- Home
- देश
- नई दिल्ली। पी एम केयर्स कोष से ऑक्सीकेयर सिस्टम की डेढ़ लाख इकाइयों की खरीद की मंजूरी दी गई है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डी आर डी ओ ने इन्हें विकसित किया है। इसके लिए पी एम केयर्स कोष से तीन अरब 22 करोड़ रूपए से अधिक राशि खर्च की जाएगी। ऑक्?सीकेयर एस पी ओ टू आधारित ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली है, जो रोगियों को दी जा रही ऑक्सीजन को नियंत्रित रखती है।इसके तहत एक लाख मैनुअल और पचास हजार ऑटोमेटिक ऑक्सीकेयर सिस्टम के साथ नॉन-रिब्रीदर मॉस्क भी खरीदे जा रहे हैं। ऑक्सीकेयर सिस्टम एस पी ओ टू लेवल पर आधारित पूरक ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है और व्यक्ति को हाईपोक्सिया की स्थिति में जाने से बचाता है। हाईपोक्सिया की स्थिति मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है।इस प्रणाली का विकास डी आर डी ओ की बेंगलूरू स्थित रक्षा जैव अभियांत्रिकी और इलेक्ट्रो मेडिकल प्रयोगशाला- डी ई बी ई एल ने किया है। यह प्रणाली अत्यधिक उंचाई वाले क्षेत्रों में निरंतर तैनात सैनिकों के लिए विकसित की गई है। स्वदेश विकसित यह प्रणाली व्यवहारिक और अत्यधिक उपयोगी है। इसे कोविड मरीजों के उपचार के लिए प्रभावी रूप से उपयोग किया जा सकता है।---
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात नर्सों के प्रति आभार जताते हुए बुधवार को कहा कि स्वस्थ भारत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उत्कृष्ट है। मोदी ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर ट्वीट कर कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कड़ी मेहनत करने वाली देश की नर्सों के प्रति आभार जताने का दिन है। एक स्वस्थ भारत के प्रति उनका कर्तव्य, जज्बा और प्रतिबद्धता उत्कृष्ट है।'' ज्ञात हो कि समाज सुधारक और आधुनिक नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया जाता है।
- बदायूँ , उप्र। जनपद बदायूँ के बिल्सी थाना क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वारदात उस समय हुई जब ग्राम नानाखेड़ा निवासी शाकिर (30) बिल्सी थाना क्षेत्र के गांव खुलैट गया हुआ था। मंगलवार देर रात उसको आरोपी पक्ष ने घेर लिया और गोली चलाई। गोली लगने से शाकिर की मौके पर ही मौत हो गयी। गोली चलने की सूचना पर दूसरे पक्ष के लोग भी हथियार लेकर आ गए और दोनों ओर से कई राउंड फायरिंग हुई जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि बिल्सी थाना क्षेत्र के खुलेट गाँव में आपसी रंजिश में एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शेष आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
- नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि भारत में पिछले साल पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का बी.1.617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया है और यह 'स्वरूप चिंताजनकÓ है।संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था आए दिन इसका आकलन करती है क्या सार्स सीओवी-2 के स्वरूपों में संक्रमण फैलाने और गंभीरता के लिहाज से बदलाव आए हैं या राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारियों द्वारा लागू जन स्वास्थ्य और सामाजिक कदमों में बदलाव की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को प्रकाशित साप्ताहिक महामारी विज्ञान विज्ञप्ति में बी.1.617 को चिंताजनक स्वरूप (वीओए) बताया। चिंताजनक स्वरूप वे होते हैं जिन्हें वायरस के मूल रूप से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है। कोरोना वायरस का मूल स्वरूप पहली बार 2019 के अंतिम महीनों में चीन में देखा गया था। किसी भी स्वरूप से पैदा होने वाले खतरे में संक्रमण फैलने की अधिक आशंका, ज्यादा घातकता और टीकों से अधिक प्रतिरोध होता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बी.1.617 में संक्रमण फैलने की दर अधिक है। उसने कहा, प्रारंभिक सबूत से पता चला है कि इस स्वरूप में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल मोनोक्लोनल एंटीबॉडी 'बामलैनिविमैबÓ की प्रभाव-क्षमता घट जाती है। कोविड-19 का बी.1.617 स्वरूप सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में देखा गया। भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों ने इस स्वरूप की भूमिका को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।डब्ल्यूएचओं द्वारा भारत में स्थिति के हालिया आकलन में भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढऩे और तेज होने में कई कारकों का योगदान होने की आशंका जताई गई है। इनमें सार्स-सीओवी-2 स्वरूपों के संभावित रूप से संक्रमण फैलाने, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रम, जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक कदमों का पालन कम होना शामिल है।--
- नयी दिल्ली ।सरकार मध्याह्न भोजन योजना के तहत खाने की गुणवत्ता में सुधार के लिये रसोइयों को प्रशिक्षित करेगी । इसके तहत रसोइयों को इस बात के लिए प्रशिक्षित करने का विचार है कि वे भोजन में बच्चों की पसंद के साथ साथ उनकी पोषण आवश्यकताओं का भी ध्यान रख सकें। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मध्याह्न भोजन योजना को सुदृढ़ बनाया जा रहा है । इसके तहत संशोधित योजना से संबंधित व्यय वित्त समिति के ज्ञापन को शिक्षा मंत्री की मंजूरी मिल गई है । अब इसे विचारार्थ व्यय विभाग को भेजा जा रहा है । '' संशोधित मध्याह्न भोजन योजना की विशेष बात यह है कि इसके तहत भोजन की गुणवत्ता को सुधारा जाएगा और उसे पहले से भी अधिक पौष्टिक एवं स्वादिष्ट बनाया जाएगा। पिछले काफी समय से देश के विभिन्न इलाकों से मध्याह्न भोजना योजना के तहत स्कूली बच्चों के खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आती रहीं हैं । इसे ध्यान में रखते हुए स्कूली बच्चों का खाना बनाने वाले रसोइयों (कुक कम हेल्पर) को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में स्थित स्कूलों में खाने बनाने वाले रसोइयों को प्रशिक्षित किया जाएगा और इन्हें ‘‘मास्टर ट्रेनर'' बनाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, मौजूदा समय में स्कूली बच्चों के खाने की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए बेहतर सामग्री तो उपलब्ध कराई जा रही हैं, किंतु इसे बनाने वाले रसोइयों के प्रशिक्षित नहीं होने से समस्या आ रही है । विभाग का मानना है कि खाना बनाने वाले को यह जानकारी होनी चाहिए कि किस सब्जी को कैसे बनाया जाए, जिससे उसके पोषक तत्व नष्ट नहीं हों। साथ ही उन्हें यह पता होने चाहिए कि खाने को बच्चों की रुचि के अनसार बनाया जाए और वह स्वादिष्ट भी हो। अभी स्कूलों में खाना बनाने वाले इन रसोइयों के पास ऐसा कोई प्रशिक्षण नहीं है।उल्लेखनीय है कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्याह्न भोजन योजना को लेकर कई सिफारिशें की गई हैं । नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्याह्न भोजन के साथ सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को नाश्ता मुहैया कराने का प्रावधान रखने का भी प्रस्ताव है। नयी शिक्षा नीति में कहा गया है कि सुबह के समय पोषक नाश्ता मिलना ज्ञान-संबंधी विषयों की पढ़ाई में लाभकर हो सकता है। नयी शिक्षा नीति के प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘शोध बताते हैं कि सुबह के समय पोषक नाश्ता ज्ञान-संबंधी असामान्य मेहनत वाले विषयों की पढ़ाई में लाभकारी हो सकता है। इसलिए बच्चों को मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त साधारण लेकिन स्फूर्तिदायक नाश्ता देकर सुबह के समय का लाभ उठाया जा सकता है।'' इस कार्यक्रम का विस्तार आंगनवाड़ी तक करने का भी प्रस्ताव है । इस वर्ष मार्च महीने में संसद में पेश संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, मध्याह्न भोजन योजना के तहत छात्रों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के बारे में समिति के प्रश्न पर विभाग ने कहा कि देशभर में 11.20 लाख स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना लागू की गई है और 11.8 करोड़ छात्र योजना के लाभार्थी हैं । इसके अलावा 10.74 लाख स्कूलों में उनकी रसोई है, जबकि शेष स्कूल 300 गैर सरकारी संगठनों से पका हुआ भोजन प्राप्त करते हैं जिनमें अक्षय पात्र, इस्कॉन आदि शामिल हैं । मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक छात्र को 450 कैलोरी/12 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार से उच्च प्राथमिक स्तर पर छात्रों को 700 कैलोरी/20 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 5 मार्च 2021 को समिति को यह सूचित किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की परिकल्पना के अनुसार, पूर्व प्राथमिक कक्षा में मध्याह्न भोजन योजना की शुरूआत और मध्याह्न भोजन योजना के तहत नाश्ते के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है। रिपोर्ट में स्कूलों में मध्याह्न भोजन के राष्ट्रीय कार्यक्रम के बारे में कहा गया है कि 2020-21 के दौरान राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के लिये 29.99 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया। 10 फरवरी 2021 तक सभी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के लिये 9940 करोड़ रूपये की केंद्रीय सहायता राशि जारी की गई है ।-File photo
- नयी दिल्ली । कोविड-19 से पूरी तरह ठीक होने के बाद अंडरवर्ल्ड के कुख्यात गैंगस्टर छोटा राजन को तिहाड़ जेल वापस भेज दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि छोटा राजन को मंगलवार को एम्स से छुट्टी मिली जिसके बाद उसे दोबारा तिहाड़ जेल भेज दिया गया। छोटा राजन 22 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था जिसके बाद उसे 24 अप्रैल को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक 61 साल के राजन को मंगलवार को ठीक होने के बाद अस्पताल से दोबारा तिहाड़ जेल पहुंचा दिया गया। इससे पहले जेल प्रशासन ने उन खबरों को खारिज कर दिया था जिनमें राजन की मौत का दावा किया जा रहा था।तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, '' तिहाड़ जेल के कैदी राजेन्द्र सदाशिव निकालजे की मौत की खबर फर्जी है।'' राजन के 2015 में इंडोनेशिया से प्रत्यर्पण के बाद उसे तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा कारागार में रखा गया है।
- जयपुर। राजस्थान सरकार ने कहा है कि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती, रेफर या छुट्टी मिलने पर नि:शुल्क एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही जिस मरीज को भर्ती करने की जरूरत होगी उसे कोई भी अस्पताल किसी भी स्थिति में भर्ती करने से मना नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में कोरोना महामारी से संबंधित समस्याओं और परिवेदनाओं को एक ही टेलीफोन नंबर पर प्राप्त कर उनके समयबद्ध, त्वरित निस्तारण और रोगियों को आवश्यक सलाह तथा दवा आदि उपलब्ध कराने के लिए आदेश जारी किए हैं। इसके तहत मरीजों को कोविड समर्पित अस्पतालों, परामर्श व उपचार केन्द्रों, निजी चिकित्सालयों में बिस्तर, ऑक्सीजन सुविधा, वेंटीलेटर आदि की उपलब्धता की जानकारी दी जाएगी और मरीज को भर्ती करने, रेफर करने तथा छुट्टी देने पर एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, जरूरतमंद मरीज को किसी भी स्थिति में भर्ती करने से मना नहीं किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इसके लिए 24x7 राज्य स्तरीय वार रूम संचालित किया जा रहा है जिसका हेल्पलाइन नंबर 181 है। साथ ही, सभी जिलों के प्रमुख कोरोना समर्पित अस्पतालों में भी इसी तरह के जिला स्तरीय वार रूम और हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देशानुसार, पृथक-वास में रह रहे कोविड मरीज किसी चिकित्सकीय सलाह या दवा के लिए अथवा अस्पताल में उपचार या भर्ती के लिए राज्य स्तरीय अथवा जिला स्तरीय वार रूम पर संपर्क कर सकेंगे।
- दुमका । झारखंड के दुमका जिले में मसानजोर थाना क्षेत्र के पारसिमला गांव में मंगलवार को आकाशीय बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत हो गयी जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतक बच्चों की पहचान मोहित कुमार रजक और दीपक रजक के रूप में की गयी है। दोनों क्रमशः 13 और सात वर्ष के थे। बिजली गिरने के समय दोनों बच्चे अपने गांव में वृक्ष के नीचे आम चुन रहे थे। मसानजोर थाना प्रभारी चन्द्रशेखर चौबे ने बताया कि मंगलवार को ही सालतला गांव में बिजली गिरने से 37 वर्षीया संवर मुर्मू नामक एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी। उन्होंने बताया कि घायल महिला को दुमका के पीजेएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।-file photo
- नयी दिल्ली ।भारत में कोविड-19 का पता लगाने के लिए प्रति दिन 18 से 20 लाख जांच की जा रही है। यह जानकारी मंगलवार को आईसीएमआर के प्रमुख ने दी। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला कर्मियों के संक्रमित होने के बावजूद जांच का काम जारी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण की दर करीब 21 फीसदी है और करीब 42 फीसदी जिलों (734 में 310) में संक्रमण की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। भार्गव ने कहा कि संचरण पर नियंत्रण के लिए जल्द जांच, पृथक-वास और घर में देखभाल जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रयोगशालाओं में प्रतिदिन आरटी-पीसीआर की जांच क्षमता करीब 16 लाख है और आरएटी क्षमता करीब 17 लाख प्रतिदिन है।'' उन्होंने कहा, ‘‘बढ़ी हुई जांच की मांग को पूरा करने के लिए प्रयोगशालाएं सातों दिन चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। प्रयोगशाला कर्मियों में संक्रमण के बावजूद जांच का काम जारी है।'' भार्गव ने बताया कि अप्रैल और मई में वे प्रतिदिन संयुक्त रूप से 16 से 20 लाख आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच कर रहे थे। वर्तमान में कोविड-19 के 2520 सरकारी और निजी जांच प्रयोगशालाएं हैं, सात हजार से अधिक आरटी-पीसीआर मशीन हैं और 3800 से अधिक ट्रूनैट एवं सीबीनैट मशीन हैं। भारत में सात मई तक कुल 30,04,10,043 जांच की जा चुकी थी।
- नोएडा ।उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर के थाना बिसरख क्षेत्र के चिपयाना बुजुर्ग रेलवे स्टेशन के पास दो लोगों की ट्रेन से कटने से मौत हो गई। पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रभारी ने बताया कि चिपयाना गांव में रहने वाले आशु उर्फ आशीष का बीती रात को उनके घर वालों से झगड़ा हो गया था जिसके बाद उसने गुस्से में आकर ट्रेन के सामने कूदकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मीडिया प्रभारी ने बताया कि थाना बिसरख क्षेत्र के ही चिपयाना रेलवे स्टेशन के पास सोमवार दोपहर को एक अज्ञात व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।मीडिया प्रभारी ने बताया कि आसपास के लोगों की सहायता से पुलिस शव की शिनाख्त कराने का प्रयास कर रही है।
- नयी दिल्ली। रेलवे ने 390 से अधिक टैंकरों से लगभग 5,735 टन ऑक्सीजन विभिन्न राज्यों में पहुँचाया है। राष्ट्रीय परिवहन ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सोमवार को ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने पूरे देश में 755 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाया।90 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने अब तक अपनी यात्रा पूरी कर ली है। 19 अप्रैल से महाराष्ट्र में 293 टन एलएमओ उतारा गया है, जबकि उत्तर प्रदेश में लगभग 1,630 टन, मध्य प्रदेश में 340 टन, हरियाणा में 812 टन, तेलंगाना में 123 टन, राजस्थान में 40 टन, कर्नाटक में 120 टन और दिल्ली में 2,383 टन से अधिक चिकित्सा ऑक्सीजन पहुंचाया गया है। देहरादून (उत्तराखंड) और पुणे (महाराष्ट्र) के निकट स्टेशनों पर भी पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें पहुंचने वाली हैं। रेलवे ने कहा कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तेजी से आवागमन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया है।
- कानपुर । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के सहायक कुलसचिव ने मंगलवार को आईआईटी परिसर में अपने आवास पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने मंगलवार को बताया कि आईआईटी में सहायक कुलसचिव के पद पर तैनात सुरजीत दास (40) को उनके आवास के अंदर एक कमरे में छत के हुक के साथ लटका पाया गया। जांच में यह मुख्य रूप से आत्महत्या का मामला लगता है लेकिन पुलिस ने सभी बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है, घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) संजीव सुमन ने बताया कि सुरजीत दास मूल रूप से असम के रहने वाले थे और लंबे समय से अवसाद में थे और पिछले एक दशक से दवाइयां ले रहे थे। उन्होंने बताया कि डेढ़ वर्ष के अपने सबसे छोटे बेटे के कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद दास गंभीर रूप से अवसाद में चले गये थे। उनकी पत्नी बुलबुल दास मंगलवार को सुबह जब उन्हें जगाने के लिए गई तो फांसी पर लटका पाया और उनकी चीख सुनकर पड़ोसी पहुंचे। परिसर के सुरक्षाकर्मियों ने दास को नीचे उतारा और अस्पताल ले गये जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया।
- नयी दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोविड-19 महामारी के प्रसार के मद्देनजर सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों से कोविड कार्य बल एवं हेल्पलाइन गठित करने, कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवहार को बढ़ावा देने, मनोचिकित्सा-सामाजिक सहायता के लिये परामर्शदाता की व्यवस्था करने के सुझाव दिये हैं। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड-19 महामारी का प्रसार निरंतर हो रहा है, इससे व्यक्तियों एवं संस्थाओं का दैनिक जीवन एवं कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है । महामारी की वजह से हमारी शैक्षणिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली भी बाधित हो रही है । उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण समय की मांग है कि हम सभी हितधारकों की समस्याओं एवं जरूरतों के प्रति संवेदनशील रहें और इस तरह की स्थिति को दूर करने के लिये हर संभव सहयोग प्रदान करें एवं शैक्षणिक परिसर को सुरक्षित रखें ।'' सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि यूजीसी समय समय पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल/ दिशानिर्देशों के उचित पालन एवं संक्रमण के प्रसार की रोकथाम संबंधित गतिविधियों के प्रबंधन हेतु सलाह जारी करता है । पत्र में कहा गया है कि सभी उच्च शिक्षण संस्थान वर्तमान परिस्थितियों से उबरने के लिये विभिन्न उपाए कर सकते हैं जिनमें कोविड कार्य बल एवं हेल्पलाइन का गठन, कोविड काल में स्वच्छता, मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाना, हाथ धोना, परीक्षण कराना सहित वांछनीय व्यवहार को बढ़ावा देना शामिल हैं । इसमें मानसिक स्वास्थ्य, मनोचिकित्सा-सामाजिक सहायता एवं कल्याण के लिये परामर्शदाता की व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया गया है । इसके अलावा घर में रहते हुए सभी को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिये गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित करना, दोस्तों एवं परिवार की सुरक्षा के लिये टीकाकरण अभियान में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करना, जरूरतमंदों की सहायता करना आदि सुझाव दिये गये हैं ।
- नयी दिल्ली । केन्द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 के नए मामलों और संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी आने के शुरुआती रुझान दिखने लगे हैं। सरकार के अनुसार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश और तेलंगाना उन 18 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं जहां कोविड-19 के रोजाना आ रहे नए मामलों में कमी आ रही है। संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा उन 16 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में से हैं जहां जहां रोजाना आ रहे कोविड-19 के नए मामलों में वृद्धि हो रही है। पिछले दो सप्ताह से जिन जिलों में नए मामलों में कमी आयी है, उनमें महाराष्ट्र के पुणे, नागपुर, पालघर और नासिक, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी और कानपुर नगर, मध्य प्रदेश के भोपाल और ग्वालियर, गुजरात में सूरत, बिहार में पटना, झारखंड में रांची, छत्तीसगढ़ में दुर्ग और राजस्थान में कोटा शामिल हैं। वहीं पिछले दो सप्ताह में जिन जिलों में कोविड-19 के नए मामले बढ़े हैं, उनमें कर्नाटक के बेंगलुरु शहर और मैसूरु, तमिलनाडु में चेन्नई, चेंगलापट्टु और तिरुवल्लुर, केरल में एर्नाकुलम और मलप्पुरम, पश्चिम बंगाल में 24 उत्तर परगना और कोलकाता, राजस्थान में जयपुर, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम, महाराष्ट्र में सतारा और ओडिशा में खोरधा शामिल हैं। सरकार ने बताया कि 13 राज्य ऐसे हैं जहां कोविड-19 के उपचाराधीन रोगियों की संख्या एक-एक लाख से ज्यादा है और 26 राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण की दर 15 प्रतिशत से ज्यादा है। पुणे का उदाहरण देते हुए अग्रवाल ने कहा कि जमावड़ों पर पाबंदी के बगैर सिर्फ रात्रि कर्फ्यू से रोज आने वाले संक्रमण के नए मामलों को नियंत्रित करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के जमावड़े और गैर-आवश्यक गतिविधियों पर 15 दिनों की सख्त पाबंदी ने भी संक्रमण की दर को कम करने में मदद की है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने विकराल रूप ले लिया है, हालांकि रोजाना आने वाले नए मामलों और संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी आ रही है।
- पुणे । महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में मिसाल कायम करते हुये स्थानीय निकाय विभाग के एक कर्मचारी ने महामारी के नियमों का उल्लंघन कर ठेले पर बेच रही अपनी मां की सब्जी जब्त कर ली । निकाय कर्मचारी राशिद शेख का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह पाथर्डी कस्बे में स्थित अपने घर के पास खड़े ठेला पर रखी सब्जी को जब्त कर उसे नगर निगम की गाड़ी में रखते हुये दिख रहा है । पाथर्डी नगरपालिका परिषद के कर्मचारी शेख ने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण प्रतिबंध लगाया गया है। सब्जी वेंडरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूम-घूम कर बेचना है। उन्हें एक स्थान पर दुकान नहीं लगाना है या बाजार में नहीं बैठना है । शेख ने कहा कि उन्होंने अपनी मां को चेताया था ।उन्होंने कहा, मैंने अपनी मां को सावधान किया था और बताया था कि सब्जी वालों को घूम-घूम कर बेचना है । हमारे अभियान के दौरान मैने पाया कि मेरी मां ने मुख्य बाजार इलाके में हमारे घर के बाहर ठेला खड़ा किया । नियमों का उल्लंघन करने वालों बख्शा नहीं जाएगा इस बारे में सख्त संदेश देने के लिये मैंने कार्रवाई की और सब्जियां जब्त कर लीं।'' शेख (36) उस उड़नदस्ते में शामिल हैं, जिसे नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यवसायियों एवं विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये अधिकृत किया गया है। पाथर्डी नगर परिषद के मुख्य अधिकारी धनंजय कोलेकर ने शेख की इस कार्रवाई सराहना की है।
- पटन। । बिहार सरकार ने मंगलवार को कहा कि बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 73 शव निकाले गए हैं। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मंगलवार को अपने ट्वीट में बक्सर जिले में चैसा गांव के पास इन शवों के गंगा नदी में मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि 4-5 दिन पुराने क्षत-विक्षत ये शव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार आए हैं । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इतनी संख्या में शव बरामद होने और नदी में उन्हें प्रवाहित किए जाने से तकलीफ पहुंची है क्योंकि वह गंगा नदी की स्वच्छता और निर्बाध प्रवाह को लेकर हमेशा चिंतित रहे हैं और उन्होंने जिला प्रशासन को नदी किनारे गश्ति बढाने को कहा है ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो। झा ने ट्वीट किया, उत्तरप्रदेश और बिहार के सीमावर्ती रानीघाट में गंगा में जाल लगाया गया है। हमने उत्तरप्रदेश प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है। हमारा प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है। '' इसबीच बक्सर के अनुमंडल अधिकारी के के उपाध्याय ने बताया कि सीमा पर लगाए गए जाल के समीप उत्तरप्रदेश की ओर से मंगलवार को दो अन्य शव नदी में बहते हुए आए हैं जिनके अंतिम संस्कार का प्रबंध सीमा पर ही किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को बक्सर जिले के चौसा में बड़ी संख्या में शव गंगा नदी में देखे गए थे । चौसा के प्रखंड विकास अधिकारी अशोक कुमार ने सोमवार को मृतक में से किसी के भी बक्सर जिला का निवासी होने से इनकार किया था ।-
- -राज्यों से ग्राम स्तर पर राहत और पुनर्वास उपलब्ध कराने के लिए उपलब्ध आईटी अवसंरचना और विभिन्न योजनाओं के उपयोग को कहा गयानई दिल्ली। केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने ग्रामीण भारत में कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से बचाव के कदम उठाने के लिए सभी राज्य सरकारों को लिखा है। मंत्रालय ने अपने पत्र में कोविड-19 से लड़ाई के लिए राज्यों को चुनौती से पार पाने की दिशा में पंचायतों/ स्थानीय निकायों को संवेदनशील बनाने और सुविधाएं देने व नेतृत्व उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है।मंत्रालय ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू), चिकित्सकों और चिकित्सा संस्थानों आदि की सलाह के क्रम में कोविड संक्रमण की प्रकृति और रोकथाम व कमी के उपायों पर ग्रामीण समुदायों की जागरूकता के लिए व्यापक संचार अभियान चलाने की सलाह दी है। साथ ही इस दौरान गलत धारणाओं और मान्यता को दूर करने का विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए कहा है।मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस अभियान के साथ निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं आदि जैसे स्थानीय समुदाय से जुड़े अग्रणी स्वयंसेवकों को जोडऩे के लिए कहा है और उन्हें फिंगर ऑक्सीमीटर, एन-95 मास्क, इन्फ्रेअर्ड थर्मल स्कैनिंग उपकरणों, सैनिटाइजर्स आदि जैसे आवश्यक सुरक्षात्मक उपकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा सकती है।मंत्रालय ने अपने पत्र में सुझाव दिया है, "पंचायतों को अपने संबंधित क्षेत्रों को सेवाएं देने के लिए आवश्यक संस्थागत ग्राम स्तर का सहयोग उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय किया जा सकता है। जहां भी संभव हो, वे घरों को होम क्वारंटीन लोकेशन के रूप में विकसित कर सकते हैं, जहां अधिकतम स्पर्शोन्मुख कोविड पॉजिटिव मामलों का प्रबंधन किया जा सकता है। इसके अलावा, वे जरूरतमंदों और वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों के लिए विशेष क्वारंटीन/ आइसोलेशन केन्द्र भी स्थापित कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ परामर्श में, पात्र आबादी का अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए पंचायतों को टीकाकरण अभियान चलाने के लिए नामित किया जा सकता है।" पंचायती राज मंत्रालय ने राज्यों से ग्राम स्तर पर जरूरतमंदों को राहत और पुनर्वास उपलब्ध कराने के लिए राशन, पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता, मनरेगा रोजगार आदि के प्रावधान वाली केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के उपयोग के लिए कहा है।आपात स्थिति से निपटने के लिए, मंत्रालय ने राज्य सरकारों से जिले और तहसीलों के आसपास चिकित्सा सुविधाओं को उपयुक्त संपर्क स्थापित करने के लिए कहा है, जिससे एम्बुलेंस, उन्नत परीक्षण, उपचार सुविधाओं, मल्टी स्पेशियल्टी केयर आदि जैसी आपात सेवाएं जरूरतमंद लोगों को बिना समय गंवाए उपलब्ध कराई जा सकें।पंचायती राज मंत्रालय में सचिव सुनील कुमार ने राज्यों से कोविड महामारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े संबंधित मुद्दों से पार पाने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों और उनकी समितियों के कामकाज की नियमित निगरानी के लिए विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर पंचायती राज, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, अधिकारियों की भागीदारी वाली एक उपयुक्त अंतर विभागीय निगरानी व्यवस्था स्थापित करने का अनुरोध किया है।
- नयी दिल्ली । देश भर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए केंद्र ने कई कदम उठाए हैं जिनमें खाली टैंकरों को हवाई मार्ग से ढोने और 500 चालकों को प्रशिक्षण देने का काम शामिल है। यह जानकारी मंगलवार को गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विदेशों से 5805 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन का आयात किया जा रहा है। अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इनमें से 3440 मीट्रिक टन (एमटी) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से, 1505 एमटी कुवैत से, 600 एमटी फ्रांस से, 200 एमटी सिंगापुर से और 60 एमटी बहरीन से मंगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में देश में ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है। गोयल ने कहा कि जहां भी ऑक्सीजन मौजूद है वहां से इसके आयात के लिए फास्ट ट्रैक व्यवस्था की गई है।उन्होंने कहा कि आपूर्ति में कम समय लगे, इसके लिए रेलवे और वायुसेना की सेवाएं ली जा रही हैं।गोयल ने कहा कि चूंकि वायुसेना भरे हुए टैंकर का परिवहन नहीं कर सकती है इसलिए निर्माण स्थलों तक खाली टैंकर वायु मार्ग से पहुंचाए जा रहे हैं ताकि एक तरफ से यात्रा में लगने वाले समय को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश के अंदर 7049 मीट्रिक टन (एमटी) के 374 खाली टैंकर का परिवहन वायु मार्ग से किया गया, जबकि भारतीय वायुसेना के मार्फत 1407 एमटी क्षमता के 81 कंटेनर आयात किए गए। अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा 1252 ऑक्सीजन सिलेंडर, तीन ऑक्सीजन निर्माण संयंत्र और 835 ऑक्सीजन सांद्रक भी आयात किए गए हैं। गोयल ने बताया कि 157 ऑक्सीजन विशेष रेलगाड़ियों ने देश भर में 637 टैंकर भी ढोए हैं।गृह मंत्रालय ने भी एक ट्वीट में बताया कि ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग व्यवस्था की गई है। ऑक्सीजन परिवहन में चुनौतियों का समाधान करने का ब्यौरा देते हुए मंत्रालय ने कहा कि 1408 आर्गन एवं नाइट्रोजन टैंकर को ऑक्सीजन टैंकर में परविर्तित किया गया है जबकि ‘‘101 टैंकरों का आयात किया गया है और 150 टैंकर आने वाले हैं।'' गृह मंत्रालय ने बताया कि 100 टैंकर का देश में निर्माण किया जा रहा है और 1407 एमटी की क्षमता वाले 81 टैंकरों का आयात किया गया है। इसने कहा कि रिफाइनरी, ऊर्जा संयंत्र और स्टील संयंत्र भी 12,400 बिस्तरों वाले बड़े अस्पतालों का निर्माण कर रहे हैं। इसने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘स्टील सेक्टर 630 एमटी ऑक्सीजन प्रतिदिन उत्पाद की तैयारी कर रहे हैं। पीएम केयर्स कोष से एक लाख ऑक्सीजन सांद्रक खरीदे गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता अगस्त में 6817 एमटी प्रतिदिन से बढ़कर वर्तमान में 7314 एमटी प्रतिदिन हो गई है। इसने ट्वीट किया, उत्पादन 5700 से बढ़कर वर्तमान में 9524 एमटी प्रतिदिन हो गया है। क्षमता का उपयोग 84 फीसदी से बढ़कर 130 फीसदी हो गया है।-File photo
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन लोगों ने कोविड टीके की पहली डोज ले ली है उन्हें दूसरी डोज के लिए प्राथमिकता दी जाए।केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और कोविड से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी तथा डाटा प्रबंधन पर अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष और टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ दल के सदस्य डॉक्टर आर एस शर्मा ने आज राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड टीकों की स्थिति की समीक्षा की।श्री भूषण ने बताया कि राज्य, केन्द्र सरकार की ओर से उपलब्ध करायी गई वैक्सीन का कम से कम 70 प्रतिशत दूसरी खुराक के लिए और शेष तीस प्रतिशत पहली खुराक के लिए रख सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों को छूट है कि वे इसे शत प्रतिशत भी कर सकते हैं। राज्यों से कहा गया है कि वे वैक्सीन की दोनों डोज लेने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। श्री भूषण ने यह भी बताया कि राज्यों को केन्द्र सरकार से दिए जाने वाले वैक्सीन के बारे में पहले से ही पारदर्शी तरीके से जानकारी दी जा चुकी है। इस महीने की 15 से 31 तारीख तक के लिए किए जाने वाले अगले आवंटन के बारे में उन्हें 14 तारीख को बता दिया जाएगा। राज्यों से वैक्सीन की बर्बादी कम से कम करने का आग्रह किया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कई राज्यों को अब भी वैक्सीन की बर्बादी काफी कम करने की जरूरत है। डॉक्टर आर एस शर्मा ने कहा कि दूसरी डोज के लिए समय निर्धारण के वास्ते कोविन पर जल्द ही फ्लेक्सबिलटी फीचर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
- नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले 14 दिन बाद गिरकर 3.29 लाख हो गए और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2 करोड़ 29 लाख 92 हजार 517 हो गए।स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3 लाख 29 हजार 942 नए मामले सामने आए तथा 3,876 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 2 लाख 49 हजार 992 हो गई। दो महीने तक लगातार वृद्धि के बाद, उपचाराधीन मामले कम होकर 37 लाख 15 हजार 221 हो गए, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.16 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 82.75 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1 करोड़ 90 लाख 27 हजार 304 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं, जबकि मृत्युदर 1.09 प्रतिशत है।भारत में कोविड-19 के मामले पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे।वैश्विक महामारी के मामले पिछले साल 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे। भारत में महामारी के मामले चार मई को दो करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, 10 मई तक 30 करोड़ 56 लाख 187 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 18 लाख 50 हजार 110 नमूनों की जांच सोमवार को की गई।संक्रमण से पिछले 24 घंटे में जिन 3,876 और लोगों की मौत हुई है, उनमें से कर्नाटक में 596, महाराष्ट्र में 549, दिल्ली में 319, उत्तर प्रदेश में 278, तमिलनाडु में 232, पंजाब में 198, छत्तीसगढ़ में 172, उत्तराखंड में 168, हरियाणा में 161, राजस्थान में 160, पश्चिम बंगाल में 134, झारखंड में 129 और गुजरात में 117 लोगों की मौत हुई है।देश में अब तक 2 लाख 49 हजार 992 लोगों की मौत संक्रमण से हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र में 76 हजार 398, दिल्ली में 19 हजार 663, कर्नाटक में 19 हजार 372, तमिलनाडु में 15 हजार 880, उत्तर प्रदेश में 15 हजार 742, पश्चिम बंगाल में 12 हजार 461, छत्तीसगढ़ में 10 हजार 742 और पंजाब में 10 हजार 704 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीज अन्य बीमारियों से भी पीडि़त थे।
- हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा में सिविल लाइन पुलिस थाने से करीब 500 मीटर दूर एक मकान में कथित तौर पर अवैध पटाखे बनाये जाते समय अचानक विस्फोट हो गया, जिससे एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत हो गयी। सिविल लाइन पुलिस थाना प्रभारी हिमलेंद्र पटेल ने मंगलवार को बताया कि यह घटना सोमवार देर शाम हरदा शहर के मगरधा रोड स्थित बैरागढ़ के एक मकान में घटी। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान विमला बाई (60), शांता बाई (80) एवं पप्पी (16) के रूप में की गई है। तीनों पटाखे बना रही थीं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। पटेल ने बताया कि इस हादसे में घर के दूसरे कमरे में मौजूद दो अन्य लोग घायल हो गए, जिनका हरदा अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस विस्फोट से घर में आग लग गई।पटेल ने बताया कि आग लगने के बाद बहुत देर तक पटाखों में विस्फोट की आवाज गूंजती रही। बाद में दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच जारी है।इसी बीच, हरदा जिले के अपर कलेक्टर जे पी सय्याम ने बताया कि इस घर में अवैध रूप से पटाखे बनाये जा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की जांच की जा रही है कि इस परिवार को पटाखे बनाने के लिए विस्फोटक पदार्थ सहित कच्चा माल कहां से उपलब्ध कराया गया था।-file photo
- एटा (उप्र। जनपद के मिरहची थाना क्षेत्र के ग्राम हिम्मतनगर बझेड़ा में मंगलवार सुबह मिट्टी का टीला गिरने से गांव बझेड़ा की एक युवती की मौत हो गयी जबकि चार महिलाएं घायल हो गयीं। महिलाएं गांव के बाहर मिट्टी लेने गयी थीं। सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने जेसीबी मंगाकर राहत कार्य शुरू कराया। मिट्टी में दबने के कारण 20 वर्षीय विनीता पुत्री महाराज सिंह की मौत हो गयी जबकि सावित्री, कामता देवी सहित चार महिलाएं घायल हो गईं। घायलों में से एक को अलीगढ़ भेजा गया तथा तीन को जिला चिकित्सालय एटा में भर्ती कराया गया है। प्रभारी निरीक्षक मिरहची अखिलेश कुमार तिवारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा है।
- तिनसुकिया। असम के तिनसुकिया जिले में ग्रेनेड विस्फोट के कारण 12 वर्षीय लड़के की मंगलवार को मौत हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिले के जागुन पुलिस थाना इलाके के हाजोंग गांव में सुजॉय हाजोंग साइकिल चला रहा था, तभी उसे सड़क पर एक ग्रेनेड पड़ा मिला। अधिकारी ने कहा, लड़के ने जैसे ही ग्रेनेड उठाया, उसमें विस्फोट हो गया, जिससे लड़का गंभीर रूप से घायल हो गया।'' उन्होंने बताया कि हाजोंग को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अधिकारी ने कहा, हमें अभी यह नहीं पता कि ग्रेनेड वहां कैसे गिरा। हमने जांच शुरू कर दी है और हमें जल्द ही इस बारे में पता चल जाएगा। हम अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ लेंगे।_File photo
- नयी दिल्ली। सरकार ने चिप आयात निगरानी प्रणाली (चिम्स) के तहत इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड सर्किट के आयात के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले से इस तरह के सामानों के आयात में कमी आ सकती है और उनका स्थानीय विनिर्माण बढ़ सकता है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना के अनुसार आयात निगरानी प्रणाली के तहत आयातकों को इन उत्पादों की आने वाली खेप के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली में अग्रिम सूचना डालनी होगी और एक निर्दिष्ट शुल्क देकर स्वचालित पंजीकरण हासिल करना होगा। डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली इकाई है जो आयात और निर्यात के मामले देखती है। सरकार ने सोमवार को बताया कि आयातक आयात की खेप आने की प्रत्याशित तारीख के 60 दिन के भीतर पंजीकरण करा सकते हैं और खेप के आने की तारीख तक आवेदन दे सकते हैं। अधिसूचना के अनुसार, "सूचीबद्ध किए गए सामानों की आयात नीति इस साल एक अगस्त से चिम्स के अधीन होगी।" इन चीजों में इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड सर्किट - प्रोसेसर एवं कंट्रोलर; इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड सर्किट - मेमोरी; और इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड सर्किट - एम्प्लीफायर शामिल हैं।
- मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विभिन्न मंदिरों के संचालकों ने स्वयं ही भक्तजनों के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट फिलहाल अलग अलग समय तक के लिए बंद कर दिए हैं। मंदिर संचालन समिति के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी । मथुरा के विश्व प्रसिद्ध कृष्ण जन्म स्थान परिसर के सभी मंदिर आगामी 24 मई तक बंद रहेंगे, तो यमुना किनारे राजाधिराज बाजार में स्थित ठा. द्वारिकाधीश मंदिर भी अब 20 मई तक बंद रहेगा और कमोबेश यही स्थिति वृन्दावन के ठा. बांके बिहारी एवं अन्य मंदिरों की भी है। गौरतलब है कि गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान जहां सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से लगातार मंदिरों को बंद रखने की हिदायतें दी जाती रही थीं, वहीं इस बार मंदिर के प्रबंधक एवं सेवायत पुजारी आदि स्वयं ही मंदिर में बढ़ती संक्रमण की संभावना के मद्देनजर सरकार के समान ही मंदिर बंदी के दिन बढ़ाते जा रहे हैं। मंदिरों के संचालन समिति के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कृष्ण जन्मस्थान के संभी मंदिर अब 24 मई तक बंद रहेंगे । वहीं ठा. द्वारिकाधीश मंदिर आगामी 20 मई तक बंद रहेगा। इसी प्रकार प्राचीन केशवदेव मंदिर भी 21 मई तक बंद रहेगा ।