जानिए वर्ष 2021 से 2031 तक किस-किस राशि पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
वैदिक ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह की विशेष भूमिका मानी जाती है। शनिदेव सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। जिस वजह से ये एक राशि से दूसरी राशि में अपना स्थान परिवर्तन करने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लेते हैं। शनि के किसी एक राशि में ढाई वर्षों तक गोचर करने के कारण तीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और दो पर ढैय्या लग जाती है। शनिदेव इस समय 30 वर्षों के बाद स्वयं की राशि मकर में आ गए हैं। शनि बहुत ही धीमी गति से चलते हैं। शनि एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं। शनि के राशि परिवर्तन से साढ़ेसाती आरंभ हो जाती है। शनि के एक राशि में ढाई साल तक समय बिताने के लिहाज से सभी 12 राशियों का एक चक्कर लगाने में लगभग 30 साल का समय लगता है। जैसे कि इस समय शनि मकर राशि में गोचर है अब दोबारा मकर राशि में आने के लिए शनि को 30 वर्षों का समय लगेगा।ज्योतिष गणना के अनुसार चंद्र राशि से जब शनि 12वें भाव, पहले भाव व द्वितीय भाव से निकलते हैं। उस अवधि को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। जबकि शनि जब गोचर में जन्म राशि से चतुर्थ और अष्टम भाव में रहता है तब इसे शनि की ढैय्या कहते है। आइए जानते हैं आने वाले 10 वर्षों में कब-कब किस राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगेगी।
2021 में शनि
शनिदेव इस समय मकर राशि में भ्रमण पर हैं ऐसे में धनु,मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती लगी हुई है। वहीं अगर ढैय्या की बात करें तो मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या लगी हुई है।
2022 में शनि
शनि देव अपनी मकर राशि की यात्रा को समाप्त करते हुए 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के राशि बदलने के कारण मिथुन और तुला राशि पर से शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी। शनि के कुंभ राशि में गोचर करने के कारण कर्क और वृश्चिक पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। इसके अलावा धनु राशि से शनि की साढ़ेसाती खत्म होकर मीन राशि पर पहला चरण शुरू हो जाएगा। इस तरह से 2022 में मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढेसाती और कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैय्या लगेगी।
2023 और 2024 में शनि
वर्ष 2023 और 2024 में शनि का गोचर किसी भी राशि में नहीं होगा। इस कारण से मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती बनी रहेगी जबकि कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या।
2025 और 2026 में शनि
साल 2025 में शनि का राशि परिवर्तन मेष राशि में होगा। जिस कारण से कर्क और वृश्चिक राशि वालों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी जबकि सिंह और धनु राशि के जातकों पर ढैय्या लग जाएगी। कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी। 2026 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा जिस कारण से साढ़ेसाती और ढैय्या में किसी भी प्रकार का कोई भी परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा।
2027 और 2028 में शनि
2027 में शनिदेव वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे जिस कारण से मीन, मेष और वृषभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप रहेगा जबकि सिंह और धनु राशि के जातकों को इस वर्ष ढैय्या छुटकारा मिल जाएगा। कन्या और मकर राशि वालों पर ढैय्या शुरू हो जाएगा। साल 2028 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा।
वर्ष 2029,2030 और 2031 में शनि
8 अगस्त 2029 में शनि देव मिथुन राशि में रहेंगे जिस कारण से तुला और कुंभ राशि पर ढैय्या और मेष, वृषभ और मिथुन वालों पर शनि की साढ़ेसाती सवार रहेगी। वर्ष 2030 और 2031 में शनि का कोई भी राशि परिवर्तन नहीं होगा।
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