फास्टैग संग्रह 100 करोड़ रुपये के पार: गडकरी
नयी दिल्ली। फास्टैग के माध्यम से औसत दैनिक टोल संग्रह 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया हैं। सोमवार को संसद को यह जानकारी दी गई। सरकार ने 15 फरवरी की मध्यरात्रि से फास्टैग्स को अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद बिना फासटैग वाले वाहनों से देश भर में इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर दोगुना टोल वसूलने की व्यवस्था कर दी गई।
सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि 16 मार्च 2021 को तीन करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए गए। फास्टैग के माध्यम से दैनिक शुल्क संग्रह एक मार्च 2021 से 16 मार्च 2021 तक 100 करोड़ रुपये से अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जनवरी, 2021 से केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन के माध्यम से सभी ‘एम' (चार पहिये वाले यात्री वाहन) और चार पहिये वाले माल ढुलाई श्रेणी के मोटर वाहनों में फास्टैग को फिट करना अनिवार्य कर दिया है। मंत्री ने कहा कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने के लिए, ‘फी प्लाजा' से एक निर्बाध मार्ग प्रदान करने, पारदर्शिता बढ़ाने, प्रतीक्षा का समय घटाने और प्रदूषण कम करने के लिए, सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क वसूली वाले सभी लेनों को 'शुल्क प्लाजा का फास्टैग लेन' घोषित किया है, जो 15 से 16 फरवरी, 2021 के मध्य रात्रि से प्रभावी है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपयोगकर्ता शुल्क राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार एकत्र किया जाता है।
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