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- नयी दिल्ली। भारत ने तोक्यो में 23 जुलाई से आठ अगस्त के बीच होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये सोमवार को स्ट्राइकर रानी रामपाल को राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम का कप्तान तथा दीप ग्रेस एक्का और सविता के रूप में दो उपकप्तान नियुक्त किये। भारत ने पिछले सप्ताह तोक्यो ओलंपिक के लिये 16 सदस्यीय टीम घोषित की थी लेकिन तब कप्तान की घोषणा नहीं की गयी थी हालांकि यह लगभग तय था कि रानी ही टीम की अगुवाई करेगी। रानी ने हॉकी इंडिया के बयान में कहा, ‘‘ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम की अगुवाई करना बहुत बड़ा सम्मान है। पिछले कुछ वर्षों में कप्तान के रूप में मेरी भूमिका आसान हो गयी है क्योंकि मेरी साथी खिलाड़ियों ने सीनियर खिलाड़ियों के रूप में जिम्मेदारियां साझा की। '' रानी की कप्तानी में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की। इनमें एशिया कप 2017 में खिताब, एशियाई खेल 2018 में रजत पदक, एशियाई चैंपियन्स ट्राफी 2018 में रजत पदक और एफआईएच सीरीज फाइनल 2019 में जीत शामिल है। मुख्य कोच सोर्ड मारिन ने कहा, ‘‘मैं रानी को ओलंपिक खेलों के लिये भारतीय महिला टीम की कप्तान नियुक्त किये जाने पर बधाई देता हूं।
- युगेन (अमेरिका)। दिग्गज धाविका एलिसन फेलिक्स ने 35 साल की उम्र में पांचवीं बार ओलंपिक में जगह बनाई। फेलिक्स की नजरें 10वें ओलंपिक पदक पर टिकी हैं। फेलिक्स 400 मीटर स्पर्धा में हिस्सा लेंगी। उन्होंने ट्रायल में दूसरे स्थान पर रहते हुए ओलंपिक टीम में जगह बनाई।एक बेटी की मां फेलिक्स के पास ओलंपिक में 10 वां पदक जीतने का मौका होगा और अगर वह ऐसा करने में सफल रहती हैं तो खेलों के इतिहास की सबसे सफल महिला ट्रैक एथलीट के रूप में जमैका की मार्लिन ओटे की बराबरी कर लेंगी। अमेरिकी ट्रैक ट्रायल में फेलिक्स एक समय पांचवें स्थान पर पिछड़ी हुई थी लेकिन इसके बाद जोरदार वापसी करते हुए दूसरा स्थान हासिल करने में सफल रहीं। फेलिक्स ने 50.02 सेकेंड का समय लिया और वह क्वानेरा हायेस से 0.24 सेकेंड पीछे रही। उनसे 0.01 सेकेंड पीछे वेडलिन योनाथास ने तीसरा स्थान हासिल किया।फेलिक्स ने रविवार की स्पर्धा के बाद कहा, यह मेरे लिए बेहद गौरवपूर्ण पल है। मैंने इसके लिए काफी मेहनत की है। कई बार मैं सुनिश्चित नहीं थी कि यह संभव होगा या नहीं। मुझे चुनौती पेश करने और किसी तरह टीम में जगह बना पाने पर गर्व है।
- ब्रिस्टल। अपना पहला टेस्ट खेल रही आल राउंडर स्नेह राणा (नाबाद 80 रन) की शानदार अर्धशतकीय पारी और तानिया भाटिया (नाबाद 44 रन) के साथ नौंवे विकेट के लिये 104 रन की रिकार्ड साझेदारी से भारत ने शनिवार को यहां चौथे और अंतिम दिन इंग्लैंड से एकमात्र क्रिकेट टेस्ट मैच ड्रा कराया।इंग्लैंड ने पहली पारी नौ विकेट पर 396 रन पर घोषित की थी जिसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में 231 रन पर सिमट गयी और मेजबानों ने उसे फॉलो ऑन दिया। शीर्ष क्रम ने फिर भारत को अच्छी शुरूआत करायी, पर मध्यक्रम फिर चरमरा गया। इसके बावजूद भारत ने निचले क्रम के बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत दूसरी पारी में आठ विकेट पर 344 रन बनाये और मैच ड्रा कराया। भारत के लिये पांच खिलाडिय़ों ने टेस्ट पदार्पण किया जिसमें स्नेह, तानिया, दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा अपने प्रदर्शन से सभी को लुभाने में सफल रहीं। स्नेह और तानिया ने इस तरह भारत की नौंवे विकेट के लिये 90 रन की रिकार्ड साझेदारी को पीछे छोड़ दिया जो शुभांगी कुलकर्णी और मणिमाला सिंघल के बीच 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ बनी थी। स्नेह ने अपनी पारी में 154 गेंद का सामना करते हुए 13 चौके जमाये जबकि तानिया ने छह चौके लगाये।इंग्लैंड की गेंदबाज सोफी एक्लेस्टोन ने दोनों पारियों में चार चार विकेट हासिल किये जबकि हीथर नाइट और नैट स्किवर ने दोनों पारियों में कुल तीन तीन विकेट झटके। भारत ने एक विकेट पर 83 रन से आगे खेलते हुए लंच तक तीन विकेट पर 171 रन बना लिये थे जिसमें दीप्ति शर्मा ने 54 रन की संयमित पारी खेली। दीप्ति ने पूनम राउत (83 गेंद में 39 रन) के साथ 72 रन की भागीदारी की लेकिन लंच से पहले आउट हो गयीं। भारत ने लंच के बाद चार विकेट जल्दी गंवा दिये थे और इस दौरान केवल 28 रन जुड़े। लेकिन पदार्पण कर रही स्नेह और शिखा पांडे (18 रन) ने आठवें विकेट के लिये 41 रन की अहम साझेदारी निभा मेहमान टीम को मैच में ड्रा की ओर बनाये रखा। इन दोनों ने 17 ओवर तक बल्लेबाजी की जिसके बाद शिखा 91वें ओवर में नैट स्किवर की गेंद पर स्टंप के पीछे आउट हो गयीं। दूसरे सत्र में इंग्लैंड ने कप्तान मिताली राज (04) को सस्ते में आउट कर दिया और फिर राउत का विकेट झटका जिससे स्कोर पांच विकेट पर 175 रन हो गया। कप्तान मिताली इंग्लैंड की गेंदबाज सोफी एक्लेस्टोन (मैच में कुल आठ विकेट) की गेंद को नहीं पढ़ सकीं जिससे उनके स्टंप उखड़ गये जबकि अच्छी लय में दिख रही राउत स्क्वायर लेग पर सीधा कैच देकर आउट हुईं। पूजा वस्त्राकर (12) ने फिर 68वें ओवर में एक्लेस्टोन पर तीन बाउंड्री लगायी पर 71वें ओवर में हीथर नाइट ने उनका विकेट झटक लिया। पहली पारी में महज चार रन बनाने वाली उप कप्तान हरमनप्रीत कौर भी ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सकीं और स्लॉग स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में एक्लेस्टोन का चौथा शिकार बनीं। शिखा और स्नेह ने मिलकर आठ चौके लगाकर कुछ रन जोड़े।इससे पहले भारत ने सुबह सलामी बल्लेबाज शेफाली का विकेट गंवाया जो 30वें ओवर में एक्लेस्टोन का शिकार बनी। वह अपने रात के 55 रन के स्कोर में आठ रन ही जोड़ सकीं और टीम का स्कोर दो विकेट पर 99 रन हो गया। एक्लेस्टोन के ओवर की पहली गेंद को सीधे छक्के के लिये भेजने के बाद शेफाली अंतिम गेंद पर आउट हुईं जिनका कैच लांग आन पर कैथरीन ब्रंट ने लपका। इसके बाद दीप्ति और राउत काफी संयमित होकर खेलीं और इन दोनों ने टीम को लंच तक छह रन की बढ़त दिला दी। तब भारत के सात विकेट बचे थे। दीप्ति ने कुछ बेहतरीन शॉट लगाये जिसमें आन्या श्रबसोल पर एक ड्राइव और स्वीप शॉट शामिल था।राउत ने भी कुछ गेंदों को सीमा तक पहुंचाया लेकिन इस दौरान वह पगबाधा की दो अपील से भी बचीं और दोनों बार डीआरएस ने उन्हें बचा लिया। दीप्ति 55वें ओवर में नटाली स्किवर की गेंद पर एक रन लेकर 50 रन तक पहुंची। एक्लेस्टोन की गेंद पर दीप्ति का ध्यान भंग हुआ और वह गेंद को स्लॉग करने की कोशिश में लेग स्टंप पर लगा बैठी। यह लंच से पहले 58वें ओवर की अंतिम गेंद थी।
- चेन्नई। भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी निहाल सरीन और आर प्रागनानंधा को रूस में होने वाले आगामी विश्व कप के पुरूष वर्ग में फिडे प्रेसिंडेंट्स वाइल्ड कार्ड मिला है। ग्रैंडमास्टर सरीन (16 वर्ष) और ग्रैंडमास्टर प्रागनानंधा (15 वर्ष) इस तरह 10 जुलाई में सोच्चि में होने वाले विश्व कप में ग्रैंडमास्टर विदित संतोष गुजराती, पी हरिकृष्णा, अरविंद चिदम्बरम, पी इनियान और डी गुकेश के साथ शिरकत करेंगे। चेस डॉट कॉम इंडिया ने ट्वीट किया, ‘‘उभरते हुए स्टार निहाल सरीन और प्रागनानंधा को फिडे प्रेसिडेंट्स वाइल्ड कार्ड मिला है। ये दोनों अगले महीने विश्व कप में खेलेंगे। '
- - जीवनसाथी के निधन की खबर अक्सर ही उसके साथी को 'ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम' से ग्रसित कर देती है- विशेषज्ञनई दिल्ली। भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर की कोविड-19 से मृत्यु होने के पांच दिन बाद मिल्खा सिंह का भी निधन हो गया। इस महामारी ने पूरे भारत को अपनी चपेट में लिया, जिसमें कई अन्य दंपती की भी जान चली गई। वे लोग दशकों से एक दूसरे के साथी थे, या शायद साथ में अपने जीवन का सफर शुरू किया था और हफ्तों के अंदर तथा कभी-कभी कुछ दिनों के अंतराल पर दुनिया को अलविदा कह गये।मनोचिकित्सकों ने इसके लिए एक शब्दावली-'ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम' दी है और महान मिल्खा सिंह दंपती संभवत: इसके प्रतीक हैं। कोविड-19 से 91 वर्ष की आयु में लंबी लड़ाई लडऩे के बाद भारत के महान खेल विभूतियों में शामिल मिल्खा सिंह का निधन शुक्रवार को चंडीगढ़ में हो गया। वहीं, उनकी पत्नी एवं राष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुकी निर्मल कौर का 13 जून को निधन हो गया था। उन दोनों का विवाह 58 साल पहले हुआ था और 65 साल पहले वे एक दूसरे से पहली बार मिले थे। उनकी तीन बेटियों और बेटे जीव मिल्खा सिंह ने अपने माता-पिता के सच्चे प्रेम और साहचर्य की सराहना की।परिवार ने एक बयान में कहा, ''उन्होंने बहुत हौसला दिखाया, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और शायद यह उनका सच्चा प्रेम और साहचर्य ही था कि दोनों ही लोग, हमारी मां निर्मल जी और अब पिता पांच दिनों के अंतराल पर गुजर गए।'' इस तरह से निधन होने वाले लोगों में सिर्फ वे ही एकमात्र नहीं हैं।राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाडिय़ा (89) और उनकी पत्नी शांति पहाडिय़ा (पूर्व विधायक एवं राज्यसभा सदस्य) का निधन भी कुछ ही दिनों के अंतराल पर हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री का निधन गुडगांव के अस्पताल में 20 मई को हुआ था, जबकि उनसे दो साल छोटी उनकी पत्नी का निधन उसी अस्पताल में तीन दिन बाद हुआ। उनके बेटे ओम प्रकाश पहाडिय़ा ने कहा, ''वे दोनों जीवनभर साथ रहे और राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे तथा एक साथ दुनिया को अलविदा कह गये।''वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरूआ और नीलाक्षी भट्टाचार्य का भी कोविड से मई में गुडग़ांव के अस्पताल में निधन हो गया। उनका भी निधन एक दूसरे से तीन दिन के अंतराल पर हुआ था। लंबे समय तक साथ रहने के बाद राजस्थान के बीकानेर निवासी दंपती ओम प्रकाश और मंजू देवी भी एक दूसरे से अलग नहीं रह सके। पिछले साल नवंबर में 15 दिनों के अंतराल पर उनका निधन हो गया। उनके भतीजे ने कहा कि उनकी चाची अपने पति के निधन के सदमे को सहन नहीं कर सकी।ऐसे मामलों में, जिनमें किसी दंपती में एक का इलाज के दौरान निधन हो जाता है जबकि दूसरा अब भी रोग से उबर रहा होता है, उस बारे में मेडिकल विशेषज्ञों की यह सलाह है कि निधन की खबर जीवनसाथी की स्थिति खतरे से बाहर होने के बाद ही साझा की जाए। मुंबई के मनोचिकित्सक हरीश शेट्टी के मुताबिक निधन की खबर नहीं मिलने पर रोग से उबरने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ''जब दंपती में एक शारीरिक रूप से बहुत ही कमजोर हो जाता है तब उसे इस तरह की सूचना देने पर उसका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है और स्थिति बहुत ही खराब हो जाती है।'' शेट्टी ने कहा, ''मैं उन टीमों में शामिल रहा हूं, जिसने जीवनसाथी को रोग से उबरने के बाद (दुखद) सूचना दी। परिवार, चिकित्सक और सलाहकार की मौजूदगी जरूरी है।'' अर्पिता बसु रॉय के माता-पिता का चार दिनों के अंतराल पर निधन हो गया। दोनों एक साथ अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने बताया, ''वे दोनों एक दूसरे के बगैर भोजन भी नहीं करते थे। ''उन्होंने बताया, ''जब उनकी मां का निधन हो गया, तब उनके पिता के जीने की इच्छा भी नहीं रही। वे दोनों जीवनसाथी थे और शायद एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे।'' गुडग़ांव की मनोचिकित्सक ज्योति कपूर ने कहा कि जीवनसाथी के निधन की खबर अक्सर ही उसके साथी को 'ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम' से ग्रसित कर देती है। यह हृदय की एक ऐसी अस्थायी स्थिति है, जो काफी तनाव और अत्यधिक भावुक होने से पैदा होती है। अपने माता-पिता को कोविड-19 के कारण गंवा चुके कॉमेडियन भुवन बाम ने कहा , आई और बाबा के बिना पहले जैसा कुछ नहीं रहेगा। एक महीने में सब बिखर चुका है। घर, सपने, सब कुछ। '' मुंबई के इस कलाकार ने पिछले हफ्ते इंस्टाग्राम पर लिखा, ''क्या मैं एक अच्छा बेटा था? क्या मैंने उन्हें बचाने की पर्याप्त कोशिश की? ये सवाल हमेशा ही मेरे मन में बने रहेंगे।'
- चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि खेल विश्वविद्यालय पटियाला में मिल्खा सिंह के नाम पर पीठ स्थापित की जाएगी। अपने जमाने के दिग्गज ट्रैक एवं फील्ड एथलीट मिल्खा सिंह का शुक्रवार की रात को कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं के कारण निधन हो गया था। मुख्यमंत्री ने मिल्खा सिंह के सेक्टर-8 स्थित आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘हम खेल विश्वविद्यालय पटियाला में मिल्खा सिंह पीठ स्थापित करने जा रहे हैं। '' अमरिंदर सिंह और राज्य के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह मिल्खा के पुत्र जीव और अन्य परिजनों के पास शोक व्यक्त करने के लिये आये थे। file photo
- -मिल्खा सिंह के निधन पर खेल जगत के शोक संदेशों से भरा सोशल मीडियानई दिल्ली। भारत के महान धावक और फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह के पार्थिव शरीर का आज शाम पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। कोविड से संबंधित समस्याओं के कारण कल रात चंड़ीगढ़ के पीजीआईएमईआर में उनका निधन हो गया था।अंतिम संस्कार स्थल के लिए शव यात्रा शुरू होने से पहले पंजाब के राज्यपाल वी.पी बदनोर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी, राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों, जाने-माने एथलीट और खिलाडिय़ों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। केन्द्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग महान एथलीट के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी।दिवंगत मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी। चिता प्रज्जवलित होने से पहले पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने अपने शस्त्र झुकाकर उन्हें सम्मान दिया। पंजाब सरकार ने दिवंगत आत्मा के सम्मान में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।मिल्खा सिंह के निधन पर खेल जगत के शोक संदेशों से भरा सोशल मीडियाभारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के निधन पर खेल जगत शोक में डूब गया है और सोशल मीडिया पर उन्हें श्रृद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है । मिल्खा का कोरोना महामारी से एक महीने तक जूझने के बाद चंडीगढ के एक अस्पताल में कल देर रात निधन हो गया था। भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली से लेकर महान फर्राटा धाविका पी टी उषा तक सभी ने सोशल मीडिया पर उन्हें भावभीनी श्रृद्धांजलि दी ।पी टी उषा : मेरे आदर्श और प्रेरक मिल्खा सिंह जी के निधन के बाद दुख के काले बादल छा गए हैं । जुझारूपन और कड़ी मेहनत की उनकी कहानी ने लाखों को प्रेरित किया और आगे भी करती रहेगी । उषा स्कूल के छात्रों की ओर से उन्हें श्रृद्धांजलि ।सौरव गांगुली : इस खबर से बहुत आहत हूं । आरआईपी, भारत के महानतम खिलाडिय़ों में से एक । आपने युवा भारतीयों को एथलीट बनने के सपने दिये । आपको करीब से जानने का सौभाग्य मुझे मिला ।एम सी मैरीकॉम : हमारे राष्ट्रीय नायक और लीजैंड श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से दुखी हूं । शोक संतप्त परिवार को मेरी हार्दिक संवेदनायें । आरआईपी मिल्खा सिंह ।शुभंकर शर्मा : मिल्खा अंकल नहीं रहे । विश्वास ही नहीं होता । चंडीगढ अब पहले जैसा नहीं रहेगा । अपने जीवन के विभिन्न मोड़ पर उनसे मिलने और प्रेरित होने का सौभाग्य मिला । हर बार उनसे एक नयी सीख मिली । उनका व्यक्तित्व ही ऐसा था ।हिमा दास : विश्व चैम्पियनशिप अंडर 20 खिताब और एशियाई खेलों में पदक जीतने के बाद मुझे मिल्खा सर ने फोन किया था । उन्होंने कहा था कि हिमा मेहनत करती रहो, तुम्हारे पास समय है और तुम विश्व स्तर पर भारत के लिये पदक जीत सकती हो । आपका सपना पूरा करने की कोशिश करूंगी सर ।जसप्रीत बुमराह : एक नायक, एक प्रेरणा, एक लीजैंड । वह आने वाली पीढियों को प्रेरित करते रहेंगे । आरआईपी मिल्खा सिंह सर ।ऋषभ पंत : भारत एक महानायक और प्रेरणा के स्रोत को विदा दे रहा है ।आप आने वाली पीढी के खिलाडिय़ों को प्रेरित करते रहेंगे ।वीरेंद्र सहवाग : महान व्यक्ति मिल्खा सिंह जी का शरीर हमारे बीच नहीं रहा लेकिन मिल्खा नाम हमेशा हौसले और इच्छाशक्ति का परिचायक रहेगा । क्या शानदार इंसान थे । उनके परिवार को मेरी संवेदनायें । ओम शांतिशिखर धवन : आरआईपी मिल्खा सिंह जी । आपने ऐसी विरासत छोड़ी है जो भारतीय खिलाडिय़ों की पीढियों को प्रेरित करेगी ।युवराज सिंह : मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर से दिल टूट गया है ।उनकी जिंदगी और उपलब्धियां लाखों को प्रेरित करेंगी और इन यादों में वह अमर रहेंगे । जीव और परिवार के प्रति मेरी संवेदनायें ।वीवीएस लक्ष्मण : लीजैंड मिल्खा सिंह जी के निधन से दुखी हूं ।उनकी विरासत पीढी दर पीढी अमर रहेगी । परिवार और प्रशंसकों को मेरी सांत्वना ।हार्दिक पंड्या : आरआईपी मिल्खा सिंह सर। सच्चे महान एथलीट और प्रेरणादायक। आपने दुनिया को दिखाया कि इतनी परेशानियों के बावजूद आप कुछ भी हासिल कर सकते हो। उनके मित्रों और परिवार को संवेदनायें।पंकज आडवाणी : चैम्पियन मिल्खा सिंह के निधन की खबर सुनना दुखद। परिवार को संवेदनायें। आरआईपी।इरफान पठान : हमेशा देश के लिये प्रेरणास्रोत। आरआईपी मिल्खा सिंह।वेंकटेश प्रसाद : मिल्खा सिंह जी ने अपने धैर्य, दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और अपार प्रतिभा से जो हासिल किया, वह हमेशा भारतीय खेल लोकगाथाओं का हिस्सा बना रहेगा। उनके परिवार को मेरी संवेदनायें। ओम शांति।युजवेंद्र चहल : खेलों में काफी सारे महान खिलाड़ी हैं और एक तरफ मिल्खा सिंह जी, जो भारत में किसी के लिये भी खेलों में सफलता हासिल करने के लिये बाधाओं से निपटने की प्रेरणादायक कहानी है। सलाम। आरआईपी मिल्खा सिंह।दिनेश कार्तिक : भारत के महानतम एथलीटों में से एक मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
- रायपुर। फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर महान धावक पद्मश्री मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद श्री नवीन जिन्दल ने उनके निधन पर शोक जताया है।ट्वीटर के माध्यम से शोक व्यक्त करते हुए श्री नवीन जिन्दल ने कहा है कि मिल्खा सिंह राष्ट्र के नायक थे। उनका जीवन और उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढिय़ों को सदैव प्रेरित करती रहेंगी। ईश्वर उनके परिवार को यह पीड़ा सहन करने की शक्ति दे।पद्मश्री मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। मिल्खा सिंह ने रात 11:30 बजे अंतिम सांस ली। मिल्खा सिंह कोरोना वायरस से तो उबर चुके थे लेकिन वह पोस्ट कोविड परेशानियों से पीडि़त थे। वह 91 साल के थे। पांच दिन पहले ही उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का भी पोस्ट कोविड परेशानियों के कारण निधन हुआ था।गौरतलब है कि मिल्खा सिंह की 17 मई को कोरोना रिपोर्ट पॉजटिव आई थी। तबीयत बिगडऩे के बाद उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां कोरोना की रिपोर्ट नेगटिव आने के बाद 31 मई को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। इसके बाद वह चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित अपने घर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आराम कर रहे थे। तीन जून को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और आक्सीजन लेवल गिरने के बाद उन्हें पीजीआई में भर्ती करवाया गया था। इससे पहले 13 जून को उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का कोरोना महामारी से निधन हो गया था। पोस्ट कोविड परेशानियों के कारण मिल्खा सिंह का भी कल देर रात निधन हो गया। इससे खेल जगत में शोक की लहर है। मिल्खा सिंह एकमात्र ऐसे भारतीय धावक हैं जिन्हें एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक मिला है। 1958 और 1962 के एशियाई खेलों में भी उन्हें स्वर्ण पदक मिला। उन्होंने 1956 में मेलबर्न, 1960 में रोम और 1964 के तोक्यो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भी हिस्सा लिया। उनका ऐतिहासिक कीर्तिमान 1960 के रोम ओलंपिक का है, जिसमें 400 मीटर दौड़ में उन्हें चौथा स्थान मिला था। 45.73 सेकंड में दौड़ पूरी करने का उनका राष्ट्रीय रिकॉर्ड अगले 40 साल तक बरकरार रहा।
- नई दिल्ली। भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार को निधन हो गया। इससे पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। पद्मश्री मिल्खा सिंह 91 वर्ष के थे।उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं। उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया, 'उन्होंने रात 11.30 पर आखिरी सांस ली।Ó उनकी हालत शाम से ही खराब थी और बुखार के साथ ऑक्सीजन भी कम हो गई थी। वह यहां जीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे। उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था और बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। गुरुवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी। उनकी पत्नी 85 वर्षीय निर्मल का रविवार को एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था।प्रधानमंत्री ने जताया दुख, लिखा- हमने महान ऐथलीट खो दियामहान ऐथलीट के निधन पर पीएम मोदी ने तस्वीर शेयर करते हुए शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया- मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया, जिसने देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया और अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया। उनके प्रेरक व्यक्तित्व ने उन्हें लाखों लोगों का प्रिय बना दिया। उनके निधन से आहत हूं। उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा- अभी कुछ दिन पहले ही मेरी मिल्खा सिंह जी से बात हुई थी। मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी। कई ऐथलीट उनकी जीवन यात्रा से ताकत हासिल करेंगे। उनके परिवार और दुनिया भर में कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।मिल्खा सिंह के संघर्ष पर बन चुकी है फिल्मदिग्गज धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर 'भाग मिल्खा भाग' नाम से फिल्म भी बनी है, जिसमें अभिनेता फरहान अख्तर ने लीड रोड निभाया था। उडऩ सिख के नाम से लोकप्रिय मिल्खा सिंह ने कभी भी हार नहीं मानी। हालांकि मिल्खा सिंह ने कहा था कि फिल्म में उनकी संघर्ष की कहानी उतनी नहीं दिखाई गई है जितनी कि उन्होंने झेली है।बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं गोल्फरमिल्खा सिंह के बेटे जीव मिल्खा सिंह इंटरनैशनल स्तर पर एक जाना माना गोल्फर हैं। जीव ने दो बार एशियन टूर ऑर्डर ऑफ मेरिट जीता है। उन्होंने साल 2006 और 2008 में यह उपलब्धि हासिल की थी। दो बार इस खिताब को जीतने वाले जीव भारत के एकमात्र गोल्फर हैं। वह यूरोपियन टूर, जापान टूर और एशियन टूर में खिताब जीत चुके हैं।ये सम्मान हासिल करने वाली पिता पुत्र की पहली जोड़ीजीव मिल्खा सिंह को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है। ऐसे में मिल्खा सिंह और उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह देश के ऐसे इकलौते पिता-पुत्र की जोड़ी है, जिन्हें खेल उपलब्धियों के लिए पद्मश्री मिला है।एशियाई खेलों में 4 और कॉमवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड हैं मिल्खा सिंह के नामएशियाई खेलों में 4 स्वर्ण पदक और कॉमनवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड मेडल जीतने वाले मिल्खा सिंह की रफ्तार की दीवानी दुनिया थी।चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था । उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था। फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर इस धावक को दुनिया के हर कोने से प्यार और समर्थन मिला। मिल्खा का जन्म अविभाजित भारत (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ, लेकिन वह आजादी के बाद हिंदुस्तान आ गए।रोम ओलिंपिक में काश मिल्खा ने पीछे मुड़कर न देखा होता!जब भी मिल्खा सिंह का जिक्र होता है रोम ओलिंपिक में उनके पदक से चूकने का जिक्र जरूर होता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मेरी आदत थी कि मैं हर दौड़ में एक दफा पीछे मुड़कर देखता था। रोम ओलिंपिक में दौड़ बहुत नजदीकी थी और मैंने जबरदस्त ढंग से शुरुआत की। हालांकि, मैंने एक दफा पीछे मुड़कर देखा और शायद यहीं मैं चूक गया। इस दौड़ में कांस्य पदक विजेता का समय 45.5 था और मिल्खा ने 45.6 सेकंड में दौड़ पूरी की थी।
- नई दिल्ली। युवा मामले और खेल मंत्रालय ने 2021 के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कर (आरकेपीपी) और मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी(एमएकेए) जैसे खेल पुरस्कारों के लिए नामांकन/आवेदन 19 और 20 मई को आमंत्रित किए थे। अधिसूचनाएं मंत्रालय की वेबसाइट www.yas.nic.in.पर अपलोड की गई थीं।नामांकन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 21 जून, 2021 से बढ़ाकर 28 जून, 2021 (सोमवार) कर दी गई है। पुरस्कार के लिए पात्र खिलाड़ियों/ कोचों/ संस्थाओं/ विश्वविद्यालयों से नामांकन/आवेदन आमंत्रित किएजाते हैं और उन्हें [email protected] या [email protected] पर ई-मेल किया जाना है। भारतीय ओलंपिक संघों/भारतीय खेल प्राधिकरण/मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघों/खेल संवर्धन बोर्डों/राज्य और केंद्र सरकारों आदि को भी तदनुसार सूचित किया जाता है । 28 जून, 2021 के बाद प्राप्त नामांकन पर विचार नहीं किया जाएगा।
- हाले (जर्मनी)। भारत के रोहन बोपन्ना और दिविज शररण नोवेंती ओपन पुरूष युगल टेनिस वर्ग से सीधे सेटों में क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारकर बाहर हो गए।बोपन्ना और शरण को छठी वरीयता प्राप्त बेल्जियम के सैंडर गिली और जोरान विलेजेन ने 6 . 3, 7 . 6 से हराया ।तोक्यो ओलंपिक में कट में प्रवेश की बाट जोह रही भारतीय जोड़ी ने दूसरे दौर में दूसरी वरीयता प्राप्त लुकाज कुबोट और एडुअर्ट रोजर वेसलीन को हराया था । बोपन्ना युगल रैंकिंग में 38वें और शरण 75वें स्थान पर हैं । दोनों की संयुक्त रैंकिंग तोक्यो ओलंपिक के लिये कट आफ तारीख 14 जून को 113 थी । अब कई टीमें युगल वर्ग से नाम वापिस लेती हैं तो ही भारतीय जोड़ी तोक्यो ओलंपिक खेल सकेगी ।
- लुसाने। पिछले डोपिंग मामलों के कारण रोमानिया के तोक्यो ओलंपिक की भारोत्तोलन स्पर्धा में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने यह फैसला किया ।रोमानिया भारोत्तोलन महासंघ पर पांच डोपिंग मामलों के कारण एक साल का प्रतिबंध लगाया गया है । इसमें रोमानिया के चारों भारोत्तोलकों का 2012 ओलंपिक से बाहर होना शामिल है जिनके नमूनों की बाद में दोबारा हुई जांच में प्रतिबंधित पदार्थ पाये गए । इनमें से एक गैब्रियल सिनक्रेइयन ने 2016 रियो ओलंपिक में जीता पदक भी गंवा दिया । रोमानिया के अलावा मिस्र , मलेशिया और थाईलैंड भी तोक्यो ओलंपिक में भारोत्तोलन में भाग नहीं ले सकेंगे ।
- बेंगलुरू। तोक्यो ओलंपिक के लिये भारत की 16 सदस्यीय पुरूष हॉकी टीम में दस नये चेहरों को जगह दी गई है जबकि चोट के कारण रियो ओलंपिक 2016 खेलने से चूके अनुभवी डिफेंडर बीरेंद्र लाकड़ी की वापसी हुई है ।हॉकी इंडिया ने अगले महीने होने वाले ओलंपिक के लिये शुक्रवार को भारतीय पुरूष टीम का ऐलान किया । इसमें अनुभवी खिलाडिय़ों में गोलकीपर पी आर श्रीजेश , मिडफील्डर मनप्रीत, डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, सुरेंदर कुमार और फॉरवर्ड मनदीप सिंह शामिल हैं जो पहले ओलंपिक खेल चुके हैं । अनुभवी प्लेमेकर एस वी सुनील, आकाशदीप सिंह और रमनदीप सिंह टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे हैं । घुटने की चोट के कारण रियो ओलंपिक से बाहर रहे लाकड़ा ने टीम में वापसी की है ।टीम चयन के बारे में मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा , अंतिम 16 खिलाडिय़ों का चयन आसान नहीं था क्योंकि सभी खिलाड़ी प्रतिभाशाली और ऊर्जावान हैं । सभी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे और एक टीम के रूप में अच्छा खेल रहे थे। उन्होंने कहा , उन्हें पता है कि ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के क्या मायने होते हैं । अब हम उसी जोश के साथ अभ्यास करते रहेंगे और एक ईकाई के रूप में तोक्यो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे । भारतीय टीम ने ओलंपिक के इतिहास में 11 पदक जीते हैं जिनमें आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक शामिल है । भारत ने आखिरी बार हालांकि मॉस्को ओलंपिक 1980 में ओलंपिक पदक जीता था । पिछले कुछ साल में भारत ने 2016 और 2018 एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी , 2017 एशिया कप और 2019 विश्व सीरिज जीते हैं ।भारतीय टीम को 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक में पूल ए में गत चैम्पियन अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्पेन और मेजबान जापान के साथ रखा गया है ।टीम :गोलकीपर : पी आर श्रीजेशडिफेंडर : हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, सुरेंदर कुमार, अमित रोहिदास, बीरेंद्र लाकड़ामिडफील्डर : हार्दिक सिंह, मनप्रीत सिंह, विवेक सागर प्रसाद, नीलकांत शर्मा, सुमितफॉरवर्ड : शमशेर सिंह , दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह, ललित उपाध्याय, मनदीप सिंह ।
- बेंगलुरू। कर्नाटक के पूर्व क्रिकेटर बी विजयकृष्णा का दिल का दौरा पडऩे और विभिन्न अंगों के काम नहीं करने के कारण गुरूवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया । 71 वर्ष के कर्नाटक के पूर्व हरफनमौला को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली । अपने 15 वर्ष के कॅरिअर में उन्होंने 80 प्रथम श्रेणी मैच खेलकर 194 विकेट लिये और दो शतक समेत 2297 रन बनाये । वह सत्तर के दशक में रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक की पहली खिताबी जीत का हिस्सा थे । कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा , बतौर हरफनमौला अपने 15 साल के कैरियर में उन्होंने 80 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैच खेलकर 2000 से अधिक रन बनाये और 194 विकेट लिये । हमने एक महान क्रिकेटर खो दिया । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे ।
- रिजलैंड (अमेरिका) ।भारतीय गोल्फर अनिर्बान लाहिड़ी यहां पालमेटियो चैम्पियनशिप के आखिरी दौर में चार अंडर 67 के शानदार कार्ड के साथ संयुक्त रूप से 25वें स्थान पर रहे। चौथे दौर में शुरू के पांच होल में से चार में बर्डी लगाकर उन्होंने शानदार शुरूआत की लेकिन इसके बाद इस लय को बरकरार रखी। उन्होंने इस दौरान छह बर्डी और दो बोगी की। इस दौर में चार अंडर के कार्ड से उनका कुल स्कोर पांच अंडर 279 रहा। इससे पहले उन्होंन शुरूआती तीन दौर में 69-73-70 का स्कोर किया था। इस प्रदर्शन से हालांकि भारतीय खिलाड़ी को राहत मिली होगी क्योंकि इससे पहले वह तीन टूर्नामेंटों में कट हासिल करने में नाकाम रहे थे। इससे उनकी फेडएक्सकप रैंकिंग में कुछ हद तक सुधार हुआ है और वह सात स्थान के सुधार के साथ 115 वें स्थान पर पहुंच गये है। सत्र के आखिर में इस रैंकिंग के शीर्ष 125 खिलाड़ी फेडएक्सकप प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करेंगे। इसबीच दक्षिण अफ्रीका के 22 साल के गैरिक हिग्गो तीन अंडर 68 के कार्ड के साथ कुल 11 अंडर के स्कोर से इसके विजेता बने। छह खिलाड़ी 10 अंडर के स्कोर के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे।
- दुबई। बांग्लादेश के पूर्व कप्तान मुशफिकुर रहीम और स्कॉटलैंड की हरफनमौला कैथरीन ब्राइस को सोमवार को क्रमश: पुरुष और महिला वर्ग में मई के लिए आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) का महीने का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। आईसीसी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विजेताओं की घोषणा की।विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर ने इस दौरान श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट और तीन वनडे खेले। उन्होंने दूसरे एकदिवसीय में 125 रन की पारी खेली जिससे उनकी टीम श्रीलंका के खिलाफ पहली बार एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला जीतने में सफल रही। मुशफिकुर के प्रदर्शन पर भारत के पूर्व बल्लेबाज और आईसीसी वोटिंग अकादमी के सदस्य वीवीएस लक्ष्मण ने कहा, ‘‘ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 15 साल तक क्रिकेट खेलने के बाद भी मुशफिकुर की रन बनाने की ललक कम नहीं हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी इस उपलब्धि के मायने और बढ़ जाते है क्योंकि बांग्लादेश ने 1996 विश्व कप विजेता टीम के खिलाफ पहली बार एकदिवसीय श्रृंखला जीती है।'' भारत के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ मध्यक्रम को मजबूत करने और विकेटकीपिंग करने से उनकी फिटनेस और कौशल का पता चलता है।'' महिला वर्ग में कैथरीन हाल में जारी रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाने वाली स्कॉटलैंड की पहली खिलाड़ी (पुरुष या महिला) बनी थी। उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ चार टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 96 रन बनाने के अलावा पांच विकेट चटकाए और इस दौरान उनकी इकोनॉमी रेट 4.76 रन प्रति ओवर रही।
- नयी दिल्ली ।ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके आस्ट्रिया के मार्टिन स्ट्रेंपफल ने एक बार फिर दबदबा बनाते हुए सातवीं अंतरराष्ट्रीय आनलाइन निशानेबाजी चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीत लिया। क्वालीफिकेशन में विश्व रिकॉर्ड से 0.2 अंक अधिक जुटाने वाले मार्टिन ने रविवार रात फाइनल में 255.8 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में विश्व रिकॉर्ड से तीन अंक अधिक हासिल किए। मार्टिन ने हाल में ‘टॉपगन' टूर्नामेंट में भी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले सर्बिया के मिलेंको सेबिच को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता था जो दर्शाता है कि खेलों के महाकुंभ से पहले वह शानदार फॉर्म में हैं। रविवार को मार्टिन ने दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके अमेरिका के लुकास कोजेनिस्की को पछाड़ा जिन्होंने 251.5 अंक जुटाए। चैंपियनशिप का आयोजन पूर्व भारतीय निशानेबाज शिमोन शरीफ ने किया।प्रतियोगिता का कांस्य पदक भारत के रुद्रांक्ष पाटिल (230.1) ने जीता। उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके अमेरिका के विलियम शेनर (208.8) को पछाड़ा। फाइनल में जगह बनाने वाले तीन अन्य भारतीय निशानेबाजों में जूनियर विश्व चैंपियन हृदय हजारिका पांचवें स्थान पर रहे जबकि जूनियर एशियाई चैंपियन यशवर्धन और युवा ओलंपिक खेलों के रजत पदक विजेता साहू माने ने क्रमश: छठा और सातवां स्थान हासिल किया।
- बर्मिंघम। न्यूजीलैंड ने दूसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन पहले ही घंटे में इंग्लैंड को आठ विकेट से हराकर श्रृंखला 1-0 से अपने नाम की जिससे टीम का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की आगामी टीम रैंकिंग में नंबर एक टेस्ट टीम बनना तय है। न्यूजीलैंड पिछले सात साल में पहली मेहमान टीम है जिसने इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर हराया है। सात साल पहले श्रीलंका ने यह उपलब्धि हासिल की थी। पहली पारी में 85 रन से पिछड़ने वाली इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 122 रन पर ढेर हो गई। टीम की ओर से नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे मार्क वुड ने सर्वाधिक 29 रन बनाए। न्यूजीलैंड की ओर से मैन आफ द मैच मैट हेनरी और नील वैगनर ने क्रमश: 36 और 18 रन देकर तीन-तीन जबकि ट्रेंट बोल्ट और ऐजाज पटेल ने दो-दो विकेट चटकाए। न्यूजीलैंड को 38 रन का लक्ष्य मिला जो उसने डेवोन कॉनवाय (03) और विल यंग (08) के विकेट गंवाकर 10.5 ओवर में ही हासिल कर लिया। कप्तान टॉम लैथम 23 रन बनाकर नाबाद रहे। आईसीसी की टेस्ट टीम रैंकिंग में अभी भारत 121 अंक के साथ शीर्ष पर है जबकि न्यूजीलैंड उससे एक अंक पीछे दूसरे स्थान पर है। इन दोनों टीमों के बीच साउथम्पटन में 18 जून से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेला जाना है और इस प्रतिष्ठित फाइनल से पहले भारत को पछाड़कर दुनिया की नंबर एक टीम बनने से न्यूजीलैंड का मनोबल बढ़ेगा। इंग्लैंड की टीम आज दूसरी पारी में नौ विकेट पर 122 रन से आगे खेलने उतरी और ट्रेंट बोल्ट ने दिन की पहली ही गेंद पर ओली स्टोन (15) को विकेटकीपर टॉम ब्लंडेल के हाथों कैच कराके मेजबान टीम की पारी का अंत किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरे न्यूजीलैंड ने दूसरे ओवर में ही कॉनवाय का विकेट गंवा दिया जिन्हें स्टुअर्ट ब्रॉड ने विकेट के पीछे कैच कराया। स्टोन ने विल यंग का बोल्ड किया। लैथम हालांकि एक छोर पर डटे रहे और उन्होंने वुड पर दो चौके जड़कर अपनी टीम को जीत दिला दी।
- पेरिस। फ्रेंच ओपन में अपना पहला एकल ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने के एक दिन बाद बारबोरा क्रेजीकोवा ने रविवार को यहां युगल स्पर्धा की ट्राफी भी अपने नाम की और वह 2000 में मैरी पीयर्स के बाद रोलां गैरां में एकल और युगल खिताब जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गयीं। चेक गणराज्य की क्रेजीकोवा ने हमवतन कैटरीना सिनियाकोवा के साथ मिलकर महिला युगल फाइनल में पोलैंड की इगा स्वियातेक और अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स की जोड़ी को आसानी से 6-4 6-2 से शिकस्त दी। अनास्तासिया पावलूचेंकोवा को तीन सेट तक चले मुकाबले में हराकर अपना पहला ग्रैंडस्लैम जीतने वाली क्रेजीकोवा ने सिनियाकोवा के साथ तीसरी मेजर ट्राफी जीती और युगल रैंकिंग में शीर्ष पर वापसी सुनिश्चित की। क्रेजीकोवा और सिनयाकोवा की रोलां गैरां में यह दूसरी ट्राफी है जिन्होंने 2018 में भी यहां युगल खिताब जीता था। इन दोनों ने 2013 में पेरिस में ही जूनियर खिताब भी जीता था। रोलां गैरां 2020 की एकल चैम्पियन स्वियातेक और माटेक सैंड्स केवल तीसरे टूर्नामेंट में ही साथ में खेल रही थीं। पोलैंड और अमेरिकी खिलाड़ी की जोड़ी 1-5 से पिछड़ रही थी और उन्होंने अगले तीन गेम जीत लिये लेकिन वे क्रेजीकोवा और सिनियाकोवा को इसे अपने नाम करने से नहीं रोक सकीं जिन्होंने 43 मिनट में ही पहला सेट जीत लिया। दूसरे सेट में भी क्रेजीकोवा और सिनयाकोवा ने दबदबा बनाते हुए बैकहैंड विनर से जीत हासिल की।
- पेरिस। पूरे समय अपनी दिवंगत कोच के बारे में सोचती रही चेक गणराज्य की गैर वरीय बारबोरा क्रेजीकोवा ने अनास्तासिया पेवलियुचेंकोवा को 6 . 1, 2 . 6, 6 . 4 से हराकर फ्रेंच ओपन महिला एकल खिताब जीत लिया । क्रेजीकोवा के कैरियर का एकल खिलाड़ी के तौर पर यह पांचवां टूर्नामेंट है । पिछले पांच साल में रोलां गैरो पर खिताब जीतने वाली वह तीसरी गैर वरीय खिलाड़ी है ।क्रेजीकोवा ने जीत दर्ज करते ही आंखें मूंद ली और अपनी पूर्व कोच 1998 विम्बलडन चैम्पियन याना नोवोत्ना को याद किया जिनका 2017 में कैंसर के कारण निधन हो गया था । उन्होंने कहा ,'' उनके आखिरी शब्द थे कि खेल का मजा लो और ग्रैंडस्लैम जीतने की कोशिश करो । मुझे पता है कि वह कहीं से मुझे देख रही होंगी । इसीलिये दो हफ्ते के भीतर यह संभव हो सका । '' वह अब वर्ष 2000 के बाद दोहरा खिताब जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनने की कोशिश में होंगी । उस समय मैरी पियर्स ने महिला एकल और युगल दोनों खिताब जीते थे । क्रेजीकोवा और कैटेरिया सिनियाकोवा पहले ही दो ग्रैडस्लैम युगल खिताब जीत चुकी हैं और अब उन्हें फाइनल खेलना है । अनास्ताासिया के कैरियर का यह पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल था । दूसरे सेट में उन्हें बायें पैर में चोट का उपचार कराना पड़ा । क्रेजीकोवा के कैरियर का यह दूसरा डब्ल्यूटीए एकल खिताब है। उसने पिछले महीने फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में खिताब अपने नाम किया था । फ्रेंच ओपन महिला वर्ग में लगातार छठी बार कोई नयी चैम्पियन बनी है । दूसरी वरीयता प्राप्त और चार बार की ग्रैंडस्लैम विजेता नाओमी ओसाका ने एक मैच के बाद मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर नाम वापिस ले लिया था । मीडिया से बातचीत की अनिवार्यता को लेकर उनकी अधिकारियों से ठन गई थी। नंबर एक खिलाड़ी ऐश बार्टी को बायें कूल्हे में चोट के कारण दूसरे दौर से बाहर होना पड़ा । सेरेना विलियम्स चौथे दौर में और गत चैम्पियन इगा स्वियातेक क्वार्टर फाइनल में हार गई थी ।
- कोपेनहेगन। फिनलैंड के खिलाफ यूरोपीय फुटबॉल चैम्पियनशिप के मैच के दौरान डेनमार्क के मिडफील्डर क्रिस्टियन एरिक्सन मैदान पर गिर पड़े जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा । इस घटना के बाद मैच स्थगित कर दिया गया ।यूरोपीय फुटबॉल की शीर्ष ईकाई ने कहा कि एरिक्सन की हालत स्थिर है । वहीं डेनमार्क फुटबॉल महासंघ ने कहा कि वह होश में है । महासंघ ने ट्वीट किया ,'' क्रिस्टियन एरिक्सन होश में है और रिग्स हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा है ।'' मैदान पर गिरने के बाद एरिक्सन की छाती पर दबाव (चेस्ट कंप्रेशन) डालना पड़ा । करीब दस मिनट उपचार के बाद उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया । एरिक्सन पहले हाफ के आखिर में मैदान पर गिर गए और तुरंत चिकित्साकर्मियों ने उन्हें घेर लिया । उनके साथी खिलाडिय़ों ने इलाज के दौरान उनके इर्द गिर्द घेरा बना दिया था । इस मैच के लिये कोरोना काल में पहली बार 15000 दर्शकों को प्रवेश की अनुमति दी गई है ।--
- पेरिस। सर्बियाई स्टार नोवाक जोकोविच ने फ्रेंच ओपन टेनिस ग्रैंडस्लैम के चार से ज्यादा घंटे तक चले सेमीफाइनल में ‘लाल बजरी के बादशाह' राफेल नडाल को शिकस्त दी और अब रविवार को फाइनल में उनका सामना यूनान के 22 वर्षीय स्टेफानोस सिटसिपास से होगा। रोलां गैरां में दोनों के बीच यह मुकाबला शानदार रहा जिसमें जोकोविच ने पहला सेट गंवाने के बाद वापसी की और नडाल की 14वें फ्रेंच ओपन और रिकार्ड 21वें ग्रैंडस्लैम खिताब की उम्मीद तोड़ दी। नडाल को लाल बजरी पर हराना किसी के लिये आसान नहीं है और इतिहास में केवल दो ही खिलाड़ी हैं जो ऐसा कर पाये हैं जिसमें जोकोविच ऐसा दो बार कर चुके हैं। जोकोविच ने शुक्रवार रात को दोनों के बीच करियर की 58वीं भिड़ंत में 3-6, 6-3, 7-6 (4), 6-2 से जीत दर्ज की। शीर्ष वरीय जोकोविच पहला सेट गंवाने के बाद चौथे सेट में 0-2 से पिछड़ रहे थे लेकिन फिर उन्होंने छह गेम जीतकर क्ले कोर्ट मेजर टूर्नामेंट में छठी बार फाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने मैच के बाद कहा, ‘‘यह उन रात और मैचों में से एक है जो आपको हमेशा याद रहेंगे। '' जोकोविच ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से रोलां गैरां में मेरे मैचों में सर्वश्रेष्ठ मैच था और मैंने अपने पूरे करियर में जो मैच खेले हैं, उसमें टेनिस के स्तर को देखते हुए, कोर्ट (क्ले कोर्ट) में सफलता हासिल करने वाले मेरे सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी जिसका पिछले 15 से ज्यादा वर्षों से इस पर दबदबा रहा हो, इसे देखते हुए यह शीर्ष तीन मैचों में से एक था। '' उन्होंने कहा, ‘‘और माहौल अद्भुत था। ''नडाल की फ्रेंच ओपन के 108 मैचों में यह तीसरी हार थी और पिछले चार वर्षों से उन्होंने सभी मैच जीते थे जिसमें 2020 फाइनल में जोकोविच को हराना भी शामिल है। नडाल को फ्रेंच ओपन में पहली हार 2009 में रोबिन सोडरलिंग के हाथों मिली थी और फिर जोकोविच ने उन्हें 2015 में हराया था। चौंतीस वर्षीय जोकोविच ने कहा, ‘‘जब भी आप कोर्ट पर उससे खेलने के लिये उतरते हो तो आप जानते हो कि आपको इस खिलाड़ी के खिलाफ जीत हासिल करने के लिये ‘माउंट एवरेस्ट' पर चढ़ने जितनी मशक्कत करनी होगी। '' अब जोकोविच रविवार को दूसरी बार फ्रेंच ओपन खिताब और ओवरऑल 19वीं मेजर चैम्पियनशिप हासिल करने के लिये सिटसिपास के सामने होंगे जिन्होंने छठे वरीय एलेक्जेंडर ज्वेरेव को 6-3, 6-3, 4-6, 4-6, 6-3 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया और वह ऐसा करने वाले यूनान के पहले खिलाड़ी बने। जोकोविच अभी नडाल और रोजर फेडरर (दोनों के 20 ग्रैंडस्लैम खिताब) से दो खिताब पीछे हैं और वह इस अंतर को कम करना चाहेंगे। नडाल ने मैच के बाद स्वीकार किया कि टाईब्रेकर के तीसरे सेट में उनके खराब खेल का कारण थकान हो सकता है जिसमें उन्होंने एक डबल फाल्ट की। 35 साल के इस स्पेनिश खिलाड़ी ने कहा, ‘‘गलतियां हो सकती हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर आप जीतना चाहते हो तो आप ऐसी गलतियां नहीं कर सकते। यही टेनिस है। जो परिस्थितियों के अनुरूप बेहतर ढंग से खेल पाया, वह जीत का हकदार है। इसमें कोई शक नहीं, वह जीत का हकदार था। '' यह सेट एक घंटे 33 मिनट तक चला।
- गोथेनबर्ग ।भारतीय गोल्फर चौकड़ी स्केंडिनावियान मिश्रित मास्टर्स के दूसरे दौर में कोशिश करने के बावजूद कट में जगह नहीं बना सकी। भारतीय महिला गोल्फर त्वेसा मलिक और दीक्षा डागर तथा पुरूष गोल्फर शुभंकर शर्मा और अजीतेश संधू कट लाइन के करीब रहे जो तीन अंडर का था। शुभंकर (70-72) और अजीतेश (72-70) 10 लाख यूरो इनामी राशि के टूर्नामेंट में दो अंडर पर रहे और एक शाट से कट से चूक गये जबकि त्वेसा (70-73) और दीक्षा (70-73) एक अंडर पर रहीं और दो शॉट से पिछड़ गयीं।
- साउथम्पटन। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल से पहले भारतीय टीम के भीतर आपस में खेले गए अभ्यास मैच में ऋषभ पंत ने नाबाद शतक जमाया जबकि सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने 85 रन की पारी खेली । दो टीमों की कप्तानी विराट कोहली और केएल राहुल ने की । एक टीम में सारे बल्लेबाज और दूसरी में नियमित गेंदबाजों के साथ राहुल, रिधिमान साहा और हनुमा विहारी थे । पंत ने 94 गेंद में नाबाद 121 रन बनाये । वहीं रोहित शर्मा के साथ पारी का आगाज करते हुए गिल ने 135 गेंद में 85 रन की पारी खेली । समझा जाता है कि आउट होने के बाद भी बल्लेबाजों को खेलने के कई मौके दिये गए । अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने 36 रन देकर कोहली की टीम के तीन बल्लेबाजों को आउट किया ।दूसरे दिन बीसीसीआई द्वारा जारी वीडियो फुटेज में कप्तान कोहली लंबे समय बाद गेंदबाजी करते दिखे जिन्होंने राहुल को गेंद डाली ।
- नयी दिल्ली । महिला पहलवान बबीता कुमारी फोगाट हाल में कू ऐप से जुड़ी हैं। कू ने एक बयान में यह जानकारी दी गई है। अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बबीता फोगाट फिलहाल हरियाणा महिला विकास निगम (एचडब्ल्यूडीसी) की चेयरमैन हैं। बबीता फोगाट ‘दंगल गर्ल' के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने 2014 के राष्ट्रमंडल खेलो में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा 2018 में विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। कू भारतीय भाषाओं में अपने विचारों को रखने का माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच है। कई अन्य खिलाड़ी मसलन भाईचुंग भूटिया, साइना नेहवाल, मनु भाकर, सुमित कुमार, अनिल कुंबले ओर जवागल श्रीनाथ भी इस ऐप पर हैं। कू ऐप की स्थापना मार्च, 2020 में भारतीय भाषाओं में एक माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच के रूप में हुई थी। यह ऐप कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।