हिंसा से नहीं, संवाद से बढ़ेगी भाषा की इज्जत – रेणुका शहाणे
नई दिल्ली। अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने महाराष्ट्र में चल रहे मराठी और हिंदी भाषा विवाद पर अपनी राय रखी है. हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने साफ कहा कि किसी भाषा का सम्मान हिंसा या जबरदस्ती से नहीं बढ़ाया जा सकता, बल्कि इसके लिए संवाद और सम्मान जरूरी है. रेणुका ने कहा, "अगर आप किसी जगह पर लंबे समय से रह रहे हैं तो वहां की भाषा और संस्कृति को समझना और उसका सम्मान करना बेहद जरूरी होता है. यह जरूरी नहीं कि आप उस भाषा में पारंगत हों, लेकिन यह भावना होनी चाहिए कि आप उसे सम्मान देना चाहते हैं."
उन्होंने यह भी कहा कि, "मुझे बिल्कुल पसंद नहीं कि कोई व्यक्ति मराठी न बोलने पर गुस्से में दो-तीन लोगों को थप्पड़ मार दे. इससे भाषा का भला नहीं होगा. भाषा को इस तरह लोगों तक पहुंचाएं कि वे उसे आसानी से स्वीकार करें. जबरन थोपा गया कोई भी चीज़ लंबे समय तक नहीं टिकती. मैं हिंदी को महाराष्ट्र में जबरन लागू करने के खिलाफ रही हूं. भाषा को चुनने की आजादी होनी चाहिए."
रेणुका के पति और अभिनेता अशुतोष राणा ने भी हाल ही में कहा, "भाषा संवाद का विषय है, विवाद का नहीं. भारत संवाद में विश्वास करता है, विवाद में नहीं." रेणुका और अशुतोष की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में आई है जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. अप्रैल 2025 में राज्य सरकार ने स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने का निर्णय लिया था, जिसे भारी विरोध के चलते वापस लेना पड़ा. इसके बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) से जुड़े कुछ लोगों द्वारा गैर-मराठी बोलने वालों से बदसलूकी की घटनाएं सामने आई थीं.
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