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- नयी दिल्ली.भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम भुगतान करने के लिए कर अधिकारियों से लगभग 65 करोड़ रुपये की कर मांग का नोटिस मिला है। एलआईसी ने बुधवार को कहा कि उसपर इसके अलावा 6.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और ब्याज भी है।एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे 30 अक्टूबर को झारखंड के लिए माल एवं सेवा कर, ब्याज और जुर्माने के लिए संचार/मांग आदेश प्राप्त हुआ है। इसमें कहा गया कि इसका कंपनी की वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
- नयी दिल्ली. जीएसटी रिटर्न को लेकर अगले साल की शुरुआत से नियम में बदलाव हो रहे हैं। इसके तहत 2025 की शुरुआत से जीएसटी करदाता मूल रूप से रिटर्न फाइल करने की नियत तारीख से तीन साल बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने मंगलवार को एक परामर्श में यह कहा। इसमें कहा गया है कि जीएसटी बिक्री रिटर्न के अलावा देनदारी के भुगतान, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर कर संग्रह से संबंधित रिटर्न पर नया नियम लागू होगा। यानी रिटर्न जमा करने की नियत तिथि से तीन साल की अवधि की समाप्ति के बाद रिटर्न भरने पर पाबंदी होगी। जीएसटीएन ने कहा, ‘‘उक्त बदलाव अगले साल (2025) की शुरुआत से जीएसटी पोर्टल में लागू होने जा रहा है। इसीलिए, करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने रिकॉर्ड का मिलान कर लें और अभी तक जीएसटी रिटर्न नहीं भरा है तो जितनी जल्दी हो उसे भर दें।'' एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जीएसटीएन ने अनुपालन को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत तीन साल की समयसीमा के बाद जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर रोक है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने, आंकड़ों की विश्वसनीयता बढ़ाने और जीएसटी प्रणाली के भीतर बिना भरे रिटर्न के ‘बैकलॉग' को संभावित रूप से कम करने के मकसद से जुड़ा है। देरी से रिटर्न फाइल किये जाने से जुड़े मामले में अवधि को सीमित करने से करदाताओं को अपने रिकॉर्ड का मिलान करने और सुधारने के लिए प्रेरित किया गया है।'' मोहन ने कहा, ‘‘हालांकि, यह उन करदाताओं के लिए चुनौतियां भी पैदा कर सकता है, जिन्होंने रिटर्न भरा ही नहीं है। खासकर उन करदाताओं के लिए जो पुराने रिकॉर्ड को समेकित करने में प्रशासनिक या लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनियों को सक्रिय रूप से अपने रिटर्न फाइलिंग का ऑडिट करने और बची हुई अवधि के भीतर अगर कोई बचा हुआ रिटर्न है, तो उसका समाधान करने की सलाह दी जाती है।
- नयी दिल्ली. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने बुधवार को कहा कि डिजिटल बदलाव और प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण के कारण एक्सचेंज में पंजीकृत कुल ग्राहक खातों की संख्या 20 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। इसमें आज तक के ग्राहक पंजीकरण शामिल हैं।एनएसई ने बयान में कहा, “एक्सचेंज (खातों) में ग्राहक कोड की कुल संख्या 20 करोड़ को पार कर गई है, जो आठ महीने पहले 16.9 करोड़ थी।” एनएसई के मुख्य कारोबार विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने कहा कि यह वृद्धि भारत की विकास गाथा में निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती है। मोबाइल ट्रेडिंग ऐप को व्यापक रूप से अपनाए जाने और निवेशकों की बढ़ती जागरूकता, सरकार की डिजिटल पहल के समर्थन ने बाजार तक पहुंच को प्रभावी रूप से लोकतांत्रिक बनाया है। इससे विशेष रूप से दूसरी, तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों के निवेशकों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विस्तार सुव्यवस्थित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) प्रक्रियाओं, उन्नत वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों और निरंतर सकारात्मक बाजार धारणा द्वारा समर्थित है, जो इक्विटी, ईटीएफ, रीट, इनविट्स और विभिन्न बांड सहित विविध निवेश साधनों में मजबूत भागीदारी से दिखता है। राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र 3.6 करोड़ खातों के साथ सबसे आगे है। उसके बाद उत्तर प्रदेश (2.2 करोड़), गुजरात (1.8 करोड़), राजस्थान और पश्चिम बंगाल (1.2 करोड़) हैं। इन राज्यों में कुल ग्राहक खातों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल खातों का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा है।
- मुंबई.भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल-सितंबर की अवधि में घरेलू स्तर पर रखे गए सोने के भंडार में 102 टन की बढ़ोतरी की है। मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। केंद्रीय बैंक ने कहा कि स्थानीय तिजोरियों में रखे गए सोने की कुल मात्रा 30 सितंबर, 2024 तक 510.46 टन थी। यह मात्रा 31 मार्च, 2024 तक रखे गए 408 टन सोने से अधिक है। विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी छमाही रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 32 टन सोने का भंडार बढ़ाया। इसके साथ कुल भंडार बढ़कर 854.73 टन हो गया। पिछले कुछ वर्षों में भारत धीरे-धीरे अपने स्वर्ण भंडार को स्थानीय तिजोरियों में स्थानांतरित कर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना घरेलू स्थानों पर स्थानांतरित किया था। यह 1991 के बाद के सबसे बड़े स्वर्ण आवाजाही में से एक था। भारत को 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए अपने स्वर्ण भंडार का एक बड़ा हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था। आरबीआई के मुताबिक, 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास सुरक्षित रखा गया था और 20.26 टन सोना स्वर्ण जमा के रूप में रखा गया था। मई के अंत में ही सूत्रों ने संकेत दिया था कि मानक समीक्षा प्रक्रियाओं के तहत विदेशों में सोना भंडार को घटाने का निर्णय लिया गया है।
- चंडीगढ़। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त रिफाइनरी क्षमता है। पुरी ने पश्चिम एशिया में जारी तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत आकलन है कि जल्दी ही चीजें सामान्य हो जाएंगी। यह हर किसी के हित में है कि चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की की अनुमति नहीं दी जाए क्योंकि इससे हर कोई प्रभावित होगा। उन्होंने यहां ‘रोजगार मेला' को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में कहा, ‘‘दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है।'' पुरी ने कहा, ‘‘इन सभी गतिविधियों से पहले, दुनिया में उत्पादित कच्चे तेल की कुल मात्रा प्रतिदिन 10.5 करोड़ बैरल के करीब थी। तेल निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने स्वेच्छा से लगभग 50 लाख बैरल (प्रतिदिन) की कटौती की है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप उनसे बात करेंगे, तो वे कहेंगे कि कीमतों से निपटने का काम उनका नहीं है। लेकिन अगर आप बाजार में आने वाली मात्रा को सीमित करते हैं तो आप स्पष्ट रूप से कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। उत्पादन कटौती से मात्रा घटकर 9.7 करोड़ बैरल पर आ गई है।'' पुरी ने कहा, ‘‘फिर वैश्विक स्तर पर तनाव है। अगर किसी खास क्षेत्र में तनाव है तो उसका तेल पर क्या असर होगा...इससे माल ढुलाई की लागत बढ़ जाती है, बीमा की लागत बढ़ जाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आप तेल की कीमतों की गणना कैसे करते हैं? कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में आप बीमा लागत, माल ढुलाई की लागत, रिफाइनरी मार्जिन और डीलर का मार्जिन जोड़ते हैं।'' मंत्री ने कहा, ‘‘और इस सब में हमारे यहां अब भी दुनिया में पेट्रोल और डीजल की सबसे कम कीमतों में से एक है। इसका कारण है कि दो मौकों पर नवंबर, 2021 और मई, 2022 में सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज तेल की कोई कमी नहीं है। ईरान, इजराइल समेत तमाम तनावों के बाद भी आज तेल की कीमतें 72-73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास होनी चाहिए। बाजार इन चीजों को ध्यान में रख रहा है।'' पुरी ने यह भी कहा कि भारत में रिफाइनिंग क्षमता की भी कोई कमी नहीं है।मंत्री ने कहा, ‘‘बाजार में पर्याप्त कच्चा तेल उपलब्ध है, पर्याप्त रिफाइनरी क्षमता है और हमारे पास बहुत अच्छा वितरण नेटवर्क है। उनके साथ हमारी बहुत अच्छी व्यवस्था है। इसीलिए इस मामले में आशंका वाली कोई बात नहीं है।'' पुरी ने कहा कि बाजार में नया तेल आ रहा है। ब्राजील को प्रतिदिन 4,00,000 बैरल अतिरिक्त तेल मिल रहा है। अमेरिका बाजार में और अधिक तेल ला सकता है।
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार की महाजेनको और एनटीपीसी की साझेदारी ने नासिक के पास 1,350 मेगावाट के सिन्नर थर्मल पावर प्लांट को खरीदने की दौड़ में बढ़त बना ली है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कंसोर्टियम ने 3,800 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिससे वे अदाणी पावर से आगे निकल गए हैं। अदाणी पावर की बोली 3,000 करोड़ रुपये से कम बताई जा रही है।रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल लेनदार हर बोली की कानूनी और नियामक जांच कर रहे हैं। इसके बाद व्यक्तिगत बोलीदाताओं से बातचीत शुरू होगी।
सिन्नर थर्मल पावर प्लांट के बारे मेंसिन्नर थर्मल पावर प्लांट महाराष्ट्र के नासिक के पास सिन्नर विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में स्थित है। इस प्लांट को कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की सहायक कंपनियों से कोयले की सप्लाई मिलती है। इसे पहले इंडियाबुल्स पावर ने विकसित किया था, लेकिन बाद में यह रतनइंडिया पावर की सहायक कंपनी बन गया।सितंबर 2022 में, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने इस प्लांट को दिवालिया प्रक्रिया में डाला। जनवरी 2024 में, शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी ने बकाया भुगतान न होने पर याचिका दायर की, जिसके बाद यह प्लांट आधिकारिक रूप से दिवालिया प्रक्रिया में आ गया। प्लांट के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख 20 सितंबर थी।महाजेनको-एनटीपीसी कंसोर्टियम के अलावा, सात अन्य कंपनियों ने भी बोली लगाई है, जिनमें वेदांता ग्रुप, जिंदल पावर, ओडिशा मेटालिक्स और सिंगापुर की वीएफएसआई होल्डिंग्स शामिल हैं।प्रमुख लेनदारसिन्नर थर्मल पावर प्लांट के सबसे बड़े लेनदार पावर फाइनेंस कॉर्प (PFC) और REC हैं, जिनका कुल बकाया 15,909 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, पंजाब नेशनल बैंक, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और एलआईसी भी प्लांट के अन्य प्रमुख लेनदारों में शामिल हैं।बैंक ऑफ बड़ौदा की इन्वेस्टमेंट बैंकिंग शाखा BoB Caps लेनदारों की समिति (CoC) की सलाहकार है, जबकि शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी कानूनी सलाह दे रही है। समाधान पेशेवर राहुल जिंदल को कानूनी सहायता ट्रिलिगल द्वारा दी जा रही है।सिन्नर प्लांट के फायदेमहाजेनको-एनटीपीसी कंसोर्टियम के पास नागपुर के पास स्थित अपने 2,190 मेगावाट के कोराडी पावर प्लांट के मौजूदा ढांचे का लाभ उठाने का मौका है, जिससे सिन्नर प्लांट के लिए कोयले की सप्लाई और संचालन आसान हो सकता है।रिपोर्ट के अनुसार, सिन्नर प्लांट की चार में से केवल एक यूनिट ने व्यावसायिक संचालन शुरू किया है, जिससे अन्य बोलीदाताओं के लिए मौके बने हुए हैं। इसके अलावा, प्लांट के आसपास 1,600 एकड़ जमीन है, जिससे भविष्य में विस्तार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, कुछ लॉजिस्टिक चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन प्लांट की क्षमता और विस्तार की संभावनाएं इसे एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं। -
नई दिल्ली। सोना-चांदी की ऊंची कीमत होने के बावजूद धनतेरस के दिन जमकर बिक्री हुई। रत्न एवं आभूषण की दुकानों, शोरूम में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ ने ज्वैलर्स के चेहरे पर दिवाली की मुस्कान भर दी।
पिछले धनतेरस की अपेक्षा इस बार सोने की कीमत 30 फीसदी और चांदी का भाव करीब 38 फीसदी अधिक है। इसके बावजूद आभूषण कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार बिक्री पिछले साल की अपेक्षा अधिक रहने वाली है। धनतेरस पर कुल 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान है।पिछले साल धनतेरस (10 नवंबर 2023 ) के दिन सोना 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 70400 रुपये प्रति किलोग्राम थी जोकि इस बार बढ़कर सोना 78530 रुपये और चांदी 97238 रुपये पहुंच गई। पिछले एक साल घरेलू बाजार में सोना 30.9 फीसदी और चांदी 38.1 फीसदी महंगी हुई है जबकि वैश्विक बाजार में पिछले एक साल में सोना 41.8 फीसदी और चांदी 53.3 फीसदी महंगा हुआ है। महंगाई की वजह से आभूषण कारोबारियों को डर था कि इस बार वजन के हिसाब से बिक्री कम होगा।अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा कि सुबह के समय बिक्री ग्राहकों की संख्या कम थी लेकिन इसके बाद तेजी से संख्या बढ़ी। सोने की ऊंची कीमतों के हिसाब से बिक्री प्रभावित होगी। इस धनतेरस पर कारोबार पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत कम या पिछले साल के बराबर रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमें इस धनतेरस पर 20 टन बिक्री की उम्मीद है, जो पिछले साल के बराबर है। हालांकि, सोने की ऊंची कीमतों से बिक्री प्रभावित हो सकती है।धनतेरस ने महंगाई को दी पटखनीधनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। शुभता के इस प्रतीक ने महंगाई को पटखनी दे दी। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव कुमार जैन कहते हैं कि शोरूम में ग्राहकों की सुबह से भीड़ है। पिछले साल 20 टन सोने की बिक्री हुई थी जबकि इस बार यह आंकड़ा 30 टन को भी पार कर सकता है। धनतेरस पर देश भर में लगभग 20 हज़ार करोड़ का सोना और लगभग 2500 करोड़ की चांदी खरीदी गई।ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIJGF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि धनतेरस पर पूरे देश में सोने और चांदी की जबरदस्त बिक्री हुई है। इस वर्ष धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री में वृद्धि हुई है। देश में लगभग चार लाख छोटे और बड़े ज्वेलर्स काम करते हैं।भारतीय मानक ब्यूरो में 2 लाख ज्वेलर्स पंजीकृत हैं जिन्होंने आज लगभग 25 टन सोने की बिक्री की जिसका मूल्य 20 हज़ार करोड़ रुपये तथा इसी तरह देशभर में 250 टन चांदी बिक्री हुई, जिसकी कीमत लगभग 2,500 करोड़ रुपये है।कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक धनतेरस के मौके पर देश भर में लगभग 60 हज़ार करोड़ रुपये के रिटेल व्यापार का अनुमान है। वहीं दूसरी तरफ़ इस दिवाली पर वोकल फॉर लोकल का दर्शन पूरी तरह बाजारों में दिख रहा है क्योंकि लगभग सारी खरीदारी भारतीय सामानों की ही हो रही है।चीन को 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसानएक अनुमान के अनुसार दिवाली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री अब न होने से चीन को लगभग 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार की चपत लगी है। धनतेरस के दिन नई वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन ख़ास तौर पर सोना चांदी के आभूषण तथा अन्य वस्तुएँ, सभी प्रकार के बर्तन, रसोई का सामान ,वाहन, कपड़े एवं रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान एवं उपकरण, व्यापार करने के उपकरण जैसे कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से जुड़े उपकरण, मोबाइल ,बही खाते, फर्नीचर, एकाउंटिंग का अन्य सामान आदि विशेष रूप से खरीदे जाते हैं।कमोडिटी जानकारों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं तथा भू-राजनीतिक स्थितियों के बीच सोने की चमक कायम है, जबकि चांदी एक किफायती विकल्प के रूप में लोकप्रिय बनी है। जो आने वाले दिनों में और भी चमकेगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) ने हालांकि अनुमान लगाया गया कि चांदी की कीमतें संभावित रूप से सोने से आगे निकल सकती हैं।एमओएफएसएल का अनुमान है कि औद्योगिक मांग तथा सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी के कारण 12-15 महीने के भीतर एमसीएक्स पर चांदी 1,25,000 रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं सोना क्रमशः 81,000 से 86,000 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। - नयी दिल्ली. सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के निदेशकों की तलाश करने वाली संस्था एफएसआईबी ने सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के पद के लिए अशोक चंद्रा के नाम की सिफारिश की। वह इस समय केनरा बैंक के कार्यकारी निदेशक हैं। वह अतुल कुमार गोयल का स्थान लेंगे, जो दिसंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) ने एक बयान में कहा कि उसने पीएनबी के प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ पद के लिए 16 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया। बयान में कहा गया, ‘‘साक्षात्कार के दौरान प्रदर्शन, समग्र अनुभव और मौजूदा मापदंडों को ध्यान में रखते हुए ब्यूरो पीएनबी में एमडी और सीईओ पद के लिए अशोक चंद्रा के नाम की सिफारिश करता है।'' एफएसआईबी की सिफारिश पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति करेगी।
- नयी दिल्ली. स्पाइसजेट ने सोमवार को कहा कि उसने इस सप्ताह शुरू होने वाले शीतकालीन कार्यक्रम के लिए 32 नयी उड़ानें शुरू की हैं। एक बयान के अनुसार, इन उड़ानों में 30 घरेलू उड़ानें हैं, और दो राष्ट्रीय राजधानी को थाइलैंड के फुकेत से प्रतिदिन सीधी सेवाओं के जरिये जोड़ रही हैं। शीतकालीन कार्यक्रम में मुंबई से पटना, गोरखपुर, वाराणसी और गोवा के लिए चार नयी उड़ानें शामिल हैं। शीतकालीन कार्यक्रम 27 अक्टूबर, 2024 से 29 मार्च, 2025 तक है।
- नयी दिल्ली. उपग्रह-संचार उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि उनके द्वारा प्रयुक्त प्रमुख आवृत्ति बैंड, विशेषकर ‘केए' और ‘केयू' बैंड को स्थलीय सेवाओं को आवंटित किए जाने से संरक्षित किया जाए। भारतीय सैटकॉम उद्योग संघ (एसआईए) ने भी सरकार से वैश्विक प्रथाओं के अनुरूप लचीले उपयोग के लिए 27.5-28.5 गीगाहर्ट्ज बैंड को आईएमटी (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार) को हस्तांतरित करने के बजाय इसे विशेष रूप से उपग्रह सेवाओं के लिए आरक्षित करने का आग्रह किया है। एसआईए-इंडिया के अध्यक्ष सुब्बा राव पुवुलुरी ने एक बयान में कहा, “सैटेलाइट बैंडविद्थ में कोई भी कमी न केवल ‘गेटवे' की आवश्यकताओं को दोगुना कर देगी, बल्कि सैटेलाइट संचालकों के लिए परिचालन लागत भी बढ़ाएगी, जिसका असर अंततः अंतिम उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा। हमें सैटेलाइट-संचार सेवाओं के लिए इन आवृत्ति बैंड के संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचा जा सके।” उद्योग निकाय ने एनजीएसओ-आधारित स्थिर उपग्रह सेवाओं (एफएसएस) के लिए केयू और केए बैंड में विशिष्ट आवृत्ति रेंज का भी प्रस्ताव दिया है। एसआईए-इंडिया प्रमुख उपग्रह प्रदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है, जिनमें इनमारसैट, वायसैट, एसईएस, इंटेलसैट, टेलीसैट, ओम्नीस्पेस, अमेजन, एशियासैट और ह्यूजेस कम्युनिकेशंस शामिल हैं। एसोसिएशन ने ऐसे मामलों के लिए प्राधिकरण प्रक्रिया पर स्पष्ट दिशा-निर्देशों की भी मांग की है, जैसे कि जब एक एकल उपग्रह ऑपरेटर गेटवे अर्थ स्टेशन और उपयोगकर्ता टर्मिनल सेवाएं दोनों प्रदान करना चाहता हो। एसआईए-इंडिया के महानिदेशक अनिल प्रकाश ने कहा, “उपग्रह संचार सेवाओं के विकास और विश्वसनीयता को समर्थन देने वाले सुव्यवस्थित एवं कुशल ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए इन दिशा-निर्देशों को स्थापित करना आवश्यक है।
- नयी दिल्ली. चालू त्योहारी सत्र में लॉजिस्टिक और परिचालन, ई-कॉमर्स तथा आतिथ्य क्षेत्र में नौकरियों की संख्या में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पेशेवर नेटवर्किंग मंच अपना डॉट कॉम ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान कुल 2.16 लाख अवसर दर्ज हुए। इस साल का त्योहारी सत्र विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण था, जो उपभोक्ता खर्च में मंदी के बाद फिर से अपनी जगह बनाना चाहते थे। इसके अतिरिक्त तेजी से सामान पहुंचाने वाले त्वरित कॉमर्स उद्योग के विस्तार ने भी भर्ती में योगदान दिया। इस दौरान लॉजिस्टिक और परिचालन क्षेत्र में अवसर सालाना आधार पर 70 प्रतिशत बढ़ गए। दूसरी ओर खुदरा और ई-कॉमर्स में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि रेस्तरां और आतिथ्य क्षेत्र में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रैपिडो, डेल्हिवरी, ईकार्ट और शिपरॉकेट जैसी कंपनियों ने विभिन्न पदों के लिए 30,000 से अधिक रिक्तियां दर्ज की हैं। अपना डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निर्मित पारिख ने कहा कि यह साल हमारे नियोक्ता भागीदारों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें उपभोक्ता मांग में 20-25 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद की है।
- नयी दिल्ली. उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को इस वर्ष त्योहारी सीजन की बिक्री में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। प्रमुख ऑनलाइन खुदरा मंच फ्लिपकार्ट और अमेज़न के त्योहारी सेल आयोजन से दहाई अंक में वृद्धि हुई है तथा धनतेरस सप्ताह के दौरान ऑफलाइन माध्यमों से भी अंतिम समय में इसके जोर पकड़ने की उम्मीद है। उद्योग जगत के लोगों ने कहा कि इस त्योहारी सीजन में प्रीमियमीकरण का चलन है, जहां उपभोक्ता ऊर्जा दक्षता, उच्च क्षमता और बड़े आकार की सुविधाओं के लिए अतिरिक्त भुगतान करने को तैयार हैं। यहां तक कि उच्चस्तरीय कृत्रिम मेधा (एआई) और आईओटी प्रौद्योगिकी संचालित उत्पादों में भी रुचि दिखा रहे हैं। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, पैनासोनिक, सोनी, गोदरेज अप्लायंसेज और हायर जैसी कंपनियों ने ओणम त्योहार से ही त्योहारी बिक्री की अच्छी शुरुआत कर दी है और उम्मीद है कि यह गति लगभग 45 दिन की त्योहारी अवधि के शेष सप्ताह तक जारी रहेगी, जो दिवाली के बाद समाप्त होगी। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (घरेलू उपकरण) संजय चितकारा ने कहा, “सभी श्रेणियों में अच्छी वृद्धि हुई है, खासकर बड़ी क्षमता वाली वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे प्रीमियम उत्पादों में। हम एआई और आईओटी प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों की अच्छी मांग देख रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इस त्योहारी सीजन में छोटे दूसरी और तीसरी श्रेणी के बाजारों से भी प्रीमियम उत्पादों की मांग बढ़ी है, जो उत्साहजनक है। गोदरेज अप्लायंसेज के कारोबार प्रमुख कमल नंदी ने कहा कि अच्छे मानसून की वजह से इस त्योहारी सीजन में बाजार में तेजी आई है। इस सीजन में प्रीमियम यानी महंगे उत्पाद सबसे आगे रहे हैं। हालांकि, बड़े पैमाने पर उत्पाद खंड में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। उन्होंने कहा, “गोदरेज अप्लायंसेज में, हमने पिछले साल की तुलना में सितंबर में ओणम की शुरुआत से करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। अक्टूबर में दुर्गा पूजा/नवरात्रि और आगामी दिवाली त्योहार के संयोजन से अबतक करीब 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।” नंदी ने कहा कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स मंचों पर त्योहारी सत्र की बिक्री के दौरान गोदरेज अप्लायंसेज ने कुल मिलाकर “पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत से अधिक की प्रभावशाली वृद्धि हासिल की है।” पैनासोनिक इंडिया की ई-कॉमर्स के जरिये बिक्री वृद्धि दहाई अंक में है और नवरात्रि के दौरान इसमें 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई तथा उम्मीद है कि दिवाली तक यह गति जारी रहेगी। पैनासोनिक मार्केटिंग इंडिया के प्रबंध निदेशक फुमियासु फुजीमोरी ने कहा, “प्रीमियम उपकरणों की खपत में तेजी बनी हुई है। चाहे वह ऑफलाइन हो या ऑनलाइन, उपभोक्ता उच्च औसत बिक्री मूल्य के उत्पादों का विकल्प चुन रहे हैं।” सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील नय्यर ने कहा कि कंपनी में भी बड़ी स्क्रीन वाले, खासकर 55 इंच और उससे अधिक बड़ी स्क्रीन वाले टेलीविजन की मांग में तेजी देखी जा रही है। टीवी की 75 इंच और 85 स्क्रीन आकार में भी खासी मांग देखने को मिल रही है। उद्योग निकाय सिएमा (उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण निर्माता संघ) ने इस त्योहारी सत्र में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
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वाशिंगटन. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि पिछले कई साल से मुश्किल दौर का सामना कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘साफ्ट लैंडिंग' कर संभावना बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में ‘साफ्ट लैंडिंग' का तात्पर्य आर्थिक विकास के दौरान आने वाली ऐसी एक चक्रीय मंदी है जो पूर्ण मंदी की स्थिति आए बिना समाप्त हो जाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने से अच्छे दिन आने वाले हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही चेताया कि अर्थव्यवस्थाएं अभी उतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ रही हैं। सीतारमण ने वाशिंगटन-डीसी के एक ‘ग्लोबल थिंक टैंक' से कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में दो दिवसीय वार्ता के दौरान यही संभावना नजर आई कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘साफ्ट लैंडिंग' होगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, केंद्रीय बैंकों और सभी संस्थानों एवं सरकारों के प्रयासों ने कुछ अवधि के लिए मुद्रास्फीति में कम बनाए रखा है इसलिए वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘साफ्ट लैंडिंग' की संभावना बढ़ रही है।
- नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनियों ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के नए निर्देश को लेकर अपनी चिंता जताई है, जिससे जरूरी ट्रांजेक्शनल और सर्विस मैसेज की डिलीवरी में बाधा आ सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह नियम 1 नवंबर से लागू होगा, जिसके तहत बैंकों, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और वित्तीय संस्थानों जैसे प्रमुख संस्थानों (PEs) द्वारा भेजे गए मैसेज की ट्रेसबिलिटी अनिवार्य होगी।अगस्त में ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया कि बैंकों और अन्य संस्थानों द्वारा भेजे गए मैसेज का ट्रैक रखना जरूरी है। अगर मैसेज भेजने की प्रक्रिया में शामिल टेलीमार्केटर्स की पूरी चेन ठीक से तय नहीं है या सही क्रम में नहीं है, तो ऐसे मैसेज को रोक दिया जाएगा। इसका मतलब है कि यदि मैसेज भेजने वाली चेन स्पष्ट नहीं है, तो वह मैसेज ग्राहकों तक नहीं पहुंचेगा और ब्लॉक कर दिया जाएगा।टेलीकॉम कंपनियों ने चेतावनी दी है कि नए नियमों के चलते वन-टाइम पासवर्ड (OTP) और अन्य जरूरी मैसेज ग्राहकों तक नहीं पहुंच सकते। इसकी वजह यह है कि कई टेलीमार्केटर्स और प्रमुख संस्थान (PEs) अभी तक इन नियमों का पालन करने के लिए जरूरी तकनीकी बदलाव नहीं कर पाए हैं।टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि अगर टेलीमार्केटर्स और PEs नए निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो OTP जैसे महत्वपूर्ण मैसेज डिलीवर नहीं हो पाएंगे।उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, भारत में रोजाना करीब 1.5-1.7 अरब कमर्शियल मैसेज भेजे जाते हैं। अगर इन नियमों के कारण मैसेज ब्लॉक या डिले होते हैं, तो इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है।नियमों के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांगटेलीकॉम कंपनियों ने रेगुलेटर को जानकारी दी है कि उनके सिस्टम 1 नवंबर से लागू होने वाले नए नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कई टेलीमार्केटर्स और प्रमुख संस्थानों (PEs) को जरूरी तकनीकी अपडेट्स के लिए और समय चाहिए। इसके चलते PEs ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए दो महीने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है।टेलीकॉम कंपनियां चरणबद्ध तरीके से नियमों को लागू करने का प्रस्ताव दे रही हैं, जिसमें 1 नवंबर से ‘लॉगर मोड’ में इन नियमों को लागू करने की बात कही गई है। इसका मतलब है कि अगर किसी मैसेज में हैश मिसमैच या रजिस्ट्रेशन की समस्या होती है, तो उस मैसेज को ब्लॉक नहीं किया जाएगा, ताकि कम से कम बाधा हो और इस दौरान सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। टेलीकॉम कंपनियों ने वादा किया है कि वे 1 दिसंबर तक ‘ब्लॉकिंग मोड’ में पूरी तरह से शिफ्ट हो जाएंगी।टेलीकॉम कंपनियों ने दी जल्दी पालन की गारंटीसंभावित रुकावटों को कम करने के लिए, टेलीकॉम कंपनियों ने टेलीमार्केटर्स और PEs को प्रतिदिन रिपोर्ट भेजने का वादा किया है, जिसमें किसी भी समस्या का विवरण होगा ताकि तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य है कि इस बदलाव के दौरान मैसेजिंग ट्रैफिक पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।यह दूसरी बार है जब टेलीकॉम सेक्टर ने TRAI के कमर्शियल मैसेज से जुड़े नियमों को पूरा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। इससे पहले, TRAI ने URLs, OTT लिंक और इसी तरह के कंटेंट वाले मैसेज व्हाइटलिस्ट करने की समय सीमा टेलीकॉम कंपनियों की मांग पर सितंबर से बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दी थी। तब से अधिकांश PEs और टेलीमार्केटर्स ने नियमों का पालन किया है, और सिस्टम सुचारू रूप से काम कर रहा है।व्हाइटलिस्टिंग कैसे काम करती है?व्हाइटलिस्टिंग सिस्टम के तहत, जो संस्थान कमर्शियल मैसेज भेजते हैं, उन्हें अपने मैसेज में उपयोग किए जाने वाले URLs, कॉलबैक नंबर और अन्य जरूरी जानकारी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को देनी होती है। यह जानकारी ऑपरेटर्स के ब्लॉकचेन आधारित डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) प्लेटफार्म में दर्ज की जाती है। अगर मैसेज की जानकारी ऑपरेटर्स के सिस्टम से मेल खाती है, तो ही वह मैसेज डिलीवर किया जाता है; अन्यथा, उसे ब्लॉक कर दिया जाता है।TRAI ने मैसेज हेडर और कंटेंट टेम्पलेट्स के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि टेलीकॉम सेक्टर को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सके। रेगुलेटर ने मई 2023 में टेलीकॉम कंपनियों को व्हाइटलिस्टिंग सिस्टम लागू करने की सलाह दी थी। 1 अक्टूबर से TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मैसेज टेम्पलेट्स में केवल व्हाइटलिस्ट किए गए URLs, APKs, OTT लिंक और कॉलबैक नंबर ही शामिल हों। इसके साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को 45 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
- मुंबई. टाटा टी अगले कुछ महीनों में अपने ब्रांड पोर्टफोलियो में कीमतों में बढ़ोतरी करेगी। कंपनी का इरादा अपने लाभ मार्जिन का विस्तार करना है, जो आदान लागत कीमतों में उछाल के कारण प्रभावित हुआ है। बुधवार को एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी के के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक सुनील ए डिसूजा ने कहा कि मूल कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को कुल मात्रा में वृद्धि की उम्मीद है, जो शहरी क्षेत्रों में बाढ़, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुस्ती और विकास में सामान्य मंदी जैसे कारणों से प्रभावित हुई थी। राजस्व में 11 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद जुलाई-सितंबर तिमाही में मुनाफे में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने वाली कंपनी को लगता है कि आपूर्ति में व्यवधान के कारण इस साल चाय की कीमतों में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। टाटा टी, देश में चाय खुदरा बाजार में लगभग 28 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखती है और इस श्रेणी में हिंदुस्तान यूनिलीवर के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। चाय की कीमतों में वृद्धि के बारे में विस्तार से बताते हुए, डिसूजा ने कहा कि कुल चाय उत्पादन में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है, और इसके अलावा, निर्यात में वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, चाय बोर्ड ने सामान्य रूप से दिसंबर के मध्य के बजाय नवंबर के अंत में चाय की पत्तियों को तोड़ने का काम बंद करने का फैसला किया है, जिससे आपूर्ति पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
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नई दिल्ली। ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें आज बुधवार यानी 23 अक्टूबर को पहली बार 2,750 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चली गई। घरेलू मार्केट में भी सोना फिलहाल रिकॉर्ड लेवल पर है। फ्यूचर मार्केट यानी एमसीएक्स (MCX) पर कीमतें आज 78,919 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई। स्पॉट यानी हाजिर बाजार में भी सोना इस मामले में पीछे नहीं रहा। आईबीजेए (IBJA) के मुताबिक स्पॉट मार्केट में आज सोना 78,703 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज किया गया।
गोल्ड का इस साल अब तक का प्रदर्शन पिछले 45 साल में सबसे बेहतर रहा है। ग्लोबल मार्केट में गोल्ड की बेंचमार्क कीमतों में इस साल अभी तक 33 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखी गई है। गोल्ड की कीमतों में इससे पहले सालाना 133 फीसदी से ज्यादा की तेजी 1979 में दर्ज की गई थी।घरेलू फ्यूचर मार्केट एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट बुधवार को इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 78,919 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल तक पहुंच गया। 25 जुलाई के निचले स्तर से यह 17 फीसदी यानी तकरीबन 11,519 रुपये प्रति 10 ग्राम ज्यादा है। इससे पहले 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती किए जाने के बाद सोने की कीमतों में 7 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट देखने को मिली थी। बजट के बाद 25 जुलाई को एमसीएक्स (MCX) पर कीमतें गिरकर 67,400 रुपये के निचले स्तर तक चली गई थी। जबकि इसके ठीक एक हफ्ते पहले यानी 17 जुलाई को 74,731 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी। 23 जुलाई को पेश किए गए आम बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया।ठीक इसी तरह की की चाल सोने की हाजिर कीमतों में भी आज बुधवार यानी 23 अक्टूबर को दर्ज की गई। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के मुताबिक सोना 24 कैरेट (999) आज कारोबार की शुरुआत में 78,703 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया। IBJA के अनुसार घरेलू हाजिर बाजार में सोना 24 कैरेट (999) 18 जुलाई 2024 को शुरुआती कारोबार में 74,065 रुपये प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 26 जुलाई को शुरुआती कारोबार में 68,069 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक चला गया था।ग्लोबल मार्केट में सोने (gold) की कीमतों में देखी जा रही रिकॉर्ड तेजी से घरेलू कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। ग्लोबल मार्केट में बुधवार यानी 23 अक्टूबर 2024 को स्पॉट गोल्ड (spot gold) 2,758.90 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह बेंचमार्क यूएस दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX DEC′24) भी बुधवार को कारोबार के दौरान 2,772.60 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर देखा गया। - नई दिल्ली। अरबपति मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने एलियांज Allianz SE के साथ भारत में एक बीमा साझेदारी स्थापित करने के लिए बातचीत की है। खबरों के अनुसार, जर्मन कंपनी अपने दो मौजूदा संयुक्त उद्यमों को समाप्त करने की योजना बना रही है।जानकारी के अनुसार, एलियांज और जियो फाइनेंशियल सामान्य बीमा और जीवन बीमा कंपनी स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं। ये चर्चाएं शुरुआती चरण में हैं और दोनों पक्ष योजना को आगे न बढ़ाने का निर्णय भी ले सकते हैं।म्यूनिख स्थित एलियांज ने अपने मौजूदा साझेदार बजाज फिनसर्व लिमिटेड को बताया है कि वह इन संयुक्त उद्यमों से “निकलने पर गंभीरता से विचार कर रही है।” बजाज ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि Allianz “भारतीय बीमा बाजार के प्रति प्रतिबद्ध है।”यह अलगाव साझेदारी की दिशा को लेकर विवाद के कारण हो रहा है।जियो फाइनेंशियल, जिसकी अध्यक्षता अनुभवी बैंकर के.वी. कामथ कर रहे हैं, पहले से ही एक छायाबैंक और बीमा ब्रोकर चला रहा है। इसके अलावा, उसने एसेट प्रबंधन व्यवसाय शुरू करने के लिए ब्लैकरॉक इंक के साथ साझेदारी की है। बीमा संचालन शुरू करने से अंबानी की इस इकाई को वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा प्लेयर बनने में मदद मिलेगी। (
- मुंबई. कारखानों और निर्माण स्थलों पर काम करने वाले 40 प्रतिशत ब्लू-कॉलर कर्मचारी बेसब्री से नौकरी बदलने की तलाश में हैं। ऐसे कर्मचारियों से संबंधित भर्ती मंच वर्कइंडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ब्लू-कॉलर कर्मचारी कारखानों, मशीनरी इकाइयों और निर्माण स्थलों आदि में मुश्किल और श्रम-साध्य काम करने के लिए जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि 22 प्रतिशत कामगार बेहतर वेतन की तलाश में नौकरी बदलना चाह रहे हैं।इसके अलावा 20 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने करियर विकास के अवसरों को नौकरी बदलने की वजह बताया जबकि 20 प्रतिशत लोगों ने व्यक्तिगत कारणों को इसकी वजह बताया। इन कारणों में स्थानांतरण, शिक्षा पूरी करना या पारिवारिक परिस्थितियों में बदलाव शामिल हैं। वर्कइंडिया के मंच पर 1,100 उत्तरदाताओं से मिली जानकारी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।रिपोर्ट कहती है कि वर्तमान नियोक्ताओं द्वारा छंटनी या वित्तीय अस्थिरता की चिंता के कारण भी नयी नौकरी की तलाश की जाती है। लगभग 48 प्रतिशत उम्मीदवारों ने कहा कि वे नौकरी पाने के बाद भी नौकरी की तलाश से जुड़े ऐप का इस्तेमाल करते हैं।
- मुंबई. भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मोहंती ने मंगलवार को कहा कि देश में दूरदराज क्षेत्रों तक बीमा का दायरा बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स और दूरसंचार नेटवर्क का उपयोग करने की जरूरत है। मोहंती ने यहां उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में कहा, ‘‘चूंकि हम ‘सभी के लिए बीमा' के बारे में गंभीर हैं, ऐसे में हमें इस बात पर विचार करना करना चाहिए कि बीमा उत्पादों का वितरण और विपणन कैसे किया जाए।'' उन्होंने कहा कि एजेंट, ब्रोकर और बैंक-एश्योरेंस यानी बैंक और बीमा कंपनियों के बीच की व्यवस्था सहित मौजूदा माध्यम प्रभावी तो रहे हैं, लेकिन देश के प्रत्येक नागरिक के लिए बीमा लेने की चुनौती को देखते हुए इसकी अपनी सीमाएं हैं। मोहंती ने कहा कि मौजूदा मॉडल में विशेष रूप से, दूरदराज और सेवा से पूरी तरह से वंचित गांवों में बीमा ले जाने की ‘सीमाएं' हैं। ऐसे में यह समय गैर-पारंपरागत माध्यमों पर ध्यान देने का है ताकि हम अपने लक्ष्य में कामयाब हो पाएं। उन्होंने कहा, ‘‘दूरसंचार कंपनियों, वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों और ई-कॉमर्स मंच जैसी गैर-पारंपरिक इकाइयों के साथ सहयोग कर हम अपनी पहुंच को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।'' मोहंती ने कहा, ‘‘इन इकाइयों की दूरदराज और बैंक सुविधा से वंचित लोगों तक अच्छी पहुंच है। उनके साथ भागीदार कर हम सभी के लिए सस्ता और सुलभ बीमा कवर सुनिश्चित कर सकते हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ग्रामीण और निम्न-आय वाले समूहों तक पहुंचने मददगार हैं। उन्होंने किसी भी नवोन्मेष को ‘उचित रूप से बढ़ावा देने' के लिए नियामकीय समर्थन की जरूरत बतायी। मोहंती ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई), मशीन लर्निंग और स्वचालन जैसी प्रौद्योगिकियां और मंच पूरे बीमा क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं और इसे ग्राहकों के लिए अधिक अनुकूल बना रहे हैं। इससे पहले, उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर सेवानिवृत्ति समाधानों की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग सम्मान के साथ सेवानिवृत्त हों। उन्होंने इसके लिए सार्वजनिक और निजी इकाइयों के बीच साझेदारी की वकालत की।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 350 रुपये की तेजी के साथ 81,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वहीं चांदी की कीमत 1,500 रुपये के उछाल के साथ एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम के भाव को पार कर गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है। चांदी की कीमतों में लगातार पांचवे दिन बढ़त जारी रही और यह 1,500 रुपये के उछाल के साथ 1.01 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को चांदी की कीमत 99,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थीं। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा कि चांदी में जारी तेजी का मुख्य कारण औद्योगिक मांग है। इसके अलावा आभूषण और चांदी के बर्तन खंड के कारण भी तेजी आई है। इसके अलावा, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 350 रुपये चढ़कर 80,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। सर्राफा कारोबारियों ने सोने की कीमतों में उछाल की वजह त्योहारी और शादी-विवाह के मौसम में बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी में आई तेजी को बताया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के वायदा कारोबार में दिसंबर डिलिवरी वाला सोने का अनुबंध 208 रुपये बढ़कर 78,247 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। दिसंबर डिलिवरी वाले चांदी के अनुबंध का भाव 882 रुपये या 0.91 प्रतिशत उछलकर 98,330 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चस्तर पर पहुंच गया।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने मंगलवार को कई नई सेवाएं पेश कीं। इनमें ‘स्पैम ब्लॉकर्स' से लेकर स्वचालित सिम कियोस्क और डायरेक्ट-टू-डिवाइस सेवाएं शामिल हैं। बीएसएनएल ने सीडैक के साथ साझेदारी में खनन कार्यों के लिए कम विलंबता वाली 5जी संपर्क सेवा भी शुरू की है। इसमें भारत में निर्मित उपकरणों और बीएसएनएल की प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता का लाभ उठाया गया है। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुल सात नई सेवाओं की शुरुआत की।
बीएसएनएल की नई सेवाओं का अनावरण करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘‘ बीएसएनएल सरकार का एक प्रमुख उद्यम है। एक प्रमुख उद्यम जो हमारे देश के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं, सपनों तथा अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।'' सिंधिया ने कहा कि बीएसएनएल वर्षों से विभिन्न उपलब्धियां हासिल करते हुए लोगों की सेवा कर रही है।
उन्होंने भरोसा जताया, ‘‘परिदृश्य प्रतिस्पर्धी तथा समेकित होने पर बीएसएनएल नई चुनौतियों से पार पा लेगी।'' सिंधिया ने इसे भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि बीएसएनएल ने अपना स्वयं का 4जी दूरसंचार ढांचा तैयार किया है, जिसे 5जी में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि बीएसएनएल प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण में सदैव अग्रणी रहेगी।''
मंत्री ने कहा कि अगले साल के मध्य तक बीएसएनएल के पास 1,00,000 4जी ‘साइट' होंगी। उस समय कुछ ‘साइट' पर 5जी सेवा होगी। -
नयी दिल्ली. डेलॉयट इंडिया ने मजबूत सरकारी व्यय तथा उच्च विनिर्माण निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सात से 7.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है। हालांकि, उसने कहा कि वैश्विक वृद्धि में नरमी से अगले वित्त वर्ष की संभावना प्रभावित होगी। डेलॉयट ने अपने ‘अक्टूबर 2024 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था परिदृश्य' में कहा, संपन्न विनिर्माण क्षेत्र, स्थिर तेल कीमतें और चुनाव के बाद संभावित अमेरिकी मौद्रिक सहजता से भारत में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा मिल सकता है, उत्पादन लागत कम हो सकती है तथा दीर्घकालिक निवेश व रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में सालाना अधार पर 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि यह पांच तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है, लेकिन भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। डेलॉयट इंडिया ने बयान में कहा, उसने वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को सात प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत के बीच और उसके अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इसे 6.5 से 6.8 प्रतिशत के बीच बरकरार रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि मजबूत घरेलू गतिविधि से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘ घरेलू कारक जैसे कि मुद्रास्फीति में नरमी, खासकर खाद्य पदार्थों में, बेहतर बारिश तथा रिकॉर्ड खरीफ उत्पादन, वर्ष की दूसरी छमाही में मजबूत सरकारी व्यय और विनिर्माण में बढ़ता निवेश इस वर्ष भारत की वृद्धि में सहायक होंगे।'' मजूमदार ने कहा, ‘‘ अमेरिकी फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद उच्च पूंजी प्रवाह दीर्घकालिक निवेश व रोजगार के अवसरों में तब्दील हो सकता है, क्योंकि दुनिया भर में बहुराष्ट्रीय कंपनियां परिचालन लागत को और कम करने की कोशिश कर रही हैं।''
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नयी दिल्ली. जिंदल समूह ने ओडिशा में 15 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता की सीमेंट ‘ग्राइंडिंग' इकाई चालू करने की मंगलवार को घोषणा की। यह उसकी 2,200 करोड़ रुपये की विस्तार योजना का हिस्सा है। समूह ने बयान में कहा, उसकी शाखा जिंदल पैंथर सीमेंट (जेपीसी) ने 15 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता वाली पहली सीमेंट ‘ग्राइंडिंग' इकाई चालू की है। यह समूह की सीमेंट उत्पादन में कम कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है...'इसमें कहा गया, जेपीसी की योजना अंगुल तथा रायगढ़ दोनों स्थानों पर अपनी उत्पादन क्षमता को वर्तमान 10 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 70 लाख टन प्रति वर्ष करने की है, जिसके लिए वह 2,160 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। जेपीसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोहित वोहरा ने कहा, ‘‘ अंगुल में हमारी ‘ग्राइंडिंग'(सीमेंट पीसने की) इकाई का चालू होना टिकाऊ भविष्य की दिशा में हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम अपनी हरित सीमेंट प्रतिबद्धताओं के साथ मध्य तथा पूर्वी भारत की बढ़ती मांग को पूरा करना चाहते हैं।
- -ओडिशा के अंगुल में सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट शुरू, जेपीसी डिकार्बोनाइजेशन के लिए प्रतिबद्ध- सीमेंट उत्पादन के लिए अंगुल स्टील प्लांट स्थित ब्लास्ट फर्नेस से निकलने वाले 10 लाख टन स्लैग का इस्तेमाल किया जाएगा-जेएसपी की स्टील मार्केटिंग टीम के साथ मिलकर बाजार में सीमेंट वितरण की योजना- एक ही स्थान पर समस्त निर्माण सामग्री उपलब्ध कराने की सराहनीय पहलरायपुर । जिन्दल समूह के एक अभिन्न अंग, जिन्दल पैंथर सीमेंट (जेपीसी) ने ओडिशा के अंगुल में अपनी पहली सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट शुरू कर एक बड़ी छलांग लगाई है।15 लाख टन प्रतिवर्ष (1.5 एम.टी.पी.ए.) क्षमता की यह अत्याधुनिक यूनिट श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के अंगुल इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट से निकलने वाले लगभग 10 लाख टन (1 एम.टी.पी.ए.) ब्लास्ट फर्नेस स्लैग का इस्तेमाल सीमेंट बनाने में करेगी। बड़ी बात यह है कि पूरे सीमेंट उद्योग जगत में सबसे कम क्लिंकर का उपयोग कर यह यूनिट न्यूनतम कार्बन डाईऑक्साइडउत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ेगी, जो जिन्दल समूह की एक बड़ी योजना का हिस्सा और उसकी प्रतिबद्धता है।ग्रीन सीमेंट की दिशा में अग्रसरजिन्दल पैंथर सीमेंट की अंगुल ग्राइंडिंग यूनिट का उद्देश्य मध्य और पूर्वी भारत के उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करते हुए उच्च गुणवत्ता वाला पोर्टलैंड स्लैग और कंपोजिट सीमेंट बनाना है। खास बात यह है कि जेएसपी में स्टील उत्पादन प्रक्रिया से निकले अपशिष्ट (वेस्टेज) का पुनः उपयोग करके जिन्दल पैंथर सीमेंट कार्बन फुटप्रिंट घटाने और दीर्घकालिक औद्योगिक प्रथाओं को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण काम कर रहा है। आने वाले समय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जेपीसी जिस तरह आगे बढ़ रहा है, वह जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के बड़े पैमाने पर कार्बन फुटप्रिट घटाने के उद्देश्यों से मेल खाता है, जो पूरे समूह को एक हरित एवं स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में अग्रसर करेगा।भविष्य की योजनाएंजिन्दल पैंथर सीमेंट ने अब अंगुल और रायगढ़ यूनिटों में उत्पादन क्षमता को 70 लाख टन प्रतिवर्ष (7 एम.टी.पी.ए.) तक बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसमें 2160 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह विस्तार क्षेत्र में बुनियादी ढांचा निर्माण के लिए बढ़ती विश्वसनीय सामग्रियों की आसान उपलब्धता सुनिश्चित कराने के साथ-साथ सीमेंट उद्योग में कंपनी की उपस्थिति को और मजबूत करेगा । पूर्वी भारत का पहला वन-स्टॉप शॉप (एक ही स्थान पर समस्त निर्माण सामग्री) बनने की दिशा में अग्रसर जेपीसी का सीमेंट और जेएसपी का रीबार (सरिया) प्रसिद्ध “ जिंदल पैंथर ब्रांड“ के अंतर्गत संयुक्त रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य अपना घर बनाने का सपना देख रहे एक-एक व्यक्ति को एक ही स्थान पर स्टील और सीमेंट उपलब्ध कराकर एक सरल समाधान प्रदान करना है। इस सुव्यवस्थित प्रक्रिया से ग्राहकों को गुणवत्ता, सुविधा और प्रतिस्पर्धी दरों का लाभ मिलेगा। इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए, जेपीसी के सीईओ श्री रोहित वोहरा ने कहा, “ अंगुल ग्राइंडिंग यूनिट शुरू होना एक बेहतरीन भविष्य निर्माण की दिशा में हमारा एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा लो-कार्बन सीमेंट और बाजार का हमारा नया मॉडल पूर्वी भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करेगा ही, एक हरित धरती के निर्माण के सपने साकार करने में भी हमारा मददगार साबित होगा।”जिन्दल पैंथर सीमेंट (जेपीसी) के बारे मेंजिन्दल पैंथर सीमेंट (जेपीसी), जिन्दल समूह का एक अंग है, जो उच्च गुणवत्ता वाले, लो-कार्बन सीमेंट का उत्पादन कर रहा है। यह अंगुल और रायगढ़ में ग्राइंडिंग यूनिटों का सुव्यवस्थितसंचालन कर देश की निर्माण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिएपर्यावरण अनुकूल पोर्टलैंड स्लैग और मिश्रित सीमेंट का उत्पादन कर रहा है।जिन्दल पैंथर सीमेंट सस्टेनेबिलिटी, इनोवेशन और देश के बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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नई दिल्ली। गौतम अदाणी की पावर सेक्टर की कंपनी ने 22 अक्टूबर को जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए रिजल्ट्स जारी कर दिए हैं। एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने बताया कि सितंबर तिमाही में उसका शुद्ध लाभ (Adani Energy Solutions Q2FY25 net profit) तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 773 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 284 करोड़ रुपये रहा था। सालाना आधार पर (YoY) अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के नेट प्रॉफिट में 172.2% का इजाफा हुआ है। जबकि, वित्त वर्ष की पहली छमाही (H1FY25) में कंपनी का नेट मुनाफा 133.4% बढ़कर 1,088 करोड़ रुपये हो गया, जो H1FY24 में 466 करोड़ रुपये रहा था।