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- नई दिल्ली। महिंद्रा जुलाई 2025 के अंत से अपने बीई 6 और एक्सईवी 9 ई इलेक्ट्रिक एसयूवी के पैक टू वेरिएंट की डिलिवरी शुरू करेगी। अपडेट किए गए मॉडल अब दो बैटरी विकल्पों- 59 केडब्ल्यूएच और एक नए 79 केडब्ल्यूएच पैक के साथ उपलब्ध हैं, जो क्रमशः 400 किलोमीटर और 500 किलोमीटर की रेंज प्रदान करते हैं। बीई 6 पैक टू की कीमत 59 केडब्ल्यूएच वेरिएंट में 21 लाख 90 हजार रुपये और 79 केडब्ल्यूएच वर्सन के लिए साढ़े 23 लाख रुपये है। वहीं एक्सईवी 9 ई की कीमत 24 लाख 90 हजार रुपये और साढ़े 26 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। कीमतों में चार्जर और इंस्टॉलेशन लागत शामिल नहीं है, ग्राहक अतिरिक्त खर्च करके 7.2 केडब्ल्यू या 11.2 केडब्ल्यू चार्जर का चयन कर सकते हैं। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार मई 2025 में इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बाजार में महिंद्रा की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 21.4 प्रतिशत हो गई।पहले से ही पुराने वेरिएंट बुक कर चुके ग्राहकों के पास 79 केडब्ल्यू एच बैटरी वाले वर्जन में अपग्रेड करने का विकल्प होगा। दोनों मॉडल फास्ट डीसी चार्जिंग को सपोर्ट करते हैं।महिंद्रा की ‘इलेक्ट्रिक ओरिजिन’ रेंज (जिसमें बीई 6 और एक्सईवी 9ई शामिल हैं) लगातार बिक्री दर्ज कर रही है। कंपनी के अनुसार हर 10 मिनट में एक महिंद्रा इलेक्ट्रिक एसयूवी बिकती है।बीई 6 और एक्सईवी 9ई पैक टू वैरिएंट में लेवल 2 एडीएएस,ऑल-व्हील डिस्क ब्रेक, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, छह एयरबैग और हाई-स्टिफनेस बॉडीशेल शामिल हैं। केबिन की विशेषताओं में डॉल्बी एटमॉस के साथ 16-स्पीकर हरमन कार्डन साउंड सिस्टम, डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस एंड्रॉइड ऑटो और ऐपल कारप्ले तथा वायरलेस चार्जिंग शामिल हैं।एक्सईवी 9ई में कोस्ट-टू-कोस्ट ट्रिपल-स्क्रीन डैशबोर्ड है, जबकि बीई 6 में डिजिटल कॉकपिट है। महिंद्रा का ईवी पोर्टफोलियो पूरे भारत में 300 से अधिक स्थानों को कवर करने वाले सर्विस नेटवर्क द्वारा समर्थित है।
- नई दिल्ली। भारत वित्त वर्ष 2025-26 में 1.15 बिलियन टन का रिकॉर्ड कोयला उत्पादन हासिल करने की राह पर है। यह जानकारी शनिवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। केयरएज रेटिंग्स द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, देश का घरेलू कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2025 में 1,047.6 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया, जो पिछले पांच वर्षों में 10 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि कोयला खनन को अधिक कुशल और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नीतिगत सुधारों की एक सीरीज के तहत देखी जा रही है।सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, माइन डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) मॉडल, कोयला खनन में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति और कोयला ब्लॉकों की नियमित नीलामी जैसी प्रमुख सरकारी पहलों ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद की है। खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन ने भी नियामक बाधाओं को दूर करने और प्राइवेट प्लेयर्स को आकर्षित करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।कोयला उत्पादन में वृद्धि बिजली क्षेत्र की बढ़ती मांग के कारण हुई है, जिसका वित्त वर्ष 2025 में कुल कोल डिस्पैच में 82 प्रतिशत हिस्सा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योगों, घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बढ़ती जरूरतों के कारण भारत की कुल कोयला खपत वित्त वर्ष 2021 में 922.2 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 1,270 मिलियन टन हो गई।कुल खपत में घरेलू कोयले की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021 में 77.7 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 82.5 प्रतिशत हो गई। आत्मनिर्भरता की ओर इस बदलाव को जनवरी तक 184 कोयला खदानों के आवंटन से समर्थन मिला है, जिनमें से 65 ब्लॉकों में उत्पादन शुरू हो चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है, “इन सक्रिय खदानों ने वित्त वर्ष 2025 में लगभग 136.59 मिलियन टन उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करता है।” सबसे बड़े कोयला उत्पादक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने वित्त वर्ष 25 में कुल उत्पादन में लगभग 74 प्रतिशत का योगदान दिया। प्राइवेट और कैप्टिव माइनर्स ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। मार्च में शुरू की गई कोयला ब्लॉक नीलामी के 12वें दौर में घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए 28 और खदानों की पेशकश की गई। इस बीच, बेहतर सप्लाई स्थितियों और सहायक सरकारी नीतियों के कारण कोयले की कीमतों में लगातार गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, यह ट्रेंड वित्त वर्ष 2026 में जारी रहने की उम्मीद है, जिससे उद्योगों के लिए कोयला अधिक किफायती हो जाएगा।
- मुंबई. इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने बृहस्पतिवार को नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत को अपने निदेशक मंडल में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की। कांत ने पिछले महीने भारत के जी-20 शेरपा के पद से इस्तीफा दे दिया था।इंटरग्लोब एविएशन ने बयान में कहा कि निदेशक मंडल में उनकी नियुक्ति नियामकीय और शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर है। इंडिगो के निदेशक मंडल के चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता ने कहा, ‘‘इंडिगो को अमिताभ कांत को बोर्ड सदस्य के रूप में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। कांत के पास राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रशासनिक कार्यों का अच्छा-खासा अनुभव है। उनके नेतृत्व गुणों से इंडिगो को बहुत लाभ होगा...।'' मेहता ने कहा कि इंडिगो की टीम 2030 तक वैश्विक कंपनी बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में अपने व्यापक अनुभव और ज्ञान का लाभ उठा सकती है।नीति आयोग में अपने कार्यकाल के दौरान, कांत ने कई प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। इनमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बोर्ड में निदेशक और भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के सदस्य की भूमिका शामिल हैं। अपनी नियुक्ति पर कांत ने कहा, ‘‘मैं इंटरग्लोब एविएशन लि. (इंडिगो) के निदेशक मंडल में शामिल होकर बहुत खुश हूं...मैं इंडिगो और भारत के व्यापार, पर्यटन और आर्थिक विकास के अगले अध्याय में योगदान देने के लिए तत्पर हूं।''
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कोकराझार. देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने असम में वंचित वर्ग की लड़कियों के लिए एक महीने का सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत 40 नाबालिगों को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम - बालिका सशक्तीकरण मिशन (जीईएम) 2018 से पूरे देश में राज्य द्वारा संचालित बिजली कंपनी द्वारा चलाया जा रहा है। एनटीपीसी के बोंगाईगांव संयंत्र ने असम के कोकराझार जिले में पहल का चौथा संस्करण शुरू किया है। कंपनी ने बयान में कहा, “एक जुलाई से 30 जुलाई, 2025 तक आयोजित होने वाला जीईएम- 2025 संरचित शिक्षण मॉड्यूल, रचनात्मक गतिविधियों और प्रतिभागियों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कल्याण पर विशेष ध्यान देने के माध्यम से जीवन-परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करेगा।” इस वर्ष के कार्यक्रम के लिए आस-पास के 12 स्कूलों की कुल 40 लड़कियों का चयन किया गया है। वर्तमान में अपने चौथे वर्ष में, जीईएम पहल 10-12 वर्ष की आयु की ग्रामीण लड़कियों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, उनके आत्मविश्वास, नेतृत्व गुणों और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को पोषित करती है। कार्यक्रम का उद्घाटन कोकराझार जिला आयुक्त मसंदा एम पर्टिन और एनटीपीसी बोंगाईगांव के परियोजना प्रमुख अर्नब मैत्रा ने किया।
- एम्स्टर्डम. सबसे बड़ी भारतीय एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने बुधवार को मुंबई से एम्स्टर्डम के लिए अपनी सीधी उड़ान सेवा शुरू करने के साथ ही यूरोप में अपनी मौजूदगी का विस्तार किया। गुरुग्राम स्थित एयरलाइन ने इस साल मई में कहा था कि वह चालू वित्त वर्ष में लंदन, एथेंस और आठ अन्य अंतरराष्ट्रीय शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने पर विचार कर रही है। फिलहाल इंडिगो की 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित होती हैं। मुंबई से नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम के लिए उड़ान इंडिगो के बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर विमान के साथ सप्ताह में तीन बार संचालित होगी। एम्स्टर्डम का शिफोल हवाई अड्डा दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है और एक प्रमुख यूरोपीय केंद्र है। एयरलाइन ने मुंबई से ब्रिटेन के मैनचेस्टर के लिए भी अपनी उड़ानें शुरू की हैं।इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने कहा, ‘‘यूरोप में अपने पंख फैलाते हुए, हम भारत को दुनिया से जोड़ने वाली अपनी मुंबई-एम्स्टर्डम उड़ानें शुरू करने से उत्साहित हैं। यह मार्ग न केवल अवकाश, व्यवसाय और छात्र यात्रियों के लिए संपर्क बढ़ाएगा, बल्कि सांस्कृतिक, आर्थिक और कूटनीतिक रूप से भारत और नीदरलैंड के बीच संपन्न साझेदारी को भी गहरा करेगा।
- रेडमंड (अमेरिका). दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। पिछले कुछ महीनों में यह दूसरी बार है, जब कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। अमेरिकी कंपनी ने बुधवार से कर्मचारियों को नौकरी से हटाये जाने का नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने यह नहीं बताया कि वह कितने कर्मचारियों की छंटनी करेगी। लेकिन यह आंकड़ा पिछले साल कंपनी के कर्मचारियों की कुल संख्या के चार प्रतिशत से कम होगा। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि कर्मचारियों की छंटनी से दुनियाभर की कई टीमें प्रभावित होंगी, जिसमें उसकी बिक्री इकाई और उसका एक्सबॉक्स वीडियो गेम कारोबार शामिल है। बयान के अनुसार, ‘‘हम गतिशील बाजार में सफलता के लिए कंपनी और टीम को बेहतर स्थिति में लाने को लेकर आवश्यक संगठनात्मक बदलावों को लागू करना जारी रखे हुए हैं।'' माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, पिछले साल जून तक उसके पास 2,28,000 पूर्णकालिक कर्मचारी थे। उसकी नवीनतम छंटनी से उस कार्यबल में लगभग चार प्रतिशत की कटौती होगी। इस हिसाब से यह संख्या लगभग 9,000 होगी। लेकिन इस साल कम से कम तीन छंटनी पहले ही हो चुकी है। अब तक, की सबसे बड़ी छंटनी मई में हुई थी। उस समय माइक्रोसॉफ्ट ने लगभग 6,000 कर्मचारियों की छंटनी शुरू की थी, जो उसके वैश्विक कार्यबल का लगभग तीन प्रतिशत था। यह दो साल से अधिक समय में सबसे बड़ी नौकरी में कटौती थी। इसका कारण यह माना जा रहा है कि कंपनी कृत्रिम मेधा (एआई) पर काफी खर्च कर रही है।
- नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग की प्रौद्योगिकी का उपयोग करने को कहा है। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया। दूरसंचार विभाग की यह प्रौद्योगिकी वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक उपकरण है। बैंक और वित्तीय संस्थान वास्तविक समय में वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (एफआरआई) का उपयोग कर सकते हैं। यह वित्तीय धोखाधड़ी के मध्यम, उच्च या बहुत उच्च जोखिम के साथ उनके जुड़ाव के आधार पर मोबाइल नंबर को वर्गीकृत करता है। आंकड़े विभिन्न स्रोतों से एकत्र किये जाते हैं। इसमें भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी), दूरसंचार विभाग के चक्षु मंच और बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा साझा की गई खुफिया जानकारी शामिल है। बयान में कहा गया, ‘‘दूरसंचार विभाग 30 जून, 2025 को जारी रिजर्व बैंक की सलाह का स्वागत करता है, जिसमें सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और सहकारी बैंकों को दूरसंचार विभाग के वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक को अपनी प्रणाली में एकीकृत करने का निर्देश दिया गया है।'' दूरसंचार विभाग की ‘डिजिटल इंटेलिजेंस' इकाई ने मई, 2025 में इसे पेश किया था। हालांकि, इस प्रणाली की उपयोगिता पहले ही प्रदर्शित की जा चुकी है। वर्तमान में फोनपे, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पेटीएम और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक जैसे प्रमुख संस्थान इस मंच का उपयोग कर रहे हैं। बयान के अनुसार, ‘‘ऐसे समय जब यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) पूरे भारत में सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बन गयी है, यह कदम लाखों नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचा सकता है। एफआरआई दूरसंचार और वित्तीय दोनों क्षेत्रों में संदिग्ध धोखाधड़ी के खिलाफ त्वरित, लक्षित और सहयोगात्मक कार्रवाई की अनुमति देता है।
- नयी दिल्ली. रियल एस्टेट के बारे में डिजिटल रूप से जानकारी देने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी आरईए ग्रुप ने प्रवीण शर्मा को आरईए इंडिया का मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने की घोषणा की है। कंपनी ने बयान में कहा कि शर्मा के पास तकनीक, डिजिटल, मीडिया और विज्ञापन के क्षेत्रों में भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 25 साल का प्रबंधन स्तर पर काम करने का अनुभव है। वह ध्रुव अग्रवाल का स्थान लेंगे, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में, प्रवीण पेटीएम से जुड़े थे, जहां उन्होंने ‘ऑनलाइन पेमेंट्स और कॉमर्स सर्विसेज' सहित कई कारोबार की स्थापना की और उनका नेतृत्व किया। इससे पहले उन्होंने गूगल में नौ साल तक काम किया था। आरईए ग्रुप के सीईओ, ओवेन विल्सन ने कहा, “मैं प्रवीण शर्मा का आरईए ग्रुप में स्वागत करते हुए काफी उत्साहित हूं। डिजिटल कारोबार में उनके व्यापक अनुभव से आरईए इंडिया को बड़ी रणनीतिक बढ़त मिलेगी.... मुझे विश्वास है कि वह आरईए इंडिया के अगले विकास चरण का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करेंगे।” अपनी नियुक्ति पर शर्मा ने कहा, “आरईए इंडिया से जुड़ना मेरे लिए बेहद रोमांचक और सम्मानजनक है। भारतीय प्रॉपटेक बाजार में काफी संभावनाएं हैं और मुझे विश्वास है कि आरईए इंडिया इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।''
- मुंबई. व्हाइट कॉलर (कार्यालय में बैठकर काम करने वाले) नौकरियों के लिए कुल भर्तियां जून में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत बढ़ी है। इसमें मुख्य रूप से दूसरी श्रेणी के शहरों का योगदान रहा है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। नौकरी मंच फाउंडइट.इन पर आधारित ऑनलाइन नौकरी संबंधी गतिविधियां पोस्ट करने वाले फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर के अनुसार, भारत में दूसरी श्रेणी के शहर देश की रोजगार वृद्धि को गति देने वाले प्रमुख इंजन के रूप में उभर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि 26 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कोयंबटूर में अवसरों में वृद्धि देखी गई, इसके बाद नागपुर और नासिक में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसमें मुख्य योगदान सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा), विनिर्माण और एफएमसीजी (रोजमर्रा के घरेलू उत्पाद) जैसे क्षेत्रों का योगदान है। फाउंडइंट के मुख्य राजस्व एवं वृद्धि अधिकारी (सीआरजीओ) प्रणय काले ने कहा, “दूसरी श्रेणी के शहरों की ओर भर्ती की गति में बदलाव, खास तौर पर आईटी और प्रवेश स्तर की भूमिकाओं में उल्लेखनीय है। नौकरी चाहने वालों के पास अब घर के करीब ही विविध अवसर हैं, जो भारत के समृद्ध और विविध प्रतिभा परिदृश्य को दर्शाता है।” उन्होंने कहा, “नियोक्ताओं के लिए ये शहर बेहतर बुनियादी ढांचे, लक्षित निवेश और भौगोलिक रूप से विविधता के रणनीतिक इरादे से प्रेरित पर्यावरण अनुकूल वृद्धि के लिए रणनीतिक अवसर प्रदान करते हैं।” काले ने कहा कि यह हाल के वर्षों में सबसे मजबूत वृद्धि है, जो भारत के रोजगार परिदृश्य में दूसरी श्रेणी के शहरों के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है।
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नई दिल्ली। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच बुधवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में आईटी और ऑटो सेक्टर में खरीदारी देखी गई। सुबह करीब 9.23 बजे, सेंसेक्स 225.5 अंक या 0.27 प्रतिशत बढ़कर 83,922.79 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 58.75 अंक या 0.23 प्रतिशत बढ़कर 25,600.55 पर था।
विश्लेषकों के अनुसार, 24,500-25,000 की रेंज को ब्रेक करने के बाद, निफ्टी 25,200-25,800 की नई रेंज में चला गया हैविश्लेषकों के अनुसार, 24,500-25,000 की रेंज को ब्रेक करने के बाद, निफ्टी 25,200-25,800 की नई रेंज में चला गया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते के बारे में सकारात्मक खबर रेंज की अपर लिमिट को ब्रेक करने में मदद कर सकती है, लेकिन निफ्टी को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रखना मुश्किल होगा।शुरुआती कारोबार में निफ्टी बैंक 45.20 अंक या 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,414.25 पर थाशुरुआती कारोबार में निफ्टी बैंक 45.20 अंक या 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,414.25 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 59.20 अंक या 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,809.25 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 26.40 अंक या 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,082.10 पर था।चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव एनालिस्ट हार्दिक मटालिया ने कहा, “बैंक निफ्टी के चार्ट संकेत देते हैं कि इंडेक्स को पहले 56,800 फिर 57,000 और इसके बाद 57,300 पर समर्थन मिल सकता है। अगर इंडेक्स आगे बढ़ता है, तो 57,650 प्रारंभिक प्रमुख प्रतिरोध होगा, उसके बाद 57,800 और 58,000 स्तर प्रमुख प्रतिरोध होंगे।”सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, टाटा स्टील, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और अदाणी पोर्ट्स टॉप गेनर्स रहेइस बीच, सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, टाटा स्टील, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और अदाणी पोर्ट्स टॉप गेनर्स रहे। जबकि, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, बीईएल और इटरनल टॉप लूजर्स रहे।एशियाई बाजारों में बैंकॉक, चीन, जापान, सोल और जकार्ता लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि केवल हांगकांग हरे निशान में कारोबार कर रहा थाविदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 1 जुलाई को अपनी बिकवाली जारी रखी और 1,970.14 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने अपनी खरीद जारी रखी और उसी दिन 771.08 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। एशियाई बाजारों में बैंकॉक, चीन, जापान, सोल और जकार्ता लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि केवल हांगकांग हरे निशान में कारोबार कर रहा था। पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिका में डाउ जोंस 400.17 अंक या 0.91 प्रतिशत की बढ़त के साथ 44,494.94 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 6.90 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,198.05 पर बंद हुआ और नैस्डैक 166.85 अंक या 0.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20,202.89 पर बंद हुआ। -
नयी दिल्ली. जिंदल स्टील ने अंगुल संयंत्र में अपनी पहली ‘गैल्वनाइजिंग लाइन' चालू करने की सोमवार को घोषणा की। इससे लेपित (कोटेड) उत्पादों की आपूर्ति में वृद्धि होगी जिससे उपकरण, मोटर वाहन, बुनियादी ढांचे और निर्माण सहित विभिन्न उद्योगों की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। ‘कोटेड गैल्वनाइजिंग लाइन 1' (सीजीएल 1) को ओडिशा के अंगुल में कंपनी की इस्पात विनिर्माण सुविधा में मौजूदा कई करोड़ रुपये की निवेश योजना के तहत स्थापित किया गया है। जिंदल स्टील ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, ‘‘ नई लाइन जिंदल पैंथर गैल्वनाइज्ड और जिंकल्यूम ब्रांड के तहत गैल्वनाइज्ड एवं गैल्वेनाइज्ड उत्पादों का उत्पादन करेगी। यह उपकरण, मोटर वाहन, बुनियादी ढांचे और निर्माण सहित विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को पूरा करेगी।'' कंपनी के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा कि ‘गैल्वनाइजिंग लाइन' का चालू होना विविध उद्योग आवश्यकताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले एवं मूल्यवर्धित इस्पात उत्पाद प्रदान करने की कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ‘कोटेड गैल्वनाइजिंग लाइन' से तात्पर्य उस औद्योगिक प्रक्रिया से है जिसमें धातु आमतौर पर इस्पात को जंग से बचाने के लिए उस पर जस्ते की सुरक्षात्मक परत चढ़ाई जाती है। इस प्रक्रिया को ‘गैल्वनाइजिंग' कहा जाता है। इसे सतत उत्पादन ‘लाइन' पर अंजाम दिए जाने पर इसे ‘गैल्वनाइजिंग लाइन' कहा जाता है। यहां ‘कोटेड' से तात्पर्य धातु पर सुरक्षात्मक परत चढ़ाने से है।
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नयी दिल्ली. सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पांच साल में दोगुना होकर वित्त वर्ष 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 11.37 लाख करोड़ रुपये था। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। सकल जीएसटी संग्रह 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये के अपने उच्चतम स्तर को छू गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.4 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में औसत मासिक संग्रह 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2023-24 में 1.68 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.51 लाख करोड़ रुपये था। जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या 2017 के 65 लाख से बढ़कर आठ साल में 1.51 करोड़ से अधिक हो गई है। जीएसटी के आठ वर्षों पर एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘इसके लागू होने के बाद से, माल और सेवा कर ने राजस्व संग्रह और कर आधार बढ़ाने में मजबूत वृद्धि दिखाई है। इसने भारत की राजकोषीय स्थिति को लगातार मजबूत किया है और अप्रत्यक्ष कराधान को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाया है।'' जीएसटी ने 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये का अपना अबतक का सबसे अधिक सकल संग्रह दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 9.4 प्रतिशत की वृद्धि है।
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नयी दिल्ली. निजी क्षेत्र की प्रमुख साधारण बीमा कंपनी एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने बीएलएस ई-सर्विसेज की अनुषंगी स्टारफिन इंडिया के साथ साझेदारी की है। यह साझेदारी कम आय वाले परिवारों के लिए विशेष रूप से तैयार ‘हॉस्पिटल डेली कैश बेनिफिट' योजना पेश करने के लिए की गई है। दोनों कंपनियों के संयुक्त बयान के अनुसार, यह योजना अस्पताल में भर्ती होने पर खर्चों का बोझ कम करने के उद्देश्य से लाई गई है। इसके तहत, बीमाधारक को बीमारी या दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर हर दिन एक निर्धारित नकद राशि दी जाएगी। इसके साथ ही, आकस्मिक मृत्यु और अपंगता के लिए भी सुरक्षा दी जाएगी। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में व्यापार प्रमुख (इमेर्जिंग बिजनेस लाइन) प्रिया कुमार ने कहा, ‘‘ अस्पताल में भर्ती होने पर आर्थिक सहायता समय पर मिलना कमजोर वर्गों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है...इस साझेदारी के जरिये हम जरूरतमंद लोगों की वित्तीय मजबूती को बढ़ावा दे रहे हैं।'' बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड, (स्टारफिन इंडिया की मूल कंपनी) के चेयरमैन शिखर अग्रवाल ने कहा, ‘‘ इस पहल से हम अस्पताल में भर्ती होने पर परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करना चाहते हैं। हमारी अनुषंगी कंपनी स्टारफिन इंडिया और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के बीच यह सहयोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सुलभ और किफायती बीमा समाधान लाने की हमारी प्रतिबद्धता को बताती है।
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नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी है और आने वाले समय में अच्छे मानसून और कृषि के कारण और बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। यह बयान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सोमवार को दिया गया। आरबीआई के ताजा डेटा के मुताबिक, कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन के दम पर 2024-25 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई, जिसके परिणामस्वरूप पूरे वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर 6.5 प्रतिशत पहुंच गई थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह विकास दर जारी रहेगी और अच्छे मानसून के कारण अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में सुधार होगासोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपना मीडिया इंटरव्यू पोस्ट करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह विकास दर जारी रहेगी और अच्छे मानसून के कारण अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में सुधार होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारे बाजारों की गहराई वास्तव में दिख रही है और इससे खुदरा विक्रेताओं और आम नागरिकों को लाभ हो रहा है।वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “हमारी प्रणालियां पारदर्शी और डिजिटल हैं और घर बैठे ही उन तक पहुंचा जा सकता है “वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “हमारी प्रणालियां पारदर्शी और डिजिटल हैं और घर बैठे ही उन तक पहुंचा जा सकता है। व्यक्ति दूसरों की मदद पर निर्भर रहने के बजाय खुद ही यह काम कर सकते हैं। ये एक बहुत अच्छी गतिशील अर्थव्यवस्था के संकेत हैं।”वित्त मंत्री ने कहा, “हमने स्पष्ट किया है कि हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित सामान आदि को सहायता मिलेगी “वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हमारी नीति स्पष्ट है कि श्रम-प्रधान इकाइयों को सहायता दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा, “हमने स्पष्ट किया है कि हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित सामान आदि को सहायता मिलेगी। ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे हम एक (श्रम) और दूसरे (पूंजी/तकनीक) के बीच अंतर करें। विनिर्माण, चाहे वह रोजगार-प्रधान हो या स्वचालित, उसे नीतिगत समर्थन दिया जाएगा।”प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली इस सरकार ने “यह सुनिश्चित किया है कि हम कुछ ठोस नीतियां बनाएं जो लोगों, खासकर एमएसएमई की मदद करें”उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सभी बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली इस सरकार ने “यह सुनिश्चित किया है कि हम कुछ ठोस नीतियां बनाएं जो लोगों, खासकर एमएसएमई की मदद करें।” इसके अतिरिक्त, वित्त मंत्री ने पोस्ट में कहा कि 2014 से रक्षा क्षेत्र की मांगों के छोटे और बड़े विवरणों पर ध्यान दिया गया है, चाहे वह बुलेटप्रूफ जैकेट हो या ऊंचाई पर समय पर सामान पहुंचाना हो। इसके कारण रक्षा उत्पादन के साथ निर्यात में भी बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है। -
नई दिल्ली। जुलाई, 2025 से कई नए वित्तीय नियम लागू होने जा रहे हैं, जिसका आपकी जेब पर सीधा असर हो सकता है। इनमें यूपीआई चार्जबैक, नए तत्काल ट्रेन टिकट बुकिंग और पैन कार्ड के नियमों में बदलाव शामिल हैं। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से हाल ही में सिस्टम को आसान बढ़ाने के उद्देश्य से यूपीआई चार्जबैक नियमों में बदलाव किया गया है। मौजूदा समय में बहुत अधिक दावों के कारण सभी चार्जबैक रिक्वेस्ट को खारिज कर दिया जाता है। ऐसे में सही चार्जबैक रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने के लिए बैंक को यूपीआई रेफरेंस कंप्लेंट सिस्टम (यूआरसीएस) के जरिए एनपीसीआई के पास जाकर केस को व्हाइटलिस्ट करना पड़ता है।
वहीं, 15 जुलाई के बाद एनपीसीआई की इसमें कोई भूमिका नहीं रहेगी। अगर बैंक को कोई चार्जबैक रिक्वेस्ट सही लगती है तो उसे वह एनपीसीआई से व्हाइटलिस्ट किए बिना प्रोसेस कर सकती है।यूपीआई चार्जबैक एक औपचारिक विवाद है जिसे यूजर तब उठाता है जब कोई लेनदेन विफल हो जाता है या जब भुगतान की गई सेवा या उत्पाद वितरित नहीं किया जाता है। यह यूजर को बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता से धन वापसी की मांग करने की अनुमति देता है।नए पैन कार्ड का आवेदन करने के लिए एक जुलाई से आपके पास आधार कार्ड होना जरूरी है। इससे पहले आप किसी भी वैध दस्तावेज या जन्म प्रमाणपत्र के जरिए पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते थे।जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के कई नए नियम लागू हो जाएंगे। 1 जुलाई 2025 से आईआरसीटीसी की वेबसाइट या इसके मोबाइल ऐप के जरिए तत्काल ट्रेन टिकट के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा।गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने 7 जून, 2025 को घोषणा की थी कि मासिक जीएसटी भुगतान फॉर्म जीएसटीआर-3बी को जुलाई 2025 से एडिट नहीं किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, जीएसटीएन ने कहा था कि करदाताओं को देय तिथि से तीन वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। -
नयी दिल्ली. अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के सबसे छोटे पुत्र और तीन भाई-बहनों में सबसे पहले प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किए गए अनंत अंबानी को सालाना 10-20 करोड़ रुपये का वेतन और कंपनी के मुनाफे पर कमीशन सहित कई भत्ते दिए जाएंगे। शेयरधारकों को भेजी गई सूचना में यह जानकारी दी गई है। जहां सबसे अमीर एशियाई के तीनों बच्चे - जुड़वां आकाश और ईशा, और अनंत को 2023 में गैर-कार्यकारी निदेशकों के रूप में तेल-से-दूरसंचार-और-खुदरा समूह के निदेशक मंडल में शामिल किया गया था, वहीं सबसे छोटे अनंत को इस साल अप्रैल में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया था। गैर-कार्यकारी निदेशकों के रूप में, तीनों को कोई वेतन नहीं मिल रहा था और प्रत्येक को वित्त वर्ष 2023-24 में चार लाख रुपये का शुल्क और 97 लाख रुपये का लाभ पर कमीशन दिया गया था। हालांकि, कार्यकारी निदेशक के तौर पर 30 वर्षीय अनंत वेतन और अन्य आवश्यक शर्तों के हकदार होंगे।
रविवार को शेयर बाजार को दिए गए नोटिस में रिलायंस ने कहा कि नियुक्ति के लिए शेयरधारकों की मंजूरी पोस्टल बैलेट के जरिये मांगी गई है। साल 2023 में नियुक्तियां भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी में उत्तराधिकार योजना का हिस्सा थीं, जिसे कई लोगों ने 2002 में उनके पिता की मृत्यु के बाद भाई-बहन के झगड़े से बचने के लिए अंबानी के प्रयास के रूप में देखा। ईशा रिलायंस रिटेल के निदेशक मंडल में हैं और हाल ही में बनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में शामिल हुई हैं, आकाश दूरसंचार कारोबार के प्रमुख हैं। अनंत मैटेरियल्स और नवीकरणीय ऊर्जा खंड से जुड़े हैं। वहह पेशेवर प्रबंधकों के साथ मिलकर काम करते हैं। पोस्टल बैलेट में, रिलायंस ने कहा कि अनंत का “वेतन और भत्ते 10 करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की सीमा में होंगे।” इसमें कहा गया, “सुविधाओं और भत्तों में आवास (सुसज्जित या अन्यथा) या उसके बदले में मकान किराया भत्ता; व्यय की प्रतिपूर्ति के साथ मकान रखरखाव भत्ता और/या गैस, बिजली, पानी, साज-सज्जा और मरम्मत के उपयोग के लिए भत्ते तथा स्वयं और आश्रितों सहित परिवार के लिए छुट्टी यात्रा रियायत शामिल होगी।” अनंत को अपने या पत्नी तथा व्यावसायिक यात्राओं के दौरान सहायकों के लिए यात्रा, भोजन तथा आवास पर किए गए व्यय की पैसा भी मिलेगा। साथ कंपनी के व्यवसाय के लिए कार की व्यवस्था तथा निवास पर संचार व्यय का खर्च भी मिलेगा। वह चिकित्सा के साथ-साथ अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए कंपनी द्वारा व्यवस्थित सुरक्षा के भी हकदार होंगे। अधिसूचना में कहा गया, “वेतन, भत्ते और सुविधाओं के अलावा, अनंत एम. अंबानी शुद्ध लाभ के आधार पर पारिश्रमिक पाने के हकदार होंगे।” मुकेश अंबानी ने अगस्त, 2023 में तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में कारोबार करने वाली कंपनी के बोर्ड में अपने तीनों बच्चों को गैर-कार्यकारी निदेशकों के रूप में शामिल करने की घोषणा की थी, ताकि अंतिम उत्तराधिकार योजना तैयार की जा सके। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनके बच्चे भारत की सबसे मूल्यवान और लाभदायक कंपनी रिलायंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुकेश अंबानी के विपरीत, जिन्हें अपने पिता के व्यवसाय की देखभाल के लिए स्टैनफोर्ड से पढ़ाई छोड़नी पड़ी, जुड़वां बच्चों ईशा और आकाश ने क्रमशः येल और ब्राउन से स्नातक किया। सबसे बड़े पुत्र आकाश कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2014 में समूह की दूरसंचार इकाई जियो की नेतृत्व टीम में शामिल हुए। उन्हें जून, 2022 में दूरसंचार इकाई जियो इन्फोकॉम का चेयरमैन बनाया गया। वह इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस क्रिकेट टीम का प्रबंधन भी करते हैं। ईशा कंपनी के खुदरा, ई-कॉमर्स और लक्जरी कारोबार को संभालती हैं। कहा जाता है कि कंपनी के ई-कॉमर्स ऐप के ज़रिए फैशन के क्षेत्र में कंपनी की मौजूदगी बढ़ाने और शीर्ष अंतरराष्ट्रीय लक्जरी ब्रैंड के साथ बढ़ती साझेदारी के पीछे भी उनका ही हाथ है। अनंत रिलायंस के ऊर्जा कारोबार से जुड़े हैं, जिसमें जीवाश्म ईंधन से लेकर सौर पैनल निर्माण का विकास शामिल है। ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक अनंत, अपनी मां के साथ रिलायंस फाउंडेशन के बोर्ड में भी हैं, जो समूह की परमार्थ इकाई है। तीनों बच्चे जियो प्लेटफॉर्म्स के बोर्ड में हैं, जो रिलायंस की दूरसंचार और डिजिटल संपत्तियों और रिलायंस रिटेल का स्वामित्व रखने वाली इकाई है। -
नई दिल्ली। जैसे-जैसे भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने के करीब पहुंच रहा है, ऑटोमोबाइल सेक्टर देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 7.1 प्रतिशत और विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 49 प्रतिशत का योगदान देकर विकास के एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रहा है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर 3.7 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करता है और भारत के कुल निर्यात में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान देता हैदेश में यह सेक्टर 3.7 करोड़ से अधिक नौकरियों के अवसर पैदा करता है और भारत के कुल निर्यात में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान देता है। केवल एक वाणिज्यिक उद्योग से अधिक, ऑटो सेक्टर को अब वैश्विक विनिर्माण और इनोवेशन में भारत की बढ़ती शक्ति के प्रतिबिंब के रूप में देखा जाता है।वित्त वर्ष 2024-25 तक, भारत बिक्री के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार और उत्पादन के मामले में चौथा सबसे बड़ा बाजार हैवित्त वर्ष 2024-25 तक, भारत बिक्री के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार और उत्पादन के मामले में चौथा सबसे बड़ा बाजार है। देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री विभिन्न सेगमेंट्स में 31 मिलियन से अधिक वाहनों का उत्पादन किया। इसमें 5 मिलियन से ज्यादा यात्री कारें, 1 मिलियन वाणिज्यिक वाहन, 1 मिलियन तिपहिया वाहन और लगभग 24 मिलियन दोपहिया वाहन शामिल थे।निर्यात के मामले में, भारत ने जापान, मैक्सिको, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे बाजारों में लगभग 5.7 मिलियन वाहनों का निर्यात किया हैनिर्यात के मामले में, भारत ने जापान, मैक्सिको, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे बाजारों में लगभग 5.7 मिलियन वाहनों का निर्यात किया। सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर की वृद्धि दर को बनाए रखने और इसे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं भी चला रही है।सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम है। इस योजना का बजट 25,938 करोड़ रुपए है। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), हाइड्रोजन वाहनों, और एडवांस व्हीकल टेक्नोलॉजीज को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।2025 की शुरुआत तक, इस योजना ने 67,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को आकर्षित किया था2025 की शुरुआत तक, इस योजना ने 67,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को आकर्षित किया था। इससे 2.3 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त बिक्री और 7.5 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। एक अन्य प्रमुख पहल फेम-II योजना है, जिसे 11,500 करोड़ रुपए के बजट के साथ लॉन्च किया गया है। इस योजना के जरिए सरकार का उद्देश्य इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, बसों और टैक्सियों को अपनाने को सपोर्ट करना है। इस योजना के तहत 1.3 मिलियन से अधिक ईवी को पहले ही सपोर्ट दिया जा चुका है।आयातित बैटरियों पर निर्भरता कम करने के लिए, सरकार ने 18,100 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए एक पीएलआई योजना भी शुरू कीआयातित बैटरियों पर निर्भरता कम करने के लिए, सरकार ने 18,100 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए एक पीएलआई योजना भी शुरू की।इस योजना के तहत तीन कंपनियां पहले से ही बैटरी गीगाफैक्ट्री बनाने पर काम कर रही हैं। यह योजना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि बैटरी ईवी की कुल लागत का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाती हैं।( - पुरी। प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान लाखों लोगों की सेवा करने के बाद, रिलायंस ने ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भक्तों के अनुभव को समृद्ध करने के लिए बहुआयामी प्रयास शुरू किए हैं। व्यापारिक समूह ने एक बयान में यह जानकारी दी। शुक्रवार को रथ यात्रा के पहले दिन, कंपनी ने अपनी ‘अन्न सेवा' के माध्यम से लगभग एक लाख भक्तों को भोजन वितरित किया। यह सेवा आठ जुलाई को ‘नालाद्री बिजे' तक जारी रहेगी, जिस दिन भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन 12वीं शताब्दी के मंदिर में वापस आएंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पुरी जिला प्रशासन के साथ मिलकर आगंतुकों को सुरक्षित, आरामदायक और समृद्ध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों की एक व्यापक श्रृंखला पेश की है। वार्षिक रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु आते हैं जो जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य शोभायात्रा देखने के लिए एकत्रित होते हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अनंत एम अंबानी ने बयान में कहा, “सेवा, रिलायंस के ‘वी केयर' दर्शन में गहराई से निहित है और पुरी में भक्तों की सेवा करने का अवसर वास्तव में एक आशीर्वाद है। हमारा मानना है कि रथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों और कर्मियों की सेवा करके हम ईश्वर की सेवा कर रहे हैं।” ‘अन्न सेवा' के अलावा, रिलायंस ने खाद्य स्टालों पर संपर्क रहित सैनिटाइजर भी लगाए हैं, नगर पालिका के सहयोग से सफाई के लिए कचरा बैग की आपूर्ति की है और पुलिस शिविरों में स्वच्छता सुविधाएं प्रदान की हैं। समूह ने तीर्थयात्रियों को गर्मी से बचने में मदद करने के लिए 1.5 लाख से अधिक पर्यावरण अनुकूल हाथ पंखे भी वितरित किए। अधिकारी ने कहा, “बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए पुलिस कर्मचारियों के बीच 3,500 रेनकोट भी वितरित किए गए हैं। स्वयंसेवकों, नगर निगम कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों को जलपान किट प्रदान की जाएगी।”
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नई दिल्ली। मॉर्गन स्टेनली ने शुक्रवार को एक नोट में कहा कि वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट के बजाय तेजी आने की अधिक संभावना है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म भारतीय इक्विटी पर आशावादी बनी हुई है। फर्म को उम्मीद है कि मजबूत विकास डेटा, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सहायक कदम और उम्मीद से बेहतर कॉर्पोरेट आय जुलाई से बाजार को ऊपर ले जाएगी।
फर्म के अनुसार, भारत में लगातार सुधार के संकेत दिख रहे हैंफर्म के अनुसार, भारत में लगातार सुधार के संकेत दिख रहे हैं। सरकारी खर्च बढ़ रहा है और आरबीआई अधिक सहायक या ‘शांत’ नीति रुख की ओर बढ़ रहा है। यह, मुद्रास्फीति में कमी के साथ मिलकर शेयर बाजार के लिए अच्छा माहौल बना रहा है।ब्रोकरेज फर्म का यह भी मानना है कि कम ब्याज दरें बैंकों को अधिक उधार देने में मदद करेंगीब्रोकरेज फर्म का यह भी मानना है कि कम ब्याज दरें बैंकों को अधिक उधार देने में मदद करेंगी, जिससे उधार वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, अगर वैश्विक अनिश्चितताएं कम होती हैं, तो भारतीय कंपनियां नई परियोजनाओं में अधिक निवेश करना शुरू कर सकती हैं। आगामी कॉर्पोरेट आय सीजन एक प्रमुख ट्रिगर हो सकता है।आरबीआई चौथी तिमाही में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है, जो बाजार की धारणा को मजबूत करेगामॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि कई कंपनियां कम आधार तुलना, बेहतर दक्षता और उपभोक्ताओं की स्थिर मांग के कारण बाजार की उम्मीदों को पार कर जाएंगी। आगे देखते हुए, आरबीआई चौथी तिमाही में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है, जो बाजार की धारणा को मजबूत करेगा। हालांकि, ब्रोकरेज ने यह भी चेतावनी दी है कि वैश्विक कारक भारत के बाजार की चाल में बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे।दुनिया भर में तनाव, व्यापार नीतियों में बदलाव या विकसित देशों में स्लोडाउन भारतीय शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैदुनिया भर में तनाव, व्यापार नीतियों में बदलाव या विकसित देशों में स्लोडाउन भारतीय शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। भले ही भारत को आम तौर पर अपेक्षाकृत स्थिर बाजार के रूप में देखा जाता है, लेकिन वैश्विक स्तर पर बड़ी बिकवाली से घरेलू इक्विटी पर असर पड़ेगा।अगर तेल की कीमतों में तेज गिरावट आती है, तो यह वैश्विक आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है, जो बाजारों के लिए अच्छा नहीं होगाउदाहरण के लिए, अगर तेल की कीमतों में तेज गिरावट आती है, तो यह वैश्विक आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है, जो बाजारों के लिए अच्छा नहीं होगा। इन जोखिमों के बावजूद, मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि खुदरा निवेशकों की मजबूत भागीदारी और निरंतर विदेशी रुचि किसी भी गिरावट को कम करने में मदद करेगी। भारतीय इक्विटी को ‘कम प्रीमियम’ और जीएसटी में बदलाव और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास जैसे दीर्घकालिक सुधारों से भी लाभ होता है, जो निवेशकों के विश्वास को बढ़ाते हैं। हालांकि, मौजूदा वैल्यूएशन ऐतिहासिक स्तरों की तुलना में अधिक हैं, लेकिन ब्रोकरेज का मानना है कि मजबूत आय परिदृश्य को देखते हुए यह उचित है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि दीर्घावधि में भारत की स्थिर नीतियां और विकास क्षमता इसे उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आकर्षक बाजारों में से एक बनाती हैं -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को मजबूती के साथ बंद हुए, बेंचमार्क सूचकांक नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। पश्चिम एशिया में तनाव कम होने और भारत-अमेरिका के बीच बड़े व्यापार समझौते की संभावना की खबरों के बीच निवेशकों का मूड सकारात्मक रहा, जिससे बाजार का भरोसा बढ़ा और खरीदारी को बढ़ावा मिला।
सेंसेक्स कारोबार के अंत में 303.03 अंक या 0.36 प्रतिशत चढ़कर 84,058.90 पर बंद हुआसेंसेक्स कारोबार के अंत में 303.03 अंक या 0.36 प्रतिशत चढ़कर 84,058.90 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 83,645.41 से 84,089.35 के दायरे में कारोबार करता रहा। बेंचमार्क इंडेक्स में लगातार चौथे सत्र में बढ़त दर्ज की गई, जो लगातार ऊपर की ओर रुझान दर्शाता है। निफ्टी में भी इसी तरह की तेजी देखी गई, जो 88.80 अंक या 0.35 प्रतिशत चढ़कर 25,637.80 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे ट्रेड में यह 25,523 और 25,654 के बीच रहा।निफ्टी लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है क्योंकि निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ हैएलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे ने कहा, “निफ्टी लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है क्योंकि निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ है। 25,750-25,800 से पहले कोई बड़ा प्रतिरोध नहीं देखा गया है, इसलिए सूचकांक अपने ऊपर की ओर बढ़ने की राह पर आगे बढ़ सकता है।”पिछले कुछ दिनों में तेज उछाल के बाद मौजूदा स्तरों पर बाय-ऑन-डिप्स की रणनीति अधिक उपयुक्त प्रतीत होती हैउन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में तेज उछाल के बाद मौजूदा स्तरों पर बाय-ऑन-डिप्स की रणनीति अधिक उपयुक्त प्रतीत होती है। नीचे की ओर, समर्थन 25,500 पर रखा गया है; इस स्तर से नीचे टूटने से कंसोलिडेशन हो सकता है।निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.91 प्रतिशत की उछाल आईइससे पहले, सेंसेक्स ने अक्टूबर 2024 में 84,000 स्तर को छुआ था, जबकि निफ्टी पिछले साल 3 अक्टूबर को 25,639 पर पहुंच गया था। ब्रॉडर मार्केट ने भी यही किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.91 प्रतिशत की उछाल आई। यह दर्शाता है कि निवेशकों की रुचि लार्ज-कैप शेयरों से परे भी मजबूत थी।निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स ने अपने क्षेत्रीय समकक्षों और बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया और 1.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआनिफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रियल्टी, आईटी और एफएमसीजी सूचकांकों को छोड़कर, एनएसई पर अन्य सभी क्षेत्रीय सूचकांक हरे निशान में बंद हुए। निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स ने अपने क्षेत्रीय समकक्षों और बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया और 1.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। अस्थिरता भी कम हुई, इंडिया विक्स 1.60 प्रतिशत गिरकर 12.39 पर आ गया। इससे पता चलता है कि निवेशक निकट भविष्य में बाजार की स्थिरता को लेकर अधिक आश्वस्त महसूस कर रहे हैं। -
नयी दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बृहस्पतिवार को करीब दो प्रतिशत की तेजी आई और कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) एक बार फिर 20 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। बीएसई पर कंपनी का शेयर 1.90 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,495.20 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 2.14 प्रतिशत चढ़कर 1,498.70 रुपये पर पहुंच गया था। एनएसई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1.90 प्रतिशत चढ़कर 1,495.30 रुपये पर पहुंच गया।
इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन 37,837.9 करोड़ रुपये बढ़कर 20,23,375.31 करोड़ रुपये हो गया।बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 1,000.36 अंक बढ़कर 83,755.87 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 304.25 अंक मजबूत होकर 25,549 अंक पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) पिछले साल 13 फरवरी को 20 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण हासिल करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई थी। बाजार मूल्यांकन के मामले में कंपनी सबसे मूल्यवान घरेलू कंपनी है। इसके बाद शीर्ष पांच कंपनियों में एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 15,51,218.93 करोड़ रुपये, आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का 12,45,219.09 करोड़ रुपये, भारती एयरटेल का 11,48,518.05 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 10,27,838.79 करोड़ है। -
नयी दिल्ली. वॉलमार्ट इंक के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डग मैकमिलन के नेतृत्व में कंपनी के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और भारत के साथ अमेरिका की दिग्गज खुदरा कंपनी की बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की। मैकमिलन 18 महीने से भी कम समय में दूसरी बार भारत यात्रा पर आए हैं।
वॉलमार्ट ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर बताया कि मैकमिलन ने मोदी से भारत के साथ वॉलमार्ट की बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की। वॉलमार्ट की टीम देश की दो दिन की यात्रा पर है।
सीईओ ने मंगलवार को मोदी के साथ हुई अपनी बैठक में भारत के साथ वॉलमार्ट की बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की। बातचीत के प्रमुख मुद्दों में फ्लिपकार्ट, फोनपे, वॉलमार्ट ग्लोबल टेक और वॉलमार्ट सोर्सिंग शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी और मैकमिलन के बीच यह चौथी बैठक है।
साल 2014 में बेंटनविले मुख्यालय वाली खुदरा दिग्गज कंपनी का सीईओ बनने के बाद से मैकमिलन कई बार भारत आ चुके हैं। मैकमिलन ने बृहस्पतिवार को वॉलमार्ट इंक के ‘एक्स' खाते पर कहा, “एक मूल्यवान बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद। हम आपके दृष्टिकोण से उत्साहित हैं और हमारे 10 अरब डॉलर वार्षिक निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने और फ्लिपकार्ट तथा फोनपे के माध्यम से नवाचार में निवेश करने को साझेदारी करके समर्थन करने पर गर्व करते हैं। भारत हमारी रणनीति का केंद्र बना हुआ है।” मैकमिलन के अलावा, वॉलमार्ट बोर्ड के सदस्य स्टुअर्ट वाल्टन और वॉलमार्ट इंटरनेशनल के अध्यक्ष और सीईओ कैथ मैकले भी वहां मौजूद थे। स्टुअर्ट वाल्टन परिवार से हैं, जिन्होंने वॉलमार्ट की स्थापना की थी। वह वॉलमार्ट के संस्थापक सैम वाल्टन के पोते हैं। यह पहली बार है जब वॉलमार्ट मालिक परिवार वाल्टन से कोई प्रधानमंत्री से मिल रहा है। मैकले वॉलमार्ट इंटरनेशनल के अध्यक्ष और सीईओ हैं। वॉलमार्ट ने देश से 10 अरब डॉलर मूल्य का सामान खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है। -
नयी दिल्ली. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि साल 2025 की शुरुआत में वैश्विक वस्तु व्यापार में अच्छी तेजी देखने को मिली थी लेकिन आने वाले समय में यह रफ्तार शायद कायम न रह पाए। डब्ल्यूटीओ के ‘वस्तु व्यापार संकेतक' के मुताबिक, साल की शुरुआत में वस्तुओं के व्यापार में तेजी आने की मुख्य वजह यह रही कि आयातकों ने अमेरिका में उच्च शुल्क लगाए जाने की आशंका को देखते हुए पहले ही अपनी खरीदारी बढ़ा दी थी। इस संकेतक का आंकड़ा बढ़कर 103.5 पर पहुंच गया जबकि मार्च में यह 102.8 पर था। यह व्यापार में वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि, भविष्य का संकेत देने वाला नए निर्यात ऑर्डर का संकेतक गिरकर 97.9 पर आ गया है। यह साल के अंत तक व्यापार वृद्धि में कमजोरी आने की तरफ इशारा कर रहा है। डब्ल्यूटीओ का वस्तु व्यापार संकेतक वैश्विक व्यापार के रुझानों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण सूचकांक है जो वास्तविक समय में व्यापार की दिशा के बारे में जानकारी देता है।
- नयी दिल्ली. उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 2016 में रिलायंस जियो के साथ दूरसंचार उद्योग में कदम रखने के फैसले को अपने जीवन का ‘‘सबसे बड़ा जोखिम'' बताया है। उन्होंने कहा कि यदि विश्लेषकों की वित्तीय विफलता की भविष्यवाणी सच भी हो जाती तो भी भारत को डिजिटल रूप से बदलने में इसकी भूमिका को देखते हुए यह जोखिम उठाना उचित होता। वैश्विक प्रबंधन परामर्श कंपनी ‘मैकिन्से एंड कंपनी' के साथ साक्षात्कार में एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 4जी मोबाइल नेटवर्क शुरू करने में अपने स्वयं के अरबों डॉलर का निवेश किया था। इसको लेकर कुछ विश्लेषकों का कहना था कि यह वित्तीय रूप से सफल नहीं हो सकता है क्योंकि भारत सबसे उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए तैयार नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन मैंने अपने निदेशक मंडल से कहा कि सबसे खराब स्थिति यह होगी कि हमें ज्यादा ‘रिटर्न' नहीं मिलेगा। तो यह ठीक है, क्योंकि यह हमारा अपना पैसा है लेकिन रिलायंस के रूप में, यह भारत में हमारा अब तक का सबसे बड़ा परोपकारी काम होगा क्योंकि हम भारत का डिजिटलीकरण कर देश को पूरी तरह बदल चुके होंगे। '' जियो को 2016 में पेश किए जाने के बाद से, जियो ने मुफ्त ‘वॉयस कॉल' और बेहद कम लागत वाला डेटा प्रदान करके भारतीय दूरसंचार बाजार में क्रांति ला दी है, जिससे प्रतिस्पर्धियों को कीमतें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है और देश भर में तेजी से डिजिटल अपनाने को बढ़ावा मिला है। जियो के आने से पहले भारत में मोबाइल इंटरनेट अपेक्षाकृत महंगा था और आबादी के बड़े हिस्से की इस तक पहुंच नहीं थी। इसके आने से कीमतों में उतार-चढ़ाव शुरू हुआ जिससे डेटा की लागत में उल्लेखनीय कमी आई और ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित लाखों भारतीयों के लिए इंटरनेट तक पहुंच सस्ती हो गई। इसका नतीजा यह हुआ कि इंटरनेट की पहुंच बढ़ी।भारत में अब 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, और यह आंकड़ा इसे वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े ऑनलाइन बाजारों में से एक बनाता है। इसने डिजिटल समावेशन को तेज किया क्योंकि किफायती डेटा ने डिजिटल विभाजन को पाटने में मदद की है। ई-कॉमर्स, वित्तीय प्रौद्योगिकी, शिक्षा प्रौद्योगिकी और मनोरंजन जैसी डिजिटल सेवाओं के विकास को बढ़ावा दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने कहा, ‘‘ हमने हमेशा बड़े जोखिम उठाए हैं, क्योंकि हमारे लिए व्यापकता मायने रखती है।अब तक हमने जो सबसे बड़ा जोखिम उठाया है, वह जियो है। उस समय हम अपना पैसा लगा रहे थे और मैं सबसे बड़ा शेयरधारक था। हमारी सबसे खराब स्थिति तब होती जब यह वित्तीय रूप से सफल नहीं होता क्योंकि कुछ विश्लेषकों का मानना था कि भारत सबसे उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए तैयार नहीं है।'' जियो आज देश का सबसे बड़ा दूरसंचार संचालक है, जिसके 47 करोड़ से अधिक ग्राहक है। 5जी, क्लाउड और कृत्रिम मेधा (एआई) सेवाओं में इसकी मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि आखिरकार आप इस दुनिया में बिना कुछ लिए आते हैं और बिना कुछ लिए चले जाते हैं। आप जो पीछे छोड़कर जाते हैं, वह एक संस्था है।''
- नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार बुधवार को तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा तेजी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 700.40 अंक या 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,755.51 और निफ्टी 200.40 अंक या 0.80 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,244.75 पर था।निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.64 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआबाजार में तेजी का नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.64 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। इसके अलावा ऑटो, एफएमसीजी, मीडिया, रियल्टी, इन्फ्रा, फार्मा और सर्विसेज इंडेक्स हरे निशान में थे। निफ्टी के प्राइवेट बैंक और पीएसई इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी हुईलार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 259.30 अंक या 0.44 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,881.70 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 275.10 अंक या 1.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,277.85 पर था।बीईएल, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक लूजर्स थेसेंसेक्स पैक में टाइटन, एमएंडएम, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, टीसीएस, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचसीएल टेक, इटरनल, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक और अदाणी पोर्ट्स गेनर्स थे। बीईएल, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक लूजर्स थे।मजबूत डॉलर से आईटी और ऑटो में लार्ज-कैप स्टॉक बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैंजियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “भारतीय इक्विटी बाजारों में रिकवरी को मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव कम होने और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से समर्थन मिला है। वहीं, एफआईआई पूंजी निकालना जारी रखे हुए हैं लेकिन सकारात्मक वैश्विक संकेत घरेलू बाजार की गति को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। मजबूत डॉलर से आईटी और ऑटो में लार्ज-कैप स्टॉक बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। घरेलू स्तर पर, अनुकूल मानसून पूर्वानुमान और नरम मुद्रास्फीति आशावाद को और मजबूत कर रहे हैं।”सकारात्मक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थीसकारात्मक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सुबह करीब 9.25 बजे, सेंसेक्स 445.6 अंक या 0.54 प्रतिशत बढ़कर 82,500.73 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 130.15 अंक या 0.52 प्रतिशत बढ़कर 25,174.50 पर था।