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नई दिल्ली। भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी (IT) कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। हाल ही में उन्होंने भारत के कर्मचारियों को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी तो आज उन्होंने एक ऐसा काम कर दिया जो पूरे देश में चर्चा का मुद्दा बन गया। नारायणमूर्ति ने अपने चार महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को 240 करोड़ रुपये की शेयरों में हिस्सेदारी देकर भारत का सबसे कम उम्र वाला करोड़पति बना दिया।
BSE की फाइलिंग के मुताबिक, भारत में सबसे कम उम्र में करोड़पति बनने वाले एकाग्र रोहन सिंह की इंफोसिस कंपनी में 15 लाख शेयरों की हिस्सेदारी हो गई है। इसके साथ ही एकाग्रह अब इंफोसिस के 0.04 फीसदी हिस्सेदार होंगे।कौन हैं एकाग्र रोहन के माता-पिता और नारायणमूर्ति के बेटेगौरतलब है कि नारायणमूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति की दो संतानें हैं। एक बेटा रोहन मूर्ति और एक बेटी अक्षता मूर्ति, जिनके पति इंगलैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं। एकाग्र रोहन मूर्ति रोहन मूर्ति और अपर्णा कृष्णन (Aparna Krishnan) के बेटे हैं। नवंबर 2023 में ही उनका जन्म हुआ था।हाल ही में एकाग्र रोहन मूर्ति की दादी मां और नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति राज्यसभा से सांसद बनी हैं। वह राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत सांसद हैं। इससे पहले से ही भारत की जानी मानी लेखिका और समाजसेविका भी हैं। उन्होंने वाइज ऐंड अदरवाइज: ए सैल्यूट टु लाइफ (Wise and Otherwise: A salute to Life ) और Here, There and Everywhere जैसी काफी फेमस किताबें लिखी है। -
नयी दिल्ली. इंडिगो ने सोमवार को 31 मार्च से बेंगलुरु और अगाती के बीच सीधी उड़ान शुरू करने की घोषणा की। इससे लक्षद्वीप के लिए हवाई संपर्क में सुधार होगा। अगाती इंडिगो नेटवर्क में 88वां घरेलू और कुल 121वां गंतव्य होगा। एयरलाइन ने सोमवार को बयान में कहा कि बेंगलुरु और अगाती के बीच सेवाएं 31 मार्च से शुरू होंगी।
एयरलाइन इस मार्ग पर लगभग 78 सीट वाले एटीआर विमान का उपयोग करेगी। इंडिगो ने कहा कि अगाती उन लोगों के बीच लोकप्रिय है जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने, स्कूबा डाइविंग, नौकायन, स्कीइंग और यहां तक कि कयाकिंग की तलाश में रहते हैं। इंडिगो प्रतिदिन 2,000 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है। -
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया में भी छंटनी की तलवार चली है। कंपनी ने हाल में 180 से अधिक नॉन-फ्लाइंग स्टाफ (Non Flying Staff) की छंटनी कर दी है।
इस छंटनी को लेकर कंपनी ने बताया है कि जिन लोगों की नौकरी गई है वो वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और Reskilling यानी नए सिरे से कौशल निखारने के मौकों का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे।एयर इंडिया में 18,500 से अधिक कर्मचारी हैं जबकि ग्रुप एयरलाइन, एयर इंडिया एक्सप्रेस में लगभग 6,200 कर्मचारी हैं। बता दें, जब टाटा समूह ने एयरलाइन का अधिग्रहण किया था, तब दोनों एयरलाइनों में संविदा कर्मियों सहित कुल 12,085 कर्मचारी थे।इस मामले में एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, हम इस प्रक्रिया के दौरान सभी संविदात्मक दायित्वों का सम्मान कर रहे हैं। कर्मचारियों को भेजे गए एक लेटर के अनुसार, छंटनी किए गए कर्मचारियों को एयरलाइन के साथ सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिनों के वेतन के बराबर मुआवजा पैकेज मिलेगा। एयरलाइन ने पहले दो बार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजनाओं की पेशकश की थी जिसका 2,500 से अधिक कर्मचारियों ने लाभ उठाया था। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि फिटमेंट प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, गैर-उड़ान कार्यों में कर्मचारियों को संगठनात्मक आवश्यकताओं और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं। प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 18 महीनों में सभी कर्मचारियों की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए एक व्यापक प्रक्रिया का पालन किया गया है। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज विदेशी इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भारत में बुलाने के लिए लुभावना ऑफर दिया है और साथ ही ईलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला को भारत में एंट्री देने का रास्ता भी साफ कर दिया है। इसके लिए सरकार ने एक नई पॉलिसी लॉन्च की, जिसके तहत पूरी तरह से विदेशों में ही बनी कारों के आयात पर 15 फीसदी ही आयात शुल्क (import duty) लगेगा। सरकार ने आज भले ही ये पॉलिसी लॉन्च कर दिया हो मगर इसके साथ कई तरह की शर्तें भी हैं। आइये जानते हैं क्या हैं वे शर्ते जो भारत में विदेश लग्जरी कार मेकर्स को देंगी एंट्री
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने अपने एक बयान में कहा कि भारत सरकार की ये पॉलिसी इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से लाई गई है। इसका लक्ष्य ग्लोबल इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरर्स को भारत में लाना है। वर्तमान में भारत सरकार के आयात नियमों के मुताबिक, वे वाहन जो पूरी तरह से असेंबल होकर यानी पूरी तरह से तैयार (सिर्फ भारत में उनकी बिक्री होनी है) होकर भारत में आयात किए जाते हैं और उनकी कीमत 40,000 डॉलर से ज्यादा है, उनपर सरकार 100 फीसदी आयात शुल्क लेती है। और जो वाहन 40,000 डॉलर से कम कीमत के हैं, उन पर 70 फीसदी टैक्स लगता है।आयात शुल्क की नई स्कीम में क्या बदलाव?सरकार की तरफ से लॉन्च की गई नई स्कीम में पूरी तरह से तैयार यानी Completely Built-Up (CBU) वाहनों को लेकर जो बदलाव किए गए हैं, उससे टेस्ला (Tesla) जैसी ग्लोबल कार कंपनियों के लिए भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। नई स्कीम के मुताबिक जो भी कंपनी CBU वाहनों का आयात करती हैं, उन्हें 15 फीसदी ही आयात शुल्क देना पड़ेगा। यह उन कंपनियों पर लगने वाले आयात शुल्क के बराबर है, जो वाहनों के पार्ट्स लाकर भारत में ही असेंबलिंग करते हैं। इसे Completely Knocked Down (CKD) भी कहा जाता है। बता दें कि Tesla ने पहले ही भारत सरकार से इस आयात शुल्क की मांग की थी।क्या हैं शर्तें?सरकार ने CBU वाहनों के आयात पर आयात शुल्क घटाकर 15 फीसदी तो कर दिया है लेकिन कई शर्तें भी रखी हैं।1. भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) की एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, भारत में कम से कम 4,150 करोड़ रुपये (लगभग 500 मिलियन डॉलर) का निवेश करने वाले ओरिजिनल एक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) के लिए कम आयात शुल्क की अनुमति दी जाएगी।2. नई आयात पॉलिसी का लाभ लेने के लिए, कंपनियों को तीन साल के भीतर भारत में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करनी होगी और पांचवें साल तक 50 फीसदी का लोकलाइजेशन करना होगा। यानी 50 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग का काम भारत में ही होगा।3. एक आवेदक कंपनी, या उससे जुड़ी सब्सिडियरी कंपनियों के पास ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग से न्यूनतम राजस्व सीमा (minimum revenue threshold ) 10,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए, साथ ही फिक्स्ड एसेट (fixed assets) में 3,000 करोड़ रुपये की वैश्विक निवेश प्रतिबद्धता होनी चाहिए।4. इस पॉलिसी के तहत, अगले पांच साल तक ईवी पैसेंजर कारों (e-4 wheelers) को आयात करने में जो रकम अदा करनी पड़ेगी उसमें इंश्योंरेंस और माल ढुलाई के लिए लगने वाली 35,000 डॉलर की लागत और 15 फीसदी का आयातद शुल्क शामिल है। ये पॉलिसी MHI द्वारा अप्रूवल लेटर जारी होने के बाद से पांच सालों तक जारी रहेगी।5. अगर निवेश की रकम 800 मिलियन डॉलर या उससे ज्यादा है, तो 15 प्रतिशत आयात शुल्क पर ज्यादा से ज्यादा 40,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के आय़ात की अनुमति दी जाएगी। एक कंपनी न्यूनतम संख्या में वाहन आयात कर सकेगी और सीमा उनके द्वारा किए गए निवेश से निर्धारित होगी।6. मंत्रालय के बयान में कहा गया कि अगर नियम के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने वाली कंपनियों को कम सीमा शुल्क पर सीमित संख्या में कारों को आयात करने की अनुमति दी जाएगी। इस रियायत के लिए कंपनी को कम से कम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपये) का निवेश करना जरूरी होगा जबकि निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी।7. पूरी तरह से तैयार किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर जो पहले 100 फीसदी औऱ 70 फीसदी का आयात शुल्क लगता था, अब वह 15 फीसदी लगेगा, जिसके चलते सरकार को अब कम कस्टम ड्यूटी में नुकसान होगा। लेकिन नई पॉलिसी के तहत सरकार का कहना है कि इस नुकसान के एवज में विदेशी कंपनियों को बैंक गारंटी जमा करनी होगी। रिफंड के तौर पर बैंक गारंटी केवल 50 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन हासिल करने और कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करने पर, या पांच साल के दौरान माफ की गई शुल्क की राशि (रियायत की रकम) तक, जो भी ज्य़ादा हो, वापस की जाएगी।पॉलिसी के नोटिफिकेशन से 120 दिन या उससे ज्यादा दिन के भीतर अप्लीकेशन मांगे जायेंगे। पॉलिसी की शुरुआती दो सालों के अंदर जरूरत के मुताबिक अप्लिकेशन विंडो खोलने का अधिकार MHI के पास रहता है। - कोलकाता ।देश की पहली ‘अंडरवॉटर’ मेट्रो ट्रेन की वाणिज्यिक सेवाएं शुक्रवार को कोलकाता में शुरू हुईं और सैकड़ों यात्री अपनी पहली यात्रा पर खुशी से झूम उठे।एक ट्रेन सुबह सात बजे कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर पर हावड़ा मैदान स्टेशन से चली जबकि दूसरी ट्रेन उसी समय एस्प्लेनेड स्टेशन से शुरू हुई। इस दौरान यात्रियों ने तालियां बजायी।‘पहले दिन की पहली अंडरवाटर मेट्रो’ का हिस्सा बनने के लिए सैकड़ों यात्री सुबह-सुबह स्टेशनों पर उमड़ पड़े।हावड़ा मैदान स्टेशन पर सुबह टिकट लेने के लिए यात्री लंबी कतारों में खड़े दिखे जबकि एस्प्लेनेड स्टेशन पर अधिकारियों ने गुलाब के फूल देकर यात्रियों का स्वागत किया। यात्रियों में उत्साह था। हावड़ा मैदान स्टेशन पर कुछ यात्रियों ने ट्रेन में चढ़ते ही ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 6 मार्च को कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड खंड का उद्घाटन करने के बाद वाणिज्यिक सेवाएं शुरू हुईं। यह भारत में पानी के नीचे मेट्रो सेवाओं की शुरुआत थी।ट्रेन जैसे ही नदी के नीचे के हिस्से में पहुंची, ट्रेन में सवार यात्रियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यात्रियों के एक वर्ग ने ‘यह मोदी की गारंटी है’ का नारा लगाया। वहीं कुछ यात्री हुगली नदी के नीचे सुरंग की दीवार की रोशनी की एक झलक पाने के लिए खिड़की की ओर दौड़ पड़े।चलती ट्रेन के दोनों ओर पानी का प्रभाव देने के लिए नदी के नीचे सुरंगों की भीतरी दीवार पर विशेष नीली रोशनी की व्यवस्था की गई है। सुरंग का नदी के नीचे का हिस्सा 520 मीटर लंबा है और एक ट्रेन को इसे पार करने में लगभग 45 सेकंड का समय लगता है।मेट्रो रेलवे के प्रवक्ता कौशिक मित्रा ने कहा, ‘अब तक, हमें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और लोग देश में पहली अंडरवॉटर मेट्रो सेवाओं का अनुभव लेने के लिए देर रात 2.30 बजे ही आ गए थे।’मेट्रो रेलवे की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का 4.8 किलोमीटर लंबा हिस्सा 4,965 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
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नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 2 साल से ज्यादा के हाई पर पहुंच गया है। 8 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह 10.46 अरब डॉलर बढ़कर 636.095 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 1 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 625.63 अरब डॉलर पर था। लगातार तीसरे हफ्ते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देखी गई है।उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2021 में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर (ऑल टाइम हाई) पर पहुंच गया था। पिछले साल से वैश्विक गतिविधियों के कारण दबाव के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की विनिमय दर बनाए रखने के लिए मुद्राभंडार का उपयोग किया। इससे मुद्रा भंडार प्रभावित हुआ।
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 8 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां (foreign currency assets) 8.12 अरब डॉलर बढ़कर 562.35 अरब डॉलर हो गया।डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।गोल्ड रिजर्व भी बढ़ाभारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) का मूल्य 2.29 अरब डॉलर बढ़कर 50.71 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights- SDRs) 28 करोड़ रुपये बढ़कर 1,50,760 करोड़ रुपये हो गया। जबकि, 1 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह 1.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.180 अरब डॉलर पर था।इसी सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 116 करोड़ रुपये बढ़कर 39,876 करोड़ रुपये हो गया। -
मुंबई. अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले साल जनवरी में आई अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट न केवल विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार वाले समूह को अस्थिर करने बल्कि भारत की शासन (गवर्नेंस) प्रणाली को राजनीतिक रूप से बदनाम करने के लिए भी लाई गई थी। शॉर्ट-सेलर एवं निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उस समय समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया था। इस साल उसे उच्चतम न्यायालय से भी राहत मिली जब न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया कि उसे अतिरिक्त जांच का सामना करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, यह रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में 150 अरब डॉलर से अधिक की बिकवाली हुई थी। इसका असर यह हुआ था कि 2023 की शुरुआत में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी के रूप में सूचीबद्ध गौतम अडाणी शीर्ष 20 से भी बाहर हो गए। बाद में समूह ने इस नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली है। अडाणी ने यहां एक निजी कार्यक्रम में कहा, ‘‘पिछले साल 24 जनवरी को हमपर एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने बड़े पैमाने पर हमला किया था। इसका उद्देश्य सिर्फ हमें अस्थिर करना नहीं था बल्कि भारत की शासन प्रथाओं को राजनीतिक रूप से बदनाम करना भी था।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नींव हिलाने की कोशिशों के बावजूद हम मजबूती से खड़े रहे और हमने न केवल अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा की बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि हम अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित रखें।'' अडाणी समूह के मुखिया ने कहा कि इस प्रकरण ने कई बिंदुओं पर ध्यान देने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकरण ने हमें अपनी जुझारू क्षमता पर भी विश्वास दिलाया। हमारा पुनरुद्धार मजबूत होकर वापसी करने के सार को उजागर करता है, जो हर गिरावट के बाद उठने की भावना का प्रतीक है।
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नई दिल्ली। भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से नए साल की शुरुआत में एक बार फिर सोने की जमकर खरीदारी की गई। नए साल के पहले महीने में आरबीआई की खरीदारी बढ़कर 20 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। जबकि पिछले दो महीने के दौरान आरबीआई ने सोने की खरीदारी से परहेज किया था।
सोने की कीमतों को परवान चढ़ाने में केंद्रीय बैंकों ( की खरीदारी का बड़ा योगदान रहा है। सोने की कीमतों में फिलहाल रिकॉर्ड तेजी देखी जा रही है। घरेलू बाजार में जहां सोना 66 हजार के स्तर को पार कर गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय कीमतें 2,200 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर है।वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2024 के दौरान दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से नेट 39 टन सोने की खरीद की गई। यह लगातार 8वां महीना है जब केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने के निवेश मे इजाफा हुआ है। दिसंबर के मुकाबले यह दोगुना से भी ज्यादा है।दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने दिसंबर 2023 के दौरान नेट 17 टन (संशोधित) सोना खरीदा था।खरीदारी के मामले में कौन देश रहे आगेपहले नंबर परइसी रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2024 में सबसे ज्यादा खरीदारी तुर्किए के केंद्रीय बैंक (CBRT) की तरफ से की गई। तुर्किए के केंद्रीय बैंक ने इस दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 12 टन का इजाफा किया। जनवरी 2024 अक्टूबर के अंत तक तुर्किए का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 552 टन तक पहुंच गया। फरवरी 2023 के ऑल टाइम हाई से यह केवल 6 फीसदी कम है। तुर्किए का गोल्ड रिजर्व फरवरी 2023 में 587 टन के रिकॉर्ड हाई पर चला गया था।दूसरे नंबर परदूसरे नंबर पर रहा चीन का केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) । चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से जनवरी 2024 के दौरान 10 टन सोने की खरीदारी की गई। यह लगातार 15वां महीना है जब चीन का केंद्रीय बैंक सोने का नेट खरीदार रहा। जनवरी 2024 के अंत तक चीन का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 2,245 टन तक पहुंच गया। अक्टूबर 2022 की तुलना में यह तकरीबन 300 टन ज्यादा है। इसी वक्त से चीन के केंद्रीय बैंक ने सोने की खरीद को लेकर जानकारी फिर से साझा करना शुरू किया था।तीसरे नंबर परजनवरी 2024 में तकरीबन 9 टन सोने की खरीदारी के साथ भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) तीसरे नंबर पर रहा। भारत का गोल्ड रिजर्व बढकर अब 812 टन तक पहुंच गया है। अक्टूबर 2023 के बाद पहली बार आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में किसी महीने इजाफा दर्ज किया गया है। साथ ही जुलाई 2022 के बाद आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में यह सबसे बड़ा इजाफा है। इससे पहले आरबीआई (RBI) ने कैलेंडर ईयर 2023 की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही के दौरान क्रमश: 7.27 टन, 2.80 टन, 9.21 टन और 2.8 टन सोना खरीदा था ।कजाकिस्तान, जॉर्डन और चेक रिपब्लिक के केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी के मामले में जनवरी 2024 के दौरान क्रमश: चौथे, पांचवें और छठे नंबर पर रहे। कजाकिस्तान, जॉर्डन और चेक रिपब्लिक के केंद्रीय बैंक के केंद्रीय बैंकों ने इस अवधि के दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में क्रमश: 6 टन, 3 टन और 2 टन का इजाफा किया।बिक्री के मामले में आगेसेलिंग के मामले में रूस का केंद्रीय बैंक अग्रणी रहा। रूस के केंद्रीय बैंक की तरफ से जनवरी 2024 के दौरान नेट 3 टन सोने की बिक्री की गई।2023 में कैसी रही थी खरीदारीपिछले कैलेंडर ईयर यानी 2023 के दौरान केंद्रीय बैंकों की खरीदारी में 1,037.38 टन का इजाफा हुआ। 2022 की रिकॉर्ड खरीदारी से यह थोड़ा कम रहा। कैलेंडर ईयर 2022 में रिकॉर्ड 1,081.88 टन सोने की खरीदारी की गई थी। -
नयी दिल्ली. चीनी उद्योग संगठन इस्मा ने बुधवार को सितंबर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष में चीनी के सकल उत्पादन के अपने अनुमान को 9.5 लाख टन बढ़ाकर 340 लाख टन कर दिया है। जनवरी में, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) में एथनॉल के लिए शीरे के उपयोग में लाये जाने के बिना, सकल चीनी उत्पादन 330.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया था। एक बयान में, इस्मा ने कहा कि वर्ष 2023-24 में सकल चीनी उत्पादन अब 340 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष का सकल उत्पादन 366.2 लाख टन था। इस्मा की कार्यकारी समिति ने 12 मार्च को आयोजित अपनी बैठक में चीनी प्राप्ति दर, गन्ना उपज, शेष कटाई योग्य क्षेत्र/गन्ना और विभिन्न राज्यों में कारखानों को बंद करने की अपेक्षित तारीखों पर ध्यान दिया। समिति इस बात पर सहमत हुई कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता उम्मीद से अधिक है।
हालांकि, एक अन्य प्रमुख राज्य, उत्तर प्रदेश में गन्ने की उपलब्धता पूर्व अनुमान से कम रहने का अनुमान है। बयान में कहा गया है, ‘‘इसको देखते हुए, इस्मा ने वर्ष 2023-24 के लिए अपने अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर (एथनॉल में उपयोग के बिना) 340 लाख टन कर दिया है, जबकि जनवरी 2024 में इसका पिछला अनुमान 330.5 लाख टन का था।'' गन्ना रस और बी-भारी शीरा से एथनॉल बनाने के लिए 38 लाख टन चीनी के उपयोग के साथ विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान शुद्ध चीनी उत्पादन 328.2 लाख टन था। चालू वर्ष 2023-24 के लिए, सरकार ने अब तक गन्ना रस/बी-भारी शीरा के माध्यम से एथनॉल के उत्पादन मे 17 लाख टन चीनी के उपयोग की अनुमति दी है। इसका मतलब यह होगा कि शुद्ध चीनी उत्पादन लगभग 323 लाख टन हो सकता है।
इस्मा ने कहा कि विपणन वर्ष 2023-24 के 29 फरवरी तक शुद्ध चीनी उत्पादन (एथनॉल के लिए उपयोग के बाद) 255.5 लाख टन था। बयान में कहा गया है कि देश में अभी भी 466 चीनी मिलें चल रही हैं। - नयी दिल्ली. खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई। इसके साथ, यह लगातार छठे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी के बावजूद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 5.1 प्रतिशत के लगभग बराबर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की महंगाई फरवरी में 8.66 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 8.3 प्रतिशत से मामूली अधिक है। मासिक आधार पर सब्जियों, फल, तेल और वसा, दाल तथा उसके उत्पादों की महंगाई में मामूली कमी आई। हालांकि, अनाज और उसके उत्पाद, मांस और मछली तथा दूध एवं उसके उत्पाद खंड में कीमत वृद्धि की दर ऊंची रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है।एनएसओ के अनुसार, फरवरी में औसत मुद्रास्फीति ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक 5.34 प्रतिशत रही जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 4.78 प्रतिशत थी। राज्यों में सबसे ज्यादा महंगाई ओड़िशा में 7.55 प्रतिशत जबकि दिल्ली में सबसे कम 2.42 प्रतिशत रही।भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के 2023-24 में 5.4 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। सीपीआई आंकड़े के बारे में इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खाद्यान्न और पेय पदार्थों को छोड़कर सभी उप-समूह में फरवरी में महंगाई दर नरम हुई। यह संकेत देता है कि गैर-खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में नरमी जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति (खाद्य और पेय पदार्थ, ईंधन और प्रकाश को सीपीआई से हटाने पर) नरम होकर इस साल फरवरी में 3.5 प्रतिशत रही, जो जनवरी, 2024 में 3.7 प्रतिशत थी। यह जनवरी, 2015 से उपलब्ध मेट्रिक आधारित आंकड़ों में सबसे कम है।'' एनएसओ ने कीमत आंकड़े 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से आंकड़े एकत्रित किये। इसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरें तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करती है।
- नयी दिल्ली.सरकार ने औषधि कंपनियों को वैश्विक मानकों के अनुरूप दवाओं का उत्पादन करने में सक्षम बनाने के लिए योजना में सुधार कर पात्रता मानदंडों को व्यापक बनाया है। इसके तहत दवा कंपनियों को उनके संयंत्रों को उन्नत बनाने के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह कहा गया। संशोधित औषधि प्रौद्योगिकी उन्नयन सहायता योजना (पीटीयूएएस) के अनुसार सरकार ने 500 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली किसी भी दवा विनिर्माण इकाई को योजना के दायरे में लाने का प्रावधान किया है। हालांकि, योजना की प्राथमिकता अभी भी एमएसएमई के लिए बनी हुई है। संशोधित योजना अधिक लचीले वित्तपोषण विकल्प की पेशकश करती है। योजना में शामिल इकाइयों के वित्तपोषण विकल्पों में विविधता लाने के लिए ऐसा किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि योजना अब तकनीकी उन्नयन की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करती है। इसमें एचवीएसी प्रणाली, पानी और भाप उपयोगिताओं, परीक्षण प्रयोगशालाओं, साफ कमरे की सुविधाओं और अपशिष्ट उपचार शामिल हैं।
- नयी दिल्ली. उद्यमी और विक्टर फोर्जिंग्स के साझेदार अश्विनी कुमार को भारतीय निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो का नया अध्यक्ष चुना गया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सर्वसम्मति से चुने गए कुमार ने ए शक्तिवेल का स्थान लिया है। कुमार ने देश के विभिन्न संगठनों में कई प्रमुख पदों पर काम किया है। कुमार फियो के चेयरमैन (उत्तरी क्षेत्र) और फेडरेशन की प्रबंध समिति के सदस्य, एनआईटी-जालंधर की संचालन परिषद के सदस्य, हैंड टूल्स पैनल (पैन इंडिया) के संयोजक और ईईपीसी इंडिया के ‘वाइस रीजनल चेयरमैन' (उत्तरी क्षेत्र) रह चुके हैं। बयान के अनुसार नए फियो प्रमुख का लक्ष्य भारत के निर्यात क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाना है। कुमार ने ऐसे समय में फियो की कमान संभाली है जब वैश्विक व्यापार में भारी बदलाव आ रहा है।बयान में कहा गया है कि कुमार सभी संबद्ध पक्षों के सहयोग से निर्यात को राष्ट्रीय प्राथमिकता वाला क्षेत्र बनाने का विचार रखते हैं। उनके नेतृत्व में फियो इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगा।
- नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 66,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर अपरिवर्तित रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले बंद में सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद नवीनतम कारोबार में सोने ने अपनी जगह बनाए रखी।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘पिछले सत्र में नई सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सोमवार को सोने की कीमतें स्थिर रहीं।'' हालांकि, चांदी की कीमतें 100 रुपये गिरकर 75,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गईं, जबकि पिछले कारोबार में यह 75,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना मजबूती के साथ 2,180 डॉलर प्रति औंस तथा चांदी 24.29 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। गांधी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी रोजगार, फरवरी में पूर्वानुमान से अधिक रहा जबकि वेतन वृद्धि धीमी हो गई। इससे स्वस्थ आर्थिक विकास और नरम मुद्रास्फीति के संकेत मिले।'' बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के ‘फंडामेंटल करेंसीज एंड कमोडिटीज' विभाग के एसोसिएट उपाध्यक्ष, प्रवीण सिंह ने कहा कि कारोबारियों को मंगलवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़े सहित अमेरिकी व्यापक वृहत आर्थिक आंकड़े की प्रतीक्षा होगी। ये आंकड़े कीमती धातु की कीमतों के लिए आगे की दिशा प्रदान करेंगे।
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नयी दिल्ली. आयकर विभाग ने उन करदाताओं को ईमेल और एसएमएस भेजना शुरू कर दिया है, जिनका चालू वित्त वर्ष के दौरान दिया गया कर उनके वित्तीय लेनदेन के अनुरूप नहीं है। विभाग ने रविवार को यह जानकारी दी। विभाग एक ई-अभियान चला रहा है। इसका उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों/इकाइयों को महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन के बारे में ईमेल (आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अग्रिम कर ई-अभियान-महत्वपूर्ण लेनदेन के रूप में चिह्नित) और एसएमएस के माध्यम से सूचित करना है, और उनसे अपने अग्रिम कर की गणना करने, कर देनदारी सही से भरने और बकाया अग्रिम कर 15 मार्च या उससे पहले जमा करने का आग्रह करना है। एक बयान में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान व्यक्तियों/इकाइयों द्वारा किए गए विशिष्ट वित्तीय लेनदेन पर कुछ जानकारी प्राप्त हुई है। सीबीडीटी ने कहा, “चालू वित्त वर्ष के दौरान अबतक भुगतान किए गए करों के विश्लेषण के आधार पर, विभाग ने ऐसे व्यक्तियों/इकाइयों की पहचान की है जिनके वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए करों का भुगतान उनके द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन के अनुरूप नहीं है।” इसमें कहा गया कि यह करदाताओं के लिए अनुपालन को सुगम बनाने और करदाता सेवाओं को बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने की दिशा में विभाग की एक और पहल है। आयकर विभाग विभिन्न स्रोतों से करदाताओं के निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन की जानकारी प्राप्त करता है।
- नयी दिल्ली. पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘कंपाउंडिंग' यानी ब्याज के ऊपर ब्याज का लाभ उठाने के लिए कम उम्र में एनपीएस में शामिल होना फायदेमंद है। उन्होंने ग्राहकों के लिए नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) तक आसान पहुंच प्रदान करने के लिए एक वेब एप्लिकेशन की शुरुआत करने के मौके पर यह बात कही। इस ऐप को जीरोधा ब्रोकिंग लि. ने विकसित किया है। पीएफआरडीए ने बयान में कहा कि ऐप ग्राहकों को एनपीएस तक निर्बाध पहुंच प्रदान करता है।मोहंती ने बयान में कहा, ‘‘कंपाउंडिंग यानी ब्याज के ऊपर ब्याज का लाभ उठाने के लिए कम उम्र में एनपीएस में शामिल होना फायदेमंद है।'' इसमें कहा गया है कि एनपीएस किसी के रोजगार की स्थिति की परवाह किए बिना सेवानिवृत्ति बचत खातों को निरंतरता प्रदान करता है। यह प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए भी उपलब्ध है। बयान के अनुसार चूंकि युवा तकनीक प्रेमी हैं, ऐसे में जीरोधा ब्रोकिंग लि. की सुविधा से एनपीएस तक पहुंच का विस्तार होगा।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय कोयला मंत्री मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस महीने के अंत तक भारत के पास कुल मिलाकर 15 करोड़ टन कोयले का भंडार होगा। यह मार्च, 2023 के अंत के 12 करोड़ 54.9 लाख टन के कोयला भंडार से 19.53 प्रतिशत अधिक है। इस 12 करोड़ 54.9 लाख टन में से, तीन करोड़ 45.7 लाख टन कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में था। मंत्री ने कहा कि स्टॉक का स्तर 13 करोड़ 39.7 लाख टन तक पहुंच गया है, जिसमें घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के पास रखा चार करोड़ 34.7 लाख टन का स्टॉक शामिल है। उन्होंने कहा कि मार्च, 2024 के अंत तक कोयले का भंडार 15 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा और इसमें से 4.5 करोड़ टन कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के पास होगा। जोशी ने कहा कि देश इस वित्त वर्ष के अंत तक एक अरब टन कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल होने की राह पर है।छह मार्च तक कोयला उत्पादन 90 करोड़ टन से अधिक था।मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की विभिन्न पहल से कोयला आयात को पहले के 26 प्रतिशत की तुलना में घटाकर 19 प्रतिशत करने में मदद मिली है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026 तक कोयला आयात शून्य करने का है।
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नई दिल्ली। इस सप्ताह सोने के वायदा भाव में लगातार तेजी देखी जा रही है। बीते तीन दिन से इसके भाव नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। आज भी सोने के वायदा भाव ने 65,587 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया। चांदी के वायदा भाव तेजी के साथ खुलने के बाद सुस्त पड़ गए थे। लेकिन शाम को इसके भाव में भी तेजी देखी जाने लगी।हाजिर बाजार में भी आज सोने-चांदी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने के हाजिर भाव 500 रुपये चढ़कर 65,650 रुपये के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए।चांदी के हाजिर भाव 400 रुपये की तेजी के साथ 74,900 रुपये किलो के भाव पर पहुंच गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के वायदा भाव में तेजी, जबकि चांदी के भाव में सुस्ती देखने को मिली।
सोने के वायदा भाव नए शिखर परसोने के वायदा भाव आज तेजी के साथ खुले। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट 27 रुपये की तेजी के साथ 65,205 रुपये के भाव पर खुला। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 266 रुपये की तेजी के साथ 65,466 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 65,587 रुपये के भाव पर दिन का उच्च स्तर और 65,205 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने आज 65,587 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया।चांदी के वायदा भाव में भी तेजीचांदी के वायदा भाव की शुरूआत भी आज तेज रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क मई कॉन्ट्रैक्ट आज 306 रुपये की तेजी के साथ 74,444 रुपये के भाव पर खुला।खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 235 रुपये की तेजी के साथ 74,373 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 74,444 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 73,815 रुपये प्रति किलो के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। पिछले साल दिसंबर महीने में चांदी के वायदा भाव 78,549 रुपये किलो के भाव पर पहुंच गए थे।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेज, चांदी सुस्तअंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने चांदी के वायदा भाव की शुरुआत सुस्ती के साथ हुई। लेकिन बाद में इसके भाव सुधरकर उच्च स्तर पर पहुंच गए। Comex पर सोना 2,156.70 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 2,158.20 डॉलर था। हालांकि खबर लिखे जाने के समय यह 9.60 डॉलर की गिरावट के साथ 2,167.80 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। इसने आज 2,172.20 डॉलर के भाव पर उच्च स्तर छू लिया। -
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ा दी। पिछले साल अक्टूबर में प्रति वर्ष 12 एलपीजी सिलेंडर भराने तक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर सब्सिडी 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी गई थी।300 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी चालू वित्त वर्ष के लिए थी, जो 31 मार्च को समाप्त हो रही है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री मंत्री पीयूष गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने अब इस सब्सिडी को 2024-25 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस कदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है। इसपर 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। आम चुनावों से पहले यह कदम उठाया गया है।
लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले हैं। सरकार ने ग्रामीण और वंचित गरीब परिवारों को खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) उपलब्ध कराने के लिए गरीब घरों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी जमा के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए मई, 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी।लाभार्थियों को गैस कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराये गये लेकिन उन्हें एलपीजी सिलेंडर बाजार मूल्य पर भरवाने की जरूरत पड़ती है। सरकार ने ईंधन के दाम बढ़ने पर मई, 2022 में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी प्रदान की। अक्टूबर, 2023 में इसे बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया।सरकार ने मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले पिछले साल अगस्त के अंत में रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की थी।इसके बाद एलपीजी सिलेंडर की कीमत 903 रुपये पर आ गयी। उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए, 300 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी के साथ इसका मूल्य 603 रुपये बैठता है। सब्सिडी का भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में किया जाता है। -
नयी दिल्ली. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाते हुए बुधवार को कहा कि यह 2031 तक उच्च-मध्यम आय वाला देश बन जाएगा और अर्थव्यवस्था भी दोगुनी होकर सात लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी। क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी 'इंडिया आउटलुक' रिपोर्ट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को घरेलू संरचनात्मक सुधारों और चक्रीय स्थितियों से समर्थन मिलेगा और यह वर्ष 2031 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अपनी वृद्धि संभावनाओं को बरकरार रखने के साथ उसमें सुधार भी कर सकती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, "चालू वित्त वर्ष में उम्मीद से बेहतर 7.6 प्रतिशत वृद्धि रहने के बाद भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 में थोड़ा मध्यम होकर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।" रिपोर्ट कहती है कि अगले सात वित्त वर्षों (2024-25 से 2030-31) में भारतीय अर्थव्यवस्था पांच लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर सात लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। क्रिसिल ने कहा, "इस अवधि में 6.7 प्रतिशत की अनुमानित औसत वृद्धि भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना देगी और 2030-31 तक इसकी प्रति व्यक्ति आय भी उच्च-मध्यम आय समूह तक पहुंच जाएगी।" भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके आगे अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं। क्रिसिल को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 6.7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। उस समय तक देश की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 4,500 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी और भारत उच्च-मध्यम आय वाले देशों के समूह में शामिल हो जाएगा। विश्व बैंक की परिभाषा के मुताबिक, उच्च-मध्यम आय वाले देश वे हैं जिनकी प्रति व्यक्ति आय 4,000-12,000 अमेरिकी डॉलर के बीच है। क्रिसिल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमीश मेहता ने कहा, "वित्त वर्ष 2030-31 तक भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और उच्च-मध्यम आय वाला देश होगा, जो घरेलू खपत के लिए एक बड़ा सकारात्मक पक्ष होगा।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को निर्देश दिया कि क्रेडिट कार्ड लेते समय ग्राहकों को यह चुनने की छूट दी जाए कि वे किस नेटवर्क का कार्ड लेना चाहते हैं। बैंकिंग नियामक ने कार्ड जारी करने वालों और नेटवर्कों को ऐसा कोई समझौता करने से रोक दिया है, जिसके कारण ग्राहक दूसरे नेटवर्क की सेवाएं नहीं उठा पाते।
आरबीआई ने कहा, ‘कार्ड जारी करने वाले अपने पात्र ग्राहकों को कार्ड जारी करते समय विभिन्न कार्ड नेटवर्कों में से चुनने का विकल्प देंगे।’ जहां तक मौजूदा कार्डधारकों का सवाल है तो उन्हें कार्ड के नवीकरण यानी रीन्युअल के समय यह विकल्प दिया जाएगा। नियामक का यह निर्देश छह महीने बाद यानी 6 सितंबर से प्रभावी होगा।आरबीआई द्वारा अधिकृत कार्ड नेटवर्कों में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डायनर्स क्लब इंटरनैशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक प्राइवेट लिमिटेड, नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। हालांकि आरबीआई ने यह साफ नहीं किया है कि ये निर्देश को-ब्रांडेड कार्ड पर भी लागू होंगे अथवा नहीं। कोई बैंक अपने ग्राहकों को किसी भी नेटवर्क का कार्ड दे सकता है। मगर कुछ को-ब्रांडेड कार्ड भी होते हैं, जो केवल एक ही प्लेटफॉर्म पर पेश किए जाते हैं।निजी क्षेत्र के एक बैंक के कार्ड प्रमुख ने कहा, ‘जिस तरह से सर्कुलर लिखा गया है उसके मुताबिक हरेक कार्ड में कम से कम दो नेटवर्क अवश्य होने चाहिए। साथ ही उस कार्ड के लिए किया गया समझौता किसी खास नेटवर्क तक सीमित नहीं हो सकता।’उन्होंने कहा, ‘को-ब्रांडेड कार्ड केवल एक ही नेटवर्क के साथ जारी किए जाते हैं। कई बार नेटवर्क हम ही चुनते हैं और कुछ मामलों में कारोबारी लिहाज से फैसले किए जाते हैं। ऐसे में हम स्थिति स्पष्ट करने की मांग करेंगे।’अमेरिकन एक्सप्रेस पर इस सर्कुलर का असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसमें कहा गया है, ‘जो कंपनियां अपने अधिकृत कार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करती हैं, वे इस सर्कुलर के दायरे से बाहर हैं।’ नए प्रावधान उन पर लागू होंगे, जिनके द्वारा 10 लाख से अधिक कार्ड सक्रिय हैं। एचडीएफसी बैंक, एसबीआई कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक सहित 12 कंपनियों के पास 10 लाख से अधिक सक्रिय कार्ड हैं। येस सिक्योरिटीज के अनुसंधान प्रमुख एवं लीड एनालिस्ट शिवाजी थपलियाल ने कहा, ‘आरबीआई की मंशा एनपीसीआई द्वारा समर्थित देसी कार्ड नेटवर्क रुपे को आगे बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय कार्ड नेटवर्कों के वर्चस्व को तोड़ने का मौका देना है।’ -
नई दिल्ली। सोने के वायदा भाव में आज शुरुआती सुस्ती के बाद तेजी देखी गई। इस तेजी के साथ इसके भाव 64,779 रुपये के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए। चांदी के वायदा भाव भी गिरावट के साथ खुलने के बाद अब तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। हाजिर बाजार में भी सोने के भाव ने आज नया रिकॉर्ड बनाया।
दिल्ली में सोने के हाजिर भाव 800 रुपये तेजी के साथ 65,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए। चांदी के हाजिर भाव भी 900 रुपये की तेजी के साथ 74,900 रुपये प्रति किलो हो गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी शुरुआती सुस्ती के बाद सोने-चांदी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी व करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता ने कहा कि सोने-चांदी की कीमतों में आई इस तेजी की वजह अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना मानी जा रही है।सोने के वायदा भाव नये शिखर परसोमवार को रिकॉर्ड भाव दर्ज करने के बाद आज फिर से सोने के वायदा भाव नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। हालांकि आज शुरुआत जरूर गिरावट के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट 131 रुपये की गिरावट के साथ 64,331 रुपये के भाव पर खुला।चांदी के वायदा भाव भी सुस्ती के बाद सुधरेचांदी के वायदा भाव की शुरूआत भी आज सुस्त रही। MCX पर चांदी का बेंचमार्क मई कॉन्ट्रैक्ट आज 109 रुपये की गिरावट के साथ 73,358 रुपये के भाव पर खुला। लेकिन खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 343 रुपये की तेजी के साथ 73,810 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 73,899 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 73,150 रुपये प्रति किलो के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। पिछले साल दिसंबर महीने में चांदी के वायदा भाव 78,549 रुपये किलो के भाव पर पहुंच गए थे।अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने-चांदी की कीमतों में तेजीअंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के वायदा भाव की शुरुआत सुस्ती के साथ हुई, जबकि चांदी के वायदा भाव तेजी के साथ खुलने के बाद सुस्त पड़ गए। Comex पर सोना 2,123.30 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला क्लोजिंग प्राइस 2,126.30 डॉलर था। लेकिन खबर लिखे जाने के समय यह 7.80 डॉलर की तेजी के साथ 2,134.10 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।Comex पर चांदी के वायदा भाव 24.12 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला क्लोजिंग प्राइस 23.99 डॉलर था। खबर लिखे जाने के समय यह 0.20 डॉलर की गिरावट के साथ 24.19 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। - नयी दिल्ली.।आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि जिन करदाताओं के मामले ई-सत्यापन योजना के तहत चिह्नित किए गए हैं, वे आकलन वर्ष 2021-22 के लिए अद्यतन आयकर रिटर्न 31 मार्च तक दाखिल कर सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2021-22 (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए दाखिल कुछ आईटीआर में दर्ज वित्तीय लेनदेन की जानकारी और विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बीच अंतर है। ऐसे मामलों में जहां आकलन वर्ष 2021-22 के लिए रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है, लेकिन विभाग के पास उच्च मूल्य के वित्तीय लेनदेन की जानकारी है, उनकी भी जांच की जानी चाहिए। ऐसे में ई-सत्यापन योजना-2021 के तहत विभाग बेमेल जानकारी के संबंध में करदाताओं को सूचना भेज रहा है। आयकर विभाग ने ऐसे करदाताओं से अद्यतन आटीआर दाखिल करने को कहा है।
- देहरादून। केंद्र ने देहरादून से अयोध्या, वाराणसी और अमृतसर के लिए उड़ानों के परिचालन को सोमवार को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, तीनों उड़ान सेवाएं बुधवार से शुरू होंगी।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार जताया। देहरादून-वाराणसी उड़ान पंतनगर होते हुए जाएगी। अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले धामी ने सिंधिया को पत्र लिखकर इन शहरों के बीच उड़ान सेवाएं शुरू करने का अनुरोध किया था।
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नई दिल्ली। सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है। वाणिज्य मंत्रालय ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। बांग्लादेश को जहां 50,000 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है, वहीं यूएई को 14,400 टन प्याज का निर्यात किया जाएगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘एनसीईएल के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात को तिमाही 3,600 टन की सीमा के साथ 14,400 टन प्याज का निर्यात अधिसूचित किया गया है।'' डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय की इकाई है जो आयात और निर्यात से संबंधित मानदंड को देखती है।बांग्लादेश को निर्यात के बारे में कहा गया है कि इसका तौर-तरीका एनसीईएल उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ विचार-विमर्श में तय करेगा। हालांकि, प्याज के निर्यात पर अभी प्रतिबंध है लेकिन सरकार कुछ मित्र देशों को एक निश्चित मात्रा में इसके निर्यात की अनुमति देती है। इस निर्यात की अनुमति सरकार द्वारा अन्य देशों से मिले अनुरोधों के आधार पर दी जाती है। पिछले साल आठ दिसंबर को सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से इस साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले केंद्र ने अक्टूबर, 2023 में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजार में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर स्टॉक के प्याज की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया था। कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार पहले भी कई कदम उठा चुकी है। सरकार ने 28 अक्टूबर को 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था। अगस्त में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर, 2023 तक 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया था। चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल, 2023 से चार अगस्त, 2023 के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया। मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हरियाणा के हिसार में जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड की स्टेनलेस स्टील क्षेत्र में स्थापित देश की पहली हरित हाइड्रोजन परियोजना का सोमवार को उद्घाटन किया। हरित हाइड्रोजन इकाई को जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) ने हाइजेनको के सहयोग से स्थापित किया है। इसका लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन में लगभग 2,700 टन प्रतिवर्ष की कटौती करना है। सिंधिया ने इस्पात सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा की उपस्थिति में इस परियोजना का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘जेएसएल नवाचार के मामले में सबसे आगे रही है। मैं छत और फ्लोटिंग दोनों के साथ पहली हाइड्रोजन-आधारित इस्पात इकाई लगाने के लिए जेएसएल और हाइजेनको की सराहना करता हूं।'' हरित हाइड्रोजन इकाई के भीतर जलाशय में तैरते सौर पैनल लगे हैं जो पानी के वाष्पीकरण को कम करने में भी मदद करेंगे। इस संयंत्र को निर्माण-स्वामित्व-संचालन-हस्तांतरण मॉडल पर हाइजेनको लिमिटेड के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। हरित हाइड्रोजन का इस्तेमाल जेएसएल हिसार इकाई में स्टेनलेस स्टील निर्माण प्रक्रियाओं में करेगी। इस मौके पर जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा कि हरित हाइड्रोजन स्टेनलेस स्टील उत्पादन का एक अनिवार्य तत्व है और पारंपरिक प्रक्रियाओं के जरिये हाइड्रोजन का उत्पादन कार्बन डाई-ऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है।