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नयी दिल्ली. भारत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक पॉडकास्ट के दौरान जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया के लिए इस्लामाबाद पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान को ‘‘झूठ फैलाने'' के बजाय अपने ‘‘अवैध'' कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दुनिया जानती है कि जम्मू-कश्मीर में असली मुद्दा पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से आतंकवाद को “सक्रिय रूप से बढ़ावा देना और प्रायोजित करना” है। लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “पाकिस्तान के साथ शांति को बढ़ावा देने के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला है” और उन्हें उम्मीद है, “द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए पाकिस्तानी नेतृत्व को सद्बुद्धि आए”। पाकिस्तान ने सोमवार को इस टिप्पणी को “भ्रामक और एकतरफा” बताकर खारिज कर दिया था। जायसवाल ने कहा, “हमने पाया है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में कुछ टिप्पणियां की हैं।” उन्होंने कहा, “दुनिया जानती है कि असली मुद्दा पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना और प्रायोजित करना है। वास्तव में यह क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा है।” जायसवाल ने कहा, “झूठ फैलाने के बजाय पाकिस्तान को अपने अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए।
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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आयोजित प्रयागराज महाकुंभ की भव्य सफलता पर उनका आभार जताया और कहा कि महाकुंभ ने दुनिया को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्' का आत्मीय संदेश दिया है। योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ‘एक्स' पर पोस्ट किया,‘‘आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के यशस्वी मार्गदर्शन में एकता के महायज्ञ 'महाकुंभ-2025, प्रयागराज' के स्वच्छ, सुरक्षित, व्यवस्थित और ऐतिहासिक आयोजन ने ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत-सर्वसमावेशी भारत' के साथ ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम्' का आत्मीय संदेश पूरी दुनिया को दिया है।'' योगी ने कहा, ‘आस्था' आजीविका का माध्यम हो सकती है। 'संस्कृति' राष्ट्र की समृद्धि का कारक बन सकती है। महाकुंभ-2025, प्रयागराज ने यह उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। महाकुंभ-2025, प्रयागराज के आयोजन से जुड़े सभी लोगों को मेरा अभिनंदन और आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को लोकसभा में कहा कि पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए तथा यह जनता -जनार्दन का और जनता के संकल्पों के लिए और जनता की श्रद्धा से प्रेरित महाकुंभ था। मोदी ने कहा,‘‘ महाकुंभ में हमने राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन किए हैं। यह राष्ट्रीय चेतना नए संकल्पों के सिद्धि के लिए प्रेरित करती है।'' मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए महाकुंभ आयोजन की सफलता का श्रेय उन्हें दिया।
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मेहसाणा. नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के गुजरात स्थित पैतृक गांव के निवासी धरती पर उनकी सुरक्षित वापसी की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं और इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। गांववालों ने विलियम्स की धरती पर वापसी होने पर बुधवार सुबह दिवाली जैसा उत्सव मनाने की योजना बनायी है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ महीने रहने के बाद विलियम्स का पृथ्वी पर लौटने का कार्यक्रम है। विलियम्स के पैतृक गांव के निवासी उनकी सुरक्षित वापसी की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं और इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। मेहसाणा जिले में झूलासण गांव के निवासी उत्साह से भरे हुए हैं। यह गांव विलियम्स के पिता दीपक पांड्या का पैतृक गांव है। गांव वाले विलियम्स की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं तथा उस 'अखंड ज्योत' की देखरेख कर रहे हैं, जिसे करीब नौ महीने पहले उनके अंतरिक्ष में जाने के तुरंत बाद उनकी सुरक्षित वापसी के लिए जलाया गया था। विलियम्स के चचेरे भाई नवीन पांड्या के अनुसार, विलियम्स के सम्मान में एक भव्य जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें प्रार्थना और आतिशबाजी के साथ दिवाली और होली जैसा उत्सवी माहौल होगा। जुलूस में लोग विलियम्स की तस्वीर लेकर चलेंगे। पांड्या ने मंगलवार को कहा, ‘‘उनकी तस्वीर के साथ जुलूस एक स्कूल से मंदिर तक निकाला जाएगा, जहां 'अखंड ज्योत' रखी गई है, जिसमें छात्र भी शामिल होंगे। हम मंदिर में प्रार्थना करेंगे।'' उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंतरिक्ष यात्री की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और अखंड ज्योत जलायी है। उन्होंने कहा, ‘‘विलियम्स के बुधवार को पृथ्वी पर सुरक्षित पहुंचने तक अखंड ज्योत जलती रहेगी।'' पांड्या ने कहा, ‘‘यहां उत्सव का माहौल है और हर कोई उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। हम भविष्य में उन्हें झूलासण आने के लिए जरूर आमंत्रित करेंगे। उनका अपने पैतृक गांव में हमारे बीच होना हमारे लिए सम्मान की बात होगी।'' सुनीता विलियम्स के पिता दीपक पांड्या मूल रूप से झूलासण के रहने वाले हैं, जो 1957 में अमेरिका चले गए थे। विलियम्स, अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ महीने से अधिक समय बिताने के बाद पृथ्वी पर लौट रही हैं। झूलासण प्राथमिक विद्यालय के प्राचार्य विशाल पंचाल ने कहा कि समारोह के लिए विस्तृत व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘सुनीता विलियम्स हमारे गांव की बेटी हैं। वह हमारे गांव, भारत और दुनिया का गौरव हैं।" पंचाल के अनुसार, प्राथमिक और उच्च विद्यालयों के छात्र पिछले 15 दिनों से विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और 'राम धुन' का जाप कर रहे हैं। विलियम्स के एक अन्य चचेरे भाई किशोर पांड्या ने कहा कि वे 2006 और 2013 में विलियम्स से झूलासण गांव की उनकी यात्राओं के दौरान दो बार मिल चुके हैं।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि अपने बेटों की शादी के बाद अब वह वानप्रस्थ आश्रम में जा रहे हैं और अपना पूरा समय किसानों की सेवा में लगाएंगे। चौहान ने प्रश्नकाल में सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘आज से मैं गृहस्थ से वानप्रस्थ आश्रम में जा रहा हूं। आज मेरे बेटों की शादी के बाद ‘रिसेप्शन' है। मैंने सभी को निमंत्रित किया है। कल से मैं वानप्रस्थी हो जाऊंगा और अपना पूरा समय किसानों की सेवा में लगाऊंगा क्योंकि उनकी सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है।'' उन्होंने फसल बीमा योजना संबंधी पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि मोदी सरकार से पहले फसल के नुकसान के लिए मुआवजे की सबसे छोटी इकाई तहसील होती थी और जब तक पूरी तहसील में फसल बर्बाद नहीं हो, किसानों को मुआवजा नहीं मिलता था। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में गांव को सबसे छोटी इकाई बनाया गया और एक गांव में फसल को नुकसान होने पर भी किसानों को राहत मिलती है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि देश का नेता दूरदृष्टा हो तो व्यवस्थाएं अपने आप बदलने लगती हैं। चौहान ने कहा कि किसानों की हालत एक दशक पहले बहुत खराब थी, लेकिन इस सरकार के आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक नहीं, अनेक उपाय किए गए हैं जिसके कारण किसानों की हालत लगातार सुधर रही है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार किसानों की हालत सुधारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड (केरल) के संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा, किसान चाहे केरल का हो या कर्नाटक का, किसान होता है। हम सब भारत मां के लाल हैं और भेदभाव का कोई सवाल नहीं है।'' उन्होंने कहा कि जब भी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं तो नीति आयोग की सिफारिश के अनुसार केंद्र सरकार राज्यों को धन देती है और कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा हो तो केंद्र सरकार विशेष दल भेजकर अतिरिक्त राशि भी देती है। चौहान ने कहा, ‘‘केरल को भी एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत कोष) के तहत 138 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए। आपके माध्यम से मैं सदस्य (प्रियंका गांधी) को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कहीं भी संकट आएगा तो केंद्र बिना भेदभाव के राज्य के साथ खड़ा रहेगा।'' उन्होंने कहा कि जहां भी किसानों पर प्राकृतिक संकट आएगा, वे चाहे किसी भी राज्य के, गांव के हों.. भारत सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी।
- नयी दिल्ली. । अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका प्रथम' की नीति को ‘‘केवल अमेरिका'' के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। गबार्ड ने ‘रायसीना डायलॉग' के एक सत्र में अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा समय भारत-अमेरिका संबंधों को प्रगाढ़ करने और नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का बहुत बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले महीने वाशिंगटन डीसी में अपनी बैठक में दोनों देशों के बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था। गबार्ड ने कहा कि ट्रंप की ‘अमेरिका प्रथम' नीति की तरह ही प्रधानमंत्री मोदी भी ‘इंडिया प्रथम' दृष्टिकोण को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि ‘अमेरिका प्रथम' का मतलब केवल अमेरिका है।अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे दोनों देशों के बीच यह साझेदारी और मित्रता लगातार बढ़ती रहेगी।'' गबार्ड ने वाशिंगटन डीसी में मोदी-ट्रंप की बैठक को ‘‘दो पुराने दोस्तों का फिर से मिलना'' बताया।
- बरेली . जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक अज्ञात वाहन की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार एक युवक की मौत हो गयी जबकि उसका छोटा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि मृत युवक की पहचान बहराइच जिले के केसरगंज थानाक्षेत्र के रामूआपुर रघुवीर गांव के निवासी संजय (28) के रूप में हुई है तथा घायल युवक की पहचान उसके भाई रिंकू (22) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक पंजाब में काम करने वाला संजय पत्नी की मौत की खबर सुनकर जल्दबाजी में अपने छोटे भाई रिंकू के साथ मोटरसाइकिल से घर के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में ही सड़क हादसे में उसकी जान चली गयी। उत्तरी क्षेत्र के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मुकेश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि संजय और रिंकू पंजाब में मजदूरी करते थे। उन्होंने बताया कि संजय की बरेली जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। उन्होंने संजय के परिजनों के हवाले से बताया कि संजय की शादी छह साल पहले पूजा से हुई थी और उसकी चार साल की एक बेटी भी है। मिश्रा के मुताबिक संजय का परिवार खुश था क्योंकि सोमवार को पूजा का दूसरा प्रसव होना था। परिजनों ने पूजा को बहराइच के अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन प्रसव के दौरान उसकी मौत हो गयी। परिजनों ने तुरंत यह दुखद खबर संजय को दी। अपर पुलिस अधीक्षक के अनुसार पत्नी की मौत की सूचना मिलते ही संजय बेचैन हो उठा और जल्द से जल्द घर पहुंचने के लिए अपने छोटे भाई रिंकू के साथ मोटर साइकिल से पंजाब से बहराइच के लिए रवाना हो गया। तभी सोमवार की रात यह हादसा हो गया। पुलिस का कहना है कि दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने संजय को मृत घोषित कर दिया। रिंकू की हालत गंभीर बनी हुई है और उसका इलाज बरेली के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। संजय का शव मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद बहराइच को भेज दिया गया । परिजनों ने जानकारी दी कि संजय और उसकी पत्नी का अंतिम संस्कार एक साथ किया जाएगा।एएसपी ने बताया कि मीरगंज पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में जुट गई है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि टक्कर मारने वाले वाहन का पता लगाया जा सके।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जर्मन गायिका कैसमै की प्रशंसा की। उन्होंने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात' में कैसमै के भजन और आध्यात्मिक गीतों को रेखांकित किया था। मोदी ने ‘मन की बात' नामक ‘एक्स' हैंडल पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त बात कही।इस पोस्ट में बताया गया था कि जब प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात' कार्यक्रम में जर्मन गायिका का उल्लेख किया तो उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया। पोस्ट में कैसमै के हवाले से कहा गया, ‘‘मुझे इस पर विश्वास नहीं हो रहा था।''उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से उनका जिक्र किए जाने के बाद मीडिया का ध्यान उनकी ओर गया।कैसमै जन्म से दृष्टिहीन हैं और वह 12 भाषाएं जानती हैं।प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति के बारे में विश्व की जिज्ञासा लगातार बढ़ रही है और कैसमै जैसे कलाकारों ने इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘समर्पित प्रयासों के माध्यम से उन्होंने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर भारतीय विरासत की समृद्धि, गहराई और विविधता को प्रदर्शित करने में मदद की है।''
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राम मंदिर और प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर बयान दिया। पीएम मोदी ने राम मंदिर और महाकुंभ का जिक्र करते हुए भारतीय संस्कृति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने हम सभी को यह एहसास कराया कि देश अगले 1000 वर्षों के लिए कैसे तैयार हो रहा है।महाकुंभ ने हमारी सोच को किया और मजबूतपीएम मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष महाकुंभ ने हमारी सोच को और मजबूत किया है और देश की सामूहिक चेतना हमें देश के सामर्थ्य के बारे में बताती है। उन्होंने कहा, “आज मैं इस सदन के माध्यम से कोटि-कोटि देशवासियों को नमन करता हूं, जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ।”महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदानप्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदान है। मैं सरकार के, समाज के सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं। मैं देशभर के श्रद्धालुओं को, यूपी की जनता विशेषतौर पर प्रयागराज की जनता का धन्यवाद करता हूं।गंगाजी को धरती पर लाने के लिए किया गया था भगीरथ प्रयासलोकसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम सब जानते हैं, गंगा जी को धरती पर लाने के लिए एक भगीरथ प्रयास किया गया था, वैसा ही महान प्रयास इस महाकुंभ के भव्य आयोजन में भी हमने देखा है। मैंने लाल किले से ‘सबका प्रयास’ के महत्व पर जोर दिया था। पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। सबका प्रयास का यही साक्षात स्वरूप है। ये जनता जनार्दन का, जनता जनार्दन के संकल्पों के लिए जनता जनार्दन की श्रद्धा से प्रेरित महाकुंभ था।मॉरीशस यात्रा के दौरान देखने को मिला भारतीय संस्कृति का जश्नपीएम मोदी ने आगे अपनी मॉरीशस यात्रा के बारे में कहा कि पिछले हफ्ते मैं मॉरीशस में था, जहां मैं महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम से पवित्र जल ले गया था। जब इसे मॉरीशस के गंगा तालाब में मिलाया गया, तो वह नजारा देखने लायक था। इससे पता चला कि हमारी संस्कृति का जश्न मनाया जा रहा है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लोकप्रिय अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ साक्षात्कार में बताया कि उनकी सरकार ने देश में जनकल्याण योजनाओं के फंड की बर्बादी को रोककर सरकारी तंत्र की दक्षता बढ़ाने का काम पहले ही कर दिया है। यह ठीक वैसा ही है जैसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल ही में शुरू किए गए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) का लक्ष्य है।
पहले बिचौलियों द्वारा सिस्टम से भारी मात्रा में धन निकाला जा रहा थापीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब वह सत्ता में आए, तो उन्होंने सामाजिक कल्याण के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली शुरू की, जिसने विभिन्न योजनाओं के फर्जी, अस्तित्वहीन लाभार्थियों को खत्म कर दिया। पहले भ्रष्ट बिचौलियों द्वारा सिस्टम से भारी मात्रा में धन निकाला जा रहा था।मोदी सरकार के मॉडल ने लगभग 3.48 लाख करोड़ रुपये बचाएपीएम मोदी ने फ्रिडमैन से कहा, “2014 में पदभार संभालने के बाद, मैंने देखा कि उस समय हम कई वैश्विक चर्चाओं का हिस्सा नहीं थे, जैसा कि आज अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और डीओजीई के बारे में बात की जा रही है। लेकिन मैं आपको एक उदाहरण देता हूं ताकि आप देख सकें कि किस तरह का काम किया गया था। मैंने देखा कि कुछ सरकारी योजनाओं, विशेष रूप से कल्याण कार्यक्रमों का लाभ उन लोगों द्वारा उठाया जा रहा था, जो वास्तविक जीवन में कभी अस्तित्व में ही नहीं थे।” वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, मार्च 2023 तक, डीबीटी के माध्यम से सामाजिक कल्याण निधि आवंटित करने के मोदी सरकार के मॉडल ने लगभग 3.48 लाख करोड़ रुपये बचाए थे।अब हर साल लगभग 64,000 करोड़ रुपये की बचत हो रहीएक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भ्रष्ट एलिमेंट द्वारा फर्जी निकासी के कारण होने वाले लीकेज को रोकने के साथ अब हर साल लगभग 64,000 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। इसी के साथ कुल बचत अब लगभग 5 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह ठीक वैसा ही है जो एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई कार्यक्रम ने अमेरिका में पाया है, जहां सामाजिक सुरक्षा लाभ ऐसे लोगों को दिए जा रहे थे जो अब जीवित नहीं हैं। आधार आधारित बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर करने पर आधारित डीबीटी मॉडल ने बिचौलियों को खत्म कर दिया है और यह सुनिश्चित किया है कि पैसा सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।मनरेगा में 7.1 लाख नकली जॉब कार्ड को खत्म कर 42,534 करोड़ रुपये बचाए गएवरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सब्सिडी का दावा करने के लिए नकली एलपीजी कनेक्शन, नकली राशन कार्ड और मनरेगा ग्रामीण रोजगार योजना के तहत जॉब कार्ड में बचत स्पष्ट है। उदाहरण के लिए, 2022-23 में मनरेगा में 7.1 लाख नकली जॉब कार्ड को खत्म कर 42,534 करोड़ रुपये बचाए गए। इसी तरह, 4.15 करोड़ डुप्लीकेट, फेक, गैर-मौजूद और निष्क्रिय एलपीजी कनेक्शन को खत्म कर 73,443 करोड़ रुपये बचाए गए। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को एक भावुक पत्र लिखा है। सुनीता, जो करीब नौ महीने से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर थीं, अब जल्द ही धरती पर लौटने वाली हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने 1 मार्च को यह पत्र लिखा था, जिसे अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के जरिए सुनीता तक पहुंचाया गया। हाल ही में पीएम मोदी की मैसिमिनो से मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने विशेष रूप से यह अनुरोध किया कि यह पत्र सुनीता तक जरूर पहुंचे।
पीएम मोदी ने पत्र में लिखा कि 1.4 अरब भारतीय उनकी हिम्मत और समर्पण पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने लिखा, “आप भले ही हजारों मील दूर हो, लेकिन हमारे दिलों के करीब हैं। भारत के लोग आपकी सफलता और सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने सुनीता के माता-पिता को भी याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी मां, बॉनी पंड्या, जरूर बेसब्री से उनकी वापसी का इंतजार कर रही होंगी। पीएम मोदी ने उनके दिवंगत पिता को भी याद करते हुए कहा कि उनकी आशीर्वाद हमेशा सुनीता के साथ है।उन्होंने लिखा कि भारत में सुनीता का स्वागत करने का सभी को इंतजार रहेगा और उन्हें “भारत की गौरवशाली बेटी” बताया। पीएम मोदी ने उनके पति माइकल विलियम्स और साथी यात्री बैरी विलमोर के लिए भी शुभकामनाएं दीं। सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर यान से ISS के लिए रवाना हुए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते उन्हें वहां योजना से अधिक समय तक रुकना पड़ा। सितंबर 2024 में, नासा ने स्टारलाइनर को बिना क्रू के पृथ्वी पर वापस भेज दिया ताकि ISS पर अन्य यानों के लिए जगह बनाई जा सके।अब, नौ महीने बाद, सुनीता और विलमोर धरती पर लौट रहे हैं। उनके साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी हैं। उनकी वापसी मंगलवार शाम को होने की उम्मीद है। इस मिशन को लेकर अमेरिका में भी राजनीतिक हलचल रही। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क से अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द बचाने की अपील की थी। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देशभर में 10.05 करोड़ ग्रामीण महिला परिवारों को 90.90 लाख स्वयं सहायता समूहों (SHG) में संगठित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है।
सरकार ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक SHG द्वारा 10.20 लाख करोड़ रुपये का बैंक लोन लिया गया है, जिसका उपयोग महिलाओं ने छोटे व्यवसाय शुरू करने और अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में किया गया। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में बताया कि 28 फरवरी, 2025 तक SHG और उनके संघों को सरकार ने 51,368.39 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसमें रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड शामिल हैं।यह मिशन देशभर में तेजी से लागू किया जा रहा है। वर्तमान में यह 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के 745 जिलों और 7,144 ब्लॉकों में चल रहा है। केवल दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर यह योजना पूरे देश में लागू है। वहीं महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में भी सरकार मदद कर रही है। इसके लिए “सरस मेला” जैसे आयोजन किए जाते हैं, जहां SHG की महिलाएं अपने उत्पाद बेचती हैं। इसके अलावा, SHG के उत्पादों को “सरस कलेक्शन” के नाम से सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर बेचा जा रहा है। सरकार ने फ्लिपकार्ट समर्थ, अमेजन सहेली और मीशो जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ समझौता किया है, ताकि SHG के उत्पाद ऑनलाइन भी बिक सकें। इसके लिए मंत्रालय ने अपना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे महिलाओं को डिजिटल माध्यम से अपने उत्पाद बेचने में मदद मिल रही है। - नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने 16-20 मार्च तक भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा के तीसरे दिन मंगलवार को नई दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का दौरा किया। लक्सन ने एक्स पर लिखा, “न्यूजीलैंड के हिंदू समुदाय ने हमारे देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। आज दिल्ली में, मैंने कई कीवी-हिंदुओं के लिए पवित्र स्थान – बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में नमन किया।”न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने पीएम मोदी के साथ राजधानी के गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब का किया दौरासोमवार शाम को न्यूजीलैंड के नेता ने हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजधानी में गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब का दौरा किया। लक्सन ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैंने गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब का दौरा किया, जो गहरी आस्था और इतिहास का स्थान है। सेवा और मानवता के प्रति सिख समुदाय की अटूट प्रतिबद्धता सराहनीय है।”प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के भारत से गहरे लगाव का किया जिक्रमंगलवार शाम को दिल्ली की अपनी यात्रा समाप्त कर मुंबई के लिए रवाना होने से पहले न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट जाने का भी समय निकाला। सोमवार को लक्सन और कीवी प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री के भारत से गहरे लगाव का जिक्र किया।न्यूजीलैंड में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के प्रति प्रधानमंत्री लक्सन का है विशेष स्नेहप्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम सबने देखा कि कैसे कुछ दिन पहले उन्होंने ऑकलैंड में होली का त्योहार मनाया! न्यूजीलैंड में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के प्रति प्रधानमंत्री लक्सन का स्नेह इस बात से भी देखा जा सकता है कि उनके साथ एक बड़ा सामुदायिक प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है।”दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर दिया बलदोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों पर गहन चर्चा की और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत एवं संस्थागत बनाने का निर्णय लिया। सोमवार को दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय चर्चा के बाद जारी भारत-न्यूजीलैंड संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, “प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर संतोष व्यक्त किया।”
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इटली के ट्यूरिन में आयोजित विशेष ओलंपिक विश्व शीतकालीन खेल 2025 में भारतीय एथलीटों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की है। भारतीय दल ने 33 पदक जीतकर वैश्विक मंच पर देश को गौरवान्वित किया।श्री मोदी ने आज संसद भवन में एथलीटों से मुलाकात की और उनकी लगन और उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दी।प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा;"मुझे हमारे एथलीटों पर बहुत गर्व है जिन्होंने इटली के ट्यूरिन में आयोजित विशेष ओलंपिक विश्व शीतकालीन खेलों में देश को गौरव दिलाया है! हमारे प्रतिभाशाली खिलाडि़यों ने 33 पदक जीते हैं। संसद में खिलाडि़यों के दल से मुलाकात की और उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दी।
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श्योपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में मादा चीता 'गामिनी' और उसके चार शावकों को सोमवार को जंगल में छोड़ा गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गामिनी और उसके चार शावकों को जंगल में छोड़े जाने के बाद केएनपी में खुले में विचरण करने वाले चीतों की संख्या बढ़कर 17 हो गयी है, जबकि नौ चीते बाड़ों में हैं। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तम कुमार शर्मा ने एक बयान में बताया कि दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता 'गामिनी' और उसके चार शावकों (दो नर और दो मादा, उम्र 12 महीने) को श्योपुर जिले के खजुरी वन क्षेत्र में सफलतापूर्वक छोड़ा गया है और सभी चीते स्वस्थ हैं। पर्यटन क्षेत्र में चीतों को छोड़े जाने के बाद अब आगंतुकों को सफारी के दौरान चीतों को देखने का अवसर मिल सकता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनको जंगल में छोड़े जाने को चीता परियोजना और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक ‘‘महत्वपूर्ण दिन'' करार दिया। यादव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश में लाए गए चीते न केवल भारत के लिए बल्कि जैव विविधता की दृष्टि से एशिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण परियोजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केएनपी क्षेत्र में चीतों की बढ़ती संख्या से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार उपलब्ध होगा और चंबल क्षेत्र की समग्र अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने मीडिया को दिए संदेश में कहा कि इस अंतरमहाद्वीपीय परियोजना के लिए कूनो (श्योपुर) का चयन करना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है। यादव ने चीता परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य वन विभाग के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की। शर्मा ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘गामिनी और सभी चार शावक स्वस्थ हैं। यह वन क्षेत्र अहेरा पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा है।'' विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘गामिनी और उसके चार शावकों को छोड़े जाने के बाद अब कुनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में 17 चीते (जिनमें से 11 शावकों ने यहं जन्म लिया है) हैं। सभी चीते स्वस्थ हैं और जंगल में ठीक-ठाक रह रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बाद में दो शावकों की मौत हो गई थी। इससे पहले, 21 फरवरी को चीता 'ज्वाला' और उसके चार शावकों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़कर चीता पुनर्वास परियोजना की शुरुआत की थी।
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नयी दिल्ली. राजस्थान के रावतभाटा में भारत के स्वनिर्मित 700 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र को रविवार देर रात उत्तरी ग्रिड से जोड़ दिया गया, जिससे परमाणु ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 8,880 मेगावाट हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत की परमाणु ऊर्जा 'न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(एनपीसीआईएल)' ने एक बयान में कहा कि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा निर्धारित शर्तों सहित सभी पूर्व-आवश्यकताओं का अनुपालन करने के बाद, रावतभाटा स्थित राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (आरएपीपी) की सातवीं इकाई को रविवार देर रात दो बजकर 37 मिनट पर उत्तरी ग्रिड से जोड़ दिया गया। नियामक मंजूरी के अनुरूप इकाई का पावर स्तर चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा।
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नई दिल्ली। भारत मूर्त विरासत के सबसे बड़े भंडारों में से एक है, जहां प्रागैतिहासिक काल से लेकर औपनिवेशिक काल तक के स्मारक, स्थल और पुरावशेष मिलते हैं। हालांकि एएसआई, राज्य पुरातत्व विभाग और इनटेक जैसे विभिन्न संगठनों ने इस विरासत के कुछ हिस्सों का दस्तावेजीकरण किया है, लेकिन बहुत कुछ बिखरा हुआ या अलिखित है।
एकीकृत डेटाबेस के ना होने से अनुसंधान, संरक्षण और प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसी मुद्दे पर निर्मित विरासत, स्थलों और पुरावशेषों का व्यवस्थित रूप से दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण करने के लिए स्मारक और पुरावशेषों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएमए) शुरू किया गया था। मानकीकृत दस्तावेज़ीकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और जन जागरूकता के माध्यम से, एनएमएमए का मकसद भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाना है।स्मारकों और पुरावशेषों पर राष्ट्रीय मिशनवर्ष 2007 में स्थापित एनएमएमए, भारत की निर्मित विरासत और पुरावशेषों के डिजिटलीकरण और दस्तावेज़ीकरण के लिए ज़िम्मेदार है। इसने स्मारकों और पुरावशेषों के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर संकलित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।एनएमएमए की उपलब्धियांपुरातन वस्तुओं का डिजिटलीकरण: 12,34,937 पुरावशेषों का डिजिटलीकरण किया गया है, जिसमें एएसआई संग्रहालयों/मंडलों/शाखाओं से 4,46,068 और अन्य संस्थानों से 7,88,869 पुरावशेष शामिल हैं।निर्मित विरासत और स्थल: 11,406 स्थलों और स्मारकों का दस्तावेजीकरण किया गया है। बजट आवंटन: वित्त वर्ष 2024-25 में एनएमएमए के लिए 20 लाख रुपये आवंटित किए गए।एनएमएमए के उद्देश्य:बेहतर प्रबंधन और अनुसंधान के लिए निर्मित विरासत, स्मारकों और पुरावशेषों का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना और उसका दस्तावेज़ीकरण करना। केंद्रीय, राज्य, निजी संस्थानों और विश्वविद्यालयों में पुरावशेषों का एक समान दस्तावेज़ीकरण सुनिश्चित करना। सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना।राज्य विभागों, स्थानीय निकायों, संग्रहालयों, गैर सरकारी संगठनों और विश्वविद्यालयों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करना। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), राज्य विभागों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाना। प्रकाशन और अनुसंधान।प्राचीन स्मारक, पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 (एएमएएसआर अधिनियम 1958) संसद द्वारा इस मकसद से अधिनियमित किया गया था, कि “प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों के संरक्षण, पुरातात्विक उत्खनन के विनियमन और मूर्तियों, नक्काशी और अन्य समान वस्तुओं के संरक्षण के लिए प्रावधान किया जा सके।एएमएएसआर अधिनियम 1958 के अनुसार, प्राचीन स्मारकों की परिभाषाएं निम्नलिखित हैं“प्राचीन स्मारक” का अर्थ है, कोई भी संरचना, निर्माण, या स्मारक, या कोई टीला या दफनाने का स्थान, या कोई गुफा, चट्टान की मूर्ति, शिलालेख, या एकाश्म, जो ऐतिहासिक, पुरातात्विक, या कलात्मक रुचि का है और जो कम से कम एक सौ वर्षों से अस्तित्व में है, और इसमें शामिल हैं।किसी प्राचीन स्मारक के अवशेष।किसी प्राचीन स्मारक का स्थल। किसी प्राचीन स्मारक के स्थल से सटे भूमि का ऐसा भाग, जो ऐसे स्मारक को बाड़ लगाने, ढकने या अन्यथा संरक्षित करने के लिए ज़रूरी हो।किसी प्राचीन स्मारक तक पहुंचने और उसके सुविधाजनक निरीक्षण के साधन।राष्ट्रीय स्मारक और पुरावशेष मिशन (एनएमएमए) द्वारा, निर्मित विरासत के दस्तावेज़ीकरण के दायरे को स्वतंत्रता-पूर्व काल से जुड़ी किसी भी संरचना को परिभाषित करके बढ़ाया गया है, और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1950 को कट-ऑफ तिथि माना गया है।पुरावशेष एवं कला निधिपुरावशेष एवं कला निधि अधिनियम, 1972 के अनुसार, पुरावशेष एवं कला निधि की निम्नलिखित परिभाषाएं हैं: “पुरावशेष” में शामिल हैं। कोई भी सिक्का, मूर्तिकला, पेंटिंग, शिलालेख या कलात्मक/शिल्पकारी कार्य। किसी इमारत या गुफा से अलग की गई कोई भी वस्तु। कोई भी वस्तु जो विज्ञान, कला, साहित्य, धर्म, रीति-रिवाज या बीते युगों की राजनीति को दर्शाती हो। ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण कोई भी वस्तु।कोई भी वस्तु, जिसे केंद्र सरकार द्वारा पुरावशेष घोषित किया गया हो, जो कम से कम 100 वर्षों से अस्तित्व में हो। कोई भी पांडुलिपि, अभिलेख या अन्य दस्तावेज जो वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, साहित्यिक या सौंदर्य संबंधी मूल्य का हो और जो कम से कम पचहत्तर वर्षों से अस्तित्व में हो; “कला-निधि” का अर्थ है, कोई मानवीय कलाकृति, जो पुरावशेष न हो, जिसे केन्द्र सरकार ने आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, उसके कलात्मक या सौन्दर्यात्मक मूल्य को ध्यान में रखते हुए, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए कला-निधि घोषित किया हो।डिजिटलीकरण के दिशा-निर्देशराष्ट्रीय डिजिटल डेटाबेस बनाने के लिए, एनएमएमए ने समान दस्तावेज़ीकरण के लिए मानक तय किए हैं। निर्मित विरासत/स्थलों (द्वितीयक स्रोतों से) की तस्वीरें अनकंप्रेस्ड टिफ प्रारूप (300 डीपीआई रिज़ॉल्यूशन) में होनी चाहिए। पुरावशेषों की तस्वीरें अनकंप्रेस्ड टिफ प्रारूप (300 डीपीआई ) में ली जानी चाहिए। यदि तस्वीरें एनईएफ/आरएडब्ल्यू प्रारूप में ली गई हैं, तो उन्हें बिना किसी बदलाव के टिफ में परिवर्तित किया जाना चाहिए।लघु चित्रों की तस्वीरें या तो टिफ (300 डीपीआई) में उपयुक्त पृष्ठभूमि के साथ ली जा सकती हैं या स्कैन की जा सकती हैं। सभी दस्तावेज़ एमएस एक्सेल प्रारूप में संग्रहीत किए जाने चाहिए, जिसमें प्रत्येक पुरावशेष, विरासत स्थल या निर्मित संरचना के लिए अलग-अलग शीट हों।फ़ोटो को दस्तावेज़ीकरण शीट में शामिल किया जाना चाहिए और मास्टर इमेज के रूप में अलग से संग्रहीत किया जाना चाहिए।डिजिटल स्पेस में भारतीय विरासतआईएचडीएस पहल का मकसद, केवल दस्तावेज़ीकरण की सीमाओं से आगे जाकर, भारत की विरासत को संरक्षित करने और साझा करने के लिए आधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग करना है। इसका मकसद विद्वानों और आम जनता के लिए गहन अनुभव और विश्लेषणात्मक उपकरण तैयार करना है।आईएचडीएस के उद्देश्यभारतीय सांस्कृतिक संपत्तियों पर जोर देते हुए डिजिटल विरासत प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को बढ़ावा देना।डिजिटल विरासत संग्रह बनाने में जनता को शामिल करने के लिए क्राउडसोर्सिंग ढांचा विकसित करना।अंतर्विषयी अनुसंधान में मदद करने के लिए मल्टीमीडिया विरासत संसाधनों के लिए भंडारण, संरक्षण और वितरण तंत्र की स्थापना करना।विरासत संरक्षण में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका3डी स्कैनिंग, वर्चुअल रियलिटी, कंप्यूटर विज़न और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे डिजिटल उपकरणों ने विरासत संरक्षण के स्वरूप को बदल दिया है। ये प्रौद्योगिकियां निम्नलिखित की अनुमति देती हैं।पांडुलिपियों, स्मारकों और कलाकृतियों के उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले डिजिटल अभिलेखागार का निर्माण।खत्म हो चुकीं या क्षतिग्रस्त विरासत संरचनाओं का वर्चुअल पुनर्निर्माण।शिक्षा और पर्यटन के लिए इंटरैक्टिव अनुभव।इतिहासकारों, वास्तुकारों और वैज्ञानिकों के लिए बढ़ी हुई शोध क्षमताएं।प्रौद्योगिकी सहयोग की मददभारत की सांस्कृतिक विरासत का डिजिटलीकरण और दस्तावेज़ीकरण, इसके संरक्षण और पहुंच के लिए बेहद ज़रूरी है। स्मारक और पुरावशेषों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएमए) अभिलेखों को मानकीकृत करके, हितधारकों को प्रशिक्षित करके और जन जागरूकता को बढ़ावा देकर इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।प्रौद्योगिकी और सहयोग की मदद से, एनएमएमए यह सुनिश्चित करता है कि भारत की विशाल विरासत का व्यवस्थित रूप से दस्तावेजीकरण और संरक्षण हो सके और इसे अनुसंधान और शिक्षा के लिए उपलब्ध कराया जा सके। एक एकीकृत और व्यापक डेटाबेस, न केवल इनके संरक्षण में सहायता करेगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करेगा। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ को 1857 के आंदोलन और महात्मा गांधी के दांडी मार्च की तरह महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मंगलवार को कहा कि सबके प्रयास से यह संभव हो सका।
इस आयोजन ने पूरे विश्व को भारत की ताकत दिखाईसंसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में महाकुंभ पर एक बयान में प्रधानमंत्री ने इसे देश की एकता, संस्कृति और सामर्थ्य का जीवंत उदाहरण बताते हुए कहा कि इस आयोजन ने पूरे विश्व को भारत की ताकत दिखाई। उन्होंने देशवासियों, उत्तर प्रदेश की जनता, खासकर प्रयागराज के लोगों और सभी कर्मयोगियों को इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।पूरे विश्व ने भारत के विशाल स्वरूप को देखापीएम मोदी ने कहा, “मैं कोटि-कोटि देशवासियों को नमन करता हूं, जिनकी वजह से महाकुंभ इतना भव्य हुआ। गंगा को धरती पर लाने के लिए भागीरथ ने जो प्रयास किया था, वैसा ही महाप्रयास इस आयोजन में दिखा। मैंने लाल किले से ‘सबका प्रयास’ की बात कही थी, और महाकुंभ में यह साकार हुआ। पूरे विश्व ने भारत के विशाल स्वरूप को देखा।”उन्होंने इसे जनता की श्रद्धा और संकल्प का परिणाम बताया। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसने देश के सामर्थ्य पर उठने वाली शंकाओं को खत्म कर दिया।यह हमारे इतिहास में एक ऐसा मोड़ है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगाउन्होंने पिछले साल हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए कहा, “राम मंदिर के बाद महाकुंभ ने यह साबित किया कि भारत अगले एक हजार साल के लिए तैयार है। यह हमारे इतिहास में एक ऐसा मोड़ है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।”उन्होंने स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दांडी मार्च जैसे ऐतिहासिक पलों का उल्लेख करते हुए महाकुंभ को भी उसी कड़ी का हिस्सा बताया।पीएम ने कहा कि महाकुंभ का उत्साह डेढ़ महीने तक दिखापीएम ने कहा कि महाकुंभ का उत्साह डेढ़ महीने तक दिखा। लोग सुविधाओं और चिंताओं से ऊपर उठकर इसमें शामिल हुए। उन्होंने अपने हाल के मॉरीशस दौरे का जिक्र किया, जहां वे त्रिवेणी संगम का पवित्र जल लेकर गए थे। उन्होंने कहा, “जब गंगाजल को वहां अर्पित किया गया, तो श्रद्धा का माहौल देखते बनता था। यह दिखाता है कि हमारी संस्कृति को अपनाने की भावना कितनी मजबूत हो रही है।”आज की युवा पीढ़ी अपनी परंपराओं को गर्व के साथ अपना रहीउन्होंने जोर देकर कहा कि आज की युवा पीढ़ी अपनी परंपराओं को गर्व के साथ अपना रही है, जो देश की बड़ी ताकत है। पीएम मोदी ने महाकुंभ को एकता का सबसे बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “देशभर से लोग प्रयागराज आए। अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले, अलग-अलग राज्यों के लोग संगम तट पर जुटे। वहां छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। ‘मैं’ नहीं, ‘हम’ की भावना दिखी। यह एकता आज के दौर में हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, जब दुनिया में बिखराव बढ़ रहा है।”महाकुंभ से देश को कई प्रेरणाएं मिलीउन्होंने कहा कि महाकुंभ से देश को कई प्रेरणाएं मिली हैं, जिनमें एकता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी शामिल है।प्रधानमंत्री ने नदियों के संकट पर चिंता जताते हुए कहा, “हमारे देश में कई नदियां हैं, लेकिन कुछ संकट में हैं। हमें नदी उत्सवों को बढ़ावा देना होगा ताकि आज की पीढ़ी पानी के महत्व को समझे।”यह आयोजन हमें नए संकल्पों की ओर ले जाता हैउन्होंने महाकुंभ को सामाजिक भाईचारे और विरासत के गर्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि जब समाज अपनी परंपराओं से जुड़ता है, तो ऐसी भव्य तस्वीरें सामने आती हैं, जैसी प्रयागराज में दिखीं। पीएम मोदी ने कहा, “यह आयोजन हमें नए संकल्पों की ओर ले जाता है। यह हमारी ताकत, एकता और संस्कृति का उत्सव था, जिसे दुनिया ने देखा।” -
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित नए संसद भवन में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इस ऐप के जरिए प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के लिए आवेदन करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना से जुड़ी जानकारियां देने के लिए पहले सुविधा केंद्र की शुरुआत की गई है। यह केंद्र कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बनाया है। यहां से युवाओं को इंटर्नशिप के बारे में जानकारी और मदद मिलेगी।
इंटर्नशिप करने के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर की गई 31 मार्चप्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप करने के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख पहले 12 मार्च थी, लेकिन इसको बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया है। मोबाइल ऐप के लॉन्च होने के बाद युवाओं के लिए सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और देश की टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप करना और भी आसान हो जाएगा। आवेदक प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।पहले दौर में 1.27 लाख युवाओं को मिला इंटर्नशिप करने का अवसरइस योजना के तहत पहले दौर में 1.27 लाख युवाओं को इंटर्नशिप करने का अवसर मिला था। अब दूसरे दौर में 1.25 लाख से ज्यादा युवाओं को इंटर्नशिप का मौका देने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट के लिए 840 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिसमें से 48 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।योजना के लिए पात्र आवेदक की आयु 21 से 24 वर्ष होनी चाहिएइस योजना के लिए पात्र आवेदक की आयु 21 से 24 वर्ष होनी चाहिए, उसने कक्षा 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण की हो। इसके साथ ही उसके पास स्नातक की डिग्री, आईटीआई डिप्लोमा या अन्य तकनीकी योग्यता हो।योजना के तहत इंटर्न को मिलेगा यह लाभयोजना के तहत इंटर्न को 5 हजार रुपये का मासिक वजीफा, आकस्मिक खर्चों के लिए 6 हजार रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कवरेज भी मिलता है। -
भुवनेश्वर. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता देबेंद्र प्रधान का सोमवार को निधन हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वह 84 वर्ष के थे। उनके पुत्र धर्मेन्द्र प्रधान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा केंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओडिशा इकाई के पूर्व अध्यक्ष देबेंद्र प्रधान ने नयी दिल्ली में अंतिम सांस ली। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि देबेंद्र प्रधान एक लोकप्रिय जननेता और योग्य सांसद थे।
माझी ने कहा, ‘‘उन्होंने (देबेंद्र प्रधान ने) 1999 से 2001 तक केन्द्रीय परिवहन एवं कृषि मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। एक जनप्रतिनिधि एवं सांसद के रूप में उन्होंने अनेक कल्याणकारी कार्य किए जिसके लिए उन्हें आम जनता का काफी स्नेह मिला। उन्होंने अपना पूरा जीवन सेवा और दृढ़ संकल्प की भावना के साथ राज्य के विकास के लिए समर्पित कर दिया।'' माझी ने कहा कि देश और राज्य ने देबेंद्र प्रधान के रूप में एक प्रतिष्ठित लोक सेवक खो दिया है। मुख्यमंत्री ने उनके बेटे से भी बात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने कहा कि देबेंद्र प्रधान को उनके अद्वितीय संगठनात्मक कौशल और अडिग व्यक्तित्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा। पटनायक ने कहा, ‘‘डॉ. प्रधान के निधन से राज्य ने एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति और लोकप्रिय राजनेता खो दिया है।'' -
नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चालू वित्त वर्ष में 6 मार्च तक स्वायत्त प्रक्रिया के माध्यम से रिकॉर्ड 2.16 करोड़ दावों का निपटारा किया, जो पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े के दोगुने से भी अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष में ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने 89.52 लाख दावों का निपटारा किया था।
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अब 60 प्रतिशत अग्रिम (निकासी) दावों का निपटारा ‘ऑटो मोड' के माध्यम से किया जाता है। मंत्री ने कहा कि स्वचालित माध्यम से अग्रिम (आंशिक निकासी) दावों के निपटारे की सीमा भी बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। मंत्री ने सदन को बताया कि बीमारी/अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित दावों के अलावा, आवास, शिक्षा और विवाह के लिए आंशिक निकासी की भी स्वचालित माध्यम से व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि स्वचालित माध्यम के तहत दावों का तीन दिन के भीतर निपटारा किया जाता है।मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 6 मार्च 2025 तक 2.16 करोड़ दावा निपटान का ऐतिहासिक उच्च स्तर हासिल किया, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 89.52 लाख से अधिक है। उन्होंने सदन को बताया कि इसके अलावा, सदस्यों के विवरण में सुधार की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है तथा आधार-सत्यापित यूएएन (सार्वभौम खाता संख्या) वाले सदस्य, ईपीएफओ के हस्तक्षेप के बिना, इसमें स्वयं सुधार कर सकते हैं। वर्तमान में, इस तरह के 96 प्रतिशत सुधार बिना किसी ईपीएफ कार्यालय के हस्तक्षेप के किए जा रहे हैं, और 99 प्रतिशत से अधिक दावे ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त होते हैं। छह मार्च 2025 तक 7.14 करोड़ दावे ऑनलाइन माध्यम से दायर किए गए हैं। -
नयी दिल्ली. भारत और न्यूजीलैंड ने सोमवार को रक्षा संबंधों को संस्थागत बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किए और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूजीलैंड के अपने समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात के दौरान उनके देश में कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिए जाने पर चिंता से अवगत कराया। मोदी और लक्सन के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने शिक्षा, खेल, कृषि और जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए तथा रक्षा उद्योग क्षेत्र में सहयोग के लिए खाका तैयार करने का निर्णय लिया। मोदी और लक्सन ने दोनों देशों के बीच ‘‘संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी'' मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता शुरू करने का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने संकेत दिया कि दोनों देश इस वर्ष के अंत तक एफटीए पर हस्ताक्षर करने का प्रयास करेंगे। मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि भारत और न्यूजीलैंड एक स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम विस्तारवाद की नहीं, बल्कि विकास की नीति में विश्वास करते हैं।'' उनकी यह टिप्पणी क्षेत्र में चीन के विस्तारवादी रुख पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच आई है। एक संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, दोनों नेताओं ने ऐसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की जहां संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाएगा। लक्सन रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच गहन आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। एफटीए वार्ता के संदर्भ में, मोदी और लक्सन ने डिजिटल भुगतान क्षेत्र में सहयोग के शीघ्र कार्यान्वयन की संभावना तलाशने के लिए दोनों पक्षों के संबंधित अधिकारियों के बीच चर्चा पर सहमति व्यक्त की। संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, व्यापार समझौते के लिए वार्ता के संदर्भ में, दोनों पक्षों ने पेशेवरों और कुशल कामगारों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने वाली व्यवस्था पर चर्चा शुरू करने को लेकर सहमति व्यक्त की, जिसका मुख्य उद्देश्य अनियमित प्रवास की चुनौती से निपटना है। बातचीत में मोदी ने 2019 में क्राइस्टचर्च में हुए आतंकवादी हमले और 26/11 मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी रूप में आतंकवाद ‘‘अस्वीकार्य'' है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है। हम आतंकवादी, अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ मिलकर सहयोग करना जारी रखेंगे।'' मोदी ने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, हमने न्यूजीलैंड में कुछ गैरकानूनी तत्वों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी चिंता साझा की। हमें विश्वास है कि हमें इन सभी गैरकानूनी तत्वों के खिलाफ न्यूजीलैंड सरकार से सहयोग मिलता रहेगा।'' प्रेस वार्ता में मजूमदार ने कहा कि मोदी-लक्सन के बीच वार्ता में न्यूजीलैंड में कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का मुद्दा उठा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने मित्रों को उनके देशों में भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तथा हमारे राजनयिकों पर हमले की धमकी देने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा अन्य लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग के बारे में सचेत करते हैं।'' मजूमदार ने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड की सरकार ने पहले भी हमारी चिंताओं को ध्यान में रखा है तथा इस पर विचार किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज भी हमें यही जवाब मिला है।'' मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी को मजबूत एवं संस्थागत बनाने का निर्णय लिया है तथा रक्षा उद्योग क्षेत्र में सहयोग के लिए एक खाका तैयार किया जाएगा। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने और मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण रणनीतिक दृष्टिकोण पर चर्चा की। लक्सन ने कहा, ‘‘मैंने समृद्ध हिंद-प्रशांत में योगदान देने के लिए अपने-अपने हितों पर साझा चिंताओं को दूर करने की हमारी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई।'' प्रस्तावित एफटीए पर मोदी ने कहा कि डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग और निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-न्यूजीलैंड रक्षा संबंधों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत और संस्थागत बनाने का निर्णय लिया है। संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, बंदरगाह यात्राओं के साथ-साथ रक्षा उद्योग में भी आपसी सहयोग के लिए खाका बनाया जाएगा।'' दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षरित समझौतों में भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और न्यूजीलैंड की सीमा शुल्क सेवा के बीच पारस्परिक मान्यता समझौता भी शामिल है। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि रक्षा समझौता समग्र रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा।
समुद्री सुरक्षा के संदर्भ में, न्यूजीलैंड ने भारत के संयुक्त समुद्री बलों से जुड़ने का स्वागत किया। मोदी और लक्सन दोनों ने न्यूजीलैंड की कमान टास्क फोर्स 150 के दौरान रक्षा संबंधों में प्रगति का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों पर भी बात की। पश्चिम एशिया की स्थिति पर, मोदी और लक्सन ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए अपने दृढ़ समर्थन की पुष्टि की। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि उन्होंने स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए वार्ता जारी रखने का अपना आह्वान दोहराया, जिसमें सभी बंधकों की रिहाई और गाजा में तेज, सुरक्षित और निर्बाध मानवीय पहुंच शामिल है। मोदी और लक्सन ने यूक्रेन में युद्ध पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के आधार पर न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए समर्थन व्यक्त किया। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद समेत सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की। इसमें कहा गया कि मोदी और लक्सन ने सभी देशों की ओर से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल, निरंतर और ठोस कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने, ऑनलाइन सहित आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने तथा आतंकवाद के अपराधियों को शीघ्र न्याय के दायरे में लाने का आह्वान किया। -
नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने सोमवार को कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें विशेष रूप से रक्षा, प्रौद्योगिकी और सूचना साझा करने के क्षेत्रों में भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। आधिकारिक बयान के अनुसार, राजनाथ और गबार्ड ने समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग की भी समीक्षा की। गबार्ड भारत की ढाई दिन की यात्रा पर रविवार तड़के राष्ट्रीय राजधानी आईं। यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। राजनाथ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख से मिलकर ‘‘खुशी'' हुई और उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करने के उद्देश्य से रक्षा और सूचना साझा करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।'' समझा जाता है कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र में चीनी सेना की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती सुरक्षा स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया। बयान में कहा गया, ‘‘राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने भारत और अमेरिका के बीच सैन्य अभ्यास, रणनीतिक सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति शृंखलाओं के एकीकरण और सूचना-साझा करने में सहयोग, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में, समेत विभिन्न क्षेत्रों में की गई महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की।'' बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक रक्षा नवाचार और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसरों की भी तलाश की, जो पारस्परिक रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बयान के मुताबिक, राजनाथ ने ‘‘भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति दृढ़ सद्भावना'' के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का ‘‘आभार'' व्यक्त किया, और कहा कि ऐसी भावनाएं भारत और अमेरिका के बीच मित्रता के बंधन को और गहरा करती हैं। बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान से पता चलता है कि चर्चाओं में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी की बढ़ती ताकत की पुष्टि की गई है।'' इससे एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और गबार्ड ने रविवार को द्विपक्षीय वार्ता की थी और दुनियाभर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। ऐसा माना जा रहा है कि डोभाल और गबार्ड ने आमने-सामने की बैठक में भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत करने और सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की। गबार्ड, कनाडा के खुफिया विभाग के प्रमुख डेनियल रोजर्स और ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल दुनियाभर के उन शीर्ष खुफिया अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने यहां भारत द्वारा आयोजित सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया। बंद कमरे में हुई इस वार्ता पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। माना जा रहा है कि खुफिया और सुरक्षा विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने तथा आपसी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
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नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री लक्सन और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। यह, लोकतंत्र, कानून के शासन और लोगों के बीच मजबूत संबंधों में निहित साझा मूल्यों पर आधारित हैं।
राष्ट्रपति ने पिछले वर्ष अगस्त में न्यूजीलैंड की अपनी राजकीय यात्रा की यादें ताजा की और कहा कि न्यूजीलैंड की प्राकृतिक सुंदरता और वहां के लोगों की सांस्कृतिक विविधता ने उनके मन पर अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक आदान-प्रदान भारत-न्यूजीलैंड संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू है।उन्होंने संस्थागत आदान-प्रदान, भारत में न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालयों द्वारा परिसरों की स्थापना और दोहरी डिग्री के माध्यम से दोनों देशों के बीच इसमें सीमाशैक्षिक सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों के विकास पर भी संतोष व्यक्त किया। शुल्क, बागवानी, वानिकी, आपदा प्रबंधन और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर शामिल हैं। राष्ट्रपति ने न्यूजीलैंड की प्रगति में प्रतिभाशाली और मेहनती भारतीय समुदाय के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि अगस्त 2024 में राष्ट्रपति की न्यूजीलैंड की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा और प्रधानमंत्री लक्सन की यात्रा के दौरान आज घोषित महत्वपूर्ण परिणाम भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को सकारात्मक गति प्रदान करेंगे। -
नई दिल्ली। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स ने सोमवार को नीति आयोग के विकसित भारत स्ट्रेटजी रूम (वीबीएसआर) का दौरा किया, जहां उन्होंने देश भर के नीति निर्माताओं के लिए साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए एडवांस एआई-सक्षम इमर्सिव सेंटर का अनुभव किया।
सेंटर में आधुनिक टेक्नोलॉजी का किया गया है उपयोगइस सेंटर में आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जो केंद्र, राज्य, जिले और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को रियल टाइम डेटा का विश्लेषण करने की अनुमति देता है, जिससे अधिकारी एक जागरूक नीतिगत निर्णय ले सकते हैं। डेटा-संचालित गवर्नेंस में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में ‘विकसित भारत स्ट्रेटजी रूम’ को 7 मार्च, 2024 को लॉन्च किया गया था। 27 इंटरैक्टिव स्क्रीनों और इसके केंद्र में स्थित टचस्क्रीनों के माध्यम से चलने वाला यह सेंटर राज्यों, क्षेत्रों और सरकारी कार्यक्रमों के आंकड़ों का पता लगाने के लिए एक डायनामिक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।11 जुलाई, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था इस केंद्र का दौरामशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग करके डेवलप किया गया इसका एआई-संचालित सॉफ्टवेयर नीति निर्माताओं को जटिल डेटा का कुशलतापूर्वक विश्लेषण करने में मदद करता है। 11 जुलाई, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस केंद्र का दौरा किया था, जो विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका को दिखाता है।भारत में कई तरह के एसआई संचालित सेंटर खुल रहे हैंवीबीएसआर की सफलता से प्रेरित होकर पूरे भारत में कई तरह के एसआई संचालित सेंटर खुल रहे हैं। बिहार में बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बीआईपीएआरडी) ने जेननेक्स्ट लैब की स्थापना की है, जो बेहतर प्रशासन के लिए रियल टाइम डेटा संग्रह और परिभाषित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।इसके अलावा, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) फ्यूचर्स लीडर्स को रियल टाइम डेटा विश्लेषण और इंटरैक्टिव निर्णय लेने वाले उपकरणों से लैस करने के लिए एक एआई स्ट्रैटजी रूम बना रही है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) के तहत अब तक 90.60 लाख मकान झुग्गीवासियों को दिए जा चुके हैं। यह जानकारी केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने संसद में दी। उन्होंने बताया कि देशभर में 6.54 करोड़ लोग 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक झुग्गियों में रहते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 118.64 लाख मकानों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 112.46 लाख मकानों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। अब तक 90.60 लाख मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है और लाभार्थियों को सौंप दिए गए हैं। सरकार ने योजना की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी है, ताकि पहले से स्वीकृत मकानों का निर्माण पूरा किया जा सके। हालांकि, फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है।PMAY-U के तहत मकान चार तरीकों से बनाए जाते हैं-लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत मकान निर्माण (BLC), सस्ती आवासीय साझेदारी (AHP), झुग्गी पुनर्विकास (ISSR) और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS)। हर राज्य में निर्माण का समय अलग होता है, हालांकि आमतौर पर 12 से 36 महीने लगते हैं।गौरतलब है कि सरकार ने 1 सितंबर 2024 से PMAY-U 2.0 ‘सभी के लिए आवास’ मिशन शुरू किया है, जिसके तहत 1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों को मकान देने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना के लिए समझौता किया है, और 6.77 लाख नए मकानों को मंजूरी दी गई है। सरकार का उद्देश्य सभी जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना और झुग्गीवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है।