17 मई को ही क्यों मनाया जाता है विश्व हाइपरटेंशन दिवस? जानें इसका इतिहास
हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर देखने में भले ही आम लगे, लेकिन वास्तव में यह एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना सेहत से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है। हाइपरटेंशन कई बार हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी कारण बन सकता है। हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का मकसद लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाना होता है। इस दिवस पर जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों को जागरुक किया जाता है।
विश्व हाइपरटेंशन दिवस का इतिहास
हर साल 17 मई को विश्वभर में विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग (WHL) द्वारा 14 मई 2005 को की गई थी। आगे चलकर इस दिवस को 17 मई को मनाया जाने लगा। हर साल हाइपरटेंशन के बढ़ते मामलों को देखकर यह दिवस मनाया जाने लगा, जिससे लोगों में हाई बीपी की रोकथाम होने के साथ ही इसे बढ़ने से भी रोका जा सके। खराब लाइफस्टाइल और अनियंत्रित जीवनशैली के चलते यह समस्या लोगों में बढ़ती जा रही है। आंकड़ों की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर के चलते हर साल दुनियाभर में 7.5 मिलियन लोगों की मौत होती है।
विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाने का उद्देश्य
विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य या फिर मकसद लोगों को हाइपरटेंशन से मुक्त करना है। इस दिन दुनियाभर में अलग-अलग जगहों पर सेमिनार और इवेंट्स आयोजित करके लोगों को हाइपरटेंशन से जीतने का हौंसला दिया जाता है। इस दिवस को मनाकर लोगों का हौंसला उफजाई किया जाता है। इस दिन लोगों को हाइपरटेंशन के कारण, लक्षण और इससे बचने के तरीकों के बारे में बताया जाता है। जिससे लोग अपना लाइफस्टाइल ठीक करके इस बीमारी से बचे रहें।
विश्व हाइपरटेंशन दिवस की थीम
विश्व हाइपरटेंशन दिवस की इस साल की थीम Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, and Live Longer है। इस थीम से यह समझ आता है कि ब्लड प्रेशर को सटीकता के साथ कंट्रोल किया जाना चाहिए। इसे कंट्रोल करके आप लंबे समय तक सामान्य रूप से अपना जीवन यापन कर सकते हैं। हाई बीपी के लक्षण दिखने पर इसे नजरअंदाज नहीं करें।
Leave A Comment