31 दिसंबर तक इन 3 राशियों पर देवगुरु बृहस्पति की रहेगी असीम कृपा
-पं. प्रकाश उपाध्याय
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को गुरु माना गया है। देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं। कर्क राशि में इन्हें उच्च और मकर राशि में नीच का माना गया है। देवगुरु बृहस्पति को एक राशि से दूसरी राशि में आने में करीब एक साल का समय लगता है। वर्तमान में गुरु मेष राशि में वक्री अवस्था में हैं। गुरु 4 सितंबर को वक्री अवस्था में आए थे। किसी भी ग्रह की वक्री अवस्था से अर्थ उसकी उल्टी चाल से है। गुरु 31 दिसंबर 2023 तक वक्री रहेंगे। 12 साल बाद मेष राशि में गुरु के वक्री होने से कुछ राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है।
जानें इन राशियों के बारे में-
मेष राशि
देवगुरु बृहस्पति की वक्री अवस्था में मेष राशि वालों को सुखद परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इस दौरान आप आर्थिक लाभ का अनुभव कर सकते हैं। इसके साथ ही करियर में उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। व्यापारियों को वक्री गुरु की अवधि में ज्यादा मुनाफा हो सकता है। गुरु की उल्टी चाल आपको समाज में मान-सम्मान दिला सकती है।
सिंह राशि
सिंह राशि के तहत जन्म लेने वाले जातकों को वक्री गुरु खूब लाभकारी परिणाम देंगे। वक्री गुरु की अवधि में आपको निवेश का पूरा-पूरा लाभ मिलेगा। सफलता आपके कदम चूमेगी। आपको अपने पिता का भरपूर सहयोग मिलेगा। करियर की बात करें तो आपको प्रमोशन मिल सकता है। कोई लंबे समय से अटका प्रोजेक्ट आखिरकार पूरा हो जाएगा। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले जातकों को सफलता मिल सकती है।
मीन राशि
मीन राशि वालों के वक्री गुरु की अवधि में लाभ ही लाभ हो सकता है। 31 दिसंबर तक की अवधि आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम ला सकती है। इस दौरान आपको आर्थिक लाभ होने के आसार हैं। आप परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे। वैवाहिक जीवन अच्छा रहने वाला है। लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे।
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