सोते हुए भाग्य को जगाएं ये 4 रत्न
- पंडित प्रकाश उपाध्याय
रत्न शास्त्र के अनुसार प्रत्येक रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूत करने के लिए ज्योतिषी उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। ग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण अक्सर बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं। आज हम आपको कुछ विशेष रत्नों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें धन और वृद्धि के कारक के रूप में देखा जाता है।
नीलम-
नीलम शनिदेव से संबंधित रत्न है। यदि किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो उसे इस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम को बेहद शक्तिशाली रत्न माना जाता है। इसके शुभ प्रभाव से मनुष्य की सभी परेशानियां खत्म हो जाती है। इस रत्न की मदद से मनुष्य का सोता हुआ भाग्य भी जाग उठता है। ज्योतिषी परामर्श के बिना भूलकर भी नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
माणिक्य रत्न-
सूर्य से संबंधित इस रत्न को अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए। माणिक्य रत्न को धारण करने से जीवन में अपार सफलता मिलने लगती है। इस रत्न को धारण करने से पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है। घर में सुख समृद्धि का बनी रहती है।
लहसुनिया रत्न-
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु की महादशा चल रही हो उसे जीवन में तरह-तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति का आर्थिक परेशानी के साथ ही साथ मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। कुंडली में केतु की बुरे प्रभाव को शांत करने के लिए ज्योतिषी लहसुनिया रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है और वह अंदर से ऊर्जावान महसूस करता है।
पन्ना रत्न-
बुध ग्रह से संबंधित इस रत्न को धारण करने से मनुष्य के मनुष्य के वाक कौशल और बौद्धिक गुणों का विकास होता है। इस रत्न को धारण करने वाले व्यक्ति संचार के क्षेत्र में खूब नाम कमाते हैं।
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