जुझारू क्षमता के बल पर पहुंच बढ़ा सकते हैं सहकारी बैंक : आरबीआई
मुंबई। रिजर्व बैंक ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच सहकारी बैंक अपनी जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिति में हालिया सुधारों के जरिये अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं। केंद्रीय बैंक की मंगलवार को जारी 'भारत में बैंकिंग का रुझान और प्रगति 2020-21' रिपोर्ट के मुताबिक, सहकारी बैंकिंग खंड- शहरी और ग्रामीण दोनों- कोविड-19 महामारी के दौरान मजबूत बना रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘आगे आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार के बीच उम्मीद की जाती है कि यह क्षेत्र अपनी जुझारू क्षमता और हाल में वित्तीय स्थिति में आए सुधार के बल पर अपनी पहुंच का दायरा बढ़ा सकता है।'' रिपोर्ट कहती है कि हालांकि 2020-21 में शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) का बही-खाता देनदारी पक्ष में जमा की वजह से बढ़ा है, लेकिन साथ ही इसे सुस्त ऋण वृद्धि और संपत्ति पक्ष में निवेश में तेजी से भी मदद मिली है। शहरी सहकारी बैंकों की पूंजी और मुनाफे की स्थिति में सुधार आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण सहकारी समितियों में, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की लाभप्रदता सुधरी है लेकिन उनकी संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसमें कहा गया है कि आगे चलकर संरचनात्मक सुधारों से सहकारी बैंकों के परिचालन में बदलाव आने की उम्मीद है।
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