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मेनलो पार्क (अमेरिका)। फेसबुक ने कहा है कि वह चेहरे पहचानने की प्रणाली को बंद करेगा और एक अरब से भी ज्यादा लोगों के फेसप्रिंट मिटाएगा। फेसबुक की नयी पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी ‘मेटा' में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभाग के उप प्रमुख जेरोम पेसेंटी द्वारा मंगलवार को पोस्ट किए गए ब्लॉग के अनुसार, ‘‘प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरा पहचानने के उपयोग की दिशा में यह कदम सबसे बड़ा बदलाव होगा।'' पोस्ट के अनुसार, ‘‘फेसबुक के सक्रिय उपयोक्ताओं में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने हमारी चेहरे पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है और वह पहचान करने में सफल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप एक अरब से भी ज्यादा लोगों के चेहरे पहचानने के टेम्लेट को मिटाया जाएगा।'' - ग्लासगो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से इतर माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और परमार्थ कार्यों के लिए प्रसिद्ध बिल गेट्स से मुलाकात की। मोदी और अमेरिका के अरबपति उद्योगपति की बैठक गेट्स द्वारा छोटे द्वीपीय देशों में ढांचे के विकास की पहल रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स (आईआरआईएस) शुरू किए जाने के बाद हुई है। गेट्स का फाउंडेशन महामारी से मुकाबले के लिए काफी काम कर रहा है। इस बैठक का ब्योरा तत्काल उपलब्ध नहीं हो पाया। सोमवार को गेट्स ने कहा था कि इस साल संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन मुख्य रूप से नवोन्मेष पर केंद्रित रहेगा। उन्होंने आगे की राह को लेकर भरोसा भी जताया था। गेट्स ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सीओसी-26 में दुनिया को एकसाथ लाकर विकास को तेज किया जा सकता है और स्वच्छ ऊर्जा की स्वीकार्यता को बढ़ाया जा सकता है।
- ग्लासगो । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को छोटे द्वीपीय देशों में बुनियादी ढांचे के विकास की खातिर, ‘‘छोटे द्वीपीय देशों के लिए लचीली आधारभूत संरचना'' (आईआरआईएस) पहल की शुरुआत की और कहा कि यह सबसे संवेदनशील देशों के लिए कुछ करने की नयी उम्मीद, नया आत्मविश्वास और संतोष प्रदान करती है। जलवायु शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन यहां इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी शामिल हुए। मोदी ने इस पहल की खातिर ‘‘आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन'' (सीडीआरआई) को बधाई दी और कहा कि उनके लिए सीडीआरआई या आईआरआईएस केवल बुनियादी ढांचे नहीं हैं बल्कि यह मानव कल्याण की बहुत संवेदनशील जिम्मेदारी का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह मानव जाति के प्रति हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। एक प्रकार से यह हमारे पापों का साझा प्रायश्चित है। पिछले कुछ दशकों ने साबित कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से कोई भी देश नहीं बच पाया है। चाहे वे विकसित देश हों या प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश, यह सभी के लिए एक बड़ा खतरा है।" उन्होंने कहा कि छोटे द्वीपीय विकासशील देशों या एसआईडीएस को जलवायु परिवर्तन से, सबसे बड़े खतरे का सामना करना पड़ता है और भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो उनके लिए एक विशेष ‘डेटा विंडो' बनाएगी ताकि उन्हें उपग्रह के जरिए चक्रवात, ‘कोरल-रीफ' निगरानी, तट-रेखा निगरानी आदि के बारे में समय पर जानकारी प्रदान की जा सके। इस मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि यह कटु सत्य है कि कमजोर व छोटे द्वीपीय देश ‘ग्लोबल वार्मिंग' के कारण होने वाला नुकसान झेलने में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि समस्या पैदा करने में उन देशों की कोई भूमिका नहीं है और उन्होंने वातावरण में कार्बन डाइआक्साइड की भारी मात्रा का उत्सर्जन भी नहीं किया है। जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन आईआरआईएस पहल में आर्थिक रूप से योगदान दे रहा है। वहीं ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने सीडीआरआई नेतृत्व के लिए भारत और ब्रिटेन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "मैं भारत के सीडीआरआई के लिए अमेरिका और जापान के समर्थन सहित क्वाड समर्थन को स्वीकार करता हूं।" आईआरआईएस पहल ‘‘आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन'' का हिस्सा है जिसके तहत विशेष रूप से छोटे द्वीपीय विकासशील देशों में प्रायोगिक परियोजनाओं के साथ क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाना है।
- काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक सैन्य अस्पताल के सामने नागरिकों को निशाना बनाकर मंगलवार को बम विस्फोट किया गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कम से कम 16 घायल हो गए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। तालिबान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खोस्ती ने एक ट्वीट में कहा कि सरदार मोहम्मद दाऊद खान सैन्य अस्पताल के सामने विस्फोट हुआ। उन्होंने बताया कि विशेष सुरक्षा बल घटनास्थल पर मौजूद हैं। काबुल के 10वें जिले में निवासियों ने दो धमाके और गोलियों की आवाज सुनने की बात कही है। बाद में मंगलवार को निकट के वजीर अकबर खान अस्पताल के सैयद अब्दुल्ला अहमदी के निदेशक ने कहा कि उनके अस्पताल में तीन लोगों के शव और सात घायलों को लाया गया है। वहीं नौ अन्य को अफगानिस्तान आपात अस्पताल ले जाया गया है। इस हमले की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। हाल के सप्ताह में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने कई हमलों को अंजाम दिया है।
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ग्लासगो । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि भारत एक मात्र देश है जो पेरिस समझौते के तहत जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए ‘ उसकी भावना' के तहत ‘अक्षरश:' कार्य कर रहा है। ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र सीओपी-26 के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मोदी ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। उन्होंने जीवनशैली में बदलाव का आह्वान करते हुए कहा कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील जीवनशैली जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए दीर्घकालिक उपाय हो सकता है। प्रधानमंत्री ने आह्वान किया कि ‘‘ पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली' को वैश्विक मिशन बनाया जाए। मोदी ने दोहराया कि विकसित देशों को जलवायु वित्तपोषण के लिए एक खरब डॉलर देने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी उसी तरह की जानी चाहिए जैसा जलवायु शमन की होती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत उम्मीद करता है कि विकसित देश यथाशीघ्र जलवायु वित्तपोषण के लिए एक खरब डॉलर उपलब्ध कराएंगे। जैसा हम जलवायु शमन की निगरानी करते हैं, हमे जलवायु वित्तपोषण की भी उसी तरह निगरानी करनी चाहिए। वास्तव में न्याय तभी मिलेगा जब उन देशों पर दबाव बनाया जाएगा जो जलवायु वित्तपोषण के अपने वादों को पूरा नहीं कर रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ भारत वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने को लेकर प्रतिबद्ध, वर्ष 2030 तक जीवाश्म ईंधन के उपयोग में उल्लेखनीय कमी लाएगा और नवीनीकरण ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाएगा।'' उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक अनुमानित उत्सर्जन में से एक अरब टन कार्बन उत्सर्जन कम करेगा, भारत कार्बन की गहनता में 45 प्रतिशत तक कटौती करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया की आबादी में भारत की 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन कार्बन उत्सर्जन में योगदान महज पांच प्रतिशत है ।
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मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के औषधि और चिकित्सा उपकरणों के नियामक ने सोमवार को भारत के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को औपचारिक रूप से मान्यता दी। देश की सीमा भी लगभग 20 महीनों में पहली बार फिर से खोल दी गई है। भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविशील्ड भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दो टीके हैं। ऑस्ट्रेलिया कोविशील्ड को पहले ही मान्यता दे चुका है। ऑस्ट्रेलिया के औषधि और चिकित्सा उपकरण नियामक टीजीए ने कहा, ‘‘थेरापेटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) ने तय किया है कि कोवैक्सीन (भारत बायोटेक द्वारा निर्मित) और बीबीआईबीपी-कोर वी (शिनोफार्म, चीन द्वारा निर्मित) को यात्रियों के टीकाकरण की स्थिति के लिए मान्यता दी जाएगी।'' यह मान्यता 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के यात्रियों के लिए है जिन्हें कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है और उन 18 से 60 वर्ष के लोगों के लिए है जिन्हें बीबीआईबीपी-कोर वी का टीका लगाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैनबरा के निर्णय का स्वागत करते हुए कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए ऑस्ट्रलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन का आभार जताया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारत के कोवैक्सीन को ऑस्ट्रेलिया द्वारा मान्यता दिए जाने पर मैं अपने मित्र स्कॉट मॉरिसन को धन्यवाद देता हूं। कोविड-19 के बाद दोनों देशों के बीच साझेदारी में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।'' वह फिलहाल ग्लासगो में कॉप-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए हुए हैं। डब्ल्यूएचओ ने अभी तक फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो/सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जॉनसन एंड जॉनसन - जानसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है। भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ'फेरेल एओ ने ट्वीट किया, ‘‘टीजीए द्वारा कोवैक्सीन को मान्यता दे दी गई है। यात्रा उद्देश्य के लिए यह टीका मान्य होगा। '' इस बीच, ऑस्ट्रेलिया की अंतरराष्ट्रीय सीमा सोमवार को फिर से खोल दी गई। लगभग 20 महीने के कठोर प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया गया। महामारी के बाद मार्च 2020 में अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए अपनी सीमाओं को बंद करने वाला ऑस्ट्रेलिया शुरुआती देशों में शामिल था। महामारी की शुरुआत के तुरंत बाद सरकार ने कहा था कि केवल नागरिकों और स्थायी निवासियों को ही प्रवेश करने की अनुमति होगी और उन्हें दो सप्ताह होटल में पृथक-वास से गुजरना होगा।
- ब्रासीलिया। ब्राजील के एल्टीनोपोलिस शहर की डुआस बोकस गुफा में तकनीक एवं प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण के तहत अभ्यास कर रहे बचाव दल के सदस्य रविवार को गुफा का एक हिस्सा ढहने के कारण उसमें फंस गए, जिसके कारण कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। साओ पाउलो के अग्निशमन विभाग ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अंदर फंसे लोगों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अग्निशमन विभाग के मुताबिक, यह हादसा उस समय हुआ जब बचाव दल के 27 सदस्य प्रशिक्षण अभियान के तहत तकनीक एवं प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण ले रहे थे। उसी दौरान गुफा का एक हिस्सा ढह गया और उसमें बचाव दल के 16 सदस्य फंस गए। यह गुफा साओ पाउलो से करीब 300 किलोमीटर दूर एल्टीनोपोलिस शहर के नजदीक स्थित है।
- ग्लासगो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्कॉटलैंड में प्रवासी भारतीयों से बातचीत की, जो उनकी आवक्ष प्रतिमा के साथ उनका अभिनंदन करने के लिए यहां एकत्र हुए थे। मोदी, रविवार रात ग्लासगो पहुंचे। पक्षकारों के 26 वें सम्मेलन (सीओपी26) के उद्घाटन समारोह के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने स्कॉटलैंड में भारतीय समुदाय के सदस्यों से विशेष बातचीत की। स्कॉटलैंड के एक चिकित्साकर्मी ने प्रधानमंत्री को उनकी एक आवक्ष प्रतिमा भेंट की। बातचीत के दौरान उसका औपचारिक रूप से अनावरण किया गया। मोदी ने भी उन्हें आवक्ष प्रतिमा पर लगाने के लिए अपना चश्मा दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मुलाकात के शीघ्र बाद ट्वीट में कहा, ‘‘हमारे लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए भारतीय समुदाय के सदस्य और भारतीय विषयों के छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए ग्लासगो में एकत्र हुए। '' समुदाय के नेताओं के साथ उनकी बातचीत में ग्लासगो और एडिनबर्ग के प्रवासी भारतीय समुदाय के चिकित्साकर्मी, विद्वान और कारोबारी सहित करीब 45 प्रतिनिधियों के साथ उनकी एक बैठक भी शामिल है। मोदी ने प्रिंस विलियम के अर्थशॉट पुरस्कार विजेता, दिल्ली की पुनर्चक्रण (रिसाइकलिंग) कंपनी टकाचार के संस्थापक विद्युत मोहन और पुरस्कार के अंतिम चरण में जगह बनाने वाली तमिलनाडु की 14 वर्षीय विनिशा उमाशंकर से भी मुलाकात की, जो सौर ऊर्जा चालित इस्त्री करने की गाड़ी की आविष्कारक हैं।-
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रोम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर रविवार को रोम में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी, कारोबार, अर्थव्यवस्था और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक मोदी ने अगले साल जी-20 की अध्यक्षता मिलने पर इंडोनेशिया को बधाई दी और ट्रोइका (पूर्ववर्ती, मौजूदा और आगामी जी-20 अध्यक्षता)के हिस्से के तौर पर भारत के समर्थन का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘आज राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिलकर खुशी हुई। भारत-इंडोनेशिया के मौजूदा सहयोग के क्षेत्रों और नए आयामों पर चर्चा की जहां पर दोनों देश अपने नागरिकों और पूरे ग्रह के लाभ के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।'' प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘ इंडोनेशिया के साथ मजबूत संबंध भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति' और ‘सागर' दृष्टिकोण का अहम हिस्सा है। बातचीत के दौरान आर्थिक संबंध सुधारने और सांस्कृतिक सहयोग पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।'' गौरतलब है कि ‘सागर' ‘‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' का संक्षिप्त शब्द है जिसे 2015 में पेश किया गया था। -
रोम। कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के हथियारों में टीको को एक अहम हथियार रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित जी-20 देशों के नेताओं ने रविवार को विकासशील देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने और बाधाओं को दूर करने का संकल्प लिया। इसके साथ ही जी-20 नेताओं ने 2021 के अंत तक कम से कम 40 प्रतिशत तथा 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता पर सहमति जताई।
इटली की राजधानी रोम में आयोजित जी-20 समूह के सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं ने घोषणापत्र जारी करके कोविड-19 से निपटने के प्रयासों के लिए स्वास्थ्य सेवा एवं अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया। शिखर सम्मेलन के बाद यहां जारी घोषणापत्र में जी-20 देशों ने कहा, '' हम स्वीकार करते हैं कि टीका कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के हथियारों में सबसे अहम है, इसके साथ ही दोहराते हैं कि व्यापक कोविड-19 टीकाकरण वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी कोशिशों को तेज करेंगे रि समान तरीके से और सार्वभौमिक आधार पर सुरक्षित ,वहन करने योग्य, गुणवत्ता युक्त और प्रभावी टीका, इलाज और जांच सभी को प्राप्त हो सके, खासतौर पर निम्न और मध्यम आय देशों के संदर्भ में।''
घोषणा पत्र में कहा गया, '' विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वैश्विक टीकाकरण रणनीति के तहत वर्ष 2021 के अंत तक सभी देशों की कम से कम 40 प्रतिशत आबादी और अगले साल के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम मदद करेंगे, हम टीके, अन्य आवश्यक चिकित्सा उत्पादों और अव्ययों की विकासशील देशों तक आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठाएंगे और आपूर्ति एवं वित्तीय बाधाओं को दूर करेंगे।'' जी-20 नेताओं ने अपने स्वास्थ्य मंत्रियों से कहा कि वे इस संबंध में निगरानी करें और जैसा की जरूरी है वैश्विक टीकाकरण बढ़ाने की संभावना तलाशें। घोषणा पत्र में कहा गया, ''हम अनुसंधान और विकास का समर्थन करने के साथ-साथ सुनिश्चित करेंगे कि उनके उत्पादन का दुनियाभर में समान आधार पर वितरण हो और यह आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर, वैश्विक टीका उत्पादन व क्षमता का विस्तार, विविधिकरण स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर किया जाएगा। इसके साथ ही टीके की स्वीकार्यता और उसके प्रति विश्वास को प्रोत्साहित किया जाएगा और भ्रामक सूचना से लड़ा जाएगा। जी-20 नेताओं ने सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पर्याप्त पोषण और किसी को पीछे नहीं छोडऩे की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही घोषणापत्र में कहा गया है कि भारत समेत जी20 देश 2030 तक जैवविविधता ह्रास को रोकने और क्षतिपूर्ति की कार्रवाइयों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जी-20 देशों ने यह घोषणा भी की कि वे सुरक्षित और क्रमबद्ध तरीके से अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू करने के लिए प्रयास करने पर सहमत हुए हैं। जी-20 ने कहा, '' उन्हें वर्ष 2022 में इंडोनेशिया, वर्ष 2023 में भारत में और वर्ष 2024 में ब्राजील में दोबारा बैठक को इंतजार है। - रोम। स्कॉटलैंड में रविवार से शुरू होने वाले जलवायु सम्मेलन से पहले ब्रिटेन ने दुनिया के लिए इसके व्यापक निहितार्थ को प्रभावी प्रतीक के तौर पर दर्शाने के मकसद से अंटार्कटिका में बर्फ के एक पतले टुकड़े का नाम ‘ग्लासगो ग्लेशियर' रखा है। सीओपी26 शिखर सम्मेलन के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ विश्व के 120 से अधिक नेता ग्लासगो में शामिल होंगे। ब्रिटेन वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 डिग्री फारेनहाइट) तक सीमित करने के लिए 2015 में पेरिस में सहमत लक्ष्य को पूरा करने के अंतिम अवसरों में से एक बता रहा है। इंग्लैंड में लीड्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के गेट्ज बेसिन में ग्लेशियरों की एक श्रृंखला का अध्ययन किया है और पाया कि जलवायु परिवर्तन के कारण 1994 और 2018 के बीच जमीन से समुद्र तक की उनकी यात्रा की गति में औसतन 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 315 गीगाटन (347 अरब अमेरिकी टन) बर्फ बहा रही है, जिससे वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि हो रही है। ब्रिटिश अंटार्कटिका क्षेत्र में स्थित ग्लेशियरों के नाम उन शहरों के नाम पर रखे जाएंगे, जिन्होंने रियो, क्योटो, पेरिस और ग्लासगो सहित जलवायु सम्मेलनों, रिपोर्ट या संधियों की मेजबानी की है। जॉनसन ने कहा, ‘‘प्रकृति के इस चमचमाते विशालकाय हिस्से का नाम उस शहर के नाम पर रखा जाएगा जहां अगले सप्ताह मानव जाति धरती के भविष्य के लिए लड़ने के इरादे से एकत्रित होगी, जो हमें इस बात की याद दिलाती है कि हम क्या संरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं।'' इस सप्ताह के अंत में रोम में होने वाली बैठक में 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह के नेताओं से कार्बन कटौती प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने का आग्रह करते हुए जॉनसन ने कहा कि ग्लासगो बैठक ‘‘1.5 डिग्री के लक्ष्य को बरकरार रखने के लिए हमारे सर्वोत्तम अवसर का प्रतिनिधित्व करती है।'' जॉनसन भारत, ऑस्ट्रेलिया और चीन सहित जी-20 के कुछ सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देशों के नेताओं पर उत्सर्जन में तेज और व्यापक कटौती करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
- वैटिकन सिटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार वैटिकन पहुंचकर पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कोविड, सामान्य वैश्विक परिदृश्य और शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने समेत विभिन्न मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी और कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस के बीच आमने-सामने यह पहली बैठक थी।मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनसे फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है।वैटिकन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मोदी के साथ मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने वैटिकन सिटी के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से भी मुलाकात की।ऐतिहासिक बैठक से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री की पोप के साथ अलग से बैठक होगी। रोम में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, ''वह पोप से व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे।''श्रृंगला ने कहा था, ''कल, प्रधानमंत्री परम पावन पोप फ्रांसिस से वैटिकन सिटी में भेंट करेंगे, और उसके बाद वह जी 20 सत्रों में भाग लेंगे, जहां वह और भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। हम आपको जानकारी देते रहेंगे।'' उन्होंने कहा था कि बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हो सकती है। श्रृंगला ने बताया था कि वैटिकन ने वार्ता के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया है। उन्होंने कहा था, ‘‘ मेरा मानना है कि पंरपरा है कि जब परम पावन (पोप) से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं। मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है चर्चा में शामिल होंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19, स्वास्थ्य के मुद्दे, कैसे हम साथ काम कर सकते हैं...ये कुछ विषय हैं जिनपर मेरा मानना है कि आमतौर पर चर्चा होगी।
- रोम। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि उनका देश एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस टीके की दो करोड़ खुराक विकासशील देशों को मुफ्त उपलब्ध कराएगा। यह उन देशों के साथ टीकों को साझा करने के प्रयासों का हिस्सा है, जहां टीकों की कमी है। जॉनसन ने शनिवार से शुरू होने वाले जी-20 देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए रोम पहुंचते पर यह घोषणा की। ब्रिटेन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स टीका-साझाकरण कार्यक्रम में एक करोड़ खुराकें भेजी गई हैं, और आने वाले हफ्तों में एक करोड़ और खुराकें भेजी जाएंगी। उन्होंने बताया कि वे एक करोड़ खुराक पहले ही वितरित कर चुके हैं और यह कदम 2022 के मध्य तक जरूरतमंद देशों के साथ 10 करोड़ खुराक साझा करने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं। जॉनसन ने आर्थिक महाशक्तियों के क्लब से 2022 के अंत तक पूरी दुनिया को टीका लगाने के लिए जोर देने का आग्रह करते हुए कहा कि जी-20 के रूप में हमारी पहली प्राथमिकता टीकों के तीव्र, उचित और वैश्विक वितरण के साथ आगे बढ़ने की होनी चाहिए।
- वॉशिंगटन। सूरज की सतह पर विस्फोट से पैदा हुआ शक्तिशाली सौर तूफान काफी तेज रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। यह सौर तूफान किसी भी समय पृथ्वी से टकरा सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस तूफान के कारण सैटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है। विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन और मौसम पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।स्पेस वेदर ने बताया है कि इस सौर तूफान की स्पीड 1260 किमी प्रति सेकेंड की है। यह भविष्यवाणी की गई है कि यह सौर तूफान शनिवार या रविवार तक पृथ्वी से टकरा सकता है। तूफान के धरती पर पहुंचने से पहले ही अमेरिका के एक हिस्से में अस्थायी तौर पर रेडियो सिग्नल ब्लैकआउट हो गया है। इस सौर तूफान को अपनी तरह का सबसे शक्तिशाली एक्स 1-क्लास सोलर फ्लेयर के रूप में जाना जाता है। नासा के अधिकारियों ने इसे महत्वपूर्ण सोलर फ्लेयर करार दिया है। इस सौर तूफान को अंतरिक्ष एजेंसी के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी के रियल टाइम वीडियो में कैप्चर भी किया गया है।सोलर फ्लेयर की सबसे शक्तिशाली श्रेणी को एक्स क्लास के नाम से जाना जाता है। इसके बाद ताकत के घटते क्रम में इन्हें एम, सी, बी और ए क्लास के नाम से जाना जाता हैं। इस सौर तूफान से 30 अक्टूबर को अमेरिका में मनाए जाने वाले हैलोवीन त्योहर पर असर पड़ सकता है। स्पेस वेदर फोरकास्टर द नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने बताया कि आर 3 (स्ट्रॉन्ग रेडियो ब्लैकआउट) इवेंट इंपल्सिव फ्लेयर के कारण हुआ है।सौर तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल गरमा सकता है जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर हो सकता है। इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है। पावर लाइन्स में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है।वर्ष 1989 में आए सौर तूफान की वजह से कनाडा के क्यूबेक शहर में 12 घंटे के के लिए बिजली गुल हो गई थी और लाखों लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। इसी तरह से वर्ष 1859 में आए चर्चित सबसे शक्तिशाली जिओमैग्नेटिक तूफान ने यूरोप और अमेरिका में टेलिग्राफ नेटवर्क को तबाह कर दिया था। इस दौरान कुछ ऑपरेटर्स ने बताया कि उन्हें इलेक्ट्रिक का झटका लगा है जबकि कुछ अन्य ने बताया कि वे बिना बैट्री के अपने उपकरणों का इस्तेमाल कर ले रहे हैं। नार्दन लाइट्स इतनी तेज थी कि पूरे पश्चिमोत्तर अमेरिका में रात के समय लोग अखबार पढऩे में सक्षम हो गए थे।
- ब्रसेल्स । यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने उपभोक्ता कीमतों में उछाल के बावजूद महामारी के दौरान दिये गये प्रोत्साहन पैकेज को बरकरार रखा है। बैंक द्वारा गुरुवार को लिया गया यह निर्णय यूरोपीय संघ के उन 19 सदस्य देशों को प्रभावित करेगा, जहां यूरो मुद्रा का इस्तेमाल होता है। ईसीबी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए घोषित 1,850 अरब यूरो (2,140 अरब डॉलर) के प्रोत्साहन पैकेज को समाप्त करने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर दिसंबर में चर्चा करेगा। यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने बांड खरीद कार्यक्रम को कंपनियों और सरकारों की दीर्घावधि ऋण लागत को नीचे लाने के लिए शुरू किया था। बैंक ने कहा कि यह कार्यक्रम कम से कम मार्च, 2022 तक चलेगा।
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बीजिंग। चीन ने ठोस ईंधन से चलने वाले सस्ते एवं छोटे रॉकेट कुआझोउ-1 ए से एक ऑप्टिकल सुदूर संवेदी उपग्रह का बुधवार को सफल प्रक्षेपण किया। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने खबर दी कि उसे उत्तर पश्चिमी गांसू प्रांत के जियाकुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। जिलिन-1 गावफेन 02 एफ उपग्रह को स्थानीय समयानुसार दो बजकर 19 मिनट पर कुआझोउ-1 ए रॉकेट लेकर रवाना हुआ और वह उपग्रह कक्षा में दाखिल हुआ। जिलिन-1 गावफेन 02 एक ऑप्टिकल सुदूर संवेदी उपग्रह है जो बिल्कुल उच्च क्षमता वाली तस्वीरें एवं उच्च रफ्तार से आंकड़े दे सकता है । कुआझोउ-1 ए ठोस ईंधन से संचालित रॉकेट है जिसे अल्पावधि तैयार किया जा सकता है। इसे चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कोरपोरेशन ने विकसित किया है। - बीजिंग। चीन ने बहुत लंबी गगनचुंबी इमारतें बनाने पर कई तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। इसे स्थानीय सरकारों की उन परियोजनाओं पर कम्युनिस्ट पार्टी का अंकुश माना जा रहा है जिन्हें वो अनावश्यक और दिखावे से भरा मानती है।आवास और शहरी-ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा है कि अब से बिना विशेष अनुमति लिए 30 लाख से कम आबादी के शहरों को 150 मीटर से लंबी और इससे ज्यादा आबादी वाले शहरों को 250 मीटर से लंबी इमारतें बनाने से मना कर दिया गया है। देश में पहले से 500 मीटर से ज्यादा ऊंची इमारतें बनाने की मनाही है , लेकिन नए नियम और ज्यादा कड़े हैं। नए नियमों के हिसाब से प्रतिबंधित इमारतों के निर्माण की इजाजत देने वाले अधिकारियों को इसके लिए "जिंदगी भर के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।" इसका मतलब है अधिकारियों को भविष्य में तय होने वाली कोई भी सजा दी जा सकती है। चीन में दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में से कई हैं। इनमें 632 मीटर ऊंचा शंघाई टावर और शेनजेन का 599.1 मीटर पिंग आन फाइनेंस सेंटर शामिल हैं।चीन यह मानता तो है कि उसकी ऊंची इमारतें जमीन के और ज्यादा वृद्धिकर इस्तेमाल को बढ़ावा देती हैं, लेकिन अब इस बात की चिंताएं बढ़ रही हैं कि स्थानीय अधिकारी अंधाधुंध निर्माण करवाते जा रहे हैं और व्यावहारिकता और सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कुछ महीनों पहले शेनजेन में 356 मीटर ऊंची 71 मंजिला इमारत बार बार हिल गई थी जिसकी वजह से सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा हो गई थीं। जांच के बाद पता चला था कि इसका कारण इमारत के ऊपर लगा हुआ 50 मीटर से भी ऊंचा एक खंभा था जो तेज हवा से हिलने लगा था। उस हादसे के बाद ही पूरे देश में 500 मीटर से ज्यादा लंबी इमारतें बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। शेनजेन वाली इमारत से खंभे को हटाने के बाद उसे सितंबर में फिर से खोला गया।नए नियमों में मंत्रालय ने यह भी कहा है कि स्थानीय सरकारों को मौजूदा बहुत लंबी इमारतों का निरीक्षण करना होगा और उनकी नींव, ढांचा, बिजली, पानी और गैस की सप्लाई, निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री, भूकम्पों के प्रति उनकी प्रतिरोधक क्षमता और आग से बचाव के इंतजाम को देखना होगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि शहरों को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील इलाकों और शहरी वायु संचालन गलियारों में ऊंची इमारतों के निर्माण पर कड़ी पाबंदी लगानी चाहिए।
- ह्यूस्टन। अमेरिका के ह्यूस्टन में बच्चे की मौत के मामले में उसकी मां और उसके प्रेमी को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है। बच्चे का शव ह्यूस्टन क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में मिला था, उसकी मौत की जानकारी उसके बड़े भाई ने फोन करके दी थी। मृतक के अलावा उसके तीन भाई-बहन भी अपार्टमेंट में मौजूद थे।हैरिस काउंटी शेरिफ एड गोंजालेज ने मंगलवार की रात ट्वीट किया कि बच्चे की मां के प्रेमी ब्रायन डब्ल्यू काउल्टर (32) के खिलाफ मंगलवार को हत्या का आरोप तय किया गया। बच्चे की मां ग्लोरिया वाई विलियम्स (36) के खिलाफ लापरवाही के चलते बच्चे को चोट पहुंचाने, उसे चिकित्सकीय उपचार मुहैया ना कराने और उसका ध्यान ना रखने का आरोप तय किया गया है। गोंजालेज ने बताया कि दोनों हैरिस काउंटी जेल में बंद हैं। उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। उनके खिलाफ और आरोप भी तय किए जा सकते हैं। ह्यूस्टन में 'हैरिस काउंटी इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज' में बच्चे के शव का पोस्टमार्टम किया गया। रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया मौत का कारण '' किसी गैर धारदार चीज से कई बार चोट पहुंचाकर की गई हत्या'' बताया गया है।कानून प्रवर्तन एजेंसी के अनुसार, अपार्टमेंट में मौजूद तीनों बच्चों में से 15 वर्षीय एक बच्चे ने शेरिफ विभाग को रविवार को फोन कर बताया था कि उसके नौ वर्षीय भाई की मौत हो गई है और उसका शव अपार्टमेंट में ही है। गोंजालेज ने बताया कि वहां पहुंचने पर अधिकारियों को वह और उसके 10 तथा सात वर्षीय दो भाई-बहन मिले। 15 वर्षीय बच्चे ने बताया कि उसके माता-पिता कई महीने से अपार्टमेंट में नहीं रहते। गिलिलैंड ने बताया कि अपार्टमेंट में बिजली भी नहीं थी और एक पड़ोसी बच्चों का फोन चार्ज करने में मदद कर रहा था और उन्हें खाने का सामान भी लाकर देता था। शेरिफ कार्यालय के अनुसार, छोटे बच्चे कुपोषित लग रहे हैं और उनके शरीर पर चोट के निशान भी हैं। अभी उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। अलीफ स्कूली जिला के प्रवक्ता क्रेग आइचोर्न ने बताया कि बच्चे आखिरी बार मई 2020 में स्कूल आए थे। 2020-2021 सत्र में वे स्कूल नहीं आए और सितंबर 2020 में स्कूल अधिकारी उनके घर भी गए थे, लेकिन उनका उनसे कोई सम्पर्क नहीं हो पाया। एक न्यायाधीश ने सोमवार को टेक्सास परिवार एवं सुरक्षा सेवा विभाग को तीन बच्चों को अस्थायी रूप से आश्रय देने को कहा था। गिलिलैंड ने बताया कि जांचकर्ता अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अपार्टमेंट परिसर में किसी को भी, कुछ भी असामान्य क्यों नहीं लगा। अपार्टमेंट परिसर के प्रबंधन का काम देखने वाले 'हाईमार्क रेजिडेंशियल' से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया।
- रेडमंड (अमेरिका)। क्लाउड कंप्यूटिंग कारोबार में बढ़ोतरी के चलते माइक्रोसॉफ्ट का मुनाफा जुलाई-सितंबर तिमाही में 24 फीसदी बढ़ गया। वाशिंगटन के रेडमंड में स्थित प्रौद्योगिकी कंपनी ने मंगलवार को बताया कि उसका तिमाही मुनाफा 17.2 अरब अमेरिकी डॉलर या प्रति शेयर 2.27 अमेरिकी डॉलर रहा। इस तरह माइक्रोसॉफ्ट ने विश्लेषकों के अनुमान को पीछे छोड़ दिया, जो प्रति शेयर 2.08 अमेरिकी डॉलर के मुनाफे की उम्मीद जता रहे थे। कोरोना वायरस महामारी के दौरान घर से काम करने का चलन बढ़ा और इसके साथ ही माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर और क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं की मांग भी बढ़ी।
- बगदाद। इस्लामिक स्टेट के कुछ बंदूकधारियों ने बगदाद के पूर्वोत्तर के एक गांव में मंगलवार को हमला कर दिया, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हुए हैं। इराक के सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हमला दियाला प्रांत के बाकूबा के पूर्वोत्तर में अल-रशद के शिया बहुल गांव में हुआ। हमला क्यों किया गया यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन दो अधिकारियों ने बताया कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने पहले दो ग्रामीणों का अपहरण किया था और जब उन्हें फिरौती के पैसे नहीं दिए गए तो उन्होंने गांव पर हमला कर दिया। नाम उजागर ना करने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि हमले में मशीन गन का इस्तेमाल किया गया। हमले का शिकार बने सभी लोग आम नागरिक थे। वर्ष 2017 में देश से इस्लामिक स्टेट को खदेड़ दिए जाने के बाद से इराक में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले बेहद कम हो गए हैं, हालांकि कई इलाकों में अब भी ऐसी घटनाएं देखी जा रही हैं। सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी संगठन के आतंकवादी अब भी सक्रिय हैं, जो अक्सर सुरक्षा बलों, बिजली स्टेशनों और अन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बनाते हैं।
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टोरंटो। भारतीय मूल की कनाडाई नेता अनीता आनंद को मंगलवार को देश की नई रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो द्वारा मंत्रिमंडल में फेरबदल किया गया जिसमें आनंद को रक्षा मंत्री बनाया गया। ट्रुडो की पार्टी ‘लिबरल पार्टी' एक महीने से ज्यादा समय पहले सत्ता में आई है और रक्षा क्षेत्र में बदलाव करने पर चर्चा की जा रही है। आनंद (54) भारतीय मूल के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन का स्थान लेंगी जो सेना में यौन शोषण के मामलों का निस्तारण ठीक से नहीं कर पाने के लिए आलोचना का शिकार होते रहे हैं। नेशनल पोस्ट अखबार में प्रकाशित एक खबर के अनुसार सज्जन को अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी मंत्री बनाया गया है।
- तोक्यो। जापान की राजकुमारी माको ने एक आम नागरिक से शादी कर ली है, जिसके चलते उन्होंने अपना शाही दर्जा खो दिया है। हालांकि राजकुमारी के विवाह और उनका शाही दर्जा खत्म करने के मुद्दे पर जनता की राय बंटी हुई है। ‘इंपीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी' ने बताया कि माको और उनके प्रेमी केई कोमुरो के शादी के दस्तावेज मंगलवार सुबह महल के एक अधिकारी ने प्रस्तुत किए। टेलीविजन पर प्रसारित संवाददाता सम्मेलन में माको ने कहा, ‘‘मेरे लिए केई बेशकीमती है। अपने प्रेम को मूर्त रूप देने के लिए हमारे लिए विवाह जरूरी था।'' कोमुरो ने इसके जवाब में कहा, ‘‘मैं माको से प्रेम करता हूं और मैं जीवन को अपने प्यार के साथ बिताना चाहता हूं।'' कोमुरो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह और माको खुशी और मुश्किल वक्त में एक दूसरे का साथ देंगे। दंपति अपने नए जीवन को शुरू करने के लिए न्यूयॉर्क रवाना हो जाएगा। एजेंसी ने बताया कि महल के चिकित्सकों के अनुसार माको इस महीने की शुरुआत में तनाव से जूझ रही थीं, जिससे अब वह उबर रही हैं। अपनी शादी के बारे में नकारात्मक खबरों, खासकर कोमुरो को निशाना बनाए जाने के कारण माको काफी तनाव में थीं। विवाह के बाद किसी भोज का आयोजन नहीं होगा और न ही कोई अन्य रस्में होंगी। माको (30) सम्राट नारुहितो की भतीजी हैं। वह और कोमुरो तोक्यो की ‘इंटरनेशनल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी' में साथ पढ़ते थे। उन्होंने सितंबर 2017 में विवाह की घोषणा की थी, लेकिन उसके दो महीने बाद कोमुरो की मां से जुड़ा एक वित्तीय विवाद सामने आने के कारण शादी को टाल दिया गया था। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या विवाद पूरी तरह से हल हो गया है या नहीं। 30 वर्षीय कोमुरो 2018 में कानून की पढ़ाई करने के लिए न्यूयॉर्क गए थे और पिछले महीने ही जापान लौटे। जापान के शाही नियमों के अनुसार आम नागरिक से विवाह के बाद माको अब अपना शाही दर्जा खो चुकी हैं, उन्होंने अपने पति का उपनाम अपना लिया है। कानून के तहत विवाहित जोड़े का एक उपनाम का इस्तेमाल करना जरूरी है। महल के अधिकारियों ने बताया कि माको ने 14 करोड़ येन (12.3 लाख डॉलर) लेने से भी मना कर दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शाही परिवार की वह पहली सदस्य हैं, जिन्होंने एक आम नागरिक से शादी करते समय उपहार के तौर पर कोई धन नहीं लिया। मंगलवार सुबह वह हल्के नीले रंग की पोशाक पहने और हाथ में एक गुलदस्ता लिए महल से बाहर आईं। वहां वह अपने माता-पिता क्राउन प्रिंस अकिशिनो, क्राउन प्रिंसेस किको और अपनी बहन काको से मिलीं। ‘इंपीरियल हाउस' कानून के अनुसार, शाही परिवार की महिला सदस्यों के एक आम नागरिक से शादी करने पर, उन्हें अपना शाही दर्जा खोना पड़ता है। इस प्रथा के कारण शाही परिवार के सदस्य कम होते जा रहे हैं और सिंहासन के उत्तराधिकारियों की कमी है। नारुहितो के बाद, उत्तराधिकार की दौड़ में केवल अकिशिनो और उनके पुत्र प्रिंस हिसाहिटो हैं। सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की एक समिति इस संबंध में चर्चा कर रही है, लेकिन रूढ़िवादी अब भी महिला उत्तराधिकार या महिला सदस्यों को शाही परिवार का मुखिया ना बनाने पर अड़े हैं।
- वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने सूडान में तख्तापलट के बाद उसे दी जाने वाली 70 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद सोमवार को रोक दी।सूडान की सेना ने सोमवार को तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी और प्रधानमंत्री तथा सत्ता हस्तांतरण सरकार के अन्य अधिकारियों को हिरासत में ले लिया था। अमेरिका के कई अधिकारियों ने इसकी निंदा की है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि खार्तूम में मौजूदा घटनाक्रम की समीक्षा लंबित होने के मद्देनजर सहायता के पूर्ण पैकेज पर ‘‘रोक’’ लगाई जाती है।प्राइस ने प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक सहित गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘असैन्य सत्ता हस्तांतरण सरकार को तत्काल बहाल करें। वह सूडान के लोगों की इच्छा का नेतृत्व करते हैं, जिसका उन्हें मिले समर्थन से पता चलता है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम सत्ता हस्तांतरण प्रक्रिया के धीमे होने की शिकायतों को स्वीकार करते हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों को बाहर करना तथा सरकारी संस्थानों को भंग करना, दोनों ही सूडान की संवैधानिक घोषणा का उल्लंघन हैं और सूडान के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं का हनन करते हैं।’’प्राइस ने कहा, ‘‘सैन्य अधिकारियों को हिरासत में लिए नेताओं को तुरंत रिहा करना चाहिए, असैन्य नेतृत्व वाली सत्ता हस्तांतरण सरकार को पूर्ण रूप से बहाल करना चाहिए और गोला बारूद के इस्तेमाल सहित प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के इस्तेमाल से बचना चाहिए। बल के दम पर सत्ता हस्तांतरण सरकार में कोई भी बदलाव आर्थिक मदद और हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक रूप से खतरा उत्पन्न कर सकता है।’’ प्राइस ने कहा कि निलंबित सहायता, प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता थी, जिसका उद्देश्य देश में पूर्ण रूप से असैन्य सरकार का निर्माण करना था।
- कोलंबो । अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने सोमवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से मुलाकात की। दो हफ्ते पहले उनकी कंपनी ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कोलंबो बंदरगाह के पश्चिमी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने और चलाने के लिए सरकार के स्वामित्व वाली श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (एसएलपीए) के साथ एक समझौता किया था। ‘डेली मिरर' अखबार की खबर के अनुसार, अडाणी 10 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार को दो विशेष उड़ानों से श्रीलंका पहुंचे। अहमदाबाद के भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह अडाणी ग्रुप ने पिछले महीने कोलंबो बंदरगाह के वेस्ट इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने के लिए श्रीलंका सरकार के स्वामित्व वाले एसएलपीए के साथ एक समझौता किया था। 70 करोड़ डॉलर का निर्माण-संचालन-हस्तांतरण (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) सौदा द्वीपीय देश के बंदरगाह क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है।
- काहिरा । सूडान की सेना ने नागरिक शासन भंग कर दिया है और सोमवार को आपात स्थिति की घोषणा कर दी है। राजनीतिक नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है और प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक को उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ नजरबंद कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी राजधानी खार्तूम की सड़कों पर उतर आये । सूडान में लंबे समय से सत्तारूढ़ ओमान अल बशीर को दो वर्ष पहले अपदस्थ किये जाने और एक अस्थायी सरकार की स्थापना के बाद से सेना और नागरिक प्रशासन के बीच तनाव चला आ रहा है। देश के गहरे आर्थिक संकट को देखते हुए सूडान को अंतर्राष्ट्रीय सहयोग -सहायता मिलती रही है लेकिन अब सेना के काबिज होने के बाद इसके बंद होने का जोखिम है।प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने लोगों से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रखने की अपील की है। सेना और नागरिक प्रशासन के बीच सत्ता साझा करने की व्यवस्था के तहत संयुक्त परिषद का नेतृत्व कर रहे जनरल अब्देल फतह बरहान ने टेलीविजन पर संबोधन में कहा कि नेताओं के बीच संघर्ष, बढ़ती महत्वाकांक्षा और हिंसा उकसाये जाने के कारण उन्हें देश की रक्षा के लिये यह कदम उठाने को बाध्य होना पड़ा। उन्होंने कहा कि सूडान अंतराष्ट्रीय समझौतों के प्रति और 2023 में प्रस्तावित चुनावों के बाद नागरिक शासन की स्थापना के लिये अभी भी प्रतिबद्ध है।