अविवाहित पितरों का इस दिन करें श्राद्ध
-पं. प्रकाश उपाध्याय
पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो चुकी है। कल यानी 3 अक्टूबर 2023 पितृ पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध होता है, जिनकी मृत्यु पंचमी तिथि में हुई हो। इसे कुंवारा पंचमी भी कहते हैं क्योंकि इसदिन घर के ऐसे मृतकों और पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है, जो अविवाहित थे। मान्यता है पंचमी तिथि के दिन कुंवारे पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उनकी कृपा हमेशा घर पर बनी रहती है। चलिए पंचमी तिथि की श्राद्ध विधि और नियम जानते हैं।
कुंवारा पंचमी का शुभ मुहूर्त: पितृ पक्ष में पंचमी तिथि 3 अक्टूबर 2023 को सुबह 06: 11 ए एम पर शुरू होगा और 4 अक्टूबर 2023 को 5:33 ए एम पर समाप्त होगा। इसलिए पंचमी तिथि का श्राद्ध 3 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा।
पंचमी श्राद्ध की विधि:
कुंवारा पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनें।
श्राद्ध के लिए पितरों के पसंद का भोजन बनाएं।
साथ ही खीर जरूर बनाएं और पितरों के लिए अग्नि में खीर अर्पित करें।
ब्राह्मणों को भोज कराएं। अपनी क्षमता के अनुसार उन्हें दान-दक्षिणा दें।
श्राद्ध के दिन चींटी, कुत्ता, कौवा और गाय के लिए खाना जरूर निकालें।
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भी भोजन कराएं।
इस दौरान आप ब्राह्मणों को धोती-कुर्ता, गमछा और जूते-चप्पल का दान कर सकते हैं।
अंत में पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और ब्राह्मणों का आशीर्वाद लें।
पंचमी श्राद्ध में ना करें ये गलतियां:
कुंवारा पंचमी के दिन प्याज, लहसुन, लौकी, काला नमक, सफेद तिल, सत्तू र सरसों का साग, मसूर दाल और मांस-मदिरा का सेवन ना करें। शास्त्रों के अनुसार, पंचमी श्राद्ध में तामसिक भोजन करने से पितर नाराज होते हैं।कुंवारा पंचमी के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित माना गया है। इस दिन झूठ ना बोलें। किसी का अपमान ना करें।
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