वृक्षारोपण से घर में आती है सुख शांति और दूर होता है वास्तुदोष
वास्तु गृह निर्माण की प्रक्रिया का अभिन्न अंग है। वैदिक काल से ही किसी भी घर के निर्माण के लिए वास्तु का सर्वप्रथम विचार किया जाता रहा है। भृगु, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वकर्मा, मय, नारद, नग्नजित, विशालाक्ष, पुरन्दर, ब्रह्मा, कुमार, नन्दीश, शौनक, गर्ग, वासुदेव, अनिरुद्ध, शुक्र तथा बृहस्पति ये अटठारह वास्तुशास्त्र के उपदेशक अथवा प्रणेता माने गये हैं। निवास स्थान और उसके आस-पास वृक्षारोपण काफी शुभ माने जाते हैं। दिशा के अनुसार लगाए गए विभिन्न प्रजातियों के पौधे परिवार में समृद्धि लाते हैं, क्योंकि वृक्ष वास्तुदोष दूर करने में सहायक भी होते हैं।
शास्त्रों में वृक्षों को संतान रूप माना गया है इसलिए वृक्षारोपण भी हमारे जीवन को सुचारू रूप से चलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइये जानते हैं किस दिशा में कौन सा पेड़ लगाना मंगलकारी होता है।
-घर के पूर्व दिशा में वटवृक्ष 'बरगद' का पेड़ लगाने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। परिवार से बेरोजगारी दूर भाग जाती है और व्यापार में भी अनुरूप वृद्धि होती है। पश्चिम दिशा में 'पीपल' का वृक्ष लगाने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है और घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
-उत्तर दिशा में पाकड़ का वृक्ष लगाने से गृह में सुंदर बहुओं का आगमन होता है। नारियों के मध्य आपसी प्रेम बढ़ता है और परिवार में सुख शान्ति रहती है।
-दक्षिण दिशा में गुलर का वृक्ष लगाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता, धन में बरकत होती है किन्तु ध्यान रहे दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा भूलकर भी न लगाएं।
-घर के समीप कांटे वाले तथा फलहीन वृक्ष अशुभ होते हैं। घर के पास नागकेशर, अशोक, मौलसीरी, चंपा, अनार, पीपली, अर्जुन, सुपारी, केतकी, मालती, कमल, चमेली नारियल, केला, अति शुभ कारी माना गया है।
-द्वार के अंतिम सिरे पर अनार (उत्तर दिशा )और श्वेत मदार पूर्व दिशा की ओर लगाने से घर की दरिद्रता दूर होती है और परिवार में समृद्धि आती है।
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