कुंडली में राहु के अशुभ प्रभावों से राहत पाने के लिए धारण करें गोमेद
कुंडली में राहु की अशुभ स्थिति के कारण जातक को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ता है। राहु के बुरे असर से जातक की मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। मन अशांत रहा है। व्यक्ति अक्सर असंमजस की स्थिति में रहता है और सभी कार्यों में आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है। इस स्थिति में रत्न शास्त्र में कई ऐसे रत्नों के बारे में बता गया है, जिसे धारण करने से व्यक्ति राहु दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। चलिए जानते हैं इस खास रत्न के बारे में...
गोमेद रत्न: रत्न शास्त्र के अनुसार, गोमेद रत्न धारण करने से राहु के अशुभ दोषों से छुटकारा मिलता है। इस रत्न को पहनने से व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता हैं और जातक में आत्मविश्वास की कमी नहीं होती है। इस रत्न को पहनने से मानसिक तनाव दूर होता है और कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होती है, जिससे तरक्की की राह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। शत्रुओं से राहत मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि गोमेद धारण करने से जातक को बुरी नजर भी नहीं लगती है। अगर आप भी इन समस्याओं से गुजर रहे हैं तो ज्योतिषाचार्य की सलाह लेकर गोमेद पहन सकते हैं।
गोमेद धारण करने के नियम
गोमेद हमेशा सिल्वर अंगूठी या पेंडेंट में धारण करना चाहिए।
इस रत्न को आर्दा, शतभिषा या स्वाति नक्षत्र में पहनना शुभ माना जाता है।
गोमेद पहनने से पहले शुक्रवार के दिन इसे गंगाजल, दूध और शहद के घोल में डाल दें।
शनिवार के दिन स्नानादि के बाद अंगूठी को साफ कपड़े से पोछ लें।
'ऊँ रां राहवे' मंत्र का 108 बार जाप करते हुए गोमेद अंगूठी मध्यमा उंगली में धारण कर लें।
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