- Home
- बिजनेस
-
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक ने सीमांत लागत पर दिए जाने वाले ऋण (एमसीएलआर) के तहत अपनी उधारी दरों में वृद्धि की है। बैंकों के इस कदम से उपभोक्ताओं के लिए व्यक्तिगत कर्ज, आवास और वाहन ऋण मंहगे हो जाएंगे। एसबीआई ने एक वर्ष की अवधि वाली एमसीएलआर को 0.25 प्रतिशत तक बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया है। नयी दरें 15 अक्टूबर, 2022 से लागू हैं। बैंक ने दो और तीन वर्ष वाली एमसीएलआर को भी बढ़ाकर क्रमश: 8.15 प्रतिशत और 8.25 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7.90 प्रतिशत और आठ प्रतिशत थीं। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी विभिन्न अवधि के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.70 से 8.95 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, एक वर्ष की अवधि वाले ऋण पर बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 8.75 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा फेडरल बैंक ने भी ऋण और अग्रिम पर एक वर्ष की अवधि वाली मसीएलआर को 16 अक्टूबर से संशोधित कर 8.70 प्रतिशत कर दिया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से पिछले महीने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ज्यादातर बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
- नयी दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बचत खाते में जमा पर मिलने वाली ब्याज दर को 0.05 प्रतिशत घटाकर 2.70 प्रतिशत कर दिया है। बैंक के अनुसार, नयी दरें 15 अक्टूबर और 10 करोड़ रुपये से कम की जमा राशि पर लागू होगी। इस पर बैंक पहले प्रति वर्ष 2.75 प्रतिशत की ब्याज देता था। बचत खाते में 10 करोड़ रुपये और उससे अधिक की शेष राशि पर एसबीआई ने जमा दरों को पहले के 2.75 प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया है। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा ने विभिन्न मुद्राओं और परिपक्वता अवधि में विदेशी मुद्रा प्रवासी (एफसीएनआर) जमा पर ब्याज दरों में 1.35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। बैंक ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि नयी जमा दरें 16 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी हैं और 15 नवंबर, 2022 तक लागू रहेंगी।
- -गैस टरबाइन में हाइड्रोजन को-फायरिंग कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं-इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों कंपनियां अध्ययन करने के लिए सहभागिता करेंगी और हाइड्रोजन को-फायरिंग शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण कार्यों की पहचान करेंगी-यह अध्ययन हाइड्रोजन के विभिन्न हिस्सों के लिए को-फायरिंग की प्रमुख क्रियाओं की पहचान करेगानई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी औरैया गैस विद्युत संयंत्र में स्थापित एमएचआई 701डी गैस टरबाइनों में प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित हाइड्रोजन को-फायरिंग की व्यवहार्यता को प्रदर्शित करने के लिए एनटीपीसी लिमिटेड ने जापान की मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनी मित्सुबिशी पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। चार गैस टरबाइनों के संयुक्त चक्रीय मोड में परिचालित होने के साथ औरैया गैस विद्युत संयंत्र की कुल स्थापित क्षमता 663 मेगावाट की है। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दोनों कंपनियों ने एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (परियोजना) श्री उज्जवल कांति भट्टाचार्य, मित्सुबिशी पावर इंडिया के सीएमडी श्री तात्सुतो नगायासु और मित्सुबिशी पावर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट श्री हिरोयुकी शिनोहारा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।डी-कार्बोनाइजिंग (कार्बन के उत्सर्जन को कम करना) लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी ऊर्जा गहन क्षेत्रों में एक सम्मिलित और व्यापक रोडमैप की जरूरत होती है। इस रोडमैप के तहत गैस टरबाइनों में हाइड्रोजन को-फायरिंग कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी होने के चलते एनटीपीसी लिमिटेड ऊर्जा रूपांतरण और सीओपी-26 प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने का संकल्प रखती है।इस पहल के एक हिस्से के तहत एनटीपीसी हाइड्रोजन के उपयोग के साथ-साथ विभिन्न नई हाइड्रोजन पीढ़ी प्रौद्योगिकियों की खोज कर रहा है, जिससे भविष्य की तैयारी सुनिश्चित की जा सके, जरूरी क्षमताओं व तकनीकी विशेषज्ञता को विकसित किया जा सके और राष्ट्रीय डी-कार्बोनाइजिंग व हाइड्रोजन मिशन लक्ष्यों के साथ इसे समन्वित किया जा सके। इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों कंपनियां एनटीपीसी औरैया गैस आधारित संयुक्त चक्रीय विद्युत संयंत्र में हाइड्रोजन को-फायरिंग शुरू करने को लेकर अध्ययन करने और प्रमुख कार्यों को चिह्नित करने के लिए सहभागिता करेंगी। यह अध्ययन हाइड्रोजन के विभिन्न हिस्सों जैसे कि 5 फीसदी, 15 फीसदी, 30 फीसदी, 50 फीसदी और 100 फीसदी के संबंध में को-फायरिंग के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को चिन्हित करेगा। एनटीपीसी इस परियोजना के लिए जरूरी हाइड्रोजन की आपूर्ति करेगी।एनटीपीसी लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक श्री मनीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “देश नेट- जीरो और जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहा है, इसे देखते हुए एनटीपीसी भारत की ऊर्जा रूपांतरण की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनटीपीसी हाइड्रोजन से संबंधित विभिन्न पहलों में अग्रणी है और इस क्षेत्र में अनुसंधान व विकास कार्य कर रहा है, जिससे एक ऐसी तकनीक लाई जा सके जो सभी के लिए हरित, वहनीय, विश्वसनीय और टिकाऊ विद्युत प्रदान कर सके। यह समझौता ज्ञापन इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एनटीपीसी के उठाए गए कुछ कदमों में से एक है। हमारा विश्वास है कि एमएचआई लिमिटेड, जिसके पास इस तकनीक में वैश्विक विशेषज्ञता है, के साथ साझेदारी करने से हमें राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।मित्सुबिशी पावर इंडिया के सीएमडी श्री तात्सुतो नगायासु ने कहा, “समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर काफी महत्वपूर्ण है जो एनटीपीसी व मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज की ओर से विद्युत उत्पादन क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन के ज्वलंत मुद्दे को संबोधित करने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिखाती है।
-
नयी दिल्ली। देश भर में अब तक 29 हवाई अड्डों और टर्मिनलों के नाम प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पर रखे गए हैं, जिनमें सबसे नया नाम चंडीगढ़ स्थित शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर किए गए आवेदन से मिली जानकारी के मुताबिक, देश भर में कुल 24 हवाई अड्डे और पांच टर्मिनल के नाम प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पर रखे गए हैं। चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम गत 28 सितंबर को बदलकर शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे कर दिया गया। यह नामकरण महान क्रांतिकारी भगत सिंह की 115वीं जयंती से एक दिन पहले हुआ। सूची के अनुसार चार हवाई अड्डों के नाम पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर रखे गए हैं। इनमें राष्ट्रीय राजधानी स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, तेलंगाना के हैदराबाद में राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा और लखनऊ में चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा शामिल हैं। ओडिशा के भुवनेश्वर में बीजू पटनायक हवाई अड्डे सहित विभिन्न हवाई अड्डों का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम पर भी हुआ है। सूची में कांगड़ा हवाई अड्डा, गग्गल और कुल्लू-मनाली हवाई अड्डा, भुंतर भी शामिल हैं। दोनों हिमाचल प्रदेश में हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि इन दो हवाई अड्डों का नाम किन प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा पांच हवाई अड्डा टर्मिनलों के भी नाम मशहूर हस्तियों के नाम पर रखे गए हैं। इनमें चेन्नई स्थित अन्ना अंतराष्ट्रीय टर्मिनल एवं कामराज घरेलू टर्मिनल और हैदराबाद स्थित एन टी रामा राव टर्मिनल शामिल हैं। इस समय देश में 131 हवाईअड्डे परिचालन में हैं, जिनमें 29 अंतरराष्ट्रीय और 92 घरेलू हवाई अड्डे हैं।हवाई अड्डों के नामकरण के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया का पालन किया जाता है, और अंतिम मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दी जाती है। - नयी दिल्ली। रेलवे ने 2021-22 में विशेष ट्रेन सेवाओं से 17,526.48 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो इस वित्त वर्ष में कुल यात्री राजस्व का लगभग 45 प्रतिशत है। यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मिली। रेलवे ने मई 2020 में कोरोना वायरस महामारी के बीच जब यात्री ट्रेन सेवाएं बहाल की थीं, तो केवल विशेष ट्रेन सेवाओं का परिचालन शुरू किया था, ताकि महामारी के दौरान कम लोग यात्रा करें। चंद्रशेखर गौर के आरटीआई आवेदन के जवाब में रेलवे ने कहा कि महामारी आने से पहले 2019-20 में रेलवे को विशेष ट्रेन सेवाओं से 408.78 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी, जो 2020-21 में बढ़कर 12,027.81 करोड़ रुपये और 2021-22 में 17526.48 करोड़ रुपये हो गयी। रेलवे को यात्री टिकटों की बिक्री से 2019-20 में 50,669.09 करोड़ रुपये की कुल राजस्व प्राप्ति हुई थी, जो बाद वाले वर्ष में कोविड महामारी के कारण गिरकर 15,248.49 करोड़ रुपये रह गयी। आमतौर पर त्योहरों या अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली परीक्षाओं या कुछ विशेष अवसरों पर चलाई जाने वाली विशेष रेलगाड़ियों का किराया अधिक होता है। रेलवे ने महामारी आने के बाद से अपनी सभी सेवाओं का परिचालन विशेष ट्रेन सेवा के नाम से शुरू किया था और नवंबर 2021 में इसकी सामान्य सेवा बहाल हुई।
- भुवनेश्वर।' केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओडिशा के कम से कम चार शहरों को मार्च 2023 तक 5जी सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी और राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्र को अगले साल के अंत तक इस उन्नत नेटवर्क के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा कि देश के लगभग 200 बड़े शहरों को 5जी सेवाओं की शुरुआत के पहले चरण में शामिल किया जाएगा और बाद में इसे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा। केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘‘ पहले चरण में ओडिशा के चार-पांच शहरों को मार्च 2023 तक 5जी सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी और राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्र में अगले साल के अंत तक इसके दायरे में लाया जाएगा।''
-
नई दिल्ली। टाटा मोटर्स भारत में एक और कार का सीएनजी वर्जन पेश कर सकती है। कंपनी अपनी हैचबैक अल्ट्रोज का सीएनजी वर्जन पेश करने की तैयारी कर रही है। इसमें कंपनी 1.2 लीटर का नैचुरल एस्पिरेटिड इंजन दे सकती है। इसे पांच स्पीड के मैनुअल गियरबॉक्स के साथ पेश किया जा सकता है। हालांकि कंपनी की ओर से अभी किसी तरह की जानकारी साझा नहीं की गई है। सीएनजी अल्ट्रोज में मिलने वाले फीचर्स की बात करें तो इसमें बड़ा टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, सेमी डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल जैसे कई फीचर्स दिए जा सकते हैं।खबरों के अनुसा कार के डिजाइन में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है। कार का मौजूदा मॉडल ही काफी बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है। इसलिए इसमें नए कलर ऑप्शन के साथ ही बैजिंग में हल्के बदलाव किए जा सकते हैं।
कंपनी की ओर से मौजूदा अल्ट्रोज को पेट्रोल, डीजल और टर्बो ऑप्शन के साथ ऑफर किया जाता है। इसकी एक्स शोरूम कीमत की शुरूआत 6.29 लाख रुपये से हो जाती है। जबकि इसका टॉप वैरिएंट 10.25 लाख रुपये की एक्स शोरूम की कीमत के साथ आता है। पेट्रोल इंजन वाली अल्ट्रोज दस लाख रुपये की एक्स शोरूम कीमत में मिलती है। ऐसे में उम्मीद है कि कंपनी एक से ज्यादा वैरिएंट में सीएनजी की पेशकश करेगी। ऐसा होने पर करीब 70 हजार से एक लाख रुपये तक की एक्स शोरूम कीमत में बढ़ोतरी संभव है।
-
कोच्चि. देश की पहली वाणिज्यिक उड़ान के 90 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एयर इंडिया एक्सप्रेस ने शनिवार को 58 विमानों में उड़ान के दौरान केक काटने और क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित करने जैसी गतिविधियां आयोजित कीं। जेआरडी टाटा ने देश की पहली वाणिज्यिक उड़ान 1932 में संचालित की थी। इसके 90 साल पूरे होने के मौके पर टाटा समूह के नियंत्रण वाली एयरलाइन ने यह जश्न मनाया। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस समारोह की शुरुआत सुबह आठ बजे कोच्चि-मस्कट उड़ान से हुई और एयरलाइन की 57 अन्य उड़ानों में इसे दोहराया गया। एयर इंडिया एक्सप्रेस एयर इंडिया के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है। जेआरडी टाटा ने 15 अक्टूबर 1932 को टाटा एयरलाइंस के पहले विमान का कराची से बाम्बे के बीच परिचालन किया था। बाद में इसी एयरलाइन का नाम सरकारी अधिग्रहण के बाद एयर इंडिया कर दिया गया था। कई दशकों के बाद एयर इंडिया वर्ष 2022 की शुरुआत में एक बार फिर टाटा समूह के नियंत्रण में आ गई जब सरकार ने घाटे में चल रही इस एयरलाइन को बेच दिया।
-
नई दिल्ली। अमूल ने शनिवार को दूध की कीमतों में 2 रुपए प्रति लीटर का इजाफा किया। अब एक लीटर फुल क्रीम अमूल दूध (अमूल गोल्ड) के पैकेट के लिए 61 रुपए की जगह 63 रुपए चुकाने होंगे। इसी तरह आधा लीटर दूध की कीमत अब 30 की जगह 32 रुपए हो गई है। इसके अलावा भैंस के दूध कीमत में भी 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले अगस्त और मार्च में भी प्रति लीटर 2 रुपए की बढ़ोतरी की थी।
दूध पहले (दाम रु./लीटर) अब (दाम रु./लीटर)
अमूल गोल्ड 61 रुपए 63 रुपए
भैंस का दूध 63 रुपए 65 रुपए -
मुंबई. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन विनिर्माता सिंपल एनर्जी ने अपने पहले ई-स्कूटर की आपूर्ति 2023 की मार्च तिमाही तक टाल दी है। कंपनी ने बताया कि सरकार के बैटरी सुरक्षा पर दिशानिर्देश के कारण यह देरी हो रही है।
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने पिछले साल 15 अगस्त को ‘सिंपल वन' नाम से ई-स्कूटर की पेशकश की थी। कंपनी ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह जून से आपूर्ति शुरू करेगी, जिसे बाद में सितंबर तक के लिए टाल दिया गया था। -
मुंबई. स्टार्टअप कंपनियों में निवेश के प्रवाह में विशेषरूप से यूक्रेन युद्ध के बाद से बड़ी गिरावट आई है। उद्योग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी वजह से चालू साल की सितंबर तिमाही के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में निजी इक्विटी निवेश 77.5 प्रतिशत घटकर 3.84 अरब डॉलर रह गया है। लंदन स्टॉक एक्सचेंज की इकाई रिफिनिटिव द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, तिमाही आधार पर पीई निवेश 43.5 प्रतिशत घटा है। जून तिमाही में पीई निवेश 6.80 अरब डॉलर था। सालाना आधार पर कुल सौदे भी 14.6 प्रतिशत घटकर 478 से 408 रह गए हैं। हालांकि, जून तिमाही के 356 की तुलना में सौदे 14.6 प्रतिशत बढ़े हैं। सालाना आधार पर 2022 के पहले नौ माह में निजी इक्विटी निवेश 33 प्रतिशत घटकर 19.6 अरब डॉलर रहा है।
- वाशिंगटन। विश्व बैंक ने आगाह किया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी के निकट है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड माल्पस ने कहा कि विश्व बैंक ने वर्ष 2023 के लिए वैश्विक वृद्धि दर का पूर्वानुमान तीन प्रतिशत से घटाकर एक दशमलव नौ प्रतिशत कर दिया है।उन्होंने गरीबों के लिए लक्षित समर्थन देने का आह्वान किया।श्री माल्पस वाशिंगटन में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक से अलग पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुद्रा स्फीति, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, पूंजी प्रवाह में कटौती जैसी सभी समस्याओं से विकासशील देशों में गरीबों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। श्री माल्पस ने कहा कि ये समस्याएं विश्व बैंक के लिए बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि हम विकासशील देशों में गरीब लोगों की मदद पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। विश्व बैंक प्रमुक ने कहा कि कुछ देशों ने पहले ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है या ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं, जहां वे इन दरों को और नहीं बढ़ा सकते। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के कर्ज बढ़ने का मुख्य कारण अधिक ब्याज दरें हैं। मुद्रा के अवमूल्यन ने ऋण के इस बोझ को और बढ़ा दिया है।
-
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि भारत डिजिटल क्षेत्र में वैश्विक मानदंड स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश को विश्वास है कि वह भू-राजनैतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना करने में सक्षम है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर श्रीमती सीतारामन ने कहा कि दुनिया के सभी देश भारत की उपलब्धियों को मान रहे हैं जो इस बात का निर्विवाद प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले समय हर लिहाज से मजबूत रहेगी। वांशिगटन में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में तकनीक, वित्त और शासन: व्यापक प्रभाव विषय पर आयोजन में वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के घटनाक्रम के बाद आए विश्वास के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही है और संभावित वैश्विक मंदी में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त जारी रहेगी। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि 2014 में सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था का डिजिटीकरण शुरू करने के बाद शुरूआत में लोगों में जो आशंकाएं थी उसे डिजिटल तकनीक की मदद से दूर कर दिया गया। मोदी सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में तकनीक के उपयोग से सुशासन का लक्ष्य हासिल किया जा रहा है।
- मुंबई । बिकवाली दबाव के कारण बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 390 अंक के नुकसान में रहा। खुदरा महंगाई के पांच महीने के उच्चस्तर पर पहुंचने के साथ नीतिगत दर में वृद्धि को लेकर चिंता के बीच वित्तीय, वाहन और रियल्टी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का सिलसिला चलने से बाजार नीचे आया। कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट और कच्चे तेल के दाम में तेजी से भी बाजार धारणा पर असर पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 390.58 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,235.33 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 109.25 अंक यानी 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,014.35 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो सबसे अधिक 7.03 प्रतिशत के नुकसान में रहा। इसके अलावा एसबीआई, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. भी नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एचसीएल टेक, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं। इनमें 3.19 प्रतिशत तक की तेजी रही। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘खुदरा मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये चिंता का विषय है। इसके अलावा, अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का भी असर पड़ा है क्योंकि यह माना जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बावजूद मजबूत बनी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, अमेरिका में खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होने हैं और जो अनुमान है, उसमें इसके ऊंचा रहने की आशंका है। इससे वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकता है।'' अमेरिका में खुदरा महंगाई का आंकड़ा बृहस्पतिवार को जारी किया जाएगा। खुदरा बिक्री का आंकड़ा शुक्रवार को आएगा। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि घरेलू स्तर पर कमजोर रुख के बीच बाजार में शुरुआत हल्की रही। कंपनियों के तिमाही परिणाम मिले-जुले रहने के साथ खुदरा मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़ों से बाजार पर असर पड़ा है। घरेलू अर्थव्यवस्था को बुधवार को दोहरा झटका लगा। खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गयी। वहीं औद्योगिक उत्पादन में 18 महीने में पहली बार गिरावट आई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के लगातार दूसरे महीने बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक पर महंगाई को काबू में लाने को लेकर नीतिगत दर बढ़ाने को लेकर दबाव बढ़ेगा। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा। हालांकि, यूरोप के प्रमुख देशों के शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.31 प्रतिशत बढ़कर 92.74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने बुधवार को 542.36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे टूटकर 82.39 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
-
बेंगलुरु. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि सरकार अगले एक से दो महीने में देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र लगाने के प्रस्तावों को मंजूरी देना शुरू कर सकती है। चंद्रशेखर ने इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) विजन सम्मेलन में कहा कि पिछले आठ-नौ माह में देश में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में जबर्दस्त प्रगति हुई है। सरकार को 1.53 लाख करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए पांच कंपनियों से प्रस्ताव मिले हैं। चंद्रशेखर ने सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से भाग लेते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगले एक से दो महीने में सरकार और भारत सेमीकंडक्टर मिशन उन प्रस्तावों को मंजूरी देंगे.....जिनकी समीक्षा की गई है।'' आईईएसए के चेयरमैन विवेक त्यागी ने एक अध्ययन का हवाला देते कहा कि भारत में 2022 में लगभग 27 अरब डॉलर के मूल्य के बराबर सेमीकंडक्टर की खपत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के प्रोत्साहन ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को बढ़ावा दिया है लेकिन ज्यादातर उत्पाद भारत में जोड़े (असेंबल) जा रहे हैं। एक बार जब उत्पाद यहां बनना शुरू हो जाएगा... तब देश में मूल्यवर्धन का एक अलग स्तर होगा। -
नयी दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था को बुधवार को खुदरा मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के रूप में दोहरे झटके का सामना करना पड़ा। आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति पांच महीने के उच्चस्तर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि औद्योगिक उत्पादन पिछले 18 माह में पहली बार घट गया। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 9वें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह अगस्त में सात प्रतिशत और सितंबर, 2021 में 4.35 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति इस साल सितंबर में बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 7.62 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से अधिक रहने पर आरबीआई को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा। केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के दायरे में बनी रहे। मोतीलाल ओसवाल के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में मामूली बढ़ोतरी और आईआईपी में गिरावट ने चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, अगले महीने के आंकड़ों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति से तय होगा कि दिसंबर में आरबीआई ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत या 0.50 प्रतिशत, कितनी बढ़ोतरी करेगा।'' दूसरी ओर विनिर्माण और खनन जैसे क्षेत्रों में गिरावट के कारण देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अगस्त में 0.8 प्रतिशत घटकर 18 महीने के निचले स्तर पर आ गया। एक साल पहले समान महीने में औद्योगिक उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़ा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। इससे पहले फरवरी, 2021 में औद्योगिक उत्पादन में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अगस्त, 2021 में औद्योगिक उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि इस साल जुलाई में इसमें 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में इस साल अगस्त में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले साल इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 11.1 प्रतिशत बढ़ा था। बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त, 2022 में 1.4 प्रतिशत रही। अगस्त, 2021 में इसमें 16 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र के उत्पादन में अगस्त में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले के इसी माह में इसमें 23.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों यानी अप्रैल-अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 7.7 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 29 प्रतिशत रही थी। निवेश को प्रतिबिंबित करने वाले पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में अगस्त, 2022 के दौरान पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह अगस्त, 2021 में 20 प्रतिशत बढ़ा था। वहीं, टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन अगस्त में 2.5 प्रतिशत घट गया, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके अलावा प्राथमिक वस्तुओं के मामले में वृद्धि अगस्त में 1.7 प्रतिशत रही। पिछले वर्ष के इसी महीने में इसमें 16.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आईआईपी में प्राथमिक वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 34 प्रतिशत है। रेटिंग फर्म इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘सितंबर, 2022 के लिए 7.4 प्रतिशत की मुद्रास्फीति के बाद यह तय है कि दिसंबर, 2022 में एमपीसी (आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति) की समीक्षा में एक बार फिर ब्याज दर में बढ़ोतरी होगी।'' मंत्रालय ने कहा कि आंकड़ों का विश्लेषण मार्च, 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न आसामान्य स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। -
मुंबई. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का आवास ऋण का आंकड़ा छह लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जो क्षेत्र में किसी भी बैंक द्वारा दिया गया सबसे अधिक ऋण है। देश के सबसे बड़े बैंक ने इस अवसर पर आवास ऋण लेने वालों के लिए त्योहारी छूट की पेशकश भी दी है।
इसके तहत बैंक ब्याज में 0.25 प्रतिशत की छूट देगा। इस तरह शुरुआती स्तर के कर्ज के लिए ब्याज दर 8.40 प्रतिशत बैठेगी। यह पेशकश 31 जनवरी, 2023 तक उपलब्ध होगी। बैंक ने बुधवार को जारी बयान में दावा करते कहा कि जनवरी, 2021 में उसने पांच लाख करोड़ रुपये का आवास ऋण का आंकड़ा पार किया था और इस श्रेणी में छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने वाला वह देश का पहला बैंक है। बैंक के अनुसार, त्योहारी पेशकश के तहत आवास ऋण पर 0.25 प्रतिशत, आवास ऋण के ऊपर दिए जाने वाले ऋण (टॉप-लाइन) पर 0.15 प्रतिशत और संपत्ति के एवज में ऋण पर 0.30 प्रतिशत तक की छूट दी जायेगी। इस उपलब्धि पर एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक से 28 लाख से अधिक लोगों ने आवास ऋण लिया है। -
नयी दिल्ली. रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. की अनुषंगी रिलायंस रिटेल की दुकानों पर अब वैश्विक खेल संगठन नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) के कपड़ों समेत अन्य उत्पाद मिलेंगे। कंपनी ने इसके लिये एनबीए के साथ गठजोड़ किया है। दोनों इकाइयों ने संयुक्त बयान में बुधवार को यह जानकारी दी।
एनबीए के उत्पादों में वयस्कों, युवाओं और बच्चों के लिये कपड़े समेत अन्य उत्पाद शामिल हैं। ये उत्पाद रिलायंस रिटेल के चुनिंदा स्टोर और रिलायंस रिटेल के ई-कॉमर्स मंच पर उपलब्ध होंगे। एनबीए के अंतरराष्ट्रीय लाइसेंसिंग और व्यापार विकास मामलों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रॉब मिलमैन ने कहा, ‘‘रिलायंस वर्षों से एनबीए का एक विश्वसनीय भागीदार रही है और इस सहयोग के माध्यम से हम भारत में अपनी खुदरा उपस्थिति को मजबूत करने के लिये उत्सुक है।'' रिलायंस रिटेल लिमिटेड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (फैशन और लाइफस्टाइल) अखिलेश प्रसाद ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रिलायंस रिटेल स्टोर देशभर में एनबीए प्रशंसकों के लिए पसंदीदा स्थान बन जाए।'' रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि., रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई है। -
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि वर्ष 2023-24 के केन्द्रीय बजट की शीर्ष प्राथमिकताओं में वृद्धि भी एक प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अगला केन्द्रीय बजट ध्यान पूर्वक तैयार किया जाएगा जिसमें वृद्धि गति बनाए रखने पर जोर होगा। वित्त मंत्री ने वाशिंगटन में ब्रुकिंग्स संस्थान के एक कार्यक्रम में कहा कि आगामी बजट में मुद्रा स्फीति से उत्पन्न चिंताओं को दूर करने पर भी ध्यान दिया जायेगा। बढ़ते कर्ज और वित्तीय घाटे के मुद्दे पर सुश्री सीतारामन ने कहा कि पिछले दो बजट में केन्द्र सरकार ने कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए बढ़ते पूंजी व्यय पर ध्यान केंद्रित किया। भारत को हो रहे तत्काल जोखिम के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि ऊर्जा और उर्वरक आवश्यकताएं उन सर्वाधिक महत्वपूर्ण चुनौतियों में है जिनका देश सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उर्वरक की बढती कीमतों के कारण संकट उत्पन्न हुआ है और यह ऊर्जा जरूरतों के साथ-साथ तत्काल एक चुनौती है। विड महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था व्यवस्थित करने के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के डिजिटीकरण की वजह से भारत लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन अवसंरचना के कारण लोगों को तत्काल राहत दी गई।
- नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की दूसरी जुलाई-सितंबर तिमाही का शुद्ध लाभ 9.6 प्रतिशत घट गया। कंपनी ने बताया कि गैर-अमेरिकी बाजारों में आय घटने के चलते उसके शुद्ध लाभ में कमी हुई। कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में उसे 2,649.1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 2,930.6 करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की आय बढ़कर 22,539.7 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 19,667.4 करोड़ रुपये थी। विप्रो ने कहा कि दूसरी तिमाही में गैर-अमेरिकी बाजारों में उसकी आय में गिरावट हुई है। यूरोप में कमाई एक साल पहले के 918.6 करोड़ रुपये से घटकर समीक्षाधीन अवधि में 787.5 करोड़ रुपये रह गई। इसी तरह एशिया प्रशांत, पश्चिम एशिया, अफ्रीका (एपीएमईए) क्षेत्र में आय घटकर 219.4 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 302.8 करोड़ रुपये थी।
- नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सोना बुधवार को 20 रुपये टूटकर 51,155 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,175 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। सोने की तरह चांदी भी 473 रुपये के नुकसान से 58,169 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी का भाव 58,642 रुपये प्रति किलोग्राम रहा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,669.5 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर था। चांदी नुकसान के साथ 19.18 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘बैंक ऑफ इंग्लैंड की आपात बाजार समर्थन को खत्म करने की टिप्पणी के बाद कॉमेक्स में सुबह के कारोबार में सोना स्थिर था।'
- मुंबई,। स्थानीय शेयर बाजार में पिछले तीन कारोबारी सत्र से जारी गिरावट का सिलसिला बुधवार को थम गया और बीएसई सेंसेक्स 478.59 अंक चढ़कर बंद हुआ। बैंकिंग, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आई। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा और मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में सकरात्मक रुख ने भी निवेशकों की धारणा को बढ़ावा दिया। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 478.59 अंक यानी 0.84 प्रतिशत चढ़कर 57,625.91 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 540.32 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 140.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17,100 अंक का स्तर पार करते हुए 17,123.60 अंक पर बंद हुआ। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सत्रों में गिरावट के बाद बाजारों ने आज राहत की सांस ली। हालांकि, कई नकरात्मक कारकों की वजह से यह मजबूती टिकाऊ नहीं है।'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कंपनियों के तिमाही नतीजों पर ध्यान केंद्रित करने से घरेलू शेयर बाजार.....वैश्विक बाजारों में नकरात्मक संकेतों पर काबू पाने में सफल रहा।'' सेंसेक्स की कंपनियों में पावरग्रिड के शेयर में सबसे अधिक 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। साथ ही एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, एचयूएल और आईटीसी के शेयरों में लिवाली से भी बाजार को समर्थन मिला। दूसरी तरफ एशियन पेंट्स, डॉ रेड्डीज, भारती एयरटेल, टाइटन और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर नीचे आए।व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.66 प्रतिशत और स्मॉलकैप 0.22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बंद हुआ।एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहा जबकि जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मजबूती का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुआ। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.39 प्रतिशत चढ़कर 94.64 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को बड़े पैमाने पर बिकवाली की। उन्होंने 4,612.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
-
मुंबई. सितंबर में नौकरियों के लिए जारी होने वाले विज्ञापनों में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई लेकिन अगस्त की तुलना में इसमें आंशिक बढ़त देखी गई। नौकरियों की सूचना देने वाली वेबसाइट मॉन्स्टर डॉट कॉम की तरफ से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया। इसके मुताबिक, सितंबर 2021 की तुलना में बीते महीने में विभिन्न क्षेत्रों की नौकरियों के आवेदन में कमी आई है। खासकर मीडिया एवं मनोरंजन, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण और पोत परिवहन क्षेत्रों में नौकरियों के आवेदन कम आमंत्रित किए गए। सितंबर, 2022 के 'मॉन्स्टर रोजगार सूचकांक' (एमईआई) से पता चलता है कि सालाना आधार पर नई भर्ती करने में चार प्रतिशत की सुस्ती दर्ज की गई। हालांकि, अगस्त 2022 की तुलना में इस सूचकांक में एक प्रतिशत का सुधार देखा गया। रिपोर्ट कहती है कि त्योहारी मौसम जारी रहने और विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण के प्रयास जारी होने से आने वाले महीनों में भर्ती प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां नई भर्तियों को लेकर सतर्क बनी हुई हैं। इस क्षेत्र में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की ऊंची दर होने से कंपनियां फिलहाल सजगता दिखा रही हैं। बीपीओ क्षेत्र में भी यही रुझान देखने को मिल रहा है। वहीं देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत होने से दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों ने सितंबर में 13 प्रतिशत तक अधिक भर्तियां कीं। बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र में बड़े शहरों में भर्तियां 20 प्रतिशत तक बढ़ गईं। - नयी दिल्ली। अडाणी डेटा नेटवर्क्स लिमिटेड (एडीएनएल) को पहुंच प्रदान करने वाली सेवाओं के लिए एकीकृत लाइसेंस प्रदान किया गया है। इस लाइसेंस के जरिये कंपनी देश में हर तरह की दूरसंचार सेवाएं दे सकती है। इस घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने अडाणी समूह की कंपनी एडीएनएल को एकीकृत दूरसंचार लाइसेंस दिए जाने की जानकारी दी। इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘अडाणी डेटा नेटवर्क्स को यूएल (एएस) लाइसेंस मिल गया है।'' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह लाइसेंस सोमवार को जारी किया गया।अडाणी समूह ने हाल में हुई नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदकर देश के दूरसंचार क्षेत्र में प्रवेश किया था। उस समय कंपनी ने कहा था कि वह इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल समूह के भीतर की कारोबारी गतिविधियों के लिए करेगी। एडीएनएल ने हाल में हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 20 वर्षों के लिए 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम खरीदा था।
- मुंबई। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को कहा कि समूह की ग्राहकों के लिये 5जी पेश करने की कोई योजना नहीं है। समूह घाटे के कारण कुछ साल पहले उपभोक्ता केंद्रित दूरसंचार सेवा से बाहर निकल गया। चंद्रशेखरन ने कहा कि समूह 4जी और 5जी के लिये अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रयासों पर ध्यान दे रहा है। साथ ही 6जी में भी निवेश कर रहा है। उन्होंने पुरस्कार समारोह ‘लोकमत महाराष्ट्रियन ऑफ ईयर 2022' में कहा, ‘‘5जी के मामले में हमारी ग्राहक कारोबार में जाने की योजना नहीं है। हम उस कारोबार से बाहर हो गये हैं।'' चंद्रशेखरन ने कहा कि समूह की कंपनियां जो प्रौद्योगिकी बना रही हैं, वह पूरी तरह से स्वदेशी है। उसे बड़े पैमाने पर लागू करने से पहले परीक्षण किया जाएगा। इस पेशकश के बारे में पहले से ही पूछताछ शुरू हो गयी है।