पुरुष हॉकी में भारत की हार..अभी कांस्य पदक जीतने का मौका बाकी
टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक में हॉकी के दूसरे सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम के हाथों हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने शुरुआती बढ़त के बावजूद मैच को अपने हाथों से गंवा दिया। दुनिया की नंबर दो टीम बेल्जियम ने भारत को हराकर फाइनल का टिकट भी हासिल कर लिया। विश्व चैंपियन बेल्जियम के आक्रामक खेल के आगे भारतीय डिफेंस कहीं नहीं टिक पाई और 2-5 से हार गई। हालांकि, भारतीय पुरुष टीम के पास अभी कांस्य पदक जीतने का मौका बाकी है।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंतिम 11 मिनट के अंदर तीन गोल गंवाने के कारण टोक्यो ओलिंपिक खेलों के सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम से हार गई। भारतीय टीम 49 वर्ष बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी और अब वह आस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में पराजित होने वाली टीम से कांस्य पदक के लिए भिड़ेगी।
भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (सातवें) और मनदीप सिंह (आठवें मिनट) ने गोल किये जबकि बेल्जियम के लिए अलेक्सांद्र हेंड्रिक्स (19वें, 49वें और 53वें मिनट) ने तीन जबकि लोइक फैनी लयपर्ट (दूसरे मिनट) और जॉन जॉन डोहमेन (60वें मिनट) ने एक गोल किया।
भारत ने आखिरी बार मास्को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन वह म्यूनिख ओलिंपिक 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा था। मास्को ओलिंपिक में मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे।
पुरुष हॉकी में भारतीय टीम की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर भारतीय टीम की हौसला अफजाई की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि-हार-जीत तो जीवन का हिस्सा है। टोक्यो ओलंपिक में हमारी पुरुष हॉकी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और यही मायने रखता है। टीम को अगले मैच और भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। भारत को अपने खिलाडिय़ों पर गर्व है।
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