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इंसानियत को शर्मशार करने वाला अपराध की दोषी
वॉशिंगटन। अमेरिका में इंसानियत को शर्मसार करने वाला अपराध की दोषी महिला कैदी को मौत की सजा देने की तैयारी पूरी हो गई है। अमेरिका के इतिहास में 67 साल बाद यह पहला मौका होगा जब किसी महिला कैदी को मौत की सजा दी जाएगी। इस महिला को जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के आठ दिन पहले ही मृत्युदंड दिया जाएगा।
कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा
अमेरिकी राज्य कैंसास की रहने वाली लीजा मोंटगोमेरी महिला ने एक गर्भवती महिला की हत्या कर उसके गर्भ से बच्ची को निकालकर फरार हो गई थी। पकड़े जाने के बाद लंबी चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था। कोर्ट ने महिला के अपराध को जघन्य बताते हुए मौत की सजा सुनाई थी। मोंटगोमेरी को इंडियाना के तेर्रे हाउते में एक केन्द्रीय कारागार में मृत्युदंड दिया जाना है।
यह था पूरा मामला
यह मामला 16 साल पुराना है। 16 दिसंबर 2004 को मोंटगोमेरी एक कुत्ते को गोद लेने के लिये कैनसास के मेलवर्न में स्थित अपने घर से लगभग 170 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिमी मिसूर कस्बे के स्किडमोर में 23 वर्षीय कुत्ता विक्रेता बॉबी जो स्टिनेट के घर गई। जहां उसने रस्सी से गला दबाकर कुत्ता विक्रेता जो स्टिनेट की हत्या कर दी। इस महिला के अंदर हैवानियत का इतना भूत सवार था कि इसने मर चुकी स्टिनेट का पेट चीरकर उससे बच्ची को निकाला और वहां फरार हो गई। पुलिस ने अगले दिन उसे गिरफ्तार कर नवजात बच्ची को छुड़ा लिया गया। उस बच्ची का नाम विक्टोरिया जो है, जो अब 16 साल की हो चुकी है। - जकार्ता। इंडोनेशिया के अधिकारियों ने दुर्घटनाग्रस्त विमान बोइंग 737-500 के मलबे एवं ब्लैक बॉक्स का रविवार को पता लगा लिया। शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए श्रीविजय एयरलाइंस के इस विमान में 62 यात्री सवार थे।इंडोनेशिया के राष्ट्रीय तलाशी एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख बगस पुरोहितो ने बताया कि अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने उस स्थान का पता लगा लिया है जहां पर विमान का ब्लैक बॉक्स (कॉकपिट का डाटा एवं ध्वनि रिकॉर्डर) गिरा है क्योंकि उससे निकलने वाले आपात संकेत की पहचान नौसेना पोत की सोनार प्रणाली ने की है। सैन्य प्रमुख हादी त्जाहजांतो ने कहा, ''हमने उपकरण से आए दो संकेतों की मदद से ब्लैक बॉक्स का पता लगा लिया है।'' उन्होंने कहा, ''उम्मीद है हम हादसे की वजह जानने में सहायक ब्लैक बॉक्स को जल्द ही बाहर निकाल लेंगे।'' इससे पहले रविवार को तलाशी एवं बचाव अभियान के तहत गोताखोरों को जावा सागर में 23 मीटर की गहराई में विमान के हिस्से मिले थे जिसके बाद और गहनता से खोज अभियान शुरू किया गया।यह विमान राजधानी जकार्ता से इंडोनेशिया के बोर्नियो द्वीप स्थित वेस्ट कलीमंतान प्रांत की राजधानी पोंटियांक जा रहा था। अभी तक विमान हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है और न ही उसमें सवार किसी के जिंदा होने के संकेत मिले हैं। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा, ''मैं सरकार और सभी इंडोनेशिया वासियों की ओर से इस हादसे पर दुख व्यक्त करता हूं।'' परिवहन मंत्री बी के सुमादी ने संवादाताओं से कहा कि दुर्घटनास्थल का अनुमान लगने के बाद अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी ने बयान जारी करके कहा कि खोज एवं बचाव दल ने लांकांग और लाकी द्वीपों के बीच ये वस्तुएं बरामद की हैं।
- जकार्ता। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से उड़ान भरने के तुरंत बाद आज एक यात्री विमान जकार्ता के समुद्री क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें पचास से अधिक लोग सवार थे।श्रीविजय एयर कम्पनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है बोइंग 737-500 जकार्ता से इंडोनेशिया के बोर्नियो द्वीप के पश्चिमी कालिमंतान प्रांत की राजधानी पॉन्टिआनाक जा रहा था। त्रिशूला तटरक्षक जहाज के कमांडर कैप्टन इको सूर्य हादी ने बताया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के यात्रियों के शव और जहाज का मलवा मिल गया है। इंडोनेशिया की राष्ट्रीय तलाशी और बचाव कार्यालय के प्रवक्ता युसूफ लतीफ ने बताया है कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही बचाव दलों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया।यह विमान 737-मैक्स श्रेणी का विमान नहीं है। हाल के कुछ वर्षों में बोइंग मॉडल के इन विमानों की दो बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
- वाशिंगटन। अमरीका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय मूल के दो अमरीकियों को व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में नियुक्त किया है। श्री बाइडेन ने भारतीय अमरीकी सुश्री सुमोना गुहा को दक्षिण एशिया के लिए और तरुण छाबड़ा को प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए वरिष्ठ निदेशक नियुक्त किया है।सुश्री सुमोना गुहा वर्तमान में अलब्राइट स्ट्रोनब्रिज ग्रुप में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने बाइडेन-हैरिस के राष्ट्रपति पद के चुनाव अभियान के दौरान दक्षिण एशिया विदेश नीति कार्यकारी समूह की अध्यक्षता की थी। ओबामा-बाइडेन प्रशासन के दौरान सुश्री गुहा ने उपराष्ट्रपति बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की विशेष सलाहकार के रूप में सेवाएं दी थी। उन्होंने जॉन हॉप्किन्स और जॉर्ज डाउन विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली है।
- वाशिंगटन। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने एक असाधारण कदम की घोषणा करते हुए कहा है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण करने तक देश के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फेसबुक और इंस्टाग्राम इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को आयोजित होने वाला है।जुकरबर्ग ने एक पोस्ट के जरिए कहा, '' हमारा मानना है कि राष्ट्रपति को इस समय इस मंच का इस्तेमाल करते रहने की अनुमति देने का जोखिम बहुत बड़ा है। इसलिए, हमने उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को ब्लॉक किए जाने की अवधि बढ़ाकर अनिश्चितकाल कर दी है। उनका अकाउंट सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण होने तक कम से कम आगामी दो सप्ताह तक बंद रहेगा।'' ऐसा संभवत: पहली बार है, जब किसी राष्ट्र प्रमुख का फेसबुक अकाउंट ब्लॉक किया गया है।अमेरिका में लोकतंत्र पर एक अभूतपूर्व हमले के तहत निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थकों ने बुधवार को यहां स्थित कैपिटल भवन (अमेरिकी संसद भवन) पर हमला किया और वे पुलिस से भिड़ गए। इस घटना में चार लोग मारे गए और राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के पदों के लिए में क्रमश: जो बाइडन एवं कमला हैरिस के निर्वाचन को सत्यापित करने की प्रक्रिया बाधित हुई। इस घटनाक्रम के बाद जुकरबर्ग ने इस असाधारण कदम की घोषणा की। इससे पहले फेसबुक ने बुधवार को दो नीतिगत उल्लंघनों के कारण ट्रंप का अकाउंट 24 घंटे के लिए ब्लॉक किया था। ट्विटर ने भी बुधवार को ट्रंप का अकाउंट 12 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया था और एक वीडियो समेत उनके तीन ट्वीट हटा दिए थे।
- वॉशिंगटन। अमरीका में वॉशिंगटन डी सी पुलिस ने कहा है कि कल रात डॉनल्ड ट्रम्प के समर्थकों द्वारा कैपिटल बिल्डिंग पर धावा बोले जाने के दौरान चार लोगों की मौत हो गई। इसमें पुलिस विभाग के कम से कम 14 लोग घायल हुए हैं।इस मामले में अब तक 52 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कैपिटल बिल्डिंग के आसपास के इलाकों में पुलिस अधिकारी तैनात हैं। पुलिस ने दो पाइप बम बरामद किए हैं, इनमें से एक डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के कार्यालय और दूसरा इसके निकट रिपब्लिकन नेशनल कमेटी मुख्यालय से मिला है।ट्रम्प समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग पर उस समय धावा बोल दिया, जब संसद में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को चुनाव में विजेता प्रमाणित करने पर बहस हो रही थी। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की, हालांकि राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने समर्थकों से हिंसा छोड़ कर वापस जाने का आग्रह किया, लेकिन वे राष्ट्रपति चुनाव में धांधली की बात दोहराते रहे। इसके बाद वाशिंगटन डीसी में कफ्र्यू लगा दिया गया। इससे पहले, डेमोक्रेट ने जॉर्जिया में सीनेट की दोनों सीटें जीत लीं जिसके बाद सीनेट में उनका बहुमत हो गया। डेमोक्रेट राफेल वार्नाॅक और जॉन ओसॉफ ने रिपब्लिकन को हराकर सीनेट की ये सीटें जीतीं।
- वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 200 से अधिक चीनी सॉफ्टवेयर एप पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले का हवाला देते हुए अलीपे और वीचैट पे सहित आठ चीनी ऐप के साथ लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया।ट्रंप ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस आशय के एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए। ट्रंप ने अपने आदेश में कहा कि चीन में बनाए और नियंत्रित किए गए एप्स की व्यापक पहुंच के कारण राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए इस कार्रवाई की जरूरत है। जिन आठ चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें - अलीपे, कैमस्कैनर, क्यूक्यू, वीमेट, वीचैट पे और डब्ल्यूपीएस ऑफिस शामिल हैं। ये प्रतिबंध मंगलवार से 45 दिन में लागू हो जाएंगे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में पहुंच की गति और व्यापकता के लिहाज से चीन द्वारा विकसित या नियंत्रित कुछ मोबाइल और डेस्कटॉप एप्लिकेशन और अन्य सॉफ्टवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए जोखिमपूर्ण हैं। राष्ट्रपति ने अपने कार्यकारी आदेश में कहा कि इस समय इन चीनी सॉफ्टवेयर एप द्वारा पैदा हुए खतरों को दूर करने के लिए कार्रवाई की जरूरत है। ट्रंप ने इससे पहले अगस्त में चीन के दो एप टिकटॉक और मुख्य वीचैट पर प्रतिबंध लगा दिया था। ट्रंप ने कहा कि भारत ने 200 से अधिक चीनी सॉफ्टवेयर ऐप के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका का आकलन है कि चीन से जुड़े कई सॉफ्टवेयर एप स्वचालित रूप से अमेरिका के लाखों उपयोगकर्ताओं से संवेदनशील जानकारी हासिल कर सकते हैं, और इस डेटा तक चीन की सेना और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पहुंच होती है।
- सोल। दक्षिण कोरिया ने विश्व की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन बनाने का दावा किया है। इस ट्रेन को दि कोरिया रेलरोड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है और उसका तकनीकी टेस्ट भी पूरा कर लिया है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि यह ट्रेन करीब सुपरसोनिक स्पीड से चलती है और एक घंटे में 1000 किमी दूरी तय करने में सक्षम है। इस तरह से यह ट्रेन यात्री विमानों से भी ज्यादा स्पीड से चलती है।हाइपर ट्यूब ट्रेन दक्षिण कोरिया हाइपर लूप ट्रेन का नया संस्करण है। दावा किया गया है कि दक्षिण कोरिया की सरकार वर्ष 2017 से हाइपर लूप प्रॉजेक्ट पर काम कर रही थी। पहला सफल परीक्षण पिछले साल सितंबर महीने में किया गया था। उस दौरान यह ट्रेन 714 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ी थी। कंपनी ने कहा कि इस टेस्ट में मिली सभी खामियों को दूर करने के बाद यह नया टेस्ट किया गया है।कंपनी ने दावा किया कि यह नई ट्रेन करीब 1000 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ी है। उसने कहा कि लंबी दूरी की यात्रा में यह ट्रेन विमान से भी तेज चल सकती है। कोरियाई कंपनी ने कहा कि वह अपनी तकनीक को और ज्यादा आधुनिक बनाएगी और वर्ष 2022 तक पूरी तरह से सुपरसोनिक स्पीड वाली ट्रेन का निर्माण पूरा कर लेगी। इस ट्रेन के विकास को देखते दक्षिण कोरिया की सरकार इसे वर्ष 2024 तक सेवा में लाने की सोच रही है। दक्षिण कोरिया में यह ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद देश के किसी भी कोने से मात्र 30 मिनट में राजधानी सोल पहुंचा जा सकेगा।
- नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की इस महीने के अंत में होने वाली भारत यात्रा स्थगित कर दी गई है। श्री जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और ब्रिटेन में महामारी की स्थिति का जिक्र किया। उन्होंने भारत आने में असमर्थता व्यक्त करते हुए खेद प्रकट किया।श्री जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन में राष्ट्रीय लॉकडाउन की स्थिति है और नए प्रकार का कोरोना वायरस जिस गति से फैल रहा है, उसे देखते हुए इस समय उनका अपने देश में ही रहना आवश्यक है, इससे वह देश के भीतर वायरस की स्थिति पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता तथा भारत-ब्रिटेन के बीच निकट सहयोग जारी रखने पर भी बल दिया।प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि वह जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले तथा 2021 की पहली छमाही के दौरान भारत की यात्रा करने की आशा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।----
- - गरीब इलाकों में पूरे के पूरे नगर लुप्त हो सकते हैंसियोल। 2020 में दक्षिण कोरिया में पहली बार जनसंख्या बढऩे की जगह घट गई। देश में जितने बच्चे पैदा हो रहे हैं उससे ज्यादा लोग मर रहे हैं और सरकार ने चेतावनी दी है कि गरीब इलाकों में पूरे के पूरे नगर लुप्त हो सकते हैं।दक्षिण कोरिया दुनिया की बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ साथ सबसे लंबी आयु-संभाविता और सबसे कम जन्म-दर वाले देशों में से है, लेकिन यह मिश्रण देश के लिए एक जनसांख्यिकीय मुसीबत बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर, 2020 को देश की आबादी 5 करोड़ 18 लाख 29 हजार 23 थी, जो एक साल पहले के मुकाबले 20 हजार 838 कम थी।पिछले कई सालों से देश में सालाना दर्ज होने वाले जन्म के आंकड़े गिर रहे हैं, लेकिन मंत्रालय ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब जन्म से ज्यादा मृत्यु के आंकड़े दर्ज किए गए हैं। 2 लाख 75हजार 815 बच्चों के जन्म के मुकाबले 3 लाख 7 हजार 764 लोगों की मृत्यु हो गई. मंत्रालय ने कहा, "ऐसे प्रांत जहां पर्याप्त आर्थिक, स्वास्थ-संबंधी और शिक्षा-संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे नगरों के लुप्त होने का खतरा बढ़ रहा है।"मंत्रालय ने कहा कि सरकार की नीतियों में "मूलभूत बदलाव" की जरूरत है, विशेष रूप से कल्याण और शिक्षा के क्षेत्रों में. विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण कोरिया जिन हालात में पहुंच गया है उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे बच्चों को पालने का खर्च और मकानों के किराये में बढ़ोतरी। इसके अलावा देश अपने प्रतिस्पर्धा प्रेम के लिए भी बदनाम है जिसकी वजह से अच्छे वेतन वाली नौकरियां मिलनी मुश्किल हो जाती है।कामकाजी महिलाओं के सामने एक और संकट है। उन्हें अपना कॅरिअर संभालने के साथ साथ घर के काम और बच्चों का ख्याल रखने का दोहरा बोझ उठाना पड़ता है। 2006 से अभी तक जन्म दर को ऊपर उठाने के लिए देश ने अब तक 166 अरब डॉलर से भी ज्यादा खर्च कर दिए हैं, लेकिन अभी भी पूर्वानुमान यह है कि 2067 में जनसंख्या गिर कर 3.9 करोड़ हो जाएगी और औसत उम्र 62 हो जाएगी।देश के लोगों के बीच इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई। एक व्यक्ति ने ट्विटर पर लिखा, "यह स्थिति तब तक ऐसी ही रहेगी जब तक कमाई के दो साधनों वाले सारे परिवार बिना किसी चिंता के अपने बच्चों को पाल ना सकें, " लेकिन एक और व्यक्ति ने लिखा कि गिरती जनसंख्या की वजह से देश अपना कार्बन उत्सर्जन घटा सकता है और लोगों के बीच धन-दौलत के अंतर को भी कम कर सकता है। वैश्विक स्तर पर आबादी के लिहाज से दक्षिण कोरिया 27वें स्थान पर है और उसके पड़ोसी देशों चीन और जापान में भी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।---
- लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए नया राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। इसमें लोगों को हिदायत दी गई है कि वे कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक रुप से बचने के लिए अपने घरों में ही रहें। इसके चलते देश भर में स्कूल, होटल और गैर जरुरी दुकानें बंद रहेंगी।ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा मिलकर बनाई गई वैक्सीन की शुरुआत करने वाला पहला देश बनने पर सरकार की ओर से ब्रिटेन की सफलता की सराहना होने के बाद कुछ ही घंटों में लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी गई।
- दुबई। यूएई में एक भारतीय प्रवासी ने उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मख्तूम के 15वें ताजपोशी दिवस के मौके पर 8.2 वर्ग मीटर का विशाल शुभकामना पत्र (ग्रीटिंग कार्ड) बनाकर 19वीं बार गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया। शनिवार को मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है।'गल्फ न्यूज' की खबर के अनुसार दुबई निवासी रामकुमार सारंगपाणी अब सबसे अधिक विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले यूएई और भारत के पहले व्यक्ति बन गए हैं। समाचार पत्र के अनुसार सारंगपाणी का शुभकामना पत्र आम शुभकामना पत्र से 100 गुणा अधिक बड़ा है। इसके अंदर दुबई स्थित कलाकार अकबर साहेब द्वारा बनाई गईं शेख मोहम्मद की चित्रकारियों का संकलन है। इससे पहले सबसे बड़ा शुभकामना पत्र हांगकांग में बनाया गया था, जिसकी लंबाई 6.729 वर्ग मीटर थी। सारंगपाणी ने 'गल्फ न्यूज' से कहा, ''मैं पिछले छह महीने से इस पर काम कर रहा था और पुराने रिकॉर्ड को तोडऩे के लिये सही मौके की तलाश में था। शेख मोहम्मद के 15वें ताजपोशी दिवस से अच्छा कोई और मौका नहीं हो सकता था। मैंने इसे यूएई के 50 वें स्थापना दिवस को भी समर्पित किया है। '' यूएई के राष्ट्रीय दिवस के जश्न के मौके पर इस पत्र को 4 से 18 जनवरी के बीच यहां दोहा सेंटर में होने वाली प्रदर्शनी में रखा जाएगा।---
- वाशिंगटन (अमेरिका)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 900 अरब डॉलर के कोरोना वायरस राहत पैकेज समेत 23 खरब डॉलर के खर्च संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे कानून में बदल दिया। इस राशि का इस्तेमाल कोरोना वायरस महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए कारोबारियों एवं जरूरतमंद लोगों की मदद करने और टीका मुहैया कराने के अभियान में किया जाएगा।अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस राहत और खर्च पैकेज विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिये हैं । इससे सरकार का काम काज आंशिक रूप से ठप्प होने से बच गया है।राष्ट्रपति ट्रंप ने शुरूआत में यह कहते हुए इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था कि वह लोगों को एक बार में ही बड़ा भुगतान करना चाहते हैं। इसमें देरी होने के कारण अमरीका के करोड़ों लोग बेरोजगारी भत्तों से कुछ समय के लिए वंचित हो गये थे। एक बयान में, श्री ट्रंप ने कहा कि वह बेरोजगारी के फायदों की बहाली करने, एयरलाइन में काम करने वाले लोगों को फिर से काम पर भेजने और वैक्सीन के वितरण के लिए काफी अधिक धन राशि देने के लिए इस विधेयक पर हस्क्षातर कर रहे हैं। अगर राष्ट्रपति ट्रंप कल आधी रात तक इस विधेयक पर हस्क्षातर नहीं करते तो विधेयक पारित होने तक आंशिक रूप से सरकार का काम काज ठप्प हो जाता। लगभग एक करोड़ 40 लाख अमरीकी नागरिकों को बेरोजगारी भत्ता और नये राहत चेक मिलने में देरी हुई। अब बेरोजगारी भत्तों को फिर से बहाल कर दिया जायेगा।
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याउंदे। अफ्रीका देश कैमरून के पश्चिमी हिस्से में स्थित नमाले गांव में हुए बस हादसे में 37 लोगों की मौत हो गई जबकि 18 अन्य लोग घायल हुए हैं। इलाके के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी अबसलाम मोनोनो ने बताया कि 70 सीटों वाली बस पश्चिमी शहर फोउम्बान से राजधानी याउंदे आ रही थी, तभी शनिवार- रविवार की दरम्यानी रात दो बजे सड़क पर आ रहे लोगों की भीड़ को बचाने के चक्कर में ट्रक से टकरा गई। उन्होंने बताया कि बस में सवार अधिकतर यात्री या तो नया साल मनाने अपने परिवार के साथ जा रहे थे या क्रिसमस मनाकर लौट रहे थे या कारोबारी थे जो नए साल के उपहारों को पहुंचाने जा रहे थे। हादसे के बाद गांव के लोग बस में सवार 60 से अधिक यात्रियों की मदद के लिए पहुंचे। अधिकारी ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बचाव कर्मी अब भी दुर्घटनाग्रस्त बस का मलबा साफ कर रहे हैं।
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- साल 2020 खत्म होने को है और दुनिया भर के लोग नए साल 2021 में कोरोना वायरस महामारी से छुटकारा पाना चाहते हैं। पर जिस तरह से कोरोना के नए स्ट्रेन के साथ कोरोना का डर बढ़ गया है, ऐसे में साल 2021 को लेकर लोगों में निराशा बढ़ती जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चिंता भी लगातार बढ़ रही है। माना जा रहा है कि ये महामारी पिछले 20 वर्षों की उन्नति और ग्लोबल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे उबरने में पूरी दुनिया को कई साल लग जाएंगे। इसलिए कोरोना के बाद विश्व के तमाम देशों और उनकी सरकारों को इन स्थितियों से अवगत कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब साल 2021 की स्वास्थ से जुड़ी बड़ी चुनौतियां की एक लिस्ट जारी की है, जिसका सामना पूरी दुनिया को करना पड़ सकता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगले साल कोविड-19 के खिलाफ लडऩे के साथ-साथ, दुनिया भर के देशों को विभिन्न बीमारियों से लडऩे के लिए अपने स्वास्थ्य संगठनों और सेवाओं को और उन्नत और मजबूत बनाना होगा। सबसे ज्यादा तमाम स्वास्थ्य से जुड़ी प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत होगी। ऐसे में इन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सूचीबद्ध इन 5 वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों को अगले साल ट्रैक करने की आवश्यकता है।1. कॉम्निकेबल डिजीजहाल के दशकों में, डब्लूएचओ और इनके भागीदारों ने पोलियो, एचआईवी, पीलिया, मलेरिया को खत्म करने और खसरा और दिमागी बुखार जैसी बीमारियों की महामारी को रोकने के लिए पूरी तरह से काम किया है। पर 2020 में कोविड -19 ने इस काम को बहुत पीछे छोड़ दिया। ऐसे में सबसे पहले साल 2021 में कॉम्निकेबल डिजीज यानी कि फैलने वाली बीमारियों को रोकने पर तेजी से काम करना होगा। साथ ही 2021 में महामारी के दौरान छूटे हुए लोगों को पोलियो और अन्य बीमारियों के टीके लगवाने होंगे।2. ड्रग रेजिस्टेंसडब्लूएचओ की मानें, तो संक्रामक रोगों को समाप्त करने के वैश्विक प्रयास केवल तभी सफल होंगे जब हमारे पास उनके इलाज के लिए प्रभावी दवाएं होंगी। इसलिए स्वास्थ्य संस्थाओं, खाद्य और कृषि संगठन और पशु स्वास्थ्य के लिए विश्व संगठन और सभी क्षेत्रों में हितधारकों के साथ ड्रग रेजिस्टेंस परेशानियों पर मिल कर काम करना होगा। एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस आने वाले वक्त में कई बीमारियों और महामारियों के फैलने का कारण बन सकता है, जिससे बचाव के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाना होगा और स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियां करनी होंगी।3.मानसिक बीमारियांडब्ल्यूएचओ के नवीनतम वैश्विक स्वास्थ्य अनुमानों से पता चला है कि गैर-संचारी रोग 2019 में मृत्यु के शीर्ष 10 कारणों में से 7 के लिए जिम्मेदार थे। जिसमें मानसिक बीमारियों का बड़ा हाथ है। पर अब कोरोनावायरस के कारण हुए नुकसानों और लॉकडाउन ने दुनिया भर में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। 2021 में हमें सामुदायिक तौर पर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए सेवाओं के विस्तार करना होगा और लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काम करना होगा।4. स्वास्थ्य असमानताओं से लडऩा होगाहेल्थकेयर एक्सेस यानी कि स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ानी होगी और इसके लिए लोगों के बीच असमानता से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे। इसके लिए डब्ल्यूएचओ ने फैसला किया है कि 2021 में, वह अपने डेटाबेस का इस्तेमाल करेगा और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पहल को आगे बढ़ाएगा। डब्ल्यूएचओ ने दावा किया कि यह देशों के साथ अपने काम के साथ-साथ लिंग, जातीयता, आय, शिक्षा, व्यवसाय, आदि के आधार पर स्वास्थ्य सेवा में अंतर जैसे मुद्दों पर नजर रखेगा और स्वास्थ्य असमानताओं को खत्म करने की कोशिश करेगा।5. सभी के लिए अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करनाअगले साल, डब्ल्यूएचओ अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सभी देशों में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा, जिससे महामारी के लिए और अधिक प्रभावी योजनाएं होंगी। इसका उद्देश्य सभी देशों में एक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का निर्माण करना होगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि गरीब से गरीब इंसान तक को उसके अपने घरों के करीब जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों।इन सबके अलावा डब्ल्यूएचओ का ये भी कहना है कि अगले साल कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिए स्क्रीनिंग और उपचार कार्यक्रम उन सभी के लिए भी सुलभ हों जिनको इसकी जरूरत है और वो पहुंच नहीं पा रहें। यह 2021 में एक बड़ा फोकस होगा। साथ ही नई ग्लोबल डायबिटीज कॉम्पैक्ट के साथ साल 2021 में 100 मिलियन लोगों को तंबाकू छोडऩे के लिए जरूरी अभियान चलाए जाएंगे। तो, इन तमाम बातों पर अगले साल हर देश को काम करना है, ताकि हम आगे बढ़ सकें।
- मॉस्को। कुख्यात ब्रिटिश जासूस जॉर्ज ब्लैक का शनिवार को रूस की राजधानी मॉस्को में 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रूसी विदेशी खुफिया विभाग ने इसकी जानकारी दी। रूसी खुफिया विभाग के अनुसार जॉर्ज ब्लैक ने मौत से पहले खुलासा करते हुए कहा था कि वह 600 से अधिक जासूसों को धोखा दे चुके हैं।ब्लैक को 1961 में लंदन में रूस के लिए काम करने के आरोप में 42 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। ब्लैक पर आरोप था कि वे ब्रिटिश खुफिया एजेंसी में काम करते हुए ब्रिटेन के एजेंटो को ही धोखा देने लगे थे। 1966 में इंग्लैंड द्वारा विश्व कप जीतने के तुरंत बाद, वह लंदन जेल की दीवार को फांदकर भाग गया। बाद में वह पूर्वी बर्लिन में अपने साथी जासूसों के साथ मिलकर ब्रिटेन के खिलाफ काम करने लगा।ब्लैक ने पिछले महीने ही अपना 98वां जन्मदिन को धूमधाम से मनाया था और इस दौरान उसे रूसी खुफिया एजेंसी प्रमुख के तरफ से बधाई भी दी गई थी। आंख से कमजोर होने के बावजूद भी उन्होंने बीबीसी रेडियो पर ट्यूनिंग करके ब्रिटेन के खिलाफ 'जासूसी' जारी रखी। जानकारी के अनुसार ब्लैक के साथ विश्वासघात के आरोप में कम से कम 40 ब्रिटिश एजेंटों को रूस में मौत की सजा दे दी गई थी, हालांकि ब्लैक अपने साथ इस मामले को जोडऩे से इनकार कर दिया था। ब्लैक ने कहा कि इन सभी जासूसों को अलग मामले में सजा दी गई थी। 1991 में एक कार्यक्रम में ब्लैक ने कहा कि उसे उन जासूसों की मौत पर कोई पछतावा नहीं है। उसने यह भी जोर देकर कहा कि वह खुद को देशद्रोही नहीं मानते क्योंकि वह खुद को कभी भी 'ब्रिटिश' मानता ही नहीं था।
- नई दिल्ली। यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री एजुले ने उम्मीद जताई है कि आत्मा के अजर-अमर होने का भगवद गीता का सार 2021 के लिए आशा की किरण लेकर आएगा।उन्होंने ट्वीट किया है, इस साल क्रिसमस के दिन ही गीता जयंती भी है, 55 सदी पहले आज ही के दिन गीता का उपदेश दिया गया था। 'आत्मा अजर अमर है, उसे जलाया या सूखाया नहीं जा सकता। आशा है कि आत्मा के अजर-अमर रहने का गीता का यह सार 2021 के लिए आशा की नयी किरण लेकर आएगा।उन्होंने लिखा है, गीता जयंती 2020 और क्रिसमस की शुभकामनाएं। भगवद गीता साहित्य की उम्दा रचना और ज्ञान का भंडार है। यूनेस्को की मदद से अनुवाद की जाने वाली पुस्तकों में से एक यह भी है।शिक्षा मंत्रालय ने भी ट्वीट किया है, जैसा कि यूनेस्को की माननीय महानिदेशक ऑड्री एजुले ने अर्जुन और कृष्ण के बीच के संवाद को बहुत सही आलोक में रखा है, हम सब मिलकर नयी आशाओं और प्रेम के साथ 2021 का स्वागत करें।---
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बलूचिस्तान। बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के हनन को लेकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली करीमा बलोच कनाडा में मृत पाई गईं। पुलिस ने उनकी हत्या की आशंका जताई है। पुलिस को करीमा का शव टोरंटो के पास हर्बर फ्रंट में मिला। करीमा के पति हम्माल हैदर और भाई ने शव की पहचान की है।
करीमा बलोच ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट थीं। वे बलूचिस्तान में पाकिस्तान सेना के अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष कर रही थीं। 2016 में पाकिस्तानी सेना के उत्पीडऩ से बचकर कनाडा पहुंचीं। करीमा यहां रिफ्यूजी की तरह रह रही थीं। उन्हें बलूचों की सबसे मजबूत आवाज में से एक माना जाता था। 2016 में बीबीसी ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक बताया था। वे पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रही थीं। करीमा बलोच स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन - आजाद की पूर्व चेयरपर्सन भी थीं।
कनाडा में रहते हुए भी वे सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार और सेना की ओर से बलूचिस्तान में किए जा रहे अत्याचारों पर लिखती रहती थीं। अल्पसंख्यकों, बलोच महिलाओं पर किए जा रहे अत्याचारों को उठाती रहती थीं। वे बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों का मामला स्विट्जरलैंड में हुए यूनाइटेड नेशन के सेशन में भी उठा चुकी थीं। उन्हें बलूचिस्तान की सबसे प्रखर महिला एक्टिविस्ट माना जाता था।
भारत में कब चर्चा में आई थीं करीमा?
2016 में रक्षाबंधन पर करीमा बलोच ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपना भाई बताया और उनसे बलोच लोगों की आवाज बनने की अपील की। इस पोस्ट के बाद वे भारतीय मीडिया में सुर्खियों में आईं। इस पोस्ट के बाद पाकिस्तान ने करीमा समेत तीन बलोच नेताओं पर केस दर्ज किया था। इन सभी पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेडऩे की कोशिश और पाकिस्तानी अफसर पर हमला करने का आरोप लगा था। - लंदन। ब्रिटेन में मंगलवार को कोविड-19 संक्रमण के रिकॉर्ड संख्या में नए मरीज सामने आए। ब्रिटेन वायरस के एक नए प्रकार से संक्रमित लोगों की संख्या बढऩे से जूझ रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन में मंगलवार को संक्रमण के 36 हजार 804 नए मामले सामने आए और 691 लोगों की मौत हो गई।प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन और उनके वैज्ञानिक सलाहकारों ने शनिवार को बताया कि कोरोना वायरस का एक नया प्रकार ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा है और इसके संक्रमण की दर 70 प्रतिशत अधिक है। परन्तु इसे अधिक घातक और अधिक गंभीर बीमारी फैलाने वाले नहीं समझा जा रहा है।इसके मद्देनजर, लंदन, दक्षिणपूर्वी इंग्लैण्ड और वेल्स में भीड़भाड़ कम करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और देशभर में लगे हुए प्रतिबंधों में क्रिसमस के अवसर पर ढ़ील देने की योजनाओं को बड़े स्तर पर रद्द कर दिया गया है।गृहमंत्री प्रीति पटेल ने कहा कि क्रिसमस के दौरान लोगों को एहतियात बरतने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सभी मंत्री प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू लाने में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इस बीच, बायो एन टेक और मॉडर्ना सहित दवा निर्माता कंपनियां ब्रिटेन में तेज़ी से फैल रहे वायरस के इस नए प्रकार के खिलाफ अपनी-अपनी कोविड-19 वैक्सीन की जांच कर रही हैं।फाइजर के साथ साझेदारी में एक वर्ष से भी कम समय में वैक्सीन की मंजूरी लेने वाली जर्मनी की बायो एन टेक कंपनी के मुख्य कार्यकारी, उगर सहिन ने कल कहा कि इस वायरस के नौ प्रकार हैं और सामने आया नया प्रकार बच्चों के लिए अधिक खतरनाक समझा जा रहा है। हालांकि उनका कहना है कि बायो एन टेक की एम आर एन ए वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा इस वायरस के नए प्रकार से लडऩे के लिए कारगर है और अगले 14 दिनों में अध्ययन और आंकड़ों का संग्रह करने के आधार पर पुख्ता जवाब दिया जा सकता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वायरस के इस नये प्रकार से निपटने के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए वह अपने सदस्यों के साथ एक बैठक आयोजित करेगा।
- लंदन। ब्रिटेन में कोरोना वायरस की एक किस्म में म्युटेशन हो गई है और ये मूल किस्म से ज्यादा तेजी से संक्रमण फैला रहा है। ब्रिटेन की सरकार ने इसे बेकाबू घोषित कर दिया है। आखिर कितना खतरा है इस बदले हुए कोरोना वायरस से?ब्रिटेन और अमेरिका में कोरोना वायरस का टीका लगने की शुरुआत होने से महामारी के खिलाफ लड़ाई में दुनिया भर में उम्मीद जगने लगी थी। लेकिन ब्रिटेन में फैल रही कोरोना वायरस की एक नई किस्म ने यूरोप में हड़कंप मचा दिया है और दुनिया के दूसरे कोनों में चिंता की एक लहर को जन्म दे दिया है।ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि वायरस की यह नई किस्म इतनी तेजी से फैल रही है की ये 'बेकाबू' हो गई है। स्थिति को देखते हुए आयरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसे देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानें रद्द कर दी हैं।क्या है वायरस की नई किस्म?वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस की नई किस्म में कम से कम 17 महत्वपूर्ण बदलाव हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्पाइक प्रोटीन में आया है। ये वो प्रोटीन होता है जिसका इस्तेमाल वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में घुसने के लिए करता है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वायरस की ये नई किस्म पहले वाली किस्म के मुकाबले 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है।ब्रिटेन के एक शहर में फाईजर-बायोएनटेक की वैक्सीन की दो खुराकों में से पहली खुराक लेने के लिए एक केंद्र में प्रवेश करते हुए लोग। ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने वायरस के नए स्ट्रेन को 'बेकाबू' बताया है। जानकारों का कहना है कि वायरसों में म्युटेशन होना बहुत सामान्य है और हमेशा ऐसा नहीं होता कि बदला हुआ वायरस पहले वायरस से ज्यादा खतरनाक ही हो, लेकिन चूंकि यह नई किस्म ज्यादा तेजी से संक्रमण को फैला रही है, इसलिए इस पर नजर रखना जरूरी है।क्या मौजूदा वैक्सीन इस पर असर करेंगी?नए स्ट्रेन को ले कर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जिन वैक्सीनों को लगाना शुरू किया जा चुका है क्या वो इस नए स्ट्रेन के खिलाफ भी असरदार होंगी या बेअसर हो जाएंगी? वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इसके बारे में चिंता का समय नहीं आया है क्योंकि अमूमन वैक्सीनें शरीर के इम्यून सिस्टम को वायरस के कई पहलुओं से लडऩे के लिए तैयार करती हैं।ऐसे में अगर वायरस के कुछ हिस्सों में म्युटेशन भी हो जाती है तो भी संभव है कि वैक्सीन उसका मुकाबला कर लेगी, लेकिन सजग रहने की आवश्यकता है क्योंकि अगर वायरस पूरी तरह से म्यूटेट हो गया तो संभव है कि वैक्सीन उसके आगे बेअसर हो जाए।
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काठमांडू। नेपाल में पांचवीं सदी के पवित्र पशुपतिनाथ मंदिर को कोविड-19 महामारी के चलते नौ महीने बंद रहने के बाद बुधवार को श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया गया। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल का सबसे बड़ा मंदिर है। यह बागमती नदी के किनारे स्थित है। नेपाल और भारत से हजारों लोग रोजाना इसके दर्शन के लिये आते हैं। नेपाल सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये मार्च में लॉकडाउन लागू किया था। तब से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगी थी। पशुपति मंदिर एरिया ट्रस्ट के प्रमुख प्रदीप ढकाल ने कहा कि काठमांडू के बाहरी इलाके में स्थित मंदिर को फिर से खोलने के लिये विशेष सुरक्षा प्रबंध किये गए हैं। बुधवार को सैंकड़ों श्रद्धालु शिव मंदिर में प्रवेश के लिये इसके दक्षिणी द्वार पर कतारबद्ध नजर आए। मंदिर में प्रवेश के दौरान श्रद्धालुओं लिये मास्क पहनना और हाथों को सैनिटाइज करना अनिवार्य है। इसके बाद उन्हें एक कक्ष से गुजरना होगा जहां, तापमान मापने वाले स्वचालित कैमरे लगे हुए हैं। मुख्य मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं को तरल साबुन से अपने हाथ धोने होंगे। ढकाल ने कहा कि श्रद्धालुओं को सभी स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का पालन करने के बाद मंदिर में प्रार्थना की अनुमति दी जाएगी। - बीजिंग। चीन का चंद्रयान 'चांग ई 5' चांद की सतह से चट्टानों और मलबे के नमूने सफलतापूर्वक एकत्रित करने के बाद अब धरती पर आने को तैयार है। इस तरह का प्रयास करीब 45 वर्षों में पहली बार किया जा रहा है तथा चीन के वैज्ञानिकों ने अपने इस यान के धरती पर उतरने के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली हैं।'चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन' ने बताया कि 'चांग ई 5' यान के आर्बिटर के अलग होने से पहले इसे इसके मार्ग पर प्रशस्त करने के लिए बुधवार सुबह इसके इंजनों को चालू कर दिया गया। इसकी सभी प्रणाली उम्मीद के मुताबिक काम कर रही हैं। चीन की आधिकारिक शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने इस कार्य से जुड़े बियान हानचेंग के हवाले से बताया कि आकार में छोटा होने, अंधेरा और भारी बर्फ आच्छादित होने के कारण वापसी यान के धरती पर आने की प्रक्रिया काफी जटिल है। 'चांग ई 5' ने करीब दो किलोग्राम नमूने एकत्र किए हैं। यह एक दिसंबर को चांद की सतह पर उतरा था। उसने चांद की सतह के ऊपर तथा सतह में करीब दो मीटर छेद कर नमूने एकत्र किए। 'चांग ई 5' चांद की सतह पर पहुंचने वाला चीन का तीसरा यान है। यह चीन के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम की कड़ी का हालिया अभियान है। अभियान के तहत भेजा गया 'चांग ई 4' चंद्रमा के सुदूरवर्ती क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला यान था। इससे पहले पूर्व सोवियत संघ द्वारा भेजे गये रोबोट वाले लूना 24 अंतरिक्ष यान के जरिये वैज्ञानिकों को चांद से लाये गये नमूने प्राप्त हुए थे।
- मास्को। ये पूरी घटना रूस की है। 59 साल का एक व्यक्ति सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा। व्यक्ति का कहना था कि वो अपनी दाईं नासिका से सांस नहीं ले पा रहा था। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने जब व्यक्ति के नाक की जांच की तो वो भी हैरान रह गए। इस व्यक्ति के नाक में एक सिक्का फंसा हुआ था जिसकी वजह से उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।डॉक्टरों के पूछने पर व्यक्ति ने बताया कि जब वो छह साल का था तो उसने गलती से अपनी नाक में सिक्का फंसा लिया था। डांट पडऩे की डर से उसने ये बात अपनी मां को नहीं बताई। इसके बाद वो खुद भी भूल गया कि उसकी नाक में सिक्का फंसा है।इसके बाद ये व्यक्ति 50 साल तक इसी तरह बिना किसी दिक्कत के सांस लेता रहा। आधी सदी से भी ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद व्यक्ति को जब सांस लेने में तकलीफ हुई तो वो डॉक्टर के पास आया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसकी नाक की स्कैनिंग की जिसमें कुछ सिक्केनुमा चीज फंसी दिखाई दी। इतने सालों से नाक में सिक्का फंसे रहने की वजह से इसके चारों तरफ पत्थर जैसी संरचना हो गई थी। इसकी वजह से ये व्यक्ति सांस नहीं ले पा रहा था। डॉक्टरों ने बड़ी सावधानी से ऑपरेशन के जरिए इस सिक्के को नाक से बाहर निकाला।ये सिक्का जब व्यक्ति की नाक में फंसा था तब इसकी कीमत एक पैसे के आसपास थी। व्यक्ति की नाक से ये सिक्का 53 साल बाद निकाला गया। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का कहना है कि ऑपेरशन सफल रहा और व्यक्ति को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। ये व्यक्ति अब आराम से सांस ले सकता है।इससे पहले 2015 में कुछ ऐसी ही खबर आई थी जब 51 साल के स्टीव ईस्टन की छींक में खिलौने का एक टुकड़ा निकला था। स्टीव जब 7 साल के थे तो ये टुकड़ा उनकी नाक मे फंस गया था। उनके माता-पिता उन्हें उस समय अस्पताल ले गए थे लेकिन डॉक्टर इसे नाक से नहीं निकाल पाए। इसकी वजह से ईस्टन को अक्सर सिरदर्द और सूंघने में तकलीफ होती थी। उन्होंने कहा कि वो इस बात से पूरी तरह से अनजान थे कि टुकड़ा 44 सालों से उनकी नाक में फंसा था, लेकिन एक दिन छींक आने पर वह टुकड़ा अपने आप ही बाहर निकल आया।-----
- न्यूयॉर्क। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने अमेरिकी परिदृश्य को बदलने के लिए '2020 पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है।पत्रिका ने अपने वार्षिक प्रतिष्ठित सम्मान के लिए इन दोनों डेमोक्रेटिक नेताओं को चुना है। उसने अन्य अंतिम चरण के अन्य दावेदारों- अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ. एंथनी फौसी, मूवमेंट फॉर रेसियल जस्टिस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ऊपर इन दोनों को तरजीह दी।पत्रिका न कहा, अमेरिकी कहानी को बदलने के लिए, यह दिखाने के लिए कि सहानुभूति की ताकत विभाजन की उग्रता से अधिक है, एक पीडि़त दुनिया को ठीक करने की दृष्टि साझा करने के लिए जो बाइडन और कमला हैरिस को टाइम का 2020 पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया है। टाइम ने फौसी, स्वास्थ्य कर्मियों और मूवमेंट फॉर रेसियल जस्टिस के आयोजकों को '2020 गार्जियंस ऑफ द ईयर' नामित किया हैं, जो लोकतंत्र के पवित्र आदर्शों की रक्षा के लिए खुद आगे डटे रहे।कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम के सीईओ एरिक युआन को टाइम के बिजनेसपर्सन ऑफ द ईयर के रूप में नामित किया गया है। दक्षिण कोरियाई बॉय बैंड बीटीएस को एंटरटेनर ऑफ द ईयर और अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी लेब्रोन जेम्स को एथलीट ऑफ द ईयर नामित किया गया। टाइम ने कहा कि यह "उल्लेखनीय" है कि पिछले साल स्वीडिश जलवायु संरक्षण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को पर्सन ऑफ द ईयर के रूप में नामित किया गया था जो यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की शख्स थीं। इसके एक साल बाद, इस सम्मान के लिए 78 वर्षीय बाइडन को चुना गया, इस सम्मान के लिए चुने गए सबसे बुजुर्ग व्यक्तियों में से एक हैं।टाइम ने कहा, "बाइडन खुद को नई पीढ़ी के नेताओं के लिए एक पुल बताते हैं। उन्होंने 56 वर्षीय कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति की उम्मीदवार के रूप में चुनने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। हैरिस उप राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं, जो जमैका के रहने वाले पिता और एक भारतीय मां की बेटी हैं।टाइम ने कहा कि फ्रेंकलिन डेलानो रूजवेल्ट के बाद से हर निर्वाचित राष्ट्रपति को उनके कार्यकाल के किसी वर्ष में पर्सन ऑफ द ईयरÓ चुना जाता रहा है, उनमें से लगभग एक दर्जन को यह सम्मान राष्ट्रपति चुनाव वाले वर्ष में दिया गया है। टाइम ने कहा, "यह पहली बार है जब हमने एक उपराष्ट्रपति को शामिल किया है। नस्लीय न्याय के लिए चले एक बहुत बड़े संघर्ष के बाद और इतिहास के सबसे महत्त्वपूर्ण चुनावों में से एक में जीत हासिल कर बाइडन-हैरिस की जोड़ी ने एक मजबूत संदेश दिया है।ÓÓ
- वाशिंगटन। नासा ने चंद्रमा पर इंसान को भेजने के अपने अभियान के लिए एक भारतवंशी राजा जॉन वुरपुतूर चारी सहित 18 अंतरिक्षयात्रियों का चयन किया है।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने चंद्र अभियान के लिए बुधवार को 18 अंतरिक्षयात्रियों के नामों की घोषणा की। इनमें आधी संख्या महिलाओं की है। नासा इन्हें अपने आर्टमिस चंद्र अभियान के लिए प्रशिक्षित करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि नासा के इस अभियान के तहत 2024 में चांद की सतह पर पहली बार कोई महिला कदम रखेगी और इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर इंसानों के रहने के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा।चारी (43) यूएस एयर फोर्स एकेडमी, एमआईटी और यूएस नवल टेस्ट पायलट स्कूल से स्नातक हैं, और इस सूची में वह भारतीय मूल के एकमात्र अंतरिक्ष यात्री हैं। नासा ने उन्हें 2017 एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट क्लास के लिए चुना था। अगस्त 2017 में वह इसमें शामिल हुए थे और अपना शुरुआती प्रशिक्षण पूरा किया। अब वह अभियान के लिए पूरी तरह तैयार हैं।फ्लोरिडा में नासा के केनेडी स्पेस सेंटर में उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने बुधवार को कहा, मेरे अमेरिकी साथियों मैं आपको भविष्य के वे नायक दे रहा हूं जो हमें आर्टमिस जेनरेशनÓ के जरिए चांद और उससे भी आगे ले जाएंगे।पेंस ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद की बैठक में इन अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा करते हुए कहा, यह सोचना रोमांचकारी है कि चांद की सतह पर उतरने वाला अगला इंसान और पहली महिला उनमें से होगी जिनके नाम हमने यहां पढ़े हैं....। आर्टमिस जेनरेशन भविष्य के अभियान के नायकों का प्रतिनिधित्व करता है। चीफ एस्ट्रोनॉट पैट फोरेस्टर ने कहा, चांद की सतह पर चलना हमारे लिए किसी सपने के साकार होने जैसा होगा। अभियान में किसी भी तरह की भूमिका निभाना हमारे लिए गौरव की बात होगी।आर्टमिस टीम में अलग-अलग पृष्ठभूमि, विशेषज्ञता और अनुभव वाले अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। समूह में अधिकतर सदस्यों की उम्र 30 से 35 या 40 से 45 के बीच है। सबसे अनुभवी सदस्य 55 साल के और सबसे युवा सदस्य 32 साल के हैं। चुने गए अंतरिक्ष यात्री नासा को आगामी आर्टमिस मिशन में मदद करेंगे। एजेंसी अपने वाणिज्यिक सहयोगियों के साथ अगले साल इसकी शुरुआत करेगी। इसके तहत मानवों के उतरने के लिए लैंडिंग सिस्टम, प्रशिक्षण में मदद, हार्डवेयर संबंधी जरूरतों और प्रौद्योगिकी सहयोग पर काम होगा।