प्रवर्तन निदेशालय ने शिव सेना सांसद संजय राउत के आवास पर पात्र चॉल भूमि घोटाला मामले में छापे मारे
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय, पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत के आवास पर तलाशी अभियान चला रहा है। भांडुप स्थित संजय राउत के मैत्री बंगले में पिछले सात घंटे से निदेशालय के करीब दस अधिकारी यह अभियान चला रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी आज सुबह करीब सात बजे शिवसेना सांसद के आवास पहुंचे। अधिकारियों के श्री राउत के आवास पर पहुंचने की खबर के बाद शिवसेना कार्यकर्ता उनके आवास के बाहर जमा हो गए और उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय तथा केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की।
संजय राउत के भाई सुनील राउत ने बताया कि शिवसेना नेता ने कहा है कि पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
प्रवर्तन निदशालय ने हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड-एच.डी.आई.एल. की सहायक कंपनी, मेसर्स गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल परियोजना के पुनर्विकास में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत सहित तीन लोगों की 11 करोड 15 लाख रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की थी।
जिन अन्य व्यक्तियों की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की गई है उनमें व्यवसायी प्रवीण राउत और संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर की पत्नी स्वप्ना पाटकर हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 मार्च, 2018 की प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत इस मामले की जांच शुरू की थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने प्रवीण राउत को 4 फरवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। यह पाया गया था कि प्रवीण ने एच.डी.आई.एल. से 100 करोड़ रुपये लिए थे और उसे अपने सहयोगियों, परिवार के सदस्य, संजय राउत के परिवार सहित उनकी व्यावसायिक संस्थाओं के विभिन्न खातों में जमा किया। ।
निदेशालय ने पिछले वर्ष संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से पी.एम.सी. बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले और प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के साथ उनके कथित संबंधों के संबंध में भी पूछताछ की थी।
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