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- जब बात चटनी की हो तो मुंह में अपने आप पानी आ जाता है। चटनी, भारतीय व्यंजन में साइड डिश की भूमिका निभाती है। लेकिन, अगर चटनी को सही तरीके से बनाया जाए तो उसके आगे सब्जी का स्वाद भी फीका लगता है। इसलिए आज हम आपके लिए हरी मिर्च और लहसुन की चटनी की रेसिपी लेकर आए हैं। हरी मिर्च और लहसुन की चटनी इतनी स्वादिष्ट होती है कि अगर आपने एक बार इसका स्वाद चख लिया तो आप हरी मिर्च और लहसुन की चटनी के लिए सामग्री:1 कप हरी मिर्च, 6-8 लौंग लहसुन,, बारीक कटा हुआ, 1/2 चम्मच कसा हुआ अदरक, 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस, 1 बड़ा चम्मच सरसों का तेल, नमक स्वादानुसार, 1/4 कप पानी, इमली का पल्प, गार्निंशिंग के लिए ताज़ा धनियाहरी मिर्च और लहसुन की चटनी कैसे बनाएं?पहला स्टेप: सबसे पहले गैस ऑन करें और उसपर एक पैन रखें। जब पैन गर्म हो जाए तब उसमें 1 चम्मच तेल डालें। उसके बाद उसमें 1 कप हरी मिर्च और 6-8 लौंग लहसुन डालें। इन्हें थोड़ा अच्छी तरह पकने दें। जब मिर्च और लहसुन हल्का पक जाए तो उसे पैन में से निकालें। और इन्हें ठंडा होने दें ।दूसरा स्टेप: अब अगले स्टेप में एक मिक्सर जार में मिर्च और लहसुन को डालें। इसमें बारीक कटा हुआ, 1/2 चम्मच कसा हुआ अदरक भी डालें। अब इसमें पानी डालें और इन्हें दरदरा पीस लें।तीसरा स्टेप: अब अगले स्टेप में एक बाउल में इस चटनी को निकालें और इसमें स्वाद अनुसार नमक, 1 चम्मच निम्बू का रस और आधा चम्मच इमली का पल्प डालें और फिर अच्छी तरह से मिलाएं। ऊपर से ताज़ी हरी धनिया से गार्निश करें। आपका हरी मिर्च और लहसुन का चटनी तैयार है।
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बारिश के मौसम में ज्यादातर लोग होठ फटने की शिकायत करते हैं। दरअसल, इस मौसम में स्किन और होठ काफी ज्यादा ड्राई हो जाते हैं। जिसकी वजह सें रोज लिप बाम लगाने की सलाह दी जाती है। वैसे तो बाजार में खूब लिप बाम मिलते हैं लेकिन ये सभी केमिकल युक्त और टिंट वाले होते हैं। इनके लगाने से लिप्स पर एक रंग भी दिखने लगता है। कुछ लोगों को ये पसंद नहीं होता। अगर आप भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल हैं तो खुद के लिए घर पर ही लिप बाम बना सकते हैं। यहां कई तरीकों से लिप बाम बनाने का तरीका बता रहे हैं। देखिए-
1) नारियल लिप बाम बनाने के लिए आपको चाहिए
इस लिप बाम को बनाने के लिए पेट्रोलियम जेली को पिघलाएं और फिर इसनमें नारियल तेल और जोजोबा तेल को एक साथ मिला लें। इस मिक्स को एक कंटेनर में डालें और 20-30 मिनट के लिए जमा दें।
2) नारियल लिप बाम बनाने का दूसरा तरीका
नारियल तेल, वैसलीन और कारनोबा वैक्स को एक पैन में धीमी आंच पर पिघला लें। फिर इस मिश्रण को ठंडा होने दें और इसमें एलोवेरा जेल मिला लें। अब इस मिक्स को डिब्बे में डाल लें और सेट होने दें। आप चाहें लिप बाम स्टिक को साफ करके भी घक ते बनाएं लिप बाम को उसमें डाल सकते हैं। -
- संध्या शर्मा
डोसा एक साउथ इंडियन डिश है, जिसका स्वाद काफी अच्छा लगता है। इस उड़द दाल और चावल के साथ बनाया जाता है। कुछ लोग इसे घर पर बनाते हैं लेकिन अक्सर शिकायत करते हैं कि इसका बैटर सही नहीं बनता और डोसा तवे पर चिपक जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो यहां देखिए परफेक्ट बैटर बनाने की ट्रिक्स-
1) सही मात्रा में लें दाल-चावल- सही डोसा बैटर बनाने के लिए सही मात्रा में दाल चावल लेना जरूरी है। परफेक्ट बैटर बनाने के लिए 3:1 को अपनाएं। 3 हिस्से चावल और एक हिस्सा उड़द दाल लें।
2) बैटर में मिलाएं ये चीजें- बैटर को सही बनाने के लिए उसमें उड़द दाल के साथ चना दाल मिलाएं। इसके अलावा मेथीदाना और पोहा भी इसमें मिलाएं।
3) सही तरह से पीसें- डोसा बैटर को सही बनाने के लिए इसे पूरी तरह से पीसना जरूरी है। दरदरा बैटर रहेगा तो इससे डोसा अच्छा नहीं बनेगा।
4) फर्मेंटेशन है जरूरी- फर्मेंटेशन का कोई शॉर्टकट नहीं है। बैटर को फर्मेंट होने में कम से कम 8 से 12 घंटे लग सकते हैं। इसलिए घोल को नमी वाली गर्म जगह पर रखें। चाहें तो गर्म ओवन में इसे रख सकते हैं। ऐसा करने पर बैटर जल्दी फर्मेंट हो जाएगा।
5) कंसिस्टेंसी- बैटर की स्थिरता बहुत जरूरी है। यह न तो गाढ़ा और न ही पतला होना चाहिए। ध्यान रखें कि ये तवे पर आसानी से डाला जा सके। अगर बैटर तवे पर आसानी से फैल रहा है तो ये सही कंसिस्टेंसी है।
6) कैसे स्टोर करें- एक बार जब डोसा फर्मेंट हो जाए, तो इसे रेफ्रिजरेटर या ठंडी जगह पर रख दें। अगर बहुत ज्यादा फर्मेंट होदा तो इससे खराब बदबू, खट्टापन या कड़वा स्वाद आ सकता है। -
-सीमा उपाध्याय
खाने में हल्का–फुल्का और टेस्टी पोहा भला किसे पसंद नहीं। बनाने में भी आसान होता है और झटपट बनकर तैयार भी हो जाता है। स्वाद के साथ–साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। आपने अलग–अलग तरह का पोहा खाया होगा लेकिन आज हम आपको एकदम अलग सी रेसिपी बताने वाले हैं। क्या आप जानते हैं कि पोहे की मदद से आप बड़ी जायेकदार और रबड़ीदार खीर भी बना सकते हैं? यह नॉर्मल खीर से बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होती है और इसे बनाना भी बहुत आसान होता है। यह इतनी गाढ़ी और मलाईदार होती है कि लगता है मानों आप रबड़ी ही खा रहे हैं। तो चलिए इसे बनाने की आसान सी रेसिपी जानते हैं।
बनाने के चाहिए होगा बस थोड़ा सा सामान
इस जायकेदार पोहे की खीर को बनाने के लिए आपको ज्यादा सामान की जरूरत नहीं है। लगभग हर सामान आपकी किचन में ही मिल जाएगा। आपको इसके लिए आधा कप पोहा, देसी घी, चार कप दूध, काजू, किश्मिश, चीनी और इलायची पाउडर की जरूरत है। आप इसे सजाने के लिए गुलाब के फूल की पंखुड़ियों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
रेसिपी है बहुत आसान
पोहे की खीर को बनाना बेहद ही आसान है। जब आपका मन चाहे आप तुरंत इसे बनाकर स्वाद ले सकते हैं। इसे बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई पर एक पैन चढ़ाएं। पैन में दो बड़े चम्मच घी डालें और कटे हुए काजू, किशमिश और पिस्ता को अच्छे से भून लें। हल्का सा सुनहरा रंग होने पर इन्हें बाहर निकाल लें। अब इसी पैन में अपना पोहा डाल लें। इससे खीर में घी की बड़ी सौंधी–सौंधी खुशबू आ जाएगी। अब उसमें दूध डालकर पकाने के लिए रखे दें।
लगभग पांच से दस मिनट तक मीडियम आंच पर पकाएं। उसे बीच–बीच में चलाते भी रहें। थोड़ी देर में आप देखेंगे कि पोहा फूल जाएगा और दूध गाढ़ा होने लगेगा। बस इसी दौरान इलायची पाउडर और अपने ड्राई फ्रूट्स खीर में डाल लें। तो लीजिए तैयार है आपकी जायकेदार और रबड़ी जैसी पोहा खीर। अब गुलाब की पंखुड़ियों से इसकी गार्निशिंग करें और ठंडा-ठंडा सर्व करें। - स्किन पर जमी गंदगी और डेड स्किन को हटाने के लिए स्क्रब का इस्तेमाल करते हैं तो जानें कैसे नेचुरल तरीके से स्किन को क्लीन किया जा सकता है।सप्ताह में एक दिन डेड स्किन दूर करने के लिए स्क्रब और एक्सफोलिएट करने का समय निकालते हैं। तो इस नुस्खे को आजमा लें, कभी भी बॉडी पर डेड स्किन नहीं जमेगी। बस इसके लिए जरूरत है गीले कपड़े की।हर दिन नहाने के बाद किसी साफ तौलिये या मलमल के कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर निचोड़ कर लें।इस कपड़े से शरीर के सारे अंगों को हल्के हाथों से मलकर साफ करें। इससे बड़ी ही आसानी से डेड स्किन निकल जाएगी और बॉडी चमकने लगेगी।दरअसल, नहाने के बाद स्किन बिल्कुल सॉफ्ट रहती है और डेड स्किन भी नमी पाकर फूल जाती है। जिसे इस वक्त निकालना आसान रहता है। जब आप हल्के हाथों से स्किन को रगड़ते हैं तो डेड स्किन फटाफट निकलने लगती है।माइक्रोफाइबर जैसे कपड़े से शरीर को साफ कर लें। ध्यान रखें कि किसी कठोर कपड़े से स्किन ज्यादा ना रगड़ें, नहीं तो चोटहिल हो सकते हैं।
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मजबूत, घने बाल तो हर कोई चाहता है। इसके लिए कई सारे जतन भी करते हैं। लेकिन पता है कुछ चीजें जो बालों की अच्छाई से जुड़ी होती हैं। वो आपके हेयर को डैमेज करती हैं। जिसके बारे में जानना जरूरी है। आमतौर पर बालों के डैमेज होने के लिए हेयर स्टाइलिंग टूल, केमिकल वाले प्रोडक्ट, पॉल्यूशन और न्यूट्रिशन की कमी को माना जाता है। लेकिन इन सबके अलावा कुछ बहुत ही साधारण सी बातें होती हैं जो हेल्दी बालों को कमजोर और डैमेज कर देती हैं।
हर दिन बालों को भिगोना
अक्सर छोटे बाल वाले लोग लापरवाही करते हैं और देखभाल नहीं करते। ऐसे में अगर हर दिन बालों को पानी से धोते हैं और शैंपू नहीं करते हैं। तो इससे बालों के डैमेज होने के चांस बढ़ जाते हैं। बालों को इस तरह हर दिन भिगोना डैंड्रफ बढ़ाता है और साथ ही हेयरलॉस का खतरा भी ज्यादा रहता है।
भीगे बालों के साथ ही सो जाना
छोटे बाल वाले अक्सर हेयर केयर के मामले में लापरवाही करते हैं। भीगे बालों के साथ अगर आप बिस्तर पर लेट जाते हैं। तो इससे बालों में ब्रेकेज बढ़ जाता है। गीले बाल काफी जल्दी उलझ जाते हैं और जड़ें कमजोर होती हैं। जो जरा सी रगड़ पर बालों के गिरने की वजह बनती हैं। वहीं स्कैल्प के गीले होने पर उनमे बैक्टीरिया भी पनपने के चांस ज्यादा रहते हैं जो बालों को डैमेज कर देते हैं।
बार-बार कंघी करना
कुछ लोगों को लगता है कि बालों में बार-बार कंघी करना जरूरी है। लेकिन ऐसा नही है अगर आप बालों पर जल्दी-जल्दी कंघी करते हैं। फिर चाहे बाल सूखे ही क्यों ना हो, इससे बाल डैमेज होने लगते हैं और जड़ों से कमजोर हो जाते हैं। -
गर्मियां शुरू होते ही घरों में नींबू की डिमांड बढ़ जाती है। बॉडी को कूल रखने वाली शिंकजी से लेकर सलाद को चटपटा बनाने के लिए नींबू का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। लेकिन आपको अगर फ्रेश और रसीले नींबू की पहचान नहीं है तो आपके पैसे और मूड दोनों खराब हो सकते हैं। दरअसल, ऐसे लोगों को नींबू काटने पर ही पता चलता है कि वे अंदर से रसीले हैं या सूखे हुए हैं। अगर आपको भी रसीले नींबू छांटना थोड़ा मुश्किल लगता है तो इन टिप्स को आजमाकर बड़ी आसानी से फ्रेश और रसीले नींबू खरीद सकते हैं।
फ्रेश और रसीले नींबू खरीदने के टिप्स-
नींबू को उठाकर देखें-
रसीले नींबू की पहचान करने के लिए सबसे पहला उपाय उसके वजन की जांच करके किया जा सकता है। रसीले फल हमेशा वजन में भारी लगते हैं। ऐसे में दो समान आकार के नींबू को दोनों हाथों में रखकर देखें कि उनमें से कौन-सा भारी है। वजन में हल्के नींबू रसीले नहीं होते हैं।
छिलके को सूंघकर चेक करें-
अगर बाजार में नींबू का रस निचोडक़र नहीं देख सकते तो उसके छिलके को सूंघकर भी उसके रसीले होने की पहचान की जा सकती है। नींबू के छिलके को हल्के से खुरचकर देखें ताकि उसका रस बाहर आ जाए। इसके अलावा यह भी चेक करें कि नींबू में नींबू जैसी खुशबू आ रही है या नहीं। नींबू अगर रसीला नहीं होगा तो उसमें लाइम की तरह खट्टी खुशबू आएगी।
नींबू का रंग-
हरे रंग के नींबू को लाइम कहा जाता है और वह अंदर से कच्चे हो सकते हैं। जबकि पीले नींबू रस से भरे हुए होते हैं। गहरे हरे रंग वाले नींबू कम रसीले होते हैं। नींबू में अगर पीले रंग के धब्बे हैं, तो वो ठीक होंगे लेकिन अगर उनमें भूरे रंग के दाग-धब्बे होंगे, तो समझ जाएं कि नींबू अंदर से बहुत ज्यादा पके हुए हैं। -
चिलचिलाती गर्मियों में ठंडी-ठंडी आइसक्रीम खाना भला किसे नहीं पसंद। वैसे भी आजकल तो इंटरनेट पर आइसक्रीम बनाने की तमाम रेसिपीज पड़ी हुई हैं। जैसी मर्जी वैसे फ्लेवर की आइसक्रीम का मजा घर पर बैठकर ही उठाया जा सकता है। फिर क्यों बाजार वाली केमिकल से भरी आइसक्रीम को खाना, लेकिन उसके लिए जरूरत है फ्रिज की। बिना इसके तो आइसक्रीम बनाने की सोच भी नहीं सकते, हैं ना। लेकिन आज हम आपके लिए ऐसा तरीका खोजकर लाए हैं जहां आपको फ्रिज की जरूरत ही नहीं पड़ेगी और आप घर पर ही ढेर सारी आइसक्रीम का आनंद उठा पाएंगे।
बिना फ्रिज के बना रहे हैं आम की आइसक्रीम, तो चाहिए होंगी ये चीजें
बिना फ्रिज के आइसक्रीम बनाना बेहद ही आसान है। इसके लिए सबसे पहले हम अपने ही घर पर एक फ्रिज तैयार करेंगे। डरिए मत इसमें कोई झंझट या तामझाम नहीं है। इसके लिए बस आपको दो जिप लॉक बैग (वही प्लास्टिक के बैग जो आगे से बंद हो जाते हैं) , थोड़े से बर्फ के टुकड़े, आधा कप सेंधा नमक चहिए होगा। बस आपका फ्रिज तैयार है।
वैसे तो आप इस तरीके से अपने मन पसन्द की कोई भी आइसक्रीम बना सकते हैं , लेकिन यहां हम आपको आम की आइसक्रीम की रेसिपी बता रहे हैं। अब आम की आइसक्रीम बना रहे हैं तो जाहिर है आम की जरूरत होगी। इसके साथ ही थोड़ी चीनी या मिश्री, मलाई और दूध की भी जरूरत होगी।
ये है बिना फ्रिज आइसक्रीम जमाने का आसान तरीका
बिना फ्रिज के आइसक्रीम जमाने के लिए आपको सबसे पहले जो भी आइसक्रीम बना रहे हैं उसकी तैयारी कर लेनी है। यहां हम आम की आइसक्रीम बना रहे हैं तो सबसे पहले उसके मिश्रण को तैयार करेंगे। आम का गूदा निकाल लें। अब एक मिक्सर में उसे डालें। अब उसमें स्वाद अनुसार चीनी, आधा कप दूध और थोड़ी सी मलाई या क्रीम डाल दें। सब कुछ मिलकर एक घोल तैयार हो जाएगा।
अब बारी है इसे बिना फ्रिज के जमाने की। इसके लिए आपको एक प्लास्टिक बैग में बर्फ के टुकड़ों को भर लेना है। बर्फ के टुकड़े आप आसानी से किसी दुकान से खरीद सकते हैं। अब उसमें आधा कप सेंधा नमक डाल लीजिए। अपने आइसक्रीम के मिक्सचर को भी एक दूसरे प्लास्टिक बैग में पलट लीजिए। इस मिक्सर वाले बैग को बर्फ वाले बैग में बर्फ के बीचों बीच रख दीजिए। पूरे मिक्सचर वाले बैग को ऊपर से भी बर्फ से ढंक दीजिए। अब आप इसे तौलिया से ढंक दें और पांच मिनट के लिए हाथों से हिलाते रहें। बस पांच मिनट में ही आप देखेंगे कि आपकी आइसक्रीम पूरी तरह तैयार है। -
अमचूर का जिक्र आते ही मुझे आज से छह दशक पूर्व का समय याद आ जाता है, जब उत्तर भारत के अधिकांश घरों में कच्चे आमों को धोकर, छीलकर, चिप्स बनाने वाले स्लाइसर से काटकर धूप में सुखाया जाता था। फिर इमाम दस्ते में कूटकर पाउडर बनाया जाता था। कभी-कभी मसाले पीसने वाली चक्की से भी पिसवाया जाता था। उस समय यह मान्यता थी कि व्रत, त्योहार आदि में घर का कुटा-पिसा मसाला ज्यादा अच्छा और शुद्ध होता है। फिर धीरे-धीरे समय बदला और घर में अमचूर पाउडर बनाने की परंपरा खत्म हो गई। व्यस्तता बढ़ी तो बाजार से बनी-बनाई चीजें खरीदने का चलन भी बढ़ा। अधिकांश घरों में अब अमचूर पाउडर बाजार से आने लगा है। पर आज भी कई महिलाएं कच्चे आम के टुकड़ों पर मसाला लगाकर सुखाती हैं और उसे दाल आदि में डालती हैं। पर, आज हम सिर्फ अमचूर पाउडर की ही बात कर रहे हैं।
कैसे होता है अमचूर का इस्तेमाल?
अमचूर यानी कच्चे आम का पाउडर उन मसालों में से एक है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर भारतीय डिशेज में चटपटा व खट्टा स्वाद जोडऩे के लिए किया जाता है। कई शाकाहारी व्यंजनों जैसे भरवां सब्जी का मसाला पाउडर बनाने की कल्पना इसके बिना नहीं की जा सकती है। इसी तरह चाट मसाला पाउडर का तो यह एक अभिन्न हिस्सा है। इसके अलावा हम कई सब्जी की करी में, समोसा, पराठा आदि की स्र्टंफग में भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
कैसे करें इस पाउडर का कुकिंग में इस्तेमाल
अमचूर पाउडर कच्चे आमों से बना बेज या हल्के भूरे रंग का पाउडर होता है। एक चम्मच अमचूर पाउडर में लगभग तीन से चार चम्मच तक नीबू के रस के बराबर खटास पाई जाती है।
कैसे करें इस पाउडर का कुकिंग में इस्तेमाल, आइए जानें:
-जब छोले या सफेद मटर में चाय के पानी व इमली का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं ,तब अमचूर पाउडर को तवे पर गाढ़ा रंग होने तक धीमी गैस पर रोस्ट करके, छोले व सफेद मटर में मिला दें
-पकौड़े के घोल में भी थोड़ा सा अमचूर पाउडर डाल देने से पकौड़े का स्वाद बहुत बढिय़ा हो जाता है।
-जब कच्ची अमिया का सीजन खत्म हो जाता है तो धनिया-पुदीने की चटनी बनाने में अमचूर पाउडर का ही इस्तेमाल करें।
-पाव भाजी में, चाट मसाला पाउडर में और भरवां सब्जी मसाला पाउडर में अमचूर पाउडर जरूर डालें।
-साबूत मलका मसूर की दाल में थोड़ा सा अमचूर पाउडर डालें। स्वाद शानदार हो जाएगा।
-वेजिटेबल सैंडविच के भरावन में, ब्रेड रोल, समोसे आदि की फिलिंग में थोड़ा अमचूर पाउडर डालें। स्वाद बेमिसाल हो जाएगा।
-हरी मिर्च, लाल मिर्च के अचार के भरावन में भी अमचूर पाउडर डालने से उसका स्वाद बढ़ जाता है।
जब भी झटपट मीठी चटनी बनानी हो, तो अमचूर पाउडर में चीनी या गुड़ मिलाकर पका दें। फिर इसमें हींग, जीरा पाउडर,काला व सफेद नमक, देगी मिर्च आदि डाल दें। दस मिनट के अंदर बढिय़ा और स्वादिष्ट मीठी चटनी तैयार हो जाती है। जब घर में दही नहीं हो तब टोफू या पनीर को मैरीनेट करते समय अमचूर पाउडर में हल्दी, अदरक-लहसुन पेस्ट, थोड़ा तेल, देगी मिर्च व सत्तू डालकर पेस्ट बनाकर मैरिनेट कर लें। स्वाद बिल्कुल अलग हो जाता है। अमचूर पाउडर के स्वाद को बनाए रखने के लिए खाना पकाने के अंत में इसे डालना सबसे अच्छा रहता है।
सेहत को भी मिलेगा लाभ
अमचूर पाउडर सेहत के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, शुगर, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत उपयोगी हैं। यह कई तरह से सेहत को लाभ पहुंचाता है:
1 यह पाचन में सहायक है। इसमें आयरन पाया जाता है, जो गर्भावस्था में फायदेमंद है।
2 अमचूर त्वचा और बालों को भी फायदा पहुंचाता है। दृष्टि में सुधार लाता है क्योंकि इसमें विटामिन-ए पाया जाता है।
3 यह वजन घटाने में फायदेमंद है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। साथ ही इस पाउडर में कार्बोहाइड्रेट भी बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। -
गरम-गरम पूडिय़ां खाने को मिल जाएं तो दिन बन जाता है। घर में चाहे कुछ भी बना हो लगभग सभी चीजों के साथ पूडिय़ां अच्छी लगती हैं। कई बार तो घर में कोई सब्जी भी ना हो तो बस अचार संग ही इसका आनंद उठा सकते हैं। लेकिन रोज-रोज तेल में तली हुई पूडिय़ां खाना अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। पर क्या हो अगर हम तेल की जगह पानी में पूडिय़ां तल लें। ये सुनने में जरूर अटपटा लग सकता है , लेकिन बीते दिनों इंटरनेट पर बिना तले पूडिय़ां बनाने का एक अनोखा तरीका जमकर वायरल हुआ है। हैरानी की बात ये है कि यह एकदम परफेक्ट काम करता है तो चलिए आज आपको भी वो आसान सा तरीका बता ही देते हैं ताकि आप भी जी भरकर पूडिय़ों का लुफ्त उठा सकें।
बस इन चीजों की होगी जरूरत
बिना तेल की पूडिय़ां बनाने के लिए भी उसी तरह से आटा गूंथना होगा जैसे आप नॉर्मल पूड़ी के लिए गूंथती हैं। बस यहां आपको एक छोटी सी ट्रिक को फॉलो करना है। आटा लगाते वक्त थोड़ा सा दही उसमें मिला लें। दरअसल बिना तेल में तले पूड़ी के टाइट हो जाने का खतरा रहता है। दही हमारी पूडिय़ों को नरम और मुलायम रखने में मदद करेगी। लगभग 1 कप आटा है तो कम से कम दो से तीन चम्मच दही उसमें इस्तेमाल करनी है। आप इसी मात्रा के हिसाब से अपना आटा तैयार कर सकती हैं। इसके बाद कम से कम दस मिनट के लिए आप अपने आटे को वैसा ही छोड़ दें।
हैरान कर देगा ये आसान और अनोखा अंदाज
पानी में पूडिय़ां बनाने का यह अनोखा अंदाज वाकई आपको अचंभे में डाल देगा। इसका तरीका भी बेहद ही आसान है। आटा तैयार होने के बाद आप उसकी लोईयों को नॉर्मल पूडिय़ों की तरह ही बेल लें। अब एक कढ़ाई में पानी डालकर उसे उबलने के लिए रख दें। जब पानी में अच्छे से उबाल आ जाए तब इसमें अपनी पुडिय़ों को एक-एक करके डालना है। कढ़ाई में डालने के लगभग डेढ़ मिनट बाद आपकी पूड़ी पानी के ऊपर तैरने लगेगी। बस तभी उसे बाहर निकाल लेना है। ऐसा कर के आपको सारी पुडिय़ों को तैयार कर लेना है।
अभी आपको लग रहा होगा कि ये तो केवल उबला हुआ कच्चा आटा हैं। तो जरा ठहरिए । इन उबली हुई पुडिय़ों को थोड़ी देर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। अब अपने घर में रखे एयर फ्रायर को लगभग दस मिनट के लिए 180 डिग्री पर प्री हीट कर लें। अब इस प्री हीट हो चुके एयर फ्रायर में अपनी पूडिय़ां डालें और लगभग चार मिनट में आपकी पूडिय़ां बनकर तैयार हो जाएंगी। आप देखेंगे कि ये एकदम तेल में तली हुई पुडिय़ों की तरह ही क्रिस्पी और करारी हैं। अब बिना सेहत की फिक्र किए आप इनका लुफ्त उठा सकते हैं। -
- संध्या शर्मा
गर्मियों के सीजन में लोग अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करना पसंद करते हैं, जो ना सिर्फ शरीर में तरावट बनाए रखती हैं बल्कि सेहत के लिए कभी फायदेमंद होती हैं। ऐसी ही समर स्पेशल चीजों में खीरा का नाम भी शामिल है। खीरे में विटामिन,मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स की प्रचूर मात्रा मौजूद होती है। जो धूप और गर्मी के असर को कम करके बॉडी को हाइड्रेटेड बनाए रखने में मदद करते हैं। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद खीरे को देखकर उस समय पैसे और मूड दोनों खराब हो जाते हैं, जब वो स्वाद में कड़वा निकलता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो अगली बार इस समस्या से बचने के लिए फॉलो करें ये आसान किचन टिप्स। इन टिप्स को आजमाकर आप बाजार में खीरा देखते ही पहचान लेंगी कि ये स्वाद में कड़वा होगा या मीठा।
मीठा खीरा खरीदने के लिए अपनाएं ये टिप्स-
छिलका-
देसी खीरा स्वाद में मीठा होता है। ऐसे में कड़वे खीरे की पहचान करने के लिए उसके छिलके को ध्यान से देंखे। अगर खीरे के छिलके का रंग ज्यादा गहरा और बीच-बीच में से पीला और दानेदार लग रहा है तो समझ जानिए कि यह देसी खीरा है। बता दें, देसी खीरे का स्वाद कड़वा नहीं होता है।
खीरे का आकार-
खीरा खरीदते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि खीरा ना तो आकार में बहुत ज्यादा बड़ा हो और ना ही बहुत छोटा हो। हमेशा मीडियम आकार का खीरा ही खरीदना चाहिए। बड़े और मोटे खीरे में बीज ज्यादा होते हैं जबकि पतला खीरा भीतर से कच्चा और कड़वा हो सकता है।
खीरे को दबाकर चेक करें-
खीरा खरीदते समय उसे दबाकर जरूर देखें। अगर खीरा ज्यादा मुलायम लग रहा है तो वो अंदर से ज्यादा बीज वाला और गला हुआ हो सकता है। अच्छा और फ्रेश खीरा दबाने में टाइट और कड़क होता है। -
-सीमा उपाध्याय
गर्मियों में लोग अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना पसंद करते हैं, जो उन्हें गर्मी से राहत देने के साथ पेट को भी ठंडा बनाए रखती हैं। ऐसी ही कई चीजों में से एक दही भी है। घरों में दही का इस्तेमाल छाछ, रायता, लस्सी जैसी चीजें बनाने के लिए किया जाता है। बाजार से मिलने वाली दही टाइट तो भले रहती है लेकिन बार-बार खरीदने पर जेब पर भारी पड़ने लगती है। ऐसे में घर के बजट को ध्यान में रखते हुए घर की महिलाएं घर पर ही दही जमा लेती हैं। हालांकि घर पर हलवाई जैसा टाइट दही जमाना हर महिला के लिए आसान काम नहीं होता है। कुछ महिलाएं गर्मियों के मौसम में शिकायत करती हैं कि उनसे बाजार जैसा टाइट दही घर पर नहीं जम पाता है या फिर दही जम भी जाए तो उसका स्वाद अच्छा नहीं होता है। अगर आप भी घर पर टाइट और स्वादिष्ट दही नहीं जमा पाती हैं तो हो सकता है आप कुछ गलती कर रही हों। आइए जानते हैं दही जमाने के लिए आपको फॉलो करने होंगे कौन से आसान किचन टिप्स।
दही जमाते समय ना करें ये गलतियां-
मौसम के अनुसार चुनें दही जमाने वाला बर्तन-
मौसम बदलते ही दही जमाने के लिए बर्तन भी बदल देना चाहिए। गर्मियों में दही जमाने के लिए मिट्टी का बर्तन सबसे अच्छा माना जाता है, तो वहीं सर्दियों के लिए स्टील का बर्तन सबसे अच्छा रहता है।
जैसा जामन होगा दही भी वैसा ही होगा-
दही का स्वाद और टेक्सचर सब कुछ उसके जामन पर निर्भर करता है। दही जमाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला जामन यदि पतला होगा तो दही भी पतला ही जमेगा। अगर आप चाहते हैं कि आपका दही बाजार के दही की तरह टाइट जमे तो उसके लिए दही का जमान भी टाइट ही होना चाहिए।
दूध का तापमान-
कई बार लोगों को दूध में जामन मिलाते समय इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उस समय दूध कितना गर्म होना चाहिए। ऐसे में ज्यादा गर्म या ज्यादा ठंडे दूध में दही का जामन डालने से टाइट दही नहीं जम पाती है। ध्यान रखें, दही जमाने के लिए दूध को हमेशा गुनगुना रखें। इसके बाद दूध में सही जामन डालकर मिक्स करने के बाद दही को 7-8 घंटे के लिए जमने के लिए छोड़ दें।
दही जमाने के बाद बर्तन को हिलाना-
दही जमने के बाद दही के बर्तन को बार-बार छूने या हिलाने से दही ढीली पड़कर पानी-पानी हो जाती है। ऐसे में टाइट दही जमाने के लिए दही के बर्तन को ढक कर किसी जगह पर रख दें, जहां से दही के बर्तन को बार-बार ना हिलाया जा सके।
दही जमाने का तरीका-
दही जमाने के लिए दूध के सही तापमान और जामन का ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद आधा लीटर दूध में एक बड़ा चम्मच दही का जामन डालकर अच्छे से मिक्स करके रसोई के किसी कोने में ढक कर रख दें। -
- संध्या शर्मा
कटहल में मौजूद पोषक तत्वों की करें तो इसमें थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। जो स्वाद के साथ व्यक्ति की सेहत का भी पूरा ध्यान रखते हैं। हालांकि कटहल का पूरा स्वाद व्यक्ति को तभी मिल पाता है जब उसे कटहल खरीदने की अच्छी पहचान हो। ऐसा ना होने पर व्यक्ति के पैसे और स्वाद दोनों खराब हो जाते हैं। अगर आपको भी कटहल खरीदने की अच्छी पहचान नहीं है तो ये किचन टिप्स आपको पैसे और मूड दोनों को खराब होने से बचाएंगे।
गर्मियों में अच्छा कटहल खरीदने के टिप्स-
गूदे का रंग-
जब कभी बाजार से कटा हुआ कटहल खरीदें तो इस बात का खास ख्याल रखें कि गूदे का रंग चमकीला पीला हो। इसके अलावा उस पर कोई गहरा रंग का धब्बा न दिखाई दें।
कटहल की खुशबू-
अगर आप साबुत कटहल खरीद रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि कटहल की खुशबू अच्छी हो। कटहल की तेज गंध से ही पता चल जाता है कि फल अंदर से पका हुआ है और उसके अंदर रसदार गूदा है।
भूरे रंग का कटहल-
अगर कटहल का रंग गहरे भूरे रंग का है और उस पर कई काले धब्बे नजर आ रहे रहैं तो, इसका मतलब है कि यह ज्यादा पका हुआ है और जल्दी ही बासी हो जाएगा।
छिलका-
अगर कटहल का छिलका नरम है, तो यह खाने के लिए अच्छी तरह पककर तैयार हो चुका है।
हरे रंग का कटहल-
अगर आप कटहल का सेवन कुछ दिनों बाद करना चाहते हैं तो बाजार से हरे रंग का कटहल खरीदकर लाएं। इसे कुछ दिन रूम टेंपरेचर पर पकने दें। -
-सीमा उपाध्याय
गर्मियों में अकसर ऐसी चीजें खाने की इच्छा करती है, जो शरीर को तरावट देने के साथ टेस्टी भी हो। ऐसी ही चीजों में भोजन के साथ परोसा जाने वाला रायता भी शामिल होता है। रायते के बिना भोजन की थाली अधूरी लगती है। यही वजह है कि लोग रोज बदल-बदलकर खीरे, बूंदी,लौकी जैसी चीजों का रायता बनाकर खाते हैं। लेकिन आप अगर रोजाना ये रूटिन रायते खाकर बोर हो चुके हैं तो ट्राई करें हेल्दी और टेस्टी केले का रायता। केले का रायता ना सिर्फ खाने में बेहद टेस्टी है बल्कि उसे बनाना भी बेहद आसान है। तो आइए बिना देर किए जान लेते हैं कैसे बनाया जाता है केले का रायता।
केले का रायता बनाने के लिए सामग्री-
-1 केला
-2 कप दही
-आधा चम्मच भुनी हुई सरसों पाउडर
-नमक स्वादानुसार
-आधा छोटा चम्मच चीनी
-हरा धनिया आवश्यकतानुसार
- 2 कटी हुई हरी मिर्च
केले का रायता बनाने का तरीका-
केले का रायता बनाने के लिए सबसे पहले केला काटकर अलग रख दें। इसके बाद एक दूसरे बाउल में दही और अन्य सभी सामग्रियों को डालकर अच्छी तरह से मिला लें। इस स्टेज में रायते में केले के टुकड़े और ऊपर से हरा धनिया भी डाल दें। आपका टेस्टी केले का रायता बनकर तैयार है। इसे सर्व करने से पहले कुछ देर फ्रिज में रख दें। इसके बाद भोजन के साथ इसे ठंडा-ठंडा सर्व करें। -
- संध्या शर्मा
काली मिर्च को भले ही देश के अलग-अलग प्रांत में लोग अलग-अलग नाम से जानते हैं, पर इसके स्वाद से हर कोई वाकिफ है। काली मिर्च अद्भुत स्वाद और सुगंध से भरपूर मसाला है, जिसका इस्तेमाल भारतीय खानपान में तरह-तरह से किया जाता है। इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पाइपरीन जो इसे उच्च गुणवत्ता वाला बनाता है। इसके साथ ही छोटी सी मिर्च विभिन्न पोषक तत्वों जैसे विटामिन-सी, विटामिन-के, मैग्नीशियम और पोटैशियम आदि का एक अच्छा स्रोत भी है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन-सी के कारण यह शरीर को संजीवनी शक्तियां प्रदान करता है, जिससे रोग प्रतिरोधक में मदद मिलती है ।
काली मिर्च का कमाल
मैं अपने भोजन में काली मिर्च को कई तरीके से शामिल करती हूं, मसलन ग्रेवी वाली सब्जी या सूखी सब्जी में, पाउडर के रूप में या क्रश करके, सूखे मसाले पाउडर में पीसकर, कुछ ताजी क्रश करके दाल में और पुलाव, खिचड़ी ,बिरयानी आदि में साबुत ही। टमाटर-प्याज की चटनी में काली मिर्च को डालने से अच्छा स्वाद मिलता है। इसके अलावा रायते, सलाद आदि में काले नमक के साथ काली मिर्च पाउडर भी ऊपर से बुरकें। सूप में इसे क्रश करके डालें, वहीं पुलाव, खिचड़ी, बिरयानी आदि में साबुत काली मिर्च का इस्तेमाल करें। उपरोक्त खाद्य पदार्थों के अलावा सभी सूखे मसालों जैसे गरम मसाला, चाट मसाला, बिरयानी मसाला, पानी पुरी मसाला, परांठा मसाला, अचार मसाला आदि में भी मैं काली मिर्च डालती हूं। इसके अलावा चाय मसाले की तो जान ही काली मिर्च पाउडर है । कैसे काली मिर्च को बनाएं अपने भोजन का हिस्सा, आइए जानें:
• तड़के में उपयोग : भोजन बनाते समय तड़के में काली मिर्च का उपयोग करने से स्वाद में ताजगी और चटपटाहट आती है। तड़का लगाते समय तेल या घी हल्का गर्म होने पर उसमें काली मिर्च डालें। हल्का भुन जाने पर तड़का लगाएं। डिश का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• सब्जी में शामिल करें ऐसे: सूखी सब्जी बनाते समय सब्जी भूनते समय काली मिर्च को कूटकर या पीसकर ताजा ही डालें। पर गोभी स्ट्यू आदि में तड़का लगाते समय काली मिर्च डालें। इससे सब्जी में स्वाद अधिक आता है।
• ग्रेवी में उपयोग: ग्रेवी बनाते समय अन्य मसाले के साथ काली मिर्च को भी पीसकर मसाले के साथ भूनें। ग्रेवी का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
• दाल में कमाल: धुली मूंग दाल या धुली उड़द दाल में तड़का लगाते समय हींग और जीरे के साथ काली मिर्च को भी क्रश करके डालें। इससे दाल का स्वाद बहुत अच्छा हो जाएगा।
काली मिर्च के प्रकार
आपको शायद पता न हो लेकिन काली और सफेद मिर्च वास्तव में एक ही पौधे से आती है। बस उनकी कटाई और आगे की प्रक्रिया पर उसका रंग निर्भर करता है। यदि आप ध्यान से देखेंगी तो सफेद मिर्च के दाने चिकने और छोटे होते हैं, जबकि काली मिर्च के दाने बाहर से झुर्रीदार होते हैं । सफेद मिर्च का उपयोग मैं ठंडाई पाउडर बनाते समय, दही के शोले, पास्ता ,स्टर फ्राई,क्रीम सॉस आदि बनाते समय करती हूं।
ऐसे करें स्टोर
1) पिसी हुई काली मिर्च के बजाय साबुत काली मिर्च खरीदना हमेशा बेहतर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक बार पीसने के बाद काली मिर्च जल्दी ही अपना स्वाद और सुगंध खो देती है।
2) साबुत काली मिर्च पिसी हुई काली मिर्च की तुलना में अधिक समय तक टिकती है। इनको ठंडी और अंधेरी जगह पर ही रखना चाहिए। इसके अलावा यदि काली मिर्च पाउडर बनाया है तो एयर टाइट डिब्बे में फ्रिज में रखें । इसका स्वाद और सुगंध बरकरार रहेगा।
3) एक साल के भीतर काली मिर्च का उपयोग कर लेना चाहिए और पिसी हुई मिर्च का कुछ महीनों के भीतर, तभी इसका स्वाद बेहतर मिलेगा।
सेहत का रखवाला
1) काली मिर्च पाउडर को हल्दी पाउडर के साथ उबालकर दूध पीने से सर्दी जुकाम में राहत मिलती है।
2) काढ़ा बनाते समय भी इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक होती है।
3) काली मिर्च पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करती है और पेट व आंतों को साफ करती है। -
-सीमा उपाध्याय
सत्तू के बारे में सोचते ही मुझे आज से चार दशक पहले की एक घटना याद आ रही है। उस समय हम लोग शिलॉन्ग में थे और मैं अपने पड़ोसी से मिलने गई। वे लोग बिहार से थे। लंच टाइम था और उन्होंने मुझे सत्तू का पराठा और रायता खाने का आग्रह किया। मैंने आनाकानी करनी चाही, पर उनके आग्रह के आगे एक छोटा पराठा लेना ही पड़ा। चने के सत्तू में बारीक कटी प्याज,अन्य सूखे मसाले व मिर्च के अचार का मसाला मिलाकर उस पराठे को बनाया गया था। मुझे उसका स्वाद बहुत अच्छा लगा। मैंने पहली बार सत्तू को इस तरह से खाया था।
क्या है सत्तू
सत्तू में मौजूद ढेर सारे पोषक तत्व ही उसे सुपर फूड बनाते हैं। यह सुपर फूड अपने आप में संपूर्ण भोजन है। साथ ही सत्तू में एक ठंडक प्रदान करने वाला एजेंट मौजूद रहता है, जो स्वभाविक रूप से शरीर के तापमान को कम करता है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह प्रमुख व्यंजन है। गर्मियों में इसकी डिमांड बहुत बढ़ जाती है। सत्तू मुख्यत: यह एक सूखा पाउडर है, जिसे चने और जौ आदि अनाजों को भूनकर और पीसकर बनाया जाता है। चने का सत्तू गर्मियों में ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। यह एक ऐसा पाउडर है, जिससे नमकीन या मीठा शर्बत, चीला, लड्डू, परांठे आदि बनाना आसान होता है। सत्तू का जिक्र तो आयुर्वेद में भी है। इसको गर्मियों का टॉनिक कहा गया है।
कैसे तैयार होता है सत्तू?
बाजार में कई कंपनियों के सत्तू उपलब्ध हैं। अकसर चने को पीसकर इसका पाउडर पैक कर दिया जाता है, जबकि असलियत में सत्तू तैयार करने की प्रक्रिया थोड़ी अलग है। सत्तू बनाने के लिए चने को पहले पानी में भिगोकर रखा जाता है, फिर उसे सुखाकर भूना जाता है। उसके बाद छिलके सहित या छिल्का उताकर उसे पीसा जाता है।
सेहत का रखवाला
सत्तू प्रोटीन,फाइबर, कैल्शियम,आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह ऊर्जा का शानदार स्रोत है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा को तुरंत रिलीज करता है। गर्मी में ज्यादा मेहनत का काम करने वालों के लिए यह पावर हाउस की तरह काम करता है। इसके सेवन से शुगर को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है। सत्तू गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता है। पर, ध्यान रखें खाना खाने के बाद कभी भी सत्तू न खाएं। दूसरा, अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करें।
सत्तू का यूं करें सेवन
1 आवश्यकतानुसार पानी में थोड़ा-सा सत्तू, नीबू का रस, थोड़ा सा काला व सफेद नमक, भुना हुआ जीरा पाउडर और ठंडा पानी डालकर मिलाएं और सर्व करें। गर्मी के मौसम में इस शर्बत को पीने से पेट ठंडा रहता है। मैं पानी की जगह कभी-कभी सोडा डाल देती हूं और साथ में पुदीना पीसकर भी मिला देती हूं। स्वाद बहुत अच्छा हो जाता है।
2 कम घी डालकर कम मेहनत में सत्तू से आप लड्डू और बर्फी भी बना सकती हैं। इसके अलावा सत्तू के चीले भी बहुत स्वादिष्ट बनते हैं।
3 आलू का सांबर बनाते समय मैं उसमें थोड़ा-सा सत्तू मिला देती हूं। झटपट बढ़िया स्वादिष्ट सांबर तैयार हो जाता है।
4 सत्तू के इस शर्बत में मैं घर का बना थोड़ा सा जलजीरा पाउडर ,मिश्री पाउडर, नीबू का रस आदि भी डालती हूं। अच्छा स्वाद मिलता है।
5 सत्तू में प्याज, गाजर, शिमला मिर्च और थोड़ी सी सूजी और नमक और मिर्च डालकर अप्पे बनाएं। स्वाद और सेहत दोनों ठीक रहते हैं। आप सत्तू वाले पराठे और कचौड़ी आदि भी बना सकती हैं।
6 लिट्टी के भरावन के रूप में सत्तू का ही इस्तेमाल होता है। आप इसमें अपने हिसाब से मसाला डाल लें।
7 सत्तू से आप कढ़ी भी बना सकती हैं। स्वाद तो अच्छा मिलेगा ही पोषक तत्व भी भरपूर मिलेंगे। इसके लिए आपको रेसिपी में बेसन के विकल्प के रूप में सत्तू को इस्तेमाल करना होगा।
ऐसे करें स्टोर
• जब भी सत्तू को स्टोर करें तो उस डिब्बे में लौंग डाल दें। इसे कीड़े नहीं लगेंगे और सत्तू हमेशा फ्रेश रहेगा। • आप कंटेनर के अंदर नीम के पत्तों को कपड़े में बांधकर भी रख सकती हैं । • सत्तू को हमेशा एयर टाइट कंटेनर में ही स्टोर करें। • हमेशा कम-कम मात्रा में ही सत्तू की खरीदारी करें। • सत्तू निकालने के लिए कभी भी गीले हाथ या चम्मच का इस्तेमाल नहीं करें। • अगर आपके फ्रिज में जगह हो तो जिप पाउच में भी सत्तू को रख सकती हैं।
- - संध्या शर्मागर्मी के मौसम में ज्यादातर डॉक्टर करेला खाने की सलाह देते हैं। करेले में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद रहते हैं। कई बीमारियों में करेले का सेवन किया जाता है। करेला एक ऐसी सब्जी है, जिसे सही तरह से बनाना काफी जरूरी होता है। वैसे तो करेला खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है, लेकिन अगर इसे सही से न बनाया जाए तो इसका स्वाद काफी कड़वा हो जाता है।बड़े लोग तो फिर भी एक बार को ये सोचकर करेले खा लें, कि ये सेहत के लिए लाभदायक होते हैं, लेकिन बच्चों के खाने को लेकर काफी नखरे होते हैं। अगर आप भी इस बात से परेशान हैं, कि करेला बनाते वक्त ये कड़वे रह जाते हैं, तो ये लेख आपके लिए है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनको फॉलो करने के बाद करेले की सब्जी का कड़वापन दूर हो जाएगा।लगा कर रखें नमककरेला बनाने से पहले तकरीबन 30 मिनट के लिए करेलों पर अच्छी तरह से नमक लगा दें। नमक में पाए जाने वाले मिनरल्स करेले के कड़वे जूस को हटाने में मदद करेंगे। आप चाहें तो इन्हें नमक के पानी में भिगो कर भी रख सकते हैं। बनाने से पहले इसे अच्छी तरह से धो जरूर लें।बीजों को हटाएंकरेले के बीजों में काफी कड़वापन पाया जाता है। ऐसे में आप करेला काटते वक्त इसके बीजों को निकाल दें। बीज निकालने के बाद इसका कड़वापन काफी हद तक कम हो जाएगा।सही से छीलेंकरेलों को बनाने से पहले उसे से छील जरूर लें। ऐसा करने से इसका कड़वापन कम हो जाएगा। करेले के छिलके में ही सबसे ज्यादा कड़वापन पाया जाता है। ऐसे में इसका मोटा छिलका उतार लें। आप चाहें तो इसे धूप में सुखाकर भरवां करेला बनाते समय इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।दही कम करेगा कड़वापनअगर आप करेला बनाने से पहले एक घंटे तक उसे दही में भिगो कर रखेंगे तो इससे भी करेले का कड़वापन काफी हद तक कम हो जाएगा। करेला बनाने के लिए इसे दही से निकालें और फिर इसकी सब्जी बना लें।
- -सीमा उपाध्यायसर्दी के मौसम में खाने के कई विकल्प मिल जाते हैं, जो शरीर के लिए लाभदायक भी होते हैं। परेशानी सामने आती है गर्मी के मौसम में क्योंकि इस मौसम में खाना खाना तो आसान होता है लेकिन खाने को पचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है।गर्मी में यदि कोई ज्यादा खाना खा लेता है तो तबियत खराब होने का खतरा भी मंडराता रहता है। इसके साथ ही लोगों के शरीर मे तला-भुना खाने की वजह से पानी की कमी होने लगती है। जिस वजह से कमजोरी आने लगती है। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए लोग तरबूज का सेवन करते हैं।बच्चों को साधारण तरीके से फल खिलाना काफी मुश्किल होता है। इसी के चलते आज के इस लेख में हम आपको तरबूज से बनने वाले कुछ ऐसे पकवानों के बारे में बताएंगे, जो खाने और पीने में काफी स्वादिष्ट होते हैं। इन डिशेज को बनाना भी काफी आसान होता है।तरबूज का जूसअगर कहीं बाहर से आ रहे हैं और आपको कुछ ऐसा पीने का मन है जो रिफ्रेशिंग हो तो तरबूज का जूस एक बेहतर विकल्प है। इसे बनाना भी काफी आसान है। ऐसे में आप इसे बनाकर फ्रिज में रख सकते हैं।मोहब्बत का शरबतगर्मियों के मौसम में लोग इसका सेवन करना काफी पसंद करते हैं। दूध और तरबूज से बना ये शरबत शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करता है। ये दूध से बना होता है, ऐसे में आप इसे बच्चों को हर रोज पिला सकते हैं।तरबूज का सलादये सलाद आपके स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा है। इसके अलावा ये आपको फ्रेश रखने का काम करेगा। तरबूज का सलाद बनाने के लिए आपको चीज की जरूरत पड़ेगी, ताकि ये और भी ज्यादा स्वादिष्ट लगे।तरबूज का रायताइस मौसम में दही का सेवन करना शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। ऐसे में आप तरबूज का रायता बनाकर उसे परोस सकते हैं। इसे बनाने के बाद इस रायते में ऊपर से तरबूज के क्यूब बनाकर जरूर परोसें।तरबूज की कुल्फीगर्मियों के मौसम में हर किसी को आईसक्रीम और कुल्फी खाना काफी पसंद होता है। ऐसे में आप अगर तरबूज की कुल्फी बनाकर अपने घरवालों को खिलाएंगे तो वो इसे खाकर आपकी तारीफ जरूर करेंगे। इसके साथ ही इसके सेवन से उन्हें काफी ठंडक का एहसास होगा।
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- संध्या शर्मा
खाना पकाना एक कला है। लेकिन छोटी-मोटी कमी को तो नजरअंदाज किया जा सकता है। हालांकि कई बार थोड़ी सी लापरवाही या खाने की सामग्री में सही मात्रा का अंदाजा नहीं होने की वजह से मसाले ज्यादा पड़ जाते हैं। ऐसे में खाने का स्वाद बिगड़ जाता है। अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हो जाए और ग्रेवी में मसाले ज्यादा पड़ जाएं तो इन छोटे स्मार्ट टिप्स से स्वाद को सही किया जा सकता है।
ग्रेवी में डालें दूध या दही
मसाला ज्यादा होने पर सबसे सेफ ऑप्शन डेयरी प्रोडक्ट्स होते हैं। दूध, बटर, क्रीम या दही, चीज किसी भी चीज को स्वाद के हिसाब से ज्यादा जा सकता है। ग्रेवी में मसाला ज्यादा हो जाए तो सबसे ज्यादा असर बटर का होता है। बटर मसाले के तीखेपन को कम करता है। अगर सही नहीं होता तो दही भी काम करती है। दही डालने से ग्रेवी में खट्टापन आ जाता है। साथ ही मसालों का तीखापन कम हो जाता है।
ग्रेवी को करें पतला
अगर ग्रेवी में मसाले ज्यादा हो गए हैं तो उनमे कुछ सामग्री को बढ़ाकर ग्रेवी के टेक्सचर को बदल दें। जैसे कि ज्यादा गाढ़ी ग्रेवी में मसाला ज्यादा होने पर पानी के साथ टेक्सचर को सही करें।
ग्रेवी में डाले स्वीट
कुछ तरह की ग्रेवी जैसे मंचूरियन या सूप में तीखापन बढ़ गया है या फिर मसाले ज्यादा हो गए हैं तो इनमे शहद, मेपल सीरप, ब्राउन शुगर को डालकर मिठास बढ़ा दें। इससे डिश का स्वाद बढ़ जाता है। और साथ ही ग्रेवी का तीखापन भी खत्म हो जाता है। हालांकि ध्यान रहे कि मीठापन ज्यादा ना हो जाए नहीं तो सारा स्वाद बिगड़ जाएगा।
काजू-बादाम का पेस्ट
करी में मसाले ज्यादा हो गए हैं तो इसमे काजू का पेस्ट, बादाम का पेस्ट या नारियल को पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को मिलाने से ग्रेवी में मसाले के स्वाद को बैलेंस किया जा सकता है। -
-सीमा उपाध्याय
सब्जियों के भरवें बहुत टेस्टी लगते हैं। अगर आप हर दिन परवल की सब्जी एक जैसे बनाकर बोर हो गई हैं। तो इस बार लंच में बनाएं टेस्टी मसालेदार स्टफ्ड परवल। इसकी रेसिपी आसान है और बनाने के लिए कुछ भी अलग से तैयारी करने की जरूर नहीं। बस फटाफट नोट कर लें स्टफ्ड परवल की रेसिपी। इसे ड्राई खाएं या फिर चाहें तो ग्रेवी में डालकर सब्जी जैसा तैयार करें।
स्टफ्ड भरवां परवल बनाने की सामग्री==
250 ग्राम परवल
हल्दी पाउडर आधा छोटा चम्मच
स्टफ्ड परवल बनाने की रेसिपी
सबसे पहले परवल को अच्छी तरह से धो लें। फिर डंठल काटकर परवल के ऊपरी पतली परत को खुरचकर निकाल दें।
अब परवल में लंबाई में चीरा लगाएं जिससे कि मसाला अंदर भरा जा सके। साथ ही परवल के बीज भी बाहर निकाल दें।
मसाला बनाने की विधि
-एक पैन में सरसों का तेल डालें और गर्म करें।
-जब तेल गर्म हो जाए तो इसमे आधा चम्मच जीरा और हींक एक चुटकी डालें। साथ में तीन चम्मच बेसन को अच्छी तरह से भून लें। बेसन भुन जाने के बाद इसमे परवल के बीच से निकले गूदे को भी मिलाकर भून लें।
-अच्छी तरह से भुन जाए तो डेढ़ चम्मच सौंफ पाउडर, धनिया पाउडर, आधा चम्मच हल्दी पाउडर, कश्मीरी लाल मिर्च, आधा चम्मच जीरा पाउडर डालकर मिलाएं।
-साथ में हरी मिर्च, अदरक को बारीक काटकर और अमचूर पाउडर के साथ गरम मसाला को डालकर मिलाएं।
-इस मसाले को प्लेट में निकालकर नमक डालें और मिक्स करें।
-तैयार मसाले को सारे परवल में चम्मच से दबा-दबाकर भरें।
-अब कड़ाही में तेल डालें और गर्म होते ही सारे परवल को डालकर अच्छी तरह से पकाएं। ढंककर दोनों तरफ से तब तक पकाएं जब तक कि परवल पक ना जाएं। बस तैयार हैं भरवां परवल।
-आप चाहें तो इसे ड्राई खाएं या फिर ग्रेवी में डालकर सब्जी के तौर पर खाएं। -
- संध्या शर्मा
इलायची का नाम आते ही मेरे मुंह में उसका स्वाद और सुगंध घूमने लगती है और मन करता है तुरंत खा लूं। यह मसाला ही ऐसा है, जिसको मैं बचपन से भोजन के बाद या केला खाने के बाद खाती आई हूं। जब भी भोजन के बाद सौंफ, लौंग इलायची मेहमानों को सर्व की जाती, हम बच्चे उसमें से इलायची खूब सारी ले लेते थे। अब तो इलायची शाही ढंग से चांदी के वर्क में लपेटे हुए भी आती है। इलायची एक खुशबूदार मसाला है, जो भारतीय खानपान में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह दो प्रकार की होती है, एक हरी, जिसे छोटी इलायची के नाम से भी जाना जाता है। दूसरी, काली यानी बड़ी इलायची। यह दोनों प्रकार की इलायची अपने आप में ढेरों औषधीय गुणों को भी समेटे हुए हैं। छोटी इलायची हो या बड़ी मैं दोनों को ही तीन तरह से उपयोग में लाती हूं। पहले पीसकर यानी उनके बीजों का पाउडर बनाकर, दूसरा साबुत और तीसरा कूट कर। अधिकांशत: सभी लोग इलायची के बारे में जानते हैं, पर स्वाद का तड़का लगाते समय किस इलायची का प्रयोग किस तरह की डिश में करना चाहिए, यह जानना भी जरूरी है:
बड़ी इलायची का इस्तेमाल
1 पुलाव बनाना हो या बिरयानी...तेल में तड़का लगाते समय तेजपत्ता ,लौंग, जीरा आदि के साथ साबुत बड़ी इलायची डाल देने से पुलाव या बिरयानी का स्वाद बहुत ही अच्छा हो जाता है।
2 छोले, सफेद मटर आदि को उबालते समय उसमें बड़ी इलायची, दालचीनी का टुकड़ा, लौंग आदि डालकर उबालने से स्वाद बहुत अच्छा हो जाता है। जब ये साबुत मसाले उबल जाएं तो उन्हें निकालकर अदरक आदि के साथ पेस्ट बनाकर छोले, मटर आदि में फिर से मिला दें। बड़ी इलायची को छिलके के साथ ही पीसने से स्वाद बहुत अच्छा आता है।
3 मूंग की दाल में तड़का लगाते समय साबुत बड़ी इलायची को कूटकर, घी में जीरा,मिर्च आदि के साथ भूनकर मिला देती हूं। स्वादिष्ट दाल तैयार हो जाती है।
4 गरम मसाला, बिरयानी मसाला आदि में भी बड़ी इलायची डालकर ही पीसती हूं। लौकी के कोफ्तों के गोले के बीच चुटकी भर इलायची पाउडर डालकर उन्हें तलें।
छोटी इलायची का स्वाद-
1 बर्फी, रबड़ी, मालपुआ, हलवा,खीर आदि कोई भी मिठाई बनाते समय मैं इलायची पाउडर का इस्तेमाल करती हूं।
2 चीनी की या गुड़ की चाशनी बनाते समय कूटकर इलायची डालने से चाशनी में खुशबू रच- बस जाती है।
3 चाय के स्वाद में चार-चांद लगाने के लिए भी छोटी इलायची को कूटकर चाय के पानी में डालती हूं। गर्मी के दिनों में अधिकांश लोग अदरक वाली चाय की जगह सिर्फ इलायची वाली चाय पीना पसंद करते हैं।
4 खीर आदि में ठंडा होने के बाद ही इलायची पाउडर डालती हूं। इससे खीर बहुत स्वादिष्ट हो जाती है।
5 छोटी इलायची को छिलके सहित पीस लें। इसका इस्तेमाल इलायची चाय बनाने में करें।
6 इलायची के छिलकों को फेंकने की जगह चायपत्ती के डिब्बे में डालें। चाय में इलायची की खुशबू आएगी।
7 छोटी इलायची को थोड़ी देर फ्रिज में रखने के बाद साबुत ही पीसें। बारीक पाउडर तैयार होगा।
8 जब इलायची के बीज पीसने हो तो थोड़ी-सी चीनी डालकर पीसकर रखें ताकि ठीक से पाउडर बन जाए। पनीर जैसी कई ग्रेवी वाली सब्जियों में भी छोटी इलायची मैं कूटकर डालती हूं।
सेहत का साथ
• छोटी इलायची की तासीर ठंडी होती है। अत: गर्मियों में इसका उपयोग ज्यादा करना चाहिए। यदि मुंह में छाले हो गए हैं तो एक गिलास उबलते पानी में दो-तीन इलायची डालकर उबालें, फिर छान कर ठंडा करके एक बोतल में भरकर फ्रिज में रख लें। प्रतिदिन एक गिलास पानी में दो टेबल स्पून इलायची वाला पानी डालकर पिएं, दो-तीन बार छालों में आराम मिलेगा।
• पाचन संबंधी समस्या होने पर छाले होते हैं। ऐसे में पानी का सेवन न कर पाएं, तो छोटी इलायची भोजन के बाद खाएं। छोटी इलायची माउथ फ्रेशनर का भी काम करती है। अत: भोजन के बाद इसके सेवन से मुंह से बदबू नहीं आती है।
• अगर आपने ज्यादा खाना खा लिया है और पेट में गैस, अपच महसूस हो रही है तो आप एक इलायची का सेवन गर्म पानी के साथ करें ।
• बड़ी इलायची की तासीर गर्म होती है, अत: सर्दियों में इसका इस्तेमाल ज्यादा होता है। सिर में दर्द हो तो बड़ी इलायची के बीजों को पीसकर माथे पर लगाएं। बड़ी इलायची को सूंघने से सिर दर्द में राहत मिलती है। -
-सीमा उपाध्याय
गर्मियां शुरू होते ही फलों का राजा आम, बाजार में हर जगह नजर आने लगता है। पीले मीठे रसीले आम का स्वाद बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक को बेहद पसंद होता है। आम का सेवन लोग बाकी फलों की तरह काटकर खाने से लेकर आइसक्रीम, मैंगो शेक जैसी चीजें बनाकर भी करते हैं। लेकिन आम के शौकीनों के लिए समस्या तब हो जाती है जब आम का सीजन निकल जाने के बाद उन्हें मैंगो का स्वाद चखने के लिए नहीं मिलता है। अगर आप भी मैंगो की फ्रेशनेस को लंबे समय तक स्टोर करके रखना चाहते हैं या फिर बाजार से ज्यादा आम खरीदकर ले आए हैं और उन्हें खराब होने से बचाना चाहते हैं तो ये किचन हैक्स आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।
आम स्टोर करने का सही तरीका-
आम काटकर करें स्टोर-
जिन पके हुए आम को स्टोर करना है, उन्हें छीलकर बड़े टुकड़ों में काट लें। अब इन टुकड़ों पर थोड़ी सी शक्कर छिड़कर फ्रिजर में 2-3 घंटे के लिए रख दें। इसके बाद आम के इन टुकड़ों को एक एयर टाइट कंटेनर में डालकर फ्रिज में स्टोर करने के लिए रख दें। इस हैक की मदद से आप पके हुए मैंगो का लुत्फ 1-2 महीने तक उठा सकते हैं।
स्टोर करने के लिए करें ऐसे आम का चुनाव-
अगर आप किसी वजह से जरूरत से ज्यादा आम बाजार से खरीदकर ले आएं हैं तो इसे स्टोर करके रख सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको ऐसे आम को चुनकर अलग करने की जरूरत है, जो पके होने के बावजूद टाइट हो। ज्यादा पिलपिले या रस वाले आम को ज्यादा दिनों तक फ्रेश रख पाना थोड़ा मुश्किल होता है।
फ्रिज में करें स्टोर-
पके आमों को लंबे समय तक फ्रेश बनाए रखने के लिए उन्हें फ्रिज में भी स्टोर करके रखा जा सकता है। फ्रिज में आम 6 दिनों तक चल सकते हैं। लेकिन इसके लिए फ्रिज का आंतरिक तापमान लगभग 40°F यानी 4°C पर सेट होना चाहिए। इससे ज्यादा तापमान पर स्टोर किए हुए आम सड़ सकते हैं।
आइस क्यूब बनाकर करें स्टोर -
आम को स्टोर करने का सबसे अच्छा तरीका उसे आइस क्यूब बनाकर स्टोर करना होता है। इस टिप को फॉलो करने के लिए आप मैंगो की प्यूरी बनाकर उसे आइस ट्रे में भरकर फ्रीज कर लें। इसके अलावा आप चाहें तो इस मैंगो पल्प को किसी जिप लॉक में भी बंद करके रख सकती हैं।
पेपर बैग-
अगर आपके पास फ्रिज नहीं है और आप आम को कुछ दिन तक स्टोर करके रखना चाहती हैं तो आम को पेपर बैग में रख सकते हैं। पेपर बैग एक्स्ट्रा मॉश्चर को सोखकर उसे जल्दी सड़ने से रोकता है। - सत्तू आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है ये तो आप जानती ही हैं लेकिन क्या आप ये जानती हैं कि सत्तू का शरबत कैसे बनता है। आप अपने घर पर आसानी से इस बार गर्मियों में सत्तू का हेल्दी नमकीन शरबत बनाने की रेसिपी जान लीजिए।गर्मी के मौसम में सत्तू का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। कुछ लोग सत्तू के परांठे बनाकर खाते हैं तो यूपी और बिहार में लिट्टी चोखा बनाया जाता है जिसमें सत्तू का खास इस्तेमाल किया जाता है। आप अपने घर पर इस बार गर्मियों में सत्तू का शरबत बनाकर जरूर पिएं और अपने घर आने वाले मेहमानों को भी सत्तू का शरबत जरूर पिलाएं।सत्तू का शरबत गर्मियों में आपके शरीर को ठंडक पहुंचाता है। गर्मी से कई तरह की होने वाली बिमारियां भी सत्तू को किसी भी तरह से लेने से नहीं होती या ठीक हो जाती हैं।सत्तू का शरबत दो तरह से फायदेमंद होता है एक तो सत्तू ठंडा होता है और दूसरा जब आप पानी से सत्तू का शरबत बनाती हैं तो ये आपके शरीर को हाइड्रेट भी रखता है। तो इन गर्मियों में आप अपने घर पर सत्तू का शरबत कैसे बना सकती हैं इसे बनाने के लिए आपको क्या चाहिए और इसे बनाने का सही तरीका क्या है ये हम आपको इस रेसिपी में बता रहे हैं।सत्तू का नमकीन शरबत बनाने की सामग्रीचने का सत्तू - आधा कपपोदीना के पत्ते - 10नीबू का रस- 2 चम्मचहरी मिर्च - आधीभुना जीरा - आधा छोटी चम्मचकाला नमक - स्वादानुसार या आधा छोटी चम्मचनमक - एक चौथाई चम्मच या स्वादानुसारसत्तू का नमकीन शरबत बनाने की विधिपोदीना के पत्ते धोइये, 2 पत्ते साबुत छोड़ कर, सारे पत्ते बारीक काट लीजिये. हरी मिर्च को बारीक काट लीजिये हरी मिर्च को कम तीखा खाते हैं तब अपने हिसाब से कम कर लीजिये।सबसे पहले सत्तू में थोड़ा सा ठंडा पानी डालकर गुठलियां खतम होने तक घोल लीजिये, और अब 1 कप पानी मिला दीजिये, घोल में काला नमक, सादा नमक, हरी मिर्च, पोदीना की पत्तियां, नीबू का रस और भुना जीरा पाउडर डाल कर मिला दीजिये. सत्तू का नमकीन शर्बत तैयार है।सत्तू के नमकीन शर्बत को गिलास में डालिये और पोदीना की साबुत पत्ती डालकर सजा दीजिये, शर्बत को और अधिक ठंडा करने के लिये, 3-4 बर्फ के क्यूब बारीक तोड़कर डाल कर मिलाये जा सकते हैं।गर्मी के मौसम में रोजाना 1 -2 गिलास सत्तू का नमकीन शर्बत बनाकर पीजिये, ये आपको गर्मी से राहत देगा और लू से भी बचायेगा।मीठा शरबतसामग्री- आधा कप चना या मिक्स सत्तू, नीबू, गुड़ या शक्कर, काला नमक, ठंडा पानी, पुदीना पत्तीविधि- एक गिलास ठंडे पानी में सत्तू को घोल लें और उसमें गुड़ या शक्कर मिला दें। स्वाद के लिए उसमें काला नमक और नींबू मिला दें। ऊपर से पुदीना पत्ती या फिर धनिया पत्ती से गार्निश करें। चाहे तो इसमें बर्फ के टुकड़े भी डाल दें।.सत्तू के फायदे-सत्तू में फाइबर, कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, स्टार्च जैसे healthy nutrients होते हैं। चने का सत्तू गर्मी में पेट की बीमारी होने से बचाता है।-एक दिन में ज्यादा सत्तू नहीं खाना चाहिए। सत्तू सुबह या दोपहर में एक बार ही करना चाहिए।-सत्तू खाने या पीने से खून साफ होता है जिससे खून से जुड़ी बीमारियां भी नहीं होती।
- एक्ट्रेस सोनम कपूर और उनके पति आनंद अहूजा ने हाल ही में अपने बेटे का वेलकम किया है। उन्होंने मातृत्व की चुनौतियों पर खुलकर बात की है। स्वास्थ्य के लिहाज से उन्होंने पहले के मुकाबले अब खुद को काफी फिट कर लिया है। मीडिया को दिए एक इंटरव्यूह में सोनम ने मातृत्व की सभी चुनौतियों पर खुलकर बातचीत की। पिछले कुछ समय में सोनम को कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं, लेकिन अब वे एक फिट मॉम बन चुकी है। इंटरव्यूह के दौरान हुई बातचीत में सोनम से पूछा गया कि क्या मॉम हिल्ट जैसी कोई चीज होती है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मदरहुड के लिए कोई तैयार नहीं होता है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई काम करने वाली महिला हो या फिर कोई हाउस वाइफ ही क्यों न हों। मॉम गिल्ट से होकर सभी माओं को गुजरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि महिला चाहे कुछ भी करती हो चाहे वह घर पर खाना बनाती हो चाहे वह बाहर जाकर काम करती हों आपके मन में यह गिल्ट हमेशा रहता है।अपने बच्चों का रखते हैं ध्यानसोनम कपूर ने बताया कि लोग सोचते हैं कि हम अपने बच्चों का ध्यान नहीं रखते हैं। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है हम काम करने के साथ-साथ अपने बच्चों का भी ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की स्टीरियोटाइप सोच बन गई है कि काम करने वाली महिलाए बच्चों का ध्यान ठीक तरह से नहीं रखती हैं। उन्होंने कहा कि हम बच्चों का उतना ध्यान रखते हैं, जिससे हमारा काम भी हो सके।मदरहुड के बाद बदली सोचसोनम ने कहा कि मदरहुड के बाद से मेरी जिंदगी में काफी बदलाव आए हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद से न केवल मेरी सेहत बल्कि सोच में भी काफी परिवर्तन आया है। उन्होंने बताया कि मां बनने के बाद मेरी शरीर बदल गई है और मैने भी शरीर पर ध्यान देना शुरु कर दिया था।
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- संध्या शर्मा
पाव भाजी महाराष्ट्र का फेमस स्ट्रीट फूड है। हालांकि, ये डिश अब हर रेस्तरां के मेन्यू में शामिल हो चुकी है। भाजी को बनाने में कई सारी सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे काफी हद तक हेल्दी डिश माना जाता है। लोग इसे घर पर बनाना भी पसंद करते हैं। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि आप घर बनी पावभाजी में बाहर वाला टेस्ट नहीं आता। इसका मुख्य कारण मसाला है। पावभाजी माला स्वाद को पूरी तरह से बदल सकता है।
यहां हम बता रहे हैं घर पर स्पेशल पावभाजी मसाला बनाने की रेसिपी।
पाव भाजी मसाला बनाने के लिए आपको चाहिए...
8-10 सूखी लाल मिर्च
1 कप सूखा धनिया
3 बड़ी इलायची
1 चम्मच हल्दी
2 चम्मच अमचूर पाउडर
1 टेबल स्पून काली पिसी मिर्च
1 चम्मच काला नमक
7 लौंग
2 छोटे चम्मच जीरा
2 छोटे चम्मच सौंफ
1 छोटी दालचीनी स्टिक
कैसे बनाएं मसाला
पाव भाजी मसाला बनाने के लिए सबसे पहले पैन गर्म करें। फिर इसमें धनिया, जीरा, सौंफ, लाल सूखी मिर्च, काली मिर्च डालें और 3 से 4 मिनट तक भून लें। अब इसे आंच से हटा दें और मसाले को ठंडा होने दें। ठंडा हो जाने के बाद अच्छी तरह से पीस लें और फिर इसे छलनी से छान लें। पाव भाजी मसाला तैयार है। इसे डिब्बे में स्टोर करें और फिर इस्तेमाल करें। इस मसाले को किसी एयर टाइट कंटेनर में या फिर किसी कांच के बॉक्स में रखें।