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- गर्मियों के मौसम में त्वचा की देखभाल बेहद जरूरी होती है. चेहरे के दाग-धब्बे हटाने और निखार वापस लाने के लिए लोग खूब मेहनत करते हैं. बाजार में ऐसे कई प्रोडक्ट उपलब्ध है, जो त्वचा को हेल्दी और चमकदार बनाए रखने का वादा करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी नींबू को अपने स्किन केयर प्रोडक्ट के लिस्ट में शामिल किया है? जी हां नींबू सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं, स्किन के लिए भी फायदेमंद साबित होता है. देश के मशहूर आयुर्वेदिक डॉक्टर अबरार मुल्तानी का कहना है कि नींबू के इस्तेमाल से बढ़ती उम्र की निशानियों को कम किया जा सकता है. नींबू स्वाद में अम्लीय होता है, साथ ही विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है. इसलिए यह तैलीय त्वचा के साथ जुड़े दाग-धब्बों को खत्म करने के लिए काफी असरदार होता है.दरअसल, नींबू का रस एसिडिक नेचर का होता है जो न केवल मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है, बल्कि त्वचा के काले या फीके पड़े भाग को भी खत्म करता है. इस खबर में आपको नींबू के फेस पैक के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिसके इस्तेमाल से आप हेल्दी त्वचा पा सकते हैं.नैचुरल फेस स्क्रब का करें इस्तेमालआयुर्वेदिक डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, इस स्क्रब को तैयार करने के लिए आपको ठंडा दूध और ताजे नींबू के रस को बादाम पाउडर या संतरे के छिलके का पाउडर अथवा ओट्स के साथ मिलाना होगा. इसके बाद इस पेस्ट को त्वचा पर धीरे-धीरे लगाएं और फिर 10 मिनट के बाद हल्के गर्म पानी से धो लें.चेहरे के लिए एक प्राकृतिक ब्लीचइसके लिए आपको टमाटर का रस, नींबू का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर अच्छे से मिलाना होगा और पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाना होगा. लगाने के 10 मिनट बाद अपना चेहरा अच्छे से धो लें.ऑयली त्वचा के लिए फेस पैकसबसे पहले आधा चम्मच हल्दी पाउडर, 2 चम्मच नींबू का रस, 3 चम्मच पपीते के गूदे को अच्छे से मिलाकर पेस्ट बनाएं. फिर पूरे चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लें.सूखी त्वचा के लिएइसके लिए आपको 3 चम्मच नींबू का रस और आवश्यकता अनुसार शहद और आधा चम्मच पत्ता गोभी (उबला हुआ और कुचला हुआ) को मिलाकर पेस्ट बनाना होगा. अब इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 10 मिनट के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.फेस क्लींजर के रूप में करें इस्तेमालइसके लिए आपको एक पके केले को अच्छे से मैश करना है. फिर उसमें थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को चेहरे और हाथ पर लगाएं फिर 10 मिनट बाद ठंडे पानी से अच्छे से धो लें.
- आप एक मजबूत और फिट शरीर की चाहत रखते हैं तो आपकी हड्डियां भी मजबूत होनी चाहिए, क्योंकि अगर हड्डियां ही कमजोर होंगी तो शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बात चाहे उठने-बैठने की हो या फिर दौड़ने की. हर जगह आपको यह प्रॉब्लम फेस करनी पड़ सकती है. वैसे तो अर्थराइटिस की समस्या आमतौर पर बढ़ती उम्र या आनुवांशिक हो सकती है, लेकिन कई बार खराब लाइफस्टाइल की वजह से आपकी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सेहत पर ध्यान कम देते हैं. अच्छी देखभाल के अभाव में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि उनके अप्रत्याशित फ्रैक्चर तक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आपको लाइफस्टाइल से कुछ गलत आदतों को निकालना चाहिए. इस खबर में हम आपको उन गलत हैबिट्स के बारे में बता रहते हैं, जिन्हें छोड़ देना कितना जरूरी है.दिनचर्या में वॉकिंग, जॉगिंग, व्यायाम, योगा शामिल करेंडाइटिशियन डॉ. रंजना सिंह के अनुसार, जो लोग दिन भर बैठे रहते हैं और व्यायाम आदि नहीं करते उन्हें बोन्स डिजीज होने की संभावना अधिक हो जाती है. क्योंकि मसल्स की तरह ही बोन भी वर्कआउट करने से स्टॉन्ग बनते हैं. इसके लिए आप रोज अपने दिनचर्या में वॉकिंग, जॉगिंग, व्यायाम, योगा आदि को शामिल करें.तंबाकू का सेवन छोड़ देंडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह के अनुसार जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं उनके बोन्स की डेन्सिटी बहुत ही कम हो जाती है जिससे कई तरह की बोन्स डिजीज होने की संभावना अधिक हो जाती है. स्मोकिंग करने से फ्री रेडिकल्स बढ़ते हैं, जो बोन्स को बनने वाले सेल्स को मार देते हैं. इतना ही नहीं, इसके सेवन से ऐसे हार्मोन्स रिलीज होते हैं जो बोन्स को कमजोर करते चले जाते हैं. यही वजह है कि मजूबत हड्डियों के लिए आपको स्मोकिंग और तंबाकू से तौबा कर लेना चाहिए.अत्यधिक नमक का सेवन न करेंअगर आप भी ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं तो ऐसा करना बंद कर दें. क्योंकि यह आपके बोन्स के लिए खतरनाक हो सकता है. शरीर में जब अत्यधिक सोडियम इंटेक बढ़ जाए तो बोन की डेंसिटी में तेजी से गिरावट हो सकती है, जो खतरनाक है.धूप लेना शुरू कर देंधूप विटामिन डी का सबसे बड़ा सोर्स है, जिसके अभाव में बोन्स पतले और कमजोर हो सकते हैं. इसलिए अगर आप दिनभर घर के अंदर रहते हैं तो यह आपकी बोन्स के लिए बुरी खबर है.ज्यादा से ज्यादा पानी पीएंडाइटिशियन डॉ. रंजना सिंह के अनुसार, हेल्दी बोन्स के लिए कैल्शियम और विटामिन डी सेप्लिमेंट बहुत जरूरी है. ऐसे में भोजन में विटामिन डी और कैल्शियम रिच फूड का सेवन करें. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.
- हर साल 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे (विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस) मनाया जाता है. साल 2021 के लिए वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की थीम 'स्वस्थ कल के लिए आज सुरक्षित भोजन' रखी गई है. इस दिन की घोषणा दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा और खाद्य कृषि संगठन ने मिलकर की थी. जिससे पूरे विश्व को खाद्य सुरक्षा और खराब खाद्य पदार्थ से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक किया जा सके. आप सभी को गर्मियों में दूध या खाना खराब होने की समस्या से जूझना पड़ता ही होगा. इससे आपका सामान भी खराब होता है और संक्रमित या खराब आहार खाने से फूड पॉइजनिंग या खाद्य जनित रोगों का खतरा हो सकता है. लेकिन कुछ आसान ट्रिक्स की मदद से आप गर्मियों में दूध या खाने को खराब होने से बचा सकते हैं.खराब खाने से हो सकती हैं करीब 200 बीमारियांडब्ल्यूएचओ के मुताबिक अनसेफ व खराब खाने में खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और कैमिकल सब्सटांस हो सकते हैं, जो डायरिया (Diarrohea) से लेकर कैंसर तक करीब 200 बीमारियों का कारण बन सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में हर 10 में से 1 व्यक्ति संक्रमित या खराब खाना खाने से बीमार पड़ता है और हर साल करीब 4 लाख 20 हजार लोग फूडबोर्न डिजीज (Foodborne Disease) से मर जाते हैं. खराब खाने से बच्चों के बीमार पड़ने का ज्यादा खतरा होता है.खाना खराब होने से बचाने वाली ट्रिक्सगर्मी के मौसम में आप जो खाना सुबह बनाते हैं, वो दोपहर या शाम तक खराब हो जाता है. अब वह चाहे दूध हो, फल हो या सब्जियां. लेकिन इन आसान ट्रिक्स को अपनाने के बाद आपको इस समस्या से राहत मिल जाएगी.00 अगर आपने चावल बनाए हैं और वह बच गए हैं, तो चिंता मत करिए. आप सिर्फ उन्हें एक ऐसे डिब्बे में बंद कर दीजिए, जिसमें हवा ना जा सके. अब इस डिब्बे को फ्रिज में रख दीजिए और फिर शाम या अगली सुबह आराम से खाइए.00 अगर आप कुछ घंटे पहले बनाई दाल का सेवन कर रहे हैं, तो उसे गर्म करना ना भूलें.0 गर्मियों में दूध फट जाने या खराब होने की स्थिति का कई बार सामना करना पड़ता है. लेकिन आप इस समस्या को रोक सकते हैं. इसके लिए आपको बस दूध को अच्छी तरह उबालना है और फिर रूम टेंप्रेचर यानी कमरे के तापमान पर आने के बाद फ्रिज में रख दें. अगर आपके पास फ्रिज नहीं है या लाइट नहीं है, तो एक बड़े बर्तन में सामान्य पानी भर लें और उसके बीच में दूध से भरा कटोरा रख दें.00 बीन्स या अन्य सूखी सब्जी को पकाने के दौरान उसमें थोड़ा-सा नारियल घिसकर डाल दें. नारियल डालने से सब्जी ज्यादा समय तक सुरक्षित रहेगी और नारियल के सेवन से फायदे अलग मिलेंगे.00 किसी भी खाद्य पदार्थ को पकाने या बनाने के बाद तुरंत फ्रिज में ना रखें. सबसे पहले उसे ठंडा होने दें और फिर फ्रिज में रखें.00 अगर आप ऑफिस में खाना लेकर आ रहे हैं, तो खाने को ठंडा होने पर ही टिफिन में रखें और ऑफिस में आकर खाना बैग से निकालकर रख दें. इससे आप खाना खराब होने पर भूखे रहने से बच जाएंगे.00 कच्ची सब्जियों व फलों को सबसे पहले अच्छी तरह धो लें. फिर उन्हें फ्रिज में रख दें. कोशिश करें कि फल या सब्जी कम मात्रा या उतना ही खरीदें, जितना कि आप दो से तीन दिन में खत्म कर सकते हैं.
- अगर आप भी गर्दन के कालेपन से परेशान हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. इस खबर में हम आपके लिए काली गर्दन से छुटाकारा दिलाने वाले घरेलू उपाय के बारे में बता रहे हैं, इस उपाय को नियमित फॉलो कर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं. दरअसल, ज्यादातर लोग अपनी त्वचा की साफ- सफाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन गर्दन और कोहनियों की सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा के ये हिस्से काले नजर आते हैं. गर्दन के कालेपन से छुटकारा पाने के लिए लोग तरह – तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जो कुछ समय बाद असर दिखाना बंद कर देते हैं.बादाम के तेल का उपयोगगर्दन के कालेपन को दूर करने के लिए आप बादाम के तेल की कुछ बूंदे लें और उसे अपनी गर्दन पर मालिश करें. तेल को शरीर में सोखने दें. बादाम के तेल में विटामिन ई और ब्लीचिंग एजेंट के गुण होते हैं. ये दोनों चीजें त्वचा की रंगत निखारने का काम करते हैं.एलोवेरा जेल का ऐसे करें उपयोगएलोवेरा के पौधे गर्दन के कालेपन को दूर कर सकते हैं. एलोवेरा के पौधे में विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन को कम करने में मदद करता है. सबसे पहले आप एलोवेरा जेल के पत्तों को काटकर जेल निकाल लें. इस जेल को अपनी गर्दन पर लगाएं और कुछ मिनटों के लिए स्क्रब करें. करीब आंधे घंटे तक जेल लगाएं रखें और बाद में पानी से धो लें.दही का ऐसे करें उपयोगकाली गर्दन को फेयर करने के लिए आप दही का उपयोग कर सकते हैं. दही में नेचुरल एंजाइम होते हैं जो त्वचा की रंगत को हल्का करने में मदद करता है. इसके लिए आप दो बड़े चम्मच दही लें और इसे गर्दन पर लगाएं . दही को गर्दन पर 15 मिनट तक लगाएं रखें और फिर पानी से धो लें. ऐसा करने से भी गर्दन का कालापन दूर होता है.आलू का ऐसे करें उपयोगदरअसल, आलू में ब्लीचिंग गुण होते हैं, जो त्वचा की रंगत को निखारने में मदद करता है. इसके लिए आपको एक आलू को कद्दू कर जूस निकालना है. इस जूस को अपनी गर्दन पर लगाना है और करीब 15 मिनट के लिए उसे वैसा ही छोड़ दें. इसके बाद पानी से धो लें.
- अच्छे दिन की शुरुआत करने के लिए हेल्दी और हैवी ब्रेकफास्ट लेना जरूरी है. इसके लिए खाली पेट गुनगुने पानी के साथ शहद पीने से दिन की शुरुआत करें. नाश्ते में विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले फूड जरूर खाएं. सुबह के नाश्ते में फलों को शामिल करें. ठीक से किया गया पौष्टिक नाश्ता शरीर को एनर्जी देता है. डाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह बताती हैं कि प्रोटीन को अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें, जैसे स्प्राउट्स, उबला अंडा, चना, सोयाबीन, दूध सुबह से लें. इससे भूख कम लगेगी और शरीर दिनभर एनर्जी से भरा रहेगा.भीगा हुआ बादाम खाएंनाश्ते में आप बादाम को शामिल कर सकते हैं. यह कई पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है. सुबह खाली पेट भीगा हुआ बादाम खाने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. बादाम में शरीर के लिए जरूरी विटामिन, मैंगनीज, प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होते हैं, जो स्वस्थ्य शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. इसलिए आप मुठ्ठीभर बादाम को अपने डेली ब्रेकफास्ट डाइट में जरूर शामिल करें.सेब और संतरा का सेवनडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह की मानें तो आप सुबह-सुबह सेब और संतरा दोनों फलों का सेवन कर सकते हैं. यह दोनों ऐसे फ्रूट हैं, जिन्हें ब्रेकफास्ट में खाने की सलाह दी जाती है. इससे शरीर को एनर्जी मिलने के साथ-साथ इम्यूनिटी भी बढ़ती है. नाश्ते में सेब या संतरा खाने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है और बॉडी का मेटाबॉलिक रेट भी सही होता है.एक अंडे का सेवनडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह कहती हैं कि रोजाना ब्रेकफास्ट में अंडे का सेवन करने से शरीर में कई बीमारियों को दूर रखने की ताकत बनी रहती है, क्योंकि अंडे में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं. अंडे में विटामिन डी मौजूद होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है. रोज एक अंडा खाने से आप पूरे दिन की विटामिन डी की खुराक पूरी कर सकते हैं.एक कटोरी दही का सेवनरंजना सिंह सलाह देती हैं कि हर किसी को नाश्ते में एक कटोरी दही को जरूर शामिल करना चाहिए. दही हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ब्रेकफास्ट में दही खाने से कई फायदे होते हैं. दही में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो आपके पेट को साफ रखते है और आपका पाचन भी अच्छा रहता है.
- बैंगन जिसे कई लोग बेगुन यानी बिना गुण वाला कह देते हैं, लेकिन भारत में सब्जियों का राजा भी कहते हैं, दुनिया भर में कई प्रकार की किस्मों के रूप में पाया जाता है। बैंगन कई प्रकार के होते हैं- चाइनीज, जापानी, ग्राफिटी, बियांका, टैंगो, सैंटाना, थाई बैंगन। वहीं बैगन के अंदर भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, फिनोलेक्स, विटामिन ए, विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, पॉलिफिनॉलिक कंपाउंड, विटामिन ई, आयरन, जिंक, फाइबर, एंथोसाइएनिन, विटामिन बी-12, विटामिन बि 6, विटामिन बी 2, फैटी एसिड आदि पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व ना केवल त्वचा या बालों के लिए फायदेमंद होते हैं बल्कि शरीर को कई समस्याओं से दूर भी रख सकते हैं। आज हम जानते हैं बैंगन के गुण और उसके नुकसान1 - शरीर में ऊर्जा का संचारबैंगन के अंदर पाए जाने वाले औषधीय गुण इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करने में बेहद मददगार हैं। चूंकि इसके अंदर कम वसा होती है ऐसे में यह सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके सेवन से शरीर में थकान, सुस्ती आदि समस्याएं दूर हो सकती हैं।2 - इम्यूनिटी के लिए बैंगनहमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी विटामिंस की जरूरत होती है। यह विटामिंस बैगन के सेवन से हमारे शरीर को प्राप्त होते हैं। बता दें कि बैंगन के अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन ए, सी, डी, बी2, बी6, बी12 के साथ-साथ सेलेनियम, आयरन, जिंक आदि पाए जाते हैं जो न केवल इम्यून सिस्टम को बेहतर करते हैं बल्कि संक्रमण को शरीर से दूर रखने में मददगार हैं।3 - वजन होता है कमकुछ लोग मोटापे की समस्या को दूर करने के लिए न जानें कितने महंगे-महंगे प्रोडक्ट्स खरीद लेते हैं या अपनी डाइट में बदलाव करते रहते हैं पर फायदा ना मिलने पर जल्दी उदास भी हो जाते हैं। अगर आप भी इन लोगों में से एक है तो बता दें कि बैगन के सेवन से वजन को आसानी से कम किया जा सकता है। बैगन के अंदर पानी मौजूद होता है। साथ में इसके अंदर फाइबर भी पाया गया है। वहीं इसके अंदर बेहद कम कैलोरी होती है। ऐसे में इसके सेवन से पेट भरा हुआ महसूस होता है और व्यक्ति कम खाना खाता है।4 - मेमोरी लॉस की समस्या के लिए बैंगनबैंगन के सेवन से मानसिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके सेवन से मूड अच्छा होता है। साथ ही इंसान के अंदर खुशी की भावना जाग्रत होती है। अगर आप याददाश्त कम की समस्या से या दिमाग की कार्य क्षमता की कमी से परेशान हैं तो आप बैंगन का सेवन कर सकते हैं। इसके अंदर पाए जाने वाले फोलेट, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, आयरन, जिंक आदि आपकी इस समस्या को दूर करने में उपयोगी हैं।5 - बालों के लिए बैंगन का सेवनबैगन के अंदर भरपूर मात्रा में जरूरी विटामिन, पानी आदि मौजूद होते हैं जो न केवल बालों की जड़ों में मजबूती लाते हैं साथ ही जड़ों में जरूरी पोषण भी प्रदान करते हैं। आप बैंगन के पेस्ट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए बैंगन को पीसकर अपनी जड़ों में रगड़ें। अब शैंपू और साधारण पानी से बाल धो लें। ऐसा करने से बाल मजबूत होंगे।6 - त्वचा के लिए बैंगन का सेवनबैंगन के अंदर भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिंस, खनिज आदि मौजूद होते हैं जो ना केवल त्वचा को हाइड्रेटेड रखते हैं बल्कि बेजान त्वचा को सूरज की किरणों से भी बचाते हैं। प्राकृतिक नमी बनाए रखने के लिए या त्वचा पर किसी भी प्रकार की खुजली को दूर करने के लिए बैंगन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में आप शहद, एलोवेरा का रस और बैंगन का पेस्ट, तीनों को मिलाकर चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट बाद चेहरे को धो लें। अब आइस क्यूब की मदद से चेहरे को ठंडक दें। फिर चेहरे को धो लें। ऐसा करने से प्राकृतिक नमी लौट आएगी।बैंगन के नुकसानबैगन के सेवन से कुछ नुकसान भी देखे गए हैं, जो इस प्रकार हैं-1 -सब्जी बनाते समय यदि बैंगन को तलते हैं तो वह अधिक तेल सोख लेता है। ऐसे में ज्यादा तलने के कारण बैंगन ज्यादा वसा वाला हो जाता है और इसके सेवन से वजन बढऩा, दिल की समस्या, ब्रेन की समस्या आदि हो सकती है।2 - जो लोग डिप्रेशन की दवा ले रहे हैं वह अपनी डाइट में से बैंगन को निकाल दें। ऐसे में दवा का असर कम हो सकता है।3 - जिन लोगों को किडनी स्टोन है वह भी अपनी डाइट से बैंगन को निकाल दें वरना पथरी के दर्द में बढ़ोतरी हो सकती है।4 - बैंगन के सेवन से अगर किसी प्रकार की एलर्जी नजर आती है तो तुरंत इसका सेवन बंद करें।5 - अगर बैगन का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो यह पेट की कई समस्याएं जैसे पेट में दर्द जलन आदि को पैदा कर सकता है।6 - लो ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोग बैगन का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
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कोरोना महामारी ने बड़ों ही नहीं बल्कि बच्चों की भी रोजमर्रा की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जहां एक ओर कोरोना से लड़ने और बचने के लिए बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत करनी है, वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन क्लासेस के लिए भी बच्चों को एनर्जी की जरूरत है जिसकी पूर्ति डाइट से ही की जा सकती है।
ताजे फलों का साथ
पेरेंट्स को हर रोज बच्चों को केला, आम और अन्य कोई मौसमी फल खिलाना चाहिए। आप इन फलों के शेक बनाकर भी बच्चों को दे सकते हैं। बच्चों को फल से ज्यादा टेस्टी शेक लगते हैं। इसके अलावा नाश्ते में पोहे, इडली और डोसा में भी कुछ फल डाले जा सकते हैं। हर मां इस उलझन में रहती है कि बच्चे को लंच में क्या खिलाना चाहिए जिससे वो हेल्दी रहे। ऐसे पेरेंट्स बच्चों को चावल के साथ दाल दें। आप राजमा, छोले, चने या कोई भी दाल रात को भिगोकर रख दें और अगली सुबह इसे पका कर खाएं। बच्चों को दिन में किसी भी समय घर पर बनी दही में काली किशमिश डालकर खिलाएं। इसमें न सिर्फ विटामिन बी12 होता है बल्कि इससे बच्चों को खूब आयरन भी मिलता है।
खूब पानी पिएं
हेल्दी फूड के साथ-साथ बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है। बच्चों को दिनभर में कम से कम 6 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चों को पेरेंट्स दिनभर में थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीने की आदत डालें। बच्चों को रसीले फल खिलाएं, इससे शरीर में पानी की पूर्ति होगी और गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन नहीं होगा।
एक्टिव रहना है जरूरी
शरीर को हेल्दी रखने के लिए एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। घर पर बच्चे बैठकर पढ़ाई करते हैं और क्लास खत्म होने के बाद सोफे या बेड पर लेटकर टीवी या फोन चलाते हैं। बच्चे को स्ट्रेचिंग, पुश अप्स और योगा करवाएं। उसे सुबह धूप और ताजी हवा में घूमने के लिए कहें। इससे बच्चे का शरीर स्ट्रांग बनेगा।
अन्य टिप्स
00 ऑनलाइन क्लास ले रहे बच्चों को हेल्दी और फिट रखने में ये टिप्स भी आपके काम आएंगे।
00 बच्चे को रोज 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। अच्छी नींद लेने से दिमाग कुछ नया सीखने के लिए तैयार हो पाता है।
00 डॉक्टर की सलाह से बच्चे के लिए मल्टीविटामिन लिखवाएं। इससे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत होगी।
00 एक क्लास खत्म होने के बाद कम से कम 5 मिनट तो ब्रेक जरूर लें। इससे बच्चों की आंखों को कंप्यूटर की स्क्रीन से कम नुकसान होगा। -
अब लोग एक हेल्दी लाइफ स्टाइल की ओर रुख कर रहे हैं। अब लोग साधारण गेहूं के आटे की जगह ओट्स के आटे से बनी रोटियां और दूसरी चीजों का सेवन कर रहे हैं। यह बात तो हम सभी जानते हैं कि ओट्स हमारी साधारण डाइट को एक हेल्दी डाइट में बदल देता है। यह बाकी कई अनाजों के मुकाबले अधिक फायदेमंद भी होता है। यही देखते हुए लोग ओट्स के आटे का सेवन करना पसंद कर रहे हैं। ऐसे में इसकी खासियत क्या है और यह अन्य अनाजों के मुकाबले क्यों अधिक फायदेमंद आइए जानते हैं।
कितना पाया जाता है पोषक तत्व
100 ग्राम ओट्स में मिलता है इतना पोषक तत्व
कैलोरी- 389
पानी- 8 फीसदी
प्रोटीन- 16.9 ग्राम
काब्र्स- 66.3 ग्राम
चीनी- 0 ग्राम
फाइबर- 10.6 ग्राम
वसा- 6.9 ग्राम
ग्लूट फ्री होते हैं ओट्स
जिन्हें सिलियक रोग है, इसे कुछ लोग ग्लूटेन संवेदी आंत रोग के नाम से भी जानते हैं। दरअसल हमारे खाने की कुछ चीजों में ग्लूटेन मौजूद होता है जो एक तरह का प्रोटीन है। छोटी आंत इस प्रोटीन को पचाने में सक्षम नहीं होती तो यह छोटी आंत की परतों पर ही चिपक जाता है। जिसकी वजह से कई तरह की समस्या होती हैं जैसे दस्त, पेट दर्द, मुंह में छाले होना आदि। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए केवल ग्लूटेन फ्री उत्पादों का सेवन करना होता है। ऐसे में ओट्स एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह ग्लूटे फ्री है और आसानी से पचाया जा सकता है।
स्वादिष्ट होता है ओट्स का आटा
ओट्स का आटा बाकी कई अनाजों से स्वाद में थोड़ा अलग होता है। ऐसे में अगर आप कई ऐसे पदार्थों का सेवन करना चाहते हैं जो बाहर आपको मैदे या दूसरे अनाजों से बने मिलते हैं, तो आपके लिए ओट्स का आटा एक बेहतरीन विकल्प है। यह स्वाद में दूसरे अनाजों से थोड़ा मीठा होता है। ऐसे में अगर आप मफिन या पैनकेक का सेवन करना पसंद करते हैं तो भी आप इसे खा सकते हैं। यह इनका स्वाद भी बढ़ाएगा और आपको सेहतमंद भी बनाएगा।
ओट्स का आटा है इतना गुणकारी
आमतौर पर घरों में गेहूं के आटा या अन्य आटा उपयोग होता है। जो अधिक प्रोसेस से गुजरता है और बेहद कम हेल्दी होता है। जबकि ओट्स का आटा कम प्रोसेस से भी गुजरता है और यह अधिक गुणकारी भी है। ओट्स का सेवन करने वाले लोग बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि इसके अंदर सॉल्युबल फाइबर पाया जाता है, जो हमारी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मददगार साबित होता है।
ब्लड में शुगर लेवल को ठीक करे
इसके अलावा इसमें विटामिन बी, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, डायटरी फाइबर और मिनरल्स पाए जाते हैं जो आपकी हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड में शुगर लेवल की समस्या से जूझने वाले लोगों के लिए ओट्स का सेवन करना फायदेमंद होता है। ओट्स में घुलनशील फाइबर, बीटा ग्लूकेन्स होता है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रण करता है। उबले हुए साबुत ओट्स लो ग्लूकोज और इंसुलिन प्रतिक्रिया का कारण बनते हैं, लेकिन अगर ओट्स को पकाने से पहले उसे आटे में पीस लिया जाए, तो प्रतिक्रिया और तेज हो जाती है।
पचाने में है आसान
एक तरफ जहां गेहूं या जौ का आटे से बनी चीजों को पचाने में खासी मशक्कत करनी होती है। वहीं दूसरी तरफ ओट्स से बने उत्पादों को पचाना बेहद आसान होता है। ओट्स के जरिए बनी चीजे आपको लंबे समय तक ऊर्जात्मक रखने में मदद करती हैं। वहीं इसमें मौजूद फाइबर आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। इसके यही गुण आपका वजन भी संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है
ऐसे लोग जो मधुमेह से पीडि़त हैं या अचानक जिनके रक्त में शुगर लेवल बढ़ जाता है। उनके लिए ओट्स फायदेमंद है। यह शुगर लेवल को बढऩे से रोकता है।
ओट्स के अंदर कैल्शियम, और आयरन की मात्रा अधिक होती है। कैल्शियम जहां हड्डियां और दांतों को मजबूत करता है। वही आयरन के कारण आप एनीमिया जैसी बीमारी से भी बचे रहते हैं।
हृदय रोग से बचाए
आज के समय में हृदय रोग व्यक्ति को किस उम्र में हो जाए यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में दूसरे अनाज जहां केवल आपको कुछ ही हेल्थ बेनिफिट्स देते हैं। वहीं ओट्स का आटा या इससे बने अन्य उत्पाद आपको हृदय रोग से भी बचा कर रखते हैं। दरअसल इसके अंदर सॉल्युबल फाइबर होता है और कई ऐसे गुण होते हैं जो आपको हृदय रोग से बचाने का कार्य करते हैं।
ओट्स के आटे को बना लीजिए आहार का हिस्सा
ओट्स दुनिया के सबसे हेल्दी अनाजों में से एक है, जिसमें कई विटामिन, खनिज और प्लांट कंपाउंड शामिल होता है। इस अनाज में घुलनशील फाइबर का एक प्रकार बीटा ग्लूकेन्स, कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसका नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारी और लो शुगर लेवल मेंटेन रहता है। इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और बार-बार लगने वाली भूख को कम किया जा सकता है।
- वैसे तो स्वस्थ लोगों के लिए 7-8 घंटे की नींद पर्याप्त है, लेकिन सोने की अवधि कुछ हद तक आपके डीएनए पर निर्भर करती है। सोकर उठने के बाद आप कैसा महसूस करते हैं, यह आपकी नींद की अवधि पता करने का शानदार तरीका है।हमें कई बार बताया जाता है कि रात में 7-8 घंटे की नींद हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। अच्छी नींद से शरीर रिलेक्स होता है और हम दूसरे दिन फ्रेश और एनर्जेटिक फील करते हैं। जबकि आधी अधूरी नींद दुर्बलता, कमजोरी और सुस्ती का कारण बनती है। लेकिन सच तो ये है कि सोने का कोई आदर्श समय नहीं होता। कुछ लोगों को 8 घंटे से कम तो कुछ को 8 घंटे से ज्यादा सोने की जरूरत पड़ सकती है।अगर ढंग की नींद ना मिले, तो पूरा दिन खराब होता है और अगर नींद जरूरत से ज्यादा ले ली जाए, तो सिरदर्द जैसी परेशानी होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर लोग इस बात को सच मान बैठे हैं कि 8 घंटे की नींद जरूरी है, इसलिए नींद खुल जाने के बाद भी वे सोने की कोशिश करते हैं, जिसके बाद वे अजीब सा महसूस करते हैं।एक व्यक्ति को कितनी नींद की जरूरत होती है? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि स्लीपिंग पैटर्न और स्लीपिंग डिसऑर्डर वंशानुगत हैं। यानी ये सब आपके डीएनए से जुड़ा है। आप छह घंटे की नींद के बाद भी रिलैक्स महसूस कर सकते हैं या फिर आपको 9 घंटे की नींद के बाद भी आराम की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा कुछ बाहरी कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसे-मासिक धर्म चक्र-मासिक धर्म चक्र से पहले एक महिला का शरीर कई सारे आंतरिक परिवर्तनों से गुजरता है। ऐंठन, दर्द और थकान के कारण अक्सर सोना मुश्किल हो जाता है। इस समय महिलाओं को ठीक होने के लिए सामान्य से ज्यादा नींद की जरूरत होती है। देखा गया है कि पीरियड्स के बाद महिलाओं के सोने के घंटों की संख्या काफी कम हो जाती है।मौसमी परिवर्तनबाहरी वातावरण या मौसम में होने वाले बदलाव आपकी नींद की जरूरत को बदल सकते हैं। सूर्यास्त और सूर्योदय के समय में परिवर्तन मेलाटोनिन के स्तर और उस समय को प्रभावित करता है, जब आपको नींद आने लगती है। यदि आप जहां रहते हैं, वहां सूर्यास्त देर से होता है, तो आपको देर रात तक नींद नहीं आएगी। जैसे सर्दियों में रातें लंबी होती हैं और दिनभर में कम धूप मिलती है, इस वजह से नींद ज्यादा आती है।स्वास्थ्य संबंधी समस्याएंस्वस्थ शरीर को कम आराम की जरूरत होती है। ऐसे में हमारे सोने और उठने का समय उसी हिसाब से बदल जाता है। नींद हमें स्वस्थ रखने में मदद करती और संक्रमण से लड़ते समय हमें इसकी ज्यादा जरूरत होती है। वास्तव में ज्यादा नींद कई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों का संकेत देती है।नींद के लिए आदर्श समय क्या है, कैसे पता करेंहम सभी एक दूसरे से अलग हैं। हमारी दैनिक आदत, व्यायाम, स्वास्थ्य और काम करने का तरीका भी एक दूसरे से बहुत अलग है। इसलिए यह निर्धारित करने का कोई आदर्श तरीका नहीं है कि आपको कितनी नींद की जरूरत है। जब आप जागते हैं, तो आप कैसा महसूस करते हैं, यह नींद के लिए आदर्श समय पता करने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे आप आसानी से जान सकते हैं कि वाकई आपके लिए कितने घंटों की नींद पर्याप्त है। छह घंटे सोने के बाद भी आप एनर्जेटिक फील करते हैं, तो यह एक अच्छा संकेत है। नहीं तो आपको अपने सोने के घंटों को बढ़ाने की बहुत जरूरत है।स्वस्थ रहने और आराम करने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। नींद की जरूरतें अलग-अलग और कई कारकों से प्रभावित होती हैं। इसलिए इस बात पर ध्यान दें कि आप सोने के बाद कैसा महसूस करते हैं।
- दूध अच्छी सेहत के लिए एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है. इस वक्त कुछ ऐसी चीजों का सेवन करना जरूरी माना जाता है, जिससे इम्यूनिटी मजबूत बनी रही. दूध मजबूत इम्यूनिटी के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. लेकिन अगर आप दूध में हर दिन दो बादाम मिलाकर सेवन करेंगे तो इससे आपकी सेहत मजबूत बनेगी. बल्कि आप कई बीमारियों से भी दूर रहेंगे.देश के मशहूर आयुर्वेदिक विशेषज्ञ व कई बेस्टसेलर किताबों के लेखक डॉ. अबरार मुल्तानी के मुताबिक, दूध कैल्शियम से भरपूर होता है, इसके अलावा बादाम में भी बहुत से पोषक तत्व रहते हैं जिससे शरीर की हड्डियां मजबूत बनती हैं. ऐसे में रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध के साथ दो बादाम खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.बादाम वाले दूध से शरीर में रहती है एनर्जीअगर आप रात में हर दिन एक गिलास दूध में दो बादाम मिलाकर पीते हैं तो इससे शरीर में दिनभर बादाम बनी रहती है. क्योंकि बादाम में विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जिससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है. इसलिए गर्मियों के मौसम में दूध में बादाम मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है.बादाम वाले दूध से पाचन क्रिया रहती अच्छीपाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखने के लिए दूध में बादाम मिलाकर खाने से फायदा मिलात है. दरअसल, बादाम में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जो आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को एक्टिव रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित कर सकती है. इसलिए आप इसका सेवन करके अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रख सकते हैं. इससे आपको गैस और कब्ज की परेशानी भी नहीं होती है.खून की कमी दूर करता है बादाम वाला दूधदूध में बादाम मिलाकर पीने से शरीर में खून की कमी भी नहीं होती है. दरअसल, शरीर में आयरन की कमी होने से खून की कमी होने लगती है. लेकिन बादाम में आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जिसका सेवन करने से हीमॉग्लोबिन का स्तर बढ़ता है. इसके अलावा बादाम से शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है. जबकि दूध शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाता है. इसलिए बादाम और दूध का सेवन करने से शरीर में खून बढ़ता है.स्ट्रेस कम करता है बादाम वाला दूधबादाम वाले दूध से स्ट्रेस भी कम होता है. ऐसा भी माना जाता है कि बादाम दूध पीने से शरीर में ठंडक रहती है. आयुर्वेद के हिसाब से दूध रिप्रोडक्टिव टिश्यूज को ऊर्जा देता है. इसके अलावा बादाम दूध ऊर्जा का काफी अच्छा स्रोत होता है. यह पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है, जिससे आप ज्यादा खाने से बचे रहते हैं. इसलिए वजन नियंत्रित रखने के लिए हर रोज बादाम दूध का सेवन किया जाता है.बादाम वाले दूध से आती है अच्छी नींदबेहतर नींद स्वस्थ शरीर की पहली निशानी मानी जाती है. यही वजह है सोने से पहले एक गिलास दूध में बादाम का सेवन करने की सलाह दी जाती है. अगर आप रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में कुछ बादाम का सेवन करते हैं तो इससे आपका दिमाग शांत रहता है. जिससे आपको अच्छी नींद आती है. जिससे दिनभर आपके शरीर में एनर्जी बनी रहती है.
- ग्वार फली सब्जी स्वाद में भले ही लाजवाब ना हो, लेकिन अगर इसके गुणों की बात करें तो यह हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है. इसे क्लस्टर बीन्स के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें पोषक तत्वों की भरमार होती है. इसके रेग्युलर सेवन से बढ़ते वजन को कम किया जा सकता है और हार्ट संबंधी परेशानियों को भी दूर किया जा सकता है. कई लोग सब्जी के साथ-साथ इसे सलाद के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं.क्या है ग्वार फलीइसकी खेती उष्णकटबंधीय देशों में की जाती है.भारत के मध्य प्रदेश में ग्वार फली की खेती सबसे अधिक होती है.इसका वैज्ञानिक नाम 'साया मोटिसस टेट्रागोनोलोबस' है.अंग्रेजी में इसे cluster bean कहा जाता है.इसकी फलियों की सब्जी बनाई जाती है.इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं.ग्वार फली के फायदेकोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगारआयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. अबरार मुल्तानी के अनुसार, ग्वार फली में डायटरी फाइबर पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अहम भूमिका निभाता है. ग्वार की फली हार्ट के लिए भी अच्छी है, क्योंकि ये एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करती है. इसमें मौजूद डायटरी फाइबर, फोलेट, और पोटेशियम हृदय संबंधी समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करते हैं.डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंदडायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से ग्वार की फली का सेवन करना चाहिए. इसके सेवन से ब्लड शुगर नहीं बढ़ता. ग्वार की फली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, साथ ही इसमें मौजूद टैनिन और फ्लेवोनोइड्स, आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में काफी हेल्पफुल होता है.हड्डियों के लिए फायदेमंदग्वार फली को कैल्शियम का भंडार माना जाता है और हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम जरूरी है. लिहाजा इसके लिए ग्वार फली बेहतर विकल्प माना जाता है. इसमें मौजूद फॉस्फोरस और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और उन्हें हेल्दी भी रखते हैं.कब्ज की समस्या से राहतआयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. अबरार मुल्तानी कहते हैं कि अगर आप कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो ग्वार फली की सब्जी को अपने डाइट में शामिल करें. इसमें मौजूद फाइबर कब्ज जैसी समस्या को कम करने में सहायक है. इसके नियमित सेवन से पाचन संबंधी समस्या भी आसानी से दूर होती है.
- रोग प्रतिरोधक क्षमता एक प्रक्रिया है। हम जो भी चीजें खाते हैं, उसका असर हमारी सेहत पर ही नहीं बल्कि इम्युनिटी सिस्टम पर भी पड़ता है। आज हम आपको बता रहे हैं इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए एक ऐसा टिप्स जो बेहद कारगर है।गुड़ के साथ दूध का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ सर्दियों में होने वाली सर्दी-जुकाम, कफ जैसी कई परेशानियों को भी दूर करता है।दूध और गुड़ में मौजूद तत्वदूध में अधिक मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी और डी के अलावा कैल्शियम, प्रोटीन और लैक्टिक एसिड पाया जाता है। वही दूसरी ओर गुड़ में अधिक मात्रा में सुक्रोज, ग्लूकोज, खनिज तरल और पानी कुछ मात्रा में पाई जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा और कई तत्व पाएंं जातेे हैंं।नेचुरल ब्लड प्यूरीफायरगुड़ में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो आपके शरीर में मौजूद अशुद्धियों को साफ कर देता है इसलिए रोजाना गर्म दूध और गुड़ का सेवन करने से आपके शरीर से ऐसी अशुद्धियां निकल जाती है। जिससे आपको कोई बीमारी नहीं होगी।मोटापा को करें कंट्रोलमाना जाता है कि अगर आप दूध के साथ चीनी का इस्तेमाल करते है, तो इसकी जगह आप गुड़ का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आपका वजन कंट्रोल में रहेगा। जिससे आप मोटापा का शिकार नहीं होंगे।पेट संबंधी समस्या को रखें ठीकअगर आपको पाचन संबधी कोई भी समस्या है, तो गर्म-गर्म दूध और गुड़ का सेवन करने से आपको पेट संबंधी हर समस्या से निजात मिल जाती है।जोड़ों के दर्द को करें दूरगुड़ खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है, अगर रोजाना गुड़ का एक छोटा पीस अदरक के साथ मिला कर खाया जाए, तो जोड़ों में मजबूती आएगी और दर्द दूर होगा। आपकी खूबसूरती को बढ़ाएं। गर्म दूध और गुड़ का सेवन करने से आपकी त्वचा मुलायम होने के साथ-साथ त्वचा संबंधी समस्या न होगी। साथ ही इसका सेवन करने से आपके बाल भी हेल्दी रहेंगे।पीरियड्स में दर्द को करें ठीककहा जाता है कि अगर आपको कही दर्द हो,तो गर्म दूध पीने से तुरंत आराम मिल जाता है और महिलाओं को पीरियड के समय का दर्द हो रहा हो तो गर्म दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से आपको इससे निजात मिल सकता है। आप फिर पीरियड शुरु होने के 1 हफ्ते पहले 1 चम्मच गुड़ का सेवन रोजाना करें। इससे आपको दर्द से निजात मिलेगी।
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अमरुद एक ऐसा फल है, जो सस्ता होने के साथ ही गुणकारी भी है। यह फल साल भर तक उपलब्ध होता है। अमरुद ही नहीं इसकी पत्तियां भी कम गुणकारी नहीं हैं। आज हम जानते हैं अमरूद की पत्तियों के औषधीय फायदे....
अमरूद की पत्तियां कई बीमारियों में आराम पहुंचा सकती है। इसमें ऐसे चमत्कारी गुण हैं। त्वचा, बाल और स्वास्थ्य की देखभाल के लिये अमरूद की ताजी पत्तियों का रस या फिर इसकी बनी हुई चाय बहुत ही फायदेमंद होती है। वजन घटाना हो, गठिया के दर्द ने परेशान कर रखा हो या फिर पेट ठीक ना रहता हो, तो आप अमरूद की पत्तियों के रस का प्रयोग कर सकते हैं।अमरूद की पत्तियां शरीर और चेहरे को जवां बनाएअमरूद की दो पत्तियों को लीजिए उन्हें अच्छी तरह बारीक पीस लीजिए पीस लेने के बाद इस पेस्ट को चेहरे पर आधे घंटे के लिए लगा कर रखना है और आधे घंटे के बाद आपको गुनगुने पानी से अपने चेहरे को अच्छी तरह धो लेना है। इसके साथ-साथ आपको अमरूद की दो पत्तियों को चबाकर खाना भी होगा ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपके चेहरे की त्वचा चमकदार और रोगमुक्त हो जाएगी। क्योंकि अमरूद की पत्तियों में एंटीबायोटिक गुण होते हैं। इससे चेहरे की त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ेगी और आपके चेहरे की त्वचा हमेशा जवान रहेगी। वहीं मुंहासों से भी राहत मिलेगी।मोटापाअमरूद की पत्तियां जटिल स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को रोकता है जिसके द्वारा शरीर के वजऩ को घटाने में सहायता मिलती है।गठिया दर्दअमरूद के पत्तों को कूटकर, लुगदी बनाकर उसे गर्म करके लगाने से गठिया की सूजन दूर हो जाती है।पुराने दस्तअमरूद की कोमल पत्तियां उबालकर पीने से पुराने दस्तों का रोग ठीक हो जाता है। दस्तों में आंव आती रहे, आंतों में सूजन आ जाए, घाव हो जाए तो 2-3 महीने लगातार 250 ग्राम अमरूद रोजाना खाते रहने से दस्तों में लाभ होता है। अमरूद में-टैनिक एसिड होता है, जिसका प्रधान काम घाव भरना है। इससे आंतों के घाव भरकर आंते स्वस्थ हो जाती हैं।वमन या उल्टीअमरूद के पत्तों के 10 मिलीलीटर काढ़े को पिलाने से वमन या उल्टी बंद हो जाती है।कमज़ोरीअमरूद के पत्तों को पीसकर उसका रस निकालकर उसमें स्वादानुसार चीनी मिलाकर नित्य पीते रहने से कमज़ोरी में लाभ होता है।कोलेस्ट्रॉल कम करेअमरूद की पत्तियों का जूस लिवर से गंदगी निकालने में मदद करता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।दांतों की समस्या के लियेदांतदर्द, गले में दर्द, मसूड़ों की बीमारी आदि अमरूद की पत्तियों के रस से दूर हो जाती है। आप पत्तियों को पीस कर पेस्ट बना कर उसे मसूड़ों या दांत पर रखने से दर्द से आराम मिलता है।एलर्जी दूर करेअमरूद की पत्तियों का रस किसी भी प्रकार की एलर्जी को दूर कर सकता है। यह उस वायरस को खतम करता है जिससे एलर्जी पैदा होती है।मुंह के छालेअमरूद के पत्तों पर कत्था लगाकर चबाएं। केवल अमरूद के पत्ते चबाने से भी छाले ठीक हो जाते हैं।बालों को बढ़ायेइन पत्तियों में बहुत सारा पोषण और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है।मधुमेहएक शोध के अनुसार अमरूद की पत्तियां एल्फा-ग्लूकोसाइडिस एंज़ाइम की क्रिया द्वारा रक्त शर्करा को कम करती है। दूसरी तरफ सुक्रोज़ और लैक्टोज़ को सोखने से शरीर को रोकती है जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।---- - देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार कमी हो रही है। इस समय देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है। दूसरी लहर में कोरोना वायरस के कई नए म्यूटेंट ने भी दस्तक दी है, जिसकी वजह से इसके लक्षणों में लगातार बदलाव नजर आते रहे हैं। कोरोना वायरय होने पर अकसर लोगों में गले में खराश, सूखी खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और बदन दर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं। लेकिन इस बार उल्टी, डायरिया और निमोनिया जैसे लक्षण कोरोना के मरीजों में नजर आ रहे हैं।दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में कुछ लोगों में इसके नए लक्षण नजर आ रहे हैं। लेकिन ये लक्षण ज्यादातर डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर के रोगियों में ही नजर आ रहे हैं। हाई ब्लड शुगर होने पर मरीजों में निमोनिया, स्किन रैशेज और छाती में दर्द होना भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं।1. स्किन पर रैशेज होनावॉकहार्ट हॉस्पिटल, मुंबई सेंट्रल के डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि डायबिटीज रोगियों में स्किन पर रैशेज भी कोरोना वायरस का एक लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लड शुगर लेवल ज्यादा होने पर अकसर लोगों में ये लक्षण नजर आ रहे हैं। हाई ब्लड शुगर की वजह से स्किन ड्राय हो रही है, जिससे स्किन रैशेज की समस्या होती है। इसमें स्किन इंफेक्शन के साथ ही त्वचा पर रेड स्पॉट्स भी दिखाई देते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि यह लक्षण सिर्फ डायबिटीज रोगी में ही देखने को मिले, दूसरे लोगों में भी कोरोना होने पर स्किन रैश के लक्षण नजर आ सकते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में अक्सर त्वचा से जुड़े लक्षण जैसे रैशेज, सूजन और एलर्जी के मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही इसका असर नाखूनों पर भी देखने को मिल रहा है। इस स्थिति में डायबिटीज के रोगियों को अपनी त्वचा का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। त्वचा में थोड़ा सा बदलाव आने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।2. निमोनियाडॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि कोरोना से संक्रमित डायबिटीज मरीजों में निमोनिया के भी लक्षण देखने को मिल रहे हैं। कोरोना और निमोनिया बेहद गंभीर स्थिति होती है। डायबिटीज मरीजों को कोरोना और निमोनिया दोनों का रिस्क बहुत ज्यादा है। हाई ब्लड शुगर लेवल से कोरोना तेजी से पूरे शरीर में फैलता है, जिससे जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है। इस दौरान मरीज को सांस से जुड़ी दिक्कतें हो सकती है। ऐसे में आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की बहुत जरूरत होती है। इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।3. ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल कम होनाकोरोना की दूसरी लहर में हैप्पी हाइपोक्सिया के भी मामले सामने आ रहे हैं। हैप्पी हाइपोक्सिया वह स्थिति होती है, जब शरीर में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल कम हो जाता है, लेकिन इसका पता मरीज को नहीं चल पाता है। फिर अचानक से मरीज की तबियत बिगड़ती है और मरीज गंभीर हो जाता है। डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर के मरीजों में इसका सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसकी वजह से कोरोना से संक्रमित डायबिटिक्स को सीने में दर्द और सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।कोरोना के दूसरी लहर में ये सारे लक्षण भी सामने आए हैं। इसलिए इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। शुरुआत में ही इन लक्षणों पर गौर करें और तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
- नाश्ते में आप क्या खाते हैं यह बहुत ही मायने रखता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नाश्ता हेल्दी और पोषण से भरपूर होना चाहिए. अब हमारे मन में सवाल आता है कि ऐसा क्या खाया जाए जिससे सेहत अच्छी बने. इसके लिए आपके पास उबला हुआ अंडा बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि नाश्ते में एक उबला हुआ अंडा खाने के फायदे जान लेंगे तो हैरान रह जाएंगे. सबसे पहले नजर डालते हैं अंडे में पाए जाने वाले तत्वों पर. अंडे में प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए, बी 6, बी 12, फोलेट, एमिनो एसिड, फास्फोरस और सेलेनियम एसेंशियल अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (लिनोलिक, ओलिक एसिड), पाए जाते हैं, जो स्वस्थ्य शरीर के लिए बेहद अहम माने जाते हैं. जानी मानी डाइटीशियन डॉ रंजना सिंह के मुताबिक, अंडे में किसी भी तरह के फैटी सेल्स नहीं होते., योगा या फिर जिम करते वक्त प्रोटीन डाइट के जरिए आपका एनर्जी लेवल ठीक रहे, इसके लिए आप अंडे के पीले भाग को जरूर खाएं. दरअसल, कुछ लोग वजन कम करने के लिए अंडे का सिर्फ सफेद भाग खाते हैं, जबकि पीले को छोड़ देते हैं.प्रोटीन देता है अंडाजानी मानी डाइटीशियन डॉ रंजना सिंह के मुताबिक, शरीर में एनर्जेटिक बनाए रखने में प्रोटीन अहम रोल अदा करता है. ऐसे में अंडे से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है, इसलिए नाश्ते में एक उबला अंडा खाना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.कोलेस्ट्रोल को बैलेंस करने में मददगारअंडे में कोलेस्ट्रोल पाया जाता है, लेकिन एक रिसर्च में पता चला है कि अंडे में फोस्फोटाइड्स और ओमेगा-3 एसिड भी पाया जाता है. ये दोनों तत्व शरीर में नुकसानदायक कोलेस्ट्रोल को बैलेंस करते हैं. लेकिन अगर आप अंडे को तेल में ऑमलेट बनाकर खाएंगे तो यह शरीर में कोलेस्ट्रोल बढ़ा सकता है. यही वजह है कि अंडे को उबालकर नाश्ते में खाना सही रहता है.दिमाग के लिए फायदेमंदअंडे में कोलाइन नामक एंजाइम पाया जाता है. हाल ही में की गई एक रिसर्च में पता चला है कि इंसानी शरीर में कोलाइन की कमी से यादाश्त की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में अगर आप एक उबले हुए अंडे को अपने नाश्ते में शामिल कर लेंगे तो आपके शरीर में कोलाइन की कमी नहीं होगी और आपका दिमाग तेज बनेगा.आंखों के लिए फायदेमंदउबला हुआ अंडा हमारी आंखों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें ग्लूटन नामक तत्व पाया जाता है. इसके अलावा हमारी स्किन के लिए भी यह अच्छा है. कुछ रिसर्च में पता चला है कि पुरूषों में स्पर्म की क्वालिटी सुधारने के लिए भी अंडा फायदेमंद होता है.
- किशमिश एक ऐसा ड्रायफूट है जिसके फायदे तो आप सभी को पता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किशमिश का पानी भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद रहता है. देश के मशहूर आयुर्वेदिक विशेषज्ञ व कई बेस्टसेलर किताबों के लेखक डॉ. अबरार मुल्तानी के मुताबिक अगर आप 10-12 किशमिश हर दिन रात में पानी में भिगो कर रख दे और सुबह उठकर इस पानी का सेवन करेंगे तो इससे शरीर को बहुत से फायदे होते है. जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.पेट रहता है साफअगर आप हर दिन किशमिश के पानी का सेवन करते है तो इससे आपका पेट साफ रहता है. अगर किसी के गैस और कब्ज की परेशानी है तो ऐसे लोगों के लिए भी सुबह से किशमिश का पानी पीना फायदेमंद रहता है. किशमिश का पानी से पाचन, मेटाल्जिम के स्तर को कम रखता है जबकि इससे गैस और कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है. जिससे आप हमेशा आपका शरीर फिट रहेगा.इम्यूनिटी को रखे मजबूतव्यक्ति को इम्यूनिटी को मजबूत रखना बहुत जरूरी होता है. अक्सर कमजोर इम्यूनिटी की वजह से लोगों को कई प्रकार की बीमारियां भी घेर लेती है. लेकिन इम्यूनिटी को मजबूत रखने में किशमिश का पानी एक अच्छा ऑप्शन रहता है. क्योंकि किशमिश में विटामिन सी और बी दोनों पाए जाते हैं, इसके अलावा किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी रहते हैं जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं. ऐसे में इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखने के लिए किशमिश के पानी का सेवन किया जाना फायदेमंद माना जाता है.शरीर में नहीं होती आयरन की कमीशरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए किशमिश अच्छा विकल्प माना जाता है. अगर आप हर दिन सुबह से किशमिश के पानी का सेवन करेंगे तो इससे भी आपके शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी, जिससे एनीमिया जैसी बीमारी होने का खतरा नहीं रहता है. किशमिश का पानी आयरन का अच्छा स्त्रौत माना जाता है. ऐसे में लोगों को इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है.किशमिश का पानी वजन कम करने में मददगारबिगड़ते खान-पान की वजह से वजन का बढ़ना आज एक आम समस्या बनती जा रही है. जिससे की लोग परेशान है. लेकिन किशमिश का पानी बढ़ते वजन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है. क्योंकि इसमें मौजूद ग्लूकोज और फ्रुक्टोज से शरीर में ऊर्जा मिलती है. ऐसे में जो लोग बढ़ते वजन से परेशान है उनके लिए किशमिश का पानी बहुत फायदेमंद रहता है.त्वचा के लिए फायदेमंदकिशमिश का पानी त्वचा के लिए भी फायदेमंद रहता है. क्योंकि इसका सेवन करने से शरीर से सभी हानिकारक विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. जिसका सीधा असर आपकी त्वचा पर दिखता है और त्वचा साफ होने लगती है. त्वचा पर होने वाली झुर्रियों को दूर करन में किशमिश का पानी का बहुत सहायक माना जाता है किशमिश में मौजूद फ्लेवेनॉइड्स एंटी ऑक्सीडेंट इसे दूर करने में मदद करते हैं. ऐसे में जिन लोगों को त्वचा की परेशानी होती है उन्हें भी किशमिश का पानी पीने की सलाह दी जाती है.खून होता है साफकिशमिश के पानी से खून भी साफ रहता है. दरअसल, किशमिश का पानी पीने से पेट पूरी तरह साफ हो जाता है. जिससे लीवर ठीक रहता है और शरीर में बीमारियां नहीं होती है. इसलिए खून साफ रखने के लिए भी किशमिश का पानी पीने की सलाह दी जाती है. तो देखा दोस्तों किशमिश का पानी पीने से शरीर को कितना फायदा होता है.
- क्या आप जानते हैं कि कपड़ों को ठीक से न धोना, कपड़ों को धूप में न सुखाना, नहाने के बाद शरीर को सूखे कपड़े से न पोछना, कपड़े धोने के लिए कई दिन पहले ढेर लगा देना या कपड़े धोने के बाद हाथ न धोना आदि कारण आपको बीमार कर सकते हैं? इसलिए कपड़ा दोते और सूखाते समय सावधानियां बरतें....कपड़ों को धोने और सुखाने को लेकर की जाने वाली ये गलतियां1. संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों को स्वस्थ व्यक्ति के कपड़ों के साथ धोनाघर में अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है तो उसके कपड़ों को बाकी कपड़ों से अलग रखना चाहिए। इससे वायरस अन्य के कपड़ों में नहीं फैलता। कपड़ों पर कोरोना का इंफेक्शन कितने समय तक रहता है इस पर अभी स्पष्टता नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि कोविड मरीजों के कपड़े बाकी लोगों के कपड़ों से अलग धोने चाहिए और इन्हें डिसइंफेक्ट करके धोना चाहिए।2. कपड़ों को धोने के लिए कई दिनों तक जमा करते रहनाअक्सर घरों में आदत होती है कि कपड़े धोने के लिए कई दिन पहले ही कपड़ों का ढेर जमा कर दिया जाता है। डॉक्टर का कहना है कि वायरस या फंगल तो कुछ दिन मर जाएगा लेकिन डायरिया पैदा करने वाले बैक्टिरिया जिंदा रहते हैं। अगर कपड़ों में नमी रहती है तो जम्र्स उन पर लंबे समय तक रह सकते हैं। जब हम कपड़ों को धोने के लिए एक साथ जमा करते हैं तो उसमें अंडरववियर्स भी होते हैं, जिनसे यीस्ट जैसे जेनिटल इंफेक्शन फैलना का खतरा रहता है। बच्चे का एक्सपोजर बाकी लोगों से ज्यादा होता है, इस वजह से उनके कपड़ों में जम्र्स ज्यादा होते हैं। अगर आप सभी के कपड़े लॉन्ड्री के लिए एक साथ डालते हैं तो किटाणुओं के फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।3. ज्यादा डिटरजेंट का इस्तेमाल करनाकपड़ों में ज्यादा डिटरजेंट का प्रयोग करने से स्किन एलर्जी, ड्राइनेस, जलन होने लगती है। इसके लिए आप मॉश्चराइज का प्रयोग करें। साथ ही कपड़ों के लिए तो ज्यादा डिटरजेंट का प्रयोग करने से कपड़़ों का रंग फेड हो जाता है।4. घर के अंदर कपड़े सुखानाघर के अंदर कपड़े सुखाने से कपडो़ं में नमी रह जाती है जिस वजह से कमरे के अंदर भी नमी रहती है और वह फंगल का कारण बनती है। घर के अंदर कपड़ो को सुखाने से कमरे के एनवायरमेंट में 30 फीसद तक मॉश्चर बढ़ जाता है। यह फंगल आंखों को प्रभावित करता है।क्यों जरूरी है कपड़ों को ठीक से धोना और सुखाना?कपड़ों को ठीक से न धोने या सुखाने के कारण कपड़ों में नमी और बैक्टीरिया रह जाते हैं जिसकी वजह से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।स्किन डर्मेटाइटिसयह त्वचा पर एक तरह की एलर्जी ही होती है। यह कपड़ों को ठीक तरह से नहीं सुखाने की वजह से होती है। क्योंकि कपड़ों में नमी रह जाती है। जिस वजह से त्वचा पर एलर्जी होती है।फंगल इंफेक्शनदाद आदि का कारण फंगल इंफेक्शन है। कपडो़ं को जब ठीक तरीके से सुखाते नहीं हैं, तो यह परेशानी होती है। जो लोग नहाने के बाद भी शरीर को सुखाते नहीं हैं। कपड़े पहनते हैं और त्वचा पर नमी बनी रहती है। जिस वजह से फंगल इंफेक्शन की परेशानियां बढ़ती हैं। आपको कपड़ों की वजह से स्किन डिजिज हुई है तो वह दवा खाने से ठीक हो जाएगी पर वापस ठीक से न सुखाए हुए कपड़ों को पहनेंगे तो फिर फंगल की परेशानी हो सकती है।कपड़ों को धूप में सुखाएँकपड़ों को धूप में सुखाना बहुत जरूरी है। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो कपड़ों में नमी की वजह से अस्थमा व अन्य रेस्पाइरेटी प्रॉबल्म्स के लक्षण पैदा हो सकते हैं। इन परेशानियों की वजह से इम्युन सिस्टम कमजोर होता है। इसलिए कपडो़ं को धूप में सुखाना जरूरी है।
- पूजा-पाठ में कपूर का इस्तेमाल काफी किया जाता है। यह कपूर के पेड़ की छाल से प्राप्त होता है। जिसमें प्राकृतिक रूप से औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह पेड़ मूल रूप से भारत व चीन से संबंध रखता है। कपूर का पेड़ सदाबहार होता है, जिसका विकास काफी तेजी से होता है। कपूर का तेल भी कई समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। इसका साइंटिफिक नाम सिनामोमस कैफोरा होता है, जो कि लॉरेसी कुल से ताल्लुक रखता है। इसकी गंध काफी तेज होती है। कपूर में टरपीन होता है, जिसके इस्तेमाल से स्वास्थ्य को काफी फायदे मिलते हैं। आइए इन कपूर के फायदों के बारे में जानते हैं।कपूर के फायदेदेश के जाने-माने आयुर्वेदिक एक्सपर्ट व ‘‘इंक्रेडिबल आयुर्वेदा’’ के संस्थापक डॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि चेहरे के दागों को कम करने के लिए भीमसेनी कपूर का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, त्वचा में अधिक रूखापन होने की वजह से त्वचा शुष्क और दाग-धब्बों वाली हो जाती है। मगर कपूर को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से त्वचा का रूखापन दूर हो जाता है। कपूर के चूर्ण को बरगद के दूध में पीसकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों के रोगों में लाभ होता है। कपूर के घरेलू इस्तेमाल से निम्नलिखित अन्य फायदे भी प्राप्त हो सकते हैं। जैसे-त्वचा की खुजली व जलनकपूर में एसेंशियल ऑयल मौजूद होता है, जो कि त्वचा की खुजली व जलन से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है। इस एसेंशियल ऑयल को त्वचा आसानी से सोख लेती है और स्किन को ठंडक मिलती है। त्वचा की खुजली व जलन के लिए नारियल तेल के एक कप में एक चम्मच पिसा हुआ कपूर मिक्स कर लें। इस मिश्रण को प्रभावित त्वचा पर लगाएं।बालों के लिए फायदेमंदकई शोधों के अनुसार कपूर को बालों के लिए फायदेमंद माना जाता है। बाल झड़ने, बालों को मजबूत बनाने और रूसी का इलाज करने के लिए कपूर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस घरेलू उपाय के लिए नारियल तेल के साथ कपूर को मिलाएं। इस मिश्रण से सिर की मसाज करने पर आपको रूसी से निजात मिल सकती है और बाल मजबूत हो जाते हैं।जोड़ों के दर्द से राहतजो लोग अपने जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं, वह घरेलू उपचार के रूप में कपूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ शोध के मुताबिक, कपूर के तेल में गर्माहट पहुंचाने वाले तत्व मौजूद होते हैं, जो नसों की संवेदनशीलता को कम करने में मदद कर सकते हैं और आपको दर्द से राहत मिलती है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए तिल का तेल गर्म करके उसमें कपूर मिक्स कर लें और इस मिश्रण से जोड़ों पर मालिश करें।कपूर के फायदे- मुंहासों से राहतकपूर में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जो त्वचा पर मुंहासों से राहत दिला सकते हैं। कुछ रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों की त्वचा ऑयली होती है, उनके लिए कपूर ज्यादा फायदेमंद होता है। इस घरेलू उपाय के लिए एक कप नारियल के तेल में कपूर की दो छोटी टिक्की मिलाएं और इसकी थोड़ी-सी मात्रा प्रभावित त्वचा पर लगाएं।दरार वाली व कटी एड़ियांअगर आपकी एड़ियों में कट या दरार है, तो आप कपूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस समस्या के घरेलू इलाज के लिए पानी से भरी हुई बाल्टी में 10 से 12 कपूर की टिक्की डाल लें। अब इस पानी में अपनी एड़ियों को 10 से 15 मिनट तक डालकर रखें। इस घरेलू उपाय से आपकी एड़ियां मुलायम हो जाएंगी और दरार भर जाएंगी।कपूर के इस्तेमाल से जुड़ी सावधानियांघरेलू उपाय के लिए कपूर का इस्तेमाल करने से पहले आपको इन सावधानियों का जरूर ध्यान रखना होगा। जैसे-कपूर से कुछ लोग संवेदनशील हो सकते हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें।सिर्फ कपूर के ऑयल को सीधा त्वचा पर न लगाएं, यह हानिकारक हो सकता है।कम उम्र के बच्चों या गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।कपूर का मुंह से सेवन नहीं करना चाहिए।कपूर का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में चर्चा जरूर कर लें।
- लोग घंटों तक टॉयलेट में बैठे रहते हैं, मगर फिर भी पेट साफ नहीं हो पाता। कब्ज के रोगी को ऐसी स्थिति का कई बार सामना करना पड़ता है। पेट साफ न होने के कारण न सिर्फ आपका मूड खराब रहता है, बल्कि आपका ध्यान पूरे दिन अपने पेट की अकड़ाहट पर ही लगा रहता है। कब्ज की समस्या सिर्फ असहजता या मूड खराब करने का कारण ही नहीं बनती। बल्कि इसकी वजह से आपको बवासीर, फिस्टुला आदि जैसी गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। कब्ज की परेशानी को दूर करने के लिए आपको कुछ चीजों से दूरी तुरंत बना लेनी चाहिए। आइए, इन खास चीजों के बारे में जानते हैं।आलस और शारीरिक असक्रियतालोग आलस के कारण बेड, सोफे, कुर्सी, गाड़ी आदि पर बैठे हुए ही पूरा दिन निकाल देते हैं और इसी कारण उन्हें सुबह-सुबह कमोड पर भी बैठे रहना पड़ सकता है। क्योंकि, आलस के कारण उत्पन्न हुई शारीरिक असक्रियता से आपका पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और ढंग से कार्य नहीं करता है। इसके बाद खाना अच्छी तरह पच नहीं पाता और पेट की मांसपेशी उसे आसानी से बाहर भी नहीं निकाल पाती हैं।शराब के साथ चाय-कॉफी भी नहीं है फायदेमंदभारत में यह मान्यता काफी प्रचलित है कि चाय-कॉफी का सेवन करने से पेट साफ करने में मदद मिलती है। दरअसल, आप किसी भी गर्म तरल पदार्थ से यह फायदा प्राप्त कर सकते हैं। जिससे आपकी मसल्स बेहतर तरीके से काम करने लगती हैं। मगर चाय-कॉफी के साथ दिक्कत यह है कि इनमें मौजूद कैफीन का ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर शरीर में गलत नतीजे भी दिख सकते हैं और कब्ज की समस्या और गंभीर हो सकती है। शराब भी अत्यधिक कैफीन की तरह शरीर में डिहाइड्रेशन की स्थिति बनाती है और कब्ज की दिक्कत को बढ़ाती है।प्रोसेस्ड फूड से बचेंप्रोसेस्ड फूड के सेवन से कब्ज के रोगी को दूर रहना चाहिए। क्योंकि यह स्वस्थ लोगों में भी पेट की समस्या पैदा कर सकता है। प्रोसेस्ड व जंक फूड में फैट की मात्रा बहुतायत में होती है। जो कि हमारा पाचन तंत्र सही तरीके पचा नहीं पाता और उसपर दबाव आने लगता है। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और पेट साफ नहीं हो पाता।डेयरी उत्पाद से भी बना लें दूरीडेयरी उत्पाद आपकी कब्ज के पीछे का बड़ा कारण हो सकता है। क्योंकि कुछ लोगों में दूध व इससे बने अन्य उत्पादों में मौजूद प्रोटीन के प्रति संवेदनशीलता होती है। जिसे उनका पाचन तंत्र उसे ठीक तरीके से पचा नहीं पाता और कब्ज की दिक्कत हो सकती है।कुछ निश्चित दवाओं का सेवनहार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग की रिपोर्ट के मुताबिक एंटी-डिप्रेसेंट (अवसाद का इलाज करने वाली दवाएं), ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवाएं, यूरिनरी इनकॉन्टिजेंस का इलाज करने वाली दवाएं आदि आपकी कब्ज के पीछे का कारण बन सकती हैं। अगर आप भी ऐसी ही किसी दवा का सेवन कर रहे हैं और कब्ज की समस्या झेल रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है, इसके लिए लिए वह महंगे प्रोडक्ट खरीदता है. अगर आप भी चमकती और दमकती त्वचा चाहते हैं तो आपको अपने खान पान पर ज्यादा फोकस करना होगा. क्योंकि कई कई विटामिन्स ऐसे होते हैं, जिनकी मात्रा अगर हमारे शरीर में कम हो जाए तो स्किन की चमक चली जाती है.यही वजह है कि स्किन एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि चेहरे के दाग धब्बों को मेकअप से छुपाने के बजाय उसके कारणों को जानकर सही उपाय करना चाहिए. इस खबर में हम आपके लिए हेल्दी स्किन के लिए जरूरी विटामिन्स के बारे में जानकारी दे हैं.विटामिन एविटामिन-ए त्वचा को जवां रखने के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि ये स्किन सेल्स को रीजेनरेट करता है, जो लोग ड्राय स्किन और मुंहासों से परेशान हैं, उन्हें इस विटामिन युक्त फूड्स का सेवन जरूर करना चाहिए. विटामिन ए त्वचा को मुलायम और कोमल बनाने में मदद करता है.इन चीजों से मिलेगा विटामिन एआम, तरबूज, गाजर, पपीता और मछलीविटामिन बी कॉम्प्लेक्सबी कॉम्प्लेक्स विटामिन्स स्किन को बेहतर करने में मदद करता है. ये सेरामाइड और फैटी एसिड के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो स्किन बैरियर को बेहतर करने में मदद करते हैं. साथ ही, पिग्मेंटेशन की परेशानी को कम करता है. जो लोग ऑयली स्किन से परेशान रहते हैं, उनके लिए ये विटामिन जरूरी है क्योंकि ये सीबम के प्रोडक्शन को कम करता है, जिससे स्किन पर ऑयल कम नजर आता है।इन चीजों से मिलेगा विटामिन बी कॉम्प्लेक्ससाबुत अनाज, फल, सब्जियों और दहीविटामिन सीस्किन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि विटामिन सी की कमी से चेहरे पर लाल रंग के दाने निकल आते हैं, इसके बाद वह चेहरा बेजान दिखने लगता है और असमय ही चेहरे पर झुर्रियां आ जाती है.इन चीजों से मिलेगा विटामिन-सीखट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, पालक , फूलगोभी, ब्रोकोली आलू, शकरकंदविटामिन डीविटामिन डी जिसे सनशाइन विटामिन भी कहते हैं, ये स्किन के लिए बहुत जरूरी और फायदेमंद है. इसकी कमी से चेहरे पर पिंपल्स और मुंहासे ज्यादा निकलने लगते हैं.इन चीजों से मिलेगा विटामिन डीअंडे, दूध, दही, मशरूम, पनीर, मक्खन, चीज और मछली
- भारत में चावल का इस्तेमाल घर-घर में होता है. क्योंकि चावल लगभग सभी लोगों को बहुत पसंद होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चावल का पानी भी बहुत काम की चीज होता है. चावल का पानी जिसे भारत के कई हिस्सों में मांड भी कहा जाता है, इसका इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है. शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए चावल का पानी बहुत अच्छा माना जाता है, दरअसल, चावल में कई प्रकार के पौषक तत्व पाए जाते हैं. जब हम चावल को धोते हैं तो यह पौषक तत्व उस पानी में निकलते हैं. ऐसे में ऐसे में चावल का पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और कमजोरी नहीं होती है.कंट्रोल रहता है ब्लड प्रेशरचावल का पानी ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में सहायक माना जाता है. दरअसल, चावल के पानी में सोडियम पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है. इसलिए जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उन लोगों को चावल का पानी पीने की सलाह दी जाती है. ऐसे में जिन लोगों को यह समस्या होती है वह चावल के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं.पेट रखता है साफचावल का पानी पीने से पेट साफ रहता है. जिससे डाइजेशन सिस्टम भी ठीक रहता है. अगर आप चावल के पानी का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको गैस और कब्ज जैसी समस्या होती है, तो यह चावल के पानी से दूर हो जाती है. इसलिए पेट साफ रखने के लिए चावल के पानी का इस्तेमाल किया जाता है.चावल का पानी त्वचा के लिए होता है फायदेमंदचावल के पानी में खनिज, विटामिन्स, अमीनो एसिड और एंटी ऑक्सडेंट्स फेरुलिक एसिड पाया जाता है. ये सभी पोषण हमारी स्किन और बालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए चावल का पानी अच्छा रहता है. इसके अलावा सूखी त्वचा, खुले छिद्र और मुँहासे जैसी समस्याओं से निपटने के लिए चावल के पानी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. ऐसे में मुलायम त्वचा बनाए रखने के लिए चावल के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है.एनर्जी रहती है शरीर मेंचावल के पानी से शरीर में एनर्जी बनी रहती है. चावल का पानी में शरीर के ऊर्जा का बेहतरीन स्त्रोत है जो कार्बोहइड्रेट से भरपूर है. सुबह के समय इस पानी को पीना एनर्जी बूस्ट करने के बढ़िया तरीका है. अगर आप हर दिन एक गिलास चावल के पानी का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर को भरपूर एनर्जी मिलेगी और दिनभर आप मजबूत रहेंगे. इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए चावल के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
- लंबे और घने बालों की चाह किसे नहीं होती है, लेकिन कुछ लोगों के बाल कम उम्र से ही झडऩे और टूटने लगते हैं। दिन में कुछ बालों का टूटना प्राकृतिक रूप से नुकसानदेह नहीं है। आमतौर पर दिनभर में कुछ बाल टूटते व गिरते हैं। लेकिन अगर आपके सिर से रोजाना अधिक बाल टूटते हैं तो यह निश्चित तौर पर चिंता का विषय हो सकता है। कई घरेलू नुस्खे आजमाने के बाद भी अगर आपके बालों का टूटना नहीं रुक रहा है तो हम आपको ऐसा नुस्खा बताएंगे, जिसकी मदद से बाल मजबूत और चमकदार बनेंगे। बालों पर आम की पत्तियां लगाने से बालों से जुड़ी तमाम समस्याएं खत्म हो सकती हैं। यही नहीं, इससे बालों के सफेद होने की समस्या को भी कम करते हैं। आम की पत्तियां विटामिन ए और विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत होती हैं। जो आपके कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाती हैं और बालों को घना और चमकदार बनाने में मदद करती हैं। चलिए जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में।1. बालों के विकास में मददगारआम की पत्तियां बालों के विकास में काफी मददगार साबित होती हैं। इन पत्तियों में विटामिन सी और विटामिन ए के साथ एंटीऑक्सीडेंट्स की भी मात्रा पाई जाती है, जो बालों के विकास में मदद करती हैं। यह आपके स्कैल्प में मौजूद रक्त वाहिकाओं को भी क्षति पहुंचने से बचाती हैं। यही नहीं आम की पत्तियों में नैचुरल ऑयल मौजूद होता है, जो प्राकृतिक तरह से बालों की देखभाल करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट्स आपके बालों को समय से पहले बूढ़ा या सफेद होने से बचाता है। इसलिए अगर आपके बालों का विकास भी रुक गया है तो स्कैल्प पर आम की पत्तियों का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए बालों में आम की पत्तियों का पेस्ट लगाएं।2. बालों को सफेद होने से रोकेआम की पत्तियों में पोटैशियम , मैग्नीशियम के साथ ही फ्लेवोनॉइड्स मौजूद होते हैं, जो बालों की ग्रोथ के साथ ही बालों को उम्र से पहले सफेद होने से बचाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी और विटामिन ए आपके कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे बाल बढऩे के साथ ही सफेद होना भी कम होते हैं।3. बालों को घना और चमकदार बनाएबालों को बिना किसी साइड इफेक्ट के काला और घना बनाने के लिए आम की पत्तियों का इस्तेमाल करना कारगर विकल्प माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले फ्लेवोनॉइड की मात्रा आपके बालों को प्राकृतिक रूप से काला, घना और चमकदार बनाने में मदद करता है। इसके लिए आम की पत्तियों से बना हेयर मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर इसका पेस्ट बनाकर स्कैल्प पर लगा सकते हैं।4. डायबिटीज में मददगारआम की पत्तियों में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जो डायबिटीज के खतरे को कम करते हैं। इसका सेवन डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल से निजात दिलाता है। इसमें पेक्टिन नामक तत्व पाए जाने के साथ ही विटामिन सी और फाइबर की भी प्रचुरता होती है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी मददगार होती हैं। इसके लिए इसके पत्तों का सेवन करने की जरूरत नहीं है। इसलिए लिए पानी में आम की कुछ पत्तियां डालनी हैं और कुछ देर बाद पत्तियां निकालकर केवल पानी का सेवन करना है। इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा।5. वजन घटाने में मददगारआम की पत्तियां वजन घटाने में भी काफी मददगार मानी जाती हैं। आम की पत्तियां शरीर में लेप्टिन हार्मोन को बढ़ाने में सहायक होती हैं, जिससे वजन नियंत्रित होता है। इसके लिए भी आम की पत्तियों का पानी पीने की जरूरत है। इससे आपका पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है।6. . पोषक तत्वों से भरपूरआम के साथ ही इसकी पत्तियां भी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। आम की पत्तियों में एंटी ऑक्सीडेंट्स, फ्लेवोनॉइड्स, विटामिन सी, विटामिन ए, एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज, एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज, पेप्टिन्, पॉलीफेनॉल्स, मैगनीशियम, तांबा और पोटैशियम आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में हो रही तमाम परेशानियों से लडऩे में काम आते हैं।
- पपीता न सिर्फ त्वचा में निखार लाता है, बल्कि हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। पपीता में विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है, जो आंखों की रोशनी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाला विटामिन सी हड्डियों के लिए अच्छा होता है, जो आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी से भी बचाता है।आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक पपीता में फाइबर, पोटेशियम और विटामिन होता है। इसके सेवन से ह्दय से जुड़ी समस्याओं से छुकारा मिल सकता ह। नियमित तौर पर अगर आप इसे डाइट में पपीता शामिल करने से आपको कई जबरदस्त फायदे होते हैं।डाइजेशन में मददपपीता कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है. इससे पेट साफ रहता है। ये आंखों के लिए लाभकारी माना जाता है। इस फल में विटामिन सी, फोलेट और विटामिन ई होता है, जो पेट में टॉनिक बनाता है और गति बीमारी को कम करता है।गठिया की बीमारी से दिलाएगा राहतपपीता गठिया की बीमारी के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहिए. इसे खाने से गठिया की बीमारी से छुटकारा मिल सकता है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी एंजाइम अच्छी मात्रा में पायी जाती है, जो गांठ के चलते होने वाले दर्द में अपना खास असर दिखाती है।हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करता हैहाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर डाइट में पपीता को जरूर शामिल करें। ये ब्लड प्रेशर को सही बनाये रखने में मदद करता है। इसमें पोटैशियम काफी मात्रा में होता है.त्वचा के लिए फायदेमंदपपीता आपकी त्वचा को युवा और हेल्दी बनाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट अत्यधिक मुक्त कणों को बेअसर करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जो त्वचा को नुकसान, सैगिंग और झुर्रियों का कारण बनते हैं। लाइकोपीन और विटामिन सी से भरपूर, पपीता उम्र बढऩे के संकेतों को कम करने में भी मदद करता है।इम्युनिटी मजबूत करता है पपीतापपीता में विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, एनर्जी जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों के खतरे से बचाते हैं। इसके साथ ही पपीता खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है, क्योंकि पपीता शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी और कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने में मदद कर सकता है।
- कभी मौसम बदलने पर या कुछ स्पेशल खाने का मन होता है तो सबसे पहले पकोड़ों की याद आती है। पकौड़े जल्दी से बन जाते हैं। अरबी के पत्ते आपने जरुर देखे होंगे और इस से बनने वाली अरबी की सब्जी भी जरूर खाई होगी, लेकिन क्या आपने कभी अरबी के पकौड़े खाए हैं. इसकी सब्जी भी बनती है और पकौड़े भी। इसके पकौड़े बहुत स्वादिष्ट होते हैं पर इनको बनाने का तरीका आम पकौड़े से जरा हटकर होता है। अरबी के पकौड़े देखने में तो नार्मल पकौड़ों की तरह ही लगते हैं यहां आज हम आपको बताएंगे इसकी स्पेशल रेसिपी..इसको बनाने में थोड़ा समय ज्यादा लगता है क्योंकि ये अलग तरह से बनाए जाते हैं।सामग्री4-5 अरबी के पत्ते2 कप बेसनस्लाइस में कटा हुआ प्याज7-8 लहसुन की कलियां3 से 4 हरी मिर्चआधा चम्मच लाल मिर्च1/2 चम्मच हल्दी पाउडर1/2 चम्मच धनिया पाउडरनमक स्वादानुसार और तेल फ्राई करने के लिएविधि-आप सबसे पहले प्याज, लहसुन और हरी मिर्च का पीसकर पेस्ट तैयार कर लें। इसके बाद अरबी के पत्तों को अच्छी तरह से धोएं और सूखने दें। फिर एक बर्तन में बेसन निकालें और इसमें लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर और नमक डाल लें। पानी डालकर गाढ़ा सा पेस्ट बना लें। इस गाढ़े घोल को अरबी के पत्तों पर लगाएं उसके बाद पत्ते को रोल कर दें। बेसन लगा होने के कारण ये आसानी से रोल होकर चिपक जाएगा। आप चाहें तो पत्तों को गोल मोड़ते हुए रोल बना लें और एक धागे से बांध दें। अब एक बड़े बर्तन या कड़ाही में पानी गर्म होने के लिए रख दें। जब ये पानी गर्म हो जाए तो उसके ऊपर स्टील की छलनी रख दें। उस छलनी के ऊपर हल्का सा ऑयल लगा लें जिससे रोल उस पर चिपके नहीं।छलनी पर रोल किए हुए सारे पत्ते रख दें और छलनी को प्लेट से ढंक दें और स्टीम दें। दो से तीन मिनट बाद प्लेट हटाकर रोल को दूसरी साइड में घुमा दें, जिससे की वो आसानी से दूसरी तरफ भी पक जाए। भाप में पकने के बाद ये सख्त से हो जाते हैं। अब स्टीम्ड पत्तों को प्लेट में निकालकर टुकड़ों में काट लें।फिर एक कढ़ाई में तेल गर्म करें और इन टुकड़ों को डालकर फ्राई कर लें. तो लीजिए तैयार है आपके अरबी के पत्तों के गरमागरम पकौड़े। इन्हें आप अपनी मनपंसद चटनी के साथ सर्व कर सकते हैं। आप पत्तों में बेसन के स्थान पर उड़द की दाल या फिर मूंग दाल भी डाल सकती हैं। इसके लिए पहले से दाल को भिगोकर रखें और फिर इसी महीन पीस लें। उसके बाद बेसन की तरह ही इसे इस्तेमाल कर पकोड़े बना लें।---
- शारीरिक कमजोरी के शिकार लोग अगर अपने शरीर को मजबूत बनाना चाहते हैं तो भीगे हुए चने खाएं। ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इससे आपके शरीर में खून की वृद्धि होती है और आप फिट भी रहते हैं। भीगे चने में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फैट्स, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, विटामिन्स पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ्य रखने में अहम रोल अदा करते हैं। भीगे चने खाने से दिमाग तेज़ होने के साथ खून भी साफ होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और दूसरे मिनरल्स होते हैं, जो आपके शरीर को भरपूर प्रोटीन देते रहते हैं।खाली पेट भीगे चने का खाने के फायदे...वजन कम करने में मददगारचना खाने से आप बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल कर सकते हैं। चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो भूख को कम करता है।खून की कमी से छुटकाराभीगा हुआ चना खाने से आयरन मिलता है, जो शरीर में खून की मात्रा बनाए रखने में मदद करेगा। अगर आप भी खून कमी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपनी डाइट में भीगे हुए चने शामिल कर सकते हैं।कैंसर से बचाने में मददगारचने में ब्यूटिरेट नाम का फैटी एसिड पाया जाता है, जो कैंसर को जन्म देने वाली कोशिकाओं का समाप्त करने में मदद करता है। यही वजह है कि सुबह खाली पेट भीगे हुए चने खाने से कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।डायबिटीज में हेल्पफुल25 ग्राम काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज को कम करने में मदद मिलती है।पुरुषों के लिए फायदेमंदभीगा हुए चने का लगातार सेवन करने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन भी दूर हो जाता है।किस समय करें सेवनआप सुबह खाली पेट भीगे चने का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए सोने से पहले एक बर्तन में एक मु_ी चने भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर खली पेट उनका सेवन करें। लगातार ऐसा करने से आप खुद को ज्यादा फिट और ताकतवर महसूस करेंगे।