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- नयी दिल्ली। विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मुक्केबाज निकहत जरीन का मानना है , ‘जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है'। तीन साल पहले तत्कालीन खेल मंत्री किरेन रीजीजू से ओलंपिक के लिए चयन ट्रायल की मांग करने वाली निकहत ने कहा कि इस घटना के बाद घर में रहने से उन्हें निराशा से उबरने में मदद मिली। निकहत की मांग के बाद भारतीय मुक्केबाजी संघ ने 2019 में दिग्गज मैरीकोम के खिलाफ चयन ट्रायल का आयोजन किया था जिसमें उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। विश्व चैम्पियनशिप में 52 क्रिग्रा में खिताब जीतने वाली निकहत ने उस घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘ उस ट्रायल के बाद मैं मानसिक शांति के लिए घर चली गयी। फिर कोविड-19 के कारण लॉकडाउन हो गया। इससे मुझे साल 2020 में परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला। '' उन्होंने कहा, ‘"मैं उस लॉकडाउन के दौरान निराशा से उबरने में सफल रही। मुझे विश्वास था कि जो कुछ भी होता है, अच्छे कारण के लिए होता है।" विश्व चैम्पियनशिप में 52 किग्रा वर्ग में सफलता के बाद जरीन राष्ट्रमंडल खेलों में 50 किग्रा में स्पर्धा करने की तैयारी कर रहीं है। इसी भार वर्ग में जूनियर विश्व चैम्पियन रही जरीन ने कहा, ‘‘ अगर शरीर ने साथ दिया तो राष्ट्रमंडल खेलों में मैं 50 किग्रा वर्ग में भाग लूंगी नहीं तो मैं 54 किग्रा में जाने की कोशिश करूंगी।'' इस 25 साल की मुक्केबाज ने कहा, ‘‘ मेरे लिए 50 किग्रा में मुश्किल नहीं होनी चाहिए क्योंकि मेरा नैसर्गिक वजन 51 किग्रा है, मुझे वजन वर्ग में नीचे आने के लिए केवल एक-डेढ़ किग्रा वजन कम करना होगा। मेरे लिए यह भी फायदेमंद होगा क्योंकि मेरी ‘हाइट' अच्छी है और मुझे कम लंबाई के मुक्केबाज मिलेंगे।'
- मुंबई। मुंबई की 10 वर्षीया स्केटर रिदम ममानिया माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर की चढ़ाई करने वाले युवा भारतीय पर्वतारोहियों में शामिल हो गई हैं। रिदम ने 5,364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आधार शिविर तक की चढ़ाई 11 दिन में पूरी करके दुर्भल उपलब्धि हासिल की है। रिदम के माता-पिता -उर्मी और हर्षल- भी इस माह के शुरू में इस अभियान के दौरान रिदम के साथ थे। रिदम की मां उर्मी ने बताया, ‘‘मुंबई के उपनगरीय इलाके बांद्रा स्थित एमईटी ऋषिकुल विद्यालय की पांचवीं कक्षा की छात्र रिदम छह मई को अपराह्न एक बजे माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर पहुंची।'' वर्ली की निवासी रिदम ने कहा, ‘‘स्केटिंग रिंग हो या आधार शिवर की चोटी, आपका दृढ़ संकल्प ही आपको लक्ष्य की ओर ले जाता है।'' उसने कहा, ‘‘स्केटिंग के साथ-साथ ट्रेकिंग हमेशा से मेरा जज्बा रहा है, लेकिन इस ट्रेकिंग ने मुझे यह सीख दी कि जिम्मेदार ट्रेकर होना कितना महत्वपूर्ण है और पर्वतीय कचरा प्रबंधन की समस्या से कैसे निपटा जा सकता है।'' रिदम की मां ने कहा कि उनकी बेटी को पांच वर्ष की उम्र से ही पर्वतारोहण से प्यार था और उसकी पहली लंबी ट्रेकिंग दूधसागर की थी और उसके बाद से उसने सहयाद्री पर्वतीय रेंज में माहुली, सोनदई, करनाला और लोहगड की चोटियों की चढ़ाई की। रिदम नेपाल की कंपनी सतोरी एडवेंचर्स के साथ आधार शिविर गयी थी। कच्छ के कुछ ट्रेकर का एक समूह भी उसके साथ था।
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एडीलेड. ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एरियन टिटमस ने ऑस्ट्रेलियाई तैराकी चैंपियनशिप में महिलाओं के 400 मीटर फ्रीस्टाइल ने नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया। ऑस्ट्रेलिया की इस तैराक ने दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई ‘एक्वेटिक सेंटर' में रविवार को फाइनल में तीन मिनट, 56.40 सेकंड का समय लेते हुए केटी लेडेकी के रिकॉर्ड को तोड़ा। अमेरिका की केटी ने 2016 रियो ओलंपिक में तीन मिनट 56.46 सेकंड के साथ विश्व रिकॉर्ड कायम किया था। टिटमस ने पिछले साल तोक्यो ओलंपिक के 200 मीटर फ्रीस्टाइल में भी स्वर्ण जीता था। -
नयी दिल्ली. भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंदा रमेशबाबू ने चेसेबल मास्टर्स ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट के पांचवें दौर में विश्व चैम्पियन को मैग्नस कार्लसन को शिकस्त दी। इस 16 साल के भारतीय खिलाड़ी की मौजूदा सत्र में नॉर्वे के दिग्गज ग्रैंड मास्टर पर सत्र की दूसरी जीत है । उन्होंने तीन महीने पहले भी कार्लसन को हराया था। चेन्नई के खिलाड़ी ने शुक्रवार को कार्लसन की एक बड़ी गलती का फायदा उठाते हुए तीन अहम अंक हासिल किए । इस जीत वह नॉकआउट दौर में जगह के लिए बनाये रखने के दौड़ में बने हुए है। वह हालांकि इस जीत से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस तरह से जीत दर्ज नहीं करना चाहता था।'' यह मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था लेकिन नॉर्वे के खिलाड़ी ने 40वीं चाल में गलती की और प्रज्ञानानंदा ने इसका फायदा उठाते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया। प्रज्ञानानंदा ने अगले दौर में एक अन्य भारतीय खिलाड़ी हरिकृष्णा के साथ ड्रॉ खेला और फिर उन्होंने गावैन जोन्स को हराया। उन्हें हालांकि दिन के अपने आखिरी मुकाबले में डेविड गुईजार्रो से हार का सामना करना पड़ा। प्रज्ञानानंदा डेढ़ लाख डॉलर इनामी राशि वाले टूर्नामेंट में 12 अंक के साथ तालिका में संयुक्त रूप से पांचवें स्थान पर हैं। चीन के वेई यी पहले और कार्लसन दूसरे स्थान पर है। प्रज्ञानानंदा ने इससे पहले फरवरी में कार्लसन को हराया था। वह इस खिलाड़ी के खिलाफ जीत दर्ज करने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय बने थे।
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अपने प्रतिद्वंद्वियों के 90 प्लस थ्रो से परेशान नहीं हूं : नीरज चोपड़ा
नयी दिल्ली. ओलंपिक चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का कहना है कि अपने प्रतिद्वंद्वियों के सत्र की शुरूआत में बेहतरीन प्रदर्शन से वह परेशान नहीं हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह भी इस साल 90 मीटर का थ्रो फेंकना चाहेंगे । मौजूदा विश्व चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स और तोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जाकूब वालेच ने 13 मई को दोहा डायमंड लीग में क्रमश: 93 . 07 और 90 . 88 मीटर के थ्रो फेंके । चोपड़ा ने तुर्की में अपने अभ्यास केंद्र से आनलाइन बातचीत में कहा ,‘‘ मैं दूरी का दबाव नहीं लेता । पीटर्स और जाकूब काफी मेहनत कर रहे हैं जिसकी वजह से अच्छा प्रदर्शन किया । मेरा भी सपना 90 मीटर पार करने का है और इसी साल कोशिश करूंगा ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे पता है कि प्रतिस्पर्धा कठिन है और बढ रही है । यह दिन के प्रदर्शन, मौसम और अन्य हालात पर निर्भर करता है । मैं आम तौर पर किसी के प्रदर्शन से आगे निकलने या रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचता । मेरा फोकस अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर रहता है ।'' चोपड़ा इस समय तुर्की के अंताल्या में कोच क्लाउस बार्तोनिएज के साथ अभ्यास कर रहे हैं । उनका सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 88 . 07 मीटर है। वह सत्र की पहली प्रतिस्पर्धा फिनलैंड में खेलेंगे जहां उनका सामना पीटर्स और जर्मनी के जोहानेस वेटर से होगा जो कई बार 90 मीटर से ऊपर का थ्रो लगा चुके हैं । इसके बाद वह जून में फिनलैंड में कुओर्तेन खेलों में भाग लेंगे जहां वह पिछले साल तीसरे स्थान पर रहे थे । उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा लक्ष्य विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन है । उसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में फिर स्वर्ण जीतना चाहूंगा ।'' -
नयी दिल्ली. पैरालंपिक चैम्पियन प्रमोद भगत ने शनिवार को मनामा में बहरीन पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीते और भारतीय बैडमिंटन टीम कई पदक जीतने की ओर अग्रसर है। भगत को पुरूष एकल एसएल3 फाइनल में इंग्लैंड के चिर प्रतिद्वंद्वी डेनियल बेथेल से वॉकओवर मिला जबकि उन्होंने मनीषा रामदास के साथ मिलकर मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5 वर्ग के फाइनल में थाईलैंड के सिरपोंग टीमारोम और साएनसुपा निपाडा की जोड़ी को 21-4 21-11 से पराजित किया। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी भगत ने एसएल3 सेमीफाइनल में हमवतन और पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार पर 21-16 21-14 से जीत दर्ज की थी। तरूण ढिल्लों भी पुरूष एकल एसएल4 फाइनल में स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने कोरिया के शिन क्यूंग हवान को फाइनल में 21-9 21-9 से शिकस्त दी थी। उन्होंने सेमीफाइनल में थाईलैंड के सिरपोंग टीमारोम को 21-14 21-15 से हराया था। महिला एकल में मंदीप कौर (एसएल3) को फाइनल में हलीमे यिल्डिज से 5-21 17-21 की हार से रजत पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने शीर्ष वरीय और हमवतन मानसी जोशी को सेमीफाइनल में 21-18 21-14 से हराकर उलटफेर किया था। अन्य मुकाबलों में ढिल्लों और नितेश कुमार ने पुरूष युगल एसएल3-एसएच4 के सेमीफाइनल में जीत दर्ज की और फाइनल में उनका सामना थाईलैंड के मोंगजोन बुनसुन और सिरिपोंग टीमारोम की जोड़ी से होगा। भारतीय जोड़ी ने अंतिम चार में कोरिया के ह्वान और जू डोंगजाए की जोड़ी को सीधे गेम में 21-18 21-18 से पराजित किया। महिलाओं की स्पर्धा में रामदास (एसयू5) और मंदीप कौर (एसएल3) ने महिला युगल के फाइनल में जगह बनायी जहां इस भारतीय जोड़ी का सामना पलक कोहली और पारूल परमार की पैरालंपिक जोड़ी से होगा। परमार को हालांकि महिला एकल एसएल3 सेमीफाइनल में तुर्की की हलीमे यिल्डिज से 5-21 18-21 से हार मिली।
फाइनल में पहुंचे अन्य भारतीयों में नित्या श्री सुमति सिवान शामिल हैं जिन्होंने महिला एकल एसएच6 के सेमीफाइनल में थाईलैंड की चाई साएयांग पर 21-13 21-18 से जीत हासिल की। चिराग बरेठा और राज कुमार ने पुरूष युगल एसयू5 स्पर्धा तथा ढिनागरन पांडुरंगन और सिवराजन सोलोइमलाई की जोड़ी ने एसएच6 के फाइनल में प्रवेश किया। - नई दिल्ली। भारतीय ग्रांडमास्टर प्रज्ञानानंद रमेशप्रभु ने 2022 में विश्व चैंपियन मैगनस कार्लसन पर दूसरी जीत दर्ज की है। चेजबल मास्टर्स के पांचवें दौर में नार्वे के कार्लसन ने बड़ी गलती की और इसका फायदा उठाते हुए प्रज्ञानानंद ने उन्हें पटखनी दे दी। इस जीत के साथ ही ऑनलाइन रैपिड चेस टूर्नामेंट में प्रज्ञानानंद के नॉक आउट में पहुंचने की उम्मीदें बनी हुई हैं। तीन महीने में यह दूसरा मौका है, जब प्रज्ञानानंद ने कार्लसन को मात दी है। इससे पहले फरवरी के महीने में उन्होंने एयरथिंग्स मास्टर्स में विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया था। यह उनकी कार्लसन पर पहली जीत थी।150 हजार अमेरिकी डॉलर (1.16 करोड़ रुपये) की इनामी राशि वाले इस टूर्नामेंट के पांचवें दौर में प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच भिड़ंत हुई। यह मैच ड्रॉ की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन 40वें मूव में कार्लसन ने बड़ी गलती की। उन्होंने अपने काले घोड़े को गलत जगह रख दिया। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें वापसी का मौका नहीं दिया और अचानक ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- नयी दिल्ली। विश्व चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन ने कहा कि अपने करियर में मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने से वह मानसिक रूप से मजबूत बनी क्योंकि तब उन्होंने स्वयं से कहा कि ‘जो कुछ भी हो मुझे लड़ना है और अपना सर्वश्रेष्ठ देना है।’निकहत ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए इस्तांबुल में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गुरुवार को थाईलैंड की जितपोंग जुतामास को 5-0 से हराकर फ्लाईवेट (52 किग्रा) वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।जरीन ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इन दो वर्षों में मैंने केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया और मेरे खेल में जो भी कमियां थी उनमें सुधार करने की कोशिश की।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने मजबूत पक्षों पर काम किया। मैंने अपने कमजोर पक्षों पर काम किया। मैंने उन सभी पक्षों पर काम किया जिन पर मुझे काम करने की जरूरत थी और खुद को मजबूत बनाया।’’जरीन ने कहा, ‘‘मैंने अपने करियर में जिन बाधाओं का सामना किया है, उन्होंने मुझे मजबूत बनाया। मैं इन सबके बाद मानसिक रूप से मजबूत बनी हूं। मेरा मानना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, मुझे लड़ना है और अपना सर्वश्रेष्ठ देना है।’’जरीन ने इस स्वर्णिम उपलब्धि से दो साल पहले तत्कालीन खेल मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर ओलंपिक क्वालीफायर के लिये ‘निष्पक्ष ट्रायल’ करवाने का आग्रह किया था। इस कारण जरीन को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किया गया था, जबकि एमसी मेरीकॉम ने कड़े शब्दों में पूछा था ‘‘कौन निकहत जरीन?’’जरीन इसके बाद ट्रायल में मेरीकॉम से हार गयी जिससे वह तोक्यो खेलों में जगह नहीं बना पायी।इससे पहले 2011 की जूनियर विश्व चैंपियन जरीन को कंधे की चोट से भी जूझना पड़ा, जिससे वह एक साल तक खेल से बाहर रही और 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप में भाग नहीं ले पायीं।जरीन ने कहा, ‘‘मैं 2017 में कंधे की चोट से परेशान रही जिसके लिये मुझे आपरेशन करवाना पड़ा और मैं एक साल तक प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पायी थी। मैंने 2018 में वापसी की लेकिन अपने चरम पर नहीं थी इसलिए बड़ी प्रतियोगिताओं जैसे राष्ट्रमंडल खेल, एशियाड और विश्व चैंपियनशिप में खेलने से चूक गयी।’’उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैंने हार नहीं मानी और 2019 में वापसी के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैंने सभी प्रतियोगिताओं को एक अवसर के रूप में लिया है और मुझे खुद पर विश्वास था। उसी की वजह से मैं आज यहां हूं।’’जरीन अब राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल की तैयारी करेंगी जिसके लिए उन्हें अपना वजन घटाकर 50 किग्रा करना होगा।उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेलों में 50 किग्रा वर्ग होता है, मैं अब इसके लिये तैयारी करूंगी।’’तेलंगाना की रहने वाली 25 वर्षीय मुक्केबाज ने पेरिस ओलंपिक के लिये तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन यह तय नहीं है कि वह किस भार वर्ग में खेलेंगी। उन्हें या तो 54 किग्रा या फिर 50 किग्रा में भाग लेना होगा।जरीन ने इस बारे में कहा, ‘‘भार वर्ग बदलना मुश्किल होता है फिर चाहे आपको कम वजन वर्ग में भाग लेना हो या अधिक वजन वर्ग में। कम भार वर्ग से अधिक भार वर्ग में हिस्सा लेना अधिक मुश्किल होता है।’’जरीन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर मैं 50 किग्रा वर्ग में खेलती हूं तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। आम तौर पर मेरा वजन 51 किग्रा या 51.5 किग्रा रहता है। ऐसे में मेरा शरीर 50 किग्रा में अच्छा काम करेगा। इसलिए मैं अभी 50 किग्रा भार वर्ग में खेलना जारी रखूंगी।’’
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वारसॉ। पूर्व विश्व चैम्पियन ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने सुपरबेट रैपिड और ब्लिट्ज पोलैंड शतरंज टूर्नामेंट के रैपिड वर्ग में पहले तीनों दौर में जीत दर्ज करके शानदार शुरूआत की । वाइल्डकार्ड के जरिये खेल रहे आनंद ने पहले दौर में पोलैंड के राडोस्लाव वोताजेक को हराया । इसके बाद अमेरिका के वेसली सो को और आखिर में यूक्रेन के एंटोन कोरोबोव को मात दी । दस खिलाड़ियों के टूर्नामेंट में आनंद ने शुरूआती बढत बना ली ।हंगरी के रिचर्ड रैपोर्ट एक जीत, एक हार और एक ड्रॉ के साथ दूसरे स्थान पर हैं । रैपिड वर्ग के नौ दौर के बाद खिलाड़ी दो दिन तक ब्लिट्ज वर्ग के मुकाबले खेलेंगे जिसमें हर खिलाड़ी बाकी नौ से देा बार भिड़ेगा । भाषा
- नयी दिल्ली,। भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन गुरुवार को इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनीं। तेलंगाना की मुक्केबाज जरीन ने थाईलैंड की प्रतिद्वंद्वी को सर्वसम्मत फैसले से हराया। इस जीत के साथ जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं।छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी इससे पहले विश्व खिताब जीत चुकी हैं। जरीन के स्वर्ण पदक के अलावा मनीषा मोन (57 किग्रा) और पदार्पण कर रही परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते। टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था। भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं। मैरीकोम ने 2018 में भारत के लिए पिछला स्वर्ण पदक जीता था।
- बैंकॉक,। थॉमस कप में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले किदांबी श्रीकांत गुरुवार को यहां पुरुष एकल के दूसरे दौर के मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी को वॉकओवर देने के कारण थाईलैंड ओपन बैडमिंन टूर्नामेंट से बाहर हो गए। आठवें वरीय श्रीकांत ने आयरलैंड के अपने प्रतिद्वंद्वी एनहाट एनगुएन को वॉकओवर दिया। उनके वॉकओवर देने के कारण का पता नहीं चला है। दुनिया के 11वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत ने पहले दौर में फ्रांस के ब्राइस लेवरडेज को 18-21 21-10 21-16 से हराया था। महिला एकल में मालविका बंसोड़ का अभियान भी खत्म हो गया। उन्हें दूसरे दौर में डेनमार्क की लाइन क्रिस्टोफरसन के खिलाफ 21-16 14-21 14-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी। इशान भटनागर और तनीषा क्रास्टो की भारत की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गई। भारतीय जोड़ी को गोह सून हुआत और लेई शेवोन जेमी की मलेशिया की छठी वरीय जोड़ी के खिलाफ सीधे गेम में 19-21 20-22 से हार का सामना करना पड़ा। अश्विनी भट के और शिखा गौतम की जोड़ी भी महिला युगल के दूसरे दौर में मायु मात्सुमोतो और वकाना नागाहारा की पांचवीं वरीय जोड़ी से 19-21 6-21 से हार गई। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और छठी वरीय पीवी सिंधू का सामना सिम यू जिन से होगा जिन्होंने कोरिया को उबेर कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
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न्यूयॉर्क. महान क्रिकेटर कपिल देव को लगता है कि जिस दिन से भारत में बच्चों के माता-पिता खेलों पर अधिक जोर देना शुरू कर देंगे, उस दिन से देश में विभिन्न स्पर्धाओं में और अधिक चैम्पियन निकलने लगेंगे। कपिल ने कहा कि हालांकि भारत में बच्चों के माता-पिता की खेलों के प्रति मानसिकता पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बदली है लेकिन इतना ही काफी नहीं है। इस महान क्रिकेटर ने यह टिप्पणी भारतीय पुरूष बैडमिंटन टीम की रविवार को मिली ऐतिहासिक थॉमस कप जीत के बाद की। कपिल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि (ऐसा) माता-पिता की वजह से है, बच्चों की वजह से नहीं। हमारे देश से काफी डॉक्टर, वैज्ञानिक और इंजीनियर निकलते हैं क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें ये बनाना चाहते हैं। जिस दिन से माता-पिता अपने बच्चों से खिलाड़ी बनाने की चाहत करने लगेंगे, हमारे देश से भी हर खेल से चैम्पियन बनने शुरू हो जायेंगे। '' कपिल न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास द्वारा देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। इस मौके पर प्रवासी भारतीय और क्रिकेट प्रशंसक मौजूद थे। सर्वकालिक महान आल राउंडर में से एक कपिल ने इस संबंध में एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर उनकी बेटी को 10वीं कक्षा की परीक्षा देनी हो और साथ ही जूनियर भारतीय टीम के लिये खेलना हो तो वह उसे ‘पढ़ाई' करने के लिये कहेंगे। भारतीय क्रिकेट टीम को 1983 विश्व कप में एतिहासिक खिताब दिलाने वाले कपिल ने कहा, ‘‘लेकिन अमेरिका या यूरोप या आस्ट्रेलिया में, माता-पिता कहेंगे कि इस साल (परीक्षा) रहने दो, देश के लिये जूनियर टीम में खेलो और अगले साल परीक्षा दे देना। हमारे देश में यही सोच अभी तक नहीं बदली है। '' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह सोच बदल रही है। इसलिये मैंने कहा कि हमारे समाज में बच्चों से ज्यादा माता-पिता अधिक महत्वपूर्ण हैं। '' अपने बचपन की याद करते हुए कपिल ने कहा कि वह अपने खेल (क्रिकेट) की किट अपने स्कूल बैग में छुपा दिया करते थे और बाहर जाकर खेलते थे लेकिन अब इसमें तेजी से बदलाव हुआ है जिससे माता-पिता अपने बच्चों केा खेलों में हिस्सा लेने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। कपिल ने कहा, ‘‘आज मुझे यह देखकर फक्र होता है कि माता-पिता अपने बच्चों को खेलने के लिये लेकर आ रहे हैं।
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ग्वांग्जू (दक्षिण कोरिया). भारतीय पुरूष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया की नंबर एक अमेरिकी टीम को क्वार्टर फाइनल में और दक्षिण कोरिया को सेमीफाइनल में हराकर विश्व कप के दूसरे चरण में कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया । अभिषेक वर्मा, अमन सैनी और रजत चौहान ने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन करते हुए अमेरिका को क्वार्टर फाइनल में 234 . 238 से हराया । इसके बाद दक्षिण कोरिया को शूटआफ में हराकर फाइनल में जगह बना ली जहां उनका सामना दुनिया की चौथे नंबर की टीम फ्रांस से होगा । बाद में अवनीत कौर, मुस्कान किरार और प्रिया गुर्जर की महिला कंपाउंड टीम को सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया ने दो अंक से हराया लेकिन तुर्की को 232 . 231 से मात देकर कांस्य पदक अपने नाम किया । इससे पहले पुरूष कंपाउंड टीम ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल जीता । दो अंक से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए उन्होंने सेमीफाइनल में कोरिया के किम जोंगहो, चोइ योंगही और यांग जाएवोन की टीम को शूटआफ में 233 . 233 (29 . 26) से हराया । एक अंक की बढत से शुरूआत करने के बाद भारतीय टीम ने अगले दो दौर 174 . 176 से गंवा दिये । चौथे में कोरिया को 59 . 57 से हराने के बाद स्कोर 233 . 233 से बराबर किया । शूटआफ में कोरियाई टीम दबाव का सामना नहीं कर सकी और एक तीर बाहरी लाल सर्कल (सात अंक) में जा लगा । भारतीयों ने दो एक्स (केंद्र के करीब) लगाकर कम से कम रजत पक्का किया । भारत ने अंतिम 16 में इटली को 235 . 229 से हराया था ।
महिला कंपाउंड टीम में भारत को क्वार्टर फाइनल तक बाइ मिला था । अंतिम आठ में भारत ने चीनी ताइपै को 228 . 226 से हराया लेकिन सेमीफाइनल में कोरिया से 228 . 230 से हार गए । -
नयी दिल्ली. डिफेंडर गुरिंदर सिंह अगले महीने स्विटजरलैंड के लुसाने में होने वाली पहली एफआईएच हॉकी 5 चैम्पियनशिप में भारत की नौ सदस्यीय पुरूष हॉकी टीम की कमान संभालेंगे । भारतीय पुरूष टीम मलेशिया, पाकिस्तान, पोलैंड और मेजबान स्विटजरलैंड से खेलेगी । टूर्नामेंट पांच और छह जून को खेला जायेगा । तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य रहे मिडफील्डर सुमित उपकप्तान होंगे ।
टीम में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्यों के साथ एफआईएच जूनियर विश्व कप टीम के सदस्य भी हैं । इनमें गोलकीपर पवन, डिफेंडर संजय, मनदीप मोर और गुरिंदर सिंह शामिल हैं । मिडफील्डर सूमित और रविचंद्र सिंह के अलावा फॉरवर्ड दिलप्रीत सिंह, मोहम्मद राहील मौसीन और गुरसाहिबजीत सिंह को भी टीम में जगह दी गई है । पवन, संजय और रविचंद्र 2018 युवा ओलंपिक खेलों में रजत पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे । उस टूर्नामेंट में पहली बार हॉकी 5 प्रारूप आजमाया गया था । ये तीनों भुवनेश्वर में पिछले साल जूनियर विश्व कप टीम में भी थे । सुमित के अलावा दिलप्रीत सिंह ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम में थे ।
भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा ,‘‘ हीरो हॉकी 5 टूर्नामेंट खेल के अलग प्रारूप की नुमाइश का मौका है । इतने खूबसूरत देश में बेहतरीन टीमों के खिलाफ तेज रफ्तार हॉकी खेलने को लेकर हम काफी रोमांचित हैं ।'' भारतीय टीम एक जून को बेंगलुरू से रवाना होगी ।
टीम :
पवन, संजय, मनदीप मोर, गुरिंदर सिंह (कप्तान), सुमित, रविचंद्र सिंह, दिलप्रीत सिंह, मोहम्मद राहील मौसीन, गुरसाहिबजीत सिंह । स्टैंडबाय : प्रशांत कुमार चौहान , बॉबी सिंह धामी, सुदीप चिरमाको । -
नयी दिल्ली. सिफ्ट कौर समरा ने जर्मनी के सुहल में अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) जूनियर विश्व कप में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन (थ्री पी) स्पर्धा का खिताब जीता जो भारत का 10वां स्वर्ण पदक है। भारतीय पुरुष थ्री पी टीम ने रजत तो वहीं पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में अनीश और विजयवीर सिद्धू ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। महिला थ्री पी टीम कांस्य के लिए भिड़ेगी। इस विश्व कप में भारत 10 स्वर्ण, 12 रजत और तीन कांस्य के साथ कुल 25 पदक लेकर तालिका में शीर्ष पर है। दूसरे स्थान पर काबिज इटली के नाम चार स्वर्ण और तीन कांस्य पदक हैं। सिफ्ट ने रविवार देर शाम को स्वर्ण पदक के मैच में नॉर्वे की जूली जोहानसन को 17-9 से हराया। भारत की आशी चौकसी ने इस स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। पुरुषों की थ्री पी टीम ने सोमवार को इटली से 12-16 से हार के साथ रजत पदक हासिल किया।
इस स्पर्धा में व्यक्तिगत रजत पदक जीतने वाले शिवम डबास, पंकज मुखेजा और अविनाश यादव की भारतीय टीम ने 1315 अंक के साथ क्वालीफिकेशन में पहला स्थान हासिल किया। टीम एलिमिनेशन चरण में इटली के बाद दूसरे स्थान पर रही। फाइनल में उन्हें हालांकि इटली के खिलाफ ही हार का सामना करना पड़ा। -
नयी दिल्ली. इंग्लैंड फुटबॉल टीम के प्रशंसक पिछले 22 साल से विश्व खिताब की तलाश में ‘इट्स कमिंग होम' (यह घर आ रहा है) गीत गा रहे हैं जिसे सबसे पहले यूरो 1996 की मेजबानी के जश्न के तौर पर लिखा गया था और अब यह गीत उनकी उम्मीदों का प्रतीक बन गया है। इंग्लैंड के प्रशंसकों को उम्मीद थी कि गैरी लिनेकर एक दिन खिताब जीतेंगे। ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने सोचा कि अगर लिनेकर नहीं कर पाए तो पॉल गेसकोइने, डेविड बैकहम या माइकल ओवेन या हैरी केन ऐसा करेंगे लेकिन तब से इंग्लैंड का कोई कप्तान अपनी टीम को विश्व खिताब नहीं दिला पाया और यह गीत उम्मीद की किरण बनकर ही रह गया है। लेकिन किसे पता था कि भारत के बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए यह गीत थॉमस कप में खिताबी जीत के दौरान प्रेरणा का काम करेगा। भारत के 10 बैडमिंटन खिलाड़ियों का एक वट्सऐप ग्रुप बनाया गया जिसे ‘ग्रुप एडमिन' ने ‘इट्स कमिंग होम' नाम दिया। इसके पीछे भारतीय टीम को मलेशिया और डेनमार्क के खिलाफ नॉकआउट में वापसी दिलाते हुए जीत दिलाने वाले एचएस प्रणय की भूमिका थी। बैंकॉक के इंपैक्ट एरेना में रविवार को टीम इंडिया ने अपना प्रभाव दिखाया और टीम संस्कृति ने निश्चित तौर पर अपनी भूमिका निभाई और भारत इतिहास में पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतने में सफल रहा। प्रणय ने कहा, ‘‘इस हफ्ते जिस तरह सभी खिलाड़ी एकजुट हुए....हमने ऐसा करने का सचेत प्रयास किया क्योंकि हमें पता था कि यह सामान्य बात नहीं है। हम व्यक्तिगत स्पर्धाओं में खेलते हैं और यहां आकर एकजुट होना मुश्किल था लेकिन हमने इसके लिए पूरा प्रयास किया।'' विश्व की इस सबसे प्रतिष्ठित टीम चैंपियनशिप में सफलता के पीछे आत्मविश्वास था जो खिलाड़ियों के एक साथ समय बिताने के साथ मजबूत होता चला गया। प्रणय ने कहा, ‘‘ जिस दिन हैदराबाद से रवाना हुए हमने टीम बैठक की और कहा कि हमारे पास खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाली टीम है। हमें बस एक दूसरे का समर्थन करना है और इससे पूरे टूर्नामेंट में नतीजे बदलेंगे और ऐसा ही हुआ।'' इस प्रयास के तहत टीम के सबसे सीनियर सदस्य प्रणय ने सबसे पहले एक वट्सऐप ग्रुप बनाया और इसे इंग्लैंड फुटबॉल प्रशंसकों के बेहद लोकप्रिय गीत ‘इट्स कमिंग होम' का नाम दिया। भारतीय कोच सियादुताल्लाह ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों ने एकजुट होने और एक दूसरे का समर्थन करने का प्रयास किया जिसका मतलब था कि एक साथ चीजें करना, जैसे हैदराबाद से रवाना होते हुए हवाई अड्डे पर एक जैसी पोशाक पहनना, समूह के रूप में अभ्यास करना, एक साथ नाश्ता, दोपहर भोज और रात्रि भोज करना, एक साथ मजे करना, इन सभी चीजों से मदद मिली।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपस में संवाद के लिए वट्सऐप ग्रुप बनाया गया जहां वे कुछ भी साझा कर सकते थे। उन्होंने मैच के बाद डांस किया, एक दूसरे की सफलता का लुत्फ उठाया और इन सभी चीजों से आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिली।
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नयी दिल्ली. एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता निकहत जरीन (52 किग्रा) ने सोमवार को इस्तांबुल में आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शानदार जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के लिए मौजूदा टूर्नामेंट का पहला पदक पक्का किया। प्रतिष्ठित ‘स्ट्रैंड्जा मेमोरियल' टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली निकहत ने अपनी शानदार लय को जारी रखते हुए इंग्लैंड की चार्ली-सियान डेविसन को 5-0 से हराया। तेलंगाना की इस 25 साल की मुक्केबाज ने क्वार्टर फाइनल में डेविसन के आक्रामक खेल का जवाब उन्हीं की शैली में दिया। पहले दौर में दोनों मुक्केबाजों ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला। निकहत ने हालांकि दूसरे दौर में अपना दबदबा बनाया और प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज के शरीर पर सटीक पंच जड़े। शुरुआती दो दौर में बढ़त कायम करने के बाद निकहत ने तीसरे दौर में रक्षात्मक खेल का सहारा लिया और एकतरफा जीत दर्ज की। नीतू (48 किग्रा) का अभियान हालांकि क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान की मौजूदा एशियाई चैंपियन अलुआ बाल्किबेकोवा से 2-3 के खंडित फैसले की हार के साथ खत्म हो गया। हरियाणा की 21 साल की दो बार की युवा विश्व चैम्पियन को शुरुआती दो दौर में रक्षात्मक खेल का खामियाजा भुगतना पड़ा। वह इस दौरान बाल्किबेकोवा को मुक्के लगाने के लिए संघर्ष कर रही थी। उन्होंने तीसरे दौर में आक्रामक रूख अपनाया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी । -
नयी दिल्ली. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की जिसने पहली बार प्रतिष्ठित थॉमस कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा। भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) अध्यक्ष हिमंता बिस्व सरमा ने भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम के खिलाड़ियों के लिये एक करोड़ रूपये और साथ ही टीम के सहयोगी स्टाफ के लिये भी 20 लाख रूपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की। भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को थॉमस कप के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराया। ठाकुर ने बयान में कहा, ‘‘मलेशिया, डेनमार्क और इंडोनेशिया के खिलाफ प्ले आफ में लगातार मुकाबलों में जीत की भारत की असाधारण उपलब्धि नियमों में छूट की हकदार है। '' उन्होंने कहा, ‘‘मैं गर्व के साथ उस टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा करता हूं जिसने भारतीयों को इस सप्ताहांत खुशी के पल दिए।'ठाकुर ने इस एतिहासिक जीत के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ियों, कोच और सहयोगी स्टाफ को बधाई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय ने जब भी कोर्ट पर कदम रखा तो जीत दर्ज की। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की युगल जोड़ी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए छह में से पांच मैच में महत्वपूर्ण अंक जुटाए जिसमें तीन मुकाबले नॉकआउट चरण के रहे।'' ठाकुर ने कहा, ‘‘लक्ष्य सेन ने इंडोनेशिया के खिलाफ पहला मैच जीतकर अपना जज्बा दिखाया। मुझे यकीन है कि एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला तथा कृष्ण प्रसाद गारगा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की पुरुष युगल जोड़ी और प्रियांशु राजावत को इस एतिहासिक अभियान का हिस्सा बनकर काफी फायदा हुआ होगा।'' खेल मंत्रालय ने कहा कि उसने खिलाड़ियों को ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में खेलने का समर्थन करके इस अभूतपूर्व सफलता में योगदान दिया है। बयान के अनुसार, ‘‘जनवरी में 10 हफ्ते के राष्ट्रीय शिविर से खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर में सुधार में मदद मिली। युगल खिलाड़ियों की सहायता के लिए कोच के रूप में मथियास बो को जोड़ना भी महत्वपूर्ण रहा।'' इसमें कहा गया, ‘‘पिछले चार साल में मंत्रालय ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर 67 करोड़ 19 लाख रुपये खर्च किए हैं जिसमें विदेशी और भारतीय कोच का वेतन भी शामिल है।'' बयान के अनुसार, ‘‘पिछले साल मंत्रालय ने 14 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के हिस्सा लेने का खर्चा उठाया जिस पर चार करोड़ 50 लाख रुपये खर्च हुए।'' बीएआई अध्यक्ष सरमा ने लगातार ट्वीट कर देश को गौरवान्वित करने वाली टीम को बधाई दी।
असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘नयी ऊंचाईयों की ओर बढ़े। इस प्रतिष्ठित बैडमिंटन टूर्नामेंट के 73 वर्ष के इतिहास में पहली बार थॉमस कप जीतकर इतिहास रचने वाली टीम को बधाई। '' उन्होंने जीत दर्ज करने के बाद टीम के सदस्यों से बात भी की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विजेता भारतीय बैडमिंटन टीम से बात करके खुश हो रही है। '' उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक भारतीय के लिये यह गौरव का क्षण है। ''
उन्होंने कहा, इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिये बीएआई खिलाड़ियों के लिये एक करोड़ रूपये और सहयोगी स्टाफ के लिये 20 लाख रूपये के पुरस्कार की घोषणा करता है। '' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भारतीय खिलाड़ियों को बधाई दी।
उन्होंने ट्वीट किया,थॉमस कप में शानदार जीत और पहली बार चैम्पियन बनने पर भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को बधाई! जय हिंद ।'' आंध्र प्रदेश के गर्वनर विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने भी टीम को बधाई दी। -
मुंबई. गुजरात टाइटंस के मार्गदर्शक गैरी कर्स्टन ने रविवार को ऋद्धिमान साहा की तारीफ करते हुए कहा कि यह विकेटकीपर बल्लेबाज अपने खेल को अच्छी तरह समझता है और शॉर्ट गेंद के खिलाफ ‘शानदार' है। गुजरात टाइटंस ने साहा के नाबाद 67 रन की मदद से चेन्नई सुपर किंग्स को सात विकेट से हराकर ‘क्वालीफायर एक' में अपनी जगह पक्की कर ली। साहा ने नाबाद 67 रन बनाए। कर्स्टन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, जाहिर तौर पर हम उनसे (साहा) काफी प्रभावित हैं। उनका (साहा) टीम में होना शानदार है। वह एक पेशेवर है। और उन्हें आईपीएल और क्रिकेट के सभी प्रारूपों का अच्छा अनुभव है।'' भारतीय टीम के पूर्व कोच ने कहा, वह (साहा) अपने खेल को समझते है और पावर-प्ले में वास्तव में अच्छा खेलते हैं। हमारे लिए, वह हमेशा एक अहम खिलाड़ी रहे है। जब हमें उनकी जरूरत थी और उन्होंने जिम्मेदारी के साथ अच्छा प्रदर्शन किया।'
- नयी दिल्ली। थॉमस कप में भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम की पहली खिताबी जीत की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उन्होंने इतिहास रचा है और उनकी जीत कई उभरते हुए खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को बैंकॉक में एकतरफा फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय बैडमिंटन टीम ने इतिहास रच दिया! भारत के थॉमस कप जीतने से पूरा देश खुश है! हमारी सफल टीम को बधाई और भविष्य के टूर्नामेंट के लिए उन्हें शुभकामनाएं। यह जीत कई उभरते हुए खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी।’’
- बैंकॉक। भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को यहां एकतरफा फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने यादगार जीत दर्ज की। नॉकआउट चरण में लय हासिल करने के लिए जूझ रहे लक्ष्य ने सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए पहले एकल मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग को 8-21 21-17 21-16 से हराकर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई।सात्विक और चिराग की देश की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी ने इसके बाद प्रतिकूल हालात में शानदार वापसी करते हुए दूसरे गेम में चार मैच प्वाइंट बचाए और मोहम्मद अहसन और केविन संजय सुकामुल्जो की जोड़ी को 18-21 23-21 21-19 से हराकर भारत की बढ़त को 2-0 किया। दूसरे एकल में श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेम में 48 मिनट में 21-15 23-21 से हराकर भारत को 3-0 की विजयी बढ़त दिला दी।
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सिडनी। आस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स की उत्तरी आस्ट्रेलिया के टाउन्सविले शहर में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। साइमंड्स 46 बरस के थे। क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने साइमंड्स के निधन की सूचना रविवार को अपनी वेबसाइट के जरिए दी जिसमें पुलिस के बयान के अलावा शनिवार देर रात हुई दुर्घटना की विस्तृत जानकारी दी गई है। वेबसाइट पर साइमंड्स को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के शीर्ष पर रहने के दौरान हीरो और आस्ट्रेलिया के अब तक के सबसे कुशल आलराउंडर में से एक बताया गया है। वेबसाइट पर कहा गया, ‘‘करियर के शीर्ष पर रहने के दौरान क्वीन्सलैंड के इस खिलाड़ी के ढेरों प्रशंसक थे जो उनके आक्रामक खेल के कारण ही नहीं बल्कि उनके व्यक्तित्व के कारण भी थे। ’’साइमंड्स ने आस्ट्रेलिया के लिए 26 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने दो शतक जड़े। वह हालांकि सीमित ओवरों के विशेषज्ञ क्रिकेटर के रूप में बेहतर पहचाने जाते हैं। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने आस्ट्रेलिया के लिए 198 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले और दो बार विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। खिलाड़ी के रूप में संन्यास लेने के बाद साइमंड्स ने कमेंटेटर के रूप लोकप्रियता हासिल की। क्वीन्सलैंड पुलिस ने कहा है कि दुर्घटना टाउन्सविले से लगभग 50 किमी दूर हार्वे रेंज पर हुई। पुलिस के बयान के अनुसार, ‘‘शुरुआती सूचना से संकेत मिले हैं कि रात 11 बजे के बाद कार हार्वे रेंज रोड पर चलाई जा रही थी और एलिस नदी के पुल के समीप यह सड़क से उतरकर पलट गई।’’इसमें कहा गया, ‘‘आपात सेवा कर्मचारियों ने चालक को बचाने का प्रयास किया जो गाड़ी में अकेला व्यक्ति था। हालांकि चोटों के कारण उनकी मौत हो गई।’’साइमंड्स के परिवार ने निजता की अपील की है।आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलेन बॉर्डर उन लोगों में शामिल रहे जिन्होंने रविवार को साइमंड्स को श्रद्धांजलि दी। बॉर्डर ने कहा, ‘‘साइमंड्स गेंद को दूर तक मारते थे और सिर्फ मनोरंजन करना चाहते थे।’’ उन्होंने ‘नाइन नेटवर्क’ से कहा, ‘‘वह एक तरह से कुछ हद तक पारंपरिक क्रिकेटर थे। वह साहसी थे, उन्हें मछली पकड़ना, हाइकिंग, कैंपिंग करना पसंद था। लोगों को उनका स्टाइल पसंद था। ’’
साइमंड्स को हालांकि अपने रवैये के कारण करियर के अंतिम चरण में अधिकारियों के साथ मतभेद का सामना भी करना पड़ा। उन्हें 2008 में बांग्लादेश के खिलाफ आस्ट्रेलिया की एकदिवसीय श्रृंखला से बाहर कर दिया गया जब वह टीम बैठक में हिस्सा लेने की जगह मछली पकड़ने चले गए। 2009 में टी20 विश्व कप से पूर्व टीम के मदिरा से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए भी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। आस्ट्रेलिया क्रिकेट जगत के लिए यह एक और बड़ा झटका है जिसने मार्च में महान लेग स्पिनर शेन वार्न और दिग्गज विकेटकीपर रोड मार्श को भी गंवा दिया था। -
नयी दिल्ली। भारत की नीतू ने 48 किग्रा भार वर्ग में स्पेन की मार्टा लोपेज डेल अर्बोल को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराकर शनिवार को तुर्की के शहर इस्तांबुल में चल रही 12वीं आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। पहले राउंड में नीतू ने सतर्क शुरुआत की और मार्टा के मुक्कों के बचती रहीं लेकिन एक मिनट बीतने के बाद वह हावी हो गईं और बेहतरीन फुटवर्क के साथ सही समय पर जबरदस्त पंच मारकर सभी जजों को प्रभावित करने में सफल रहीं। दूसरे राउंड में मार्टा ने वापसी की अच्छी कोशिश की लेकिन नीतू अपनी लय पर कायम रहीं औऱ अच्छे बचाव के साथ जोरदार घूंसे लगाती रहीं। इस राउंड में भी वह सभी जजों को प्रभावित करने में सफल रहीं। तीसरे राउंड में भी यही आलम रहा। नीतू ने मार्टा को हावी होने का कोई मौका नहीं दिया और उन्हें सर्वसम्मत फैसले के साथ विजेता घोषित किया गया। क्वार्टर फाइनल में नीतू का सामना सोमवार को कजाकिस्तान की अलुआ बाल्किबेकोवा से होगा, जिन्होंने सर्बिया की स्नेजाना सिलजकोविच को हराया। मनीषा (57 किग्रा) अपने प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बुल्गारिया की स्वेतलाना स्टानेवा से भिडेंगी। इस टूर्नामेंट में इस साल दुनिया भर के 73 देशों के रिकॉर्ड 310 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं।
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कोलकाता। गोकुलम केरल एफसी ने शनिवार को यहां फाइनल में मोहम्मडन स्पोर्टिंग पर 2-1 की जीत से आई लीग फुटबॉल प्रतियोगिता में खिताब बरकरार रखने वाली पहली टीम बनकर इतिहास रच दिया। मिडफील्डर रिशाद पीपी ने साल्ट लेक स्टेडियम में मौजूद 35,000 दर्शकों के सामने 49वें मिनट में गोल कर अपनी टीम को आगे कर दिया। हालांकि घरेलू टीम ने जल्द ही 56वें मिनट में बराबरी गोल दाग दिया जब मार्कस जोसफ की शानदार फ्री किक को अजहरूद्दीन मलिक ने डिफ्लेक्ट कर गोल दागा। हालांकि घरेलू टीम की खुशी ज्यादा देर तक नहीं रह सकी और केरल की टीम ने 61वें मिनट में एमिल बेनी के माजसेन के पास पर किये गये गोल से जल्द ही बढ़त हासिल कर ली। आई लीग में इससे पहले कोई भी क्लब अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाया था। कोलकाता की टीम ईस्ट बंगाल ने राष्ट्रीय फुटबॉल लीग में यह उपलब्धि अपने नाम की थी जिसमें उसने 2002-03 और 2003-04 के सत्र की ट्राफी जीती थी।
- बेंगलुरू. भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता ने गुरुवार को कहा कि टीम का लक्ष्य इस साल होने वाले एफआईएच विश्व कप में शीर्ष चार में जगह बनाना है। विश्व कप जुलाई में होगा जिसकी मेजबानी संयुक्त रूप से नीदरलैंड और स्पेन करेंगे।भारत पिछली बार 2018 में लंदन में खेले गये विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में आयरलैंड से पेनल्टी शूटआउट में 1-3 से हार गया था। लेकिन सविता का कहना है कि भारत इस बार पदक दौर तक पहुंचने के लिये पूरी तरह से तैयार है।उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अधिकतर खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव हासिल है, उन्हें शीर्ष टीमों से बड़े मैचों में खेलने का आत्मविश्वास है। इसे देखते हुए हम विश्व कप के लिये मजबूत टीम बनाने की सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।'' सविता ने कहा, ‘‘हमने पिछली बार लंदन में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी, और इस बार हमारा लक्ष्य निश्चित रूप से इससे अगले स्तर तक पहुंचना है।'' विश्व कप एक से 17 जुलाई तक खेला जाएगा। इससे पहले भारतीय टीम को एफआईएच प्रो लीग में बेल्जियम से 11 और 12 जून को मैच खेलने हैं। इसके बाद भारत को नीदरलैंड में 18 और 19 जून को अर्जेंटीना से जबकि 21 और 22 जून को अमेरिका से भिड़ना है। विश्व कप में भारतीय टीम को इंग्लैंड, चीन और न्यूजीलैंड के साथ पूल बी में रखा गया है। वह अपने अभियान की शुरुआत तीन जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ एमस्टेलवीन में करेगी।