रविंदर को रजत जबकि यश, पाटिल और अनिरूद्ध ने कांस्य पदक जीते
उफा (रूस)। रविंदर को फाइनल में ईरान के पहलवान से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा जबकि बिपाशा बुधवार को यहां महिलाओं की 76 किग्रा स्पर्धा के फाइनल में पहुंच गयी जिससे भारत की जूनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक की उम्मीद बनी हुई है। रेपेशाज का पूरा फायदा उठाते हुए यश (74 किग्रा), पृथ्वी बाबासाहेब पाटिल (92 किग्रा) और अनिरूद्ध (125 किग्रा) ने कांस्य पदक अपने नाम किये जिससे भारत ने पुरूषों की फ्रीस्टाइल स्पर्धा में अपना अभियान छह पदकों से समाप्त किया। गौरव बालियान (79 किग्रा) और दीपक (97 किग्रा) ने मंगलवार को कांस्य पदक जीते थे।
इस साल जून में यासर दोगू सीनियर प्रतियोगिता में जीत हासिल करने वाले रहमान मौसा अमोयूजादखलिली के खिलाफ रविंदर को 61 किग्रा के फाइनल में 3-9 से हार का सामना करना पड़ा। पुरूषों की फ्रीस्टाइल स्पर्धा में 74 किलो के प्लेऑफ में यश ने किर्गिस्तान के स्टाम्बुल जानयबेक उलु पर 2-5 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 12-6 से जीत हासिल की। उन्होंने पहले अर्मेनिया के अर्मेन मुसिकयां को 9-2 से मात देकर कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनायी थी। पाटिल (92 किलो) ने प्लेऑफ में रूस के इवान किरिलोव को 2-1 से शिकस्त दी।
अनिरूद्ध (125 किलो) ने अजरबेजान के अयदिन अहमदोव पर 7-2 की शानदार जीत से कांस्य पदक अपने नाम कर भारत के पदकों की संख्या में इजाफा किया। महिलाओं की स्पर्धा में बिपाशा (76 किलो) ने कजाखस्तान की दिलनाज मुल्किनोवा को 6 . 3 से मात देने के बाद मंगोलिया की ओडबाग उलजिबात को 9-4 से पराजित किया। वहीं महिलाओं के 50 किलोवर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश करने वाली युवा पहलवान सिमरन अमेरिका की एमिली किंग शिल्सन से तकनीकी श्रेष्ठता से हार गयीं। वह कांस्य पदक के लिये नहीं लड़ेंगी। सिमरन ने रोमानिया की जॉर्जियाना लाविनिया एंटुका को तकनीकी कौशल के आधार पर हराया था। इसके बाद अजरबैजान की गुलताकिन शिरिनोवा को क्वार्टर फाइनल में चित कर दिया था। सीतो (55 किलो), कुसुम (59 किलो) और आरजू (68 किलो) को हालांकि क्वार्टर फाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा ।
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