यहां से शुरू हो भाग्य रेखा तो 35 साल के बाद मिलती है सफलता
हस्तरेखा विज्ञान में भाग्य रेखा बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है। यह व्यक्ति के जीवन में भाग्य का संकेत करती है। भाग्य रेखा कई तरह की होती हैं। हालांकि जिन लोगों के हाथों में भाग्य रेखा नहीं होती, इसका मतलब यह नहीं है कि उनका जीवन बेकार है। रेखाएं निरंतर बदलती रहती हैं। जानिए किस तरह की होती हैं भाग्य रेखाएं और क्या होता है उनका अर्थ।
-यदि भाग्य रेखा गहरी और लंबी है तो यह पेशेवर दृष्टिकोण में स्थिरता को दर्शाती है।
-यदि भाग्य रेखा संकीर्ण और बीच में पतली है तो इसका मतलब है कि युवा अवस्था के दौरान अच्छा कॅरिअर। लेकिन मध्यम आयु के बाद कुछ दिक्कतें हो सकती हैं।
-उथली भाग्य रेखा कदम-कदम पर जीवन में कठिनाइयों का संकेत करती है।
-संकीर्ण और अस्पष्ट भाग्य रेखा अस्थिरता को दर्शाती है।
-यदि भाग्य रेखा जीवन रेखा से शुरू हो तो इसका मतलब है कि व्यक्ति ऊर्जावान है और मेहनत के दम पर बेहतर स्थिति को प्राप्त करेगा।
-मस्तिष्क रेखा से भाग्य रेखा शुरू होने का मतलब है कि कि ऐसे लोगों को सफलता 35 साल के बाद मिलेगी। इससे पहले उनके जीवन में कठिनाइयों और असफलता बनी रहती है।
-यदि भाग्य रेखा जीवन रेखा से घिरी हुई है तो यह कॅरिअर में समस्या और परेशानी का संकेत देती है।
-यदि भाग्य रेखा जीवन रेखा को पार नहीं करे तो ऐसे लोग युवा अवस्था में अच्छी संपत्ति को प्राप्त करते हैं।
-यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुक जाए तो गलत निर्णय के चलते अपना काम छोड़ देते हैं।
-भाग्य रेखा अंत में हल्के रंग की और पतली हो तो जीवन में यह समय बेहद कठिन होता है।
-भाग्य रेखा पर पर्वत होना कॅरिअर में रुकावट का संकेत देता है। पर्वत का आकार समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
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