ओलंपिक स्वर्ण के एक दिन बाद शरीर दुख रहा था लेकिन यह दर्द परेशानी नहीं: चोपड़ा
नई दिल्ली। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने सोमवार को खुलासा किया कि तोक्यो खेलों में इतिहास रचने वाले प्रदर्शन के बाद उनका शरीर दुख रहा था, लेकिन उन्होंने जो एतिहासिक नतीजा हासिल किया उसे देखते हुए यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी।
सरकार ने तोक्यो खेलों के भारत के सात पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों और टीमों को स्वदेश पहुंचे पर सोमवार को सम्मानित किया। इस मौके पर भाला फेंक का ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने कहा कि उन्हें पता था कि फाइनल में दूसरे प्रयास में उन्होंने भाले को 87.48 मीटर की दूरी तक फेंककर कुछ विशेष किया है। चोपड़ा ने इस दूरी के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। चोपड़ा ने कहा, ''मुझे पता था कि मैंने कुछ विशेष कर दिया है, असल में मैंने सोचा कि मैंने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। मेरी थ्रो काफी अच्छी गई थी।'' उन्होंने कहा, ''अगले दिन मेरे शरीर ने महसूस किया कि वह प्रदर्शन इतना विशेष था, शरीर दुख रहा था लेकिन यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी।'' चोपड़ा ने कहा, ''यह पदक पूरे देश के लिए है।''
सेना के 23 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि देश के खिलाडिय़ों के लिए उनका एकमात्र संदेश यह है कि कभी भी डरो नहीं। उन्होंने कहा, ''मैं सिर्फ इतना कहना चाहता, विरोधी चाहे कोई भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो। आपको बस यही करने की जरूरत है और इस स्वर्ण पदक के यही मायने हैं। कभी विरोधी से मत डरो।'' चोपड़ा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले 13 साल में पहले भारतीय खिलाड़ी के अलावा ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय भी बने।
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