जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक ने कहा, इस्पात के दाम नीचे आने में दो साल लगेंगे
नई दिल्ली। इस्पात की कीमतों को अभी नीचे आने में कम से कम दो साल लगेंगे। जिंदल स्टील एंड पावर लि. (जेएसपीएल) के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने एक समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में कहा कि चालू वित्त वर्ष में भी देश में इस्पात की मांग उत्पादन से अधिक रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 2021-22 में इस्पात की मांग 14 से 15 करोड़ टन रहने की उम्मीद है जबकि उत्पादन 12.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इस्पात कीमतों को नीचे आने में कितना समय लगेगा, इस बारे में शर्मा ने कहा, ''मांग की वजह से कीमतों को नीचे आने में करीब दो साल लगेंगे''। भारत में अप्रैल में हॉट रोल्ड काइल (एचआरसी) का दाम 58 हजार रुपये प्रति टन था। वहीं एक अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्पात के दाम 735 से 740 डॉलर प्रति टन थे। एक साल पहले की तुलना में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम करीब 50 प्रतिशत ऊंचे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि भारत और अन्य देशों ने महामारी की वजह से प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया है। इसकी वजह से खपत बढ़ी है। जब तक यह पैकेज समाप्त नहीं होता है, दाम ऊंचे स्तर पर बने रहेंगे। इस्पात की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि 2020 के कैलेंडर साल में चीन को छोड़कर दुनियाभर में मांग में कमी आई। चीन में इस्पात की मांग छह से सात प्रतिशत बढ़ी। इस दौरान भारतीय इस्पात उद्योग की मांग 10 प्रतिशत घटकर 9.9 करोड़ टन रही।
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