- Home
- छत्तीसगढ़
- कृषकों को फसल चक्र परिवर्तन के संबंध में दी गई विस्तारपूर्वक जानकारीबालोद/राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत उद्यानिकी विभाग के द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र अरौद में घटक कृषक संगोष्ठी के तहत बालोद जिले के पाँचों विकासखण्डों के 100 कृषकों का फसल चक्र परिवर्तन के संबंध में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती तारणी पुष्पेन्द्र चन्द्राकर सहित कृषि सभापति श्री तेजराम साहू तथा कृषि विज्ञान केन्द्र अरौद के वरिष्ठ एवं प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. खुबीराम साहू (कीट विज्ञान), विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यानिकी डॉ. बलदेव अग्रवाल, विषय वस्तु विशेषज्ञ मृदा विज्ञान डॉ. अलख गौर, विषय वस्तु विशेषज्ञ पादप विज्ञान डॉ. दीपशिखा चन्द्राकर तथा सहायक संचालक उद्यान श्री डिकलेश कुमार एवं उद्यान अधीक्षक श्री अनिल महिलांग उपस्थित थे। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा कृषकों को फसल चक्र परिवर्तन से होने वाले लाभ के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
- राजीव युवा उत्थान योजना अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजितबालोद/राजीव युवा उत्थान योजना अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की नई दिल्ली में तैयारी हेतु प्राक्चयन परीक्षा का आयोजन 28 दिसंबर को 2025 को दोपहर 12 बजे से 02 तक किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि रोल नंबर 20250001 से 20250386 तक केवल बालिका अभ्यर्थी हेतु प्राक्चयन परीक्षा का आयोजन प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय तिलक नगर गुढ़ियारी रायपुर में तथा रोल नंबर 30250001 से 30250701 तक केवल बालक अभ्यर्थी हेतु प्रयास बालक आवासीय विद्यालय सड्डू रायपुर में निर्धारित की गई है। इसके साथ ही उक्त प्राक्चयन परीक्षा हेतु जिन अभ्यर्थियों को अभिलेखों के अभाव से परीक्षा में बैठने हेतु अपात्र किया गया है, उन्हें प्रावधिक रूप से उक्त प्राक्चयन परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही परीक्षा के उपरांत पुनः अभिलेख अपूर्ण पाए जाने पर अभ्यर्थिता निरस्त की दी जाएगी। अभ्यर्थी वेबसाईट www.tribal.cg.gov.in तथा https://hmstribal.cg.nic.in/ से परीक्षा केन्द्र, रोल नंबर की जानकारी के साथ प्रवेश पत्र डाउनलोड किया जा सकता है।
- दावा, आपत्ति 22 जनवरी तक लिए जाएंगे21 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशनबिलासपुर/निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची के एसआईआर कार्यक्रम के तहत मंगलवार को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया। इसके तत्काल बाद सूची पर दावा एवं आपत्तियां लेने का काम शुरू हो गया है जो कि 22 जनवरी तक लिया जायेगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल ने अपने कक्ष में राजनीतिक दलों की बैठक लेकर इसकी प्रक्रिया से उन्हें अवगत कराया।कलेक्टर ने बैठक में बताया कि दावा एवं आपत्तियां स्वीकार करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कुछ केन्द्र निर्धारित किये गये हैं। दावा, आपत्तियों की नोटिस, सुनवाई एवं सत्यापन का कार्य साथ-साथ चलेगा। सुनवाई की अंतिम तिथि 14 फरवरी 2026 तय की गई है। वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 21 फरवरी 2026 को किया जायेगा। बैठक में राजनीतिक दलों को विगत मतदाता सूची एवं वर्तमान मतदाता सूची में हुए अंतर की तुलनात्मक जानकारी दी गई। उन्हें निर्वाचक नामावलियों की दो प्रतियां भी उपलब्ध कराई गई। दावा आपत्तियों की सुनवाई के लिए नियत स्थल की सूची भी उन्हें दी गई। ड्राफ्ट मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करने और नाम नहीं मिलता है तो क्या करें इसकी भी जानकारी से उन्हें अवगत कराया गया। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर शिवकुमार बनर्जी सहित इण्डियन नेशनल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, मार्कसवादी कम्यूनिस्ट पार्टी एवं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
- बिलासपुर/स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत जल संसाधन परिसर स्थित प्रार्थना सभाकक्ष में प्लास्टिक अपशिष्ट एवं फिकल स्लज अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में बिलासपुर संभाग के सभी आठ जिलों बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, जीपीएम, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ के जिला समन्वयक, जिला सलाहकार, विकासखंड व क्लस्टर समन्वयक, संबंधित ग्रामों के सरपंच-सचिव तथा स्व-सहायता समूहों के प्रतिनिधि शामिल हुए।कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर श्री संजय कुमार अग्रवाल एवं जिला पंचायत सीईओ ने किया। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में नागरिकों से प्लास्टिक का उपयोग कम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बाजार में खरीददारी करते समय अपने साथ कपड़े के थैले रखें। हमने फेस 1 में गांव को खुले में शौचमुक्त किया क्योंकि उससे बीमारी फैलती थी, साथ ही उन्होंने फिकल स्लज को स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम बताते हुए इसके सुरक्षित प्रबंधन की आवश्यकता रेखांकित की। प्रशिक्षण सत्रों में राज्य सलाहकार डॉ. रूपेश राठौर ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन तथा श्री पुरुषोत्तम पंडा ने फिकल स्लज प्रबंधन पर पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। वहीं, राज्य सलाहकार श्रीमती मोनिका सिंह ने स्वच्छता के लाभों पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को स्वच्छता शपथ दिलाई। कार्यक्रम के समापन अवसर पर जिला समन्वयक श्रीमती पूनम तिवारी ने सभी प्रशिक्षकों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
- राष्ट्रीय राजमार्ग-130ए में चार सड़क खंडों के निर्माण के लिए 64.80 करोड़ की निविदा को मंजूरीउप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद निविदा स्वीकृति का पत्र जारीबिलासपुर/ राज्य शासन ने बिलासपुर-पंडरिया राष्ट्रीय राजमार्ग-130ए में रिहायशी क्षेत्र वाले चार सड़क खंडों में सड़क और नाली के निर्माण के लिए निविदा को मंजूरी दे दी है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने निविदा स्वीकृति का पत्र राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर के मुख्य अभियंता को जारी कर दिया है। इन सड़क खंडों के निर्माण की मांग क्षेत्रवासी लंबे समय से कर रहे थे।विभाग द्वारा आज स्वीकृत निविदा के अनुसार 64 करोड़ 80 लाख रुपए की अनुमानित लागत से तखतपुर, मुंगेली, पंडरिया और पोंडी में कुल 15 किमी से अधिक लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग के सड़क खंडों का निर्माण किया जाएगा। इस राशि से बिलासपुर-पंडरिया राष्ट्रीय राजमार्ग-130ए के अंतर्गत तखतपुर में 5.52 किमी, मुंगेली में 3.57 किमी, पंडरिया में 4.55 किमी तथा पोंडी में 1.59 किमी लंबाई के आबादी वाले क्षेत्रों में सीसी रोड, नाली और डामरीकृत सड़कें बनाई जाएंगी।
- बिलासपुर/राज्य शासन द्वारा 1 जनवरी से ई-ऑफिस व्यवस्था के तहत काम करने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। जिले में 2334 अधिकारी एवं कर्मचारियों की आईडी एवं पासवर्ड बना लिए गए हैं। इन सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को ई-ऑफिस में ऑनबोर्डिंग किया जा चुका है। विभिन्न कार्यालयों में 3411 से अधिक फाईलों का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है। वर्तमान में बिलासपुर जिला ई-ऑफिस के संचालन के संबंध में राज्य में 9 वें रैक पर है। विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को एनआईसी के द्वारा कई चरणों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रति सप्ताह इसकी टीएल बैठक में समीक्षा की जा रही है। ई-ऑफिस व्यवस्था से सरकारी काम में तेजी आयेगी और लोगों का काम भी जल्दी होगा।
- बिलासपुर/ई-ऑफिस के कामकाज के संबंध में 26 दिसम्बर को सवेरे 11 बजे जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्हें 1 जनवरी से शुरू हो रहे ई-ऑफिस व्यवस्था के बारे में विशेषज्ञों द्वारा गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा। मालूम हो कि प्रशासन को सरल, उत्तरदायी और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी कार्यालयों को ई-ऑफिस के जरिए काम करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर बिलासपुर ने जिले के सभी कार्यालय प्रमुखों को एक अधिकारी और एक कर्मचारी को अनिवार्य रूप से कार्यालय में उपस्थित होना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
- बिलासपुर/प्राचार्य शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला बिलासपुर द्वारा आगामी लेखा प्रशिक्षण सत्र मार्च 2026 से जून 2026 तक के लिए आवेदन 1 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक मंगाये गये हैं। बिलासपुर संभाग अधिनस्थ समस्त कार्यालय प्रमुखों से अपेक्षा है कि वे कार्यालय में पदस्थ लिपिक वर्गीय कर्मचारी जिन्होनें तीन वर्ष की नियमित सेवा पूरी कर चुके, लेखा प्रशिक्षण हेतु इच्छुक लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला न्यू कम्पोजिट बिल्डिंग, तृतीय तल बिलासपुर को प्रेषित करें। आवेदन पत्र इस प्रकार भेजने की व्यवस्था करें कि 31 जनवरी 2026 तक निर्धारित कार्यालयीन समय में इस कार्यालय को प्राप्त हो जाये। पूर्व में आवेदन कर चुके सभी कर्मचारियों को भी इस सूचना के प्रकाशन उपरांत प्रवेश हेतु पुनः आवेदन करना अनिवार्य है।
- -छत्तीसगढ़ के श्रेष्ठ प्रशासनिक नवाचारों को मिलेगा सम्मान-लोक प्रशासन में उत्कृष्टता को मान्यता: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा-जिलों और विभागों से प्राप्त 312 प्रविष्टियों में से 10 नवाचारों का चयन — तकनीक, परिणाम और नागरिक-केंद्रित सेवा पर विशेष जोर-“नागरिकों की बेहतर सेवा के लिए शासन का निरंतर विकसित होना आवश्यक है” — मुख्यमंत्री श्री सायरायपुर /छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में हो रहे परिवर्तन और प्रशासनिक संस्कृति के सुदृढ़ होते स्वरूप को रेखांकित करते हुए आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा की । यह पुरस्कार राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों द्वारा लागू किए गए उन नवाचारों को सम्मानित करने हेतु दिए जाएंगे, जिन्होंने शासन व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा स्थापित ये पुरस्कार इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि राज्य शासन सार्वजनिक प्रशासन के केंद्र में नवाचार, ठोस परिणाम और नागरिक हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि शासन की गुणवत्ता को केवल मंशा या व्यय के आधार पर नहीं, बल्कि उसके वास्तविक, मापनीय प्रभाव, विस्तार-योग्यता और जमीनी समस्याओं के समाधान की क्षमता के आधार पर आँका जाना चाहिए। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार इस नई प्रशासनिक सोच को संस्थागत रूप देने का प्रयास हैं, जहाँ तकनीक, संवेदनशीलता और संस्थागत सुधार मिलकर सार्वजनिक सेवा को सशक्त बनाते हैं।उन्होंने कहा कि सुशासन केवल नीतियों से नहीं, बल्कि निरंतर हो रहे नवाचारों से साकार होता है। परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर मनाए जा रहे सुशासन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में जनहित को केंद्र में रखकर विकसित किए गए उत्कृष्ट प्रशासनिक नवाचारों को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के विजेताओं की घोषणा की गई है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शासन में नवाचार कोई विकल्प नहीं, बल्कि समय की आवश्यकता और प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्रणालियों को नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप गति, पारदर्शिता और विश्वसनीयता के साथ निरंतर स्वयं को ढालना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन नवाचारों के सम्मान की आज घोषणा की गई है, वे केवल व्यक्तिगत उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि भविष्य-उन्मुख शासन के लिए अनुकरणीय और दोहराने योग्य मॉडल हैं। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के लिए एक सुदृढ़ और बहु-स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसका उद्देश्य समावेशिता और गुणवत्ता के बीच संतुलन स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल 312 नवाचार प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 275 जिलों से और 37 राज्य स्तरीय विभागों से थे। यह व्यापक सहभागिता इस बात का प्रमाण है कि शासन के प्रत्येक स्तर पर समस्या-समाधान की नवाचारी सोच विकसित हो रही है। यह प्रवृत्ति समाधान-केंद्रित प्रशासन की ओर हो रहे सांस्कृतिक बदलाव को भी दर्शाती है।मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार हेतु दो-स्तरीय चयन प्रक्रिया के अंतर्गत पहले चरण में 55 नवाचारों को शॉर्टलिस्ट किया गया। इसके बाद 13 नवाचारों को फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया और अंततः 10 विजेता नवाचारों का चयन किया गया, जिनमें जिला और विभागीय श्रेणियों से समान संख्या में प्रविष्टियाँ शामिल रहीं। मूल्यांकन के दौरान परिणामों को 50 अंक, विस्तार-योग्यता को 40 अंक और नवाचार को 10 अंक का भार दिया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि सम्मान केवल विचारों पर नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावशाली परिणामों पर आधारित हो।जिला श्रेणी के विजेताओं में दंतेवाड़ा जिले की “ब्लॉकचेन आधारित भूमि अभिलेख डिजिटलीकरण” पहल एक प्रमुख उदाहरण के रूप में सामने आई। इस नवाचार के माध्यम से मैनुअल और कागजी प्रक्रियाओं को समाप्त कर ब्लॉकचेन आधारित छेड़छाड़-रोधी प्रणाली लागू की गई, जिससे भूमि अभिलेख प्राप्त करने का समय हफ्तों से घटाकर कुछ ही मिनटों में संभव हो सका। इस पहल से दस्तावेज़ी धोखाधड़ी पूरी तरह समाप्त हुई और सेवा प्रदाय में अभूतपूर्व तेजी आई, जिसने आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में राजस्व प्रशासन के लिए एक नया मानक स्थापित किया।जशपुर जिले की “निर्माण जशपुर” पहल ने यह दर्शाया कि एकीकृत डिजिटल मॉनिटरिंग किस प्रकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावी बना सकती है। 16 विभागों की 7,300 से अधिक परियोजनाओं और 444 ग्राम पंचायतों को कवर करने वाली इस प्रणाली ने रियल-टाइम निगरानी, जियो-टैग्ड सत्यापन और GIS आधारित योजना को संभव बनाया, जिससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार हुआ और विलंब में उल्लेखनीय कमी आई।मोहला–मानपुर–अंबागढ़ चौकी में लागू संवर्धित टेक-होम राशन (A-THR) नवाचार ने गंभीर कुपोषण जैसी चुनौती का प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से विकसित इस पोषण-घन आहार के माध्यम से गंभीर कुपोषित बच्चों में 77.5 प्रतिशत सुधार दर दर्ज की गई। यह पहल इस बात का उदाहरण है कि साक्ष्य-आधारित पोषण हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।गरियाबंद जिले की “हाथी ट्रैकिंग एवं अलर्ट ऐप” ने मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने में तकनीक की भूमिका को सशक्त रूप से सामने रखा। AI आधारित ट्रैकिंग और रियल-टाइम अलर्ट व्यवस्था के माध्यम से मानव हताहतों की संख्या लगभग शून्य तक लाई गई, साथ ही फसल क्षति और मुआवजा बोझ में भी उल्लेखनीय कमी आई। राज्य के बाहर भी अपनाई जा चुकी यह पहल संघर्ष-संवेदनशील शासन का एक प्रभावी मॉडल बन चुकी है।नारायणपुर जिले का “इंटिफाई इंटेलिजेंस टूल” आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में डेटा एकीकरण की उपयोगिता को दर्शाता है। रियल-टाइम, जियो-स्पेशियल और पूर्वानुमान आधारित इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 100 से अधिक नियोजित अभियानों का संचालन संभव हुआ, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बेहतर हुआ और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में परिस्थितिजन्य जागरूकता को मजबूती मिली।विभागीय श्रेणी में शिक्षा विभाग का “विद्या समीक्षा केंद्र (VSK)” डेटा-आधारित शिक्षा शासन का एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरा। यह AI सक्षम प्लेटफॉर्म 56,000 से अधिक विद्यालयों, 2.83 लाख शिक्षकों और 57.5 लाख विद्यार्थियों की निगरानी करता है, जिससे ड्रॉपआउट की प्रारंभिक पहचान, संसाधनों का बेहतर उपयोग और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेना संभव हो सका है।वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की “वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम” ने व्यवसाय सुगमता सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। 16 विभागों की 136 सेवाओं को एकीकृत करते हुए इस प्रणाली ने अनुमोदन, प्रोत्साहन, शिकायत निवारण और निरीक्षण प्रक्रियाओं को सरल बनाया, जिससे विलंब कम हुआ और पारदर्शिता के साथ निवेशकों का विश्वास बढ़ा।वाणिज्य कर (आबकारी) विभाग की समग्र ई-गवर्नेंस सुधार पहल ने राजस्व संग्रह और अनुपालन व्यवस्था को सुदृढ़ किया। एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण, ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली और रियल-टाइम डैशबोर्ड के माध्यम से विभाग ने ₹5,425 करोड़ का राजस्व अर्जित किया और पारदर्शिता तथा नियामक निगरानी के नए मानक स्थापित किए।वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की “FDS 2.0 – ई-कुबेर डिजिटल भुगतान प्रणाली” ने मैनुअल चेक आधारित प्रक्रियाओं को समाप्त कर पूर्णतः कैशलेस, RBI एकीकृत भुगतान व्यवस्था लागू की। इसके माध्यम से ₹1,776 करोड़ से अधिक के 18 लाख लेन-देन पूर्ण हुए, जिससे दूरस्थ और नक्सल प्रभावित वन क्षेत्रों में भी समय पर मजदूरी भुगतान, आजीविका सुरक्षा और पारदर्शी फंड प्रवाह सुनिश्चित हुआ।पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा अंतर्गत लागू QR कोड आधारित सूचना स्वप्रकटिकरण व्यवस्था ने नागरिक-केंद्रित शासन को नई मजबूती दी। QR कोड के माध्यम से ग्रामीणों को वास्तविक समय की योजना जानकारी उपलब्ध कराकर इस पहल ने मध्यस्थों पर निर्भरता कम की और 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता को सुदृढ़ किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ये पुरस्कार छत्तीसगढ़ में जनकल्याण केंद्रित नवाचारों और सुशासन को प्रोत्साहन देने की एक नई शुरुआत हैं। यह इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ का भविष्य विस्तार-योग्य, नागरिक-केंद्रित और तकनीक-सक्षम शासन में निहित है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अधिकारी एवं टीमें एक प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान में नेतृत्व विकास कार्यक्रम में भाग लेंगी, जिससे आज के नवाचार आने वाले समय में शासन के मानक बन सकें।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि लोक प्रशासन में नवाचार का अर्थ केवल नई तकनीक अपनाना नहीं, बल्कि नागरिकों को समयबद्ध, पारदर्शी और परिणाम-उन्मुख सेवाएँ प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए शासन को निरंतर विकसित होना होगा और मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की पहल यह सिद्ध करती हैं कि किस प्रकार विस्तार-योग्य, डेटा-आधारित और नागरिक-केंद्रित समाधान सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास को मजबूत करते हैं।मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ शासन सार्वजनिक सेवा के मूल मूल्य के रूप में नवाचार को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा, ताकि शासन व्यवस्था को भीतर से रूपांतरित करते हुए प्रत्येक नागरिक तक मापनीय और सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके।
- बिलासपुर/प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसल वर्ष 2025-26 के लिए जिले में फसल बीमा के अंतर्गत प्रीमियम जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2025 निर्धारित की गई है। योजना अंतर्गत जिले के कुल 88 ग्राम अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें गेहूं, चना, सरसों एवं अलसी फसलें अधिसूचित है। अधिसूचित फसलों हेतु प्रति हेक्टेयर ऋणमान एवं कृषक प्रीमियम गेहूं (सिंचित) के लिए ऋणमान 30 हजार एवं प्रीमियम 450 रू, गेहूं (असिंचित) हेतु ऋणमान 25 हजार एवं प्रीमियम 375 रू, चना हेतु ऋणमान 32 हजार एवं प्रीमियम 480 रू, सरसों हेतु ऋणमान 22 हजार एवं प्रीमियम 330 रू तथा अलसी हेतु ऋणमान 18 हजार एवं प्रीमियम 270 रू निर्धारित किया गया है।ऋणी कृषक अपने संबंधित सहकारी समिति अथवा बैंक के माध्यम से फसल बीमा करा सकते हैं। वहीं अऋणी कृषक बुवाई प्रमाणपत्र, खसरा (बी-1, पी-2), आधार कार्ड, नवीनतम बैंक पासबुक एवं बटाईदार, कास्तकार घोषणापत्र के माध्यम से लोक सेवा केंद्र, सहकारी समिति, बैंक अथवा स्वयं के मोबाइल नंबर से क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के जरिए भी फसल बीमा करा सकते हैं। उप संचालक कृषि द्वारा जिले के समस्त ऋणी एवं अऋणी कृषकों से अपील की गई है कि अंतिम तिथि की प्रतीक्षा न करते हुए समय पूर्व फसल बीमा कराएं, क्योंकि रबी फसल बीमा की अंतिम तिथि में अब केवल 7 दिवस शेष हैं। रबी फसल वर्ष 2025-26 में बीमा कराते समय मोबाइल ओटीपी के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा, अतः अऋणी कृषक बीमा कराते समय मोबाइल साथ लेकर आएं। आगामी रबी मौसम में संभावित प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों को दृष्टीगत रखते हुए किसानों से अनुरोध है कि अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आपदाओं एवं फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त औसत उपज में कमी से होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अवश्य लें।
- बिलासपुर/जिले के कोटा तहसील के ग्राम अमाली में नहर निर्माण के लिए भूमि का अर्जन किया जाना है। सामाजिक समाघात दल ने ग्राम अमाली में भू-अर्जन से पड़ने वाले प्रभाव का आंकलन किया।मूल्यांकन में पाया गया कि अमाली गांव में भू-अर्जन से 0.80 एकड़ भूमि प्रभावित हो रही है जिसका समाघात दल ने किसानों से भी सहमति लिया और पाया कि अर्जित भूमि से कोई मकान आदि प्रभावित नहीं हो रहा है और न ही किसी भी परिवार के विस्थापन की संभावना है। सामाजिक समाघात दल द्वारा यह पाया गया है कि अधोसंरचना पर कोई बाधा नहीं है तथा अधोसंरचना का कार्य प्रभावित नहीं हुआ है। समाघात दल इस बात से संतुष्ट है कि जल संसाधन विभाग को जितनी भूमि की आवश्यकता है उतनी ही भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। समाघात दल ने ग्राम अमाली तहसील कोटा के अंतर्गत जल संसाधन संभाग कोटा के नहर निर्माण हेतु ग्राम अमाली में रकबा 0.80 एकड़ भूमि का अर्जन लोकहित में किए जाने की अनुशंसा की है। ग्राम अमाली में सलका व्यपर्वतन योजना अंतर्गत नहर निर्माण होने से 11 गांवों की लगभग 1960 हेक्टेयर कृषि भूमि पर सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा।
- दुर्ग/जिले में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 12वीं से उच्चतर) सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन पंजीयन की तिथि बढ़कर 15 जनवरी 2026 हो गई है। पात्र विद्यार्थी postmatric-scholarship.cg.nic.in पोर्टल के माध्यम से नवीन अथवा नवीनीकरण आवेदन कर सकते हैं।संस्था द्वारा प्रस्ताव लॉक कर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को प्रेषित करने की अंतिम तिथि 5 फरवरी 2026 तक निर्धारित की गई है। वहीं जिला कार्यालय स्तर पर सेक्शन लॉक, भुगतान प्रस्ताव भेजने की अंतिम तिथियां फरवरी 2025 तक निर्धारित हैं। निर्धारित तिथि के बाद पोर्टल बंद कर दिया जाएगा। समय पर प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने पर छात्रवृत्ति से वंचित होने की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी।
- दुर्ग/ एकीकृत बाल विकास परियोजना जामगांव-एम.(पाटन-02) दुर्ग के अंतर्गत परिक्षेत्र सिकोला के आंगनबाड़ी केन्द्र आमापेण्ड्री के रिक्त कार्यकर्ता पद हेतु नियुक्ति किया जाना है। भर्ती की पूर्ण शर्ते एवं आवेदन अवलोकन हेतु परियोजना कार्यालय जामगांव एम एवं कार्यालय जनपद पंचायत पाटन में चस्पा किया गया है। पात्र इच्छुक आवेदिका 7 जनवरी 2026 शाम 5.30 बजे तक बंद लिफाफा (डाकघर से) या स्वयं उपस्थित होकर कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना जामगांव एम. (पाटन-02) दुर्ग में कार्यालयीन समय में जमा किया जा सकता है।
- - सरकार जनहित को ध्यान में रखकर कर रही कार्य - विधायक ललित चन्द्राकर- उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक करें संचय - कलेक्टर अभिजीत सिंहदुर्ग/ भारत सरकार के सुशासन सप्ताह (गुड गर्वनेंस वीक) के अवसर पर जिले में प्रशासन गांव की ओर के तहत बुधवार 24 दिसम्बर को दुर्ग विकासखण्ड के गांव मचान्दुर में जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस शिविर में प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, दुर्ग ग्रामीण विधायक श्री ललित चन्द्राकर भी शामिल हुए। शिविर में विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख अधिकारियों द्वारा विभाग से संबंधित आम जनता की समस्याओं का मौके पर निराकरण किया गया। इस दौरान विभागों को प्राप्त कुल 210 आवेदनों में से 102 का मौके पर निराकरण किया गया। शेष आवेदनों के निराकरण हेतु एक सप्ताह की समय निर्धारित की गई है।समाज कल्याण विभाग द्वारा ग्राम बोरीगारका निवासी श्री बिसाहू राम गजपाल को उनके आवेदन पर त्वरित कार्यवाही करते हुए विभाग की ओर से व्हीलचेयर उपलब्ध कराया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 03 नवनिहालों का अन्नप्रासन्न संस्कार तथा 03 नवविवाहिता महिलाओं की गोदभराई रस्म की अदायगी की गई। बीज प्रक्रिया केन्द्र द्वारा आरबीकेवाय रफ्तार योजना अंतर्गत क्षेत्र के 05 कृषकों को रागी किस्म बीएल-376 की मिनी किट वितरण किया गया। राजस्व विभाग द्वारा 400 केवी पावरग्रिड प्रभावित किसान क्रमशः श्री मोहन लाल, श्री जयराम, श्री हरिराम, श्री बिसेलाल, श्री शिवनंदन एवं श्री होमलाल को मुआवजा राशि का चेक वितरण किया गया। ग्राम के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 01,02,03 के सहायिका एवं स्वच्छाग्राही दीदियों क्रमशः श्रीमती हितेश्वरी, श्रीमती रिटावन, श्रीमती कौशिल एवं श्रीमती झरयारिन बाई को विशिष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इसी प्रकार जल संरक्षण पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। शिविर में अधिकारियों ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से ग्रामीणजनों को अवगत करायें।विधायक श्री चन्द्राकर ने अपने कर-कमलों से विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री वितरण किया एवं विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने शिविर स्थल पर जिला पंचायत द्वारा जल संरक्षण हेतु बनाये गये प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने समस्त विभागीय स्टॉलों में भ्रमण कर अधिकारियों से जनता से प्राप्त आवेदनों के निराकरण के संबंध में जानकारी ली। शिविर के संबंध में विचार व्यक्त करते हुए विधायक श्री ललित चन्द्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप एक निश्चित अंतराल पश्चात् जिला प्रशासन द्वारा जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित किया जा रहा है। शिविर के माध्यम से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से जनता को जुड़ने का अच्छा अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि पात्र हितग्राहियों को शासन की योजना से लाभान्वित करना शिविर का उद्देश्य रहा है। विधायक श्री चन्द्राकर ने बताया कि आज पात्र हितग्राहियों को डीबीटी के माध्यम से अनुदान राशि मिल रही है। डीबीटी की देन प्रधानमंत्री जी की सोच है। उन्होंने केन्द्र सरकार की जन-धन खाता, पीएम आवास, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान चिकित्सा सुविधा को विस्तारपूर्वक रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ समर्थन मूल्य में किसानों का धान खरीदने वाला पहला राज्य है। प्रदेश सरकार ने भूमिहीन खेतिहर कृषकों के लिए 10 हजार रूपए अनुदान राशि और वेंडरों को बिना ब्याज के व्यापार सुविधा उपलब्ध करायी है। महिला सशक्तिकरण के लिए महतारी वंदन योजना के साथ सरकार समाज के हर वर्ग के हित में कार्य कर रही है। केन्द्र सरकार के वोकल फॉर लोकल की तर्ज पर स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने का काम कर रही है। विधायक श्री चन्द्राकर ने प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने, प्रदेश को भी विकसित बनाने में आम जनता से सहयोग की अपेक्षा की।कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने अवगत कराया कि प्रशासन गांव की ओर अभियान विगत 19 तारीख से लगातार जारी है। जिसके अंतर्गत जनपद एवं नगरीय निकाय क्षेत्रों में शिविर आयोजित किय जा रहे हैं और आज यहां पर जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किये गया है। जिसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा आम जनता की समस्याओं का समाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक संचय किया जाए, इसे व्यर्थ न करें। संसाधनों के संचय के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिकलसेल की रोकथाम हेतु पहल किया जा रहा है। चिन्हांकित व्यक्ति नियमित ईलाज सुनिश्चित करें। क्योंकि नियमित उपचार ही सिकलसेल से बचाव का माध्यम है। इसी प्रकार पोलियों की रोकथाम के लिए भी हमें सतर्कता बरतनी होगी। बच्चों को पोलियों की खुराक अवश्य पिलायें। कलेक्टर ने बताया कि शासन द्वारा किसानों के धान खरीदी हेतु पहल करते हुए टोकन की ऑनलाईन व्यवस्था अब चौबीसों घंटे उपलब्ध करायी जा रही है। वही खरीदी हेतु लिमिट बढ़ा दी गई है। दिक्कतें आने पर इसे और बढ़ायी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हितग्राही मूलक योजनाओं को वार्षिक लक्ष्य को ध्यान में रखकर पूर्ण करायें। शिविर में प्राप्त आवेदनों का निराकरण के पश्चात् एक सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन भी प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। शिविर के समापन अवसर पर विधायक श्री चन्द्राकर ने अधिकारी, कर्मचारी एवं आम जनता को जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने की शपथ दिलायी। इस अवसर पर सरपंच श्री युगलकिशोर साहू एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधि, जिला एवं जनपद पंचायत सदस्यगण, एसडीएम श्री हरवंश सिंह मिरी, जनपद सीईओ श्री रूपेश पाण्डेय सहित समस्त विभाग के जिला प्रमुख अधिकारी एवं कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
- रायपुर ।राज्यपाल रमेन डेका ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदनमोहन मालवीय के जन्म दिवस पर उन्हें नमन किया है। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने छायाचित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर श्री वाजपेयी और मालवीय जी को नमन किया।राज्यपाल ने कहा है कि श्री वाजपेयी जी एक महान राजनेता, सशक्त वक्ता, कवि और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। श्री वाजपेयी के जन्मदिवस को सुशासन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। श्री डेका ने सुशासन दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि श्री वाजपेयी जी के आदर्शों को हम जीवन में उतारने का संकल्प लें।श्री डेका ने कहा है कि पंडित मदनमोहन मालवीय ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति एवं अथक प्रयासों से बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की और शिक्षा के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया। उनके आदर्श एवं चरित्र हम सभी के लिए प्रेरक है।इस अवसर पर राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी पुष्प अर्पित कर नमन किया।
- दुर्ग/ कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने बुधवार 24 दिसम्बर को धान उपार्जन केन्द्र मचान्दुर का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर धान के स्टेग, प्रत्येक स्टेग में बोरों की संख्या, अब तक खरीदे गये धान और उठाव के साथ ही किसानों की टोकन व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने वाहन एन्ट्री पंजी एवं अन्य पंजी संधारण सही नहीं पाये जाने पर समिति प्रबंधक को फटकार लगायी। साथ ही धान पंजीयनों का व्यवस्थित ढंग से संधारण करने के कड़े निर्देश दिये। इस अवसर पर एसडीएम श्री हरवंश सिंह मिरी और तहसीलदार श्रीमती काश्मा यदु भी मौजूद थे। ज्ञात हो कि उपार्जन केन्द्र मचान्दुर में 29139.60 क्विंटल धान की खरीदी हुई। जिसमें मोटा धान की मात्रा 15061.60 क्विंटल, पतला धान की मात्रा 2055.20 क्विंटल एवं सरोना धान की मात्रा 12322.80 क्विंटल शामिल है। खरीदे गये धान की कुल लागत राशि 6 करोड़ 90 लाख 72 हजार 816 रूपए है। जिसमें किसानों को 4 करोड़ 70 लाख 9 हजार 595 रूपए का भुगतान किया जा चुका है। धान खरीदी से 617 किसानों को लाभान्वित किया गया है। उपार्जन केन्द्र में खरीदे गये धान का उठाव भी किया जा रहा है। अब तक मिलर्स द्वारा 11 हजार क्विंटल का धान उठाव किया जा चुका है।
-
राजनांदगांव । भारत सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को दसवें सिक्ख गुरू गोविन्द सिंह जी के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी के शहादत को राष्ट्रीय दिवस घोषित करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। वीर बाल दिवस मनाये जाने का प्रमुख उद्देश्य साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी एवं साहिबजादा फतेह सिंह जी की शहादत को याद करना एवं उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना है। राज्य शासन द्वारा वीर बाल दिवस मनाए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
-
- बेहतर कार्य करने वाले बीमा सखियों को किया गया सम्मानित
राजनांदगांव । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में बीमा सखी योजना की समीक्षा बैठक एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि बीमा सखियों को विभिन्न बीमा योजनाओं की पहुंच प्रत्येक हितग्राही तक बढ़ाने एवं मृत्यु दावा की कार्रवाई को त्वरित बनाने पर जोर दिया एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाली बीमा सखियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने बताया कि जिले में बीमा सखी योजना चल रही है। बीमा सखी योजना से महिलाओं को कमिशन के अतिरिक्त 3 वर्षों तक 7 हजार रूपए, 6 हजार रूपए एवं 5 हजार रूपए प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है।बैठक में महिलाओं को आय बढ़ाने एवं प्रत्येक ग्राम पंचायत में बीमा सखी योजना की पहुंच बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। बीमा सखियों को बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। भारतीय जीवन बीमा निगम राजनांदगांव शाखा ने बीमा सखी योजना की वर्तमान स्थिति, उपलब्धियों एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया। जिला राजनांदगांव प्रत्येक मानक में बीमा सखी योजना में मध्य क्षेत्र (छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश) में अग्रणी स्थान पर है। बीमा सखियों को योजना के लाभ एवं कार्य के दौरान आ रही चुनौतियों एवं समाधान के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला मिशन प्रबंधक श्री पिनाकी डे सरकार, श्री देवेंद्र सेन, श्री सुशील श्रीवास्तव, श्री धनंजय गंजीर, श्री चंद्रभान मन्नाडे एवं श्री वीरेंद्र ध्रुव, श्री प्रशांत श्रीवास्तव उपस्थित थे। - राजनांदगांव । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव में अन्न उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने वाले किसानों को समर्पित किसान दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में विकसित भारत जी-राम-जी योजना के संबंध में किसानों को जानकारी प्रदान की गई।कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा तिलहन फसल उत्पादन, मशरूम उत्पादन, चना एवं गेहूं की खेती एवं प्राकृतिक खेती के संबंध में व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम में किसानों के लिए प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया। विजेता किसानों को फलदार आम, आंवला, अमरूद के पौधे वितरित किए गए। विससित कृषि संकल्प यात्रा को सफल बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया। किसानों को मनरेगा में 100 दिवस के स्थान पर 125 दिवस व विकसित भारत जी राम जी योजना की जानकारी दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
- राजनांदगांव । कलेक्टर श्री जितेंद्र यादव ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में 10 से 25 फरवरी 2026 तक आयोजित राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में जिला अंतर-विभागीय टास्क समिति की बैठक ली। कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव ने लिम्फेटिक फाइलेरिया एवं हाइड्रोसिल प्रकरण, फाईलेरिया रात्रिकालीन सर्वे की स्थिति, फाइलेरिया नियंत्रण संबंधी गतिविधि के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की है कि घर के सदस्यों एवं पड़ोसियों को फाइलेरिया की दवा खाने के लिए प्रेरित करें। दवा खाने से इनकार करने वाले परिवारों को समझाने में स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मदद करें। फाईलेरिया (हाथी पांव) जैसे गंभीर बीमारी से बचाव के लिए (2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर) फाईलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने संबंधित विभागों को आपसी समन्वय एवं सहयोग करने के निर्देश दिए।सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने सभी विभागों को स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने कहा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि 10 से 12 फरवरी 2026 तक आंगनबाड़ी, स्कूल, कॉलेज एवं विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में बूथ लगाकर दवा का सेवन कराया जाएगा। 13 से 22 फरवरी 2026 तक ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा समुदाय स्तर पर गृह भेंट कर तथा 23 से 25 फरवरी 2026 तक छूटे हुए लाभार्थियों को मॉप-अप राऊंड अंतर्गत दवा का सेवन कराया जाएगा। 10 से 25 फरवरी 2026 तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एमडीए कार्नर में लाभार्थियों को दवा सेवन कराया जाएगा। फाइलेरिया की दवा खाली पेट ना खिलाया जाए। डब्ल्यूएचओ एनटीडी प्रतिनिधि डॉ मनोज कुमार ने बताया की पूर्व वर्षो में जिले में एमडीए में शतप्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त किया है जो जिले की विशेष उपलब्धि रही है। इस अवसर पर, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, स्वास्थ्य विभाग से जिला कार्यक्रम प्रबन्धक श्री संदीप ताम्रकार, डॉ. त्रिशाल डांडेकर, श्रीमती संगीता पाण्डेय, श्रीमती स्वाति बख्शी, श्री राकेश निर्मलकर, मलेरिया पर्यवेक्षक एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे
- - अब तक जिले में 58641 पंजीकृत किसानों से 720 करोड़ 44 लाख 45 हजार रूपए मूल्य का 3034230.80 क्विंटल धान की खरीदी- अब तक धान उपार्जन केन्द्रों से 491592.28 क्विंटल धान का उठावराजनांदगांव । जिले में धान खरीदी अभियान से किसानों में हर्ष व्याप्त है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 अंतर्गत धान खरीदी महाभियान के तहत शासन द्वारा समर्थन मूल्य एवं कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक के मान से धान खरीदी की जा रही है। कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव के निर्देशन में धान खरीदी सुचारू संचालन के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। धान खरीदी कार्य के लिए इलेक्ट्रानिक तौल मशीन, पेयजल, छांव, बायोमैट्रिक डिवाईस मशीन, श्रमिक एवं अन्य व्यवस्था की गई है। आर्द्रता मापी यंत्र से किसानों के धान का परीक्षण किया जा रहा है। जिले के सभी 96 धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी की दर एवं सूची व फ्लैक्स लगाए गए है। कलेक्टर ने धान खरीदी केन्द्रों की सतत निगरानी रखने तथा कोचियों एवं बिचौलियों से अवैध धान की खरीदी पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। धान बिक्री के लिए किसान टोकन तुंहर हाथ मोबाईल एप के माध्यम से टोकन प्राप्त कर रहे है। जिससे उनके समय की बचत हो रही है और उन्हें सुविधा मिल रही है। उल्लेखनीय है कि अब तक जिले में 58641 पंजीकृत किसानों से 720 करोड़ 44 लाख 45 हजार रूपए मूल्य का 3034230.80 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। धान का उठाव भी लगातार जारी है। अब तक धान उपार्जन केन्द्रों से 491592.28 क्विंटल धान का उठाव किया गया है।
- राजनांदगांव । आयुक्त कृषि उत्पादन श्रीमती शहला निगार ने केन्द्र एवं राज्य शासन के कृषि एवं संवर्गीय विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं तथा फसल चक्र परिवर्तन कार्यक्रम की प्रगति का अवलोकन करने जिले के ग्राम सोमनी, पार्रीखुर्द, मोखला, जंगलेसर, बरगा के प्रवास पर रही। इस दौरान कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, संभागीय संयुक्त संचालक कृषि श्रीमती गोपिका गभेल उपस्थित रहे।आयुक्त कृषि उत्पादन श्रीमती शहला निगार ने सेवा सहकारी समिति सोमनी में धान खरीदी एवं पीएम-आशा योजनान्तर्गत खरीफ सोयाबीन, मूंग, उड़द एवं अरहर तथा रबी में दलहन-तिलहन फसलों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन की तैयारी का अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्धारित समयावधि में किसानों के बीच प्रचार-प्रसार कर फसलों का उपार्जन करने निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि पीएम-आशा योजना से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। आयुक्त कृषि उत्पादन ने ग्राम पार्रीखुर्द में किसानों की आय बढ़ाने, फसल चक्र परिवर्तन कार्यक्रम अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का अवलोकन किया और किसानों से चर्चा की। उन्होंने नेशनल मिशन ऑन इंडिबल ऑयल योजनांतर्गत 100 एकड़ क्षेत्र में सरसों फसल के साथ द्वि-फसलीय क्षेत्र विस्तार योजना अंतर्गत 40 एकड़ में तिवड़ा एवं ग्रीष्मकालीन धान के बदले गेहूं एवं मक्का फसल प्रदर्शन का अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों को कम पानी की खपत वाली फसलें लेने के लिए किसानों को प्रेरित करने एवं लाभ के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए। ग्राम मोखला में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन अंतर्गत जिले के 400 हेक्टेयर क्लस्टर में संचालित गतिविधियों, कृषि सखी श्रीमती नीता देवनाथ साहू एवं अन्य सहयोगियों द्वारा तैयार किए जा रहे जैव आदान सामग्री वितरण, कृषि सखियों को योजना अंतर्गत प्रदाय किए जाने वाले मानदेय, मृदा नमूना संकलन कर प्रत्येक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने इन कार्यों को रबी सीजन में भी आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। आयुक्त कृषि उत्पादन ने ग्राम जंगलेसर में ग्रीष्म ऋतु में धान के बदले 6 एकड़ में उद्यानिकी फसल खीरा एवं धनिया की फसल लेने वाले कृषक श्री दौलतराम साहू एवं 17 एकड़ में अनुबंध खेती के तहत पॉपकार्न मक्का की खेती करने वाले कृषक श्री देवराम पटेल के फसल का अवलोकन किया एवं कृषकों से चर्चा कर प्रोत्साहित किया।आयुक्त कृषि उत्पादन श्रीमती शहला निगार ने मिशन जल रक्षा अंतर्गत ग्राम बरगा में सामूहिक प्रयास से जल संरक्षण हेतु किए जा रहे रिचार्ज सॉफ्ट, इंजेक्शन वेल एवं लाईन्ड फार्म पॉण्ड का अवलोकन किया। उन्होंने ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे इस अभिनव पहल की सराहना की। उन्होंने मिशन जल रक्षा के लिए जिला पंचायत की टीम की सराहना की। इस दौरान उप संचालक कृषि श्री टीकम सिंह ठाकुर, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. अनुप चटर्जी, सहायक संचालक उद्यान श्री रविन्द्र मेहरा, सहायक संचालक मत्स्य पालन श्री सुदेश साहू, एपीओ मनरेगा श्री फैज मेनन, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री संतलाल देशलहरे, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अविनाश दुबे एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री याजवेन्द्र कटरे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- रायपुर । विभागीय निर्देशानुसार वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद एनीकट एवं स्टापडेम के गेटों को बंद किया जाना सुनिश्चित किया गया है। इसी क्रम में 13 नवंबर 2025 को हरदी एनीकट के सभी गेट बंद कर दिए गए थे, जिससे एनीकट में पर्याप्त जल भराव हो गया था। यह जानकारी जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने दी।उन्होंने बताया कि इस बीच असामाजिक तत्वों द्वारा रात्रि के समय एनीकट के गेटों को क्षतिग्रस्त कर खोल दिए जाने की सूचना प्राप्त हुई, जिससे जल स्तर कम होने की स्थिति बनी। सूचना मिलते ही अनुविभागीय अधिकारी, जल प्रबंध उपसंभाग क्रमांक-4, रायपुर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जल की बर्बादी को रोकने के लिए पुनः एनीकट के जल द्वार बंद करवाए।साथ ही इस घटना की जानकारी थाना आरंग पुलिस को दी गई, ताकि दोषी असामाजिक तत्वों के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके और भविष्य में एनीकट की सुरक्षा एवं जल भराव प्रभावित न हो।जल द्वार बंद किए जाने के पश्चात् वर्तमान में दिनांक 22 दिसंबर 2025 की स्थिति में एनीकट की कुल 8 फीट ऊंचाई में से लगभग 5 फीट तक जल भराव उपलब्ध है।
- -आंगनबाड़ी केंद्रों में रचनात्मक गतिविधियों से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोररायपुर। रायपुर जिले में दिनांक आज को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ईसीसीई वार्षिक मेले का सफल आयोजन किया गया। इस मेले का मुख्य उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास, रचनात्मकता तथा सीखने की प्रक्रिया को खेल-खेल में प्रोत्साहित करना रहा।कार्यक्रम में जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों, अभिभावकों एवं जनप्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मेले के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री शैल ठाकुर द्वारा मन्दिर हसौद परियोजना के भानसोज, सुन्डी, नारा, सिवनी एवं गोढी स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित मेले का निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव एवं संचालक महोदया द्वारा अभनपुर परियोजना के निमोरा केंद्र में आयोजित मेले का निरीक्षण किया गया।मेले में शैक्षणिक खेल, रचनात्मक गतिविधियाँ, चित्रकला, कहानी-कथन, बाल गीत, नृत्य एवं सीखने से संबंधित विभिन्न स्टॉल लगाए गए, जिनका बच्चों ने भरपूर आनंद लिया।इस अवसर पर उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सुपरवाइजरों एवं परियोजना अधिकारियों ने ईसीसीई के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रारंभिक बाल्यावस्था में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पोषण बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखते हैं। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को बच्चों की प्रतिभा निखारने में सहायक बताया।कार्यक्रम के अंत में बच्चों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की गई तथा भविष्य में भी इस तरह के रचनात्मक एवं शिक्षाप्रद आयोजनों को निरंतर आयोजित करने की बात कही गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
- -ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मक्का फसल अपनाने पर जताई प्रसन्नतारायपुर / कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव कृषि उत्पादन श्रीमती शहला निगार ने आज जिले के विकासखंड आरंग अंतर्गत ग्राम नकटा, चटौद एवं नरदहा का निरीक्षण कर विभिन्न कृषि योजनाओं के अंतर्गत संचालित फसलों का अवलोकन किया।निरीक्षण के दौरान ग्राम नकटा में राष्ट्रीय विकास योजनांतर्गत 2.50 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी मक्का फसल का निरीक्षण किया गया। इसी प्रकार ग्राम चटौद में बीज ग्राम योजना के अंतर्गत 6 हेक्टेयर में गेहूं तथा 3 हेक्टेयर में चना फसल का अवलोकन किया गया। ग्राम नरदहा में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत 40 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का फसल की स्थिति का जायजा लिया गया।निरीक्षण के दौरान श्रीमती निगार ने कृषकों से संवाद कर योजनाओं से मिल रहे लाभ की जानकारी ली। ग्राम चटौद में ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मक्का फसल लगाए जाने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की तथा अन्य ग्रामों के कृषकों को भी ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मक्का एवं अन्य वैकल्पिक फसलों को अपनाने एवं हरा चारा लगाने के लिए प्रेरित किया।कृषि उत्पादन आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे कृषकों को योजनाओं के मापदंड की विस्तृत जानकारी दें तथा निर्धारित मापदंडों के अनुसार प्रदर्शन आयोजित करें। साथ ही उन्होंने गत वर्ष के ग्रीष्मकालीन धान, दलहन एवं तिलहन फसलों के रकबे की जानकारी प्राप्त कर उसके आधार पर फसल परिवर्तन के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।इस अवसर पर संयुक्त संचालक कृषि श्री गयाराम, उप संचालक कृषि श्री सतीश अवस्थी, सहायक संचालक कृषि श्रीमती ममता पाटिल, सहायक संचालक कृषि श्री रविंद्र मून, कृषि विकास अधिकारी श्री मानस चौधरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

















.jpg)








.jpeg)
