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- नई दिल्ली। कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस फोन और बैंक नोट्स पर 28 दिनों तक जिंदा रह सकता है। ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी (सीएसआईआरओ ) का कहना है कि ठंडे और अंधेरे वातावरण में वायरस ज्यादा वक्त तक जीवित रह सकता है।ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी के सीएसआईआरओ के शोधकर्ताओं ने सार्स कोव-2 के जीवित रहने को लेकर अंधेरे में तीन अलग-अलग तापमान में परीक्षण किया और पाया कि तापमान के बढऩे के साथ वायरस के जीवित रहने के दरों में गिरावट आई। वैज्ञानिकों ने पाया कि 20 डिग्री सेल्सियस में सार्स कोव-2 मुलायम सतह पर जैसे कि मोबाइल फोन की स्क्रीन, स्टील, कांच और प्लास्टिक के बैंक नोट की सतह पर बेहद मजबूत बना हुआ था और 28 दिनों तक जिंदा रहा।30 डिग्री सेल्सियस तापमान में वायरस के जीवित रहने की दर घटकर 7 दिन हो गई और 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में वायरस 24 घंटे के भीतर तक जिंदा रह सकता है। वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए तीन अलग-अलग तापमान पर परीक्षण किए। शोधकर्ताओं का कहना है कि कॉटन जैसी खुदरा सतहों पर सबसे कम तापमान पर 14 दिनों तक वायरस जीवित रहा। वॉयरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि पहले किए गए शोध की तुलना में यह काफी लंबा समय था, जिसमें पाया गया था कि गैर खुदरी सतहों पर यह वायरस चार दिनों तक जीवित रह सकता है।ऑस्ट्रेलिया के सेंटर फॉर डिजीज के निदेशक ट्रेवर ड्रिवू के मुताबिक इस शोध में अलग-अलग सामग्रियों पर वायरस के सूखे नमूनों को शामिल करने से पहले परीक्षण किया गया जिसमें अत्यंत संवेदनशील प्रणाली का इस्तेमाल किया गया, जिसमें जीवित वायरस के निशान पाए गए, जो कोशिकाओं को संक्रमित करने में सक्षम थे। ड्रिवू के मुताबिक, इसको कहने का मतलब यह नहीं है कि वायरस की मात्रा किसी को संक्रमित करने में सक्षम होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इन चीजों को लेकर लापरवाही करता है और उसे छूता है और फिर मुंह या आंख छूता है तो हो सकता है वह संक्रमित हो जाए।सीएसआईआरओ के मुताबिक यह शोध जिन परिस्थितियों में किया गया वह वायरस के अनुकूल थे, जैसे कि अंधेरा कमरा, स्थिर तापमान और नम हवा. लेकिन असल जिंदगी में वायरस को अपने अनुकूल वातावरण कम ही मिलता है। सीएसआईआरओ के मुताबिक वायरस मुख्य रूप से हवा के माध्यम से फैलता है, लेकिन सतहों के माध्यम से वायरस के प्रसार में और अधिक जानकारी के लिए ज्यादा शोध की जरूरत है। सीएसआईआरओ की डेबी ईगल्स कहती हैं, हालांकि सतह के जरिए सटीक प्रसार की भूमिका, सतह के संपर्क तापमान और संक्रमण के लिए जरूरी वायरस की मात्रा अभी तक निर्धारित नहीं हो पाई है, यह साबित करने के लिए कि वायरस सतहों पर कितनी देर तक जिंदा रह सकता है. उच्च संपर्क क्षेत्रों में जोखिम को कम करने के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है। ड्रिवू के मुताबिक मुख्य संदेश यह है कि संक्रामक लोग सतहों से कहीं अधिक संक्रामक हैं।
- स्टॉकहोम। साल 2020 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल आर मिलग्रोम और रॉबर्ट बी विल्सन को ऑक्शन थ्योरी में सुधार और नीलामी से जुड़े नए आविष्कार के लिए दिया जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस के अनुसार, विल्सन को अर्थशास्त्र में इस वर्ष के पुरस्कार से सम्मानित किया है क्योंकि उन्होंने दिखाया कि बोली लगाने वाले अपने सामान्य मूल्य के नीचे बोलियां क्यों लगाते हैं।नोबेल कमेटी ने अपने बयान में कहा, नीलामी सब जगह होती है और ये हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को भी छूती है। ये नए ऑक्शन फॉर्मेट बहुत खूबसूरती से दिखाते हैं कि मूलभूत रिसर्च किस तरह से ऐसे आविष्कारों को जन्म देते हैं जो समाज को फायदा पहुंचाते हैं। नोबेल कमेटी ने कहा कि इन आविष्कारों से दुनिया भर में खरीदारों और कर दाताओं को फायदा मिला है।इस पुरस्कार के लिए गोल्ड मेडल और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर की राशि दी जाएगी जो कि दोनों विजेताओं में बांटी जाएगी। एक करोड़ क्रोनर यानी लगभग 11 लाख डॉलर। मिलग्रोम और विल्सन दोनों स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। मिलग्रोम ने बताया कि उन्हें अपने पुरस्कार जीतने के बारे में बहुत ही अनोखे अंदाज में जानकारी मिली, बॉब विल्सन ने मेरा दरवाजा खटखटाया और इसके बारे में बताया। वे मेरे पीएचडी एडवाइजर थे और वे मेरे घर के ठीक सामने वाले घर में रहते हैं। मिलग्रोम के अनुसार उनके सहकर्मी, दोस्त और छात्र अकसर उन्हें कहते रहे हैं कि वे नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं, बहुत अच्छा लग रहा है। उनका सम्मान और उनका प्यार दोनों पा कर।पिछले सप्ताह फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई थी। अर्थशास्त्र का नोबेल एकमात्र पुरस्कार है जो स्वीडन के सेंट्रल बैंक द्वारा दिया जाता है। 1969 से इसकी शुरुआत के बाद से 86 अर्थशास्त्रियों को यह पुरस्कार मिल चुका है। इनमें अधिकतर नाम अमेरिका के हैं। 2019 में अभिजीत बैनर्जी, एस्थर डूफ्लो और माइकल क्रेमर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अभिजीत बैनर्जी के अलावा भारत के अमत्र्य सेन को भी यह पुरस्कार मिल चुका है।
- पेरिस (फ्रांस)। पेरिस के एक दक्षिण पूर्वी कस्बे में दो छोटे विमानों के टकराकर गिर जाने से उनमें सवार पांच लोगों की मौत हो गई। फ्रांस ब्लेयू रेडियो स्टेशन ने मेयर मार्क अंगेनॉल्ट के हवाले से बताया कि लोचे कस्बे के ऊपर शनिवार को दो विमान टकरा गए।इंद्रे-एत-लोयर प्रांत प्रमुख नादिया सेगिएर ने बताया कि अत्यधिक हल्का एक विमान टकराने के बाद कस्बे में एक घर के पास घिरा। इसकी वजह से जमीन पर मौजूद कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ। दूसरा विमान निर्जन क्षेत्र में गिरा। ऐसा बताया जा रहा है कि यह पर्यटन विमान एकल इंजन वाला विमान था, जिसमें चार सीटें थी। अत्यधिक हल्के विमान में बैठे दो लोगों और एक अन्य छोटे विमान में बैठे तीन लोगों की मौत हो गई। रेडियो स्टेशन ने बताया कि करीब 50 दमकलकर्मियों और 30 पुलिसकर्मियों के साथ विमानन विशेषज्ञों को दुर्घटनास्थल पर भेजा गया। विमानों के टकराने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है और इस संबंध में जांच जारी है।
- स्टॉकहोम। इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को दिया जाएगा। पुरस्कार के लिए नाम का चुनाव करने वाली नोबेल कमेटी ने दुनिया भर में भूख को मिटाने और पीडि़तों की मदद में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की भूमिका को अहम बताया है।नॉर्वे की नोबेल कमेटी की अध्यक्ष बेरिट राइस एंडर्सन ने इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता के नाम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 2019 में 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों तक वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सहायता पहुंची। डब्ल्यूएफपी दुनिया भर में भूख को मिटाने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा संगठन है। कोरोना के दौर में इस संगठन का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. ओस्लो के नोबेल इंस्टीट्यूट में आमतौर पर शांति पुरस्कार की घोषणा पर उमडऩे वाली भारी भीड़ नदारद थी। कोरोना महामारी के कारण इस बार रिपोर्टरों की संख्या में भारी कमी रही।नोबेल शांति पुरस्कारों के लिए इस साल 318 नामांकन आए। इनमें 211 शख्सियतें और 107 संगठन शामिल हैं। हालांकि इस सूची में शामिल नामों को अगले 50 साल तक के लिए गोपनीय रखा जाता है इसलिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि पुरस्कार आखिर किसे मिलेगा। जो लोग पुरस्कार के लिए नामांकित करने के अधिकारी हैं वो चाहें तो जरूर इसके बारे में बता सकते हैं। इसी तरह से खबर आई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी इस बार के शांति पुरस्कार की दौड़ में थे। उनके अलावा हांगकांग निवासी, उइगुर बुद्धिजीवी इलहाम तोहती, नाटो, पर्यावरणविद राओनी मेटुकतिरे, व्हिसलब्लोअर जूलियन असांज, एडवर्ड स्नोडन और चेल्सी मैनिंग को भी नामांकित किया गया था।इस साल चार महिलाओं को नोबेलपर्यावरण के लिए दुनिया भर में अलख जगाने वाली स्वीडिश किशोरी ग्रेटा थुनबर्ग, प्रेस की आजादी पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बार की दौड़ में आगे बताया जा रहा था। हालांकि कई और नाम भी ओस्लो में चल रही चर्चाओं में लिए जा रहे थे। इनमें अफगान शांति वार्ताकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता फौजिया कूफी, वल्र्ड फूड प्रोग्राम, संयुक्त राष्ट्र और उसके महासचिव अंटोनियो गुटेरेश, जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और सूडान की क्रांति के आइकन अला सलाह इनमें शामिल थे।पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद को दिया गया था। एरिट्रिया के साथ जंग के बाद रिश्तों में 20 साल से चले आ रहे ठहराव को खत्म करने के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया।1901 से 2019 के बीच कुल 100 नोबेल शांति पुरस्कार दिए गए। इस दौरान 19 बार यह पुरस्कार नहीं दिया गया। दो बार यह पुरस्कार तीन लोगों के बीच बांटा गया जबकि 30 बार दो लोगों को इस पुरस्कार का हकदार माना गया। 68 बार इसके अकेले विजेता रहे जबकि 24 संगठनों को भी अब तक पुरस्कार दिया जा चुका है, तो कुल मिला कर 107 लोग और 24 संगठन इसके विजेता हैं। पुरस्कार पाने वालों में 17 महिलाएं हैं और पाकिस्तान की मलाला युसुफजई पुरस्कार पाने वालों में सबसे युवा हैं। जब उन्हें यह पुरस्कार मिला तब उनकी उम्र महज 17 साल थी। 1995 में जोसेफ रोटब्लाट को यह पुरस्कार मिला तो वह 87 साल के थे और वो सबसे बुजुर्ग विजेता हैं। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस कमेटी को तीन बार नोबेल शांति पुरस्कार मिला है जबकि संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संस्था यूएनएचसीआर को दो बार यह पुरस्कार दिया गया।
- स्टॉकहोम। इस साल का नोबेल साहित्य पुरस्कार अमेरिका की लुइज ग्लुक को दिया जाएगा। ग्लुक को उनके काव्य संग्रह एवेर्नो के लिए यह सम्मान मिलेगा।1943 में न्यूयॉर्क में पैदा हुईं लुइज कैम्ब्रिज और मसाचुसेट्स में रहती हैं। स्वतंत्र रूप से लिखने के अलावा वे येल, न्यू हैवेन और कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर भी रही हैं। इसके पहले उन्हें पुलित्जर सहित कई और पुरस्कार मिल चुके हैं।नोबेल साहित्य पुरस्कार बीते कुछ सालों से विवादों में रहा है। 2018 में पुरस्कार की घोषणा टाल दी गई क्योंकि स्वीडिश एकेडमी यौन शोषण के आरोपों में घिर गई थी। यह वही संस्था है जो पुरस्कार विजेताओं को चुनती है। आरोपों में घिरने के बाद कई सदस्यों ने खुद को एकेडमी से अलग कर लिया। काफी उठापटक के बाद आखिरकार एकेडमी ने अपना भरोसा हासिल किया और फिर बीते साल एक साथ दो पुरस्कारों की घोषणा की गई। 2018 के लिए पोलैंड की ओल्गा तोकारचुक और 2019 के लिए पेटर हांडके को पुरस्कार दिया गया।हांडके का नाम पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद एक बार फिर विवाद उठ गया। हांडके 1990 के दशक में हुए बाल्कन युद्ध में सर्बिया के पक्के समर्थक माने जाते हैं। उन्हें सर्बिया के युद्ध अपराधों का समर्थक कहा गया। अल्बानिया, बोस्निया और तुर्की जैसे कई देशों ने विरोध जताने के लिए नोबेल पुरस्कार समारोह का बहिष्कार किया। यहां तक कि पुरस्कार के लिए चयन करने वाली समिति के एक सदस्य ने इस्तीफा भी दे दिया।करीब 11 लाख डॉलर के सबसे प्रतिष्ठित साहित्य नोबेल पुरस्कार के लिए उम्मीद की जा रही है कि इस बार चुने गए विजेता के नाम पर कोई विवाद नहीं होगा। इस बार पुरस्कार की दौड़ में केन्या के न्गुगी वा थिंगो, कनाडा की कवि ए कार्सन और जापान के उपन्यासकार हारुकी मुराकामी का नाम लिया जा रहा था। हालांकि पुरस्कार आखिरकार अमेरिकी साहित्यकार की झोली में गया।1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को गीतांजली के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार को पाने वाले वो ना सिर्फ पहले भारतीय बल्कि पहले गैर यूरोपीय साहित्यकार भी थे। 1901 से लेकर अब तक कुल 112 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं और इस बीच सात साल ऐसे रहे जब ये पुरस्कार नहीं दिए गए। कुल मिला कर दुनिया में 116 नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेता हैं। आमतौर पर साहित्य का नोबेल किसी एक शख्स को ही दिया जाता है और सिर्फ चार बार ऐसा हुआ जब पुरस्कार दो लोगों में बांटा गया। कुल 15 महिलाएं इस पुरस्कार की विजेता रही हैं। द जंगल बुक के लिए विख्यात रडयार्ड किपलिंग को 41 साल की उम्र में साहित्य का नोबेल मिला और वो सबसे युवा विजेता हैं। 2007 में डोरिस लेसिंग को मिले नोबेल ने उन्हें सबसे बुजुर्ग विजेता बनाया। तब उनकी उम्र 88 साल थीं।1958 में बोरिस पास्टरनेक को नोबेल साहित्य पुरस्कार देने के लिए चुना गया, लेकिन उन्होंने अपने देश की सरकार के दबाव में पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। इसी तरह 1964 में नोबेल पुरस्कार के लिए ज्यां पॉल सात्र्र के नाम की घोषणा हुई , लेकिन उन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने किसी भी आधिकारिक पुरस्कार को स्वीकार नहीं किया।-----
- अम्मान। जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने अपने मुख्य नीति सलाहकार को देश का नया प्रधानमंत्री चुना और उन्हें नई सरकार बनाने का अधिकार दिया। पूर्ववर्ती सरकार की कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर बहुत आलोचना हुई थी।रॉयल कोर्ट की ओर से दिए गए वक्तव्य में शाह ने कहा कि उन्होंने बिशर अल खासानेह को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है और उन्हें जॉर्डन के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप एक सरकार गठित करने का निर्देश दिया है। देश में दस नवंबर को संसदीय चुनाव होने हैं। अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री उमर अल राजाज का इस्तीफा शनिवार को स्वीकार कर लिया था। द्वशाह ने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से एक हफ्ते पहले ही संसद भंग कर दी थी।
- -इमानुएले शारपेंटियर और जेनिफर ए डुडना को मिलेगा ये सम्मानस्टॉकहोम। नोबेल पुरस्कारों की कड़ी में आज रसायन के लिए भी इस साल के पुरस्कार विजेताओं का एलान हो गया। इमानुएले शारपेंटियर और जेनिफर ए डुडना को जीनोम एडिटिंग का तरीका विकसित करने के लिए इस साल रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। 2012 में शारपेंटियर और डुडना ने सीआरआईएसपीआर/सीएएस9 जेनेटिक कैंचियों की खोज की थी और इसके बाद जीनोम एडिटिंग बड़े पैमाने पर होने लगा।इनकी खोज के बाद लाइफ साइंस एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है और नोबेल कमेटी मानती है कि इससे मानवता का बहुत भला हुआ है। इनकी मदद से जीवों के डीएनए को रिसर्चर अतिसूक्ष्मता के साथ बदल सकते हैं। इस नई तकनीक के कारण कैंसर के इलाज में मदद मिली है और आनुवांशिक रोगों का इलाज संभव हो सका है।यह पुरस्कार आमतौर पर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाने वाले उपायों और खोजों से जुड़ा रहा है। पिछले साल लिथियम आयन बैटरी बनाने वाली सोच को नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 2019 में रसायन के लिए पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिक थे जॉन गुजेनॉफ, एम स्टैनली व्हिटिंघम और अकीरा योसिनो। नोबेल कमेटी ने लिखा कि इन वैज्ञानिकों की खोज से आज का समाज बेतार होने के साथ ही जीवाश्म ईंधन से मुक्त हो सकता है।अब तक कुल 111 बार रसायन के लिए नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं और विजेताओं की संख्या 183 है। 1901 से इन पुरस्कारों का सिलसिला चल रहा है लेकिन बीच में आठ साल ऐसे रहे जब यह पुरस्कार नहीं दिए गए। 63 लोगों ने यह पुरस्कार अकेले जीता है। 23 बार दो विजेताओं में पुरस्कार बांटा गया और 25 बार इसके तीन विजेता रहे। 2009 में वेंकी रामाकृष्णन को रसायन का नोबेल पुरस्कार मिला था और वो इस कतार में अकेले भारतीय हैं।1911 में जब मैरी क्यूरी को रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया तो वो दुनिया की पहली वैज्ञानिक थीं जिन्होंने दो बार नोबेल पुरस्कार जीता। वैसे रसायन के लिए दो बार नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वैज्ञानिक फ्रेडरिक सेंगर हैं। उन्होंने 1958 और 1980 में यह पुरस्कार मिला. रसायन के लिए कुल पांच महिलाओं ने नोबेल पुरस्कार जीता है। इनमें मैरी क्यूरी के अलावा इरेने जोलियट क्यूरी (मैरी क्यूरी की बेटी) डोरोथी क्रॉफुट हॉगकिन, अडा योनाथ और फ्रांसिस एच अर्नाॅल्ड शामिल हैं।1935 में पुरस्कार हासिल करने वाले फ्रेडेरिक जोलियट रसायन के लिए सबसे युवा नोबेल विजेता हैं। उस वक्त उनकी उम्र महज 35 साल थी। सबसे बुजुर्ग विजेता के रूप में जॉन बी गुडेनॉफ का नाम दर्ज है जिन्होंने 97 साल की उम्र में रसायन का नोबेल पुरस्कार हासिल किया।इन पुरस्कारों के इतिहास में ऐसा भी हुआ है जब नोबेल विजेताओं को इन्हें ठुकराने पर विवश किया गया। जर्मनी के रिचर्ड कुन को 1938 में और अडोल्फ बुटेनान्ड्ट को 1939 में रसायन के लिए नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा हुई। 1939 में ही जर्मनी के गेरहार्ड डोमाग्क भी मेडिसिन के लिए नोबेल विजेता बने। हालांकि तब देश के शासक रहे अडोल्फ हिटलर ने उनके पुरस्कार लेने पर रोक लगा दी। इन लोगों को बाद में नोबेल पुरस्कार का सर्टिफिकेट और मेडल तो दिया गया लेकिन पुरस्कार की राशि नहीं मिली।डायनामाइट का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति से यह पुरस्कार दिया जाता है। 1895 में अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी अंतिम वसीयत पर दस्तखत किए थे और अपनी संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा इन पुरस्कारों के लिए दान कर दिया था। दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के विजेता को करीब 11 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम मिलती है।--
- स्टॉकहोम। खगोलीय खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को 2020 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है। इनमें रोजर पेनरोसे को ब्लैकहोल की खोज के लिए तथा रीनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया घेज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।तारकीय अवशेषों, श्वेत वामन तारों, न्यूट्रॉन तारों और ब्लैक होल जैसी चीजों को कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट कहा जाता है। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (11 लाख डॉलर से अधिक) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को शरीर विज्ञान एवं औषधि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों-हार्वे जे अल्टर और चाल्र्स एम राइस तथा ब्रिटेन में जन्मे वैज्ञानिक मिशेल हफटन को देने की घोषणा की थी।---
- लंदन। कोरोना वायरस संक्रमण काल में हुए लॉकडाउन में पूरी दुनिया में लोगों ने बहुत कुछ सहा है। लॉकडाउन के दौरान दूरदराज में फंसे लोग किस तरह से अपने परिवार और अपने घर लौटे , यह वाकया आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। लॉकडाउन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद थे और लोगों को अपनों के बीच पहुंचना था। किसी ने साइकिल में तो किसी ने पैदल की अपना सफर तय किया। ऐसे सैकड़ों मामले हैं, जो अब भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मामला रोमियो कॉक्स का है, जो मात्र 10 साल का है। लंदन में अकेली रह रही अपनी दादी से मिलने के लिए उसने अपने पिता के साथ करीब 2800 किमी का सफर पैदल ही तय किया। रोमियो ने जब अपने इस सफर के कुछ पल इंस्टाग्राम पर शेयर किए, तो वह तेजी से लोकप्रिय हो गया। लोग बच्चे के जज्बे को सलाम कर रहे हैं।रोमियो कॉक्स ने पिता के साथ 20 जून से अपना सफर शुरू किया था। वह पिता के साथ सिसली के पलेर्मों इटली से लंदन की दूरी तय की थी। अपनी यात्रा के दौरान अपने पिता के साथ उसने इटली, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और ब्रिटेन की यात्रा की। तीन महीने चलने के बाद दोनों 21 सितंबर को यूके पहुंचे। फिलहाल दोनों आइसोलेशन में हैं, इसके बाद रोमियो की मुलाकात अपनी दादी से होगी। पिता और बेटे ने अपनी यात्रा के दौरान रेफ्युजी एडुकेशन एक्रोस कंफ्लिक्ट्स की मदद के लिए 11.4 लाख रुपए (12 हजार पाउंड) की राशि भी जुटाई है। अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए रोमियो के पिता ने कहा कि यह सफर दोनों के लिए बेहद खास रहा है। इस लम्हा वो दोनों अपने जीवन में कभी नहीं भूलेंगे।महीने के इस सफर के बारे में रोमियो ने कहा कहा कि यात्रा के दौरान एक बार हम रास्ता भटक गए थे। एक बार गलती से मधुमक्खी के छत्ते के नीचे सो गए थे। जिसके कारण उनके पैरों की हालत खराब हो गई थी। इस सफर में हमको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन हमने हार नहीं मानी। करीब एक साल बाद दादी से हमारी मुलाकात होने वाली थी। वह लॉकडाउन में अकेले रहने को मजबूर थी। इस सफर के दौरान सौ साल के बुजुर्ग की तरह बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस कर रहा था। यह यात्रा हमारे लिए हमेशा यादगार रहेगी। रोमियो का कहना है कि पिछले 3 महीने में उसने जितनी भी मेहनत की है, वो उस वक्त सफल हो जाएगी, जब वो अपनी दादी को गले लगा लेगा। फिलहाल वह पिता के साथ आइसोलेशन में है।
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- हेपेटाइटिस सी-वायरस की खोज के लिए मिलेगा नोबेल
नई दिल्ली। चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। यह पुरस्कार हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए अमरीका के हार्वे जे. अल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटेन के माइकल ह्यूटन को दिया जाएगा।नोबेल समिति के प्रमुख थॉमस पर्लमैन ने स्टॉक होम में पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में स्वर्ण पदक और 11 लाख 18 हजार डॉलर से अधिक राशि दी जाती है। नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण महामारी के मद्देनजऱ इस वर्ष चिकित्सा क्षेत्र में इस पुरस्कार का विशेष महत्व है। इससे चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के महत्व का पता चलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में सात करोड़ से अधिक हेपेटाइटिस रोगी हैं जिनमें से हर वर्ष चार लाख लोगों की जान जाती है।नोबेल पुरस्कार चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाते हैं। अन्य पुरस्कारों के विजेताओं के नामों की घोषणा 12 अक्टूबर तक कर दी जाएगी। - बीजिंग। चीन में रविवार को एक सड़क दुर्घटना में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। रविवार को हुई दुर्घटना में कई वाहनों में टक्कर हुई थी। जिलिन प्रांत में हुई इस दुर्घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया। चीन के एक सरकारी अखबार के मुताबिक फुयू शहर में राजमार्ग पर एक ट्रक ने एक ट्रैक्टर को पीछे से टक्कर मार दी और फिर दूसरे वाहन से जा टकराया। खबर में बताया गया है कि लोक सुरक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच करने के लिए एक आधिकारिक दल को भेजा है।
- पेरिस। फ्रांस और इटली तक फैले पहाड़ी क्षेत्र में भीषण बारिश की वजह से आई बाढ़ में इटली के दो लोगों की मौत हो गई और दोनों देशों में शनिवार तक कम से कम 24 लोगों के लापता हो गए। दक्षिण-पूर्वी फ्रांस और उत्तरी इटली में रात भर भारी तूफान के बाद मूसलाधार बारिश हुई जिसकी वजह से आई बाढ़ ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। इटली के उत्तरी क्षेत्र वाल डीओस्टा के पहाड़ी उत्तरी क्षेत्र में बचाव अभियान के दौरान एक दमकलकर्मी की मौत हो गई। वहीं वर्सेली प्रांत में एक और शव मिला। इस इलाके में शुक्रवार देर रात एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में बह गया था। नागरिक सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इटली में कुल 16 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी जबकि फ्रांस और इटली के बीच कोल दे तेंद ऊंचे पर्वतीय मार्ग पर कारों के सभी यात्री गायब थे। इनमें अपने 11 और छह वर्षीय पोतों के साथ फ्रांस से लौट रहे जर्मनी निवासी दो भाई भी शामिल हैं।
- वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को चिकित्सा देखभाल के लिए मैरीलैंड के वॉल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर भेजा गया है। श्री ट्रम्प ने ट्वीटर पर वीडियो साझा कर इस बारे में जानकारी दी। श्री ट्रम्प ने शुभचिंतकों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि वे ठीक हैं।राष्ट्रपति ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलिनिया ट्रम्प कल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। राष्ट्रपति चुनाव से कुछ सप्ताह पहले हुए इस घटनाक्रम से श्री ट्रम्प का चुनाव अभियान प्रभावित हो सकता है।श्री ट्रम्प के मैनेजर ने बताया कि अमरीकी राष्ट्रपति और उनके परिवार के चुनाव प्रचार से जुड़े कार्यक्रम या तो वर्चुअल तरीके से आयोजित किये जाएंगे या अगली सूचना तक उन्हें टाल दिया जाएगा।उपराष्ट्रपति पद के लिए माइक पेंस और कमला हैरिस के बीच अगले सप्ताह होने वाली बहस अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच साल्ट लेक सिटी में 7 अक्तूबर को होने वाली बहस के कार्यक्रम में कोई बदलाव होने की आशा नहीं है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हेरिस की कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई है।
- वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।ट्रम्प ने गुरुवार को खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। ट्रम्प ने ट्वीट किया, आज रात, मेलानिया और मेरे कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। हम तत्काल पृथक-वास और उपचार की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। हम इसका एक साथ सामना करेंगे।ट्रम्प के डॉक्टर सीन कॉनली ने कहा, राष्ट्रपति और प्रथम महिला दोनों अभी स्वस्थ हैं और इलाज के दौरान उन्होंने व्हाइट हाउस में अपने घर में रहने का ही फैसला किया है। डॉक्टर ने कहा, आश्वस्त रहें, मुझे उम्मीद है कि उपचार के दौरान राष्ट्रपति बिना किसी व्यवधान के अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते रहेंगे। मैं आपको इस संबंध में जानकारी देता रहूंगा।इस बीच, प्रथम महिला मेलानिया ने ट्वीट किया, जैसा कि इस साल ढेर सारे अमेरिकियों ने किया, ट्रम्प और मैं भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद अब पृथक-वास में हैं। हम ठीक महसूस कर रहे हैं और मैंने अपनी सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। कृपया सुनिश्चित करें कि आप सुरक्षित हों। हम एक साथ इससे निपटेंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। मोदी ने ट्वीट कर कहा, मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया के जल्द से जल्द स्वस्थ होने और उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
- दुबई,। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) 2024 में चांद पर एक मानवरहित अंतरिक्ष यान भेजेगा। दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने मंगलवार को ट्विटर पर, चांद पर अंतरिक्ष यान भेजने की घोषणा की। इस साल के शुरू में यूएई ने मंगल मिशन की शुरुआत की थी जिसके बाद अल मकतूम की यह घोषणा आई है।अल मकतूम ने कहा कि यान का नाम उनके दिवंगत पिता राशिद के नाम पर होगा।अगर 2024 में, यूएई को कामयाबी हासिल होती है तो वह अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद चौथा देश होगा। भारत ने भी कोशिश की थी, लेकिन वह नाकाम रहा था। इसी तरह इजराइल और जापान भी असफल हुए थे।-
- बगदाद। इराक में बगदाद हवाई अड्डे के पास दागे गए एक रॉकेट से 5 इराकी नागरिकों की मौत हो गई और 2 गंभीर रूप से घायल हो गए। इराकी सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। पिछले कई महीनों में ऐसा पहली बार हुआ है कि रॉकेट हमले से असैन्य नागरिक हताहत हुए हैं। रॉकेट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को निशाना बनाकर दागा गया था लेकिन वह पास के एक रिहायशी मकान पर गिरा। मृतकों में तीन बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं।हमले में दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए और मकान पूरी तरह तबाह हो गया। हमला बगदाद के पड़ोस में स्थित अल-जिहाद से किया गया था। सेना की ओर से जारी बयान में हमले को आपराधिक गिरोहों द्वारा किया गया कायरतापूर्ण अपराध कहा गया।-----
- दुबई। इस साल जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहे सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक नेताओं की आगामी नवंबर में होने वाली बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की जाएगी। सऊदी अरब ने महामारी से पहले जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत रियाद में वैश्विक नेताओं की मेजबानी करने की योजना बनाई थी। यदि यह योजना साकार होती हो सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मंच साझा करने का मौका मिलता। सऊदी अरब ने कहा कि 21-22 नवंबर को वर्चुअल शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता किंग सलमान करेंगे। इस संबंध में जारी एक बयान के मुताबिक बैठक के दौरान महामारी के दौरान उजागर हुईं कमजोरियों को दूर करने और बेहतर भविष्य की नींव रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। बयान के मुताबिक जी-20 देशों ने कोविड19 वैक्सीन के उत्पादन और चिकित्सीय मदद के लिए 21 अरब डॉलर से अधिक का योगदान किया है और वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए 11,000 अरब डॉलर लगाए हैं। जी20 मंच दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
- न्यूपोर्ट वर्जिनिया। अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर वे दोबारा सत्ता में आए तो चीन पर अमरीका की निर्भरता पूरी तरह समाप्त कर देंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने कल न्यूपोर्ट वर्जिनिया में चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस के बाद चीन के साथ संबंधों पर निराशा प्रकट की और कहा कि वे इस बात को नहीं भूल सकते कि वायरस चीन से आया।उन्होंने कहा कि अमरीकी अर्थव्यवस्था चीन से आए वायरस से क्षतिग्रस्त होने से पहले बेहतर निष्पादन कर रही थी। वायरस का सबसे बुरा असर अमरीका पर पड़ा है। इसकी वजह से दो लाख से अधिक अमरीकी लोगों को जान गवानी पड़ी और देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। इससे लाखों लोगों को आजीविका का नुकसान हुआ। इससे पहले, अटलांटा में अश्वेत लोगों के सशक्तिकरण के बारे में एक सभा को संबोधित करते हुए अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीनी वायरस के हमले से पहले उनके प्रशासन ने देश के इतिहास में अफ्रीकी मूल के अमरीकी नागरिकों के लिए मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण किया था। ट्रंप ने कहा कि अगर वे सत्ता में आए तो अगले चार वर्षों में अमरीका को विर्निर्माण के क्षेत्र में विश्व की सुपरपावर बना देंगे।---
- दुबई। आंध्र प्रदेश का रहने वाला बासकरी राघवलू 14 साल बाद संयुक्त अरब अमीरात से 1,39,177 डॉलर से अधिक के जुर्माने की छूट मिलने के बाद घर लौट सकेगा। एक खबर में यह जानकारी दी गयी है।गल्फ न्यूज की शुक्रवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, राघवलू को वकील और सामाजिक कार्यकर्ता शीला थॉमस से मदद मिली जिन्होंने उसकी घर वापसी के लिए टिकट का बंदोबस्त भी किया। थॉमस के हवाले से खबर में बताया गया, वह रहने के लिए संघर्ष कर रहा था। वह कुछ अन्य कामगारों के रहम पर रह रहा था। वह घर लौटना चाहता था और जिंदगी में पहली बार अपनी बेटी को देखना चाहता था। तब मैंने इस मामले को लिया। उन्होंने कहा कि राघवलू के अधिक समय तक ठहरने के जुर्माने को भर दिया गया है और वह लौटने को तैयार है।राघवलू (41) 2006 में संयुक्त अरब अमीरात आया था और अपनी कंपनी की गाड़ी में जाते समय एक सड़क हादसे में घायल हो गया था। खबर के अनुसार, उसने कंपनी से मुआवजा पाने की कोशिश की जहां वह एक वकील के जरिये काम करता था। उस वकील ने उसका पासपोर्ट भी ले लिया था। राघवलू ने बताया कि उसने खुद के लिए और घर में अपने परिवार के गुजारे के लिए अनेक तरह की नौकरियां और काम किये। अखबार के अनुसार, यूएई सरकार के एक रियायत कार्यक्रम के दौरान उसे देश छोडऩे के लिए अनुमति मिल भी गयी थी, लेकिन उसके पास हवाई यात्रा के लिए पैसा नहीं था।
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काठमांडू। नेपाल में 2015 में आये विनाशकारी भूकंप के बाद सहायता एवं पुनर्वास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत भारत ने करीब 96 करोड़ रुपये दिये हैं। भारतीय दूतावास ने यह जानकारी दी। इस विनाशकारी भूकंप में नेपाल में 9,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। यह वित्तीय सहायता आवास एवं विद्याालय क्षेत्र सहायता के रूप में मुहैया की गई। प्राकृतिक आपदा में प्रभावित हुए शैक्षणिक संस्थानों एवं भवनों के मरम्मत कार्य में इससे सहायता मिलेगी। दूतावास ने एक बयान में कहा, भारत सरकार ने भूकंप बाद की पुनर्निर्माण सहायता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए 1.54 अरब नेपाली रुपये (भारतीय मुद्रा में करीब 96 करोड़ रुपये) नेपाल को मुहैया किये। भारतीय दूतावास में उप मिशन प्रमुख नामग्याल खाम्पा ने 1.54 अरब नेपाली रुपये का चेक नेपाल के वित्त मंत्री के सचिव शिशिर कुमार धुनगणा को सौंपा। बयान में कहा गया है कि भारत ने गोरखा और नुवाकोट जिलों में 50,000 निजी आवास का पुनर्निर्माण कराने में मदद करने की भी अपनी प्रतिबद्धता जताई। इनमें 92 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। बयान में कहा गया है, भारत भूकंप से उबरने में नेपाल के लोगों और सरकार की सहायता जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध है।
- वाशिंगटन। अमरीकी सदन हाऊस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने मंगलवार को चीन की वस्तुओं के अमरीका में आयात पर पाबंदी लगाने का विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसके संभावित आर्थिक असर को लेकर चिंताओं के बावजूद विधेयक को मंजूरी दी गई।सदन में तीन के मुकाबले 406 मतों से विधेयक को मंजूरी दी गई। विधेयक के प्रावधानों में उत्तर-पश्चिम चीन के शिनजियांग क्षेत्र में तैयार वस्तुओं को नजरबंद रखे गए उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यक समुदाय के बंधुआ मजदूरों के शोषण से निर्मित बताया गया है और अमरीका में उनका आयात प्रतिबंधित करने को कहा गया है। अमरीकी कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि दस लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम समुदाय के लोगों को अमानवीय स्थिति में रखे जाने से रोकने के लिए चीन पर दबाव बनाना जरूरी है। शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के शोषण को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने एक स्वर से चीन की निंदा की।---
- लॉस एंजिलिस। कोरोना महामारी के बीच मनोरंजन की दुनिया के बड़े समारोहों में शामिल एमी अवार्ड-2020 का आयोजन ऑनलाइन किया गया। कॉमेडी श्रेणी में 'स्चिट्स क्रीक', ड्रामा श्रेणी में 'सक्सेशन' और लिमिटेड सीरिज की श्रेणी मे ' वॉचमैन' ने शीर्ष पुरस्कार हासिल किये हैं। यह समारोह पहले माइक्रोसॉफ्ट थियेटर में आयोजित होने वाला था लेकिन आयोजकों ने जुलाई में घोषणा की थी कि इसका आयोजन जिमी किमेल की मेजबानी में ऑनलाइन होगा। किमेल 2012, 2016 के बाद तीसरी बार इसकी मेजबानी कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में किमेल के एकल संचालन में फर्जी हंसी को भी पीछे से जोड़ा गया था ताकि यह लाइव जैसा दिख सके। वहीं पुराने समारोहों के वीडियो भी जोड़े गए थे। कॉमेडी सेक्शन में सभी शीर्ष पुरस्कार अपने नाम करके 'स्चिट्स क्रीक' ने इतिहास रचा है। बेहतरीन कॉमेडी सीरिज के पुरस्कार से लेकर मुख्य अभिनेता और अभिनेत्री का पुरस्कार भी इस सीरिज के ही ओगेंस लेवी और कैथरीन ओ हारा ने अपने नाम किया। वहीं ‘स्चिट्स क्रीक' के ही कलाकारों को बेहतरीन सह अभिनेता और अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला है। एचबीओ शो 'सक्सेशन' का दबदबा ड्रामा श्रेणी में देखने को मिला। उसकी झोली में सर्वश्रेष्ठ ड्रामा सीरिज, लेखन, निर्देशन का पुरस्कार आया। इसके निर्देशन के लिए एंद्रिज पारेख को पुरस्कार से नवाजा गया। भारतीय मूल के सिनेमेटोग्राफर ने कहा, '' वैसे लोग जो अपने सहपाठी को पसंद नहीं करते हैं और उन्हे बाहरी बताते हैं...यह सबूत है कि आप ताल्लुक रखते हैं और यह एमी हमारा है।'' वहीं लिमिटेड सीरिज श्रेणी में एचबीओ का 'वॉचमैन' अपना जलवा कायम करने में सफल रहा। उसकी झोली में सर्वश्रेष्ठ लिमिटेड सीरिज पुरस्कार के साथ ही सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी आया।
- वाशिंगटन। अमरीका ने चीन के मैसेजिंग और भुगतान ऐप टिकटॉक और वी चैट से देश की सुरक्षा को खतरा बताते हुए इन्हें प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध रविवार की रात से लागू होगा। रविवार से टिकटॉक चीनी ऐप की और वी चैट की डाउनलोडिंग पर प्रतिबंध लग जाएगा।अमरीका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा कि इन ऐप से राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अमरीकी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो रहा था। व्यावहारिक रूप से वी चैट ऐप कल रात से बंद होगा। टिकटॉक ऐप का 12 नवंबर तक उपयोग किया जा सकेगा। श्री रॉस ने कहा कि रविवार रात से टिकटॉक ऐप के लिए कोई अपडेट उपलब्ध नहीं होगा।गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही भारत ने टिकटॉक पर बैन लगा दिया था। चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच बड़ा फैसला लिया गया था। भारत सरकार ने जून के अंत में टिकटॉक समेत कुल 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था। चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के फैसले पर भारत सरकार का कहना था कि सुरक्षा के मद्देनजर ये कदम उठाया गया है।इसके बाद पिछले दिनों चीन के 47 और ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके अलावा बताया गया था कि पबजी समेत 250 ज्यादा ऐप्स की केंद्र सरकार समीक्षा करते हुए हाल ही में बैन किया है। बता दें कि सरकार ने इन चीनी एप्स पर आईटी एक्ट 2000 के तहत बैन लगाया है।----
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वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने पहली बार बृहस्पति के आकार के एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो पृथ्वी से लगभग 80 प्रकाश वर्ष दूर एक श्वेत एवं छोटे या मृत तारे के चक्कर लगा रहा है। इस खोज से संबंधित खबर नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इस ग्रह को डब्ल्यूडी 1856 बी नाम दिया गया है जो हर 34 घंटे में छोटे तारे के ध्वंसाशेष के चक्कर लगा रहा है।
अमेरिका के कंसास विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर इयान क्रॉसफील्ड ने कहा, यह ग्रह लगभग बृहस्पति के आकार का है, लेकिन इसकी परिक्रमा अवधि बहुत कम है और इस ग्रह पर एक वर्ष केवल 1.4 दिन का होता है। क्रॉसफील्ड ने कहा, इस खोज से पता चलता है कि श्वेत छोटे तारों के भी अपने ग्रह हो सकते हैं जिसके बारे में अब तक हमें जानकारी नहीं थी। - काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू और इसके आस-पास के इलाकों में बुधवार को जोरदार भूकंप आया, जिसकी तीव्रता छह मापी गई है। भूकंप के चलते लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा।राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के अनुसार तड़के 5 बजकर 19 मिनट पर तिब्बत सीमा के निकट सिंधुपालचौक जिले में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता छह मापी गई है। भूकंप का केन्द्र काठमांडू से 120 किलोमीटर दूर सिंधुपालचौक जिले का रामचे गांव था। सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर भी इसी जगह 3.8 तीव्रता का हल्का भूकंप आया। मध्य और पूर्वी नेपाल में महसूस किये गए तेज झटकों ने काठमांडू घाटी को हिलाकर रख दिया, जिसके चलते तड़के लोगों को घरों से बाहर निकलना पड़ा।