16 अगस्त को खत्म हो जाएगा मलमास... जानें अधिक मास अमावस्या का शुभ मुहूर्त
-पं. प्रकाश उपाध्याय
पूरे 19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संजोग बना था कि साल 2023 का सावन कल 59 दिनों का हो गया। इसका सबसे बड़ा कारण इस दौरान अधिक मास या मलमास का पड़ना था। आखिरकर वह दिन आ गया जब 18 जून को शुरू हुआ मलमास समाप्त हो जाएगा। यह 16 अगस्त का दिन है जिस दिन अमावस्या की तिथि भी है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन स्नान दान करने के साथ पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं अधिक मास अमावस्या का शुभ मुहूर्त और उपाय के बारे में विस्तार से।
अमावस्या का शुभ मुहूर्त
सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार सावान माह के कृष्ण पक्ष की तिथि को अमावस्या का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल अधिक मास की अमावस्या तिथि 15 अगस्त को दिन में 12 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी। जबकि यह 16 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा। हालांकि, उदया तिथि मान्य होने के कारण अधिक मास अमावस्या का त्यौहार 16 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
अधिक मास अमावस्या की पूजा विधि
अधिक मास की अमावस्या के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ही स्नान–ध्यान करें। इस दिन गंगा स्नान या किसी भी पवित्र नदी में स्नान का बहुत महत्व है। अगर आप किसी भी कारण से गंगा स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर में नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें। नहाने के पश्चात आप भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इस दिन अपने पितरों की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण भी कर सकते हैं।
अधिक मास अमावस्या के उपाय
इस दिन सबसे अधिक महत्व गंगा स्नान का होता है। इस दिन भक्तों को गणेश जी की पूरे विधि–विधान से पूजा करना चाहिए और भोग में लड्डू चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, अमावस्या को पास के किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान महादेव का रुद्राभिषेक करें। साथ ही उन्हें सबसे पसंदीदा बेलपत्र और धतूरे का अर्पण भी करें। इस दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण करना भी लाभकारी माना जाता है।
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