ब्रेकिंग न्यूज़

संकटग्रस्त नेपाल प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफ़े के बाद और गहरे संकट में डूबा

 नई दिल्ली। Gen-Z के विरोध प्रदर्शनों के चलते बढ़ते दबाव और 19 लोगों की मौत के बाद, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार दोपहर अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने देशभर में अपने शासन के ख़िलाफ़ तेज़ होते प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को इस्तीफ़ा पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने देश में “असामान्य स्थिति” का हवाला दिया।

ओली ने अपने इस्तीफ़ा पत्र में कहा कि उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 77(1) के तहत पद छोड़ा है ताकि मौजूदा संकट का संवैधानिक समाधान निकाला जा सके। ओली 14 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री बने थे, जो नेपाली कांग्रेस (संसद की सबसे बड़ी पार्टी) के साथ बनी सहमति के तहत हुआ था। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, काठमांडू के मेयर बालेन शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
सोमवार को 19 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद मंगलवार को प्रदर्शन और उग्र हो गए, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन में एक के बाद एक दरारें दिखने लगीं। विशेष रूप से नेपाली कांग्रेस से जुड़े कई मंत्रियों ने इस्तीफ़ा देकर सरकार पर और दबाव बनाया। सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा और विश्वप्रकाश शर्मा ने पहले ही प्रधानमंत्री ओली से इस्तीफ़ा देने और आगे का रास्ता साफ़ करने का आग्रह किया था।
थापा और शर्मा ने एक बयान में कहा कि सरकार गठन के समय नेपाली कांग्रेस और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के बीच हुआ सात सूत्रीय समझौता अब प्रासंगिक नहीं रह गया है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि नेपाल की राजनीति अब किस दिशा में जाएगी, क्योंकि चौथी सबसे बड़ी पार्टी — राष्ट्रीय स्वतन्त्र पार्टी — के सभी सांसदों ने भी इस्तीफ़ा देकर अंतरिम सरकार की मांग की है।
सोमवार को भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ जवाबदेही की मांग को लेकर जनरेशन-ज़ेड द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में लोगों की मौत से ग़ुस्साए प्रदर्शनकारियों ने देशभर में नेताओं के घरों और सरकारी भवनों पर हमला शुरू कर दिया।
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के बानेश्वर में संसद भवन में घुसकर उसमें आग लगा दी। सोमवार को भी वे इमारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर चुके थे, जिसके जवाब में पुलिस की सख़्त कार्रवाई हुई और कई लोगों की जान गई।
प्रदर्शनकारी सिंह दरबार (नेपाल सरकार का मुख्य प्रशासनिक केंद्र) में भी घुस गए और मुख्य द्वार को आग के हवाले कर दिया।
काठमांडू घाटी में स्थित सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) [CPN (UML)] और नेपाली कांग्रेस के मुख्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया गया और तोड़फोड़ की गई।
देश के कई हिस्सों में सरकारी दफ्तरों में भी तोड़फोड़ और आगज़नी की घटनाएं स्थानीय मीडिया द्वारा रिपोर्ट की गई हैं। प्रशासन के अनुसार, काठमांडू में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा कर्फ्यू लगाए जाने के बावजूद घाटी के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन तेज़ होते जा रहे हैं।गृह मंत्री और कृषि मंत्री के बाद, स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल और युवा एवं खेल मंत्री तेजु लाल चौधरी ने भी Gen-Z प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग पर खेद जताते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया।
प्रधानमंत्री ओली के बालाकोट (काठमांडू के भक्तपुर) स्थित आवास में आगज़नी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार में भी जबरन प्रवेश किया।ललितपुर जिला प्रशासन कार्यालय के मुख्य जिला अधिकारी सुमन घिमिरे ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री दाहाल के आवास को आग के हवाले कर दिया और वे अब सरकार के मंत्रियों के लिए निर्धारित आवासों के बाहर एकत्र हो रहे हैं।उन्होंने कहा, “जिले के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।”
इसी तरह, भक्तपुर ज़िले के मुख्य जिला अधिकारी नमराज घिमिरे ने भी ज़िले में हालात तनावपूर्ण बने रहने की पुष्टि की।उन्होंने कहा, “हमने अब तक अत्यधिक संयम बरता है और प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश नहीं दिए हैं।”
स्थानीय मीडिया ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के आवासों को जलाए जाने की खबरें भी दी हैं।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english