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- सुबह का नाश्ता पूरा दिन एनर्जी देने के लिए बेहद जरूरी होता है. ऐसे में कहा जाता है कि सुबह ऐसा नाश्ता करना चाहिए तो पोषण से भरपूर हो. हालांकि, भारतीय घरों में सुबह काफी हैवी नाश्ता किया जाता है. जैसे आलू के पराठे, छोले भटूरे, पूरी सब्जी आदि. वहीं, कुछ लोग सुबह की शुरुआत हेल्दी और लाइट नाश्ते के साथ करते हैं. जिसमें वो पोहा, इडली, उपमा जैसी चीजें लेते हैं. इडली और उपमा दो ऐसे नाश्ते हैं तो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. ये दोनों ही नाश्ते दक्षिण भारत में काफी खाए जाते हैं. वहीं, अब भारत के कई हिस्सों में इन्हें पसंद किया जाने लगा है.इडली और उपमा हेल्दी नाश्ते की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. इन दोनों नाश्ते को फिटनेस फ्रीक लोग बड़े चाव से खाते हैं. हालांकि, दोनों में पोषक तत्वों को लेकर कुछ अंतर होता है. तो चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इडली और उपमा में से कौन सा नाश्ता ज्यादा हेल्दी ऑप्शन है और किसे आपको अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करना चाहिए.पोषक तत्वों से भरपूर इडलीइडली चावल के आटे और सूजी से बनने वाला नाश्ता है. ये काफी हल्का होता है और पोषक तत्वों से भरपूर भी. इडली कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन सोर्स है. इसके अलावा इसमें प्रोटीन, डायटरी फाइबर , आयरन, विटामिन बी और कैल्शियम भी पाया जाता है. वजन घटाने वालों के लिए इडली एक अच्छा ऑप्शन है, क्योंकि इसे बिना तेल के स्टीम करके पकाया जाता है. साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है. एक मीडियम साइज की इडली में 35-39Kcal होती है.फाइबर रिच है उपमाउपमा की बात करें तो, इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें कई तरह की सब्जियों का यूज किया जाता है, जिसकी वजह से पोषक तत्व बढ़ भी सतते हैं. उपमा फाइबर का भी एक बेहतरीन स्त्रोत है, जिसकी वजह से पचने में आसान है और पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. फाइबर होने की वजह से ये वजन कम करने वालों के लिए भी फायदेमंद है. आयरन होने की वजह से ये एनिमिया के मरीजों के लिए भी हेल्पफुल है. 1 कप उपमा में करीब 120kcal हो सकती हैं. हालांकि, उपमा में क्या-क्या इंग्रिडियंट्स डाले जा रहे हैं, इससे कैलोरी की मात्रा कम ज्यादा हो सकती है.इडली और उपमा में क्या है ज्यादा हेल्दी ?वैसे तो इडली और उपमा दोनों ही हेल्दी ऑप्शन है. लेकिन अगर किसी एक को चुनने की बात आए तो इडली उपमा की तुलना में थोड़ा ज्यादा बेहतर है. ऐसे इसलिए क्योंकि इडली को बनाने के लिए तेल की जरूरत नहीं पड़ती है और फर्मेंटेड बेटर का यूज किया जाता हैं. वहीं, इसे बनाने के लिए सूजी का यूज करते हैं जो ग्लूटेन फ्री होता है. इसके अलावा इडली लो-फैट और प्रोबायोटिक रिच होती है. ऐसे में इसे खाना ज्यादा बेहतर है. हालांकि, आप उपमा को भी एक अच्छा ऑप्शन मान सकते हैं. उपमा को भी सूजी से बनाया जाता है. इसमें कई तरह की सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से इसके न्यूट्रिशन बढ़ जाते हैं. फाइबर से भरपूर होने की वजह से वेट लॉस के लिए उपमा एक अच्छा ऑप्शन है. इडली और उपमा को आप अपनी जरूरत के हिसाब से खा सकते हैं.
- जब भी कुछ स्पेशल खाना खाए तो अक्सर लोगों को डाइजेशन की समस्या हो जाती है। फिर वो चाहे आलू का पराठा ही क्यों ना हो। काफी सारे लोग इसे भी खाकर ब्लोटिंग फील करते हैं। ऐसे में न्यूट्रिशनिस्ट से जानें इन फूड्स को आसानी से डाइजेस्ट करने का आसान फार्मूला। जिसकी मदद से कढ़ी पकौड़ा से लेकर सेव पूरी जैसी डिश भी पच जाएगी।आलू का पराठाआलू का पराठा खाने के बाद काफी सारे लोगों को स्लो डाइजेशन का इशू हो जाता है। काफी सारे लोगों को ब्लॉटिंग होने लगती है। इस समस्या से निपटने के लिए अदरक और काली मिर्च की चाय बनाकर पिएं। ये चाय पाचन अग्नि को जलाएगी जिससे सारा खाना आसानी से पच जाएगा।पावभाजीपाव भाजी का टेस्ट किसे पसंद नहीं आता और जब भी घर में बनता है तो इसे तो लोग जरूर ज्यादा खा लेते हैं। जिसकी वजह से एसिडिटी और स्टमक में हीट की प्रॉब्लम हो जाती है। जिससे निपटने के लिए खाने के बाद सौंफ की चाय बनाकर पिएं। ये चाय डाइजेस्टिव सिस्टम को कूल करने और एसिडिटी को दूर करने में मदद करेगा।सेव पूरीमुंबई की फेसम सेव पुरी या भेल पूरी का स्वाद तो लाजवाब लगता है। लेकिन खाने के बाद एसिडिटी, ब्लोटिंग की परेशानी होने लगती है। जिससे निपटना है तो जीरा, सौंफ और सोंठ को मिक्स कर खाने के बाद लें। इससे खाने के बाद लें। ये पित्त को कम करने और खाने के बाद होने वाली एसिडिटी को कम करता है।कढ़ी चावलकढ़ी चावल का काम्बिनेशन तेजी से एसिडिटी और गैस बनाता है। कमजोर डाइजेशन वाले अक्सर कढ़ी खाकर परेशान हो जाते हैं। कढ़ी को आसानी से पचाने के लिए जीरा और सोंठ की चाय को खाने के बाद पिएं। गैस, एसिडिटी और ब्लॉटिंगकी समस्या को दूर करेगा।दही चावलदही और चावल को अगर मिलाकर रात में खा लिया जाए तो इससे कफ ज्यादा बनने लगती है। साथ ही पाचन मुश्किल हो जाता है। दही और चावल आसानी से साथ में पच जाए इसके लिए दही में राई, करी पत्ता और अदरक का तड़का लगाएं।ढोकलाबेसन से बने ढोकले कई बार पेट में गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी बढ़ाते हैं। इनसे निपटने के लिए अजवाइन और सेंधा नमक का पानी पीने से फायदा होता है। ये फर्मेंटेड फूड को पचने में मदद करता है।
- लोगों में श्रद्धा और उत्साह भरने वाला गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व इस साल 27 अगस्त से शुरू हो रहा है। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में बप्पा के भक्त अपने घरों, दफ्तरों और पंडालों में गणपति की स्थापना करके विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी पर महाराष्ट्रीयन महिलाएं पारंपरिक परिधानों और आभूषणों, विशेष रूप से महाराष्ट्रीयन नथ जरूर पहनती हैं। बता दें, महाराष्ट्रीयन नथ शुभता, समृद्धि और सुंदरता का प्रतीक मानी जाती है। अगर इस गणेश चतुर्थी पर आप महाराष्ट्रीयन नथ पहनकर ट्रेडिशनल लुक कैरी करना चाहते हैं तो ये ट्रेंडी महाराष्ट्रीयन नथ डिजाइन आइडिया आपकी मदद कर सकते हैं।पेशवाई नथपेशवाई नथ महाराष्ट्रीयन संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाती है। यह नथ खूबसूरत पारंपरिक डिजाइन वाली सोने की नथ होती है। जिसका आकार बड़ा और एक लटकन या मोतियों की माला जुड़ी होती है। इस तरह की नथ को नौवारी साड़ी या पाटनी साड़ी के साथ कैरी किया जा सकता है।रूबी स्टोन नथरूबी स्टोन नथ उन लोगों के लिए एक शानदार ऑप्शन है जो अपने महाराष्ट्रीयन लुक को पारंपरिक और मॉडर्न, दोनों तरह का टच देना चाहते हैं। रूबी स्टोन नथ का बेस सोने से बना हुआ होता है। जिसके चारों ओर छोटे-छोटे मोती या हीरे की सजावट की गई होती है। आप इस तरह की नथ को सुनहरी रेशम की नौवारी साड़ी या पाटनी साड़ी के साथ हरे रंग की चूड़ियों और गजरा लगाकर पूरा कर सकते हैं।सिल्वर मोटिफ नथअगर आप गणेश चतुर्थी पर मिनिमल लेकिन स्टाइलिश लुक चाहती हैं, तो सिल्वर मोटिफ नथ एक बढ़िया आप्शन हो सकता है। इस नथ का डिजाइन अर्धचंद्राकार होता है, जिसमें चांदी की बारीक नक्काशी होती है। इस तरह की नथ मॉडर्न जंक ज्वेलरी जैसा लुक देती है। वेस्टर्न कपड़ों के साथ भी पहना हुआ अच्छा लगता है।लूप-स्टाइल नथलूप-स्टाइल नथ एक आधुनिक और पारंपरिक डिजाइन का मिश्रण है, जो आपके लिए गणेश चतुर्थी के उत्सव को और ज्यादा खास बना सकता है। यह एक लूप-शेप्ड सोने की नथ होती है, जिसमें छोटे-छोटे मोती और लाल मनके लटके हुए रहते हैं।पारंपरिक स्टोन नथपारंपरिक स्टोन नथ महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है और गणेश चतुर्थी के लिए एकदम परफेक्ट हो सकती है। यह नथ भारी और पारंपरिक होती है, जो शाही लुक देती है। आप इस तरह की नथ को पैठणी या चंदेरी साड़ी के साथ पहन सकती हैं।मोती और हरे पत्थरों वाली नथयह नथ पारंपरिक महाराष्ट्रीयन लुक को और आकर्षक बनाती है। नथ में लगे हरे रंग के पत्थर और लटकते हुए हरे मनके इसे शाही और रंगीन बनाते हैं। नथ का अर्धचंद्राकार डिजाइन चेहरे को खूबसूरत बनाता है।नथ को स्टाइल करने के टिप्समहाराष्ट्रीयन नथ का लुक तब खिलकर आता है जब इसे नौवारी साड़ी के साथ पहना जाता है। इस साड़ी के लिए आप सुनहरा, लाल, हरा, या बैंगनी रंग चुन सकते हैं। बात अगर ट्रेडिशनल ज्वेलरी की करें तो आप नथ के साथ ठुसी हार, हरे रंग की चूड़ियां, और गजरा पहनकर अपना महाराष्ट्रीयन लुक पूरा कर सकती हैं। चांद के आकार की बिंदी आपके महाराष्ट्रीयन लुक में चार चांद लगा सकती है।
- दस दिन तक चलने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत इस बार 27 अगस्त से हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म के लोगों के लिए गणेश चतुर्थी का दिन बेहद खास होता है, क्योंकि इस दिन बप्पा का जन्मदिन भी होता है।इसी के चलते लोग गणेश उत्सव के दिन खूब अच्छे से सज-संवर के बप्पा को अपने घर लाते हैं। इसके साथ-साथ घरों में बप्पा का पसंदीदा मोदक भी तैयार किया जाता है। अगर इस बार गणेश चतुर्थी पर आप अपने गणपति को अलग तरह के मोदक का भोग लगाना चाहते हैं तो चॉकलेट मोदक अच्छा विकल्प है। यहां हम आपको चॉकलेट मोदक बनाने की रेसिपी भी बताएंगे।मोदक बनाने का सामानमिल्क पाउडर – 1 कपकोको पाउडर – 2 टेबलस्पूनकंडेंस्ड मिल्क – ½ कपपिघली हुई चॉकलेट – ¼ कपघी – 1 टेबलस्पूनवनीला एसेंस – ½ टीस्पूनस्टफिंग के लिएमावा (खोया) – ½ कपपिसी चीनी – 2 टेबलस्पूनकटे हुए ड्रायफ्रूट्स – 2 टेबलस्पून (काजू, बादाम, पिस्ता)इलायची पाउडर – ¼ टीस्पूनविधिमोदक बनाने के लिए आपको सबसे पहले स्टफिंग तैयार करनी है। इसके लिए एक पैन में थोड़ा सा घी डालकर मावा हल्का भून लें जब तक हल्का सुनहरा रंग आ जाए। जब ये भुन जाए तो उसमें एकदम बारीक पिसी चीनी, ड्रायफ्रूट्स और इलायची पाउडर डालें। सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करें और फिर गैस बंद कर दें।अब इसे साइड में रख दें ठंडा होने के लिए क्योंकि स्टफिंग हमेशा ठंडा करके ही भरी जाती है। जब स्टफिंग तैयार हो जाए तो दोबारा से एक पैन में घी गरम करें, उसमें कंडेंस्ड मिल्क, मिल्क पाउडर और कोको पाउडर डालें। अब इसे लगातार चलाते हुए मिक्स करें।सबसे आखिर में इसमें चॉकलेट डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें। बस अब मिश्रण थोड़ा ठंडा होने दें ताकि सांचे में भरने लायक हो जाए। आखिर में मोदक बनाने की तैयारी शुरू करें। इसके लिए मोदक के सांचे को घी से ग्रीस करें।अब इसमें थोड़ा चॉकलेट मिश्रण लेकर सांचे में भरें और बीच में हल्का गड्ढा करें। इस गड्ढे में मावा की स्टफिंग डालें और फिर ऊपर से चॉकलेट का मिश्रण डालकर इसे बंद कर दें। इसे कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें, ताकि ये अच्छे से सेट हो जाए। बस तैयार है आपका चॉकलेट मोदक।
- गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, इसलिए गणेश उत्सव का ये पर्व सभी बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है। इस साल गणपति उत्सव की शुरुआत 27 अगस्त से होगी, और इसका समापन 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति के विसर्जन के साथ होगा।गणपति पूजा के ये दस दिन हर किसी के लिए बेहद खास होते हैं। इस अवसर पर बप्पा के भक्त अपने घरों, मंदिरों और सार्वजनिक पंडालों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और दस दिनों तक विधि विधान के साथ उनकी पूजा करते हैं।पूजा-पाठ के साथ-साथ लोग बप्पा को उनकी पसंदीदा चीजों का भोग भी लगाते हैं। इसी के चलते हम आपको यहां एक ऐसे पकवान के बारे में बताने जा रहे हैं जो गणेश भगवान को अतिप्रिय है। हम बात कर रहे हैं चावलों की खीर की, जिसे आप आसानी से अपने घर पर तैयार कर सकते हैं।खीर बनाने का सामानफुल क्रीम दूध – 1 लीटरचावल – 1/4 कपचीनी – 1/2 कपइलायची पाउडर – 1/4 चम्मचकेसर के धागे – 6-7काजू – 6-8बादाम – 6-8किशमिश – 1 टेबल स्पूनघी – 1 चम्मच (ड्राई फ्रूट्स भूनने के लिए)विधिअच्छी खीर तैयार करने के लिए आपको चावलों को पहले सही से तैयार करना जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले तो चावलों को अच्छे से धोकर 20-30 मिनट तक भिगो दें। बीस मिनट के बाद इसे अच्छी तरह से छानकर इसकी गंदगी निकाल दें।जब तक चावल भीग रहे हैं आप ड्राईफ्रूट्स को भून सकते हैं। इसके लिए एक पैन में हल्का सा घी डालकर उसमें ड्राई फ्रूट्स डालें और उन्हें हल्का भून लें। अच्छी तरह से भुनने के बाद इसे एक प्लेट में निकालकर रख लें।अब बारी आती है दूध उबालने की तो एक भारी तले वाले भगोने या पतीले में दूध उबालने रख दें। जब दूध उबल जाए तो इसमें भीगे हुए चावलों को डालें और पकने दें। चावल डालने के बाद इसे लगातार चलाते रहें, ताकि ये नीचे लगे नहीं। चावलों को 30 मिनट तक पकाएं, जब तक कि ये गल न जाए।अब इसमें चीनी डालें और अच्छी तरह मिलाएं। चीनी के मिल जाने के बाद पतीले में इलायची पाउडर, केसर के धागे डालें। जब सभी चीजें मिक्स हो जाए तो आखिर में इसमें भुने हुए काजू डाल दें। बस आपकी चावलों की खीर तैयार है। ठंडा होने के बाद इसको भोग बप्पा को लगाएं।
- कुछ आसान और स्पेशल बनाकर खिलाना चाहती हैं तो इन चाइनीज समोसे की रेसिपी को नोट कर लें। जो ना केवल जल्दी से बनकर रेडी हो जाएंगे बल्कि इनका स्वाद बच्चों से लेकर बड़ों तक को पसंद आ जाएगा। तो जब त्योहार पर ढेर सारी डिशेद बनानी हो तो चुनकर आसान और टेस्टी डिशेज को चुनें। इन्हीं आसान सी डिश की लिस्ट में शामिल कर लें ये चटपटे मजेदार समोसे। नोट कर लें रेसिपी।चाइनीज समोसे बनाने की सामग्री----बारीक कटा लहसुनबारीक कटा अदरकलच्छे में कटी प्याजहरी प्याज या स्प्रिंग अनियन बारीक कटी हुईहरी मिर्च बारीक कटी हुईबींस बारीक कटी हुई आधा कपगाजर बारीक घिसी हुई या लच्छे में कटी हुईशिमला मिर्च लच्छे में पतली-पतली कटी हुईपत्तागोभी या रेड कैबेज जो मिल जाए उसे भी लच्छे में काट लें।सोया सॉस एक चम्मचव्हाइट विनेगर एक चम्मचरेड चिली सॉस एक चम्मचग्रीन चिली सॉस एक चम्मचटोमैटो सॉस एक चम्मचकुटी काली मिर्च थोड़ी सीनमक स्वादानुसारस्प्रिंग रोल शीट के लिए सूजीचाइनीज समोसा बनाने की रेसिपी-------सबसे पहले स्प्रिंग रोल की शीट तैयार कर लें। इसे चाहे मार्केट से खरीद लें। या फिरघर में ही सूजी को गूंथकर पतली रोटियां बेल लें।-अब तवे को गर्म कर लें। और फिर फ्लेम धीमी कर दें-सूजी की रोटियों को तवे पर डालें और बस हल्का सा कच्चापन खत्म होते ही उतार लें।-इस तरह से फटाफट जितनी चाहे उतनी शीट तैयार कर लें।-अब फिलिंग बनाने के लिए पैन में तेल गर्म करें और लहसुन डालें।-साथ ही अदरक डालकर भूनें। जब ये हल्का भुन जाएं तो स्प्रिंग अनियन डाल दें।-फिर लच्छे वाली प्याज को डालकर हल्का भूनें।-प्याज के भुनते ही इसमे हरी मिर्च, बींस डालें।-साथ ही गाजर, शिमला मिर्च और पत्तागोभी को मिलाएं।-नमक डालकर मिक्स करें और कुक करें।-ध्यान रहे कि सब्जियों को पकाकर गलाना नहीं है। ये इतना पकें कि क्रंचीनेस बनी रहे।-जैसे ही सब्जियां सॉफ्ट होनी शुरू हो इसमे सॉस डालें।-विनेगर, सोया सॉस, चिली सॉस मिक्स करें।-टोमैटो सॉस, रेड चिली सॉस को डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।-अगर तीखा पसंद है तो कुटी काली मिर्च और चिली फ्लेक्स को भी डाल सकती हैं।-बस गैस की फ्लेम को बंद करें और दो मिनट के लि ढंक दें।-अब तैयार शीट को लेकर दो भाग में कर लें। तैयार फिलिंग को भरें और फिर मैदे के पेस्ट से चिपकाएं।-आप चाहें तो इसे चौकोर शेप भी दे सकती हैं।-बस गरम तेल में तलकर निकालें और क्रिस्पी समोसा सर्व करने के लिए रेडी है।
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नई दिल्ली। फिल्ममेकर बॉनी कपूर इन दिनों अपनी फिल्मों से ज्यादा अपने वजन घटाने को लेकर चर्चा में हैं। 69 साल के बोनी कपूर ने करीब 26 किलो वजन घटाया है। खास बात यह है कि उन्होंने जिम में वर्कआउट किए बिना ही यह कारनामा किया है। उनका नया लुक देखकर लोग हैरान हैं। जाहिर है बोनी कपूर के वेट लॉस ट्रांसफॉर्मेशन से उन लोगों की दिलचस्पी जगी है, जो इस उम्र में बिना जाए वजन कम करने की सोच रहे हैं। चलिए जानते हैं बोनी कपूर ने इतन वजन कैसे कम किया है।
बोनी कपूर ने यह बदलाव बिना किसी एक्सरसाइज के सिर्फ डाइट के जरिए किया है। उन्होंने अपने खाने-पीने में बड़ा बदलाव किया और इसका रिजल्ट आपके सामने है।बताया जा रहा है कि बोनी कपूर अब रात को खाना नहीं खाते हैं, उन्होंने डिनर पूरी तरह छोड़ दिया है। अब वो रात में सिर्फ सूप लेते हैं। बोनी कपूर ने वजन कम करने के लिए अपने नाश्ते में बड़ा बदलाव किया। उन्होंने नाश्ते में फ्रूट्स जूस लेना शुरू किया और ज्वार की रोटी।बॉनी कपूर ने बताया कि उनकी दिवंगत पत्नी श्रीदेवी उन्हें हमेशा कहती थीं 'बॉनी, पहले वजन घटाओ फिर बाल ठीक कराना।' उन्होंने कहा कि मैंने अपनी पत्नी की सलाह मानी और डाइट शुरू की, जिससे करीब 14 किलो वजन घटाया। बॉनी कपूर ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'लोग कहते थे कि गंजे लोग लकी होते हैं, जैसे यश चोपड़ा जी। इसलिए मैं कुछ समय तक गंजा ही रहा।' लेकिन बाद में उन्होंने हेयर ट्रांसप्लांट करवाया। उन्होंने बताया कि सिर्फ 3 दिन में करीब 6 हजार बाल लगाए गए।ब्रेकफास्ट में ज्वार रोटी खाने के फायदेज्वार रोटी को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाता है, जिससे मधुमेह रोगियों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है. इसके सेवन से वजन को कम करने में मदद मिल सकती है. क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक जैसे तमाम गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मददगार हैं. - लहसुन सिर्फ हमारे खाने का टेस्ट ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह एक नेचुरल सुपरफूड भी है, जिसके कई अमेजिंग हेल्थ बेनिफिट्स हैं. पका हुआ लहसुन भी अच्छा होता है, लेकिन कच्चा लहसुन खाने से आपको और भी ज्यादा न्यूट्रीएंटस मिलते हैं. यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर हार्ट हेल्थ सुधारने तक, आपकी बॉडी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. आइए जानते हैं, क्यों आपको अपनी डेली रूटीन में कच्चा लहसुन क्यों शामिल करना चाहिए.इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग करता है लहसुनअगर आप बार-बार सर्दी-ज़ुकाम और इन्फेक्शन से परेशान रहते हैं, तो कच्चा लहसुन आपकी हेल्प कर सकता है. इसमें स्ट्रॉन्ग एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो आपकी बॉडी को बीमारियों से फाइट करने में हेल्प करती हैं. एक स्टडी के अकॉर्डिंग, कच्चे लहसुन में एलिसिन नाम का एक कंपाउंड होता है, जो आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और हार्मफुल बैक्टीरिया को दूर रखता है. दिल्ली की न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. दीपा बंसल कहती हैं कि इसे रेगुलर खाने से सर्दी-जुकाम, फ्लू और दूसरे इन्फेक्शंस की सीवियरिटी और फ्रीक्वेंसी को कम किया जा सकता है.हार्ट हेल्थ और ब्लड प्रेशर में फायदेमंदहाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर है और कच्चा लहसुन इसे कंट्रोल में रखने में हेल्प कर सकता है. स्टडीज से पता चला है कि लहसुन ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है और ब्लड सर्कुलेशन को इम्प्रूव करता है, जिससे हार्ट डिजीज का रिस्क कम होता है. रिसर्च बताती है कि लहसुन कार्डियोवैस्कुलर प्रॉब्लम्स को प्रिवेंट करने में इफेक्टिव हो सकता है. यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को स्टेबल रखता है, जिससे ओवरऑल हार्ट हेल्थ को प्रमोट किया जा सकता है.नेचुरली डिटॉक्स करता है बॉडीहमारी बॉडी लगातार खाने, पॉल्यूशन और दूसरे सोर्सेस से टॉक्सिन्स के कॉन्टैक्ट में रहती है. कच्चा लहसुन हार्मफुल सब्सटेंस को बाहर निकालकर आपके लिवर को क्लीन करने में हेल्प करता है. इसमें सल्फर कंपाउंड्स भी होते हैं, जो हैवी मेटल पॉइजनिंग से प्रोटेक्ट करते हैं, जिससे लिवर और किडनी जैसे ऑर्गन्स को होने वाले डैमेज को कम किया जा सकता है.डाइजेशन में करता है हेल्पएक हेल्दी गट ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत इम्पोर्टेंट है और लहसुन डाइजेशन इम्प्रूव करने में अहम रोल प्ले करता है. यह डाइजेस्टिव एंजाइम्स के प्रोडक्शन को बढ़ाता है, जिससे आपकी बॉडी को खाने को ज्यादा एफिशिएंटली डाइजेस्ट करने में हेल्प मिलती है. साथ ही, इसके एंटीबैक्टीरियल गुण हार्मफुल गट बैक्टीरिया को कंट्रोल में रखते हैं और गुड बैक्टीरिया की ग्रोथ को सपोर्ट करते हैं.कैंसर रिस्क को करता है कमडॉ. बंसल के मुताबिक, लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से फाइट करते हैं. ये फ्री रेडिकल्स सेल डैमेज और एजिंग के लिए रिस्पॉन्सिबल होते हैं. रिसर्च बताती है कि कच्चे लहसुन का रेगुलर सेवन कुछ कैंसर, जैसे पेट और कोलोरेक्टल कैंसर, के रिस्क को कम कर सकता है. यह सेल म्यूटेशन को रोकता है और ट्यूमर की ग्रोथ को स्लो करता है.कच्चे लहसुन का कैसे करें उपयोगअगर कच्चे लहसुन का स्ट्रांग टेस्ट आपको पसंद नहीं, तो इन टिप्स को फॉलो करें. इसे काटकर या कुचलकर खाने से पहले 10 मिनट के लिए रख दें. इससे एलिसिन की मात्रा एक्टिव हो जाती है. तीखे टेस्ट को बैलेंस करने के लिए इसे हनी (शहद) के साथ मिक्स करें. हल्के टेस्ट के लिए इसे स्मूदी या सलाद में ऐड करें.
- बारिश के मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है जिससे न सिर्फ कपड़े और दीवारें सीलन से भर जाती है बल्कि शरीर की साफ सफाई भी चुनौती बन जाती है. ऐसे में बहुत से लोग पसीने की बदबू यानी बॉडी आर्डर से परेशान रहते हैं. गर्मी के मुकाबले बरसात में पसीना जल्दी सूखता नहीं है और नमी के कारण शरीर पर बैक्टीरिया तेजी से पनपने लगते हैं. यही कारण है कि इस मौसम में कई लोगों के शरीर से तेज बदबू आने लगती है. अगर आप भी इस परेशानी से परेशान है तो घबराने की जरूरत नहीं है कुछ आसान घरेलू उपाय को अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.क्यों आती है शरीर से दुर्गंध?शरीर से आने वाली दुर्गंध का कारण सिर्फ पसीना नहीं होता है बल्कि पसीने के संपर्क में आने वाले बैक्टीरिया भी जिम्मेदार होते हैं. शरीर में दो तरह के स्वेट गलैंड्स होती है. जिसमें एक एक्राइन और दूसरी एपोक्राइन होती है. शरीर की ठंडक बनाए रखने वाली एक एक्राइन ग्रंथियां सीधा स्किन की सतह पर पसीना छोड़ती है जो गंधहीन होता है. वहीं एपोक्राइन ग्रंथियां बालों की जड़ों से जुड़ी होती है और यह ही दुर्गंध फैलाने वाले पसीने के लिए जिम्मेदार होती है. यह ग्रंथियां मुख्य रूप से अंडरआर्म्स के हिस्से में होती है.बारिश में क्यों बढ़ जाती है बॉडी ओडर की समस्या?मानसून के दौरान वातावरण में नमी होती है जिससे शरीर से निकलने वाला पसीना जल्दी सुख नहीं पता. इसी वजह से स्किन पर बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिलता है और यह बैक्टीरिया पसीने के साथ मिलकर बदबू पैदा कर सकते हैं वहीं बारिश में लोग कई बार नहाने या शरीर की सफाई में लापरवाही भी कर बैठते हैं जिससे यह समस्या और बढ़ जाती है.इन घरेलू उपाय से पाएं राहतफिटकरी का करें इस्तेमालफिटकरी में बैक्टीरिया को खत्म करने वाले तत्व होते हैं. ऐसे में इसे थोड़ा पानी में भिगोकर अंडरआर्म्स या उन हिस्सों पर लगाएं जहां से दुर्गंध आती है. इसके नियमित इस्तेमाल से न सिर्फ बदबू कम होगी बल्कि पसीना भी घटेगा.सेब का सिरकासेब का सिरका शरीर के पीएच लेवल को संतुलित करता है और बैक्टीरिया को नष्ट करता है. कॉटन बॉल की मदद से इसे अंडरआर्म्स पर लगाएं और 10 मिनट बाद धो लें इससे बदबू में तुरंत फर्क नजर आएगा.नींबू और बेकिंग सोडा का मिश्रणनींबू में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और बेकिंग सोडा पसीने को सोख लेता है. ऐसे में एक चम्मच बेकिंग सोडा में नींबू के कुछ बूंदें मिलाकर आप अंडरआर्म्स में लगा सकते हैं. 10 मिनट बाद इसे धो लें. हफ्ते में दो बार यह उपाय अपनाने से आपको बदबू की समस्या से राहत मिलेगी
- मुंह में छाले बार-बार हों तो चिंता और बढ़ जाती है. लेकिन घबराइए मत! आपकी रसोई में ही मौजूद कुछ आसान देसी नुस्खे इन छालों से राहत दिला सकते हैं. इसलिए हम लाए हैं 6 असरदार घरेलू उपाय जो बिना किसी साइड इफेक्ट के आपको देंगे तुरंत राहत.नारियल का तेल लगाएंनारियल तेल में एंटी-बैक्टीरियल और ठंडक देने वाले गुण होते हैं. रूई की मदद से इसे छाले पर लगाएं। दिन में 2 बार लगाने से छाले जल्दी ठीक होने लगते हैं और जलन भी कम होती है.शहद और तुलसी का मिश्रणशहद और तुलसी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर छाले पर लगाएं. यह मिश्रण दर्द को कम करता है और घाव को जल्दी भरने में मदद करता है.घी और मिश्री का सेवन करेंघी और मिश्री का एक छोटा चम्मच दिन में दो बार खाने से शरीर में ठंडक आती है और छालों से राहत मिलती है। यह उपाय आयुर्वेद में भी बताया गया है.त्रिफला पानी से कुल्ला करेंत्रिफला पाउडर को पानी में उबालें और ठंडा होने पर उससे कुल्ला करें. इसके एंटीसेप्टिक गुण मुंह के छालों को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं.मुलैठी चबाएंमुलैठी में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो छालों की सूजन और दर्द को कम करते हैं. इसका पेस्ट बनाकर छाले पर लगाएं या सीधे चबाएं.बेकिंग सोड़ाबेकिंग सोडा और थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और छाले पर लगाएं. इससे एसिड बैलेंस होता है और बैक्टीरिया भी खत्म होते हैं.
- शादी के बाद की पहली राखी हर महिला के लिए बेहद खास होती है। इसके लिए बहनें अपने भाई को राखी बांधने अपने मायके जाती हैं। शादी के बाद रक्षाबंधन पर बहनों का लुक एकदम से बदल जाता है, खासतौर पर जब शादी के बाद पहली राखी हो।दरअसल, जब शादी के बाद पहली रक्षाबंधन पर कोई नई दुल्हन अपने मायके जाती है, तो हर किसी की नजर उसी पर होती है। इसलिए उनका खास तरह से तैयार होना तो बनता है। इसी के चलते हम आपको कुछ टिप्स देंगे, ताकि आपका लुक सबसे खूबसूरत लगे और लोग आपको देखते रह जाएं।एथनिक लुक दिखेगा परफेक्टसबसे पहले तो अपने लिए सही आउटफिट का चयन करें। जब आप शादी के बाद पहली बार राखी पर मायके जा रही हैं तो खूबसूरत सी साड़ी पहनें। एक प्यारी सी साड़ी ही आपके लुक को निखारने का काम करेगी। इसके लिए आप पेस्टल रंग की साड़ी का चयन कर सकती हैं, क्योंकि पेस्टल रंग आजकल काफी ट्रेंड में भी है।मेकअप को रखें लाइटअगर आप पेस्टल रंग का आउटफिट या साड़ी कैरी कर रही हैं तो उसके साथ मेकअप को भी लाइट रखें। इस बात का ध्यान रखें कि हल्का मेकअप आज-कल काफी ट्रेंड में है। इसके लिए आप बीबी क्रीम या लाइट फाउंडेशन, न्यूड आईशैडो, मस्कारा से अपना लुक कंप्लीट करें। इसके साथ-साथ चीक बोन्स पर हाइलाइटर का इस्तेमाल करें। न्यूड रंग की लिपस्टिक से अपना लुक पूरा करें।बन दिखेगा प्याराअपने लुक को और भी खूबसूरत बनाने के लिए बालों में जूड़ा बनाएं। आज-कल के ट्रेंड की बात करें तो अब महिलाओं को मेसी बन खूब पसंद आ रहा है। ये देखने में भी अच्छा लगता है। मेसी बन पर जब आप गजरा या फिर फूल लगाएंगी तो आपका लुक और भी खूबसूरत लगेगा। आपका ये लुक एकदम रेट्रो वाइब देगा।कैसी ज्वेलरी पहनेंयदि आपका आउटफिट भारी है तो अपनी ज्वेलरी को हल्का रखें, और वहीं यदि आपका आउटफिट हल्का है तो अपनी ज्वेलरी को आप भारी कर सकती हैं। बस ध्यान रखें कि भारी आउटफिट के साथ भारी ज्वेलरी न पहनें, वरना इससे आपका लुक ज्यादा चमक-धमक वाला दिखेगा, जो आजकल किसी को भी पसंद नहीं आता है।
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इंडियन डिशेज में तड़का सबसे जरूरी है। तड़का ही तो है जो डिशेज में असली स्वाद ले कर आता है। लेकिन हर डिश में तड़का अलग-अलग चीजों का लगता है। कभी जीरा, कभी हींग तो कभी अजवाइन। ऐसी ही कुछ डिशेज हैं, जिनमें राई का तड़का लगता है। राई यानी सरसों के दाने, डिश में एक अलग ही खुशबू एड करते हैं। इन्हें डालने से डिश में ऑथेंटिक फ्लेवर आता है और टेस्ट नेक्स्ट लेवल हो जाता है।
लौकी की सब्जीलौकी की सूखी सब्जी में कई लोग राई के दाने का तड़का लगता है। राई के दाने डालकर सब्जी में हल्का तीखापन और खुशबूदार स्वाद आता है। हल्के मसालों वाली सब्जियों में जब राई का छौंक लगता है, तो स्वाद बहुत ही गहरा आता है।पोहापोहा में भी जीरे की जगह राई का तड़का लगाया जाता है। पोहे के सॉफ्ट टेक्चर के साथ राई का क्रिस्प बहुत टेस्टी होता है। महाराष्ट्रीयन स्टाइल या इंदौरी पोहा, बनाते हुए खासतौर से राई का तड़का ही दिया जाता है।नारियल की चटनीनारियल की चटनी को ऑथेंटिक टेस्ट देने के लिए भी राई का तड़का लगाना चाहिए। जब नारियल की चटनी पिस जाए, तो उसमें ऊपर से राई के दाने और करी पत्ता का तड़का प्रॉपर साउथ इंडियन स्वाद देगा।आलू की भुजियाबिहारी स्टाइल आलू की सूखी भुजिया में भी जीरे की जगह राई का तड़का लगाया जाता है। इससे आलू में सरसों का हल्का तीखा और खुशबूदार फ्लेवर आता है। जरा सी सूखी लाल मिर्च और राई के तड़के के साथ बहुत ही टेस्टी आलू भुजिया बनती है।लेमन राइसलेमन राइस का स्वाद सभी को खूब पसंद आता है। इसमें भी जीरे की जगह राई का तड़का दिया जाता है। हल्के मसाले और नींबू के रस के साथ, इनका टेस्ट बहुत ही उभर कर आता है।उपमाउपमा एक बहुत ही पॉपुलर डिश है, जो ब्रेकफास्ट में खाने के लिए परफेक्ट होती है। ये भी राई के तड़के के साथ बेस्ट लगती है। हल्के तेल में राई का छौंक, फिर सब्जियां और हल्के मसाले; उपमा को परफेक्ट टेस्ट देता है।तुरई की सब्जीतुरई की सब्जी में भी कुछ लोग राई का तड़का लगाते हैं। इससे तुरई का स्वाद बढ़ जाता है और एक तीखापन एड हो जाता है। तुरई हल्के मसालों वाली सब्जी होती है, जिसमें राई का तड़का बेस्ट लगता है। - भारत देश के अलग-अलग राज्यों में खाने-पीने की अपनी-अपनी खासियतें होती हैं। कहीं मसालेदार पकवान दिल जीत लेते हैं, तो कहीं मिठाइयों का स्वाद हर किसी का मन मोह लेता है। इसी तरह जब बात दिल्ली की आती है, तो यहां के स्ट्रीट फूड और पारंपरिक व्यंजन लोगों के दिलों में एक अलग जगह रखते हैं। दिल्ली का खाना स्वाद, खुशबू और रंग-रूप के मामले में बेमिसाल है। यहां की गलियों से लेकर मशहूर रेस्टोरेंट तक, हर जगह आपको कुछ न कुछ खास और लाजवाब खाने का अनुभव मिलेगा। दिल्ली के लोग खाने-पीने के शौकीन होते हैं, इसलिए यहां के व्यंजन भी उतने ही खास और स्वादिष्ट होते हैं। अगर आप दिल्ली घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां के कुछ खास व्यंजन जरूर ट्राई करें, जो आपके सफर को और यादगार बना देंगे।दिल्ली के छोले भटूरेदिल्ली की बात हो और छोले भटूरे का जिक्र ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। छोले भटूरे दिल्ली के स्ट्रीट फूड की शान माने जाते हैं। गर्मागरम फूले हुए भटूरे और मसालेदार छोले का स्वाद हर किसी का दिल जीत लेता है। यहां हर स्टाल्स पर इसे अक्सर विशेष चटनी और अचार के साथ सर्व किया जाता है, जिससे इसका स्वाद और बढ़ जाता है। चांदनी चौक में ज्ञानी दी हट्टी, करोल बाग में रोशन दी हट्टी, पहाड़गंज में सीता राम, सदर बाजार में नंद के छोले भटूरे और लाजपत नगर में बाबा नागपाल कॉर्नर इस डिश के लिए मशहूर हैं। अगर आप असली दिल्ली के भटूरों का स्वाद चखना चाहते हैं, तो इन जगहों पर जरूर जाएं।दिल्ली का कबाबनॉनवेज प्रेमियों के लिए दिल्ली के कबाब किसी जन्नत से कम नहीं। जामा मस्जिद के पास स्थित गली कबाबियन में तरह-तरह के कबाब मिलते हैं, जिनकी खुशबू दूर से ही लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। सीक कबाब, शमी कबाब और अन्य ग्रिल्ड मीट के विकल्प यहां उपलब्ध हैं। इन कबाबों का स्वाद इतना लाजवाब होता है कि लोग इन्हें खाने के लिए दूर-दूर से आते हैं। मसालेदार और रसदार कबाब का हर एक कौर आपको दिल्ली की रूह से जोड़ देगा।दिल्ली की स्ट्रीट चाटअगर आप खट्टा-मीठा और मसालेदार स्वाद पसंद करते हैं, तो दिल्ली की स्ट्रीट चाट आपके लिए परफेक्ट है। चांदनी चौक की गलियों में मिलने वाली चाट पूरे भारत में फेमस है। यहां की पानी पूरी, आलू टिक्की और पापड़ी चाट खाने वालों के स्वाद को नया अनुभव देती है। मसालेदार फ्लेवर और कुरकुरी बनावट के साथ यह चाट आपको बार-बार इसे खाने के लिए मजबूर कर देगी।दिल्ली की कुल्फीगर्मियों में दिल्ली की गलियों में कूरेमल मोहनलाल कुल्फी वाले का नाम सबसे ऊपर आता है। यहां की स्टफ्ड कुल्फी का स्वाद बेजोड़ है। काजू, बादाम और कई तरह के ड्राई फ्रूट्स से भरी यह कुल्फी गर्मी में एक ताजगी भरा एहसास देती है। इसका क्रीमी टेक्सचर और भरपूर स्वाद आपको बार-बार यहां आने के लिए मजबूर कर देगा।दिल्ली का बटर चिकनदिल्ली का बटर चिकन दुनियाभर में फेमस है। इसकी मलाईदार ग्रेवी और मुलायम चिकन का स्वाद हर किसी के दिल में बस जाता है। इसके साथ-साथ यहां के रेस्टोरेंट्स में चिकन टिक्का, चिकन कोरमा और काजू स्ट्यू कोरमा जैसे कई मुगलई व्यंजन भी परोसे जाते हैं। कई जगहों पर तो एक ही थाली में नौ तरह के नॉनवेज आइटम्स का स्वाद लेने का मौका मिलता है। बटर चिकन का असली मजा लेने के लिए आपको दिल्ली के पुराने और मशहूर रेस्टोरेंट्स जरूर विजिट करने चाहिए।दिल्ली के राम लड्डूराम लड्डू दिल्ली का एक और खास स्ट्रीट फूड है, जो अब हर किसी का फेवरेट बन चुका है। नाम से भले ही ये मीठा लगे, लेकिन ये नमकीन डिश है। इसे मूंग दाल या चना दाल से बनाया जाता है और बेसन में डुबोकर डीप फ्राई किया जाता है। इसके ऊपर मूली, हरी चटनी और मीठी चटनी डालकर परोसा जाता है। ये स्वादिष्ट और हल्का स्नैक दिल्ली के सेंट्रल मार्केट, जनकपुरी और ग्रीन पार्क में खूब पसंद किया जाता है।
- सब्जी असल में टेस्टी तभी लगती है, जब उसमें हर फ्लेवर अच्छे से बैलेंस हो। हल्की सी खटाई इसी स्वाद को बैलेंस करने का काम करती है। हर सब्जी में खटाई नहीं डाली जाती है लेकिन कुछ सब्जियां ऐसी हैं, जिनमें जरा सी खटाई उनके स्वाद को नेक्स्ट लेवल तक ले जाती है। खटाई में आमतौर पर अमचूर पाउडर, इमली, नींबू का रस या खट्टी दही का इस्तेमाल होता है। तो चलिए जानते हैं ऐसी सब्जियों के बारे में, जिनमें हमेशा जरा सी खटाई जरूर डाल देनी चाहिए।करेले की सब्जीकरेले की सब्जी में जरा सी खटाई जरूर डालनी चाहिए। करेले की कड़वाहट को कम करने का ये पुराना नुस्खा है। इससे करेले का स्वाद खूब चटपटा सा लगता है। कुछ लोग अमचूर पाउडर की जगह कच्चे आम को भी खटाई की तरह इस्तेमाल करते हैं, जो और भी ज्यादा टेस्टी लगता है।सीताफल (कद्दू की सब्जी)सीताफल यानी कद्दू की सब्जी में भी खटाई डाली जाती है। दरअसल कद्दू में नेचुरली हल्की सी मिठास होती है। इसे बैलेंस करने के लिए ही खटाई की जरूरत पड़ती है। इसमें जरा सा इमली का पानी या अमचूर पाउडर डाल दें, कद्दू का स्वाद और टेक्चर दोनों एन्हांस हो जाएंगे।भिंडी की सब्जीभरवां भिंडी हो या भिंडी की सूखी सब्जी, जरा सी खटाई इसके स्वाद को दोगुना कर देती है। इतना ही नहीं खटाई डालने से भिंडी का चिपचिपापन भी कम हो जाता है और चटपटा सा फ्लेवर मिलता है।अरबी की सब्जीअरबी की सब्जी में चटपटापन लाना हो, तो जरा सा नींबू या अमचूर पाउडर जरूर डाल दें। अरबी वैसे भी थोड़ी हेवी होती है, इसमें खटाई डालने से इसका टेस्ट बैलेंस हो जाता है। खासतौर से सूखी मसालेदार सब्जी बना रही हैं, तो खटाई जरूर डालें।आलू की चटपटी सब्जीआलू की सूखी सब्जी में भी आमतौर पर खटाई डाली जाती है। जरा सा नींबू का रस या अमचूर पाउडर, सब्जी के स्वाद को दोगुना कर देता है। पूड़ी के साथ ये चटपटी सब्जी खूब स्वाद लगती है।बैंगन की सब्जी या भर्ताबैंगन की सब्जी बना रही हों या भर्ता, उसमें भी जरा सी खटाई जरूर डालें। इससे बैंगन का स्वाद उभर कर आता है। सब्जी में आमतौर पर अमचूर पाउडर डाला जाता है, तो वहीं भर्ते में आप नींबू का रस निचोड़ कर सर्व कर सकती हैं। इनका स्वाद नेक्स्ट लेवल का हो जाएगा।लौकी की सब्जीलौकी की सब्जी लोगों को अक्सर बड़ी बोरिंग लगती है। कोई कहता है इसमें कुछ स्वाद ही नहीं, तो किसी को इसका टेक्चर पसंद नहीं आता। लेकिन अगर आप इसमें जरा सा नींबू का रस एड कर दें, तो इसके स्वाद में हल्का खट्टापन आ जाता है, जो बहुत टेस्टी और रिफ्रेशिंग लगता है।
- देसी घी डालकर लगती है खूब टेस्टीकुछ हल्का-फुल्का और हेल्दी खाने का मन हो तो सबसे पहले खिचड़ी ही दिमाग में आती है। अगर आपको अभी तक लगता है कि खिचड़ी बीमार लोगों का खाना है, तो माफ कीजिए आपने अभी तक अच्छी खिचड़ी खाई नहीं। क्योंकि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में बनती है, अलग-अलग तरह की खिचड़ी जिनका स्वाद जबरदस्त होता है। कई ऐसी दाल हैं, जिनसे बहुत ही टेस्टी खिचड़ी बनती है और हर खिचड़ी का स्वाद एक-दूसरे से काफी अलग होता है। तो क्यों ना आप भी ये अलग-अलग तरह की खिचड़ी ट्राई करें? और हां, बताइएगा जरूर आपकी फेवरिट इनमें से कौन सी है।छिलके वाली मूंग दालछिलके वाली मूंग दाल की खिचड़ी घर-घर में बनती है। जब भी कुछ हल्का खाने का मन करे या कभी पेट में गड़बड़ हो, तो सबसे पहले मम्मी फटाफट यही खिड़की बनाकर देती हैं। देसी घी में हल्का सा जीरा, हींग का तड़का और नमक-हल्दी जैसे बेसिक मसाले, बस तैयार हो जाती है कंफर्टिंग मूंग दाल खिचड़ी।बिना छिलके वाली मूंग दालबिना छिलके वाली पीली मूंग दाल, सबसे जल्दी पकने वाली दाल है। ये पचाने में काफी आसान होती है और बहुत हल्की होती है। खासतौर से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए ये खिचड़ी बेस्ट होती है। इसमें कम मसाले और देसी घी का तड़का लगाकर, बहुत ही टेस्टी खिचड़ी बनती है, जिसे आप अपनी डाइट में भी शामिल कर सकते हैं।अरहर दाल की खिचड़ीअरहर की दाल से भी काफी टेस्टी खिचड़ी बनकर तैयार होती है। अगर आपको अरहर की दाल और चावल खाना पसंद है, तो ये खिचड़ी भी आपको खूब टेस्टी लगेगी। इसे आप सिंपल जीरे का तड़का लगाकर या फिर प्याज लहसुन डालकर भी बना सकते हैं। देसी घी के साथ इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।उड़द दाल की खिचड़ीउत्तर भारत के कई इलाकों में उड़द की दाल की खिचड़ी भी बनाई जाती है। कई लोग इसे बिना तड़का लगाए बनते हैं और इसमें देसी घी डालकर खाते हैं। हालांकि उड़द की दाल थोड़ी हेवी होती है इसलिए कुछ लोगों को गैस या ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। इसलिए इसमें हींग और जीरे का तड़का लगाना सही रहता है।चना दाल खिचड़ी, पंजाबी स्टाइलपंजाबी स्टाइल चना दाल खिचड़ी खाने में बहुत ज्यादा टेस्टी लगती है। ये खिचड़ी ड्राई होती है और काफी खिली-खिली बनती है। ये खिचड़ी थोड़ी हेवी होती है, इसमें सरसों के तेल में अदरक लहसुन, प्याज और नमक, मिर्च, हल्दी, धनिया जैसे मसाले मिलाए जाते हैं। इसे आप दही, अचार या मक्खन के साथ एंजॉय कर सकते हैं।मसूर दाल मसाला खिचड़ीमसूर की दाल से भी काफी टेस्टी खिचड़ी बनती है। ये खिचड़ी उन लोगों के लिए बेस्ट है, जिन्हें चटपटा और मसालेदार खाना पसंद है। ये काफी झटपट बन भी जाती है, इसलिए जल्दीबाजी में बनाने के लिए परफेक्ट ऑप्शन है। मसूर की अपनी खास खुशबू होती है, जो खिचड़ी में अलग ही स्वाद ले कर आती है।मिक्स दाल खिचड़ीकई घरों में मिक्स दाल खिचड़ी बनाई जाती है, जो खाने में बहुत टेस्टी लगती है। आमतौर पर इसमें मूंग, मसूर और अरहर की दाल मिक्स की जाती है। ये खिचड़ी काफी प्रोटीन रिच होती है और अलग अलग दालों के कारण इसका स्वाद भी काफी उभर कर आता है। इसमें हल्का सा देसी घी डालकर खाने से गजब का टेस्ट आता है।
- हर इंसान अपनी लाइफ में खुश रहना चाहता है, लेकिन फिर भी कई बार दुख, परेशानी और तनाव हमें घेर ही लेते हैं। दरअसल, ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि हम जीवन के कुछ बेहद सरल लेकिन गहरे सच को नजरअंदाज कर देते हैं। जो व्यक्ति इन बातों को समझ लेता है, वो छोटी-छोटी बातों में उलझता नहीं और हर हाल में खुश रहना सीख जाता है। जबकि जो इंसान इन सच्चाइयों को नजरअंदाज करके बेवजह की उम्मीद लगाए बैठा रहता है, उसे दुख और परेशानी के सिवा कुछ नहीं मिलता है। यकीन मानिए खुश रहना इतना भी मुश्किल नहीं है। बस जरूरत है तो कुछ चीजों को जानने की और उन्हें एक्सेप्ट करने की। आइए जानते हैं जीवन से जुड़े इसी सच को।हर चीज पर हमारा कंट्रोल नहीं हो सकताहम अक्सर सोचते हैं कि सब कुछ हमारे हिसाब से हो, हर परिस्थिति वैसी बने जैसी हम चाहें। लेकिन सच्चाई तो यही है कि जीवन में बहुत सी चीजें हमारे हाथ में नहीं होतीं, जैसे-पूरी मेहनत के बाद भी फल ना मिलना, किसी दूसरे का आपके साथ बुरा व्यवहार करना या अचानक कोई मुश्किल खड़ी हो जाना। जब हम ये मान लेते हैं कि हर चीज को नियंत्रित करना नामुमकिन है, तो मन को शांति मिलने लगती है। नियंत्रण की जरूरत कम हो जाती है और हम चीजों को स्वीकार करना सीख जाते हैं। यही बात हमारी चिंता को घटाकर खुश रहने की राह खोलती है।परिवर्तन संसार का नियम हैकहने को तो ये बात बेहद छोटी है, लेकिन इसमें एक गहरी सच्चाई छुपी हुई है। लोग ये बात सुन तो लेते हैं लेकिन मानने को तैयार नहीं होते कि समय के साथ चीजें बदल जाती हैं। अच्छे दिन आते हैं और चले भी जाते हैं, वैसे ही बुरे वक्त भी हमेशा के लिए नहीं होते। अगर हम इन बातों को समझ लें कि हर चीज बदलने वाली है, तो हम दुख के समय टूटते नहीं और सुख के समय घमंड नहीं करते। परिवर्तन को जीवन का हिस्सा मानना हमें संतुलित बनाए रखता है और लाइफ के इस बैलेंस में ही सच्चा सुख छिपा हुआ है।तुलना करना दुख की सबसे बड़ी जड़ हैइंसान के दुख की सबसे बड़ी वजह है कि वह दूसरों से अपनी तुलना करता है। किसी और की जिंदगी को देखकर, खुद को कम आंकने लगता है। आजकल सोशल मीडिया के दौर में तो ये चीजें और भी बढ़ गई हैं। अगर सुखी जीवन जीना है तो दूसरों से तुलना करना बंद करना होगा। हर इंसान को यह समझना चाहिए कि हर इंसान की जिंदगी का सफर अलग-अलग होता है। जब दो लोगों के चेहरे एक से नहीं होते तो भला दो इंसानों की जिंदगी एक जैसी कैसे हो सकती है। बस ये छोटी सी बात जो समझ जाता है, उसका जीवन बहुत आसान और सुलझा हुआ हो जाता है।सब कुछ हमेशा परफेक्ट नहीं होताजीवन में सब कुछ ठीक हो, हर काम बिना रुकावट के पूरा हो, ऐसी उम्मीद करना भी दुख का एक कारण है। असल जिंदगी में अधूरे काम, अधूरे सपने और उलझने हमेशा रहेंगी। कई बार परफेक्शन का पीछा करना ही दुख का कारण बन जाता है। जब हम लाइफ की इसी अनसर्टेनिटी को अपनाते हैं, तो हम प्रेजेंट में जीना सीखते हैं और यही प्रेजेंट हमें खुश रहने का रास्ता दिखाता है।हर नया दिन ईश्वर का दिया हुआ एक तोहफा हैहम अक्सर भविष्य की चिंता में या बीते कल के पछतावे में खो जाते हैं, जो हमारे दुख का एक बड़ा कारण बन जाता है। लेकिन हर किसी को समझना चाहिए कि हर नया दिन, जीवन की नई शुरुआत है। ईश्वर हमें एक नया दिन जीने का मौका दे रहे हैं, इसके लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहिए और उसे भगवान का एक खूबसूरत तोहफा समझकर नई एनर्जी के साथ जीना चाहिए। जो इंसान हर नए दिन को नई शुरुआत मानकर जीना शुरु कर देता है, उसके जीवन के दुख खुद ब खुद कम हो जाते हैं।
- सावन का महीना चल रहा और घर में अगर लहसुन-प्याज नहीं खा रहे तो बच्चे अक्सर टिफिन में सब्जियां ले जाने से मना करते हैं। ऐसे में उन्हें कुछ मजेदार और टेस्टी सब्जी बनाकर दें जो ना केवल खाने में बढ़िया लगे साथ ही उनका पेट भी भर जाए। बड़े हो चुके बच्चों के टिफिन में चटपटे जीरा आलू बनाकर जरूर दें। ये सब्जी पूड़ी के साथ लाजवाब लगेगी और बच्चों ने खा लिया तो पेट भी भर जाएगा। तो फटाफट से नोट कर लें बिना लहसुन प्याज वाले इन चटपटे जीरा आलू की रेसिपी।चटपटे जीरा आलू की सामग्रीतीन से चार उबले हुए आलूकाला नमक स्वादानुसारसादा नमक स्वादानुसारअमचूर पाउडर आधा चम्मचगरम मसाला आधा चम्मचकसूरी मेथी एक चम्मचबारीक कटी थोड़ी सी हरी धनियाकश्मीरी लाल मिर्च एक चम्मचहल्दी एक चौथाई चम्मचसरसों का तेलजीराहींगअदरक हरी मिर्चधनिया पाउडरचटपटे जीरा आलू की रेसिपी-सबसे पहले आलूओं को उबालकर बिल्कुल ठंडा कर लें। जिससे कि काटते वक्त फूटे नहीं।-अब ठंडे हो चुके इन आलूओं को छीलकर काट लें।-कड़ाही में सरसों का तेल डालें। तीन से चार चम्मच। जिससे आलू अच्छे से भुन सकें।-अब तेल के गर्म होते ही उसमे जीरा डालें।-जीरा चटकने के साथ हींग डाल दें।-हींग के बाद तेल में अदरक और हरी मिर्च बारीक कटा हुआ डाल दें। जिससे कि सब भुन जाए।-फिर गैस की फ्लेम को धीमा कर दें और मसाले डालें।-हल्दी पाउडर, कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर को तेल में डालें। जिससे कि कलर आ जाए। साथ ही इसमे धनिया पाउडर डाल दें। अच्छी तरह से मिक्स करें और उबली कटी हुई आलू को डाल दें।-आलू डालकर भूनें, जिससे स्वाद बढ़ जाए।-अब इन भुने आलूओं में सादा नमक और थोड़ा सा काला नमक डालें। साथ में अमचूर पाउडर और गरम मसाला डालकर मिक्स करें।-तेज फ्लेम पर भूनें और साथ ही एक चम्मच कसूरी मेथी और हरी धनिया काटकर डालें। जिससे सब्जी का टेस्ट बढ़ जाए और बस रेडी है मजेदार सी आलू की सब्जी इसे गर्मागर्म पूड़ियों के साथ सर्व करें। बच्चे क्या बड़े भी चट कर जाएंगे।
- जब बात दूसरों पर इम्प्रेशन क्रिएट करने की होती है तो ज्यादातर लोग महंगी चीजें ले आते हैं। जूतों से लेकर घड़ी तक में वे ब्रांड दिखाना चाहते हैं। लेकिन क्या कभी आपने नोटिस किया है कि बहुत से लोग ज्यादा महंगे कपड़े न पहनकर भी सामने वाले पर अलग छाप छोड़ जाते हैं। फिर चाहे वो इंटरव्यू हो, कोई स्पेशल मीटिंग या पार्टी। उनकी पर्सनैलिटी देखते ही लोग उन्हें ज्यादा तवज्जो देते हैं। इसके पीछे छिपे हैं कुछ क्लॉथिंग हैक्स। अच्छा दिखने के लिए अच्छे कपड़े और एसेसरीज होना बेहद जरूरी है। आपकी पर्सनैलिटी दूसरों से हटकर दिखे इसके लिए कपड़ों की फिटिंग मायने रखती है। ज्यादातर लड़के अनजाने में ऐसे कपड़े खरीद लेते हैं] जो उन पर सूट नहीं करते। इसकी वजह से उनका इम्प्रेशन डाउन हो जाता है।अक्सर लड़के ट्राउजर जींस या चिनोज खरीदते समय उसकी वेस्ट और लेंथ पर तो ध्यान देते हैं। लेकिन कभी पॉकेट का डिजाइन नहीं देखते। मगर क्या आपको पता है एक अच्छी पेंट की फिटिंग उसकी पॉकेट पर निर्भर करती है। बेहतर लुक के लिए वेस्टर्न पॉकेट को सबसे अच्छा माना जाता है। यह ज्यादातर जींस और चिनॉज में देखने को मिलते हैं। इन्हें हॉरिजॉन्टल पॉकेट के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा फ्रंट पॉकेट भी अच्छी मानी जाती हैं ये जींस में होती हैं।शोल्डर फिटिंग को न करें नजरअंदाजआपने अक्सर देखा होगा बॉलीवुड एक्टर, बड़े बिजनेसमैन या पैसे वाले लोग अच्छी फिटिंग की शर्ट या टीशर्ट पहनते हैं। इससे उनका लुक ज्यादा अच्छा आता है। इसलिए अपर बाॅडी के कपड़े लेते समय शोल्डर की फिटिंग को कभी नजरअंदाज न करें।झूलते हुए कंधे वाली टी-शर्ट या स्वेटर आपका इम्प्रेशन डाउन कर सकते हैं। इसलिए पोलो शर्ट या टी-शर्ट पहनने पर इसका खास ध्यान दें। इसके अलावा लोग अक्सर स्वेटर्स हैंगर पर टांगकर रखते हैं, ऐसा बिल्कुल न करें। क्योंकि बुनाई वाले गर्म कपड़े हैंगर पर टांगने से उनकी फिटिंग खराब हो जाती है।कलर काॅब्निशन पर दें ध्यानकपड़ों या एसेसरीज को खरीदते समय कलर का चुनाव भी जरूरी है। इसलिए कभी भी कलर के मामले में ओवरबोर्ड न जाएं। यानी बहुत ज्यादा भड़कीले कलर न चुनें।अगर आपके पास ऐसे रंग के कपड़े या एसेसरीज हैं तो आप इन्हें मिक्स एंड मैच करके पहनें। इससे अच्छा काॅम्बिनेशन बनेगा। जैसे- गहरे पीले रंग की टी-शर्ट है तो साथ में ब्लैक जींस या चिनोज पहनें। इसके बाद अपने जूते भी पीले रंग के रखें। इससे आप ज्यादा लंबे दिखेंगे। साथ ही पर्सनैलिटी प्रभावशाली लगेगी।एसेसरीज से डालें जानलुक को कंप्लीट करने के लिए सही एसेसरीज का होना बेहद जरूरी है। इसलिए टी-शर्ट के ऊपर अगर फाॅक्स या लेदर जैकेट पहनी जाए तो आप ज्यादा स्टाइलिश दिखेंगे। ऐसी जैकेट्स लेते समय बिना हैंड कफ डिजाइन खरीदें। इसके अलावा घड़ी एनालाॅग वाली पहनें। जूते लेते समय स्नीकर्स, लोफर्स और बूट्स का यूज करें।
- यदि आपने बेल बॉटम जींस खरीदी है लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि इसे कैसे स्टाइल करें, तो हम आपकी इसमें मदद करेंगे। वैसे को कहावत है कि समय के साथ फैशन बदलता रहता है लेकिन एक और कहावत है कि इतिहास खुद को एक बार अवश्य दोहराता है। यही वजह है कि कुछ-कुछ समय बीतने के बाद पुराने ट्रेंड दोबारा से चलन में आ जाते हैं। आज के समय में कई आउटफिट ऐसे हैं, जो काफी पहले कैरी किए जाते थे, लेकिन अब एक बार फिर से लोगों के सिर चढ़कर उनका क्रेज बोल रहा है।बेल बॉटम जींस आजकल पुरुषों से लेकर महिलाओं तक को काफी पसंद आ रही है। पुरुषों के लिए इसे स्टाइल करना आसान होता है, लेकिन जब बात आती है महिलाओं की तो वो इसको लेकर काफी संशय में रहती हैं।इसी के चलते हम यहां आपको बेल बॉटम जींस स्टाइल करने के कुछ आइडिया देने जा रहे हैं, ताकि आपका अंदाज किसी हिरोइन से कम न लगे।टैंक टॉप के साथआज-कल महिलाओं को टैंक टॉप्स काफी पसंद आती हैं। ये टाइट फिटिंग की होती हैं और इसे किसी भी तरह की जींस के साथ कैरी किया जाता है। लेकिन यदि आप इसे बेल बॉटम जींस के साथ पहनेंगी तो आपका अंदाज सबसे अलग लगेगा। ये आपको बोल्ड दिखने में भी मदद करेगा। खासतौर पर यदि आप ग्लैमरस लुक कैरी करना चाहती हैं तो टैंक टॉप के साथ बेल बॉटम पहनें।जैकेट के साथबहुत सी लड़कियां और महिलाएं टैंक टॉप में खुद सहज नहीं हो पातीं, ऐसे में आप टैंक टॉप के ऊपर जैकेट कैरी कर सकती हैं। अब जब गर्मी का मौसम है तो आप इसके साथ कॉटन की जैकेट कैरी कर सकती हैं। नहीं तो डेनिम जैकेट भी आपके लुक को क्लासी दिखने में मदद करेगी।सेमी-टैंक टॉप के साथसेमी टैंक टॉप आपके लुक को अलग दिखने में मदद करेगी। इसे आप आप अपने दफ्तर भी कैरी करके जा सकती हैं। सेमी-टैंक टॉप के साथ बेल बॉटम जींस आपको कूल लुक देने में मदद करेगी। इसलिए चाहें तो सेमी-टैंक टॉप के साथ इसे कैरी करें।नॉर्मल टी -शर्ट के साथयदि आपके पास टैंक टॉप या फिर जैकेट नहीं है तो आप बेल बॉटम जींस को साधारण सी टी शर्ट के साथ भी कैरी कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि बेल बॉटम जींस के साथ हमेशा स्किनी फिट वाली टॉप ही अच्छी लगेगी। ऐसे में बस अपनी जींस के हिसाब से सही रंग की टीशर्ट का चयन करें और उसे पहनकर जलवा बिखेरें। बेल बॉटम जींस को स्टाइल करते समय ध्यान रखें कि आप इसे ओवर साइज टी-शर्ट या टॉप के साथ नहीं पहन सकते। ओवर साइज अपर वियर आपके लुक को खराब कर देगा।
- अपनी कंफर्टेबल फिटिंग और स्टाइलिश लुक के लिए सलवार आज भी महिलाओं के बीच काफी पॉपुलर है। सलवार जितनी भी सिंपल हो अगर आप उसकी मोहरी के साथ थोड़ा एक्सपेरिमेंट करें, तो पूरा लुक और भी ज्यादा फैंसी लग सकता है। यहां हम आपके लिए चुनिंदा मोहरी के डिजाइन ले कर आए हैं, जो आपकी सलवार में चार चांद लगा देंगे।मोहरी पर कराएं फैंसी कट वर्कसलवार की मोहरी को सिंपल रखने के बजाए आप ये फैंसी कट वर्क करा सकती हैं। ये फ्लोरल कट वर्क आपकी सलवार को काफी स्टाइलिश लुक देगा। खासतौर से प्रिंटेड सूट के साथ ये डिजाइन काफी क्लासी लगता है।कढ़ाई वाली मोहरी बनवाएंअगर आपका सूट हेवी है तो मोहरी को प्लेन ना रखें। इसकी जगह आप मोती-सितारों की हेवी कढ़ाई करा सकती हैं। सूट के साथ का मैचिंग बॉर्डर या लेस भी मोहरी पर अटैच की जा सकती है। ये देखने में बेहद ही अट्रैक्टिव लगेगा।स्टाइलिश मोहरी डिजाइनडेली वियर के सिंपल प्रिंटेड या प्लेन सूटों के साथ कुछ इस तरह की मोहरी वाली सलवार परफेक्ट रहेगी। इसमें सिलाई से ही बेहद खूबसूरत फ्लोरल पैटर्न बनाया गया है, जो सारा ध्यान अपनी ओर खींचता है। साथ ही, मैचिंग लेस या कॉन्ट्रास्ट शेड का कपड़ा अटैच करा के भी लुक को और ज्यादा फैंसी बना सकती हैं।डेली वियर के लिए परफेक्ट डिजाइनडेली वियर के लिए सलवार स्टिच करा रही हैं, तो ये फैंसी डिजाइन एकदम परफेक्ट रहेगा। इसमें भी सारा पैटर्न स्टिचिंग से बनाया गया है। नीचे बॉर्डर पर कॉन्ट्रास्ट शेड के धागे से क्रॉस पैटर्न बनाया गया है, जो देखने में बेहद फैंसी और अट्रैक्टिव लग रहा है।ब्यूटीफुल मोहरी पैटर्नसिंपल से सूट को स्टाइलिश लुक देने के लिए ये सुंदर सा पैटर्न भी बेस्ट रहेगा। इसमें बॉर्डर पर कट वर्क किया गया है और स्टिचिंग से क्रिस-क्रॉस पैटर्न बनाया गया है। देखने में ये पैटर्न बेहद ही फैंसी और स्टाइलिश लग रहा है।स्टाइलिश मोहरी डिजाइनसलवार की मोहरी को फैंसी और थोड़ा हेवी लुक देने के लिए ये पैटर्न एकदम परफेक्ट रहेगा। इसमें कपड़े की पतली पाइपिंग बनाकर सुंदर सा पैटर्न बनाया गया है, जो देखने में बेहद स्टाइलिश लग रहा है। प्लेन मोहरी की जगह इसमें सीधी स्टिचिंग की गई है, जो काफी फैंसी लुक दे रही है।मोहरी पर लगवाएं मोतीज्यादा सिंपल डिजाइन नहीं रखना चाहती हैं, तो मोहरी पर कुछ इस तरह से छोटे मोती-सितारे अटैच करा सकती हैं। ये देखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं। साथ ही मोहरी पर सिलाई से बेहद खूबसूरत पैटर्न बनाया गया है, जो देखने में काफी सुंदर है।
- जब भी कोई महिला एथनिक आउटफिट पहनकर तैयार होती है, तो वो अपने मेकअप से लेकर ज्वेलरी तक का चयन काफी सोच-समझ के करती है। मेकअप और ज्वेलरी के अलावा अब तो मैचिंग के पर्स कैरी करने का भी ट्रेंड है। पर्स और बैग वैसे तो हर आउटफिट के साथ जचते हैं, लेकिन जब बात एथनिक आउटफिट की आती है तो इसके साथ तो हमेशा पोटली ही प्यारी लगती है।बाजार में आजकल कई तरह के फैब्रिक और वर्क वाली पोटली मिल जाती है। इसका चयन आप अपने आउटफिट के हिसाब से कर सकते हैं। बहुत सी महिलाओं को ये समझ ही नहीं आता कि वो कैसे एथनिक के साथ कैरी पोटली कैरी करें। इसी बारे में हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं। इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपने लिए पोटली का चयन कर सकती हैं।रंग हो सही : एथनिक ड्रेस के साथ पोटली बैग का रंग ऐसे चुनें जो आपके पहनावे से मेल खाता हो। अगर आपकी ड्रेस बहुत रंगीन है, तो एक सादा रंग का पोटली बैग अच्छा लगेगा, जबकि सादी ड्रेस के साथ एक रंग-बिरंगा पोटली बैग आकर्षक लगेगा। ध्यान रखें कि ज्यादा चमक-धमक वाला पोटली बैग न सिर्फ आपके लुक को अच्छा बना सकता है, बल्कि ये लुक को बिगाड़ भी सकता है।सही फैब्रिक का चयन: एथनिक के साथ कैरी करने के लिए बाजार में कई तरह के पोटली बैग मिलते हैं। इनके फैब्रिक भी काफी अलग होते हैं। ज्यादातर पोटली बैग सिल्क, जरी, कढ़ाई, मखमल, और जूट में ही बनते हैं। सिल्क और जरी वाले बैग पारंपरिक पहनावे के साथ बेहतरीन दिखते हैं।सही हो कढ़ाई : अगर आपका एथनिक आउटफिट कढ़ाई या अन्य हैवी डिटेलिंग वाला है, तो आपके पोटली बैग पर ज्यादा वर्क नहीं होना चाहिए। इसके विपरीत, अगर आपका पहनावा साधारण है, तो बैग में भरी कढ़ाई या चमकदार बीड्स का प्रयोग करें।इससे आपका लुक प्यारा दिखेगा।पोटली बैग खरीदते वक्त उसके साइज पर खास ध्यान दें। एक छोटा पोटली बैग फिटिंग वाले आउटफिट्स के साथ अच्छा लगता है, जबकि बड़ी पोटली बैग फ्लोइंग या लूज ड्रेस के साथ बेहतर दिखाई देती है।अवसर के हिसाब से करें चयनपोटली बैग को शादी, त्योहार या अन्य खास अवसरों के लिए चुनते समय अवसर का खास ध्यान रखें। कढ़ाई हो फिर चमकदार स्टोन वाली पोटली ये शादी-विवाह के लिए परफेक्ट रहती हैं। साधारण आयोजनों के लिए हल्के रंगों और बिना भारी कढ़ाई वाले बैग अच्छे रहते हैं।
- ‘वेलवेट’ जिसे ‘मखमल’ भी कहते हैं। ये हल्के बुनाई के रोयेंदार रेशमी कपड़ा होता है। पहले के वक्त में लोग इसे सामाजिक, धार्मिक और राजकीय अवसरों पर पहना करते थे. लेकिन आज इस कपड़े को किसी भी ऑकेजन पर पहन सकते हैं। खासतौर पर महिलाओं के लिए वेलवेट कपड़े में बाजार में इतने सारे ऑप्शन हैं कि इनको सेलेक्ट करने में मुश्किलें आ जाती है। इसमें इतनी सुंदर एम्ब्रोइडरी की जाती है कि आप इन्हें शादियों पर भी वियर कर सकती हैं।वेलवेट कोट : महिलाएं इसे वेडिंग में अपनी मैन अट्रैक्शन बना सकती हैं। इसमें रंग बिरंगे कलरों से बहुत खूबसूरत एम्ब्रॉयडरी की जाती है। आप इसे प्लाजो, साड़ी, जींस के साथ पहन कप लुक को शानदार बना सकती है। इसको मुलायम और मोटा कपड़ा गर्म रखने में मदद करेगा।वेलवेट वेस्टर्न ड्रेस : वेलवेट में कई तरह की वेस्टर्न ड्रेस भी मिलती हैं। ये आपको कट, फुल स्लीव्स दोनो में यूनिक डिजाइन में मिलती हैं। अपने फंक्शन के हिसाब से इसे परचेज कर सकती हैं। ये लुक को स्टाइलिश और फैशनेबल बना देगी।वेलवेट साड़ी : कई बार सिर्फ साड़ी के पल्लू में वेलवेट लगा होता है, तो कई बार पूरी की पूरी साड़ी ही वेलवेट की होती है। फुली रेडी होने के बाद जो वेलवेट साड़ी का लुक आता है, वो बेहद शानदार लगता है। ऐसी साड़ियों पर ज्यादातर चौड़े बॉर्डर का वर्क हुआ होता है, जो साड़ी को अच्छे से कवर करता है।वेलवेट शॉल : वेलवेट की शॉल में हेवी एम्ब्रॉयडरी हुई होती है। आप इसे साड़ी के साथ कैरी कर सकती हैं, इसमें सिंपल और हेवी दोनों तरह की शॉल बाजार में मिल जाती है। अगर साड़ी भारी है तो अपने लुक को क्लासी बनाने के लिए सादा और चौड़े बॉर्डर की शॉल पहन कर ऑकेजन को अटेंड कर सकती हैं।वेलवेट सूट : वेलवेट सूट मार्केट में नार्मल, पाकिस्तानी पैटर्न में बेहद एलिगेंट और यूनिक डिजाइन में बहुत रीजनेबल प्राइस में मिल जाएंगे. अगर आप साड़ी या गाउन जैसा हेवी कपड़ा नहीं पहनना चाहती तो आप इसे ट्राई कर सकती हैं।
- शायद ही कोई महिला होगी, जिसे लिपस्टिक लगाना पसंद न हो। अब तो छोटी-छोटी बच्चियों से लेकर कॉलेज जाने वाली लड़कियों के पास तक लिपस्टिक का शानदार कलेक्शन होता है। लिपस्टिक लगाने से लुक एकदम बदल सा जाता है। लिपस्टिक लगाना जितना आसान है, उतना ही कठिन होता है लंबे समय तक इसे टिकाए रखना।दरअसल, ज्यादा महिलाओं की यही शिकायत रहती है कि उनकी लिपस्टिक जल्दी मिट हो जाती है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसी ही ट्रिक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको फॉलो करने के बाद आपकी सस्ती सी लिपस्टिक भी घंटो तक टिकी रहेगीहोंठों को पहले करें स्क्रबचेहरे के साथ-साथ होंठों की डेड स्किन निकालना भी काफी जरूरी हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि आपके होंठों पर डेड स्किन जमा रहेगी तो इसपर लिपस्टिक का ज्यादा लंबे समय तक टिकना मुश्किल होगा। इसलिए हफ्ते में कम से कम तीन बार अपने होंठों को एक्सफोलिएट करें। इसके लिए पिसी हुई चीनी और शहद के मिश्रण को होंठों पर लगाएं और हल्के हाथ से मसाज करें। इसके बाद किसी मुलायम ब्रश की मदद से होंठों को साफ कर लें।लिप बाम लगाएंसूखे होंठों पर लिपस्टिक ज्यादा समय तक टिक नहीं पाती है। इसलिए जब भी कभी लिपस्टिक लगा रही हैं तो पहले अपने बालों में लिप बाम अवश्य लगाएं। इससे आपके होंठ मुलायम बने रहेंगे। ध्यान रखें कि यदि आप ज्यादा लिप बाम का इस्तेमाल करेंगे तो इससे आपकी लिपस्टिक ग्लॉसी दिखेगी। ऐसे में एक टिशू से एक्स्ट्रा बाम हल्के से हटा दें। ताकि होंठ मुलायम भी हो जाएंलिप प्राइमर या कंसीलर का इस्तेमाल करेंअब तो बाजार में चेहरे की तरह लिप प्राइमर भी आने लगा है। लिपस्टिक लगाने से पहले इस लिप प्राइमर का इस्तेमाल करें, इससे भी आपकी लिपस्टिक लंबे समय तक टिकी रहेगी। चाहें तो हल्का सा कंसीलर भी आप अपने होंठों पर अप्लाई कर सकते हैं। इससे लिपस्टिक का रंग उभर कर सामने आता है और लिपस्टिक लंबे समय तक चिटी रहती है।डबल कोट अप्लाई करेंयदि आप डबल कोट में लिपस्टिक अप्लाई करेंगी तो इससे भी ये लंबे समय तक टिकी रहेगी। लिपस्टिक का डबल कोट लगाने के लिए सबसे पहले लिपस्टिक की एक परत लगाने के बाद टिशू से हल्के से दबाएं, फिर दूसरी लेयर लगाएं। इससे आपकी लिपस्टिक हल्की ड्राई हो जाएगी, और लंबे समय तक टिकी रहेगी।ट्रांसलूसेंट पाउडर से सेट करेंजिस तरह से मेकअप को सेट करने के लिए ट्रांसलूसेंट पाउडर का इस्तेमाल होता है, ठीक उसी तरह से अपनी लिपस्टिक को भी इससे सेट करें। इसके लिए टिशू को होंठों पर रखें और ऊपर से थोड़ा ट्रांसलूसेंट पाउडर ब्रश से लगाएं। ये लिपस्टिक को लॉक कर देता है और लिपस्टिक लंबे समय तक टिकी रहती है।
- हर कोई ये चाहता है कि उनकी त्वचा हमेशा दमकती और चमकती रहे, इसके लिए लोग महंगे-महंगे स्किन केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं। पर, कई बार इसका असर चेहरे पर दिखता नहीं है।इसकी एक वजह ये मानी जाती है कि ज्यादातर लोग अपनी स्किन टाइप के हिसाब से प्रोडक्ट नहीं करते, क्योंकि उन्हें अपने स्किन टाइप के बारे में पता ही नहीं होता है। इसी के चलते हम आपको यहां अपना स्किन टाइप पता करने के टिप्स देने जा रहे हैं। ताकि आपका चेहरा भी खिला-खिला रहे और आपक पैसे बर्बाद न हों।ऐसे करें अपनी स्किन टाइप की पहचानस्किन टाइप पता करने के लिए सबसे पहले माइल्ड फेसवॉश की मदद से अपने चेहरे को साफ करें। इसके बाद किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें। अब अपने चेहरे को ऐसे ही एक घंटे के लिए छोड़ दें। एक घंटे के बाद आप पता कर सकते हैं, कि आपकी त्वचा का टाइप क्या है। इसके लिए टिशू पेपर को अपने माथे, नाक, गाल और ठुड्डी पर रखें और फिर इससे आपको जानकारी मिल जाएगी। नीचे जानकारी दी जा रही है कि टिश्यू पेपर कैसे आपका स्किन टाइप पहचानेगा।यदि स्किन ऑयली है तोयदि आपके चेहरे पर काफी चमक आ गई है, यानी कि पूरे चेहरे पर पसीना है तो समझ लीजिए कि आपकी स्किन काफी ऑयली है। जिन लोगों की त्वचा ऑयली होती है, उनके चेहरे पर मुंहासे की दिक्कत काफी सामने आती है। ऐसे में हमेशा ऐसे प्रोडक्ट इस्तेमाल करें, जो पसीने पर रोक लगाते हों।यदि स्किन ड्राई है तोयदि चेहरा धोने के एक घंटे के बाद त्वचा पर खिंचाव, रफनेस महसूस हो रही है, या फिर चेहरे पर से पपड़ी उतर रही है, तो मतलब ये है कि आपकी स्किन ड्राई है। ऐसे में ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें, जिससे आपके चेहरे की नमी बरकरार रहे।यदि कॉम्बिनेशन स्किन है तोयदि आपकी चेहरे पर सिर्फ टी जोन यानी कि माथा और नाक पर पसीना आया है तो मतलब है कि आपकी कॉम्बिनेशन स्किन है। कॉम्बिनेशन स्किन में सिर्फ टी जोन पर पसीना आता है, जबकि बाकी का चेहरा ड्राई रहता है। इसलिए ऐसे प्रोडक्ट इस्तेमाल करें जो कॉम्बिनेशन स्किन के लिए परफेक्ट हों।यदि सेंसिटिव स्किन है तोयदि चेहरा धोने के एक घंटे के बाद चेहरे पर खुजली हो रही है या फिर जलन मच रही है तो मतलब है कि आपकी त्वचा सेंसिटिव है। ऐसे लोगों को अपनी स्किन का खास ध्यान रखने की जरूरत है। सेंसिटिव स्किन पर कुछ भी काफी जल्दी रिएक्ट करता है, इसे कई बार परेशानी भी हो जाती है। इसलिए कुछ भी इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करें।
- साड़ी को प्रेस करना किसी मुसीबत की तरह लगता है। पहले तो साड़ी का फैब्रिक काफी डेलिकेट होता है। जिसकी वजह से इसके जलने का डर रहता है। वहीं पांच मीटर लंबी साड़ी को अच्छी तरह से प्रेस करने में काफी मेहनत और टाइम की जरूरत होती है। ऐसे में कुछ खास ट्रिक आपकी मदद कर सकते हैं। जिससे कम समय में बिना साड़ी के जलने के डर के आयरन करना आसान हो जाएगा।साड़ी को करें फोल्डसाड़ी की लंबाई ज्यादा होती है एकसाथ प्रेस करना मुश्किल लगता है। इसलिए पहले साड़ी को चार फोल्ड में करके लंबाई छोटी कर लें। अब पहले ऊपर के दोनों तरफ प्रेस करें। ऐसा करने से अंदर की तह पर भी आयरन हो जाएगा। फिनिशिंग के लिए एक बार ऊपरी परत हटाकर प्रेस कर दें।साड़ी के ऊपर रखें रुमालसाड़ी का फैब्रिक काफी डेलिकेट है तो एक जेंट्स रुमाल कॉटन की लें और इसे साड़ी के ऊपर रखकर प्रेस चलाएं। जरूरत के मुताबिक रुमाल को इधर-उधर घुमाते रहें।साड़ी के अंदरूनी हिस्से पर प्रेस करेंसबसे पहले साड़ी को आयरन करने की शुरुआत अंदरूनी हिस्से यानी जो हिस्सा प्लीट्स के नीचे कवर होता है, वहां से शुरू करें। ऐसा करने से साड़ी के जलने या श्रिंक होने पर पूरी साड़ी खराब होने से बच जाएगी।प्रेस में लगाएं लो टेंपरेचर सेटिंगसाड़ी पर आयरन करने से पहले प्रेस में टेंपरेचर की बिल्कुल लो सेटिंग फिक्स करें। अगर सिल्क की साड़ी तो भी पहले लो सेटिंग पर गर्म करें और कुछ स्ट्रोक करने के बाद सिल्क सेटिंग पर ले जाएं। इससे साड़ी पर कितना टेंपरेचर सही रहेगा इसका पता चल जाएगा।साड़ियों पर ना बनाएं क्रीजसाड़ियों को आयरन करते समय ध्यान रखें कि फोल्ड के किनारों पर प्रेस ना मारें। ऐसा करने से क्रीज बन जाएगी और इन साड़ियों को रख देने पर इन क्रीज को हटाना मुश्किल हो जाता है।साड़ी को स्टोर करने का तरीकासाड़ी को कभी भी एकसाथ दो या तीन स्टोर नहीं करनी चाहिए। अगर आप लांग टाइम के लिए साड़ी को फोल्ड कर रख रही हैं तो प्रेस करने के साथ ही उसमे पेपर लगा दें और फिर फोल्ड कर किसी साड़ी बैग में रखें। जिससे रिंकल्स ना पड़े। साथ ही साड़ियों को एक के ऊपर एक ना चढ़ा दें।