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 रेपो दर बढ़ने से बाजारों में रहा उतार-चढ़ाव, सेंसेक्स 215 अंक गिरा
 मुंबई। नीतिगत ब्याज दर में 0.35 प्रतिशत वृद्धि करने और चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान में कटौती करने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले से बुधवार को घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली का जोर रहा और सेंसेक्स लगातार चौथे कारोबारी दिवस पर 215 अंक गिरकर बंद हुआ। कारोबारियों के मुताबिक, एशियाई बाजारों के कमजोर प्रदर्शन और विदेशी निवेशकों के मुंह मोड़ने से घरेलू बाजारों में गिरावट रही। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे कुछ प्रमुख शेयरों में बिकवाली होने से भी उतार-चढ़ाव की स्थिति रही। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 215.68 अंक यानी 0.34 प्रतिशत गिरकर 62,410.68 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स में गिरावट का लगातार चौथा सत्र रहा। इसी तरह एनएसई के सूचकांक निफ्टी में भी 82.25 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 18,560.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से एनटीपीसी को सर्वाधिक दो प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके अलावा बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, एचसीएल टेक एवं विप्रो के शेयर भी घाटे में रहे। दूसरी तरफ, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलएंडटी, एक्सिस बैंक और आईटीसी के शेयरों में 2.1 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई। व्यापक बाजार में बीएसई के मिडकैप एवं स्मालकैप सूचकांक में 0.44 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।
 भारतीय बाजारों के प्रदर्शन पर आरबीआई के रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के फैसले का काफी असर देखा गया। मई से अब तक लगातार पांचवीं बार दर वृद्धि करने के पीछे आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू करने की मंशा जताई है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "अर्थव्यवस्था पर वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए आरबीआई अधिक यथार्थवादी हो गया है और उसने जीडीपी वृद्धि अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि अब भी उसका ध्यान मुख्य रूप से मुद्रास्फीति नियंत्रण पर ही है जिससे ब्याज दर के आगे भी बढ़ने की स्थिति बनेगी।" नायर ने कहा, "वैश्विक मंदी के हालात के बीच कंपनियों की दूसरी छमाही में आय घटने के अनुमान आ सकते हैं। बाजार इस समय प्रीमियम स्तर पर कारोबार कर रहा है लेकिन कंपनियों की आमदनी घटने का बाजार धारणा पर असर पड़ेगा।" रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि मौजूदा हालात में कारोबारियों को सौदा प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें ताजा खरीद के लिए मजबूती दिखा रहे खंडों को अहमियत देनी चाहिए। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सोल और टोक्यो के सूचकांकों में तगड़ी गिरावट रही।
 यूरोप के शेयर बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78.11 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया। जहां तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का सवाल है तो वे पिछले कुछ दिनों से लगातार बिकवाल बने हुए हैं। उपलब्ध आंकड़़ों के मुताबिक, एफआईआई ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 635.35 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की।

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