स्टार्ट अप कंपनियों के वित्तपोषण के तरीके पर काम कर रहा है एसबीआई
कोलकाता। भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि स्टार्ट अप कंपनियों को ऋण देने के तरीके पर काम कर रहा है, क्योंकि मौजूदा नियम बैंकों को सिर्फ मुनाफे वाले कंपनियों को कर्ज देने की अनुमति देते हैं। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि स्टार्ट अप इकाइयों को अपने कारोबार के संचालन के लिए इक्विटी कोष जुटाना पड़ता है और प्रवर्तकों को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ती है। इस क्षेत्र के लिए ऋण कोष उपलबध नहीं होता, क्योंकि शुरुआती वर्षों में ये कंपनियां घाटे में रहती हैं। एसबीआई के प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग, प्रौद्योगिकी और अनुषंगी) अश्विनी कुमार तिवारी ने द बंगाल चैंबर की सालाना आम बैठक में कहा, ‘‘हमें स्टार्ट अप के वित्तपोषण के लिए संघर्ष करना पड़ता है। नियम सिर्फ मुनाफे वाली कंपनियों को कर्ज की अनुमति देते हैं।'' उन्होंने कहा कि बैंक अनुषंगी एसबीआई वेंचर्स के जरिये इक्विटी वित्तपोषण कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट अप इंडिया पहल का शुभारंभ जनवरी, 2016 में किया था। उसके बाद से सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्ट अप की संख्या 85 गुना बढ़ी है। 2016 में यह संख्या 504 थी जो 2020 में 42,733 पर पहुंच गई। अर्थव्यवस्था पर तिवारी ने कहा कि देश की वृद्धि में मजबूत सुधार के बावजूद महामारी की वजह से यह 2019 से नीचे रहेगी।
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