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गेल देश का पहला इलेक्ट्रोलाइजर आयात करने पर कर रही विचार

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल इंडिया लि. की हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिये देश का पहला और सबसे बड़ा इलेक्ट्रोलाइजर एक साल के भीतर आयात करने की योजना है। साथ ही कंपनी अमेरिका से एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैय) लाने को लेकर एक और जहाज किराये पर ले सकती है। गेल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा कि उनकी कंपनी ने 10 मेगावॉट क्षमता का इलेक्ट्रोलाइजर खरीदने को लेकर वैश्विक निविदा जारी की है। यह प्रतिदिन 4.5 टन हाइड्रोजन उत्पादन करने में सक्षम होगा। इलेक्ट्रोलाइजर की आपूर्ति 12 से 14 महीने में हो सकती है।
उन्होंने कहा, हम केवल आयात ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रोलाइजर के देश में विनिर्माण पर भी गौर कर रहे हैं। हमारी निविदा में घरेलू विनिर्माताओं को तरजीह दी गयी है।'' कंपनी देश में अपने एक गैस प्रसंस्करण संयंत्र में इलेक्ट्रोलाइजर लगाएगी। कंपनी ब्लू हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए शुरू में ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के उपयोग पर गौर कर रही थी। अब कंपनी इलेक्ट्रालाइसिस प्रक्रिया से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने पर विचार कर सकती है। ब्लू या हरित हाइड्रोजन आणविक रूप से समान है। जहां ब्लू हाइड्रोजन कार्बन डाइऑक्साइड उप-उत्पाद है, वहीं हरित हाइड्रोजन उत्सर्जन मुक्त ईंधन है। जैन ने कहा कि उत्पादित हाइड्रोजन को उर्वरक संयंत्रों को बेचा जा सकता है या फिर वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी में मिलाया जा सकता है। फिलहाल सबसे बड़े इलेक्ट्रोलाइजर की घोषणा एनटीपीसी ने की है। इसकी क्षमता पांच मेगावॉट होगी और इसे एनटीपीसी उत्तर प्रदेश के विंध्याचल में स्थापित करेगी। भारत वैकल्पिक ईंधन स्रोत के रूप में हाइड्रोजन पर जोर दे रहा है। इसका मकसद कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना है। इस बीच, गेल के निदेशक (वित्त) आर के जैन ने कहा कि कंपनी अमेरिका से ईंधन लाने को लेकर दूसरा एलएनजी जहाज किराये पर ले सकती है। कंपनी ने इस साल फरवरी में जापान की पोत परिवहन कंपनी मित्सुई ओएसके लाइंस से 1,80,000 घनमीटर क्षमता के जहाज को पांच साल के लिए किराये पर लिया और इसका नाम गेल भुवन रखा। इस जहाज का इस्तेमाल इस महीने की शुरुआत में अमेरिका से महाराष्ट्र के दाभोल तक एलएनजी पहुंचाने के लिए किया गया था। गेल ने अमेरिकी की ऊर्जा कंपनियों से एलएनजी की खरीद को लेकर अनुबंध किये हैं। जैन ने कहा, अगर मांग होगी तो हम एक और जहाज किराये पर लेने पर विचार कर सकते हैं।

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