क्या होता है पंचक....जानें क्या पंचक में शुभ कार्य हो सकते हैं?
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। शुभ मुहूर्त में कार्य करने पर उस काम में सफलता की प्राप्ति होती है, जबकि अशुभ मुहूर्त में किया गया कार्य में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न होती है। जब कभी अशुभ नक्षत्र का योग बनता है तब इस योग को पंचक कहा जाता है। ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है।
कब बनता है पंचक
मुहूर्त ज्योतिष के महानतम ग्रन्थ 'मुहूर्त चिंतामणि' के अनुसार घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती ये नक्षत्र पर जब चन्द्रमा गोचर करते हैं तो उस काल को पंचक काल कहा जाता है। इसे 'भदवा' भी कहते हैं। पंचक निर्माण तभी होता है जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर गोचर करते हैं।
वर्ष 2021 में पंचक कब-कब
04 मई 2021 से 09 मई 2021 तक
01 जून 2021 से 05 जून 2021 तक
28 जून 2021 से 03 जुलाई 2021 तक
25 जुलाई 2021 से 30 जुलाई 2021 तक
22 अगस्त 2021 से 26 अगस्त 2021 तक
18 सितंबर 2021 से 23 सितंबर 2021 तक
15 अक्टूबर 2021 से 20 अक्टूबर 2021 तक
12 नवंबर 2021 से 16 नवंबर 2021 तक
09 दिसंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक
पंचक के प्रकार
रोग पंचक
रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है, इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।
राज पंचक
सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है। ये पंचक शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।
अग्नि पंचक
मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है।
चोर पंचक
शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के लेन-देन से बचना चाहिए।
बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक सभी तरह के कार्य कर सकते हैं यहां तक कि सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं।
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