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- नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कैंसर के मामलों में वृद्धि के बीच सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि कैंसर रोगियों के लिए किफायती और सुलभ उपचार उपलब्ध हो। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है, यह हर साल लगभग 2.5 प्रतिशत बढ़ रही है।’’उन्होंने कहा कि पुरुषों में मुंह के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है। नड्डा ने कहा कि हर साल कैंसर के 15.5 लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कैंसर के लिए 131 आवश्यक दवाओं की एक सूची है, जो अनुसूची 1 में हैं, जिनकी निगरानी की जाती है और जिनकी कीमत सरकार द्वारा तय की जाती है। ये आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं हैं।’’उन्होंने कहा कि इस मूल्य नियंत्रण के कारण रोगियों के कुल मिलाकर लगभग 294 करोड़ रुपये बचाए गए। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे 28 संयोजन हैं, जो इस सूची में नहीं हैं, लेकिन एनपीपीए (राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण) और सरकार ने उनके मूल्य निर्धारण को भी नियंत्रित किया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमने कैंसर की दवाओं को किफायती बनाने की कोशिश की है।’’स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर एक अन्य पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए नड्डा ने कहा कि देश में मेडिकल कॉलेजों का विस्तार किया जा रहा है, ताकि अधिक डॉक्टर हो सकें। उन्होंने कहा, ‘‘चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और मात्रा में संतुलन होना चाहिए। हम जितनी तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन साथ ही, हम डॉक्टरों की गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहते हैं।’’नड्डा ने सदन को बताया कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर वर्तमान में 731 हो गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान एमबीबीएस सीट की संख्या 51,348 से बढ़कर 1,12,112 हो गई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल छात्रों के लिए स्नातकोत्तर सीट की संख्या 2014 में 31,185 थी, जो बढ़कर वर्तमान में 72,627 हो गई है।
- नई दिल्ली/गुवाहाटी। असम में अहोम वंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा ढांचे में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। इसी के साथ ‘मोइदम’ इस सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति बन गई।यह निर्णय भारत में आयोजित किए जा रहे विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र में लिया गया।भारत ने 2023-24 के लिए यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के लिए देश की ओर से नामांकन के रूप में ‘मोइदम’ का नाम दिया था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह भारत के लिए ‘‘बेहद खुशी और गर्व’’ की बात है कि ‘मोइदम’ ने डब्ल्यूएचसी सूची में जगह बनाई है।उन्होंने कहा, ‘‘चराई देव स्थित मोइदम उस गौरवशाली अहोम संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं, जो अपने पूर्वजों के प्रति अपार श्रद्धा रखती है। मुझे उम्मीद है कि महान अहोम शासन और संस्कृति के बारे में और अधिक लोग जानेंगे। मुझे खुशी है कि मोइदम को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।’’‘मोइदम’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी मृत्यु के पश्चात उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था।यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, ‘मोइदम’ गुंबददार कक्ष (चाव-चाली) हैं, जो आम तौर पर दो मंजिला हैं और इनमें प्रवेश के लिए एक धनुषाकार मार्ग होता है। अर्धगोलाकार मिट्टी के टीलों के ऊपर ईंटों और मिट्टी की परतें बिछाई जाती हैं।मोइदम’ को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है।शेखावत ने ‘मोइदम’ के असाधारण सार्वभौमिक मूल्य को समझने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और विश्व धरोहर समिति का आभार जताया।डब्ल्यूएचसी का सत्र 21 जुलाई से 31 जुलाई तक यहां भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें दुनिया भर से प्राप्त 27 नामांकनों की समीक्षा की जाएगी, जिनमें 19 सांस्कृतिक स्थल, चार प्राकृतिक स्थल और दो मिश्रित स्थल शामिल हैं। भारत पहली बार यूनेस्को के इस अहम कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है।
- नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में जरूरी खर्चों के लिए राज्य को अतिरिक्त 19,107 करोड़ रुपये की जरूरत है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस की सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य ऋण के जाल में फंस गया है।श्वेत पत्र में नायडू ने दावा किया वित्त वर्ष 25 के लिए राज्य को जरूरी खर्चों से निपटने के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये चाहिए, जबकि उसका कुल राजस्व (राज्य का अपना राजस्व और कर हस्तांतरण) 1.45 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि राज्य का ऋण 31 मार्च, 2019 को 3.75 लाख करोड़ रुपये था जो 12 जून, 2024 को बढ़कर 9.74 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान राज्य में वाईएस जगनमोहन रेड्डी की सरकार थी।नायडू ने कहा कि राज्य की आर्थिक वृद्धि दर जो 2014 से 19 के बीच 13.5 प्रतिशत थी, वह 2019 से 24 के बीच घट कर 10.5 पर आ गई। इसी अवधि में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 16 प्रतिशत से घटकर 10.5 प्रतिशत रह गई। उन्होंने कहा कि पूंजीगत खर्च 60,879 करोड़ रुपये था, वह पूर्ववर्ती सरकार में 60 प्रतिशत घटकर 24,267 करोड़ रुपये हो गया।उन्होंने यह भी कहा कि परिवहन, सड़क और भवन एवं जल संसाधन जैसे विभागों में धन की भारी कमी हो गई। मालूम हो कि 2014 से 19 के बीच चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, जबकि 2019 से 24 के दौरान राज्य की बागडोर वाईएस जगनमोहन रेड्डी के हाथ में थी। इस साल हुए विधान सभा चुनाव में फिर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने जीत दर्ज कर सत्ता अपने हाथ में ले ली।मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पिछले एक महीने में वह प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों से दो बार मिल चुके हैं। इसी का नतीजा रहा कि बजट में उनके राज्य की राजधानी के पुनर्निर्माण समेत अन्य विकास कार्यों के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य की पोलावरम परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए मदद, राज्य के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान तथा कोपार्थी और ओरवाकल (हैदराबाद-बेंगलूरु औद्योगिक कॉरिडोर) में बुनियादी ढांचा विकास के लिए फंड मुहैया कराने का भरोसा दिया है।नायडू की तेलुगू देशम पार्टी आंध्र प्रदेश में राजग सरकार का नेतृत्व कर रही है, जो केंद्र में सत्तासीन राजग का महत्त्वपूर्ण घटक दल है। पिछले 12 जून को सत्ता में आने के बाद यह नायडू सरकार का 7वां श्वेत पत्र है, जिसमें पूर्ववर्ती वाईएसआर सीपी सरकार पर राज्य को वित्तीय संकट में धकेलने का आरोप लगाया गया है।
- सुरला . गोवा में जब 2012 में खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था तो मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के सांकेलिम विधानसभा क्षेत्र के सुरला गांव की महिलाओं को सबसे पहले इसके आर्थिक प्रभाव का सामना करना पड़ा था। लौह अयस्क खदानों से घिरे इस गांव की आबादी करीब 4,000 है और प्रतिबंध के बाद यहां के लोग बेरोजगार हो गए। उनके परिवारों को सालों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन राज्य सरकार की ‘स्वयंपूर्ण गोवा योजना' ने कृषि और सूक्ष्म-कारोबार क्रांति की शुरुआत की। 2020 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य गांवों को आत्मनिर्भर बनाना है। पूर्व सरपंच विश्रांति सुरलाकर ने गांव की महिलाओं में जागरूकता पैदा करने की पहल की और उन्हें एक साथ लाकर एक हथकरघा केंद्र शुरू किया, जहां पारंपरिक ‘कुनबी साड़ियां' बुनी जाती हैं। सुरला के स्वयंपूर्ण मित्र सुभराज कनेकर ने सुनिश्चित किया कि हस्तशिल्प, कपड़ा और जूट विभाग 2020 में इस परियोजना के लिए एक खाली पड़े स्कूल भवन को अपने कब्जे में ले। कनेकर ने ‘ बताया कि सुरला की महिलाओं ने उनसे कुनबी साड़ियां बुनने के लिए मशीनें खरीदने का अनुरोध किया था। विभाग ने महिलाओं को मशीनें चलाने का प्रशिक्षण भी दिया। तब से वे साड़ियां, शॉल और अन्य कुनबी उत्पाद बुन रही हैं। उन्होंने कहा, “इन उत्पादों का बहुत बड़ा बाज़ार है।” ‘स्वयंपूर्ण गोवा योजना' के तहत संतोष मौलिंगकर ने मोती की खेती शुरू की है। मौलिंगकर ने बताया कि इस काम को शुरू करने से पहले उन्होंने पुणे में प्रशिक्षण लिया था।
- पटना. बिहार के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल को बृहस्पतिवार को उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की जगह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। दिल्ली में पार्टी के मुख्यालय द्वारा शाम को जारी एक पत्र में कहा गया कि विधान परिषद सदस्य जायसवाल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश इकाई का प्रमुख नियुक्त किया है, और उनकी नियुक्ति "तत्काल प्रभाव से" लागू हो गई है। चौधरी पिछले साल मार्च से भाजपा की बिहार इकाई का नेतृत्व कर रहे थे।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने बृहस्पतिवार को विभिन्न राज्यों के लिए कई आपदा मोचन और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिसमें शहरों में आने वाली बाढ़ से निपटना और हिमनद से आने वाली बाढ़ को रोकना भी शामिल है। समिति ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के जरिए वित्त पोषण से संबधित नौ प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। स्वीकृत प्रस्तावों में तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में 2514.36 करोड़ रुपये के व्यय वाली छह परियोजनाएं शामिल हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जिन छह शहरों में धनराशि खर्च की जाएगी, उनमें मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे शामिल हैं। समिति ने सभी 28 राज्यों में आपदा युवा मित्र योजना लागू करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया।
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मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने दही हांडी उत्सव में शामिल गोविंदाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। अब हादसे में जान गंवाने वाले और हाथ-पैर टूटने पर सरकार की ओर से बीमा की रकम दी जाएगी.। गोविंदाओ की मौत होने पर उन्हें 10 लाख रुपये की बीमा राशि दी जाएगी।
इसके साथ ही एक हाथ, एक आंख गंवाने पर 5 लाख रुपये बीमा मिलेगा। सरकार ने जानकारी दी है की 75 हजार गोविंदाओं को इस बीमा के तहत कवर किया जाएगा.। महाराष्ट्र राज्य सरकार के खेल विभाग ने इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया है।इसके साथ ही किसी भी तरह का हादसा होने पर गोविंदाओ को अधिकतम 1 लाख रूपये की मदद दी जाएगी। बता दें की दही हांडी का उत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा और इस उत्सव की पुरे महाराष्ट्र में धूम होती है, लेकिन मुंबई में इसको लेकर काफी माहौल रहता है। इस उत्सव में दहीहांडी तोड़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग शामिल होते है, जो अपनी जान की बाजी लगाकर और जबरदस्त हुनर का प्रदर्शन करते हुए दहीहांडी को तोड़ते है.। बता दें की कृष्ण जन्माष्ठमी के अवसर पर दही हांडी उत्सव मनाया जाता है। सरकार के इस फैसले से गोविंदाओ में भी ख़ुशी का माहौल है। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस पर सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, राष्ट्रपति मुर्मू ने 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत माता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वालों को याद किया और सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि उनका बलिदान और वीरता प्रत्येक नागरिक को प्रेरित करती रहेगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने करगिल विजय दिवस पर सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, राष्ट्रपति मुर्मु ने 1999 में करगिल की चोटियों पर भारत माता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वालों को याद किया और सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि उनका बलिदान और वीरता प्रत्येक नागरिक को प्रेरित करती रहेगी। - नई दिल्ली। कारगिल दिवस के अवसर पर आज संसद के दोनों सदनों में करगिल युद्ध के दौरान वीरता से लड़ने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने सैनिकों के शौर्य और बलिदान का स्मरण करते हुए कहा कि सैनिकों ने युद्ध के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया। श्री बिरला ने कहा कि 25वें करगिल विजय दिवस के अवसर पर सदन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है । राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और वीरता को संजोते हुए कृतज्ञ राष्ट्र करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह सदन करगिल की प्रतिकूल परिस्थितियों और दुर्गम इलाके के बावजूद दुश्मन पर शानदार विजय प्राप्ति में सैनिकों की असाधारण वीरता के लिए सशस्त्र बलों के दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता को नमन करता है। युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों की याद में दोनों सदनों में मौन रखा गया।
- द्रास।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा है और उसने जब भी कोई दुस्साहस किया है, उसे हार का सामना करना पड़ा है।मोदी ने करगिल विजय दिवस के मौके पर द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश के सैनिकों द्वारा दिया गया बलिदान अमर रहेगा।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और छद्म युद्ध के जरिये प्रासंगिक बने रहने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसने जब भी कोई दुस्साहस किया है, उसे हार का सामना करना पड़ा है।मोदी ने कहा, ‘‘आज मैं ऐसे स्थान से बोल रहा हूं, जहां से आतंकवाद के आका मेरी आवाज सीधे सुन सकते हैं। मैं आतंकवाद के सरपरस्तों को बताना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वीर जवान आतंकवाद को कुचल देंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’प्रधानमंत्री का यह बयान जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी घटनाएं बढ़ने के बीच आया है।मोदी ने कहा, ‘‘करगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि सत्य, संयम और शक्ति का अद्भुत उदाहरण पेश किया।’’भारतीय सेना ने लद्दाख में स्थित करगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग तीन महीने तक चले युद्ध में जीत हासिल करते हुए 26 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ की सफल समाप्ति की घोषणा की थी। पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में इस दिन को ‘करगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के विकास में आने वाली हर बाधा को दूर करेगा।
- भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रभात झा का आज सुबह तड़के दिल्ली के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 67 वर्ष के थे। प्रभात झा कुछ समय से बीमार चल रहे थे। हाल ही में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनका इलाज चल रहा था। मेदांता से पहले उनको राजधानी भोपाल स्थित बंसल अस्पताल में एडमिट कराया गया था। जिसके दो दिन बाद प्रभात झा को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के मेदांता अस्पताल में लाया गया था।सीएम और पूर्व सीएम पहुंचे थे मिलनेप्रभात झा का दिमागी बुखार के चलते न्यूरोलॉजिकल परेशानियां आ रही थी। जिसके चलते उनको कुछ दिन पहले भोपाल के बंसल अस्पताल में भर्ती किया गया था। जिसके बाद उनका हालचाल जानने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री पहुंचे थे।मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति: शिवराज सिंहकेंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी झा के निधन पर दुख जताया। उन्होंने एक्स कर लिखा- भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और साथी प्रभात झा के निधन का समाचार सुनकर स्तब्ध और दु:खी हूं। लोक कल्याण और जनता के हित के लिए उन्होंने सदैव कार्य किया। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। ईश्वर से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा किभारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, वरिष्ठ नेता आदरणीय श्री प्रभात झा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। बाबा महाकाल दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को इस भीषण वज्रपात को सहने की शक्ति दें। मध्यप्रदेश के विकास में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका सदैव हमे प्रेरित करेगी। आपका निधन राजनैतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।ॐ शांति!मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तुलसी राम सिलावट ने एक्स पर लिखते हुए कहा किमध्यप्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष,वरिष्ठ भाजपा नेता आदरणीय श्री प्रभात झा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को इस भीषण वज्रपात को सहने की शक्ति दें।पार्टी में रहे कई महत्वपूर्ण पदों परप्रभात झा मूल रूप से बिहार के दरभंगा के हरिहरपुर गांव रहने वाले थे। उनका जन्म 4 जून 1957 को बिहार में हुआ था। वह बिहार से मध्य प्रदेश के ग्वालियर आ गए थे। यहां पर उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। उन्होंने ग्वालियर के पीजीवी कॉलेज से बीएससी, माध्व कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए और एमएलबी कॉलेज से एलएलबी की। प्रभात झा के परिवार में पत्नी रंजना झा और दो बेटे है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की। फिर वह राजनीति में आए और भाजपा के सदस्य बन गए। पूर्व राज्यसभा सांसद भी रहे हैं।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें ‘ओलंपिक ऑर्डर' से सम्मानित किया जाना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने ‘ओलंपिक मूवमेंट' में बिंद्रा के उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया है। पुरस्कार समारोह ओलंपिक के समापन से एक दिन पहले 10 अगस्त को पेरिस में 142वें आईओसी सत्र के दौरान आयोजित किया जाएगा। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "अभिनव को ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया जाना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। उन्हें बधाई। चाहे एथलीट के रूप में हो या आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक संरक्षक के रूप में, उन्होंने खेलों व ओलंपिक मूवमेंट में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
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अहमदाबाद, गुजरात में बुधवार को भारी बारिश हुई जिसके कारण नदियों में जलस्तर बढ़ गया और बांधों से पानी बाहर आने लगा। इससे राज्य के कई हिस्से जलमग्न हो गए और कई गांवों का संपर्क टूट गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 800 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि सुबह से वडोदरा, सूरत, भरूच और आणंद जैसे गुजरात के जिलों में भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया जिसके कारण अधिकारियों को कुछ जगहों पर स्कूल एवं कॉलेज में अवकाश घोषित करना पड़ा। इसके अलावा, कुछ इलाकों में रेल सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडेय ने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटे के दौरान गुजरात के कई हिस्सों में हुई भारी बारिश के कारण आठ लोगों की मौत हो गई है। हमने इस अवधि के दौरान 826 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमने प्रभावित जिलों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 20 टीम और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 11 टीम तैनात की हैं।'' उन्होंने कहा कि व्यापक बारिश और कई जिलों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी अत्यधिक भारी बारिश के ‘रेड अलर्ट' के मद्देनजर, स्थिति पर नजर रखने और फंसे हुए लोगों की मदद के लिए नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। पांडेय ने कहा कि राज्य के सभी 206 प्रमुख बांधों में पानी का ताजा प्रवाह हो रहा है और गुजरात का सबसे बड़ा सरदार सरोवर बांध अब 54 प्रतिशत भर चुका है। बारिश से प्रभावित वडोदरा, सूरत, भरूच और आणंद जिलों में प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय अग्निशमन दलों के कर्मियों को तैनात किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के आंकड़े के अनुसार, आणंद जिले के बोरसाद तालुका में 12 घंटे की अवधि (सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच) में 354 मिलीमीटर बारिश हुई। अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाकों में पानी भर जाने के बाद कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाकों में पानी भर जाने के बाद कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बोरसाद के बाद नर्मदा जिले के तिलकवाडा (213 मिलीमीटर), वडोदरा के पादरा (199 मिमी), वडोदरा तालुका (198 मिमी), भरूच तालुका (185 मिमी), छोटाउदेपुर के नासवाडी (156 मिमी) और नर्मदा जिले के नांदोद (143 मिमी) है। आणंद के जिलाधिकारी प्रवीण चौधरी ने कहा कि एनडीआरएफ की एक टीम को सेवा में लगाया गया है और प्रशासन जलमग्न क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रयास कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को सूरत में हुई भारी बारिश के कारण शहर में जलभराव हो गया और कई गांवों का संपर्क टूट गया, जिससे लगभग 200 लोगों को प्रभावित स्थानों से निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाना जरूरी हो गया। भरूच और नवसारी में प्रशासन ने भारी बारिश के कारण शैक्षणिक संस्थानों में एक अवकाश घोषित कर दिया। एक अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ कर्मियों की एक टीम फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए सूरत जिले के मंगरोल तालुका के लिंबाडा पहुंची। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर जिले में 132 सड़कों को बंद कर दिया गया है। भरूच जिला प्रशासन ने वर्षा के चलते शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।
पश्चिमी रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि वडोदरा मंडल में एक रेलवे पुल के नीचे जल स्तर बढ़ने के कारण लंबी दूरी की 11 एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के परिचालन में बदलाव किया गया है, जबकि चार स्थानीय यात्री रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि बाद में डाउन लाइन पर रेल यातायात बहाल कर दिया गया। -
नयी दिल्ली. सरकार ने बातया कि भारत के मिशन ओलंपिक पर खेलो इंडिया का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। युवा मामलों और खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हांग्जो में आयोजित एशियाई खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल में कुल 124 खिलाड़ी ‘खेलो इंडिया' से आए थे और उन्होंने कुल 106 पदकों में से 42 पदक जीते। मांडविया ने बताया कि आगामी पेरिस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 2024 में 28 खिलाड़ियों के भारतीय दल में से 25 प्रतिशत खिलाड़ी ‘खेलो इंडिया' के हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य से, 12 ‘खेलो इंडिया' खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग लेने के लिए अर्हता प्राप्त कर चुके हैं। खेलो इंडिया योजना युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र वाली योजना है जिसकी शुरूआत 2017-18 में की गई।
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नई दिल्ली। जिन राज्यों में खनिज संपदा और खानें हैं, उन्हें खनन एवं खनिज के इस्तेमाल की गतिविधियों पर उपकर लगाने का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय के 9 न्यायाधीशों के पीठ ने गुरुवार को यह फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यों के कर लगाने के अधिकार पर संसद के खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 के कारण किसी तरह की बंदिश नहीं लगती।
अदालत ने 1 के मुकाबले 8 न्यायाधीशों की रजामंदी वाले अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार को खान संचालकों से मिलने वाली रॉयल्टी असल में कर नहीं है। शीर्ष अदालत के फैसले से खनिज संपदा से समृद्ध राज्यों का राजस्व बढ़ सकता है। ऐसे ज्यादातर राज्य पूर्वी भारत में हैं। मगर अदालत ने यह नहीं बताया कि सेस की गणना किस तारीख से की जाएगी और राज्य तथा केंद्र अलग-अलग यानी दो बार कर तो नहीं लगाएंगे। उद्योग इस पर स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग कर सकता है।दो दशक से ज्यादा पुराने इस मामले पर फैसला सुनाने वाले पीठ में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हृषीकेश रॉय, अभय एस ओका, बी वी नागरत्ना, जेबी पारदीवाला, मनोज मिश्रा, उज्ज्वल भुइयां, सतीश चंद्र शर्मा और अगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे। न्यायमूर्ति नागरत्ना की राय बहुमत के खिलाफ रही।मुख्य न्यायाधीश ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘रॉयल्टी कर नहीं है। हमने निष्कर्ष निकाला है कि इंडिया सीमेंट के फैसले में यह कहा गया था कि रॉयल्टी कर है, वह गलत है। सरकार को किया गया भुगतान केवल इसीलिए कर नहीं कहला सकता क्योंकि कानून में इसकी वसूली का प्रावधान है।’इस प्रकार अदालत ने इंडिया सीमेंट बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में 1989 का अपना फैसला पलट दिया। मगर न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना ने बहुमत से अलग जाते हुए कहा कि राज्यों को खदान और खनिजों वाली जमीन पर कर लगाने का विधायी अधिकार नहीं है।सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने देश में खनिजों पर कराधान के असमंजस को दूर कर दिया है। मगर क्षेत्र के विशेषज्ञों और उद्योग के अधिकारियों ने चिंता जताई कि पहले से ही कर के बोझ का सामना कर रहे खनन क्षेत्र को अब नई चुनौतियों से जूझना होगा। विशेषज्ञों ने कहा कि इस फैसले से देसी कंपनियों के लिए खनन आर्थिक रूप से काम का नहीं रहेगा और विदेशी कंपनियां भी महत्त्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में निवेश से परहेज करेंगी।एफआईएमएल के अतिरिक्त महासचिव बीके भाटिया ने कहा, ‘इस फैसले से राज्यों को अतिरिक्त कर लगाने की आजादी होगी, जिससे खनन क्षेत्र के प्रति उद्योगों का आकर्षण कम हो जाएगा। इससे खनन क्षेत्र खास तौर पर महत्त्वपूर्ण खनिज क्षेत्र के विकास में अड़चन आएगी, जबकि सरकार इसे खूब प्रोत्साहित कर रही है।’वर्ल्ड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट, इंडिया में एनर्जी पॉलिसी के प्रमुख तीर्थंकर मंडल ने कहा कि इससे राज्यों को अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है, जो खनिजों से समृद्ध राज्यों को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के लक्ष्य के लिए उपयोगी होगा।फैसला सुनाए जाने के वक्त अदालत में मौजूद वकीलों ने संविधान पीठ से पूछा कि अगर यह निर्णय पिछली तिथि से प्रभावी है तो भारी मात्रा में कर की वसूली की जाएगी। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पीठ इसे अगले बुधवार को देखेगा और वकीलों से इस बारे में संक्षिप्त नोट दाखिल करने के लिए कहा। कराधान के बारे में सिरिल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर (कराधान के प्रमुख) एस आर पटनायक ने कहा कि यह निर्णय संभवत: दोहरा कराधान रोकने में मदद करता है, जहां एक ही कंपनी पर एक ही संसाधन के लिए राज्य और केंद्र दोनों कर लगा सकते हैं। सीमेंट उद्योग के कुछ अधिकारियों ने कहा कि इस फैसले पर अभी कोई प्रतिक्रिया देना जल्दबाजी होगी और कुछ कहने से पहले वह इसका अध्ययन करेंगे। सीमेंट, इस्पात और अन्य धातु विनिर्माता कच्चे माल की जरूरत के लिए खदानों के पट्टे पर निर्भर रहते हैं। - नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET UG-2024) का रिवाइज्ड स्कोर कार्ड जारी कर दिया है। परीक्षार्थी ऑफिशियल वेबसाइट neet.ntaonline.in या exams.nta.ac.in पर जाकर अपना संसोधित परीक्षा परिणाम डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए कैंडिडेट को बस अपना एप्लीकेशन नंबर और जन्म दिनांक बताना होगा। नीट यूजी का यह रिजल्ट 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें मूल परीक्षा में भौतिक विज्ञान के एक प्रश्न के लिए छात्रों को दिए गए प्रतिपूरक अंकों को वापस लेने का आदेश दिया गया था।शुरुआत में, NTA ने उन छात्रों को अतिरिक्त अंक दिए थे, जिन्होंने अपनी पुरानी कक्षा 12 NCERT विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में गलत संदर्भ के आधार पर भौतिकी के प्रश्न का उत्तर दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि केवल सटीक उत्तर को ही स्वीकार किया जाना चाहिए और अन्य प्रतिक्रियाओं को अंक नहीं मिलेंगे। नतीजतन, 44 उम्मीदवारों के अंक, जिन्होंने 720/720 का पूर्ण स्कोर हासिल किया था और अखिल भारतीय रैंक (AIR) 1 हासिल की थी, उन्हें अपने शीर्ष स्थान से हाथ धोना पड़ा।बता दें, प्रभावित छात्रों में से केवल 813 उम्मीदवार या 52% ही दोबारा परीक्षा में शामिल हुए। संशोधित परिणामों के कारण रैंक में महत्वपूर्ण फेरबदल हुआ है, खास तौर पर उन लोगों पर असर पड़ा है, जिन्हें शुरू में टॉपर के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.। इस साल 5 मई को आयोजित NEET-UG परीक्षा में काफी संख्या में छात्र शामिल हुए। जिसमें 13,31,321 महिला उम्मीदवार, 9,96,393 पुरुष उम्मीदवार और 17 ट्रांसजेंडर उम्मीदवार शामिल हुए. प्रारंभिक परिणामों ने ध्यान आकर्षित किया था, क्योंकि संशोधन से पहले 67 उम्मीदवारों को AIR 1 घोषित किया गया था।
- प्रयागराज (उप्र)। समाजवादी पार्टी के एक विधायक की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा क्षमादान दिए जाने के बाद गुरुवार को जेल से रिहा कर दिया गया।नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया, ‘उदयभान करवरिया की रिहाई के आदेश बुधवार शाम को प्राप्त हुए। आदेश पर अमल करते हुए उन्हें गुरुवार सुबह रिहा कर दिया गया।’’राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए करवरिया की समयपूर्व रिहाई के लिए राज्य सरकार की सिफारिश को स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश पारित किया था।अधिकारियों ने बताया कि प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट ने जेल में करवरिया के अच्छे आचरण का हवाला देते हुए उन्हें रिहा करने की सिफारिश की थी।प्रयागराज में एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने समाजवादी पार्टी के विधायक जवाहर यादव की अगस्त 1996 में हुई हत्या मामले में चार नवंबर 2019 को करवरिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यादव की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और करवरिया, उनके भाइयों कपिलमुनि करवरिया और सूरजभान करवरिया और एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करगिल विजय दिवस के अवसर पर शुक्रवार को करगिल युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे और इस दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी।पीएमओ के अनुसार, यह परियोजना लेह को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी और पूरी होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। प्रधानमंत्री 26 जुलाई को 25वें करगिल विजय दिवस के अवसर पर, सुबह नौ बज कर लगभग 20 मिनट पर करगिल युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे और कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री वस्तुतः शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट भी करेंगे।’’शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किमी लंबी दोहरी-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण लेह को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करने के लिए निमू–पदुम–दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा। पीएमओ ने कहा कि निर्माण पूरा होने के बाद, यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। बयान में कहा गया है, ‘‘शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।’’ - नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि फिलहाल जैविक हमलों के किसी खतरे के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। एक लिखित प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार देश पर किसी भी जैविक हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे किसी भी संकट या आपदाओं का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए, मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार की गई हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने जैव-युद्ध और जैव-आतंकवाद सहित जैविक आपदाओं पर दिशानिर्देश जारी किए हैं।'' राय ने कहा कि दिशानिर्देशों में जैव-युद्ध और जैव-आतंकवाद एजेंटों, इन एजेंटों की विशेषताओं, उनके द्वारा होने वाली बीमारी के प्रकोप की पहचान करने के लिए महामारी विज्ञान के सुराग, रोकथाम और उपचार सहित उनके प्रबंधन की पहचान की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की बटालियन को भी ऐसे संकटों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।'' मंत्री ने कहा कि चूंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, इसलिए राष्ट्रीय सरोकारों की जैविक घटनाओं का पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। राय ने कहा कि जैविक आपदाओं के लिए नोडल मंत्रालय होने के नाते स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) के पास ऐसी आपदाओं के लिए एक संकट प्रबंधन योजना है जिसे अंतिम बार अक्टूबर 2023 को अपडेट किया गया था और संबंधित हितधारकों के साथ साझा किया गया था। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जैविक आपदाओं के लिए मॉडल संकट प्रबंधन योजनाएं भी साझा की हैं।
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नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई की ओर से दायर मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर आज उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था।
बता दें कि मुख्यमंत्री वर्तमान में ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जेल में बंद हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के कथित आरोप में ईडी ने हिरासत में लिया था, जबकि सीबीआई ने 26 जून को भ्रष्टाचार मामले में उनका पर शिकंजा कसा था। . दोनों ही जांच एजेंसियों द्वारा उठाया गया यह कदम केजरीवाल के लिए दोहरे झटके के समान है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, जबकि सीबीआई का मामला अभी दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है.।उधर, केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया और के कविता को भी आज अदालत में पेश किया गया.। सिसोदिया और के कविता की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है,। जबकि केजरीवाल को अब आठ अगस्त तक सलाखों के पीछे रहना होगा.। केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया और के कविता के ऊपर भी शराब घोटाला मामले में गाज गिरी है.। सीएम केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और के कविता शराब घोटाला मामले में अभी तिहाड़ जल में बंद है। . तीनों के खिलाफ मामला कोर्ट में विचाराधीन है। . तीनों को लगातार अदालत से निराशा ही हाथ लग रही है.।इससे पहले, केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई के लिए बढ़ाई गई थी.। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद आज उन्हें अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पेश किया गया.। केजरीवाल 21 मार्च से दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। . अब तक वो कई दफा राहत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके लिए राहत की कोई भी संभावना जन्म लेती हुई नजर नहीं आ रही है.। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच सीबीआई और ईडी दोनों ही जांच एजेंसियां कर रही हैं. । ईडी जहां मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रही है, तो वहीं सीबीआई भ्रष्टाचार के एंगल से जांच कर रही है.। उधर, आम आदमी पार्टी लगातार अपने नेताओं का बचाव करने में लगी हुई है। -
नई दिल्ली। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कथित मूडा घोटाले के संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की। श्री जोशी ने आज संसद से बाहर मीडिया के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सीधे तौर पर घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले को सी.बी.आई. को सौंपा जाना चाहिए।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25वें करगिल दिवस के अवसर पर कल करगिल युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे। श्री मोदी सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री शिनकुन ला सुरंग परियोजना का वर्चुअल रूप से पहला विस्फोट भी करेंगे। यह चार किलोमीटर से अधिक लम्बी ट्विन ट्यूब सुरंग लेह को सभी परिस्थितियों में देश के अन्य हिस्सों से जोड़ेगी। लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर बनाई जाने वाली यह सुरंग दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। इस सुरंग से न केवल सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही होगी बल्कि इससे लद्दाख को आर्थिक और सामाजिक रूप से बढ़ावा मिलेगा।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय बजट में कौशल, रोजगार और महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया है, जिससे रोजगार सृजन तथा समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। उद्योग विशेषज्ञों ने बुधवार को यह बात कही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में कौशल, रोजगार और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और प्रोत्साहनों का प्रस्ताव किया है। शिक्षा नीति विशेषज्ञ एवं सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल के वाइस चेयरमैन नमन जैन ने कहा, ‘‘मैं युवाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बजट आवंटन का स्वागत तथा सराहना करता हूं, जिसमें नौकरियों, कौशल तथा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा, रोजगार तथा कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान और इस वर्ष समग्र बजट आवंटन में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि समय की मांग है।'' एबोकोड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक निदेशक शरद खन्ना ने कहा, ‘‘भारतीय ड्रोन बाजार से 2024 में 2.7 करोड़ डॉलर का कारोबार होने का अनुमान है, जिसमें 2024 से 2028 तक सालाना 5.96 प्रतिशत की वृद्धि होगी। बजट 2024-25 रोजगार, कौशल तथा एमएसएमई का बजट है। हमें विश्वास है कि इन क्षेत्रों में भारी आवंटन भारत के वैश्विक ड्रोन हब बनने के महत्वाकांक्षी मिशन को भी बढ़ावा देगा।'' आईएमटी गाजियाबाद के प्रोफेसर एवं एसोसिएट डीन (अकादमिक) राकेश के सिंह ने कहा, ‘‘इस वर्ष का बजट महिलाओं के राजकोषीय अनुशासन और आर्थिक व सामाजिक वृद्धि के चालकों के बीच अच्छा संतुलन बनाता है। महिला सशक्तीकरण और शिक्षा पर बढ़ी पहल कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करती है।'' पीएचएफ लीजिंग लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शल्य गुप्ता ने कहा, ‘‘यह बजट रोजगार सृजन पर केंद्रित है। हम पहली बार नौकरी करने वालों/प्रशिक्षुओं/युवाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने वाले कदमों का स्वागत करते हैं। रोजगार से जुड़े प्रोत्साहनों के लिए ‘पीएम पैकेज' देश के युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने का एक बेहतरीन तरीका है...'' एवीपीएल इंटरनेशनल की सह-संस्थापक और चेयरमैन प्रीत संधू ने कहा, “सरकार का हालिया बजट भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए एक दूरदर्शी खाका है। कौशल अंतर को दूर करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का प्रभावी ढंग से लाभ उठाया जाए, सार्वजनिक और निजी संस्थाओं के बीच साझेदारी महत्वपूर्ण है।” कृषि प्रौद्योगिकी कंपनी लीड्स कनेक्ट सर्विसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नवनीत रविकर ने कहा, “कृषि अनुसंधान में बदलाव और जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को पेश करने पर जोर कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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नयी दिल्ली. नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बुधवार को कहा कि बजट में घोषित प्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क दरों की समीक्षा से दीर्घकालिक सुधारों के लिए आधार तैयार होगा। बेरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 का बजट एक संरचनात्मक बजट है, जो कार्यबल तथा निजी क्षेत्र के बीच संबंध बनाकर श्रम उत्पादकता में सुधार करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ बजट (2024-25) प्रस्तावों में प्रत्यक्ष कर, सीमा शुल्क दरों की समीक्षा के लिए एक रूपरेखा प्रदान की गई है जिसे छह महीने में किया जाना है... यह दीर्घकालिक सुधारों के लिए जमीन तैयार करेगा।'' सरकार ने मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट में आयकर अधिनियम की व्यापक समीक्षा करने की घोषणा की थी, ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) चूक के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) लेकर आएगी और ऐसे अपराधों के लिए समझौता प्रक्रिया को सरल और युक्तिसंगत बनाएगी। उन्होंने कहा था, ‘‘ मैं आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा करती हूं। इसका मकाद अधिनियम को संक्षिप्त, सुस्पष्ट, पढ़ने और समझने में आसान बनाना है..'' बेरी ने कहा कि इस वर्ष के बजट में राजकोषीय समेकन को बनाए रखा गया है तथा इसमें सुधार किया गया है जो महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बजट प्रस्ताव दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं और यह ‘विकसित भारत' की दिशा में पहला कदम है। आर्थिक वृद्धि पर एक सवाल के जवाब में बेरी ने कहा कि भारत के लिए श्रम उत्पादकता तथा कार्यबल में बढ़ोतरी करने से वृद्धि दर बढ़ाना आसान होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन वह और बेहतर कर सकता है। उसे और बेहतर करना चाहिए....उसे और बेहतर करने की जरूरत है।'' बजट प्रस्तावों से निजी उपभोग तथा निजी निवेश को बढ़ावा मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि निजी खपत मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित हुई है। बेरी ने कहा, ‘‘इसलिए मुझे लगता है कि इस साल के मानसून पर बहुत कुछ निर्भर करता है।''
उन्होंने साथ ही कहा कि कर स्लैब को समायोजित करने और आयकर पर कटौती बढ़ाने का मकसद उपभोग के लिए थोड़ा अधिक धन उपलब्ध कराना है। -
शाहजहांपुर.उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बहगुल नदी पर बने अस्थायी पुल को हटाये जाने से 200 से ज्यादा गांव के प्रभावित लोगों ने बुधवार को विरोध-प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों ने कहा कि कलान इलाके में बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने के बाद अस्थायी पुल को हटा दिया गया, जिस कारण 200 से अधिक गांवों के लोगों को जिला मुख्यालय आने के लिये 60 के बजाय 120 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। कलान के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) महेश कुमार ने बताया, “बारिश में बहगुल नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते अस्थायी पुल को हटाया गया है। इससे 212 से अधिक गांवों के लोग प्रभावित हैं।” जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर मिर्जापुर गांव के निवासी शैलेंद्र पांडेय ने बताया कि बरेली-इटावा मार्ग से बदायूं होकर मुरादाबाद जाने वाले रास्ते पर लगभग लगभग दो किलोमीटर लंबा पुल वर्ष 2008 में बनाया गया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में इस पुल के तीन खम्बे जमीन में धंस जाने की वजह से पुल टूट गया था। बाद में अस्थायी पुल बनाया गया लेकिन इस पर केवल दो पहिया वाहनों को ही जाने की इजाजत दी गयी। अब यह पुल भी पूरी तरह हटा लिया गया है। उन्होंने कहा, “पुल न होने से हमारे गांव के लोग परेशान हैं। इससे जिला मुख्यालय के लिये दूसरे रास्ते से घूमकर जाना पड़ रहा है। पहले उन्हें कलान से फर्रुखाबाद जिले के राजेपुर होते हुए शाहजहांपुर आना पड़ता है। इस तरह लोगों को मजबूरन 60 के बजाय 120 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। ऐसे में गंभीर मरीजों को इलाज के लिए मुख्यालय तक ले जाने में खासी दुश्वारी होती है।” निवासी ने कहा, “जो दूसरा रास्ता है उसमें जगह-जगह वाहन बदलने पड़ते हैं और शाम के बाद वाहन मिलना बंद हो जाते हैं।” समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामवीर सोमवंशी की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने कोलाघाट में क्षतिग्रस्त पुल के पास प्रदर्शन भी किया। सोमवंशी ने बताया कि उन्होंने गत 12 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस पुल पर हल्के वाहनों को शुरू करने के लिए मांग पत्र दिया था और कहा था कि 15 जुलाई तक अगर हल्के वाहनों के लिए पुल नहीं खोला गया तो इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने बताया, “हमने पुल की जरूरत के बारे में सरकार को बता दिया है और मामले पर कार्रवाई जारी है।”