंटे बाद सेब का सेवन करना सबसे अधिक लाभकारी होता है. आप नियमित रूप से इस समय पर 1 सेब खा सकते हैं. खाली पेट यानी जब सुबह उठकर आपने कुछ ना खाया हो और सबसे पहले सेब ही खा लें. ऐसा करने से आपको पेट में जलन, गैस या बेचैनी हो सकती है.00 सेब के सेवन से बढ़ती उम्र की वजह से मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव को दूर करने में मिलती है.00 सेब में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर्स पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया को सही रखने में मददगार होते हैं.00 सेब का नियमित सेवन करने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है.00 सेब के नियमित सेवन से टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है.00 सेब का सेवन दिल के लिए बहुत अच्छा होता है. इससे कब्ज की समस्या भी नहीं होती है.00वजन को नियंत्रित करने के लिए भी सेब का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है.00 सेब में विटामिन C संतुलित मात्रा में होता है. साथ ही साथ इसमें आयरन और बॉरोन भी पाया जाता है. इन सभी के क़ॉम्बीनेशन से हड्डियों में ताकत आती है.
- देश में इस समय त्योहारों का मौसम चल रहा है। पहले नवरात्रि फिर दीपावली और अन्य कई त्योहार। इसमें से कई त्योहारों में व्रत रहने की प्रावधना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो व्रत रहना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, हालांकि नवरात्रि जैसे नौ दिनों के व्रत में शरीर में ऊर्जा की कमी होना स्वाभाविक है। व्रत के दिनों में शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखना भी आवश्यक होता है, ऐसे में आपको उन पेय पदार्थों का सेवन जरूर करना चाहिए, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ तमाम तरह के पोषक तत्वों की भी पूर्ति कर सकें।नारियल पानीनारियल पानी को कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। नारियल पानी आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ तरोताजा करने में मदद कर सकता है। कई बीमारियों में डॉक्टर रोगियों को नारियल पानी पीने की सलाह देते हैं। नारियल के पानी में कैलोरी की मात्रा कम होती है और इसे फैट और कोलेस्ट्रॉल से भी मुक्त माना जाता है।लस्सीइस त्योहारी सीजन में लस्सी का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। लस्सी, दही से बनाया जाता है, यही कारण है कि इसे प्रोबायोटिक्स का एक समृद्ध स्रोत माना जाता जो पाचन में सहायता कर सकती है। लस्सी पेट को शांत करते हुए आंत के स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है। त्योहारी मौसम में शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए लस्सी का सेवन करना बेहतर विकल्प हो सकता है।शिकंजीनींबू पानी का सेवन वर्षों से तमाम प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। शिकंजी शरीर को विटामिन सी प्रदान करता है जिसे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाला माना जाता है। शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखने के साथ पेट को ठीक रखने में भी शिकंजी पीना सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है। चूंकि नींबू में तमाम प्रकार के अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जिनकी शरीर को बहुत आवश्यकता होती है, ऐसे में शिकंजी का सेवन करना सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है।
- बच्चे को शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है उनका खानपान कैसा है. डाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह बताती हैं कि बच्चों को मानसिक रूप से तेज बनाने के लिए उनकी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जो सीधे ब्रेन को भरपूर पोषण देती हों.अंडे का सेवनअंडा भी बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, ल्यूटिन, कोलिन और जिंक होता है. ये सभी पोषक तत्व शिशु की ध्यान लगाने की क्षमता को बढ़ाते हैं. कोलिक एसिटेकोलिन या मेमोरी स्टेम सेल्स बनाने में मदद करता है. इस तरह अंडा खाने से बच्चों की याददाश्त में सुधार आता है.साबुत अनाज का सेवनसाबुत अनाज बच्चों के दिमाग को निरंतर एनर्जी देता रहता है. ये रक्त वाहिकाओं में ग्लूकोज को धीरे से रिलीज करता है. इससे शिशु के शरीर में दिनभर एनर्जी बनी रहती है. इसमें मस्तिष्क के सही तरह से कार्य करने के लिए जरूरी फोलिक एसिड भी होता है.ओट्स का सेवनओट्स विटामिन ई, जिंक और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स प्रचुरता में पाया जाता है. ओटमील में फाइबर भी उच्च मात्रा में होता है जिससे शिशु के शरीर को एनर्जी मिलती है. बच्चों को नाश्ते में ओट्स खिलाने से मस्तिष्क के कार्यों में सुधार आने में मदद मिलती है.मछली का सेवनबच्चों का दिमाग तेज करने के लिए मछली जरूरी है. फैटी फिश जैसे कि सैल्मन, ट्यूना और मैकरेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो मस्तिष्क के ऊतकों के ब्लॉक बनाने में मदद करता है. ओमेगा-3 फैटी एसिड के और भी कई फायदे होते हैं. इससे शिशु के मस्तिष्क के कार्यों और विकास में मदद मिलती है.हरी सब्जियों का सेवनतेज दिमाग के लिए पालक, केले, ब्रोकोली और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां सहायक होती हैं. कुछ अन्य सब्जियां जैसे टमाटर भी बेहतर हैं, यहां तक कि ब्लूबेरी, रास्पबेरी और ब्लैकबेरी भी एंटीऑक्सिडेंट से भरे होते हैं, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है.
- खट्टा लगने वाला नींबू सेहत के लिए जबरदस्त लाभ देता है. नींबू के बारे में कहा जाता है कि भले ही यह स्वाद में खट्टे होते हैं, लेकिन इनमें सेहत के कई मीठे फायदे छिपे होते हैं. नींबू का सेवन करने से शरीर का पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है. साथ ही नींबू पानी पीने से आपके शरीर की एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होती है और वजन घटाने में भी मदद मिलती है. आयुर्वेद में भी नींबू का अपना महत्व है. आयुर्वेद के अनुसार, नींबू का उपयोग शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भी समृद्ध है, जो रक्त को साफ करने और अस्थमा की स्थिति में भी उपयोगी हो सकता है.नींबू में पाए जाने वाले पोषक तत्वनींबू में विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन इ, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन, फास्फोरस, जस्ता, फोलेट, तांबा, पैंटोथेनिक एसिड, नियासिन थायमिन और कई तरह के प्रोटीन इत्यादि पोषक तत्व होते हैं. यह पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं.पाचन तंत्र के लिए बेहतर नींबूस्वाद में खट्टे नींबू में सेहत के कई मीठे फायदे छिपे होते हैं. नींबू का सेवन करने से शरीर का पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है. नींबू पानी पीने से आपके शरीर की एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होती है और वजन घटाने में भी मदद मिलती हैमुंहासों से मिलती है राहतसेहत के अलावा स्किन के लिए भी नींबू बेहद लाभकारी है. नींबू के बीज एंटीबैक्टीरियल होते हैं, जो आपके चेहरे पर आने वाले मुंहासों को दूर करने का काम करते हैं.वजन कम होता हैबेली फैट और वजन कम करने के लिए रोज सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़ कर खाली पेट पीना चाहिए. आप चाहें तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं.हाई शुगर वाले मरीजों के लिए फायदेमंदहाई शुगर वालों के लिए नींबू पानी एक बेहतर विकल्प माना जाता है. खासतौर से उनके लिए जो डायबिटीज के मरीज हैं या वजन कम करना चाहते हैं. यह शुगर को गंभीर स्तर तक पहुंचाए बिना शरीर को हाइड्रेट करता है व इससे एनर्जी भी मिलती है.पेट दर्द से राहत देता हैनींबू के रस में अदरक का रस थोड़ी सी शक्कर मिलाकर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है. सब्जियों और दालों पर नींबू निचोड़ कर खाने से सब्जियों के स्वाद और पोषक तत्व में वृद्धि होती है. इससे डिशेज को जल्दी पचाने में भी मदद मिलती है.
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युवाओं में मधुमेह की बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि हर साल लाखों नए लोगों में इस गंभीर और क्रोनिक बीमारी का निदान किया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अग्न्याशय द्वारा पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाला हार्मोन) का उत्पादन न कर पाने या शरीर द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग न हो पाने के कारण डायबिटीज की समस्या हो सकती है। डॉक्टरों की मानें तो कुछ दशकों पहले तक मधुमेह को उम्र के साथ होने वाली स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जाता था, हालांकि अब यह कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लड शुगर के बढ़े हुए स्तर (हाइपरग्लाइकेमिया) पर अगर ध्यान न दिया जाए या इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह नसों और रक्त वाहिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, साल-दर-साल दुनियाभर में मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वयस्कों में बढ़ती इस बीमारी के लिए बचपन में मोटापे के साथ जीवनशैली की तमाम तरह की गड़बड़ी को मुख्य कारक माना जाता है। हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञों के मुताबिक जीवनशैली में बदलाव करके प्री-डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज को काफी हद तक रोका जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
हार्वर्ड वैज्ञानिक बताते हैं, अधिक वजन या मोटापे के शिकार लोगों में टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि पेट की चर्बी, वसा कोशिकाओं को प्रो-इंफ्लेमेटरी रसायनों को छोडऩे के लिए प्रेरित करती है जिसके परिणामस्वरूप शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील बन जाता है। यह स्थिति इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं के कार्य और उनकी क्षमता को बाधित कर देती है। इन समस्याओं से बचे रहने के लिए सभी लोगों को अपने वजन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
हार्वर्ड वैज्ञानिकों के मुताबिक एक ही जगह पर लगातार बैठकर काम करते रहने या दिनभर आराम करते रहने की आदत सेहत के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। इस तरह की शारीरिक निष्क्रियता टाइप-2 मधुमेह के जोखिम को बढ़ावा देती है। मांसपेशियों को सक्रिय रखने से इंसुलिन के बेहतर उपयोग और ग्लूकोज को अवशोषित करने की उनकी क्षमता में सुधार किया जा सकता है। हार्वर्ड टीएच चैन की रिपोर्ट के अनुसार शरीर को फिट रखने और मधुमेह से सुरक्षित रखने के लिए कम बैठने और ज्यादा चलने की आदत डालें।
हार्वर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि शरीर को फिट और टाइप-2 मधुमेह से सुरक्षित रखने के लिए अपने आहार में इन चार बातों का विशेष ध्यान रखना आवशयक है।
इन बातों का रखें ध्यान...
०० मीठे पेय से दूरी बना लें। इसकी जगह फलों के जूस का सेवन करें।
०० आहार में हेल्दी फैट वाली चीजों को शामिल करें।
०० रेड मीट का सेवन कम से कम करें।
०० प्रोसेस्ड मीट खाने से बचें। इसके बजाय नट्स, बीन्स, साबुत अनाज, पोल्ट्री या मछली का सेवन बढ़ाएं।