अध्यात्म पथ का एक सच्चा साधक किन-किन बातों का ध्यान रखे?
--जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज के श्रीमुख से नि:सृत प्रवचन
जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज भगवतपथ पर चल रहे साधक के लिये कुछ आवश्यक बातें बता रहे हैं, जिनका पालन करना साधक की उन्नति के लिये परमावश्यक है। यदि साधक इन बातों में सावधानी न बरतकर लापरवाही करेगा तो निश्चित ही उसे साधना-मार्ग में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। अत: आइये जानें कि ऐसी कौन-कौन सी बातें हैं, जिनका पालन करना साधक के लिये महत्वपूर्ण है :::::::
(आचार्य श्री के शब्द/मार्गदर्शन यहां से है...)
(1) द्वेष करने वाले व्यक्ति के प्रति भी द्वेष न करें। उदासीन रहें।
(2) आज कोई नास्तिक भी है, तो कल उच्च साधक बन सकता है। अत: साधक यह न सोचे कि इसका पतन सदा को हो चुका। सूरदास आदि सन्त उदाहरण हैं।
(3) गुरु की सेवा करने वाला साधक तो गुरु का प्रिय ही है। अत: उससे द्वेष करना पाप है।
(4) सचमुच कोई अपराधी भी हो, तो भी, मन से भी उसके भूतपूर्व अपराधों को न सोचें, न बोलें।
(5) संसार में भगवत्प्राप्ति के पूर्व सभी अपराधी हैं। बड़े-बड़े साधकों का भी पतन एवं बड़े-बड़े पापियों का भी उत्थान एक क्षण में हो सकता है।
(6) सबमें श्रीकृष्ण का निवास है, अत: उनको ही महसूस करें।
सन्दर्भ पुस्तक - भक्ति की आधारशिला, पृष्ठ संख्या 6
सर्वाधिकार सुरक्षित -राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।
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