बर्लिन ओलंपिक के हॉकी फाइनल में ध्यानचंद के शानदार प्रदर्शन से खुश होकर हिटलर ने उन्हें खाने पर बुलाया और उनसे जर्मनी की ओर से खेलने को कहा. उनका जवाब था - 'हिंदुस्तान मेरा वतन है और मैं वहां खुश हूं.'
बर्लिन ओलंपिक के हॉकी फाइनल में ध्यानचंद के शानदार प्रदर्शन से खुश होकर हिटलर ने उन्हें खाने पर बुलाया और उनसे जर्मनी की ओर से खेलने को कहा. उनका जवाब था - 'हिंदुस्तान मेरा वतन है और मैं वहां खुश हूं.'