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- देहरादून। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद सोमवार को सुबह पांच बजे खोल दिए जाएंगे । पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोविड-19 के कारण कपाटोद्घाटन के दौरान श्रद्धालु उपस्थित नहीं रह पाएंगे। आगामी मंगलवार 18 मई को चमोली में स्थित भगवान बदरीनाथ के कपाट सुबह सवा चार बजे ब्रहममुहूर्त में खुल जाएंगे । कोविड के कारण यहां भी श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं होगी। कोविड के संबंध में उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खोले जाने के दौरान वहां तीर्थ पुरोहितों, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत केवल 25 लोग ही उपस्थित रहेंगे। इससे पहले, शुक्रवार 14 मई को यमुनोत्री के कपाट और शनिवार पांच मई को गंगोत्री के कपाट खोले जाने के दौरान भी यही व्यवस्था लागू की गई थी। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में चारधामों के नाम से मशहूर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट हर साल छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद अप्रैल-मई में श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अर्धशहरी, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में कोविड नियंत्रण और प्रबंधन के बारे में मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। मंत्रालय ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन अर्धशहरी, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में भी अब संक्रमित लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसलिए इन क्षेत्रों में कोविड महामारी से निपटने के प्रयास तेज करने के लिए सभी स्तरों पर प्राथमिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और समुदायों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लगभग 80 से 85 प्रतिशत कोविड मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं होते या हल्के लक्षण होते हैं। इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं है और इन्हें घर पर ही या कोविड केयर आइसोलेशन सेंटर में ठीक किया जा सकता है। कोविड मरीजों की निगरानी के लिए ऑक्सीजन के स्तर पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक गांव में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर होने चाहिये। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण समिति को इन उपकरणों के प्रावधान के लिए संसाधन जुटाने चाहिए। कोविड मरीजों के परिवारों के लिए पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर उपलब्ध कराने की प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। इस कार्य में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ग्रामीण स्तर के स्वयंसेवकों की सहायता ली जानी चाहिए।
- नई दिल्ली। देश में कोरोना टीके की कमी के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के प्रमुख अदार पुनावाला ने कहा कि वैक्सीन की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में तेजी लाने की पूरी कोशिश की जा रही हैं। एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष अदार पुनावाला ने एक ट्वीट में कहा कि संस्थान भारतीय बाजार में प्राथमिकता से टीका उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश कर रहा हैं।उन्होंने जिंदल साउथ वेस्ट के अध्यक्ष सज्जन जिंदल के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, ''सीरम इंस्टिट्यूट में हम भारत के लिए प्राथमिकता से वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने और नयी वैक्सीन उतारने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम जिंदल साउथ वेस्ट के देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करने के प्रयासों के लिए आभारी हैं। हम इस महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में एक साथ खड़े हैं।" सज्जन जिंदल ने दरअसल इससे पहले एसआईआई, भारत बायोटेक और उसकी प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला को ट्वीटर पर टैग कर कहा, ''कोरोना संक्रमण से जीतने का एक मात्र विकल्प देश में सभी को टीका लगाना है। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा अपनी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाते हुए देखना बेहद अच्छा है।''गौरतलब है कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट देश में दो प्रमुख वैक्सीन निर्माता कंपनी हैं। दोनों ने अबतक कई राज्यों को वैक्सीन की आपूर्ति की है और यह लगातार जारी है। इस बीच अपोलो हॉस्पिटल समूह की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन उत्पादन में तेजी लाने के लिए निर्णायक कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''मैं केंद्र सरकार से टीके के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़ा और निर्णायक कदम उठाने का आग्रह करती हूँ। सरकार को टीकाकरण प्रक्रियाओं को उन लोगों के लिए भी कारगर बनाना चाहिए जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं हैं।
- पुणे/नयी दिल्ली। कांग्रेस सांसद राजीव सातव का रविवार को पुणे के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल सूत्रों ने यह जानकारी दी। कुछ दिनों पहले ही वह कोविड-19 से उबरे थे। वह 46 वर्ष के थे।सातव की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। वह 22 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।उन्होंने बताया कि सातव को बाद में एक नया वायरल संक्रमण हो गया था और उनकी हालत गंभीर थी।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख जताया और कहा कि यह उनके लिए बहुत बड़ी क्षति है।उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं अपने मित्र राजीव सातव के निधन से बहुत दुखी हूं। उनमें एक नेता के तौर पर असीम संभावनाएं थी और उन्होंने कांग्रेस के आदर्शों को आत्मसात कर लिया था। यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’महाराष्ट्र से आने वाले सातव को पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी का करीबी माना जाता था।वह गुजरात में पार्टी के मामलों के प्रभारी थे जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा मुकाबला किया था। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘हम राज्यसभा सदस्य और हमवतन श्री राजीव सातव के निधन से बहुत दुखी हैं। राष्ट्र के प्रति उनके अटूट समर्पण और सादगी से पार्टी का कामकाज चलाने को काफी याद किया जाएगा। उनके परिवार, मित्रों तथा समर्थकों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।’’ अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस ने अग्रिम मोर्चे के अपने योद्धा, कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य, सांसद और होनहार युवा नेता को खो दिया है।उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अपूरणीय क्षति से बहुत आहत हूं। पार्टी उनके अटूट समर्पण, जुड़ाव और अपार लोकप्रियता को हमेशा याद रखेगी।’’कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘‘राजीव सातव के रूप में हमने अपना सबसे होनहार सहयोगी खो दिया। उनका दिल बेहद साफ था, वह ईमानदार, कांग्रेस के आदर्शों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध और भारत के लोगों के प्रति समर्पित थे। मेरे पास शब्द नहीं हैं, उनकी युवा पत्नी और बच्चों के लिए प्रार्थना करती हूं। ईश्वर उन्हें उनके बिना जीने की ताकत दें।’’कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस नुकसान से वह निशब्द हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज एक ऐसा साथी खो दिया जिसने सार्वजनिक जीवन का पहला कदम युवा कांग्रेस में मेरे साथ रखा और आज तक मेरे साथ चले पर आज...राजीव सातव की सादगी, बेबाक मुस्कुराहट, जमीनी जुड़ाव, नेतृत्व और पार्टी से निष्ठा तथा दोस्ती सदा याद आएगी। अलविदा मेरे दोस्त। जहां रहो, चमकते रहो।’’पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘‘मेरे युवा सहयोगी राजीव सातव का कोविड-19 संबंधी दिक्कतों के कारण निधन हो गया। वह युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और साथ ही दोनों सदनों में सांसद रहे। वह एक ओजस्वी वक्ता थे और हमेशा अच्छी तैयारी करके आते थे। वह कांग्रेस के पुनरुद्धार के अभिन्न अंग थे। दुखद।’’
- नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार एवं फाइनेंशियल एक्सप्रेस के प्रबंधक संपादक सुनील जैन का शनिवार को निधन हो गया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे।उनकी बहन संध्या जैन ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद जैन को इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था।संध्या जैन ने ट्वीट किया, " कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुईं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण आज शाम हमने अपने भाई सुनील जैन को खो दिया। एम्स के डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोरोना रूपी राक्षस बहुत शक्तिशाली निकला। तीर्थंकर उनकी आगे की यात्रा को मार्ग दिखाएं। इस मुश्किल घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले सभी लोगों के प्रति आभार।"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, " सुनील जैन, आप इतनी जल्दी हमें छोड़कर चले गए। मैं आपके शानदार लेखों और विविध मामलों पर स्पष्ट और व्यावहारिक विचार की कमी महसूस करूंगा। आपके निधन से पत्रकारिता जगत को एक बड़ा नुकसान हुआ है। आपके परिजनों और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना। ओम शांति।"वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इंडियन एक्सप्रेस समूह के कार्यकारी निदेशक अनंत गोयंका ने भी जैन के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। तीन मई को एम्स में भर्ती होने के बाद सुनील जैन ने आखिरी बार ट्वीट किया था।
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आगरा। आगरा में शनिवार को बसई अरेला थाना क्षेत्र के अरेवा गांव में एक बाइक अनियंत्रित होकर बिजली के खंभे से टकरा गयी। हादसे में दुपहिया सवार पति की मौत हो गयी जबकि पत्नी घायल हो गयी। पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है। थाना बसई अरेला के निरीक्षक शेर सिंह ने बताया कि हादसे में मारे गए व्यक्ति की पहचान धर्मेंद्र के रूप में हुई है। शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
- बालासोर। ओडिशा। बालासोर के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर शनिवार तड़के एक कार के पुल से नीचे गिर जाने से उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि निकटवर्ती मयूरभंज जिले के बारीपदा से एक वाहन में सवार पांच लोग भुवनेश्वर जा रहे थे, तभी तड़के करीब तीन बजे वाहन चालक ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और कार पुल से नीचे गिर गई। बालासोर औद्योगिक पुलिस मौके पर पहुंची और पांचों लोगों को बालासोर मुख्यालय अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने उनमें से तीन को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान रवींद्र साहू, संतोष पांडा और देबाशीष पांडा के तौर पर हुई है।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में देश में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण अभियान की समीक्षा की तथा सर्वाधिक संक्रमित क्षेत्रों में जांच का दायरा बढ़ाने, स्थानीय स्तर पर रोकथाम की रणनीति पर काम करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर जांच करने और वहां स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों को बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सभी आवश्यक संसाधनों से लैस करने और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मोदी लगातार बैठकें कर रहे हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना वायरस महामारी अब देश के ग्रामीण इलाकों में तेजी से पांव पसार रही है। इसके मद्देनजर उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और उचित दूरी का पालन करने सहित बचाव के उपायों का अनुसरण करने का आग्रह किया था। कोविड-19 महामारी को एक ‘‘अदृश्य दुश्मन'' करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार इस महामारी की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। उन्होंने भरोसा जताया था कि देश इस लड़ाई में विजय हासिल करेगा। पीएमओ ने कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री को देश में कोरोना की ताजा स्थिति से अवगत कराया गया और उन्हें यह भी बताया गया कि अभी प्रत्येक सप्ताह 1.3 करोड़ लोगों की जांच हो रही है जबकि पिछले साल मार्च में प्रत्येक सप्ताह जांच का आंकड़ा 50 लाख था। बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री को बताया कि लोगों के ठीक होने की दर के साथ ही संक्रमण दर में भी कमी दर्ज की गई है। बैठक में यह चर्चा हुई कि पिछले कुछ सप्ताह में जहां संक्रमण के मामले रोजाना चार लाख के ऊपर जा रहे थे, वहीं अब केंद्र व राज्य सरकारों तथा स्वास्थ्यकर्मियों के प्रयासों से यह मामले कम होने लगे हैं। अधिकारियों ने बैठक में प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य और जिलावार कोविड-19 की स्थिति, जांच, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्वास्थ्य ढांचे और टीकाकरण की रूपरेखा के बारे में प्रस्तुति दी गई। बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जिन राज्यों के जिन जिलों में संक्रमण के मामले अधिक हैं, वहां स्थानीय निषिद्ध क्षेत्र रणनीति समय की मांग है।'' उन्होंने ऐसे क्षेत्रों में आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन जांच तेज करने के निर्देश दिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही आंकड़े अधिक आएं लेकिन राज्यों को बगैर किसी दबाव के पारदर्शिता से आंकड़े जारी करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों को बढ़ाने पर जोर दिया ताकि घर-घर जाकर जांच की जा सके और निगरानी रखी जा सके। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में पृथकवास की स्थिति में उपचार संबंधी दिशा निर्देशों को आसान भाषा में उपलब्ध कराने के लिए भी कहा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक वितरण योजना बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने ऑक्सीजन संबंधी उपकरणों के संचालन के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने कुछ राज्यों में वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल ना हो पाने संबंधी खबरों को गंभीरता से लिया और केंद्र सरकार द्वारा दिए गए वेंटिलेटर्स के हिसाब की जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई वैज्ञानिक और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है, जो आगे भी जारी रहेगी। बैठक के दौरान टीकाकरण अभियान का राज्यवार ब्योरा प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया और इसकी योजना पर भी चर्चा की गई। उन्होंने टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए अधिकारियों को राज्यों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।
- नयी दिल्ली ।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान ‘तौकते' में तब्दील हो गया है और इसके 18 मई के आसपास पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है। इसने कहा कि ‘तौकते' 16 से 18 मई के बीच अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में रहेगा।आईएमडी द्वारा अपराह्न 1:45 बजे जारी किए गए बुलेटिन में कहा गया, ‘‘इसके (तौकते) अगले छह घंटे के दौरान ‘भीषण चक्रवाती तूफान' में परिवर्तित होने की काफी संभावना है और फिर अगले 12 घंटे में इसके ‘अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान' में बदलने की संभावना है। इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिमी दिशा की तरफ बढ़ने और लगभग 18 मई को अपराह्न/शाम के समय पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है।'' केंद्र और तटीय राज्यों की सरकारें चक्रवात से निपटने की तैयारी कर रही हैं।राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने चक्रवात के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के उद्देश्य से अपनी टीमों की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है। केंद्रीय जल आयोग ने भी चक्रवात को लेकर केरल के मध्य एवं उत्तरी हिस्सों, पास के दक्षिण तटीय एवं कर्नाटक के दक्षिण तटवर्ती क्षेत्रों के लिए मध्यम से उच्च स्तर के जोखिम का अलर्ट जारी किया है। गोवा में सरकार ने चक्रवात के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाए हैं।आईएमडी के अनुसार चक्रवात के चलते कोंकण और गोवा में 15 और 16 मई को भारी से अत्यंत भारी बारिश हो सकती है। गोवा अग्निशमन एवं आपात सेवा ने कहा कि इसने स्थिति से निपटने के लिए अपने कर्मियों को तैयार रखा है।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के तटीय जिलों के अधिकारियों को सतर्क रहने और स्थिति से निपटने के लिए उपकरणों से लैस रहने के निर्देश दिए हैं।
- तिरुवनंतपुरम। केरल में शनिवार को मूसलाधार बारिश होने और तेज हवाएं चलने से सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए, पेड़ उखड़ गए और बिजली आपूर्ति घंटों तक बाधित रही। समुद्र में ऊंची लहरें उठने से तटीय इलाकों में जनजीवन बाधित हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, पांच जिलों मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के साथ ‘रेड अलर्ट' जारी किया गया है। उसने बताया कि अलप्पुझा, कोट्टयम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में एक या दो स्थानों पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ बारिश की संभावना है। मध्य और उत्तरी जिलों में ऊंचे और तटीय इलाकों में पिछले 24 घंटों में काफी नुकसान पहुंचा।प्रमुख नदियों में जल स्तर लगातार बढ़ने पर प्राधिकारियों ने उसके तट पर रह रहे लोगों को चौकन्ना रहने को कहा है। पर्वतीय जिले इडुक्की में कलारकुट्टी, मलंकारा और भूथाथंकेट्टू बांध के द्वार खुले हैं। राज्य में कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए और मकानों तथा वाहनों पर गिरे।पेड़ों के गिरने से कई स्थानों पर यातायात भी बाधित हो गया जबकि इडुक्की में मुन्नार-वट्टावडा रोड कुछ वक्त तक बाधित रहा। अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ के कर्मी पेड़ों को हटाने और रास्तों को साफ करने की कोशिश कर रहे हैं। तटीय जिलों तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठने से व्यापक नुकसान हो रहा है। राज्य में यहां स्थित सबसे पुराने समुद्री पुल वलियाथुरा में दरार आ गई है। पुल के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया है और वहां पुलिस को तैनात किया गया है। प्रारंभिक खबरों के अनुसार, राज्य के तटीय क्षेत्रों में समुद्र में ऊंची लहरें उठने से सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए। बड़ी संख्या में लोगों को विभिन्न जिलों में राहत शिविरों में भेजा गया है, जहां कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन किया जा रहा है। इस बीच, भारतीय तटरक्षक बल के जहाज विक्रम ने शुक्रवार रात को उत्तरी कन्नूर जिले के तट पर मछली पकड़ने की एक छोटी नौका से तीन मछुआरों को बचाया।
- कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार, प्रशासन, लोग सभी लापरवाह हो गए थे : भागवतनयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लोगों से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुट और सकारात्मक बने रहने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस की पहली लहर के बाद सरकार, प्रशासन और जनता के लापरवाह होने के कारण वर्तमान स्थिति का सामना करना पड़ रहा है । ‘‘पोजिटिविटी अनलिमिटेड'' व्याख्यान श्रृंखला को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण समय में एक दूसरे पर अंगुली उठाने की बजाए हमें एकजुट रहना होगा और एक टीम की तरह कार्य करना होगा ।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस परिस्थिति का सामना कर रहे हैं क्योंकि सरकार, प्रशासन और जनता, सभी कोविड की पहली लहर के बाद लापरवाह हो गए जबकि डाक्टरों द्वारा संकेत दिये जा रहे थे । '' सरसंघचालक ने कहा कि अब तीसरी लहर की बात हो रही है । ‘‘लेकिन हमें डरना नहीं है । हम चट्टान की तरह एकजुट रहेंगे ।'' भागवत ने कहा कि सभी को सकारात्मक रहना होगा और मौजूदा परिस्थिति में स्वयं को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने (नेगेटिव) के लिए सावधानियां बरतनी होंगी । उन्होंने कहा कि यह एक दूसरे पर अंगुली उठाने का उपयुक्त समय नहीं है और वर्तमान परिस्थितियों में तर्कहीन बयान देने से बचना चाहिए । भागवत ने कोरोना वायरस संक्रमण के संदर्भ में कहा, ‘‘जब विपत्ति आती है तो भारत के लोग जानते हैं कि सामने जो संकट है, उसे चुनौती मानकर संकल्प के साथ लड़ना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लोग जानते हैं कि यह हमें डरा नहीं सकती। हमें जीतना है। जब तक जीत न जाएं तब तक लड़ना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘थोड़ा सी गफलत हुई। शासन-प्रशासन और लोग..सभी गफलत में आ गए, इसलिए यह आया।''मोहन भागवत ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय इंग्लैंड की स्थिति का जिक्र किया, जब ऐस लग रहा था कि सब कुछ उसके वितरीत जा रहा हो । भागवत ने तब के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल को उद्धृत किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘इस कार्यालय में कोई निराशावादी नहीं है, हमें हार की संभावना में कोई रूचि नहीं है, इसका कोई अस्तित्व नहीं है । '' उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे ही इस परिस्थिति में हमें साहस नहीं छोड़ना है । हमें संकल्पबद्ध रहना है।'
- भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए लोकहित में मध्य प्रदेश में चार राज्यों उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान से आने तथा जाने वाले बस परिवहन संचालन को 23 मई तक स्थगित कर दिया है। पहले इन बसों का संचालन 15 मई तक स्थगित किया गया था। मध्यप्रदेश परिवहन विभाग ने शनिवार को इस आशय के आदेश जारी किए।मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘सचिव, राज्य परिवहन प्राधिकार एवं अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) मध्य प्रदेश ने उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान राज्यों से 23 मई 2021 तक मध्य प्रदेश की समस्त यात्री बस वाहनों का इन चार राज्यों की सीमा में प्रवेश तथा इन चार राज्यों की समस्त यात्री बस वाहनों का मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश स्थगित करने का शनिवार को आदेश जारी किये हैं।'' उन्होंने बताया कि पहले बस सेवा 15 मई तक स्थगित की गई थी, जिसे बढाकर 23 मई किया गया है।
- नयी दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वैश्विक सहायता के तौर पर मिले कुल 10935 ऑक्सीजन सांद्रक, 13169 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र और 4.9 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियों की 27 अप्रैल से 13 मई के बीच या तो विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को आपूर्ति हो चुकी है या उनके लिये रवाना की जा चुकी हैं। मंत्रालय के मुताबिक 13-14 मई को अमेरिका, इटली, कनाडा, दक्षिण कोरिया, ओमान, ब्रिटन और जापान से अहम खेप मिलीं जिनमें 157 ऑक्सीजन सांद्रक, 900 ऑक्सीजन सिलेंडर और 338 वेंटिलेटर/बाइपेप/सीपेप शामिल थे। मंत्रालय के मुताबिक इन देशों से इस खेप में रेमडेसिविर की 68810 शीशीयों के साथ ही टोसिलिजुमैब की 1000 यूनिट भी प्राप्त हुईं। मंत्रालय ने कहा कि कुल मिलाकर 10953 ऑक्सीजन सांद्रक, 13169 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र, 6835 वेंटिलेटर और बाइपेप तथा 4.9 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां 27 अप्रैल से 13 मई के बीच सड़क व वायु मार्ग से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिये भेजी जा चुकी हैं। मंत्रालय ने कहा, “प्राप्तकर्ता राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों व संस्थानों के लिये प्रभावी तत्काल आवंटन और सुव्यवस्थित वितरण एक सतत चलने वाली कवायद है।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नियमित आधार पर इसकी व्यापक निगरानी कर रहा है।मंत्रालय ने विदेशों से अनुदान, सहायता और दान के तौर पर प्राप्त हुई कोविड राहत सामग्री के आवंटन के लिये एक समर्पित समन्वय प्रकोष्ठ बनाया है। यह प्रकोष्ठ 26 अप्रैल से काम कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दो मई 2021 को मानक संचालन प्रक्रिया बनाई गई और उसे कार्यान्वित किया गया।
- पीलीभीत। पीलीभीत के बिलसंडा थाने में पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) 112 सेवा में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार ने शनिवार अपरान्ह कथित रूप से आत्महत्या कर ली। यह कदम उठाने से पहले सिपाही कुछ देर के लिए फेसबुक पर लाइव हुआ था। पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक किरीट कुमार ने पत्रकारों से कहा कि वह पूरे मामले की जानकारी जुटा रहे हैं।सूत्रों के अनुसार मुख्यालय से वापस लौटते समय अज्ञात कारणों से सिपाही ने अपने सिर में गोली मार ली और जिला अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सिपाही की मौत की सूचना आयी। वीडियो में रोते हुए विभाग से परेशान होकर उसने आत्महत्या करने की बात कही है। किरीट कुमार ने बताया कि मृतक सिपाही जितेंद्र की पत्नी से भी जानकारी जुटाई जा रही है और सभी बिंदुओं पर जानकारी के बाद ही इस प्रकरण में कुछ कहा जा सकता है। पुलिस ने बताया कि यह घटना बीसलपुर क्षेत्र की जिरौनिया पुलिस चौकी के पास की है। शामली जिले का रहने वाला जितेंद्र 2016 बैच का सिपाही है जो बिलसंडा थाने में पीआरवी 112 सेवा की बाइक पर तैनात था।
- शहडोल। जिले में एक पुराने कुएं की सफाई के दौरान मिट्टी धंसने से दो लोगों की मलबे में दब कर मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति को करीब 10 घंटे के बचाव अभियान के बाद जीवित बाहर निकालने में कामयाबी मिली। घटना शहडोल जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के पपरेडी गांव में शुक्रवार की है। ब्यौहारी थाना प्रभारी अनिल कुमार पटेल ने शनिवार को बताया कि क्षेत्र के ग्राम पपरेडी में रमेश सेन (45) अपने मकान के पिछले हिस्से में बने पुराने कुएं की गांव के ही मोतीलाल कोल (60) एवं राजेश गोंड (25) को बुलाकर शुक्रवार सुबह सफाई करा रहे थे। तभी अचानक कुएं की मिट्टी धंसने लगी और देखते ही देखते दोनों कुएं में मिट्टी के नीचे दब गए। उन्होंने कहा कि दोनों को बचाने के लिए रमेश सेन भी कुएं में उतर गए और वह भी मलबे में दब गए।पटेल ने बताया कि इस बात की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंची ब्यौहारी पुलिस ने बचाव अभियान चलाया और जेसीबी मशीन सहित अन्य उपकरणों की मदद से तीनों को शुक्रवार की रात आठ बजे तक बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि बाहर निकाले जाने तक राजेश गोंड़ एवं मोतीलाल कोल की मौत हो चुकी थी, जबकि रमेश सेन की सांस चल रही थी। पटेल ने बताया कि सेन की गंभीर हालत को देखते हुए उसे तत्काल शहडोल जिला अस्पताल लाकर भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज जारी है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान लगभग 10 घंटे तक चला।शहडोल के कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह ने दोनों मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी) 6 (4) के तहत स्वीकृत की है। साथ ही संकटापन्न मद से 10-10 हजार रुपए एवं राष्ट्रीय परिवार सहायता मद से 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही घायल रमेश सेन को जिला चिकित्सालय शहडोल भिजवाकर त्वरित एवं निःशुल्क इलाज की भी व्यवस्था कराई है।
- नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘‘तौकते'' से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की और संबंधित अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवाओं का प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने चक्रवात से जिन स्थानों के प्रभावित होने की संभावना है वहां के अस्पतालों में कोविड प्रबंधन, टीकाकरण, बिजली की कमी न हो, इसके उपाय और आवश्यक दवाओं के भंडारण के लिए विशेष तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया। इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, केबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन, संचार, पोत परिवहन मंत्रालयों के सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के शीर्ष अधिकारी, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया। उन्होंने जामनगर से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति पर कम से कम प्रभाव पड़ना सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने समय रहते बचाव व राहत अभियान में स्थानीय लोगों को शामिल करने के बारे में भी बात की।'' बयान के मुताबिक भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि तौकते चक्रवात 18 मई की दोपहर या शाम को पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट पर पहुंच सकता है और इस दौरान हवाओं की रफ्तार बीच-बीच में 175 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है। इस वजह से गुजरात के तटीय जिलों जूनागढ़, गिर सोमनाथ में अत्यंत भीषण बारिश हो सकती है जबकि जूनागढ़, पोरबंदर, द्वारका, अमरेली, राजकोट और जामनगर सहित कुछ अन्य स्थानों पर बहुत भारी से भारी बारिश की संभावना है। तूफान को ‘तौकते' नाम म्यांमा ने दिया है जिसका मतलब ‘छिपकली' होता है। इस साल भारतीय तट पर यह पहला चक्रवाती तूफान होगा। बैठक में चर्चा हुई कि केबिनेट सचिव सभी तटीय राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ ही एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहेंगे।
- ठाणे। जिले के उल्हासनगर में शनिवार को एक इमारत का छज्जा ढह जाने से चार लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में 11 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया।ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने कहा कि इमारत में रहने वाली एक महिला लापता है, जिसकी तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि यह घटना अपराह्न करीब 1:40 बजे कैंप नंबर-1 में स्थित पांच मंजिला 'मनोरमा' इमारत में हुई। कदम ने कहा कि चौथी मंजिल का छज्जा टूटा, जिससे बाकी मंजिलों के छज्जे भी छतिग्रस्त हुए और मलबा जमीन पर गिरा। इसकी चपेट में कई लोग आ गए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम मौके पर बचाव कार्य में जुट गई है।अधिकारी ने कहा कि अग्निशमन दल की स्थानीय टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और 11 निवासियों को निकाला गया। इन सभी को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने कहा कि ठाणे आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम भी मलबा हटाने और इसमें फंसे पांच लोगों को निकालने के अभियान में अग्निशमन दल के कर्मचारियों की मदद कर रही है। इस घटना में जान गंवाने वालों की पहचान मोंटी मिलिंद पार्शे (12), ऐश्वर्या हरीश डोडवाल (23), हरीश डोडवाल (40) और सावित्री पार्शे (60) के रूप में हुई है। संध्या डोडवाल नाम की महिला लापता है और मलबे में उनकी तलाश की जा रही है।
- नयी दिल्ली । भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने शनिवार को कहा कि किसी भी व्यक्ति को टीका लगाने, दवा देने, अस्पताल में भर्ती करने या उपचार उपलब्ध कराने से सिर्फ इस वजह से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसके पास आधार कार्ड नहीं है। इसने स्पष्ट किया कि कोई भी आवश्यक सेवा उपलब्ध कराने से इनकार करने के लिए आधार कार्ड का बहाना नहीं किया जाना चाहिए। देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच यूआईडीएआई का बयान का काफी मायने रखता है।यूआईडीएआई ने एक बयान में कहा कि आधार के मामले में भली-भांति स्थापित एक अपवाद है जिसका 12 अंकों के बायोमीट्रिक आईडी की अनुपस्थिति में सेवा और लाभ प्रदायगी सुनिश्चित करने के लिए पालन किया जाना चाहिए। इसने कहा कि यदि किसी नागरिक के पास किसी कारण से आधार कार्ड नहीं है तो आधार अधिनियम के तहत उसे सेवा प्रदान करने से इनकार नहीं किया जा सकता। इन खबरों के बीच कि आधार कार्ड न होने की वजह से कई लोगों को अस्पताल में भर्ती होने जैसी आवश्यक सेवाओं से वंचित होना पड़ रहा है, यूआईडीएआई ने स्पष्ट किया कि आधार न होने की वजह से किसी भी व्यक्ति को टीका, दवा उपलब्ध कराने, अस्पताल में भर्ती करने या उपचार उपलब्ध कराने से इनकार नहीं किया जा सकता।
- कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के छोटे भाई असीम बनर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यहां एक अस्पताल में शनिवार सुबह निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे। उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि कालीघाट के स्थानीय लोगों में ‘कालीदा' के नाम से लोकप्रिय असीम बनर्जी ने निजी अस्पताल में सुबह करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली। चिकित्सा संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि असीम बनर्जी करीब एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और तभी से अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने कहा, '' असीम बनर्जी उच्च रक्तचाप जैसी कुछ बीमारियों से ग्रसित थे जोकि उपचार के दौरान हमारे लिए चिंता का विषय बना रहा। बीच में उनकी सेहत में सुधर हुआ था। हालांकि, आज सुबह उनका निधन हो गया।'' परिवार के सूत्रों ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के साथ उत्तरी कोलकाता के नीमतला शवदाह गृह में असीम बनर्जी का अंतिम संस्कार किया गया। परिवार के सदस्यों के अलावा राज्य सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम भी अंत्येष्टि के दौरान उपस्थित रहे।उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ममता बनर्जी के भाई के निधन पर शोक जताया। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने भी शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
- नई दिल्ली। कोविड मरीजों के लिए तैयार की गई नई दवा 2-डीओक्सी-डी-ग्लूकोज की पहली खेप अगले सप्ताह तक जारी हो जाने की संभावना है। इस दवा को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने विकसित किया है और भारत के औषध महानियंत्रक ने हाल ही में इसके आपात इस्तेमाल की अनुमति दी है।अगले महीने से इस दवा का बड़ी मात्रा में उत्पादन डॉ. रेड्डी लैब कंपनी द्वारा किया जाएगा। यह दवा पाउडर के रूप में छोटे-छोटे पैकेट में उपलब्ध होगी जिसे पानी में मिलाकर लिया जा सकेगा। यह दवा वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में एकत्र हो जाती है और फिर इस वायरस के फैलने को रोकती है तथा मरीज की ऊर्जा भी बढ़ाती है। यह अपने तरह की अनूठी दवा है। इस दवा का विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के नाभिकीय औषधि एवं संबद्ध विकास संस्थान ने डॉ. रेड्डी लैब कंपनी के साथ मिलकर किया है। इस दवा के प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण से पता चला है कि इससे कोविड के मरीजों को जल्द ठीक होने में मदद मिलती है और ऑक्सीजन की निर्भरता भी कम होती है। इस दवा का देश में आसानी से उत्पादन और वितरण किया जा सकता है।
- नई दिल्ली। कोरोना कहर के बीच फंगल इन्फेक्शन के मामले में सामने आते जा रहे हैं। फंगल इंफेक्शन कोरोना मरीजों में ज्यादा पाया जा रहा है। एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि फंगस इन्फेक्शन पहले बहुत रेयर था। यह उन लोगों में दिखता था जिनका शुगर बहुत ज्यादा हो, डायबिटीज अनकंट्रोल है, इम्युनिटी बहुत कम है या कैंसर के ऐसे पेशंट्स हैं जो कीमोथैरपी पर हैं। लेकिन आज इसके ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही डॉ गुलेरिया ने कहा कि स्टेरॉयड्स का ज्यादा इस्तेमाल करने से ब्लैक फंगल के मामले आ रहे हैं।डॉ गुलेरिया ने कहा कि आम लोगों में आम तौर पर फंगल इंफेक्शन नहीं पाया जाता था लेकिन कोरोना की वजह से इसके केस काफी आ रहे हैं। एम्स में ही फंगल इन्फेक्शन के 23 मामले हैं। इनमें से 20 अभी भी कोरोना पॉजिटिव हैं और 3 कोरोना नेगेटिव हैं। कई राज्य ऐसे हैं जहां फंगल इन्फेक्शन से 400-500 केस हैं। उन्होंने बताया कि फंगल इंफेक्शन आंख, नाक, गला, फेफड़े पर हो सकता है। इससे आंखों की रोशनी, नाक से ब्लड और अगर फेफड़े में पहुंच गया तो सीने में दर्द फीवर जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।स्टेरॉयड्स से ज्यादा खतराडॉ गुलेरिया ने कहा कि स्टेरॉयड्स का दुरुपयोग फंगल इन्फेक्शन के प्रमुख कारणों में है। डायबिटीज के साथ कोरोना इन्फेक्शन वालों को अगर स्टेरॉयड दिया जा रहा है तो फंगल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहेगा। इसलिए स्टेरॉयड का मिस यूज कम करना होगा। माइल्ड इन्फेक्शन वाले मरीजों और ऐसे लोगों को जिनका ऑक्सीजन लेवल कम नहीं है, उन्हें स्टेरॉयड देने से फायदा कम नुकसान ज्यादा है।एलएनजेपी अस्पताल के एमडी डॉ सुरेश कुमार ने भी डॉ रणदीप गुलेरिया की बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि स्टेरॉयड का उपयोग कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ऑक्सीजन लेवल 90 से अधिक है और मरीज को स्टेरॉड्स दिया गया है तो मरीज में ब्लैक फंगस का खतरा हो सकता है। ब्लैंक फंगस में तुरंत ध्यान देना चाहिए। चेहरे के सीटी स्कैन से इस संक्रमण का पता लगेगा। इलाज के लिए एंटिफंगल दवा एम्फोटेरिसिन का इस्तेमाल किया जा रहा हैकहां-कहां अटैक करता है ब्लैक फंगस?विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड के बाद ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस लोगों को घेर रहा है। इस रोग में काले रंग की फंगस नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उन्हें नष्ट कर रही है और मरीजों की जान पर बन रही है।किसे हो सकता है ब्लैक फंगस?- कोविड के दौरान जिन्हें स्टेरॉयड्स- मसलन डेक्सामिथाजोन, मिथाइल, प्रेडनिसोलोन आदि दी गई हों।- कोविड मरीज को ऑक्सीजन सपॉर्ट पर या आईसीयू में रखना पड़ा हो।- कैंसर, किडनी, ट्रांसप्लांट आदि की दवाएं चल रही हों।ब्लैक फंगस के लक्षण- बुखार आ रहा हो, सर दर्द हो रहा हो, खांसी हो या सांस फूल रही हो।- नाक बंद हो। नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो।- आंख में दर्द हो। आंख फूल जाए, एक चीज दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए।- चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो।- दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगें, चबाने में दांत दर्द करे।- उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए।ब्लैक फंगस के कोई लक्षण नजर आए तो तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। नाक, कान, गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जन विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं ताकि जल्दी इलाज शुरू हो सके।
- ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले की 37 वर्षीय ताशी यांगजोम एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ाई कर उन चुनिंदा महिलाओं की सूची में शामिल हो गयीं हैं जिन्होंने यह अनूठा कारनामा करने का कीर्तिमान अपने नाम किया है।यांगजोम राष्ट्रीय पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान (एनआईएमएएस) में एक प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 11 मई की सुबह छह बजे विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर चढ़कर एक नया कीर्तिमान अपने नाम किया। एनआईएमएएस के निदेशक कर्नल सरफराज सिंह ने बताया कि यांगजोम पिछले तीन वर्षों के संस्थान की नौवीं ऐसी प्रशिक्षक हैं जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया है।एवरेस्ट शिखर पर पहुंचने वाले अरुणाचल के अन्य पर्वतारोहियों में तापी म्रा (2009), टाइन मेना (2011), अंशु जामसेनपा (2011), नीमा लामा और कलडेन पालजोर (2011), तमे बगांग (2013), किशन तेकसेंग और ताक तामुत (2018) शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बी डी मिश्रा और मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने यांगजोम को बधाई दी है।---
- नई दिल्ली। देश में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी की पहली डोज दीपक सपरा हो लगी है। दीपक डॉ रेड्डीज लैब में कस्टम फार्मा सर्विसेज के ग्लोबल हेड हैं। उन्हें हैदराबाद में वैक्सीन की पहली डोज दी गई।रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड के सीईओ किरिल देमेत्रीव ने बताया है कि स्पूतनिक वी का ज्यादातर उत्पादन भारत में होगा। इस साल वैक्सीन की 85 करोड़ डोज तैयार किए जाने की उम्मीद है। जल्द ही स्पूतनिक वी को भारत में लॉन्च किया जाएगा। रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड के सीईओ किरिल देमेत्रीव ने यह जानकारी दी। रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड के ऊपर ही इस वैक्सीन की मार्केटिंग का जिम्मा है। यह देश में उपलब्?ध होने वाली कोरोना की तीसरी वैक्सीन होगी। अभी देशवासियों को कोवैक्सीन और कोविशील्ड दी जा रही है।स्पूतनिक वी वैक्सीन के ट्रायल पर 'द लैंसेट' में एक रिपोर्ट छपी है। इसके अनुसार, वैक्सीन के मामूली साइड इफेक्ट्स हैं। यह वैक्सीन 91.6 फीसदी कारगर है। इससे कोविड-19 के गंभीर इन्फेक्शन से पूरी सुरक्षा का दावा है। स्पूतनिक वी की दो डोज इंजेक्शन के जरिए 21 दिन के गैप पर लगाई जाती हैं।नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल के अनुसार, यह वैक्सीन अगले हफ्ते से भारतीय बाजार में उपलब्ध हो सकती है। डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के अनुसार, आयातित वैक्सीन की एक डोज 948 रुपये+5 प्रतिशत जीएसटी यानी कुल 995.40 रुपये की पड़ेगी। इसमें इंजेक्शन लगाने का खर्च शामिल नहीं है।
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार अगले 15 दिनों में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को एक करोड़ 90 लाख टीके नि:शुल्क भेजेगी। इसमें एक करोड़ 62 लाख 50 हजार कोविशील्ड और 29 लाख 49 हजार कोवैक्सीन के टीके शामिल हैं। ये टीके 45 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को लगाये जाएंगे। इससे पहले केन्द्र सरकार ने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को एक करोड 70 लाख टीके भेजे थे।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सस्ते और मध्यम आय वर्ग के लोगों वाली परियोजनाओं के लिए कर्ज की विशेष सुविधा (एसडब्ल्यूएएमआईएच) से उन 1.16 लाख मकान खरीदरों को लाभ होगा, जिनकी आवास परियोजनाएं अंतिम चरण में कर्ज के अभाव में अटकी पड़ी हैं। इस कोष के जरिये पहली आवासीय परियोजना पूरी होने के मौके पर उन्होंने यह बात कही।देश में कई रियल एस्टेट परियोजनाएं कोष की कमी के कारण अटकी पड़ी हैं। इस मुद्दे के समाधान के लिये सरकार ने नवंबर 2019 में 25,000 करोड़ रुपये के एसडब्ल्यूएएमआईएच कोष की घोषणा की। इस पहल का मकसद 4.58 लाख आवासीय इकाई वाली अटकी पड़ी 1,500 से अधिक आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करना है। सीतारमण ने कहा कि 2019 रियल एस्टेट क्षेत्र के लिये कठिन वर्ष था और उद्योग नकदी संकट से जूझ रहा था जबकि बैंक फंसे कर्ज के दबाव में उन्हें ऋण देने से बच रहे थे। उन्होंने कहा कि कई परियोजनाएं पूरी होने के करीब थी लेकिन अंतिम चरण के वित्त पोषण के अभाव में अटकी पड़ी थी। सीतारमण ने ‘ऑनलाइन' आयोजित कार्यक्रम में मुंबई के रिवाली पार्क के 600 से अधिक मकान खरीदारों को घर की चाबियां देते हुए कहा कि सरकारी विभागों और एसबीआई कैपिटल ने कोविड-19 संकट के बावजूद योजनाओं को पूरा करने के लिये अथक कार्य किये और आवास ऋण ले रखे खरीदारों को फ्लैट सौंप रहे हैं। यह पहली अटकी परियोजना है, जो एसडब्ल्यूएएमआईएच कोष के जरिये पूरी हुई है। कोष का प्रबंधन एसबीआई कैपिटल के जिम्मे था जबकि वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला आर्थिक मामलों का विभाग योजना के लिये प्रशासक की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘एसडब्ल्यूएएमआईएच कोष के तहत आज 640 लोगों को मकान मिले। इस कोष से 1.16 लाख भारतीय परिवार को लाभ होगा। उन सभी को मकान मिलेंगे जो विभिन्न कारणों और बाधाओं से अटके पड़े हैं।'' वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘और यह सब महामारी के दौरान हो रहा है। इससे ज्यादा खुशी परिवारों को क्या मिल सकती है जो कई साल से अपना घर पाने का इंतजार कर रहे थे।'' कुल 44,115 इकाइयों से जुड़ी 72 परियोजनाओं को एसडब्ल्यूएएमआईएच कोष I के तहत 6,995 करोड़ रुपये का वित्त पोषण मिला है। वहीं 11,581 करोड़ रुपये के निवेश से 132 परियोजनाओं को शुरूआती मंजूरी दी गयी है। इन परियाजनाओं में मकानों की संख्या 72,457 इकाई है। इन अटकी पड़ी परियोजनाओं की कुल लागत 54,520 करोड़ रुपये है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार दबाव वाले सस्ते और मध्यम आय वाली आवास परियोजनाओं को वित्त पोषण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये कदम बढ़ायी। इससे मकान खरीदारों को राहत मिली जिन्होंने गाढ़ी मेहनत की कमाई अपने सपने के घरों में लगायी हुई थी। सीतारमण के अनुसार सरकार का मानना है कि ये मकान बनकर पूरा होने जाने के साथ फंसी हुई बड़ी पूंजी बाहर निकलेगी। साथ ही इससे निर्माण क्षेत्र में रोजगार मिलेगा एवं स्टील तथा सीमेंट जैसे संबद्ध क्षेत्रों को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बैंकों तथा एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को राहत मिलने के साथ आर्थिक धारणा बेहतर होगी। इस मौके पर आवास और शहरी मामलों के विभाग के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि 2019-20 में क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में 200 अरब डॉलर का योगदान था जो 2030 तक बढ़कर 1,000 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि बैंकों और भागीदारों के समक्ष रखी गयी उम्मीदों को पूरा करने के लिये एसडब्ल्यूएएमआईएच कोष का प्रबंधन किया गया। केंद्र सरकार ने इस कोष में 10,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया जबकि शेष राशि एलआईसी जैसे संस्थागत निवेशकों और देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई तथा निजी निवेशकों से आये।