बीएसएनएल का 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी में 61,000 करोड़ रुपये मूल्य का स्पेक्ट्रम देने का आग्रह
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने सरकार से 4जी और 5जी सेवाओं के लिये प्रीमियम माने जाने वाले 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी के साथ मध्यम फ्रीक्वेंसी बैंड में 61,000 करोड़ रुपये मूल्य का स्पेक्ट्रम आवंटित करने का आग्रह किया है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बीएसएनएल के लिये 600 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज के ‘पेयर्ड स्पेक्ट्रम', 3600-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड में 40 मेगाहर्ट्ज और 24 गीगाहर्ट्ज बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज आरक्षित करने का प्रस्ताव किया था। विभाग ने इस बारे में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से विचार मांगे थे। हालांकि, बीएसएनएल ने एक सप्ताह पहले दूरसंचार विभाग को लिखे पत्र में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिये कहा है। इसका कारण 600 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी रेंज में उपकरण परिवेश का अभाव है। ट्राई की आधार मूल्य को लेकर सिफारिश के आधार पर बीएसएनएल के 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में मांगे गये स्पेक्ट्रम का मूल्य लगभग 39,000 करोड़ रुपये बनता है। पत्र के अनुसार, कंपनी ने 22,190 करोड़ रुपये के 3,300 से 3670 मेगाहर्ट्ज बैंड (मिड-बैंड) में 70 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की मांग की है। जबकि दूरसंचार विभाग ने 40 मेगाहर्ट्ज का प्रस्ताव किया था। ‘मिड-बैंड' के देश में 5जी सेवाओं को चालू करने में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।
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