इस दिन नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते
-पं. प्रकाश उपाध्याय
वास्तु शास्त्र में, तुलसी के पौधे का सूखना अक्सर घर में नकारात्मक ऊर्जा या संतुलन का प्रतिबिम्ब माना जाता है। भगवान श्री हरी विष्णु जी को तुलसी बहुत प्रिय है। ऐसी मान्यता है की बिना तुलसी की पत्तियों के प्रभु को भोग नहीं लगता है। वहीं, माता लक्ष्मी का रूप मानी जाती हैं तुलसी जी। इसलिए तुलसी जी हरी-भरी रहें तो घर में सुख-संपदा भी बनी रहती है। वहीं, तुलसी जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए साथ ही कुछ नियमों का पालन भी करना जरूरी माना गया है। इसलिए श्री नारायण और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस विधि से तुलसी-पूजन करें।
तुलसी पूजन-नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी जी का रोजाना जलाभिषेक करना चाहिए। वहीं, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में भूलकर भी जल नहीं चढ़ाना चाहिए। बिना स्नान किए तुलसी के पत्तों को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है की तुलसी माता प्रभु नारायण के लिए एकादशी और रविवार के दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए इन दोनों दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना निषेध माना गया है। वहीं, शास्त्रों की माने तो सूर्य के अस्त होने के बाद संध्या के समय तुलसी के पत्तों को न तो स्पर्श करना चाहिए और न ही तोड़ना चाहिए।
तुलसी पूजा-विधि
सुबह उठने के बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद तुलसी माता का जलाभिषेक करें।
अब इन्हें सिंदूर या चंदन लगाएं।
लाल या गुलाबी रंग के फूल चढ़ाएं।
इसके बाद तुलसी जी के पास घी का दीपक जलाएं।
तुलसी उपाय
घर परिवार में सुख समृद्धि और खुशियां लाने के लिए संध्या के वक्त भी तुलसी जी के पास घी का दीपक रखें। तुलसी स्त्रोत का पाठ करने और तुलसी मैय्या की विधिवत उपासना करने से माता लक्ष्मी और भगवन विष्णु का आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
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