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- टीवी की अनुपमा उर्फ एक्ट्रेस रूपाली गांगुली इन दिनों काफी परेशान हैं। एक वर्किंग मॉम की तरह रूपाली गांगुली मदर गिल्ट से जूझ रही हैं। रूपाली गांगुली ने कहा, "एक वर्किंग मदर की तरह मैं भी घंटों काम में बिजी रहती हूं। शूटिंग, ट्रैवलिंग और काम के बीच मैं अपने परिवार और फैमिली फंक्शन का हिस्सा नहीं बन पाती हूं। परिवार के साथ समय न बिता पाना इतना ज्यादा परेशान नहीं करता है, जितना अपने बेटे को वक्त न दे पाना। मैं अपने काम से काफी खुश हूं, लेकिन कई बार बिजी शेड्यूल के बीच बेटे से बात न कर पाना, उसके साथ गप्पे न मारना और खेलते वक्त उसे न देख पाना मुझको परेशान कर देता है।"रूपाली गांगुली की तरह कई वर्किंग मॉम इस गिल्ट से जूझती हैं।महिलाओं को कब होता है मदर गिल्टएक्सपर्ट का कहना है कि मां बनने के बाद महिलाओं को होने वाले मदर गिल्ट के कई कारण हो सकते हैं।लंबे ब्रेक के बाद बच्चे को छोड़कर नौकरी ज्वाइन करना, ऑफिस का गुस्सा बच्चे पर निकलना और चिल्लाना , बच्चे पर हाथ उठाना, उसे बात-बात पर डांटना, बच्चे को ज्यादा वक्त न दे पाना, वक्त देते हुए उसके साथ क्वालिटी टाइम न बीता,एक साथ सब कुछ हैं डल न कर पाने पर, ब्रेस्टफीडिंग न करा पाने पर भी महिलाओं में मदर गिल्ट की भावना आती है।मॉम गिल्ट से कैसे निपटें वर्किंग महिलाएं-अगर आप वर्किंग हैं और बच्चे को पूरा समय नहीं दे पा रही हैं तो एक बात दिमाग में बिठा लीजिएं परफेक्ट मां जैसे कोई टैग रियल लाइफ में नहीं है।-आपको परिवार के किसी सदस्य या हसबैंड के हेल्प की जरूरत है तो निसंकोच मांगिए। एक्सपर्ट की मानें तो जो महिलाज्यादा सोचती हैं और लोगों से हेल्प नहीं लेती हैं, वो बच्चे को लेकर ज्यादा परेशान रहती हैं।-नेगेटिव लोगों से दूरी बनाएं। जो अपने बच्चे को न पालने, बच्चे से घंटों दूर रहने के लिए कोसते रहते हैं, उन्हें जवाब दें कि ये आपकी च्वाइस है।-सप्ताह में एक दिन समय निकालकर पूरा दिन बच्चे के साथ बिताएं। उसके साथ खाना खाएं, उसे घुमाने ले जाएं और उसके दोस्तों के बारे में जानने के लिए कोशिश करें।ëध्यान रखिए कि आप ऑफिस में या काम में घंटों बीता रही हैं, तो आप घर पर रहने वाली महिलाओं की तरह अपने बच्चे का ध्यान नहीं रख सकती हैं, इस स्थिति को स्वीकार कीजिए और दूसरों से तुलना मत कीजिए।ëजब कोई रास्ता न नजर आए तो लंबी गहरी सांस लें। थोड़ी देर अकेले रहें और फिर से शुरुआत करने की कोशिश करें। आप चाहें तो इसके लिए योग का सहारा ले सकती हैं।
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-सीमा उपाध्याय
होली का त्योहार आने वाला है, जिसमें लोग एक-दूसरे के घर बधाई देने जाते हैं। ऐसे में लोग अपने घर में ढेर सारी नमकीन और स्वादिष्ट मिठाईयां बनाते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा खास बनाना चाहती हैं, जो स्वादिष्ट भी हो और खाने में काफी हल्का हो, तो पोहा नमकीन सबसे बेहतरीन विकल्प है। पोहे से बनी ये खट्टी-मीठी नमकीन बनाना काफी आसान है। इसमें पोहे के साथ-साथ मसाले, ड्राय फ्रूट्स, मखाना, सेव, नमक और चीनी डाली जाती है।
ये खाने में इतनी स्वादिष्ट लगती है, कि अगर आप इसे अपने मेहमानों को परोसेंगी, तो वो भी आपके इसकी रेसिपी मांगेगे। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें नारियल भी डाल सकते हैं। इसमें तीखा और मीठा आप अपने स्वाद के हिसाब से मिला सकते हैं। तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए आपको घर पर पोहे की ये खट्टी मीठी नमकीन बनाने का तरीका बताते हैं, ताकि आपके घर में भी स्वादिष्ट नमकीन रखी रहे।
नमकीन बनाने का सामान--
2 कप पतला पोहा
1/4 कप मूंगफली
1/4 कप काजू
1 चम्मच पिसी हुई चीनी
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर
नमक स्वाद अनुसार
1/4 कप भुनी हुई चना दाल
10-15 करी पत्ता
2 बड़े चम्मच तेल
विधि--
सबसे पहले एक बड़ी कढ़ाही में हल्का ता तेल डालकर उसे गर्म करें। इसके बाद जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें पोहा डालें। इस पोहे को आपको कुरकुरा होने तक भूनना है। ध्यान रखें कि गैस एकदम हल्की हो, अगर गैस तेज होगी तो पोहे जल सकते हैं। जब पोहा भुन जाए तो तो इसे एक प्लेट में निकाल कर रख लें।
अब दोबारा से इसी कढ़ाही में दो बड़े चम्मच तेल डालें। जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें मूंगफली डालकर भून लें। मूंगफली भूनने के बाद इसे निकाल कर इसी कढ़ाई में काजू डालकर भूनें। इसे भुन जाने के बाद आप कढ़ाई में 1/4 कप भुनी हुई चना दाल, 10-15 करी पत्ते डालें।
जब ये सही तरह से भुन जाएं तो इसी कढ़ाही में हल्दी और पिसी चीनी डालें। सबसे आखिर में इसमें पोहा, मूंगफली और काजू डालें। अब इसमें स्वादानुसार नमक डालें और धीरे-धीरे इसे मिक्स करें। बस ये नमकीन तैयार है। इसे आप एक एयरटाइट बॉक्स में बंद करके रख सकती हैं। -
-संध्या शर्मा
गर्मी के दिनों में सेहत का ख्याल रखना जरूरी है। केसरिया दूध का सेवन करेंगे तो आपका पेट ठंडा रहेगा और शरीर पूरी तरह से हाइड्रेडेट रहेगा। इसे बनाना भी काफी आसान है। तो चलिए आपको इसे बनाने का तरीका बताते हैं।
केसरिया दूध बनाने का सामान
1 लीटर दूध
10-12 केसर के धागे
चीनी
बादाम
पिस्ता
काजू
विधि
केसरिया दूध बनाना काफी आसान है। इसके लिए सबसे पहले एक पैन में दूध गर्म करें। इस दूध को अभी खौलाना नहीं है। जब दूध हल्का गर्म हो जाए तो इसमें भिगो कर रखे हुए केसर के धागे डालें।
अब चीनी डालें और अच्छे से मिलाएं। इसके बाद इस दूध को धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकाएं। इसे पकाते वक्त लगातार चलाते रहें, ताकि ये नीचे से लगे नहीं। चीनी डालने के बाद दूध अक्सर नीचे लग जाता है।
जब दूध थोड़ा गाढ़ा हो जाए और इसमें अच्छे से केसर का रंग चढ़ जाए तो गैस बंद कर दें। अब दूध के ऊपर बारीक कटे हुए बादाम, पिस्ता और काजू डालें।
बस ये केसरिया दूध तैयार है। आप चाहें तो इसे गर्मागर्म ही पी सकते हैं। अगर चाहें तो रात में बनाकर इसे फ्रिज में रख दें और सुबह सहरी में ठंडा ही इसका सेवन भी आप कर सकते हैं। -
-संध्या शर्मा
व्रत रखने का सोच रहे हैं, तो व्रत में खाने के लिए आलू के पापड़ आप पहले से ही तैयार करके रख सकते हैं। ये फलाहारी पापड़ व्रतों में भी काम आएंगे।
आलू के पापड़ बनाने का सामान--
एक किलो उबले हुए आलू
सेंधा नमक स्वाद के अनुसार
1/2 छोटी स्पून काली मिर्च
1/2 छोटी स्पून जीरा
विधि--
व्रत वाले आलू के पापड़ बनाना बेहद आसान होता है। इसके लिए बस सबसे पहले एक बड़े बाउल में उबले हुए आलू को मैश करें।
इसके बाद इसमें सेंधा नमक, काली मिर्च, और जीरा डालें। सभी सामग्री को अच्छे से मिलाएं। इसे आपको आटे की तरह ही गूंथ लेना है। जब ये सही तरह से गुंथ जाए तो इससे छोटी-छोटी लोई बना लें। इन लोईयों को पापड़ की मशीन में रखकर इससे महीन इसे अब दो दिन की तेज धूप लगने दें। दो से तीन दिन तेज धूप लगने के बाद ये सूख जाएंगे। अब इसे आप महाशिवरात्रि के दिन घी में भूनकर इसका स्वाद ले सकते हैं। -
-सीमा उपाध्याय से जानिए रेसिपी
होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें हर कोई एक ही रंग में रंग जाता है। होली खेलने के बाद लोग एक-दूसरे के घर बधाई देने जाते हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में तरह-तरह के पकवान तैयार करके रखते हैं। इन पकवानों में गुजिया, नमकीन, सेव, मठरी आदि चीजें शामिल होती हैं। इन सभी चीजों के अलावा होली पर चिप्स पापड़ बनाने की प्रथा भी है। हर घर में होली से पहले लोग तमाम तरह के चिप्स और पापड़ तैयार करते हैं।
अगर आप भी पापड़ बनाने का सोच रहे हैं, तो साबूदाना के पापड़ एक बेहतर विकल्प है। साबूदाना का पापड़ बनाना बेहद आसान है और इसे आप एक बार बनाकर लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं। इसकी सबसे खास बात ये है कि इनका सेवन आप व्रत-उपवास में भी कर सकते हैं। तो चलिए देर ना करते हुए आपको साबूदाना का पापड़ बनाने की आसान रेसिपी बताते हैं।
साबूदाना के पापड़ बनाने के लिए सामान--
साबूदाना - 1 कप
जीरा
सेंधा नमक - स्वादानुसार
विधि--
वैसे तो साबूदाना के पापड़ बनाना बेहद ही आसान है, लेकिन इसे बनाने की विधि सही तरह से पूरी करना बेहद जरूरी है। साबूदाना के पापड़ बनाने से पहले कई बार साबूदाना को अच्छी तरह से धो जरूर लें।
साबूदाना धोने के बाद एक बड़े कटोरे में साबूदाना से तीन गुना पानी डालकर इसे भिगो कर रख दें। दो से तीन घंटे के बाद जब ये सही तरह से फूल जाए तो एक बड़े भगोने में पानी लेकर उसे उबालना शुरू करें। जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें भिगो कर रखा गया साबूदाना डालकर पकाएं।
इसके बाद इसमें नमक और जीरा भी डालकर इसे मिक्स करें। ध्यान रखें कि इसे लगातार चलाते रहेंगे, तभी ये सही से पकेगा। अगर इसे चलाएंगे नहीं तो ये नीचे चिपक सकता है। जब ये घोल एकदम सफेद हो जाए तो गैस बंद कर दें। -
-संध्या शर्मा
मलाई या दूध की क्रीम, ज्यादातर घरों में स्टोर की जाती है। इसका इस्तेमाल किचन से लेकर स्किन तक में किया जाता है। इसे कई दिनों तक के लिए स्टोर किया जा सकता है। हालांकि, अगर इसे सही तरह से स्टोर ना किया जाए तो मलाई से बदबू आने लगती है और इसमें फंगस लगकर ये खराब भी हो सकती है। ऐसे में यहां कुछ तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप मलाई को स्टोर कर सकती हैं। ऐसा करने पर मलाई लंबे समय तक सही बनी रहेगी।
-देखिए, मलाई स्टोर करने का तरीका-
ठंडी जगह पर करें स्टोर
मलाई को हमेशा किसी ठंडी जगह पर स्टोर करना चाहिए। अगर आप मलाई को ज्यादा गर्म जगह पर रख देंगे तो ये जल्दी खट्टी होने लगती है और इसके खराब होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।
सही बर्तन में करें स्टोर
मलाई को सही बर्तन में स्टोर करना चाहिए। आप इसे मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तन में स्टोर कर सकते हैं। ऐसा करने पर मलाई से खराब नहीं होगी। मिट्टी के बर्तन में मलाई रखने से मलाई ठंडी रहती है, बस ध्यान रखें की ये बर्तन अच्छी तरह से साफ किया हुआ हो।
एयर टाइट डिब्बे में रखना है सही
मलाई को आप एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें और फिर फ्रिजर में ढक्कन बंद करके रख दें। ऐसा करने पर मलाई जमी रहेगी और खराब नहीं होगी।
बार-बार ना निकालें बाहर
हर दिन मलाई को बाहर न निकालें। अगर मलाई का इस्तेमाल करना है तो किसी साफ और सूखे चम्मच का ही इस्तेमाल करें।
यूं नहीं होगी खराब
दादी-नानी का मानना है कि समय-समय पर मलाई में दूध और मलाई डालते रहना अच्छा होता है। इसके अलावा चम्मच से मलाई को मिक्स करते रहें ताकि ये खराब न हो। -
-सीमा उपाध्याय
मलाई कोफ्ता एक काफी रिच डिश है। इसे आपने कई बार खाया होगा लेकिन आप चाहें तो घर में भी रेस्तरां जैसा मलाई कोफ्ता बना सकते हैं। घर की पार्टीज के लिए ये परफेक्ट डिश हो सकती है। इसे बनाने के लिए कोफ्ते तैयार किए जाते हैं। इसकी ग्रेवी भी खास तौर पर टमाटर और कुछ मसालों की मदद से तैयार की जाती है। कई बार घर पर बने कोफ्ते काफी टाइट बन जाते हैं जिनका स्वाद बेकार लगता है। यहां बता रहे हैं सॉफ्ट मलाई कोफ्ता बनाने के ट्रिक्स। साथ ही जानिए मलाईदार ग्रेवी बनाने का तरीका।
सही तरह से करें मैश
मलाई कोफ्ता बनाने के लिए पनीर और आलू की जरूरत होती है। इसके लिए दोनों चीजों को कद्दूकस करें और फिर इसे मैश कर लें। अच्छे से मैश करने के इसे हाथों से चिकना होने तक मसलें। सॉफ्ट कोफ्ते बनाने के लिए इस स्टेप को जरूर फॉलो करें।
मिलाएं ये एक चीज
अच्छे और सॉफ्ट कोफ्ते बनाने के लिए आपको इसमें कॉर्न फ्लोर या फिर मैदा जरूर मिलानी चाहिए। इससे कोफ्ते में कोई फ्लेवर तो नहीं आएगा, लेकिन ये काफी मलाईदार बनेंगे।
इलायची से बढ़ाएं ग्रेवी
मलाई कोफ्ते की ग्रेवी काफी मलाईदार होती है। इसके के लिए मसाला अच्छी तरह भूनें और मसाले में बड़ी इलायची जरूर डालें। इससे ग्रेवी काफी फ्लेवरफुल बनती है। -
-संध्या शर्मा
काली मिर्च को भले ही देश के अलग-अलग प्रांत में लोग अलग-अलग नाम से जानते हैं, पर इसके स्वाद से हर कोई वाकिफ है। काली मिर्च अद्भुत स्वाद और सुगंध से भरपूर मसाला है, जिसका इस्तेमाल भारतीय खानपान में तरह-तरह से किया जाता है। इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पाइपरीन जो इसे उच्च गुणवत्ता वाला बनाता है। इसके साथ ही छोटी सी मिर्च विभिन्न पोषक तत्वों जैसे विटामिन-सी, विटामिन-के, मैग्नीशियम और पोटैशियम आदि का एक अच्छा स्रोत भी है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन-सी के कारण यह शरीर को संजीवनी शक्तियां प्रदान करता है, जिससे रोग प्रतिरोधक में मदद मिलती है ।
काली मिर्च का कमाल
मैं अपने भोजन में काली मिर्च को कई तरीके से शामिल करती हूं, मसलन ग्रेवी वाली सब्जी या सूखी सब्जी में, पाउडर के रूप में या क्रश करके, सूखे मसाले पाउडर में पीसकर, कुछ ताजी क्रश करके दाल में और पुलाव, खिचड़ी ,बिरयानी आदि में साबुत ही। टमाटर-प्याज की चटनी में काली मिर्च को डालने से अच्छा स्वाद मिलता है। इसके अलावा रायते, सलाद आदि में काले नमक के साथ काली मिर्च पाउडर भी ऊपर से बुरकें। सूप में इसे क्रश करके डालें, वहीं पुलाव, खिचड़ी, बिरयानी आदि में साबुत काली मिर्च का इस्तेमाल करें। उपरोक्त खाद्य पदार्थों के अलावा सभी सूखे मसालों जैसे गरम मसाला, चाट मसाला, बिरयानी मसाला, पानी पुरी मसाला, परांठा मसाला, अचार मसाला आदि में भी मैं काली मिर्च डालती हूं। इसके अलावा चाय मसाले की तो जान ही काली मिर्च पाउडर है । कैसे काली मिर्च को बनाएं अपने भोजन का हिस्सा, आइए जानें:
• तड़के में उपयोग : भोजन बनाते समय तड़के में काली मिर्च का उपयोग करने से स्वाद में ताजगी और चटपटाहट आती है। तड़का लगाते समय तेल या घी हल्का गर्म होने पर उसमें काली मिर्च डालें। हल्का भुन जाने पर तड़का लगाएं। डिश का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• सब्जी में शामिल करें ऐसे: सूखी सब्जी बनाते समय सब्जी भूनते समय काली मिर्च को कूटकर या पीसकर ताजा ही डालें। पर गोभी स्ट्यू आदि में तड़का लगाते समय काली मिर्च डालें। इससे सब्जी में स्वाद अधिक आता है।
• ग्रेवी में उपयोग: ग्रेवी बनाते समय अन्य मसाले के साथ काली मिर्च को भी पीसकर मसाले के साथ भूनें। ग्रेवी का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• दाल में कमाल: धुली मूंग दाल या धुली उड़द दाल में तड़का लगाते समय हींग और जीरे के साथ काली मिर्च को भी क्रश करके डालें। इससे दाल का स्वाद बहुत अच्छा हो जाएगा।
काली मिर्च के प्रकार
आपको शायद पता न हो लेकिन काली और सफेद मिर्च वास्तव में एक ही पौधे से आती है। बस उनकी कटाई और आगे की प्रक्रिया पर उसका रंग निर्भर करता है। यदि आप ध्यान से देखेंगी तो सफेद मिर्च के दाने चिकने और छोटे होते हैं, जबकि काली मिर्च के दाने बाहर से झुर्रीदार होते हैं । सफेद मिर्च का उपयोग मैं ठंडाई पाउडर बनाते समय, दही के शोले, पास्ता ,स्टर फ्राई,क्रीम सॉस आदि बनाते समय करती हूं।
ऐसे करें स्टोर
1) पिसी हुई काली मिर्च के बजाय साबुत काली मिर्च खरीदना हमेशा बेहतर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक बार पीसने के बाद काली मिर्च जल्दी ही अपना स्वाद और सुगंध खो देती है।
2) साबुत काली मिर्च पिसी हुई काली मिर्च की तुलना में अधिक समय तक टिकती है। इनको ठंडी और अंधेरी जगह पर ही रखना चाहिए। इसके अलावा यदि काली मिर्च पाउडर बनाया है तो एयर टाइट डिब्बे में फ्रिज में रखें । इसका स्वाद और सुगंध बरकरार रहेगा।
3) एक साल के भीतर काली मिर्च का उपयोग कर लेना चाहिए और पिसी हुई मिर्च का कुछ महीनों के भीतर, तभी इसका स्वाद बेहतर मिलेगा।
सेहत का रखवाला
1) काली मिर्च पाउडर को हल्दी पाउडर के साथ उबालकर दूध पीने से सर्दी जुकाम में राहत मिलती है।
2) काढ़ा बनाते समय भी इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक होती है।
3) काली मिर्च पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करती है और पेट व आंतों को साफ करती है। -
-सीमा उपाध्याय
इंडियन खाने में साइड डिश में काफी सारी चीजें होती है। जिसमे से एक पापड़ भी शामिल है। अक्सर लोग इसे केवल टेस्ट के लिए जरूरी डिश मानते हैं। लेकिन चटनी की तरह ही खास तरह का पापड़ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। जिसमे से एक है मूंग का पापड़। जिसे खाना केवल टेस्ट ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है। लगभग पूरे देश में वैराइटी के पापड़ बनते हैं जो हर फेस्टिवल पर खाए जाते हैं। तो अगर आप अभी तक केवल स्वाद के लिए पापड़ खाते थे तो अब जान लें इनके गजब के फायदे।
आयुर्वेद में भी बताया गया है पापड़ों को फायदेमंद
आयुर्वेद में भी मूंग के पापड़ को स्वादिष्ट और सेहत के लिए हेल्दी माना गया है। इसे खाने से कई तरह के विकारों में आराम मिलता है। कभी आपने सोचा है कि खाने के बाद ही क्यों पापड़ खाया जाता है।
भूख खोलता है पापड़
पापड़ को अगर खाना खाने के पहले खाया जाए तो ये एपेटाइजर का काम करता है। खासतौर पर जब फीवर होता है तो भुने मूंग के पापड़ खाने से भूख खुलती है।
डाइजेशन में मदद
पापड़ को अगर खाना खाने के बाद खाया जाए तो ये मुंह और गले में मौजूद एक्स्ट्रा फैट को घटाता है। इसके अलावा मूंग के पापड़ को बनाने में काली मिर्च, अजवाइन और थोड़ा सा नमक डाला जाता है। जिससे ये पापड़ भोजन को पचाने में मदद करता है। जब भी हैवी और स्पाइसी मील खाया जाता है तो पारंपरिक खाने में साथ में मूंग के पापड़ रखे जाते हैं। जिससे वो एक्स्ट्रा तेल और मसालों को आसानी से पचाने में मदद करे।
कब ना खाएं पापड़
-पापड़ में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए पापड़ को हाइपटेंशन के मरीजों को बहुत कम खाना चाहिए।
-पापड़ की बहुत ही सीमित मात्रा खाना ही फायदेमंद होता है। अगर इसे स्वाद के लिए ज्यादा खाया जाए तो इससे एसिडिटी बनने का खतरा रहता है।
-पापड़ों को भूनकर खाना ज्यादा फायदेमंद है। तेल में तलने से इनके गुण कम हो जाते हैं। -
-संध्या शर्मा
केसर ना सिर्फ सुगंधित बल्कि एक नाजुक मसाला भी है। इसका इस्तेमाल कुकिंग के साथ-साथ खूबसूरती निखारने के लिए भी होता है। सुगंध व स्वाद के चलते लोग इस मसाले को महंगा होने के बावजूद इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं, केसर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स आदि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। केसर का इस्तेमाल मीठी और नमकीन डिशेज के अलावा बेकरी आइटम में और विभिन्न सामग्री को मैरिनेट करने में भी किया जाता है। केसर का सही तरीके से कैसे करें इस्तेमाल, आइए जानें:
भिगोकर केसर का इस्तेमाल करें
केसर को इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका है इसे थोड़े से गुनगुने पानी में या दूध में लगभग आधा घंटा या इससे कम समय के लिए भिगो दें। फिर मिलाकर या यूं ही इस्तेमाल करें। भोजन पकाते समय यूं ही केसर डालने से गर्माहट के कारण केसर का स्वाद खत्म हो जाएगा।
पाउडर के रूप में
जब कोई पार्टी देने की तैयारी कर रही हों,तो तवे को हल्का गर्म कर लें। गैस ऑफ करें और उस पर केसर के धागे डाल दें ताकि वे थोड़े से कुरकुरे हो जाएं। ध्यान रखें कि तवा बहुत हल्का गर्म होना चाहिए। अब मिक्सी के सबसे छोटे जार में आधा छोटा चम्मच चीनी के साथ केसर को पीसकर पाउडर बना लें। यदि नमकीन डिश में केसर डालना हो तो चीनी की जगह नमक डालकर पाउडर बनाएं। इसका इस्तेमाल तुरंत करें या किसी एयर टाइट डिब्बी में रखें और एक या दो दिन बाद प्रयोग करें। इस्तेमाल के लिए दो बड़े चम्मच गुनगुने पानी में तैयार केसर पाउडर डालकर मिलाएं और इस्तेमाल करें। बिरयानी आदि के लिए यह तरीका अच्छा रहता है।
ध्यान देने वाली बातें
• केसर का इस्तेमाल करते समय हाथों को अच्छी तरह से पोंछ लें। नमी वाले हाथों से छूने पर इसके रेशे आपस में चिपक सकते हैं और स्वाद भी कम हो सकता है ।
• केसर के धागों को अपनी उंगलियों के पोरों से धीरे-धीरे तोड़ें ताकि उनका रंग और सुगंध बरकरार रहे ।
• केसर को सदैव नाप कर ही प्रयोग में लाएं क्योंकि केसर अत्यधिक गाढ़ा होता है ।
• अपनी डिशेज में केसर को भिगोकर इस्तेमाल करते समय विशेष रूप से खीर, रबड़ी आदि बनाते समय केसर को दो चम्मच गुलाब जल में भिगो दें। इससे अलग ही स्वाद आता है।
• केसर को एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें ताकि वह सीधी धूप व नमी से दूर रह सके। इससे लंबे समय तक केसर का रंग, स्वाद व ताजगी बनी रहती है।
• केसर का इस्तेमाल प्रति व्यक्ति चार पांच धागे से ज्यादा नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इसका अधिक सेवन नुकसान कर सकता है। -
-सीमा उपाध्याय
गर्मागर्म और मुलायम रोटी को सब्जी के साथ खाने का अलग ही मजा आता है। लेकिन अगर सब्जी के साथ रोटी सही ना बने तो खाने का मजा नहीं आता। कई लोगों की शिकायत रहती है कि उनके द्वारा बनाई गई रोटी बनने के बाद काफी कड़क हो जाती है। ऐसा गलत तरीके से आटा गूंथने की वजह से हो सकता है। यहां कुछ ऐसी ट्रिक्स बता रहे हैं जिनको अपनाकर आप मुलायम रोटी तैयार कर सकती हैं।
मुलायम रोटी बनाने के लिए अपनाएं ये ट्रिक्स-
सही तरह से गूंथे आटा
मुलायम रोटी बनाने के लिए सही तरह से आटा गूंथना बहुत जरूरी है। अगर आटा सही नहीं होगा, तो रोटी सही नहीं बनेगी। सॉफ्ट रोटी बनाने के लिए आटे में थोड़ी सी मलाई या दूध मिला लें। इससे रोटी-पराठे काफी सॉफ्ट बनते हैं।
नरम आटा लगाएं
सही कंसिस्टेंसी में आटा लगाना बहुत जरूरी है। अगर आपने आटा टाइट गूंथ लिया तो रोटी भी बनाना मुश्किल होगा। वहीं आटा गीला होने पर रोटी टूटती रहेगी। इसलिए आटे में जरूरत के मुताबिक पानी मिलाएं।
आटे पर लगाएं घी
आटे जब पूरी तरह से लग जाए तो उसके बाद इसमें घी लगाएं। घी लगाने के बाद आटे को अच्छी तरह से मसलें। इससे रोटी आसानी से बनेगी।
सही तरह से बेलें रोटी
गूंथे हुए आटे में से छोटा सा हिस्सा लें और लोई बना लें। परफेक्ट लोई बनाने के लिए हथेली से मसलें और गोला बना लें। फिर इसे बेल लें। ध्यान रखें रोटी को बेलते समय उसे साइड्स से बेलें। बीच में से ज्यादा पतली रोटी ना बनाएं इससे रोटी सही नहीं बनेगी। - -सीमा उपाध्यायबदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। इस मौसम में व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। यही वजह है कि बदलते मौसम के साथ व्यक्ति को अपने खान-पान में भी जरूरी बदलाव करने की सलाद दी जाती है। ताकि शरीर का इम्यून सिस्टम मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार बने रहे। ऐसे ही बदलाव में गोल्डन मिल्क का भी नाम शामिल है। आमतौर पर हल्दी वाला दूध बनाने के लिए लोग दूध में हल्दी डालकर उसे उबाल लेते हैं। लेकिन क्या ये गोल्डन मिल्क बनाने का सही तरीका है?आइए जानते हैं गोल्डन मिल्क बनाने का क्या है सही तरीका और सेहत के लिए उसके गजब के फायदे।हल्दी वाला दूध बनाने का सही तरीका-हल्दी वाला दूध बनाने के लिए सबसे पहले धीमी आंच पर एक पैन रखकर उसमें एक चम्मच घी, 1/4 चम्मच हल्दी और चुटकी भर काली मिर्च डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह मिलाते हुए चलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि इन सभी चीजों को ज्यादा ना पकाएं। अब इसे पहले से उबले हुए दूध में मिला दें।हल्दी को पहले से उबाले हुए दूध में मिलाकर पीना सेहत को फायदा देता है। दरअसल, हल्दी मिलाकर दूध को उबालने से हल्दी में मौजूद कुछ पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। बता दें, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (हल्दी को पीला रंग देने वाला शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और सूजन रोधी गुणों से भरपूर) को उबालने से उसके गुण नष्ट हो जाते हैं।जबकि हल्दी को दूध और काली मिर्च के साथ मिलाने से इसके अवशोषण को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अलावा,हल्दी का सेवन कच्चा या अधिक मात्रा में भी करने से बचना चाहिए। इसमें मौजूद एंटी पोषक तत्व शरीर में आयरन के अवशोषण को रोकते हैं।हल्दी दूध पीने के फायदे-गोल्डन मिल्क त्वचा को निखारने के साथ नींद ना आने की समस्या को भी दूर करने में मदद कर सकता है। यह व्यक्ति के दिमाग को शांत रखने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं, यह दूध सर्दी-खांसी में भी बहुत लाभकारी है। यह गले की जकड़न और खांसी को दूर करता है। कोल्ड कफ में इसका सेवन जरूर करें।
- -संध्या शर्मा से जानिए रेसिपीयह किचन टिप्स विंटर स्पेशल चटनी छोले बनाने के लिए हैं, जो गरमा-गरम समोसे या कचौड़ी के साथ सर्दियों में खाने में बेहद स्वादिष्ट लगते हैं। तो आइए बिना देर किए जान लेते हैं चटनी छोले बनाने के लिए आपको फॉलो करने होंगे क्या टिप्स।चटनी छोले बनाने के लिए जरूरी चीजें--250 ग्राम रात भर भोगोकर रखे छोले-2 कप पानी-1 चम्मच नमक-2 तेजपत्ता-एक चुटकी बेकिंग सोडा-2 काली मोटी इलायची-धनिया-पुदीना-3 से 4 हरी मिर्च-1 इंच का टुकड़ा अदरक-2 कटे हुए प्याज-एक बड़ा चम्मच इमली का पेस्ट-1 चम्मच धनिया पाउडर-2 चम्मच छोले मसाला-पालक की पत्तियां- 5 बड़े चम्मच सरसों का तेल- 4-5 उबले हुए आलू-पनीर-एक चुटकी हींग- एक चम्मच जीरा-एक चम्मच लाल मिर्चचटनी छोले बनाने का तरीका-चटनी छोले बनाने के लिए सबसे पहले एक कुकर में छोले डालकर उसमें दो कप पानी, नमक,तेज पत्ता,बेकिंग सोडा,मोटी इलायची डालकर कुकर का ढक्कन बंद करके छोले उबलने के लिए रख दें। अब छोले की चटनी तैयार करने के लिए एक मिक्सी में एक कप पानी,हरी मिर्च,अदरक,प्याज,धनिया,पुदीना और पालक की पत्तियां डालकर उसका पेस्ट तैयार कर लें। इसके बाद एक कढ़ाही में सरसों के तेल गर्म करके गैस बंद कर दें। ताकि तेल ठंडा हो जाए। इसके बाद तेल जब मीडियम हॉट हो जाए तो उसमें उबले हुए आलू, 5 हरी मिर्च और पनीर को फ्राई करके निकाल लें। पनीर को फ्राई करते ही पानी में डाल दें। इसके बाद कढ़ाही में जो तेल हैं उसी में थोड़ी सी हींग, एक चम्मच जीरा, हरी चटनी डालकर तब तक भूनें, जब तक इसमें से कच्चे प्याज की स्मेल खत्म ना हो जाए। इसके बाद इसमें एक चम्मच लाल मिर्च, 1 चम्मच धनिया पाउडर, 2 चम्मच छोले मसाला डालकर अच्छी तरह भून लें। जब मसालों से खुशबू आने लगे तो इसमें उबले हुए छोले डालकर 10 मिनट और पकाएं। इन्हीं छोलों में से थोड़े से छोले एक कटोरी में निकालकर उन्हें मेश करने के बाद दोबारा ग्रेवी में मिला दें। ताकि छोलों की ग्रेवी थोड़ी गाढ़ी हो जाएं। इसके बाद इसमें एक बड़ा चम्मच इमली का पेस्ट, तली हुई हरी मिर्च, तले हुए आलू और पनीर डालकर 5 मिनट और पकाकर गैस बंद कर दें। आपके चटनी छोले बनकर तैयार हैं।
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-संध्या शर्मा
आजकल लोग रोजमर्रा के खाने में पैकेट वाले मसालों का इस्तेमाल करते हैं। मार्केट में कई तरह के मसाले आसानी से मिल जाते हैं। खासतौर पर सब्जी बनाने के लिए कई तरह के सब्जी मसाले मिलते हैं। जिसे लगभग हर घर में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप अपने सब्जी को नया स्वाद देना चाहती हैं तो घर में खास टिप्स की मदद से स्पेशल सब्जी मसाला बनाकर तैयार कर सकती हैं। बिल्कुल ऑर्गेनिक और बिना हार्मफुल केमिकल के तैयार सब्जी मसाला किसी भी सब्जी में डाला जा सकता है। जानें बनाने का तरीका।
सब्जी मसाला बनाने की कुकिंग टिप्स
दो से तीन चम्मच धनिया के बीज
दो चम्मच सौंफ
दो चम्मच जीरा
दो चम्मच सफेद तिल
डेढ़ कप मूंगफली
दो चम्मच चने की दाल
दो चम्मच उड़द की दाल
पांच सूखी लाल मिर्च
8-10 कली लहसुन
करी पत्ता ताजा
दो चम्मच सूखा नारियल का पाउडर
नमक स्वादानुसार
एक चम्मच हल्दी पाउडर
एक चम्मच अमचूर पाउडर
दो से तीन चम्मच तेल
दो चम्मच खसखस
सब्जी मसाला बनाने की ट्रिक
-मोटे तले की कड़ाही या पैन लें। इसमे धनिया, सौंफ, जीरा, सफेद तिल को ड्राई रोस्ट कर लें। फिर खसखस डालकर भूनें। गैस की फ्लेम को बंद कर दें।
-इन खड़े मसालों को किसी प्लेट में निकाल दें और फिर मूंगफली को ड्राई रोस्ट करके खड़े मसालों में मिला लें।
-दो चम्मच तेल डालें और चने की दाल को तेल में सुनहरा होने तक भूनें। साथ में उड़द दाल और सूखी साबुत लाल मिर्च डालकर तेल में ही फ्राई करें।
-जब दालें फ्राई हो जाए तो इसी में लहसुन और करीपत्ता मिक्स कर दें।
-अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद नारियल का सूखा पाउडर मिक्स कर दें।
-सारी चीजों को अच्छी तरह से भून कर गैस की फ्लेम बंद कर दें।
-अब ग्राइंडर जार में सबसे पहले ड्राई रोस्ट खड़े मसालों को अच्छी तरह से पीसकर पाउडर बना लें। जब ये पाउडर बन जाएं तो इसे अलग निकाल दें।
-अब तेल में तली दाले, लहसुन, मिर्चा और नारियल को पीस लें। जब ये पिस जाए तो सारे खड़े मसालों के पाउडर को मिलाकर एक बार फिर मिक्सी में ब्लेंड करें।
-नमक, हल्दी, अमचूर पाउडर डालकर सबसे आखिरी बार मिक्सी में ब्लेंड कर लें।
-बस इस मसाले को किसी एयर टाइट कांच के जार में भरकर रखें। और किसी भी सब्जी में मिलाकर खाने का स्वाद बढ़ाएं। -
-सीमा उपाध्याय से जानिए रेसिपी
सर्दियों के मौसम में कई ऐसे फल देखने को मिलते हैं, जो ना सिर्फ सेहत बल्कि आपके जायके का भी खास ख्याल रखते हैं। ऐसा ही एक फल अमरूद है। अमरूद में विटामिन सी, लायकोपीन, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और कई विटामिन-मिनरल्स पाए जाते हैं। जो वेट लॉस से लेकर आपके पाचन तंत्र तक का खास ख्याल रखते हैं। आप अगर हर विंटर सीजन में अमरूद को सिंपल काटकर खाते हैं तो इस बार उसे खाने के तरीके में थोड़ा बदलाव करें।
अमरूद पापड़ रोल बनाने के लिए जरूरी चीजें-
-3 अमरूद
-आधा कप पानी
-चीनी
-एक नींबू
-एक चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर
-एक चौथाई चम्मच लाल मिर्च
-एक चौथाई चम्मच काला नमक
-एक चौथाई चम्मच नमक
-फूड कलर
-मक्खन
-तेल
अमरूद पापड़ रोल बनाने का तरीका-
अमरूद पापड़ रोल बनाने के लिए सबसे पहले अमरूद को अच्छी तरह धोकर टुकड़ों में काटकर अलग रख दें। अब कुकर में आधा कप पानी के साथ कटे हुए अमरूद के टुकड़े डालकर दो सीटी लगाकर पका लें। कुकर में पकाएं हुए अमरूद को अब मिक्सी में डालकर उसका पतला पेस्ट तैयार कर लें। अब इस अमरूद की प्यूरी को छन्नी की मदद से छान लें, ताकि पेस्ट से अमरूद के बीज निकल जाएं। अब एक पैन को गैस पर रखकर उसमें अमरूद की प्यूरी के साथ उतनी ही मात्रा में चीनी डालकर थोड़ी देर पका लें। इसके बाद पैन में एक नींबू का रस डालकर प्यूरी को अच्छी तरह चला लें। इसके बाद पैन में एक चौथाई चम्मच काली मिर्च का पाउडर, एक चौथाई चम्मच लाल मिर्च, एक चौथाई चम्मच काला नमक, एक चौथाई चम्मच नमक, कुछ बूंदे फूड कलर डालकर प्यूरी को अच्छी तरह चलाते हुए पकाएं। जब अमरूद की प्यूरी अच्छी तरह पककर उबलने लगे तो इसमें मक्खन का टुकड़ा डालकर तब तक पकाएं जब तक प्यूरी पैन के किनारों को ना छोड़ने लगे। अब एक थाली पर तेल लगाकर उसे चिकना कर लें। अब इस चिकनी थाली पर प्यूरी डालकर फैलाते हुए अच्छी तरह ठंडा कर लें। जब अमरूद की प्यूरी ठंडी हो जाए तो इसे स्ट्रिप में चाकू की मदद से काट लें। इसके बाद कटी हुई प्यूरी को मोड़ते हुए उसका रोल बना लें। आपके टेस्टी अमरूद पापड़ रोल बनकर तैयार हैं। -
-सीमा उपाध्याय से जानिए रेसिपी
भोजन की थाली में चटनी की एक अलग जगह होती है। यही वजह है कि भारतीय रसोई में आपको चटनी की ढ़ेरों वैराइटीज देखने और खाने को मिल जाती है। यहां मौसम के अनुसार अलग-अलग तरह की चटनी का स्वाद लिया जाता है। गर्मियों में जहां लोगों को पुदीना,कच्चे आम की चटनी स्वादिष्ट लगती है वहीं सर्दियों में मूली, अमरूद जैसी चटनियां लोगों का जायका दुरुस्त करती हैं। लेकिन टमाटर की चटनी हर मौसम में आपके स्वाद और सेहत का ख्याल रखती है। भुने हुए टमाटर की इस चटनी की खासियत यह है कि इसे बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है। तो आइए बिना देर किए जान लेते हैं कैसे बनाई जाती है चटपटी टमाटर की चटनी।
टमाटर की चटनी बनाने के लिए सामग्री-
-2-3 बड़े टमाटर
-2-3 हरी मिर्च
-लहसुन की 4-5 कलियां
-1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
-नमक स्वाद अनुसार
-1 मीडियम कटा हुआ प्याज
- फ्रेश कटा हुआ धनिया
-1 बड़ा चम्मच नींबू का रस
-2 चम्मच सरसों का तेल
टमाटर की चटनी बनाने का तरीका-
टमाटर की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले टमाटर को दो हिस्सों में काट लें। इसके बाद एक पैन में सरसों का तेल गर्म करके उसमें टमाटर,लहसुन की कली और हरी मिर्च डालकर धीमी आंच पर भूनते हुए पकने दें। टमाटर को ढक्कन से ढककर दोनों तरफ से नरम होने तक पकाएं। इसके बाद टमाटर का छिलका हटा दें। पैन में थोड़ा सा तेल, लाल मिर्च पाउडर डालकर पकाएं। अब टमाटर,लहसुन,मिर्च को एक कटोरे में नमक के साथ डालें और दरदरा पीस लें। अब इसमें कटा हुआ प्याज,ताजा धनिया पत्ती,नींबू का रस डालें। सभी चीजों को एक साथ अच्छी तरह मिला लें। आपकी टेस्टी और चटपटी टमाटर की चटनी बनकर तैयार है। आप इस चटनी का मजा रोटी, पराठा, चावल या ब्रेड, हर किसी के साथ ले सकते हैं। -
-संध्या शर्मा
बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से बदलते मौसम का सबसे पहला असर उनकी सेहत पर पड़ता है। यही वजह है कि आजकल ठंड बढ़ने से ज्यादातर बच्चे सर्दी, खांसी और जुकाम से परेशान रहते हैं। अगर आपके घर पर भी ठंड की वजह से परिवार के किसी सदस्य को सर्दी-जुकाम या खांसी जैसी किसी समस्या से परेशान होना पड़ रहा है तो ये जिंजर गार्लिक सूप बनाने के किचन टिप्स आपके बेहद काम आ सकते हैं। जिंजर गार्लिक सूप ना सिर्फ स्वाद में बेहद टेस्टी है बल्कि सेहत के लिए भी कई तरह से बेहद फायदेमंद है। इस सूप में एंटी ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो आपको छोटी-मोटी समस्याओं जैसे सर्दी, खांसी और जुकाम आदि से बचाने में मदद करते हैं। इस सूप का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड का भी स्तर संतुलित रहता है। तो आइए बिना देर किए जान लेते हैं जिंजर गार्लिक सूप बनाने के लिए फॉलो करने होंगे क्या-क्या कुकिंग टिप्स।
जिंजर गार्लिक सूप बनाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स-
जिंजर गार्लिक सूप बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक चम्मच तेल गर्म करके उसमें बारीक कद्दूकस किया हुआ लहसुन और अदरक डालकर एक मिनट के लिए भून लें। इसके बाद पैन में एक चौथाई कप कटी हुई बींस, गाजर, पत्ता गोभी डालकर अच्छी तरह दो मिनट तक पकाएं। इसके बाद पैन में 4 कप पानी डालें। अब आधा बड़ा चम्मच कॉर्न स्टार्च का पेस्ट, स्वाद अनुसार नमक और काली मिर्च का पाउडर बनाकर डालने के बाद अच्छी तरह मिलाकर 10 मिनट तक कम आंच पर तब तक पकाएं जब तक सूप हल्का गाढ़ा ना लगने लगे। आपका टेस्टी और हेल्दी जिंजर गर्लिक सूप बनकर तैयार है।
जिंजर गार्लिक सूप पीने के फायदे-
इम्यूनिटी बूस्ट करता है यह सूप-
इम्यूनिटी बढ़ाने में लहसुन और अदरक दोनों ही काफी कारगर हैं। संक्रमण से लड़ने के लिए लहसुन में एंटी बैक्टीरियल, एंटी सेप्टिक और एंटी फंगल गुण मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए बहुत कारगर होते हैं। जबकि अदरक में एंटी इन्फ्लामेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसके सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
हार्ट के लिए हेल्दी -
अदरक और लहसुन दोनों ही आपके हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। सूप में अदरक की मात्रा होने से यह एंटी ऑक्सीडेंट्स से भर जाता है, जो आपकी धमनियों में हो रही सिकुड़न और कोलेस्ट्रॉल को रोकने में मददगार साबित होता है।वहीं लहसुन में पाए जाने वाले पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी शरीर में रक्त का बहाव सुचारू रखते हैं साथ ही हृदय की कोशिकाओं को क्षति पहुंचने से भी रोकते हैं।
डायबिटीज में फायदेमंद-
डायबिटीज रोगियों को यह सूप पीना चाहिए इससे उनका ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। अदरक की मात्रा आपके शरीर में बढ़े हुए शुगर के स्तर को घटाने के साथ ही ए 1 सी नामक हीमोग्लोबिन को भी नियंत्रित करती है। जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है। - हाथ से फिसला नहीं कि खूबसूरत और महंगे क्रॉकरी के बर्तन से लेकर सजावटी सामान टूट जाते हैं। ऐसे में इन्हें फेंकना बड़ा मुश्किल लगता है। लेकिन अब इन महंगे क्रॉकरी के सामान को फेंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन क्रिएटिव आइडिया की मदद से आप टूटी-फूटी क्रॉकरी से भी सजावटी सामान बना सकते हैं। तो चलिए जानें टूटी क्रॉकरी से बनने वाले सजावटी सामान।1) क्रॉकरी के टुकड़ों को इकट्ठा करें। मनपसंद आकार का सांचा लें। उसमें प्लास्टर ऑफ पेरिस का घोल डालें और क्रॉकरी के टुकड़ों को उस पर चिपका दें। एक दिन के लिए सूखने दें। सांचे से तैयार डिजाइन को निकालें। उसके पीछे चुंबक चिपकाएं। फ्रिज को सजाने के लिए खूबसूरत मैग्नेट तैयार है।2) पुराने फोटो फ्रेम को नया रूप देने के लिए उसके किनारों को अच्छी तरह से रगड़कर साफ करें। अब ग्लू की मदद से क्रॉकरी के टुकड़ों को फोटो फ्रेम के बॉर्डर पर बीच में जगह छोड़े बिना चिकपाएं। नया फोटो फ्रेम तैयार है।3) क्या आपको भी चाबियों के छल्ले (कीचेन) इकट्ठा करने का शौक है? तो अब इन्हें खुद भी बनाइए। टूटी हुई क्रॉकरी में से मनपसंद टुकड़ा चुनें। उसमें ड्रिलिंग मशीन की मदद से हल्का-सा दबाव डालकर छेद कीजिए। अब रंग उस छेद में डालें। इस नए कीचेन को अपने कलेक्शन में शामिल करें।4) बागवानी का शौक है,तो आप अपने गमलों को भी क्रॉकरी के टुकड़ों की मदद से सजा सकती हैं। अपने मिट्टी या प्लास्टिक के गमलों को आप इससे सजा सकती हैं। गोंद की मदद से क्रॉकरी के टुकड़ों को गमलों पर चिपकाएं और उसे नया रूप दें।5) बिल्कुल एक आकार और रंग के टुकड़ों को टूटी हुई क्रॉकरी में से तलाशें। किसी पुराने ईयररिंग का हुक, पतली तार और पाइलर लें। हुक में उस पतली तार को फंसाएं और पाइलर की मदद से क्रॉकरी के टुकड़े के चारों ओर तार को लपेट लें। ऐसे ही दोनों ईयर्रंरग को तैयार कर लें।
- पूरी दुनिया जानती हैं कि बेटियां पिता को ज्यादा प्यारी होती हैं। अब इस संबंध में हुए एक नए अध्ययन के मुताबिक बेटियों के पिता उन लोगों की तुलना में ज्यादा जीते हैं, जिन्हें बेटी नहीं है। पोलैंड की यूनिवर्सिटी के द्वारा 4, 310 लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। अध्ययन में बेटी के जन्म और पिता की लंबी उम्र के बीच सीधा संबंध पाया गया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिस व्यक्ति की जितनी ज्यादा बेटियां होती हैं, उसकी औसत उम्र उतनी ज्यादा होती है। अध्ययन के मुताबिक प्रत्येक बेटी के जन्म से पिता के औसत उम्र में 74 सप्ताहों का इजाफा होता है। अध्ययन की रिपोर्ट अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में प्रकाशित हुई है।
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-सीमा उपाध्याय
डायबिटीज कंट्रोल करने से लेकर खून साफ करने तक, करेला खाने से व्यक्ति को अनेक फायदे मिलते हैं। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद उसकी कड़वाहट की वजह से कई घरों में लोग करेला खाने से परहेज करते हैं। अगर आपके घर पर भी परिवार के सदस्य सिर्फ करेले के कड़वे स्वाद की वजह से उसे खाने से मना कर देते हैं तो ये किचन टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं। इन किचन टिप्स को आजमाकर आप करेले की कड़वाहट को बड़ी आसानी से दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
करेले की कड़वाहट दूर करने के टिप्स-
नमक-
करेले का कड़वापन दूर करने के लिए सबसे पहले करेले को काटकर उसके ऊपर नमक छिड़क कर उसे 20 मिनट के लिए अलग रख दें। करेले पर नमक लगाकर छोड़ने से उसका सारा कड़वा रस निकल जाता है। 20 मिनट बाद करेले को निचोड़कर आप उसकी सब्जी बना सकते हैं। करेला कड़वा नहीं लगेगा।
इमली-
करेले का कड़वापन दूर करने के लिए इमली के गूदे और पानी का एक घोल तैयार करके उसमें कटे हुए करेले को लगभग आधे घंटे के लिए भिगोकर छोड़ दें। इमली का खट्टापन करेले की कड़वाहट कम करने में मदद करता है। सब्जी बनाने से पहले इमली के पानी से करेले निकालकर उन्हें साफ पानी से धो लें। ऐसा करने से आपकी सब्जी बहुत टेस्टी बनेगी।
नींबू-
करेले का कड़वापन दूर करने के लिए सबसे पहले करेले को स्लाइस में काटकर नींबू के रस में 15 से 20 मिनट के लिए रख दें। नींबू के रस का खटासपन करेले की कड़वाहट को कम करने में मदद करता है। सब्जी बनाने से पहले करेले को साफ पानी से जरूर धो लें।
ब्लैंचिंग-
करेले की कड़वाहट दूर करने के लिए आप ब्लैंचिंग का उपाय भी आजमा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में पानी उबालकर उसमें कटा हुआ करेला डालकर उसे 5 मिनट उबाल लें। अब एक बर्तन में करेला डालकर उसके ऊपर बर्फ के टुकड़े डाल दें। इसके बाद करेले का पानी निकाल कर सब्जी तैयार कर लें। -
- संध्या शर्मा
अचारी पनीर, छोले और आलू की सूखी सब्जी बनाते समय थोड़ा-सा मेथी पाउडर डालें, स्वाद बढ़ जाएगा। वर्षों पहले बच्चों को सर्दियों में यदि हल्का बुखार या सर्दी-जुकाम हो जाया करती थी तो मां हमेशा मेथी दानों को चाय की तरह उबालकर छानकर शहद व नींबू मिलाकर पीने को देती थीं। मेथी दाना बहुत कड़वा होता था, इसलिए इसकी तीखी गंध अच्छी नहीं लगती थी। पर, धीरे-धीरे समझ में आने लगा कि यह एक ऐसा मसाला है जो हमारी सेहत के लिए भी अच्छा होता है। यह सच है कि हम सब दैनिक जीवन में हरी मेथी की सब्जी खाते हैं। सूखी मेथी जिसे कसूरी मेथी के नाम से जाना जाता है, उसका उपयोग भी पनीर,छोले,पराठे आदि में करते हैं। पर, मेथी दाने का उपयोग उसके कड़वे होने के कारण बहुत कम करते हैं। मेथी के बीज छोटे आकार और भूरे-पीले रंग के होते हैं। इसकी खुशबू और स्वाद दोनों भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं। मेथी दाना प्रोटीन,आयरन, विटामिन्स,मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
यूं करें मेथी का इस्तेमाल
-लाल और हरी मिर्च का अचार सर्दियों में डालते वक्त अन्य मसालों के साथ उसमें मेथी दाने को भी हल्का भूनकर दरदरा पीसकर मिला दें।
-घर में सांबर पाउडर बनाते वक्त या भरवां सब्जियों के लिए सूखा मसाला पाउडर बनाते वक्त मैं उसमें संतुलित मात्रा में मेथी पाउडर जरूर डालती हूं। इससे मसाले को एक अच्छा स्वाद व सुगंध मिलती है।
-स्वादिष्ट करी ,दाल का सूप या मैरिनेड के लिए खुद का मसाला तैयार करते समय जीरा,धनिया, अजवाइन के साथ मेथी दाने को भी हल्का भूनकर और पीसकर पाउडर तैयार करें। बेहतरीन स्वाद मिलेगा।
-मेथी दाने की तासीर गर्म होती है, अत: सर्दियों में इसके लड्डू भी बनते हैं। रातभर मेथी दाने को दूध में भिगोकर सुबह उसे सुखा कर और पीस कर पहले भूना जाता है। फिर उसे तरह-तरह के मेवे व चीनी आदि के साथ मिलाकर स्वादिष्ट लड्डू बनाया जाता है।
-मेथी दाने की लौंजी भी बनती है। इसे बनाने के लिए आधा कप मेथी दाने को रात भर पानी में भिगोकर फिर किशमिश,सौंफ, लाल मिर्च, सोंठ पाउडर और गुड़ आदि के साथ पीसकर थोड़ा अमचूर डालें। खट्टी-मीठी स्वादिष्ट लौंजी तैयार है।
अंकुरित मेथी दाना इस तरह करें इस्तेमाल-
क्या आप जानती हैं कि मेथी दाने से स्प्राउट्स भी बनाया जा सकता है? इसके लिए मेथी दाने को 7- 8 घंटे भिगोकर फिर पानी से निथार कर एक साफ-सूती कपड़े में बांधकर लटका दें। एक दिन में इनमें स्प्राउट्स निकल जाएंगे। इसका इस्तेमाल आप सैंडविच के भरावन में अन्य सामग्री के साथ मिलाकर कर सकती हैं। अंकुरित मेथी दाने को एक कप अंकुरित मूंग के साथ छौंककर अन्य मसाले मिलाकर आप भरवां पराठा भी बना सकती हैं। साथ ही मेथी स्प्राउट्स का इस्तेमाल सलाद व सूप आदि की ड्रेसिंग में भी किया जा सकता है।
ऐसे तैयार करें मेथी का तड़का-
अधिकांशत: मैं तड़के में मेथी दाने का उपयोग सब्जी व दाल आदि बनाने से पहले करती हूं। मसलन मूली की सब्जी बनाते समय पंचफोड़न का तड़का लगाकर बनाएं तो सब्जी का स्वाद ही अलग होता है। पंचफोड़न में मेथी का उपयोग होता है। कढ़ी को पकाने से पहले थोड़े से मेथी दाने, जीरा, हींग व साबुत लाल मिर्च का मैं तड़का लगा देती हूं। इससे बीज भी गल जाते हैं और कढ़ी का स्वाद भी अच्छा हो जाता है । कद्दू की सब्जी बनानी हो या बैंगन की... मैं मेथी दाने का तड़का लगाकर ही पकाती हूं।
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वेबसीरीज मिर्जापुर से लाइमलाइट में आए एक्टर विक्रांत मैसी इन दिनों अपनी नई फिल्म 12वीं फेल को लेकर काफी चर्चा में हैं। वे काफी फिट और यंग हैं। अपनी फिटनेस को बरकरार रखने के लिए विक्रांत एक्सरसाइज और डाइट के प्रति काफी सतर्क रहते हैं। फिल्म में वे 19 साल के यूपीएससी एसपिरेंट का किरदार निभा रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने अपनी शरीर पर काफी मेहनत की है। आइये जानते हैं फिल्म की शूटिंग के दौरान कैसा था विक्रांत का फिटनेस रूटीन और डाइट प्लान।
फिटनेस को लेकर काफी डेडिकेटेड थे विक्रांत
36 वर्षीय विक्रांत ने फिल्म में 19 वर्षीय यूपीएससी एसपिरेंट का किरदार निभाने के लिए अपनी फिटनेस पर जी तोड़ मेहनत की है। इस दौरान उन्होंने एक्सरसाइज और डाइट से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया है। नियमित तौर पर जिम जाने से लेकर सख्त डाइट का पालन करने तक विक्रांत ने ये सभी चीजें फॉलो की हैं।विक्रांत मैसी का फिटनेस रूटीनआमतौर पर भी विक्रांत फिटनेस को लेकर काफी एक्टिव रहते हैं। वे नियमित तौर पर जिम जाते हैं, जहां वे स्क्वैट्स, डेडलिफ्ट, वेट लिफ्टिंग, पिलाटे, डंबल प्रेस, बेंच प्रेस, पुशअप्स, पुलअप्स आदि जैसी एक्सरसाइज करते हैं। विक्रांत कार्डियो एक्सरसाइज करने के साथ ही साथ बर्पी और लंजीज आदि भी करते हैं। साथ ही वे स्विमिंग, साइकिलिंग और एरोबिक्स जैसी अन्य शारीरिक गतिविधियों में भी शामिल रहते हैं।विक्रांत का डाइट प्लानविक्रांत जितना अपनी एक्सरसाइज और वर्कआउट रूटीन को लेकर सख्त हैं उससे कहीं ज्यादा ध्यान वे डाइट पर देते हैं। फिल्म की शूटिंग के दौरान स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो कर अपना वजन घटाया। इस दौरान उन्होंने 20 दिनों तक उन्होंने सेमी लिक्विड और मैश्ड फूड का ही सेवन किया। आमतौर पर भी वे बाहर का कुछ भी खाने के बजाय घर का बना खाना खाना ज्यादा पसंद करते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान विक्रांत ने बताया कि वे सब्जियों और फलों का सेवन ज्यादा करते हैं। वे दही और चावल खाने के भी शौकीन हैं। डाइट में विक्रांत पोषक तत्वों को शामिल करना नहीं भूलते हैं। -
- संध्या शर्मा
उत्तराखंड के गढ़वाल और आसपास के क्षेत्रों में रंगीन और खुशबूदार नमक बनाते हैं। पहाड़ों पर खाए जाने वाले इसे नमको को पिस्युन लूण, हरा नमक या हरा लहसुन नमक के नाम से जानते हैं। इसे सर्दियों के मौसम में फलों, सब्जी और चाट तक में डालकर खाया जाता है। वैसे तो यह नमक आपको बाजार में भी मिल जाएगा, लेकिन घर में बने नमक का स्वाद जबरदस्त होता है। कई लोग पसंदीदा पहाड़ी नमक को सिल-बट्टे पर सेंधा नमक के साथ बनाते हैं। हालांकि आप कम मेहनत में भी इसे बहुत आसानी से तैयार कर सकते हैं। यहां जानिए इसे बनाने का तरीका-पहाड़ी नमक बनाने का तरीकासामग्रीहरा लहसुन- आधा कपधनिया- 1/4 कपभुना हुआ जीरा- 2 बड़े चम्मचअदरक-(1 इंच)हरी मिर्च- 2नमक- आधा कपकैसे बनाएं नमकपहाड़ी नमक बनाने के लिए सबसे पहले कटी हुई हरी लहसुन, धनिया, भुना जीरा, अदरक और हरी मिर्च समेत सभी चीजें लें। अब इन सभी को एक साथ मिला लें। अच्छे से मिक्स करने के बाद इसे पीस लें। इसका मोटा पेस्ट बनाना है। अब, आप पेस्ट में नमक मिला सकते हैं। आप इसमें पिंक सॉल्ट मिला सकते हैं। अब इसे अच्छी तरह से सुखा लें। अगर धूप नहीं है और घर में ओवन है तो आप इसे ओवन में बेक कर सकते हैं। सूखने के बाद इसे दोबारा पीस लें और पाउडर बना लें। हरा लहसुन नमक तैयार है।ध्यान रखें ये बात-नमक को पीसने के बाद इसे धूप में सुखाना होता है। अगर आपके एरिया में धूप अच्छी तरह से नहीं निकल रही है तो आप नमक को ओवन में सुखा सकते हैं। ध्यान रखें इसे अच्छी तरह से सुखा लेना जरूरी है, वरना ये जल्दी खराब हो सकता है। इसके अलावा सूखने के बाद इसमें पानी बिल्कुल भी ना डालें। संतरा या मालटा के साथ इस नमक का स्वाद जबरदस्त लगता है। - -सीमा उपाध्यायलहसुन को छीलना काफी टाइम वाला काम होता है। ऐसे में अक्सर महिलाएं इसे छीलकर रखना पसंद करती हैं। काफी सारी महिलाएं तो बाजार से ही छीले लहसुन लेती हैं। लेकिन ये लहसुन घर आने के बाद जल्दी ही खराब होने लगते हैं। कभी उनमे अंकुर फूट जाता है तो कभी ये लहसुन सूखने लगते हैं। वहीं लहसुन में काले फफूंद का लग जाना कॉमन है। लेकिन अगर आप अपने छिले लहसुन को स्टोर करना चाहते हैं। जिससे कि जल्दबाजी में लहसुन छीलने में वक्त ना खराब हो तो इस एक टिप्स को फॉलो करें।ऐसे करें लहसुन स्टोर-छीले लहसुन को स्टोर करने के लिए बस इन छोटे स्टेप को फॉलो करें। इससे महीनों तक लहसुन खराब नहीं होंगे।-सबसे पहले अच्छे क्वालिटी के लहसुन मार्केट से ले आएं। जो बिल्कुल फ्रेश हों और जरा भी खराब ना हों।-इन सारे लहसुन को छीलकर रख लें।-इन लहसुन को एक दिन धूप में सुखा लें। जिससे कि ऊपर का मॉइश्चर खत्म हो जाए।-फिर किसी टिश्यू पेपर पर लहसुन को रखकर पोछें। जिससे कि सारे लहसुनों पर से मॉइश्चर हट जाए।-अब किसी कांच के जार में कागज के टिश्यू पेपर को नीचे बिछाएं। फिर इसके ऊपर अच्छी तरह से छीले-सूखे लहसुनों को भर दें।-एयर टाइट ढक्कन बंद करें और फ्रिज में रख दें। महीनों तक इस तरह से छिले लहसुन खराब नही होंगे और फ्रेश बने रहेंगे।-बस जब सब्जी या किसी डिश में लहसुन डालना हो तो निकालकर इस्तेमाल करें।कटे लहसुन को ऐसे करें स्टोरअगर गलती से ज्यादा लहसुन काट लिया है या उसे पीस लिया है तो ऐसे लहसुन को स्टोर करने के लिए केवल एयर टाइट टिफिन या डिब्बे का इस्तेमाल करें। बस लहसुन को रखकर फ्रिज या फ्रीजर में स्टोर कर दें।
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-सीमा उपाध्याय से जानिए रेसिपी
मकर संक्राति के मौके पर गुड़ की काफी सारी मिठाईयां बनती है। केवल तिल के साथ ही नहीं बल्कि बेसन, मुरमुरे, बाजरा को गुड़ में मिलाकर टेस्टी लड्डू तैयार किए जाते हैं। लेकिन मूंगफली की चिक्की का स्वाद हर किसी को पसंद आता है। सबसे खास बात कि ये घर में उतनी अच्छी नहीं बनती। जैसी बाजार की होती है। घर में बनाने में अक्सर चिक्की कभी काफी सख्त हो जाती है तो कभी मुलायम। अगर बाजार जैसी चिक्की बनाना चाहती हैं तो इस सीक्रेट टिप्स को फॉलो करें। बिल्कुल बाजार जैसी चिक्की बनकर तैयार होगी।
मूंगफली की चिक्की बनाने की सीक्रेट टिप्स
मूंगफली की चिक्की अगर मार्केट जैसी बनानी है तो हमेशा मूंगफली और गुड़ की मात्रा को बराबर रखें। जैसे सौ ग्राम मूंगफली के साथ सौ ग्राम गुड़ लें।
-बाजार से अच्छे क्वालिटी के गुड़ को ही खरीदें। काले वाले गुड़ की बजाय सफेद रंग के अच्छे गुड़ को खरीदकर बनाएं। जिससे कि चिक्की का रंग बहुत काला ना होकर परफेक्ट बनें।
-मूंगफली को ड्राई रोस्ट करने के बाद छिलका उतार दें। फिर इस मूंगफली को दरदार पीस लें। जिससे कि मूंगफली के दो से तीन टुकड़े हो जाएं।
-गुड़ को पिघलाने के लिए मात्र एक चम्मच देसी घी डालें। ज्यादा घी गुड़ को मुलायम कर देगा। जब गुड़ बिल्कुल पिघल जाए फिर दो चम्मच पानी डालकर पकाएं।
-जब पानी में गुड़ कुछ देर पक जाए तो कटोरी में पानी लें और उसमे गुड़ डालकर देखें। जब गुड़ पानी से निकालने पर मुलायम दिखे तो मतलब अभी और पकाना है।
-अब इस पिघले गुड़ में एक चम्मच बेकिंग पाउडर डाल दें। इससे गुड़ का कलर सफेद होगा और गुड़ हल्का हो जाएगा। धीमी आंच पर कुछ देर पकाने के बाद गुड़ को पानी में डालकर देखें। जब पानी से बाहर निकालने पर गुड़ बिल्कुल सख्त होकर कट-कट की आवाज करने लगे तो समझ जाएं कि गुड़ तैयार है।
-इस स्टेज पर इसमे मूंगफली को मिक्स कर दें। फिर किसी पॉलीथिन पर इस मिक्सचर को निकालकर कूट लें। अच्छी तरह से कूटने के बाद जब ये थोड़ा ठंडा हो जाए तो बेलन से बेलकर आकार दें। फिर चाकू से काट लें। बस ठंडा हो जाने दे और तैयार है टेस्टी बाजार जैसी मूंगफली की चिक्की।