हनुमान जयंती पर कर लें ये उपाय....अशुभ प्रभाव से मिलेगी मुक्ति...-जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
बालोद से पंडित प्रकाश उपाध्याय
चैत्र पूर्णिमा को हर वर्ष हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार 6 अप्रैल को हनुमान जयंती है। माना जाता है कि हनुमान भक्तों पर सदैव शनि देव की कृपा बनी रहती है। अगर आप शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया या शनि दोष से पीडि़त हैं तो ज्योतिष शास्त्र में हनुमान जयंती के दिन किए जाने वाले कुछ उपाय बताए गए हैं, जिससे शनि की महादशा में लाभ होगा। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में...
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की महादशा से मुक्ति के लिए हनुमान जयंती के दिन व्रत रखें और लाल कपड़े पहनकर हनुमान मंदिर में जाएं। इसके बाद बजरंगबली के सामने कुश के आसन पर बैठकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं। फिर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
2. हनुमानजी को चने व बूंदी का भोग बेहद प्रिय है। हनुमान जयंती के दिन व्रत रखें और मंदिर में जाकर बूंदी व चने का भोग लगाएं और सुंदरकांड का पाठ करें, फिर प्रसाद को लोगों को बांट दें। ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और शनि दोष से जुड़ी परेशानियों को भी दूर रखते हैं। साथ ही आरोग्य की भी प्राप्ति होती है।
3. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए हनुमानजी को सिंदूर, चोला और चमेली का तेल अर्पित करें। इसके अलावा बरगद के आठ पत्तों को काले धागे में पिरो लें और उन पर सिंदूर से राम-राम लिखें। फिर हनुमानजी की मूर्ति पर चढ़ा दें। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।.
4. शनि की बुरी दशा से टालने के लिए एक पानी वाला नारियल हनुमान मंदिर लेकर जाएं और बजरंगबली के सामने ही अपने सिर से लेकर पैर तक सात बार वार लें और फिर उसे वहीं तोड़ दें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर '? हं हनुमते नम::' मंत्र का 108 बार जप करें और फिर सुंदरकांड का पाठ करें।
5. बजरंगबली को लौंग वाला पान का बीड़ा के साथ कागजी बादाम भी अर्पित करें। इसके बाद काले कपड़े में आधे बादाम को बांध दें। फिर उसे घर की दक्षिण दिशा में छिपाकर रख दें, ध्यान रहे कि कोई उसे देखे ना। इसके बाद अगले दिन इसे किसी शनि मंदिर में जाकर रख दें। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और सभी कार्य बनने लग जाते हैं।
6. हनुमान जयंती पर हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें दो लौंग रख दें। इसके बाद दीपक से हनुमानजी की आरती उतारें और हनुमानाष्टक का पाठ करें। साथ ही बजरंगबली को गुलाब की माला, लाल फूल, लाल चंदन आदि चीजें अर्पित करें। ऐसा करने से हनुमानजी की कृपा बनी रहेगी और शनि की साढ़ेसाती और अशुभ छाया से मुक्ति मिलेगी।
शुभ मुहूर्त
गुरुवार सुबह 6.06 से 7.40 के बीच में पूजा कर सकते हैं। उसके बाद आप दोपहर 12.24 से 1.58 के बीच भी पूजा कर सकते हैं। जो लोग शाम को पूजा करना चाहते हैं, वे शाम 5.07 से 8.07 के बीच विधान से पूजा कर सकते हैं।
हनुमान जयंती के दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11.59 से दोपहर 12.49 तक है। .
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